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मैंने यह सब अपनी मम्मी से सीखा है - Maine ye sab meri Maa se sikha hai
मैंने यह सब अपनी मम्मी से सीखा है - Maine ye sab meri Maa se sikha hai , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मेरी मम्मी उस दिन रात में "सेक्स" की कहानियां पढ़कर मेरा पास आयीं थी और आते ही बोली:- सुनीता बेटी, तेरी बुर चोदी माँ की चूत , तेरी माँ का भोसड़ा ? तेरी माँ की बुर चोदी बुर ? आज मैं तेरी माँ को इसलिए गालियां दे रही हूँ बेटी की तेरी माँ भोसड़ी की है ही इसी लायक ? इतनी बेशरम, बेहाया और हरामजादी है तेरी माँ और तेरी माँ का भोसड़ा जिसकी कोई मिसाल नहीं ? बहुत बड़ी छिनार है तेरी माँ जो हमेशा पराये मर्दों के लण्ड के पीछे भागा करती है। पराये मर्दों से चुदवाने वाली ऐसीऔरत मैंने आज तक नहीं देखी, बेटी सुनीता ?
मैं उसकी ये गालियां सुन कर थोड़ा सहम गयी लेकिन चूँकि वह
मुस्करा मुस्करा कर गालियां दे रहीं थीं तो मैं जान गयी की कोई खास बात नहीं है बल्कि ये सब सरासर मजाक है। मम्मी के दिमाग में कहानियों का ख़ुमार भरा है। वह वही बोल रहीं हैं जो कहानियों में लिखा है। लेकिन इससे मम्मी की मस्ती का पता चल रहा था। वह तो अपने आप को ही गालियां दे रहीं हैं। अपने आपको ही बुर चोदी कह रही हैं। अपनी बहन का लन्ड और अपनी ही गांड के बारे में कह रहीं हैं। इनको कहतें है मस्ती की गालियां। यानी सुनने में लगे की आप किसी और को गालियां दे रहीं है लेकिन समझने पर साफ है की आप अपने आपको ही गालियां दे रही हैं। यही खूबसूरती है आपस में प्यार की गालियों की ? हम इसी तरह की गालियों को एन्जॉय करतीं हैं।
मेरी मम्मी ४५ साल की हो गयी है लेकिन अपने आपको २२ साल की ही समझती है ? अपने को तारो ताज़ा और मस्त जवान समझती हैं। वह आगे बोली अरे बेटी सुनीता तेरी माँ लन्ड पर तो ऐसे झपटती है जैसे बिल्ली चूहे पर झपटती है। किसी के भी सामने किसी का भी लन्ड पकड़ लेती है तेरी माँ ? अभी तो कल की ही बात है बेटी तेरे सामने ही तेरी सहेली ज़ारा के अब्बा का लन्ड पकड़ लिया था तेरी माँ ने ? तू भी सामने खड़ी थी और तेरी सहेली थी। तेरी माँ ने उसके अब्बा का लन्ड अपने मुंह में गप्प से रख लिया और चूसने लगी। वह यहाँ भी नहीं रुकी ? जब तक उसने तुम दोनों के सामने तेरी सहेली के अब्बा से चुदवा नहीं लिया तब तक वह वहां से हिली नहीं ? तेरी सहेली अपने अब्बा को तेरी माँ चोदते हुए देखती रही और तू अपनी सहेली के अब्बा से अपनी माँ को चुदवाती हुई देखती रही। न चोदने वाले को कोई शरम, न चुदाने वाली को कोई शरम और न चुदाई देखने वालियों को कोई शरम ? सब की सब भोसड़ी वाली मादर चोद हैं। इसमें सबसे ज्यादा मादर चोद है बेटी तेरी बुर चोदी माँ की चूत ? मैं अगर तेरी माँ की चूत को तेरी माँ का भोसड़ा कहूँ बेटी तो गलत नहीं होगा। रोज़ कितने लन्ड खाता है तेरी माँ का भोसड़ा इसका तो कोई अता पता ही नहीं है। ऐसे लौड़ों के नाम लिखने बैठूँ तो एक पूरी किताब बन जाएगी।
इधर मैं भी सेक्सी कहानियां पढ़ रही थी। मेरे कपड़े अस्त व्यस्त थे। अध् नंगी थी मैं। अंदर से बहुत गरम हो चुकी थी। मैं बड़ी देर तक प्यार से मम्मी की बातें सुनती रही. मेरे ऊपर भी वासना सवार थी। मैं भी गरम थी। इस ब्लोग की कहानियों ने तो मेरी चूत का बाजा बजा रखा था। इसलिए मैं भी खुल कर बोलने लगी। मैंने कहा मम्मी तुझे अपनी बेटी की बुर के बारे में कुछ खबर ही नहीं है ? वह कितनी बेशरम, बदचलन और आवारा हो चुकी है इसका अंदाजा लगाना भी कठिन है। जब भी किसी का लन्ड देखने का ज़रा सा भी मौक़ा होता है तो ये तेरी बेटी की चूत अपना मुंह खोल देती है और लन्ड खाने के लिये तैयार हो जाती है। कॉलेज में लड़कों के लन्ड तो गाजर मूली की तरह खा जाती है तेरी बेटी की बुर ? और हां अभी पिछले हफ्ते जब संजय अंकल आये थे अपनी बीवी के साथ तब भी तेरी बेटी की बुर अंदर ही अंदर फुदकने लगी थी। वह तो अंकल के लन्ड पर घात लगाए बैठी थी। थोड़ी देर में मौक़ा मिल गया। तेरी बेटी ने फ़ौरन अंकल के पैजामे का नाड़ा खोल कर अपना हाथ अंदर घुसड़ दिया था। अंदर ही अंदर वह भोसड़ी वाली लौड़ा हिलाने लगी थी। और लौड़ा जब खड़ा हुआ तो तेरी बेटी ने उसे बाहर निकाल लिया। टन टनाता हुआ लन्ड सबके सामने आ गया। तेरी बेटी उसे प्यार से चाटने लगी। उस समय तू उसके सामने खड़ी थी मम्मी और तेरे बगल में खड़ी थी अंकल की बीवी यानी आंटी। जब तक लन्ड साला चूत में घुस नहीं गया तब तक कोई वहाँ से हिला तक नहीं।
न तूने कुछ कहा और न आंटी ने। बस दोनों मेरा लन्ड चूसना चाटना देखती रहीं। मैंने इतने में अंकल को एकदम नंगा कर दिया और मैं भी नंगी हो गयी। लन्ड की झांटें नहीं थीं। पेल्हड़ भी चिकने थे। बस तेरी बेटी को ऐसा लगा की उसकी लन्ड की लाटरी निकल आयी है। एकदम कुतिया की तरह वह अपनी जबान निकाल निकाल कर चाटने लगी लन्ड और लन्ड के पेल्हड़।
थोड़ी देर तक लन्ड चूसने के बाद उसने तुरंत लन्ड अपनी चूत में घुसेड़ लिया और बड़ी बेशर्मी से चुदवाने लगी बिलकुल एक मंजी हुई रंडी की तरह ? न तुमने टोका और न आंटी ने। इसलिए तेरी बेटी बुर चोदी अपनी गांड उठा उठा के भकाभक चुदवाये चली जा रही थी। न तू हटी वहां से और न आंटी। न चोदने वाले को कोई शरम, न चुदाने वाली को कोई शरम, न तुझे कोई शरम बहन चोद और न मादर चोद आंटी को कोई शरम। सबने शरम की माँ चोद रखी थी। अरे मम्मी जानती हो न तेरी बेटी की चूत ने तो उस दिन अंकल का लन्ड भी धकाधक चोदा। आजकल की लड़कियां तो लण्ड चोदती हैं मम्मी लण्ड ? तो मम्मी समझ लो की ऐसी है तेरी बिटिया की बुर ? जवानी का पूरा पूरा मज़ा लूट रही है भोसड़ी वाली और मस्त ज़िन्दगी गुज़ार रही है। कितना लण्ड ले चुकी है तेरी माँ की लौड़ी बेटी और कितने लन्ड रोज़ लेती है इसका कोई हिसाब किताब नहीं है, मम्मी।
वह मेरी बातें बड़ी मस्ती से सुनती रहीं और मेरी तरफ देखते रहीं। फिर बोली बेटी सुनीता क्या तुम "सेक्स" की कहानी पढ़ कर आ रही हो। मैंने कहा हां हां मम्मी वही पढ़ कर आ रही हूँ। वह बोली हाय अल्ला, वही तो मैं पढ़ कर आयी हूँ। ये भोसड़ी का लिखने वाला बड़ा मादर चोद है। इतनी हॉट कहानियां क्यों लिखता है की पढ़ते ही चूत का ज्वाला मुखी फुट पड़ता है ? उन साले मर्दों का क्या होता होगा जो ये कहानियां पढ़तें हैं ? मैंने कहा अरे मम्मी वो साले माँ के लौड़े एक कहानी पढ़ने में दो बार सड़का मारतें हैं। मेरे कॉलेज के कई लड़के यह बात मुझे बता चुके हैं। और हर रोज़ कोई न कोई लड़का यही बताने आ जाता है। यही नहीं अभी कल ही अमर ने बताया की वह कहानी पढ़कर अपनी भाभी के आगे लन्ड खोल कर खड़ा हो गया था। जब तक उसने अपनी भाभी की बुर चोद नहीं ली तब तक वह वहां से हटा नहीं ? उसने कहा की मैंने रात में एक बार फिर चोदा अपनी भाभी की बुर।
हम दोनों की बातें हो ही रही थी की जाने कहाँ से कब मेरी मौसी की बेटी अनुजा आ गयी। मुझे नहीं मालूम की उसने हमारी बातें सुनी की नहीं लेकिन थी वह बड़ी मगन ? बड़ी खुश नज़र आ रही थी वो। अनुजा मुझसे ३ साल बड़ी है लेकिन वह मेरी है पक्की दोस्त ? उसकी शादी हो चुकी है। मैंने पूंछा यार तेरी इतनी ख़ुशी का राज़ क्या है ? वह बोली यारआज मैं अपनी नन्द की बुर चोद कर आ रही हूँ। और मजे की बात यह है की मैंने आज पहली बार अपनी नन्द की बुर उसकी माँ के सामने चोदी। उससे भी ज्यादा मजे दार बात यह है की मैंने वही लन्ड अपनी सास के भोसड़ा में भी पेला ? मैंने पूंछा अरे यार ये तो बताओ की लन्ड किसका था ? लन्ड तो मेरे बॉय फ्रेंड का था जिससे मैं कॉलेज के दिनों में चुदवाया करती थी।
मैंने कहा तू तो बड़ी सायानी निकली यार। ससुराल जाते ही तूने अपनी नन्द की बुर और अपनी सास के भोसड़ा पर कब्जा जमा लिया। अब तो दोनों तेरी गुलाम हो गयीं होगीं। वह बोली हां यार बिलकुल ठीक कहा तूने। अब तो दोनों मेरे आगे पीछे घूमती रहती हैं. सास तो कहती है की बहू अब किसी दिन अपने किसी और बॉय फ्रेंड को बुलाओ न। मेरा भोसड़ा बड़ा मचल रहा है। उधर नन्द कहती है भाभी जल्दी ही किसी और का लन्ड पेलो अपनी नन्द की बुर में ? मैंने यह सब अपनी मम्मी से सीखा है। मम्मी ने कहा था की बेटी अनुजा ससुराल जाते ही नन्द की बुर और सास के भोसड़ा का ख़ास ख्याल रखना। मैं तो वही कर रही हूँ।
मैंने कहा :- इसका मतलब तेरी मम्मी तुमसे अच्छी तरह खुली हुई हैं ?
वह बोली :- हां बिलकुल खुली हूँ यार। मैं तो उसके साथ चुदाने वाली उसकी दोस्त बन गयी हूँ । मुझसे तो खूब मस्ती और प्यार से गालियां देकर बातें करती हैं। जानती हो क्यों ? क्योंकि वो भी मेरी तरह "सेक्स " की कहानियां पढतीं है और उसी तरह व्यव्हार करतीं हैं। हम दोनों बहुत बड़ी बूर चोदी हो गयीं हैं यार।
मैंने कहा :- अरे यार "सेक्स" की कहानियां मैं भी बहुत पढ़ती हूँ और मेरी मम्मी भी ? तब तो तेरी मम्मी के कई किस्से होंगें, अनुजा ? तेरी मम्मी तो मेरी मौसी है। सुनाओ न कोई मज़ेदार वाकिया।
वह बोली :- लो सुनो एक जबरदस्त और हॉट वाकिया। वह मस्ती से बैठ कर सुनाने लगी :-
एक दिन मैं अंदर काम कर रही थी। रात का समय था। थोड़ी देर में मम्मी ने आवाज़ लगायी अरी वो अनुजा यहाँ आ देख कौन आया है ? मैं बाहर के कैमरे में गयी तो देखा की वहां दो आदमी बैठे हुए हैं।और नजदीक पहुंची तो देखा वह मेरा ससुर था। मैंने नमस्ते कहा और उसके साथ वाले आदमी को भी नमस्ते बोला जबकि मैं उसे नहीं जानती थी की वह कौन है ? फिर मम्मी बोली बेटी ये तो तेरा ससुर है नवीन और ये है कुक्कू। फिर नास्ता पानी शुरू हो गया। बात चीत भी होने लगी।
मेरी बात सुनकर सब लोग खिलखिलाकर हंस पड़े।
फिर मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ कर मेरे ससुर में लन्ड पर रख कर कहा ले खोल और पकड़ कर दिखा मुझे अपने ससुर का लन्ड ? तब तक मैं इसके दोस्त का लन्ड पकड़ कर देखती हूँ। मैं भी जोश में आ गयी। मैंने सोंचा की न मेरा भोसड़ी का ससुर शर्मा रहा है न मादर चोद उसका दोस्त। मेरी मम्मी तो बहुत ज्यादा ही बेशर्म हो चुकी हैं तो फिर मैं क्यों न अपना जलवा दिखा दूं ? मैं भी मस्ती से ससुर के पैजामे का नाड़ा खोलने लगी। नाड़ा खोल के हाथ अंदर घुसेड़ दिया। हाथ उसके लन्ड से टकरा गया। मैंने लन्ड मुठ्ठी से पकड़ लिया और २/४ बार हिलाया। फिर उसे पैजामे से बाहर निकाल लिया। लन्ड देखते ही मेरा मन खिल उठा। मैंने लन्ड की कई बार चुम्मी ली। उसने भी मेरी चूंचियां दबाना शुरू किया। तब तक मम्मी ने भी कुक्कू का लन्ड खोल कर बाहर निकाल लिया था। वह बोली हाय अनुजा देख इस मादर चोद का भी लन्ड बड़ा जबरदस्त है। फिर मैंने ससुर को पूरा नंगा ही कर दिया। उसने भी मेरे कपड़े उतार डाले।
उधर तब तक मम्मी और कुक्कू अंकल दोनों नंगे हो चुके थे। मेरी नज़र कुक्कू के भी लन्ड पर पड़ी। दोनों बहन चोद लन्ड बड़े हक्कानी थे। ८" से ९" के मोटे मोटे लन्ड किसे नहीं पसंद आयेगें ? मैं समझ गयी की जब लन्ड इतने बढ़िया हैं तो फिर लड़कियां बीवियां,बेटियां और बहुएं क्यों न पकड़े लन्ड ? मैं तो लन्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी। अम्मी भी कुक्कू का लन्ड चूसने में जुट गयीं। एक बात है की दोनों साले अपनी अपनी झांटें बनाकर आये थे। चिकने चिकने लन्ड बड़े खूबसूरत भी लग रहे थे। मैं तो मस्ती से पेल्हड़ भी चाटने लगी। इतने में ससुर झुक कर मम्मी की बुर चाटने लगा। उसे देख कर कुक्कू मेरी बुर चाटने लगा। यह सीन देख कर तो तन बदन में और आग लग गयी। एक ही साथ लन्ड चाटना और बुर चटवाना तो और अच्छा होता है। उससे भी ज्यादा मज़ा तब आता है जब लन्ड किसी और का चाटो और बुर कोई और चाटे ? यही यहाँ पर हो रहा है। मैंने मन में ठान लिया की अब मैं ससुर से अक्सर चुदवाती रहूंगी।
थोड़ी देर बाद मैंने ससुर का लन्ड घुसा लिया अपनी चूत में। लन्ड भी साला सांप की तरह सरसराता हुआ घुस गया। मैंने देखा की मम्मी की चूत में भी कुक्कू का लन्ड ऐसे घुस रहा था जैसे कोई सांप अपने बिल में घुसता है। हम दोनों एक दूसरे को देखती हुई मस्ती से चुदवाने लगीं। मेरा ससुर बोला भाभी अनुजा बहू की बुर तो मेरी बड़ी बहू की बुर से ज्यादा मज़ा दे रही है। मम्मी ने कहा वाओ, तू बहन चोद अपनी बड़ी बहू की बुर लेता है ? उसने कहा भाभी जवानी में सब चलता है, सब जायज़ है। अब देखो न मैं कुक्कू की बीवी चोदता हूँ और कुक्कू मेरी बीवी चोदता है ? मम्मी ने पूंछा कबसे चल रहा है यह सिलसिला ? वह बोला मेरी सुहागरात में इसमें मेरी बीवी चोदी थी। इसकी सुहागरात में मैंने इसकी बीवी चोदी थी। तभी से सिलसिला चालू हो गया। इतना ही नहीं अब तो हमारी बेटियां भी बड़ी हो गयीं है। उनकी शादी भी हो गयी है।पर आज भी मेरी बेटी इसका लन्ड पीती है और इसकी बेटी मेरा लन्ड पीती है। दोनों जब माईके आती हैं तो इसकी बेटी मुझसे चुदवाकर जाती है और मेरी बेटी इससे चुदवाकर जाती है।
इस तरह की बातों से माहौल में और गर्मी बढ़ गयी। चुदाई और ज्यादा स्पीड से होने लगी। मैं भी और मम्मी भी गांड उठा उठा के भकाभक चुदवाने लगीं। फिर बेच में क्या हुआ पता ही नहीं चला। कुक्कू के लन्ड मेरी चूत में आ गया और मेरे ससुर का लन्ड मेरी मम्मी की बुर में घुस गया। लन्ड इधर उधर हो गए तो मज़ा भी ज्यादा आने लगा।
यार सुनीता, मैं तो ख़ुदा से दुआ करती हूँ की हर एक लड़की को मेरी जैसी मम्मी मिले और मेरे जैसा ससुर ? तो ऐसी है मेरी माँ और मेरी बुर चोदी माँ की चूत ? अनुजा की कहानी सुनकर मेरी चूत की और धधक उठी। मैंने कहा यार तूने तो कहानी सुना के मेरी चूत की आग और भड़का दी है। वह बोली मैं यही कहने आयी हूँ की आज मैं अपने ससुर का लन्ड तेरी बुर में घुसेडूंगीं। और उसके दोस्त का लन्ड तेरी माँ की चूत में ? उन दोनों को हमने रोक लिया है। अम्मी यह सुनकर बड़ी खुश हुई और बोली अनुजा अगर हम दोनों तेरे घर में उन दोनों
से चुदवाएगीं तो तुम दोनों क्या वहाँ बैठी बैठी अपनी झांटें उखाड़ोगी ? मैंने कहा नहीं मम्मी ऐसा नही होगा। अगर अनुजा अपने ससुर का लन्ड मेरी बुर में पेलेगी, मेरी माँ की बुर में पेलेगी तो मैं भी अपने ससुर का लन्ड इसकी बुर में पेलूँगी, इसकी माँ की बुर में पेलूँगी। मैं भी अपने ससुर और उसके दोस्त को बुला लेती हूँ। मम्मी ने कहा अरे बेटी सुनीता क्या तुम अपने ससुर का लन्ड पकड़ चुकी हो ? मैंने बताया अरे मम्मी पकड़ ही नहीं चुकी हूँ मैं तो उसका लन्ड अपने अंदर भी ले चुकी हूँ और लेती हूँ।
मम्मी ने मेरे गाल थपथपाकर कहा ये हुई कोई मस्त बात ? मैं यही तो चाहती थी।
फिर तो रात भर हम दोनों उसके ससुर और उसके दोस्त से चुदवाती रहीं। हमारे सामने ही अनु और उसकी माँ मेरे ससुर और उसके दोस्त से चुदवाती रहीं। चुदवाने में मेरी मौसी भी बड़ी एक्सपर्ट है। मौसी बोली अरी सुनीता देख न ये तेरी बुर चोदी मौसी की बुर चोदी चूत कितनी हरामजादी है ? कितनी मस्ती और कितनी बेशर्मी से लन्ड खा रही है तेरी मौसी की चूत ? तब तक अनुजा भी मस्ती में आकर बोली और सुनीता इधर भी देख कितनी मस्ती से लन्ड खा रही है तेरी भोसड़ी वाली मौसी की बिटिया की बुर ? अनुजा ने फिर कहा यार सुनीता एक बात तो है की हमें "sex " की कहानियों ने जवानी का मज़ा लेना सिखा दिया।
एक दिन मेरी बुआ का फोन आ गया। वह बोली - सुनीता आज तुम शाम को ८ बजे आ जाना तुमसे कुछ काम है। मैंने कहा जी बुआ जी मैं आ जाऊंगी। मैं बुआ जी के घर पहुंची तो मगर एक घंटा देरी से।
थोड़ा नशा चढ़ा तो रोली ने कहा - सुनीता, तेरी माँ की नन्द की बुर ? बस मस्तियाँ चढ़ने लगी। दीदी ने अपनी ही माँ की चूत के बारे में कहा।
तब बुआ बोली - सुनीता, तेरी बुआ की बिटिया की बुर ?
फिर क्या मैंने भी कह दिया। बुआ तेरी भाभी का बहन चोद भोसड़ा ? और तेरी भाभी की बेटी की चूत ?
रोली ने कहा देखो सुनीता ये मेरा देवर आज मेरी माँ चोदने आया है।और इसका दोस्त मेरी माँ की बेटी की बुर लेगा। तब तक सीमा बोली और ये दोनों भोसड़ी के मेरी भाभी की बिटिया की बुर चोदेंगें।
मैं यह सुनकर मस्त हो गयी। बुआ में कहा सुनीता मैंने तुम्हे आज इन लोगों से चुदवाने के लिए ही बुलाया है। आज तुम्हे सबके सामने इन दोनों के लण्ड चोदना होगा। फिर क्या पल भर में हम सब नंगी हो गयीं और वो दोनों भी नंगे हो गए। मैंने जब उनके लण्ड देखे तो मैं जबरदस्त चुदासी हो गयी। रोली दीदी ने अखिल का लण्ड मुझे पकड़ा दिया और सूरज का लण्ड बुआ को। उसके बाद रात भर हम सबने लण्ड अदल बदल कर खूब चुदवाया।
तो दोस्तों जवानी का मज़ा ऐसा ही होता है और जवानी भी बुर चोदी अंधी होती है।
मेरी मम्मी उस दिन रात में "सेक्स" की कहानियां पढ़कर मेरा पास आयीं थी और आते ही बोली:- सुनीता बेटी, तेरी बुर चोदी माँ की चूत , तेरी माँ का भोसड़ा ? तेरी माँ की बुर चोदी बुर ? आज मैं तेरी माँ को इसलिए गालियां दे रही हूँ बेटी की तेरी माँ भोसड़ी की है ही इसी लायक ? इतनी बेशरम, बेहाया और हरामजादी है तेरी माँ और तेरी माँ का भोसड़ा जिसकी कोई मिसाल नहीं ? बहुत बड़ी छिनार है तेरी माँ जो हमेशा पराये मर्दों के लण्ड के पीछे भागा करती है। पराये मर्दों से चुदवाने वाली ऐसीऔरत मैंने आज तक नहीं देखी, बेटी सुनीता ?
मैं उसकी ये गालियां सुन कर थोड़ा सहम गयी लेकिन चूँकि वह
मुस्करा मुस्करा कर गालियां दे रहीं थीं तो मैं जान गयी की कोई खास बात नहीं है बल्कि ये सब सरासर मजाक है। मम्मी के दिमाग में कहानियों का ख़ुमार भरा है। वह वही बोल रहीं हैं जो कहानियों में लिखा है। लेकिन इससे मम्मी की मस्ती का पता चल रहा था। वह तो अपने आप को ही गालियां दे रहीं हैं। अपने आपको ही बुर चोदी कह रही हैं। अपनी बहन का लन्ड और अपनी ही गांड के बारे में कह रहीं हैं। इनको कहतें है मस्ती की गालियां। यानी सुनने में लगे की आप किसी और को गालियां दे रहीं है लेकिन समझने पर साफ है की आप अपने आपको ही गालियां दे रही हैं। यही खूबसूरती है आपस में प्यार की गालियों की ? हम इसी तरह की गालियों को एन्जॉय करतीं हैं।
मेरी मम्मी ४५ साल की हो गयी है लेकिन अपने आपको २२ साल की ही समझती है ? अपने को तारो ताज़ा और मस्त जवान समझती हैं। वह आगे बोली अरे बेटी सुनीता तेरी माँ लन्ड पर तो ऐसे झपटती है जैसे बिल्ली चूहे पर झपटती है। किसी के भी सामने किसी का भी लन्ड पकड़ लेती है तेरी माँ ? अभी तो कल की ही बात है बेटी तेरे सामने ही तेरी सहेली ज़ारा के अब्बा का लन्ड पकड़ लिया था तेरी माँ ने ? तू भी सामने खड़ी थी और तेरी सहेली थी। तेरी माँ ने उसके अब्बा का लन्ड अपने मुंह में गप्प से रख लिया और चूसने लगी। वह यहाँ भी नहीं रुकी ? जब तक उसने तुम दोनों के सामने तेरी सहेली के अब्बा से चुदवा नहीं लिया तब तक वह वहां से हिली नहीं ? तेरी सहेली अपने अब्बा को तेरी माँ चोदते हुए देखती रही और तू अपनी सहेली के अब्बा से अपनी माँ को चुदवाती हुई देखती रही। न चोदने वाले को कोई शरम, न चुदाने वाली को कोई शरम और न चुदाई देखने वालियों को कोई शरम ? सब की सब भोसड़ी वाली मादर चोद हैं। इसमें सबसे ज्यादा मादर चोद है बेटी तेरी बुर चोदी माँ की चूत ? मैं अगर तेरी माँ की चूत को तेरी माँ का भोसड़ा कहूँ बेटी तो गलत नहीं होगा। रोज़ कितने लन्ड खाता है तेरी माँ का भोसड़ा इसका तो कोई अता पता ही नहीं है। ऐसे लौड़ों के नाम लिखने बैठूँ तो एक पूरी किताब बन जाएगी।
इधर मैं भी सेक्सी कहानियां पढ़ रही थी। मेरे कपड़े अस्त व्यस्त थे। अध् नंगी थी मैं। अंदर से बहुत गरम हो चुकी थी। मैं बड़ी देर तक प्यार से मम्मी की बातें सुनती रही. मेरे ऊपर भी वासना सवार थी। मैं भी गरम थी। इस ब्लोग की कहानियों ने तो मेरी चूत का बाजा बजा रखा था। इसलिए मैं भी खुल कर बोलने लगी। मैंने कहा मम्मी तुझे अपनी बेटी की बुर के बारे में कुछ खबर ही नहीं है ? वह कितनी बेशरम, बदचलन और आवारा हो चुकी है इसका अंदाजा लगाना भी कठिन है। जब भी किसी का लन्ड देखने का ज़रा सा भी मौक़ा होता है तो ये तेरी बेटी की चूत अपना मुंह खोल देती है और लन्ड खाने के लिये तैयार हो जाती है। कॉलेज में लड़कों के लन्ड तो गाजर मूली की तरह खा जाती है तेरी बेटी की बुर ? और हां अभी पिछले हफ्ते जब संजय अंकल आये थे अपनी बीवी के साथ तब भी तेरी बेटी की बुर अंदर ही अंदर फुदकने लगी थी। वह तो अंकल के लन्ड पर घात लगाए बैठी थी। थोड़ी देर में मौक़ा मिल गया। तेरी बेटी ने फ़ौरन अंकल के पैजामे का नाड़ा खोल कर अपना हाथ अंदर घुसड़ दिया था। अंदर ही अंदर वह भोसड़ी वाली लौड़ा हिलाने लगी थी। और लौड़ा जब खड़ा हुआ तो तेरी बेटी ने उसे बाहर निकाल लिया। टन टनाता हुआ लन्ड सबके सामने आ गया। तेरी बेटी उसे प्यार से चाटने लगी। उस समय तू उसके सामने खड़ी थी मम्मी और तेरे बगल में खड़ी थी अंकल की बीवी यानी आंटी। जब तक लन्ड साला चूत में घुस नहीं गया तब तक कोई वहाँ से हिला तक नहीं।
न तूने कुछ कहा और न आंटी ने। बस दोनों मेरा लन्ड चूसना चाटना देखती रहीं। मैंने इतने में अंकल को एकदम नंगा कर दिया और मैं भी नंगी हो गयी। लन्ड की झांटें नहीं थीं। पेल्हड़ भी चिकने थे। बस तेरी बेटी को ऐसा लगा की उसकी लन्ड की लाटरी निकल आयी है। एकदम कुतिया की तरह वह अपनी जबान निकाल निकाल कर चाटने लगी लन्ड और लन्ड के पेल्हड़।
थोड़ी देर तक लन्ड चूसने के बाद उसने तुरंत लन्ड अपनी चूत में घुसेड़ लिया और बड़ी बेशर्मी से चुदवाने लगी बिलकुल एक मंजी हुई रंडी की तरह ? न तुमने टोका और न आंटी ने। इसलिए तेरी बेटी बुर चोदी अपनी गांड उठा उठा के भकाभक चुदवाये चली जा रही थी। न तू हटी वहां से और न आंटी। न चोदने वाले को कोई शरम, न चुदाने वाली को कोई शरम, न तुझे कोई शरम बहन चोद और न मादर चोद आंटी को कोई शरम। सबने शरम की माँ चोद रखी थी। अरे मम्मी जानती हो न तेरी बेटी की चूत ने तो उस दिन अंकल का लन्ड भी धकाधक चोदा। आजकल की लड़कियां तो लण्ड चोदती हैं मम्मी लण्ड ? तो मम्मी समझ लो की ऐसी है तेरी बिटिया की बुर ? जवानी का पूरा पूरा मज़ा लूट रही है भोसड़ी वाली और मस्त ज़िन्दगी गुज़ार रही है। कितना लण्ड ले चुकी है तेरी माँ की लौड़ी बेटी और कितने लन्ड रोज़ लेती है इसका कोई हिसाब किताब नहीं है, मम्मी।
वह मेरी बातें बड़ी मस्ती से सुनती रहीं और मेरी तरफ देखते रहीं। फिर बोली बेटी सुनीता क्या तुम "सेक्स" की कहानी पढ़ कर आ रही हो। मैंने कहा हां हां मम्मी वही पढ़ कर आ रही हूँ। वह बोली हाय अल्ला, वही तो मैं पढ़ कर आयी हूँ। ये भोसड़ी का लिखने वाला बड़ा मादर चोद है। इतनी हॉट कहानियां क्यों लिखता है की पढ़ते ही चूत का ज्वाला मुखी फुट पड़ता है ? उन साले मर्दों का क्या होता होगा जो ये कहानियां पढ़तें हैं ? मैंने कहा अरे मम्मी वो साले माँ के लौड़े एक कहानी पढ़ने में दो बार सड़का मारतें हैं। मेरे कॉलेज के कई लड़के यह बात मुझे बता चुके हैं। और हर रोज़ कोई न कोई लड़का यही बताने आ जाता है। यही नहीं अभी कल ही अमर ने बताया की वह कहानी पढ़कर अपनी भाभी के आगे लन्ड खोल कर खड़ा हो गया था। जब तक उसने अपनी भाभी की बुर चोद नहीं ली तब तक वह वहां से हटा नहीं ? उसने कहा की मैंने रात में एक बार फिर चोदा अपनी भाभी की बुर।
हम दोनों की बातें हो ही रही थी की जाने कहाँ से कब मेरी मौसी की बेटी अनुजा आ गयी। मुझे नहीं मालूम की उसने हमारी बातें सुनी की नहीं लेकिन थी वह बड़ी मगन ? बड़ी खुश नज़र आ रही थी वो। अनुजा मुझसे ३ साल बड़ी है लेकिन वह मेरी है पक्की दोस्त ? उसकी शादी हो चुकी है। मैंने पूंछा यार तेरी इतनी ख़ुशी का राज़ क्या है ? वह बोली यारआज मैं अपनी नन्द की बुर चोद कर आ रही हूँ। और मजे की बात यह है की मैंने आज पहली बार अपनी नन्द की बुर उसकी माँ के सामने चोदी। उससे भी ज्यादा मजे दार बात यह है की मैंने वही लन्ड अपनी सास के भोसड़ा में भी पेला ? मैंने पूंछा अरे यार ये तो बताओ की लन्ड किसका था ? लन्ड तो मेरे बॉय फ्रेंड का था जिससे मैं कॉलेज के दिनों में चुदवाया करती थी।
मैंने कहा तू तो बड़ी सायानी निकली यार। ससुराल जाते ही तूने अपनी नन्द की बुर और अपनी सास के भोसड़ा पर कब्जा जमा लिया। अब तो दोनों तेरी गुलाम हो गयीं होगीं। वह बोली हां यार बिलकुल ठीक कहा तूने। अब तो दोनों मेरे आगे पीछे घूमती रहती हैं. सास तो कहती है की बहू अब किसी दिन अपने किसी और बॉय फ्रेंड को बुलाओ न। मेरा भोसड़ा बड़ा मचल रहा है। उधर नन्द कहती है भाभी जल्दी ही किसी और का लन्ड पेलो अपनी नन्द की बुर में ? मैंने यह सब अपनी मम्मी से सीखा है। मम्मी ने कहा था की बेटी अनुजा ससुराल जाते ही नन्द की बुर और सास के भोसड़ा का ख़ास ख्याल रखना। मैं तो वही कर रही हूँ।
मैंने कहा :- इसका मतलब तेरी मम्मी तुमसे अच्छी तरह खुली हुई हैं ?
वह बोली :- हां बिलकुल खुली हूँ यार। मैं तो उसके साथ चुदाने वाली उसकी दोस्त बन गयी हूँ । मुझसे तो खूब मस्ती और प्यार से गालियां देकर बातें करती हैं। जानती हो क्यों ? क्योंकि वो भी मेरी तरह "सेक्स " की कहानियां पढतीं है और उसी तरह व्यव्हार करतीं हैं। हम दोनों बहुत बड़ी बूर चोदी हो गयीं हैं यार।
मैंने कहा :- अरे यार "सेक्स" की कहानियां मैं भी बहुत पढ़ती हूँ और मेरी मम्मी भी ? तब तो तेरी मम्मी के कई किस्से होंगें, अनुजा ? तेरी मम्मी तो मेरी मौसी है। सुनाओ न कोई मज़ेदार वाकिया।
वह बोली :- लो सुनो एक जबरदस्त और हॉट वाकिया। वह मस्ती से बैठ कर सुनाने लगी :-
एक दिन मैं अंदर काम कर रही थी। रात का समय था। थोड़ी देर में मम्मी ने आवाज़ लगायी अरी वो अनुजा यहाँ आ देख कौन आया है ? मैं बाहर के कैमरे में गयी तो देखा की वहां दो आदमी बैठे हुए हैं।और नजदीक पहुंची तो देखा वह मेरा ससुर था। मैंने नमस्ते कहा और उसके साथ वाले आदमी को भी नमस्ते बोला जबकि मैं उसे नहीं जानती थी की वह कौन है ? फिर मम्मी बोली बेटी ये तो तेरा ससुर है नवीन और ये है कुक्कू। फिर नास्ता पानी शुरू हो गया। बात चीत भी होने लगी।
- मम्मी ने पूंछा नवीन तुझे अपनी बहू से कोई शिकायत तो नहीं है ?
- वह बोला नहीं भाभी कोई शिकायत नहीं है। वह तो बहुत अच्छी है। सब लोग उसे चाहते हैं।
- तुम्हे भी अच्छी लगती है न, तेरी बहू ?
- हां हां मुझे भी अच्छी लगती है। बल्कि वह तो मेरी बड़ी बहू से ज्यादा अच्छी है।
- हाय राम, कहीं तेरी नियत तो ख़राब नहीं अपनी बहू पर क्योंकि मैंने सुना है की तू भोसड़ी का बड़ा हरामी है। अपने मोहल्ले की लड़कियां चोदता है । अपने दोस्तों की बीवियां चोदता है ?
- अरे भाभी तुम्हे तो मालूम है। जब कोई मेरे पास आता है तो मैं उसे निराश नहीं करता।
- क्या तेरा लन्ड पहले से बड़ा हो गया है ? ज्यादा मोटा हो गया है तेरा लन्ड जो सबकी बेटी, बहू, बीवियां चोदा करता है तू ? अरे कुछ तो शर्म किया कर ? लोग तेरे बारे में जाने क्या क्या कहतें हैं ?
- अरे भाभी मैं आपको सच सच बता रहा हूँ की आजकल तो न लड़कियां शर्म करती है, न बहुएं और न बीवियां। सब खुल कर बातें करतीं है और लन्ड पकड़ती हैं। मुझे अकेला पाकर मेरा पैजामा खोल देती हैं और लन्ड पकड़ लेतीं है। फिर मैं अगर चोदूं न तो क्या करूँ ?
मेरी बात सुनकर सब लोग खिलखिलाकर हंस पड़े।
फिर मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ कर मेरे ससुर में लन्ड पर रख कर कहा ले खोल और पकड़ कर दिखा मुझे अपने ससुर का लन्ड ? तब तक मैं इसके दोस्त का लन्ड पकड़ कर देखती हूँ। मैं भी जोश में आ गयी। मैंने सोंचा की न मेरा भोसड़ी का ससुर शर्मा रहा है न मादर चोद उसका दोस्त। मेरी मम्मी तो बहुत ज्यादा ही बेशर्म हो चुकी हैं तो फिर मैं क्यों न अपना जलवा दिखा दूं ? मैं भी मस्ती से ससुर के पैजामे का नाड़ा खोलने लगी। नाड़ा खोल के हाथ अंदर घुसेड़ दिया। हाथ उसके लन्ड से टकरा गया। मैंने लन्ड मुठ्ठी से पकड़ लिया और २/४ बार हिलाया। फिर उसे पैजामे से बाहर निकाल लिया। लन्ड देखते ही मेरा मन खिल उठा। मैंने लन्ड की कई बार चुम्मी ली। उसने भी मेरी चूंचियां दबाना शुरू किया। तब तक मम्मी ने भी कुक्कू का लन्ड खोल कर बाहर निकाल लिया था। वह बोली हाय अनुजा देख इस मादर चोद का भी लन्ड बड़ा जबरदस्त है। फिर मैंने ससुर को पूरा नंगा ही कर दिया। उसने भी मेरे कपड़े उतार डाले।
उधर तब तक मम्मी और कुक्कू अंकल दोनों नंगे हो चुके थे। मेरी नज़र कुक्कू के भी लन्ड पर पड़ी। दोनों बहन चोद लन्ड बड़े हक्कानी थे। ८" से ९" के मोटे मोटे लन्ड किसे नहीं पसंद आयेगें ? मैं समझ गयी की जब लन्ड इतने बढ़िया हैं तो फिर लड़कियां बीवियां,बेटियां और बहुएं क्यों न पकड़े लन्ड ? मैं तो लन्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी। अम्मी भी कुक्कू का लन्ड चूसने में जुट गयीं। एक बात है की दोनों साले अपनी अपनी झांटें बनाकर आये थे। चिकने चिकने लन्ड बड़े खूबसूरत भी लग रहे थे। मैं तो मस्ती से पेल्हड़ भी चाटने लगी। इतने में ससुर झुक कर मम्मी की बुर चाटने लगा। उसे देख कर कुक्कू मेरी बुर चाटने लगा। यह सीन देख कर तो तन बदन में और आग लग गयी। एक ही साथ लन्ड चाटना और बुर चटवाना तो और अच्छा होता है। उससे भी ज्यादा मज़ा तब आता है जब लन्ड किसी और का चाटो और बुर कोई और चाटे ? यही यहाँ पर हो रहा है। मैंने मन में ठान लिया की अब मैं ससुर से अक्सर चुदवाती रहूंगी।
थोड़ी देर बाद मैंने ससुर का लन्ड घुसा लिया अपनी चूत में। लन्ड भी साला सांप की तरह सरसराता हुआ घुस गया। मैंने देखा की मम्मी की चूत में भी कुक्कू का लन्ड ऐसे घुस रहा था जैसे कोई सांप अपने बिल में घुसता है। हम दोनों एक दूसरे को देखती हुई मस्ती से चुदवाने लगीं। मेरा ससुर बोला भाभी अनुजा बहू की बुर तो मेरी बड़ी बहू की बुर से ज्यादा मज़ा दे रही है। मम्मी ने कहा वाओ, तू बहन चोद अपनी बड़ी बहू की बुर लेता है ? उसने कहा भाभी जवानी में सब चलता है, सब जायज़ है। अब देखो न मैं कुक्कू की बीवी चोदता हूँ और कुक्कू मेरी बीवी चोदता है ? मम्मी ने पूंछा कबसे चल रहा है यह सिलसिला ? वह बोला मेरी सुहागरात में इसमें मेरी बीवी चोदी थी। इसकी सुहागरात में मैंने इसकी बीवी चोदी थी। तभी से सिलसिला चालू हो गया। इतना ही नहीं अब तो हमारी बेटियां भी बड़ी हो गयीं है। उनकी शादी भी हो गयी है।पर आज भी मेरी बेटी इसका लन्ड पीती है और इसकी बेटी मेरा लन्ड पीती है। दोनों जब माईके आती हैं तो इसकी बेटी मुझसे चुदवाकर जाती है और मेरी बेटी इससे चुदवाकर जाती है।
इस तरह की बातों से माहौल में और गर्मी बढ़ गयी। चुदाई और ज्यादा स्पीड से होने लगी। मैं भी और मम्मी भी गांड उठा उठा के भकाभक चुदवाने लगीं। फिर बेच में क्या हुआ पता ही नहीं चला। कुक्कू के लन्ड मेरी चूत में आ गया और मेरे ससुर का लन्ड मेरी मम्मी की बुर में घुस गया। लन्ड इधर उधर हो गए तो मज़ा भी ज्यादा आने लगा।
यार सुनीता, मैं तो ख़ुदा से दुआ करती हूँ की हर एक लड़की को मेरी जैसी मम्मी मिले और मेरे जैसा ससुर ? तो ऐसी है मेरी माँ और मेरी बुर चोदी माँ की चूत ? अनुजा की कहानी सुनकर मेरी चूत की और धधक उठी। मैंने कहा यार तूने तो कहानी सुना के मेरी चूत की आग और भड़का दी है। वह बोली मैं यही कहने आयी हूँ की आज मैं अपने ससुर का लन्ड तेरी बुर में घुसेडूंगीं। और उसके दोस्त का लन्ड तेरी माँ की चूत में ? उन दोनों को हमने रोक लिया है। अम्मी यह सुनकर बड़ी खुश हुई और बोली अनुजा अगर हम दोनों तेरे घर में उन दोनों
फिर तो रात भर हम दोनों उसके ससुर और उसके दोस्त से चुदवाती रहीं। हमारे सामने ही अनु और उसकी माँ मेरे ससुर और उसके दोस्त से चुदवाती रहीं। चुदवाने में मेरी मौसी भी बड़ी एक्सपर्ट है। मौसी बोली अरी सुनीता देख न ये तेरी बुर चोदी मौसी की बुर चोदी चूत कितनी हरामजादी है ? कितनी मस्ती और कितनी बेशर्मी से लन्ड खा रही है तेरी मौसी की चूत ? तब तक अनुजा भी मस्ती में आकर बोली और सुनीता इधर भी देख कितनी मस्ती से लन्ड खा रही है तेरी भोसड़ी वाली मौसी की बिटिया की बुर ? अनुजा ने फिर कहा यार सुनीता एक बात तो है की हमें "sex " की कहानियों ने जवानी का मज़ा लेना सिखा दिया।
एक दिन मेरी बुआ का फोन आ गया। वह बोली - सुनीता आज तुम शाम को ८ बजे आ जाना तुमसे कुछ काम है। मैंने कहा जी बुआ जी मैं आ जाऊंगी। मैं बुआ जी के घर पहुंची तो मगर एक घंटा देरी से।
- मैंने फोन किया तो वह बोली - सुनीता दरवाजा खुला है तुम सीधे मेरे कमरे में आ जाओ। मैं फ़ौरन उसके कमरे में बेधड़क घुस गयी। बुआ सामने अध नंगी बैठी थीं। उसका भोसड़ा दिख रहा था। उसकी बेटी भी बगल में बैठी थी उसकी तो चूँचियाँ ही पूरी खुली थीं. मुझे यह समझने में देर नहीं लगी की ये दोनों मिलकर चोदा चोदी करतीं हैं। रोली अपनी माँ चुदवाती है और सीमा बुआ अपनी बेटी।
- मेरे घुसते ही वह बोली - सुनीता तू बुर चोदी इतनी देर से क्या अपनी माँ चुदा रही थी ?
- मैंने कहा - नहीं बुआ जी ,,,,,,,,,,,,,,,,, .
- मेरी बात ख़तम नहीं हुई वह बोली - तो क्या तू किसी का लण्ड हिला रही थी भोसड़ी वाली ?
- मैंने कहा - नहीं बुआ जी मैं ट्रैफिक जाम में फंस गयी थी।
- वह बोली - ठीक है चलो बैठो और शराब पियो हमारे साथ।
थोड़ा नशा चढ़ा तो रोली ने कहा - सुनीता, तेरी माँ की नन्द की बुर ? बस मस्तियाँ चढ़ने लगी। दीदी ने अपनी ही माँ की चूत के बारे में कहा।
तब बुआ बोली - सुनीता, तेरी बुआ की बिटिया की बुर ?
फिर क्या मैंने भी कह दिया। बुआ तेरी भाभी का बहन चोद भोसड़ा ? और तेरी भाभी की बेटी की चूत ?
रोली ने कहा देखो सुनीता ये मेरा देवर आज मेरी माँ चोदने आया है।और इसका दोस्त मेरी माँ की बेटी की बुर लेगा। तब तक सीमा बोली और ये दोनों भोसड़ी के मेरी भाभी की बिटिया की बुर चोदेंगें।
मैं यह सुनकर मस्त हो गयी। बुआ में कहा सुनीता मैंने तुम्हे आज इन लोगों से चुदवाने के लिए ही बुलाया है। आज तुम्हे सबके सामने इन दोनों के लण्ड चोदना होगा। फिर क्या पल भर में हम सब नंगी हो गयीं और वो दोनों भी नंगे हो गए। मैंने जब उनके लण्ड देखे तो मैं जबरदस्त चुदासी हो गयी। रोली दीदी ने अखिल का लण्ड मुझे पकड़ा दिया और सूरज का लण्ड बुआ को। उसके बाद रात भर हम सबने लण्ड अदल बदल कर खूब चुदवाया।
तो दोस्तों जवानी का मज़ा ऐसा ही होता है और जवानी भी बुर चोदी अंधी होती है।
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