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शादी नहीं हुई है लेकिन अब तक कुवांरी नहीं हूँ - Shadi se pahle hi tudwa li thi apni seel
शादी नहीं हुई है लेकिन अब तक कुवांरी नहीं हूँ - Shadi se pahle hi tudwa li thi apni seel , सबसे चुदवाती हूँ , खूब लंड खाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मैं उस दिन बड़े मूड में थी। मेरे सामने मेरी फूफी जान पड़ गईं।
मैंने कहा अच्छा यह बताओ तुम्हे इतने लण्ड मिलते कहाँ से हैं जो तुम हमेशा उसकी बुर मे लण्ड पेलती रहती हो। वह बोली मैं तो तेरी माँ की भी बुर में पेलती हूँ लण्ड तमन्ना ? तेरी माँ का भोसड़ा चोदती हूँ मैं। तेरी खाला का भी भोसड़ा चोदती हूँ मैं। मैं कुछ काम हरामजादी नहीं हूँ। मुझे दुनियां में सबसे ज्यादा लण्ड अच्छे लगते हैं। मैं जब कॉलेज में पढ़ती थी तभी से अपने बॉय फ्रेंड्स से अपनी माँ चुदाने लगी थी। और आज भी उनसे और उनके दोस्तों से अपनी माँ चुदवाती हूँ। मैंने पूंछा ये सब हुआ कैसे दीदी ? वह बोली अरे यार एक दिन मैं जब घर आयी तो देखा की अम्मी जान मेरे दोस्त का लण्ड पी रहीं हैं। मेरे मुंह से गाली निकला पड़ी। मैंने कहा अम्मी तू भोसड़ी की मेरे दोस्त का लण्ड पी रही है। वह बोली हां बुर चोदी नफीसा मैं तेरे दोस्त का लण्ड पी रही हूँ। जब तू अपने दोस्त का लण्ड पीती है तो मैं क्यों नहीं पी सकती ? मुझे मालूम है की तू अपने दोस्त का लण्ड अपनी बुर में लेती है तो मैं भी इसका लण्ड अपनी बुर में लूंगी।
मैं समझ गयी की मेरे दोस्त ने मेरे बारे में अम्मी को सब कुछ बता दिया है। अब छुपाने से कोई फायदा नहीं है। मैंने कहा ठीक है ले लो। जहाँ चाहो वहां ले लो ? वह बोली ऐसे नहीं लूंगी। तू आ और मेरी चूत में इसका लण्ड घुसा दे। देख नफीसा अब तू २१ साल की हो गयी है। जवान हो गयी है। अब तू मेरी दोस्त हो गयी है। मैं भी तेरी चूत में लण्ड पेलूँगी। तेरे साथ की लड़कियां सब बुर चोदी अपनी माँ चुदाने लगीं हैं। तेरी खाला जान की बेटी एक साल अपनी माँ चुदा रही है. तू भी आज से अपनी माँ चुदाना शुरू कर दे। अम्मी की इतनी खुली खुली और गन्दी गन्दी बेशर्मी की बातें सुनकर मैं भी बेशर्म हो गयी। मैं थोड़ा झिझकी वह बोली तेरी माँ का भोसड़ा नफीसा ? जवानी का मज़ा लेना है तो बेशर्म हो जा माँ की लौड़ी ? मैं भी आगे बढ़ी और लण्ड घुसा ही दिया उसके भोसड़ा में। बस उसकी दिन से मैंने माँ चुदाना शुरू कर दिया। उसकी रात को अम्मी ने अपने दोस्त का लण्ड मेरी बुर में पेल दिया। अब तो हम दोनों के बीच मादर चोद बहन चोद का रिस्ता कायम हो गया।
मैंने कहा - तो तुम भी अपनी शादी के पहले से चुदवा रही हो।
उसने कहा - हां देख तमन्ना, शादी अलग चीज है और चुदाना अलग चीज है। शादी नहीं होगी तो क्या मैं चुदवाऊंगी नहीं ? और शादी के बाद क्या मैं लोगों से चुदवाना बंद कर दूँगी ?
मैंने कहा - इसका मतलब जब तुम कुवांरी थी तो चुदवाती थीं ?
वह बोली - हां मैं जब कुवांरी थी तभी भी बड़े मन से सबसे चुदवाती थी और अब जब शादी हो चुकी है तो भी बड़े मन से सबसे चुदवाती हूँ।
मैंने कहा - अरे वाह दीदी ! मैं भी यही करती हूँ। कुँवारी हूँ, लेकिन चुदवाती जरूर हूँ।
,एक दिन रात में मेरी फूफी ने मुझे फोन करके बुलाया। मैं समझी की कोई ख़ास बात है तभी फूफी ने बुलाया है। मैं तुरंत फूफी के कमरे में चली गई। मैं बिना दरवाजा खटखटाये अंदर घुस गयी। मैंने जो वहां देखा उसे देख कर दंग रह गयी। मैंने देखा की फूफी तो बिलकुल नंगी बैठी हैं। उसकी दोनों बड़ी बड़ी चूँचिएन एकदम नंगी हैं। वह सिर्फ पेटीकोट पहने हुए बैठी थीं ,. सबसे मजे दार चीज यह थी की वह किसी का लण्ड हिला रहीं थीं , मैंने जब लण्ड देखा तो मेरे मुंह में पानी आ गया। मैंने कहा जी फूफी जी आपने मुझे बुलाया , वह बोली हां तमन्ना मैंने तुझे लण्ड पकड़ने के लये लिए बुलाया है। इधर आ ले पकड़ के लण्ड। फूफी ने मुझे लण्ड दिखाते हुए कहा। मन तो मेरा लण्ड पकड़ने का था ही। रात के समय अगर किसी जवान लड़की के सामने कोई लण्ड खड़ा हो तो फिर वह बिना लण्ड पकड़े कैसे रह सकती है ?
मैंने हाथ बढ़ाकर लण्ड पकड़ लिया और फूफी ने पूंछा - फूफी जान ये किसका लण्ड है ?
वह बोली - तेरी बुर चोदी नफीसा दीदी के मियां का लण्ड है, तमन्ना।
मैंने कहा - वाओ, जीजू का बहन चोद इतना बड़ा लण्ड ? इतना मोटा लण्ड ?
फूफी मजाक करती हुई बोली - तेरी गांड फट रही है क्या तमन्ना इतना बड़ा लण्ड देख कर ?
मैंने भी उसी तरह जबाब दिया - गांड तो अब तेरी फटेगी फूफी जान जब मैं इसे तेरे भोसड़ा में पेलूँगी। लेकिन पहले मुझे यह बता तू की तुझे अपनी बेटी के शौहर का लण्ड चाटने में कोई शर्म नहीं आ रही है फूफी जान ?
वह बोली - शर्म काहे की बहन चोद ? रात में किसी का भी लण्ड हो औरत का हक़ होता है की वह उसे अपनी चूत में घुसा ले। जब तेरी शादी हो जाएगी तो मैं तेरे शौहर का भी लण्ड अपने चूत में पेलूँगी।
मैंने कहा - मेरी शादी जब होगी तब पेलना पर मैं तो अभी किसी दिन तेरे शौहर का लण्ड अपनी बुर में घुसाने वाली हूँ। तेरे शौहर का लण्ड चोदूँगी मैं तेरे सामने फूफी जान ?
वह बोली - अच्छा आज मैं पहले तेरी चूत में पेलूँगी नफीसा के मियां लण्ड ?
मैंने कहा - अच्छा तो पेल दे भोसड़ी की तू इसे मेरी चूत में ? तू क्या समझती है की मेरी चूत इसे ले नहीं पायेगी। अरी फूफी जान मेरी चूत तो भून डालेगी तेरी बेटी के मियां का लण्ड ? तू बस देखती जा ? तब तक किसी ने पीछे से कहा - भून तो मैं भी डालूंगी तेरे खालू का लण्ड तमन्ना अपनी चूत में घुसा कर।
मैंने पीछे मुड़ कर देखा वह नफीसा दीदी थी जो मेरे खालू का लण्ड पकड़े हुए नंगी नंगी मेरे सामने आ गयीं। फूफी भी नंगी, उसकी बेटी नफीसा भी नंगी और मैं भी नंगी। उधर नफीसा का मियां तारिक़ भी नंगा और मेरा खालू भी नंगा। यह सब देख कर मैं तो बहुत गरम हो गयी। मेरा बदन जलने लगा और मैं दोनों लण्ड एक साथ खाने के मूड में आ गयी। मैंने तो नफीसा के मियां तारिक़ का लौड़ा बड़े मजबूती से पकड़े हुई थी। वह मेरा जीजू लगता है और जीजू का लण्ड तो साली अपनी बज्र इ जरूर घुसाती है। नफीसा मेरे खालू के लण्ड हिलाती हुई आयी तो उसके हाथ से फूफी ने लण्ड छीन लिया और उसे चाटने लगी। नफीसा उसका पेल्हड़ चाटने लगी। यही दोनों माँ बेटी मेरे खालू का लण्ड चाटने में जुट गयीं।
तभी अचानक एक और धमाका हुआ। कमरे में एक आदमी और घुस आया वह भी नंगा नंगा ? उसका लण्ड खड़ा था। मैंने लण्ड देखा तो मुंह से निकला बाप रे बाप इतना हक्कानी लौड़ा बहन चोद ? घोड़े की तरह हिनहिनाता लौड़ा साला ? ये तो किसी की भी बुर एक ही बार में फाड़ डालेगा।
तब तक फूफी ने उसे देख कर कहा - अरे रहीम भोसड़ी के तुम कैसे आ गए ? क्या कर रहा तू अभी तक ?
वह बोला - अरे भाभी जान मैं अभी तेरी जेठानी की बुर चोद कर आ रहा हूँ। एक बार चुदवाने के बाद उसने मेरा लण्ड दुबारा खड़ा कर दिया तो मैंने कहा अब मैं तुम्हे नहीं तेरी देवरानी का भोसड़ा चोदूंगा। जब मुझे मालूम हुआ की तुम यहाँ अपने दामाद का लण्ड पी रही हो तो मैं फ़ौरन यहाँ चला आया।
फूफी ने बताया - की यह मेरा देवर है। गाँव में रहता है और जब जब आता है तो मेरी बुर जरूर लेता है।
नफीसा बोली - हाय मेरे रहीम काका तुम भोसड़ी के मेरी माँ चोदते हो लेकिन आज मैं पहली बार तेरा लौड़ा देख रही हूँ। तूने कभी मुझे अपना लौड़ा नहीं पकड़ाया ?
वह बोला - बेटी नफीसा यह इत्तिफाक है की तूने कभी मेरा लौड़ा नहीं पकड़ा। पहले तू बच्ची थी तब मैं ज्यादा आता था। जब से तू सायानी हो गयी है तबसे मेरा आना जाना थोड़ा कम हो गया है। अब मैं तुन्हे देख रहा हूँ तो
मेरा मन तेरी बुर भी चोदने का हो गया है। उधर मैं तमन्ना की बुर में भी लौड़ा पेलना चाहता हूँ। आज मैं तुम सबको अच्छी तरह चोद चोद कर मज़ा लूंगा। मैं तो तरीक़ का लण्ड लगी। नफीसा ने हाथ बढ़ाकर रहीम काका का लण्ड पकड़। लिया लण्ड तो साला नफीसा उसे मुंह में भर कर चूसने लगी। बार बार लण्ड का
सुपाड़ा बाहर निकालती और फिर अंदर घुसेड़ लेती। वह वैसे ही लौड़ा चूसने लगी जैसे कोई ब्लू फिल्म की हीरोइन लौड़ा चूसती है। मजे की बात यह थी की वह लण्ड के सुपाड़े पर थूक थूक कर लण्ड चाटने लगी। मन समझ गई की नफीसा भी बुर चोदी किसी मंजी हुई रंडी से कम नहीं है। उसकी माँ तो बहन चोद महा रंडी है। कुछ भी हो आज तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। तीनो लण्ड एकदम चिकने थे। किसी भी लण्ड पर एक भी झांट नहीं थी। सबके पेल्हड़ भी चिकने थे जिन्हे चाटने में बड़ा मज़ा आ रहा था। फूफी तो मेरे खालू का लौड़ा चाटने चूसने में कोई कसर नहीं छोड़ रहीं थीं। तभी नफीसा के मियां ने लौड़ा मेरी बुर में घुसा दिया। मैं भी मस्त होकर चुदवाने लगी। लौड़ा घुसते ही मुझे ज़न्नत का मज़ा आया। मैंने कहा नफीसा दीदी तेरे मियां का लौड़ा तो अंदर तक घुस कर चोट कर रहा है , लौड़ा बड़ा शानदार है दीदी। उधर नफीसा की बुर में रहीम अंकल ने लौड़ा पेल दिया। वह भी अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। वह बोली रहीम काका आज पहली बार मैं तुमसे चुदवा रही हूँ। अब आगे मुझे भी चोदते रहना। मुझे तेरा लण्ड पसंद आ गया है। हमारे समाने ही फूफी जान मेरा खालू से चुदवाने लगीं। कमरे में चारों तरफ चुदाई की आवाज़ें आने लगीं। यही आवाज़ें सुनने के लिए मैं हमेशा बेचैन रहती हूँ। मुझे सामूहिक चुदाई में ज्यादा मज़ा आता है। ऐसी चुदाई में सबकी चोदा चोदी देखने को मिलती है और लण्ड की अदला बदली करने का भर पूर मौक़ा मिलता है। हमारे समाज में हर घर में इसी तरह की चुदाई होती है। सबकी बुर सब लोग बेहिचक बेधड़क चोदते हैं। आमने सामने चोदते हैं। एक दूसरे की बीवी चोदते हैं, एक दूसरे की बेटी चोदते हैं, एक दूसरे की बहु की बुर लेते हैं, एक दूसरे की माँ बहन चोदते हैं। इसी तरह माँ, बेटियां, बहुएं भी सब सबसे चुदवाती हैं। सबके लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ लेतीं हैं तभी आता है जवानी का असली मज़ा।
तो दोस्तों, देखा आपने की मैं किस तरह कुवांरी होते हुए भी धकाधक सबसे चुदवा रही हूँ।
- वह बोली - अरी तमन्ना तेरी तो अभी शादी भी नहीं हुई तू क्या जाने लण्ड क्या होता है ? लण्ड कितना मज़ा देता है ? लण्ड कहाँ कहाँ घुस जाता है ?
- मैंने जबाब दिया - अरे मेरी फूफी जान, कुवांरी होने का मतलब होता है की मेरी शादी नहीं हुई बस। इसका मतलब यह नहीं है की मैं चुदी नहीं हूँ. मैं खूब चुदी हुई हूँ फूफी जान और लगातार चुद रही हूँ। मैं खूबसूरत हूँ,जवान हूँ, हॉट हूँ। मेरे अंदर भी आग है तो फिर क्यों न चुदवाऊँ ? मैं तो खूब चुदवाती हूँ। चूत में तो यह लिखा नहीं है फूफी जान की तेरी शादी अभी नहीं हुई है तो तू मेरे अंदर लौड़ा नहीं पेल सकती ? शादी हो चाहे न हो बहन चोद, मैं तो खूब धड़ल्ले से चुदवाती हूँ और चुदवाती रहूंगी। इस २२ साल की उम्र में ही जितने लण्ड मैं अपनी चूत में घुसेड़ चुकी हूँ उतने लण्ड तूने अभी तक अपनी ज़िन्दगी में नहीं घुसेड़े होंगें ?
- फूफी ने कहा - अरे बुर चोदी तमन्ना तू क्या कह रही है ? तू अभी अपनी फूफी को जानती नहीं है। तेरी माँ की चूत। तेरी माँ की नन्द का भोसड़ा ? अभी तू माँ की लौड़ी कल की छोकरी है और मुझसे चुदवाने का मुकाबला कर रही है। अभी तूने लण्ड देखे ही कितने हैं ? अभी तो तुझे यह भी नहीं मालूम की लण्ड कितने तरह के होतें हैं, कितने बड़े बड़े होतें है और कितने मोटे मोटे होते हैं। तूने तो अपने कुनबे के लण्ड देखें होंगें। अपने नाते रिश्ते दारों के लण्ड देखें होंगें और अपने कॉलेज के लड़कों के लण्ड देखे होंगें बस ? अरी भोसड़ी की तमन्ना दुनियाँ में लाखों करोड़ों तरह के लण्ड होतें हैं। दुनिया में जितने लोग हैं उतने तरह के लण्ड भी हैं ? कोई भी दो लण्ड हूबहू एक तरह के नहीं होते। मैंने तो देशी और विदेशी लण्ड का मज़ा खूब लिया है। वह एक बार नहीं कई बार ? घोड़े के लण्ड के बराबर लण्ड अपनी चूत में पेला है। मैंने तेरी माँ के भोसड़ा में भी ऐसे लण्ड पेलें हैं। गधे का लण्ड देखा है तूने ? उसके लण्ड के बराबर किसी आदमी का लण्ड नहीं होता पर मैंने गधे का भी लण्ड अपनी चूत में पेला है। मैं तुझे सच सच बता रही हूँ। तूने जितने लण्ड पेले हैं अपनी चूत में उतने लण्ड तो मेरी चूँची चोद कर चले गए , बहन चोद ? तू तो मेरी एक झांट के बराबर भी नहीं है, भोसड़ी वाली।
- मैंने कहा - अरे फूफी जान, तुम तो पुराने ज़माने की हो। जब कोई लौड़ा मुंह में नहीं लेती थी. सीधे सीधे अपनी चूत में घुसेड़ लेती थी। तुम क्या जानो की लण्ड का पूरा मज़ा कैसे लिया जाता है ?
- तेरी माँ का भोसड़ा तमन्ना तू क्या मुझे पुराने ज़माने की समझ रही है, बुर चोदी ? मैंने माना की मैं तेरी माँ की उम्र की हूँ पर हूँ तो सिर्फ ४२ साल की ही। मैं अभी मस्त जवान हूँ. मैंने भी लण्ड मुंह में लेना, चूँचियाँ के बीच लेना, अपने नंगे बदन पर घुमाना , मुठ्ठ मुठ्ठ मार कर लण्ड पीना सब सीख लिया है। मेरी बेटी तुम्हारे उम्र की है। वो सब वही करती है जो तुम करती हो ? तुम्हे मालूम है की मेरी बेटी अपनी माँ चुदवाती है। लण्ड पेलती है अपनी माँ की चूत में ? वह तो आज के ज़माने की है ? उसे तो लण्ड का पूरा मज़ा लेना आता है।
- मैंने कहा - लगता है फूफी जान तुम तो बहुत पहुंची हुई रंडी हो ?
- हर औरत अंदर से बहन चोद रंडी होती है तमन्ना ? कोई खुल जाती है और कोई अंदर ही अंदर अपना काम रंडी की तरह करती रहती है। तुम बताओ मुझे यहाँ कौन भोसड़ी वाली रंडी नहीं है, छिनार नहीं है। सब की सब बुर चोदी गैर मर्दों के लण्ड पेलती हैं अपनी अपनी चूत में तो छिनार ही हुई न ? तू तो मादर चोद बिना शादी के छिनार बनी घूम रही है। जाने कितने लोगों से चुदवा चुकी है तू ?
- अरे मेरी हरामजादी फूफी जान अब मुझे कोई रंडी कहे, कोई छिनार कहे, कोई चुदक्कड़ कहे, मेरी सेहत पर कोई फरक नहीं पड़ने वाला ? मैं जैसी हूँ वैसी हूँ। मैं लण्ड की दीवानी हूँ तो हूँ इससे किसी की गांड जलती है तो जले ? मेरे लांडे से ?
- फूफी हंसकर बोली हां यह बात तुमने कही मेरे मन की। मैंने भी कभी किसी बेटी चोद की परवाह नहीं की ? जब मन आया तब चुदवाया , जिससे मन आया उससे चुदवाया, मैंने खूब एन्जॉय किया और आज भी कर रही हूँ। अब तो मुझे मेरी बेटी भी मेरा साथ देती है।
मैंने कहा अच्छा यह बताओ तुम्हे इतने लण्ड मिलते कहाँ से हैं जो तुम हमेशा उसकी बुर मे लण्ड पेलती रहती हो। वह बोली मैं तो तेरी माँ की भी बुर में पेलती हूँ लण्ड तमन्ना ? तेरी माँ का भोसड़ा चोदती हूँ मैं। तेरी खाला का भी भोसड़ा चोदती हूँ मैं। मैं कुछ काम हरामजादी नहीं हूँ। मुझे दुनियां में सबसे ज्यादा लण्ड अच्छे लगते हैं। मैं जब कॉलेज में पढ़ती थी तभी से अपने बॉय फ्रेंड्स से अपनी माँ चुदाने लगी थी। और आज भी उनसे और उनके दोस्तों से अपनी माँ चुदवाती हूँ। मैंने पूंछा ये सब हुआ कैसे दीदी ? वह बोली अरे यार एक दिन मैं जब घर आयी तो देखा की अम्मी जान मेरे दोस्त का लण्ड पी रहीं हैं। मेरे मुंह से गाली निकला पड़ी। मैंने कहा अम्मी तू भोसड़ी की मेरे दोस्त का लण्ड पी रही है। वह बोली हां बुर चोदी नफीसा मैं तेरे दोस्त का लण्ड पी रही हूँ। जब तू अपने दोस्त का लण्ड पीती है तो मैं क्यों नहीं पी सकती ? मुझे मालूम है की तू अपने दोस्त का लण्ड अपनी बुर में लेती है तो मैं भी इसका लण्ड अपनी बुर में लूंगी।
मैं समझ गयी की मेरे दोस्त ने मेरे बारे में अम्मी को सब कुछ बता दिया है। अब छुपाने से कोई फायदा नहीं है। मैंने कहा ठीक है ले लो। जहाँ चाहो वहां ले लो ? वह बोली ऐसे नहीं लूंगी। तू आ और मेरी चूत में इसका लण्ड घुसा दे। देख नफीसा अब तू २१ साल की हो गयी है। जवान हो गयी है। अब तू मेरी दोस्त हो गयी है। मैं भी तेरी चूत में लण्ड पेलूँगी। तेरे साथ की लड़कियां सब बुर चोदी अपनी माँ चुदाने लगीं हैं। तेरी खाला जान की बेटी एक साल अपनी माँ चुदा रही है. तू भी आज से अपनी माँ चुदाना शुरू कर दे। अम्मी की इतनी खुली खुली और गन्दी गन्दी बेशर्मी की बातें सुनकर मैं भी बेशर्म हो गयी। मैं थोड़ा झिझकी वह बोली तेरी माँ का भोसड़ा नफीसा ? जवानी का मज़ा लेना है तो बेशर्म हो जा माँ की लौड़ी ? मैं भी आगे बढ़ी और लण्ड घुसा ही दिया उसके भोसड़ा में। बस उसकी दिन से मैंने माँ चुदाना शुरू कर दिया। उसकी रात को अम्मी ने अपने दोस्त का लण्ड मेरी बुर में पेल दिया। अब तो हम दोनों के बीच मादर चोद बहन चोद का रिस्ता कायम हो गया।
मैंने कहा - तो तुम भी अपनी शादी के पहले से चुदवा रही हो।
उसने कहा - हां देख तमन्ना, शादी अलग चीज है और चुदाना अलग चीज है। शादी नहीं होगी तो क्या मैं चुदवाऊंगी नहीं ? और शादी के बाद क्या मैं लोगों से चुदवाना बंद कर दूँगी ?
मैंने कहा - इसका मतलब जब तुम कुवांरी थी तो चुदवाती थीं ?
वह बोली - हां मैं जब कुवांरी थी तभी भी बड़े मन से सबसे चुदवाती थी और अब जब शादी हो चुकी है तो भी बड़े मन से सबसे चुदवाती हूँ।
मैंने कहा - अरे वाह दीदी ! मैं भी यही करती हूँ। कुँवारी हूँ, लेकिन चुदवाती जरूर हूँ।
,एक दिन रात में मेरी फूफी ने मुझे फोन करके बुलाया। मैं समझी की कोई ख़ास बात है तभी फूफी ने बुलाया है। मैं तुरंत फूफी के कमरे में चली गई। मैं बिना दरवाजा खटखटाये अंदर घुस गयी। मैंने जो वहां देखा उसे देख कर दंग रह गयी। मैंने देखा की फूफी तो बिलकुल नंगी बैठी हैं। उसकी दोनों बड़ी बड़ी चूँचिएन एकदम नंगी हैं। वह सिर्फ पेटीकोट पहने हुए बैठी थीं ,. सबसे मजे दार चीज यह थी की वह किसी का लण्ड हिला रहीं थीं , मैंने जब लण्ड देखा तो मेरे मुंह में पानी आ गया। मैंने कहा जी फूफी जी आपने मुझे बुलाया , वह बोली हां तमन्ना मैंने तुझे लण्ड पकड़ने के लये लिए बुलाया है। इधर आ ले पकड़ के लण्ड। फूफी ने मुझे लण्ड दिखाते हुए कहा। मन तो मेरा लण्ड पकड़ने का था ही। रात के समय अगर किसी जवान लड़की के सामने कोई लण्ड खड़ा हो तो फिर वह बिना लण्ड पकड़े कैसे रह सकती है ?
मैंने हाथ बढ़ाकर लण्ड पकड़ लिया और फूफी ने पूंछा - फूफी जान ये किसका लण्ड है ?
वह बोली - तेरी बुर चोदी नफीसा दीदी के मियां का लण्ड है, तमन्ना।
मैंने कहा - वाओ, जीजू का बहन चोद इतना बड़ा लण्ड ? इतना मोटा लण्ड ?
फूफी मजाक करती हुई बोली - तेरी गांड फट रही है क्या तमन्ना इतना बड़ा लण्ड देख कर ?
मैंने भी उसी तरह जबाब दिया - गांड तो अब तेरी फटेगी फूफी जान जब मैं इसे तेरे भोसड़ा में पेलूँगी। लेकिन पहले मुझे यह बता तू की तुझे अपनी बेटी के शौहर का लण्ड चाटने में कोई शर्म नहीं आ रही है फूफी जान ?
वह बोली - शर्म काहे की बहन चोद ? रात में किसी का भी लण्ड हो औरत का हक़ होता है की वह उसे अपनी चूत में घुसा ले। जब तेरी शादी हो जाएगी तो मैं तेरे शौहर का भी लण्ड अपने चूत में पेलूँगी।
मैंने कहा - मेरी शादी जब होगी तब पेलना पर मैं तो अभी किसी दिन तेरे शौहर का लण्ड अपनी बुर में घुसाने वाली हूँ। तेरे शौहर का लण्ड चोदूँगी मैं तेरे सामने फूफी जान ?
वह बोली - अच्छा आज मैं पहले तेरी चूत में पेलूँगी नफीसा के मियां लण्ड ?
मैंने कहा - अच्छा तो पेल दे भोसड़ी की तू इसे मेरी चूत में ? तू क्या समझती है की मेरी चूत इसे ले नहीं पायेगी। अरी फूफी जान मेरी चूत तो भून डालेगी तेरी बेटी के मियां का लण्ड ? तू बस देखती जा ? तब तक किसी ने पीछे से कहा - भून तो मैं भी डालूंगी तेरे खालू का लण्ड तमन्ना अपनी चूत में घुसा कर।
मैंने पीछे मुड़ कर देखा वह नफीसा दीदी थी जो मेरे खालू का लण्ड पकड़े हुए नंगी नंगी मेरे सामने आ गयीं। फूफी भी नंगी, उसकी बेटी नफीसा भी नंगी और मैं भी नंगी। उधर नफीसा का मियां तारिक़ भी नंगा और मेरा खालू भी नंगा। यह सब देख कर मैं तो बहुत गरम हो गयी। मेरा बदन जलने लगा और मैं दोनों लण्ड एक साथ खाने के मूड में आ गयी। मैंने तो नफीसा के मियां तारिक़ का लौड़ा बड़े मजबूती से पकड़े हुई थी। वह मेरा जीजू लगता है और जीजू का लण्ड तो साली अपनी बज्र इ जरूर घुसाती है। नफीसा मेरे खालू के लण्ड हिलाती हुई आयी तो उसके हाथ से फूफी ने लण्ड छीन लिया और उसे चाटने लगी। नफीसा उसका पेल्हड़ चाटने लगी। यही दोनों माँ बेटी मेरे खालू का लण्ड चाटने में जुट गयीं।
तभी अचानक एक और धमाका हुआ। कमरे में एक आदमी और घुस आया वह भी नंगा नंगा ? उसका लण्ड खड़ा था। मैंने लण्ड देखा तो मुंह से निकला बाप रे बाप इतना हक्कानी लौड़ा बहन चोद ? घोड़े की तरह हिनहिनाता लौड़ा साला ? ये तो किसी की भी बुर एक ही बार में फाड़ डालेगा।
तब तक फूफी ने उसे देख कर कहा - अरे रहीम भोसड़ी के तुम कैसे आ गए ? क्या कर रहा तू अभी तक ?
वह बोला - अरे भाभी जान मैं अभी तेरी जेठानी की बुर चोद कर आ रहा हूँ। एक बार चुदवाने के बाद उसने मेरा लण्ड दुबारा खड़ा कर दिया तो मैंने कहा अब मैं तुम्हे नहीं तेरी देवरानी का भोसड़ा चोदूंगा। जब मुझे मालूम हुआ की तुम यहाँ अपने दामाद का लण्ड पी रही हो तो मैं फ़ौरन यहाँ चला आया।
फूफी ने बताया - की यह मेरा देवर है। गाँव में रहता है और जब जब आता है तो मेरी बुर जरूर लेता है।
नफीसा बोली - हाय मेरे रहीम काका तुम भोसड़ी के मेरी माँ चोदते हो लेकिन आज मैं पहली बार तेरा लौड़ा देख रही हूँ। तूने कभी मुझे अपना लौड़ा नहीं पकड़ाया ?
वह बोला - बेटी नफीसा यह इत्तिफाक है की तूने कभी मेरा लौड़ा नहीं पकड़ा। पहले तू बच्ची थी तब मैं ज्यादा आता था। जब से तू सायानी हो गयी है तबसे मेरा आना जाना थोड़ा कम हो गया है। अब मैं तुन्हे देख रहा हूँ तो
तो दोस्तों, देखा आपने की मैं किस तरह कुवांरी होते हुए भी धकाधक सबसे चुदवा रही हूँ।
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