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गन्दी गन्दी बातें करने से उसे कोई परहेज नहीं - Gandi gandi baten karne se parhej nahi
गन्दी गन्दी बातें करने से उसे कोई परहेज नहीं - Gandi gandi baten karne se parhej nahi , लुच्ची और अटपटी बातें और गालियाँ देने वाली की चुदाई , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मेरा नाम खुशबू है, दोस्तों। मैं एक पढ़ी लिखी खूबसूरत और हॉट लड़की हूँ। मेरी उम्र २४ साल की है। मेरी शादी अभी ६ महीने पहले ही हुई है। मेरा शौहर दुबई में काम करता है और साल में दो बार ही यहाँ आ पाता है। यहाँ मैं अपनी सास और नन्द के पास रहती हूँ। मेरा माईका भी इसी शहर में है। इसलिए मुझे वहाँ आने जाने में कोई तकलीफ नहीं होती है। मेरे कुनबा बहुत बड़ा है और मेरे ससुराल वालों का भी। मेरी सास नन्द दोनो ही अच्छे स्वाभाव की हैं। हम तीनो बड़े प्यार से ज़िन्दगी गुज़ार रहीं हैं।
मेरी सास का नाम है फरज़ाना बेगम। वह ४६ साल की मद मस्त और एकदम जवान महिला हैं। खूब हंसी मजाक करतीं हैं। खुल कर बातें करतीं है। गन्दी गन्दी बातें करने से उसे कोई परहेज नहीं है। गालियां मुंह से निकालना उसकी आदत है। अच्छी बात है की वह जिससे प्यार करतीं है उसी को गालियां देतीं हैं। यही आदत मेरी नन्द की भी है। मेरी नन्द का नाम है सनाया। वह २३ साल की है और उसकी भी शादी हो गयी है। उसकी भी ससुराल इसी शहर में है. आजकल वह यहाँ हमारे पास आयी हुई है।
एक दिन मैं सनाया के साथ बैठी खूब मस्ती से बातें कर रही थी। इतने में मेरी सास आ गयी। पता नहीं वह किस मूड में थीं। शायद कुछ मजाक के मूड में लग रही थी वह।
आते ही बोली - बहू, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा। आज मैं तेरी नन्द की माँ चोदूंगी ? मैं मन में कहने लगी अरे यह क्या ? मेरी नन्द की माँ तो मेरी सास ही हैं तो क्या यह अपनी चूत चोदने की बात कह रहीं हैं। यह तो मुझे मालूम था की मेरी सास सबसे प्यार की गालियां देकर बात करतीं हैं।
तब तक मेरी नन्द बोल पड़ी - अम्मी, तेरी बहू की नन्द की चूत ? मैं आज तेरी बहू की नन्द चोदूंगी ? यहाँ भी मैं सोंचने लगी की मेरी सास की बहू की नन्द तो खुद सयाना ही है। वह भी अपनी ही चूत चोदने की बात कह रही है।
फिर क्या मैं भी स्वर में स्वर मिलाती हुई बोली - नन्द रानी, तेरी माँ की बहू की बुर ? आज मैं भी चोदूंगी तेरी माँ की बहू की बुर ?
मेरी बात सुनकर वो दोनों खूब खिलखिलाकर हंसने लगी और कहा बहू अब तुम बिलकुल हम लोगों की जैसी हो गयी हो। अब आएगा मस्त मज़ा ? मैं दो दिन तक देखती रही लेकिन कोई चोदने वाला नहीं आया। लन्ड कहीं दिखा नहीं मुझे। मैं समझ गयी की ये सब हवा हवाई बातें हैं। न किसी की बुर चुदी, न किसी की चूत और न किसी का भोसड़ा ?
रात को १२ बजे मेरी नन्द मेरे पास आई और बोली भाभी चलो मेरी माँ चोदो। मैंने कहा तू मुझे बेवकूफ़ समझ रही है क्या ? मुझे चूतिया बना रही है तू माँ की लौड़ी सनाया ? लन्ड तो कोई है नहीं तेरी माँ के भोसड़ा में क्या हाथ घुसेडूंगी मैं ? वह बोली अरे भाभी हाथ नहीं लन्ड घुसेड़ना उसमे भोसड़ा में भाभी ? अब तुम्हे यह तय करना है की कौन का लौड़ा घुसेड़ोगी मेरी माँ की चूत में ? तुम चलो तो मेरे साथ मैं तुम्हे लौड़ा दिखाऊंगी। मैं उसके साथ चल पड़ी। वह मुझे ऊपर के कमरे में ले गयी। मैं जैसे ही कमरे में घुसी तो देखा की वहां ३ लड़के एकदम नंगे नंगे बैठे हैं। तीनो के लन्ड खड़े हैं। सनाया ने एक लन्ड मुझे पकड़ा दिया और कहा भाभी देखो ये कैसा लन्ड है ? मैं लन्ड अलट पलट कर देखने लगी तब तक उसने मुझे नंगी कर दिया। बस एक लड़का मेरी चूंची नोचने लगा और दूसरा मेरी चूत सहलाने लगा।
तब तक सनाया भी बुर चोदी नंगी हो गई। उसे नंगी देख कर उन तीनो के लन्ड साले और टन टना गए। वह बोली भाभी ये सब साले मेरे मोहल्ले के लड़के हैं। मैं अक्सर इनके लन्ड पीती हूँ लन्ड पेलती हूँ और लन्ड चाटती हूँ। उसने मुझे दूसरा और तीसरा भी लन्ड पकड़ा दिया और कहा भाभी बताओ न कौन सा लन्ड पेलोगी अपनी सास की चूत में ? मैंने कहा ये वाला टेढा लन्ड अपनी सास की चूत में और ये वाला मोटा लन्ड अपनी नन्द की चूत में पेलूंगी। उसने तीसरा लन्ड पकड़ा और बोली फिर तो ये लन्ड मैं अपनी भाभी की बुर में घुसेडूंगी। मैं चोदूंगी अपनी भाभी की बुर ? मेरी भाभी चोदेगी मेरी बुर और मेरी माँ की बुर ? मैं यह सुनकर बहुत खुश हो गयी। फिर हम पांचो लोग नंगे नंगे अपनी सास के कमरे में घुस गयीं।
मेरी सास तो हम लोगों से आगे ही निकल गयीं। वह तो अपने सारे कपड़े खोल कर दो दो लन्ड का मज़ा ले रही थी। एक लन्ड एक हाथ में और दूसरा लन्ड दूसरे हाथ में। दोनों लन्ड बारी बारी से चाट रही थी। हमें देखत ही बोली हाय अल्ला, सनाया तू भोसड़ी की इतनी देर से इन लौड़ों से अपनी माँ चुदा रहीं थीं क्या ? नन्द बोली नहीं अम्मी माँ चुदाने तो अब आयी हूँ। तेरी बेटी और बहू चुदाने आयी हूँ। वह बोली सनाया तेरी माँ की चूत बहन चोद मैं तुम्ही को ढूंढ रही थी की जल्दी से यहाँ आ और अपनी नयी भाभी चुदवा ले ? तू जब नहीं मिली तो मैं खुद ही लन्ड हिलाने लगी। मेरी नन्द बोली लन्ड तो मैं भी हिला रही थी, अम्मी । तेरी बिटिया की बुर फरज़ाना मुझे क्या मालूम था की तू इतनी जल्दी अपनी बहू चुदवा लेगी ? पर पहले मुझे यह बताओ अम्मी की ये दोनो हैं कौन भोसड़ी वाले ?
सास ने कहा ये है अमीन मेरी सहेली का मियां और ये है साहिर इसका दोस्त। सास ने दोनों लन्ड दिखा कर बोला। मैं उसके बताने से पहचान गयी की साहिर का लन्ड कौन सा है और अमीन का लन्ड का लन्ड कौन सा है ? तब तक सनाया ने टेढा लन्ड अपनी माँ को पकड़ा दिया। मोटा लन्ड मुझे पकड़ा दिया। उधर मैंने सशीर का भी लन्ड पकड़ा लिया और सनाया ने अमीन का लन्ड ? अब मेरे हाथ में दो दो लन्ड। सनाया के पास भी दो लन्ड और सास के पास एक लन्ड ? हम तीनो अपने अपने लन्ड चाटने और चूसने लगीं। यह पहला मौक़ा था जब की मैं अपनी सास और नन्द के साथ चुदवाने जा रही थी। मुझे इस बात की ख़ुशी थी की मेरी सास और मेरी नन्द दोनों बुर चोदी मेरी ही तरह लन्ड की दीवानी हैं। और दोनों ही गाली गाली दे दे कर चुदवाने में माहिर हैं। प्यार भरी गालियों से चुदाई में आखिरी तक जोश बना रहता है।
तब तक सनाया ने धीरे से टेढा लन्ड उसी से लेकरअपनी माँ की चूत में घुसेड़ दिया। वह बोली हाय दईया सनाया मैंने तुझे अपनी भाभी की बुर चोदने के लिए बुलाया है और तू नेअपनी माँ की ही बुर में लन्ड पेल दिया। तू भोसड़ी की बड़ी हरामजादी है। उसने कहा अरे अम्मी देखती जाओ अब तेरी बहू की ही बारी है। वह घूमी और मोटा लन्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। मैं साहिर का लन्ड चाटते हुए चुदवाने लगी। वह बोली देखा अम्मी अब दोनों सास बहू कितनी मस्ती से चुदवा रहीं हैं ? सास बोली बहू तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? देखो कितनी चालाकी से इसने हमारी चूत में लन्ड घुसा दिया। अब तू भी बदला ले ले बहू और पेल दे अपनी नन्द की बुर में लन्ड ? मैंने वही किया। तीसरा लन्ड मैंने उसकी चूत में घुसेड़ा तो वह भी रंडी की तरह चुदवाने लगी। उसके मुंह में अमीन का लन्ड तो घुसा ही था।
सच है की इस सामूहिक चुदाई का जबाब नहीं ? मैं भी मस्ती में थी और मजाक करते हुए बोली सनाया तुझे अपनी माँ चुदाने में मज़ा आ रहा है न ? वह बोली मुझे तेरी बुर चुदाने में ज्यादा मज़ा आ रहा है भाभी ? उधर से सास बोली बेटी तेरी भाभी की सास का भोसड़ा ? तेरी भाभी की नन्द की बुर ? मैंने कहा अम्मी तेरी बहू की नन्द की चूत। तेरी बहू की सास की गांड ? फिर मुझे भी जोश आ गया मैं बोली सासू जी, तेरी बहू की नन्द की बुर ? तेरी बहू की सास का भोसड़ा ? ऐसी मस्ती न मैंने पहले कभी सुनी और न देखा ? आज तो वाकई बड़ा मज़ा आ रहा है। मैं तो चाहती हूँ की इस चुदाई में और लोग भी शामिल हो जायें और मज़ा दुगुना तिगुना हो जाये ? इसी को कहते है अय्यासी करना और जवानी का मज़ा लूटना ?
फिर साहिर मुझे चोदने लगा और अमीन सनाया को। सास की बुर में मोटा लन्ड घुस गया और टेढा लन्ड मेरी नन्द के मुंह में ? मेरी सास तीसरे लन्ड से चुदवाने लगीं। इस तरह उसकी बुर का लन्ड मेरे मुंह में ? मेरे मुंह का लन्ड उसकी बुर में ? उसके मुंह का लन्ड मेरी बुर में और मेरे मुंह का लन्ड उसकी बुर में ? यही रात भर होता रहा और चुदती रही सास बहू और नन्द की चूत ?
एक दिन शाम को मेरी नन्द बोली - हाय अम्मी आज तो तेरा जीजू आया है। आज तो रात में तेरी बजेगी ? वह बोली - अरी सनाया तो तू जली क्यों जा रही है ? आज तो तेरी भी बजेगी ? नन्द बोली - क्या मतलब ? मेरी क्यों बजेगी और कौन भोसड़ा का बजायेगा मेरी ? सास बोली - आज तेरा भी जीजू आने वाला है ? वही बजायेगा तेरी चूत का बाजा ? तो तेरा जीजू तुझे चोदेगा और मेरा जीजू मुझे चोदेगा ? नन्द ने कहा - नहीं अम्मी आज इस तरह नहीं होगा। आज कुछ अलग होगा। आज तेरा जीजू मुझे चोदेगा और मेरा जीजू तुझे चोदेगा ?
मैं इन दोनों की बातें सुन रही थी। मुझसे न रहा गया तो मैं बोल पड़ी - मेरी बुर चोदी नन्द रानी, अगर तेरी माँ का जीजू तुझे चोदेगा और तेरा जीजू तेरी माँ चोदेगा तो फिर मुझे क्या तेरा बाप चोदेगा ,,,,,,,,, ?
वो दोनों मेरी बात सुनकर हंस पड़ी। फिर सनाया बोली अरे है भाभी तुमने तो बिलकुल सही कहा। मेरा अब्बू तो आने वाला है। अब तो तुझे मेरा बाप ही चोदेगा। अगर मेरा बाप तुझे चोदेगा तो तुझे बड़ा मज़ा आएगा भाभी ? उसका लन्ड साला बड़ा हलब्बी है। मेरी बात न मानो तो मेरी खाला जान से पूंछ लो। वो तो मेरे बाप के लन्ड की बहुत बड़ी दीवानी है। और वह ही क्यों ? उसकी बेटी भी मेरे बाप का लन्ड बहुत पसंद करती है। जब भी अपनी ससुराल से आती है तो बिना मेरे बाप से चुदवाये वापस नहीं जाती ?
उसकी बात सुन कर मैंने कहा पर आज रात को मुझे कौन चोदेगा यह सवाल तो बिलकुल लन्ड की तरह खड़ा ही है।
तब तक किसी ने नन्द के फोन की घंटी बजा दी। उसने बात करना शुरू किया। उधर से फाइन आया अरे भाभी मैं बाहर खड़ा हूँ दरवाजा तो खोलो। सनाया ने फ़ौरन दरवाजा खोला तो सामने उसका जीजा अनस खड़ा है और उसके बगल उसका देवर असद । उन दोनों को बैठा कर सनाया मेरे पास आयी और बोली भाभी तेरा सवाल अब बैठ गया है क्योंकि तुझे चोदने वाला लन्ड खड़ा हो गया है। वैसे एक बात है की कल मेरा बाप आएगा और तुझे तो मेरा बाप भी चोदेगा। रात को हमफिल लग गयी। एक तरफ मैं मेरी नन्द और मेरी सास थीं तो दूसरी तरफ सास का जीजू हसन, नन्द का जीजू अनस और नन्द का देवर असद। तीन लन्ड उधर और तीन चूत इधर।
सनाया ने सास के जीजू के पैजामे में हाथ घुसेड़ दिया। उसे देख कर सास ने सनाया के जीजू के लन्ड पर हाथ रख दिया। उसका जीजू तो सास का दामाद ही है। मेरी सास तो इतनी चुदक्कड़ है की अपनी बेटी के मियां का लन्ड भी घुसा लेती है अपने भोसड़ा में। अनस और हसन दोनों के लन्ड टन टना उठे। दोनों ने लन्ड बाहर भी नई निकाल लिया। फिर मैं कहाँ पीछे रहने वाली थी। मैंने भी असद का लौड़ा अंदर से खींच कर निकाल लिया। वह बोला अरे भाभी लौड़ा तो तुमने निकाल लिया अब अपनी चूंचियां भी तो निकालो। अपनी चूत भी तो दिखाओ। उसका कहना सही था तो मैं कपड़े खोल कर नंगी हो गयी। तब तक वो दोनों भी वस्त्र विहीन हो गयीं। सामने तीनो मरद भी भोसड़ी के नंगे हो गए। सबकी नज़र तीनो लन्ड पर थी। तब तक मैंने कहा सनाया बुर चोदी अब तू चुदवा ले अपनी माँ का भोसड़ा ? उधर से मेरी सास बोली बहू खुशबू भोसड़ी की तू भी चुदवा अपनी नन्द की चूत ? फिर सामने से सनाया बोली अम्मी तू भी बहन चोद चुदवा ले झमाझम अपनी बहू की बुर ? हम लोगों की गन्दी गन्दी गालियां सुनकर उन तीनो ने लन्ड पेल दिया। इधर हम तीनो भकाभक चुदवाने लगीं।
थोड़ी देर में सास ने अनस का लन्ड मेरी बुर में ठोंक दिया और कहा दामाद जी अब तुम साले की बीवी चोदो। मैंने असद का लन्ड सनाया की चूत में घुसा दिया और कहा बेटा असद अब तुम अभी भाभी की बुर चोदो। तब तक सनाया ने हसन का लन्ड अपनी माँ के भोसड़ा में घुसाते हुए बोली फूफा जी अब तुम भी अपने साले की बीवी चोदो। हम तीनो के लन्ड बदल गये तो सबको अच्छा लगा। उसके बाद चुदाई में एक नया जोश आ गया। चारों तरफ से चुदाई की आवाज़ें आने लगीं। रात भर हम तीनो एक दूसरे की चूत में लन्ड पैलती रहीं। न कोई रात में सोया और न किसी को सोने दिया गया।
दो दिन बाद मेरी सास अपने दामाद से साथ अपनी बड़ी बेटी के पास चली गयीं।अब घर में मैं और मेरी नन्द बचीं। उसके अगला दिन मेरा ससुर आ गया। उसके साथ उसका एक दोस्त भी था। दिन में तो वो लोग इधर उधर काम से घूमते रहे रात में सब एक साथ कमरे में बैठ कर बातें करने लगे। सनाया को मालूम था की मेरा बाबू शराब का शौक़ीन है इसलिए उसने ड्रिंक्स का सेट लगा रखा था। फिर हम सब लोग दारू पीने लगे। नशा चढ़ने लगा और मस्ती भी छाने लगी। मेरी नन्द बोली अब्बू ये आपका दोस्त साजिद तो बहुत पुराना है न ? वह बोला हां बेटी ये तो मेरा जिगरी दोस्त है। नन्द में कहा कितना जिगरी है ये आपका दोस्त ? वह बोला हम दोनों एक दूसरे से कुछ भी नहीं छुपाते। सब कुछ खुल्लम खुल्ला है। नन्द मेरी अपने अब्बू से खुली हुई थी। यह मुझे मालूम था। सनाया ने पूंछा अब्बू तूने कभी अपने दोस्त की बीवी को नंगी देखा है। वह बोला हां देखा है और कई बार देखा है। उसने भी मुझे नंगा देखा है ? सनाया फिर मस्ती में बोली हाय अल्ला, इसका मतलब तूने अपना भोसड़ी का लन्ड उसकी बीवी को दिखा दिया ? वह बोला मैंने दिखा नहीं दिया उसने खुद पकड़ कर देख लिया मेरा लन्ड ? तब तक हनीफ बोला सनाया बात यह है की ये मेरी बीवी चोदता है और मैं इसकी बीवी चोदता हूँ। इसलिए हम दोनों पक्के दोस्त हैं।
तब सनाया का सब्र का बाँध टूट गया। उसने हनीफ के लन्ड पर हाथ रख दिया। उसका पैजामा खोल डाला और लौड़ा अंदर ही अंदर हिलाने लगी। फिर वह उठी और मेरा हाथ पकड़ कर अपने अब्बू के पैजामे में घुसेड़ दिया और बोली भाभी लो पकड़ो मेरे बाप का लन्ड ? थोड़ी देर में दोनों लन्ड बाहर निकल आये। मैंने जब दोनों लन्ड देखा तो दंग रह गयी। इतने बड़े और मोटे लन्ड मैंने पहले कभी नहीं देखा था। सनाया ने एक एक करके मेरे भी कपड़े उत्तर दिया। मैं भी नंगी और वह भी नंगी। उसका अब्बू भी साला नंगा हो गया और उसका दोस्त भी। नशा साल कुछ ज्यादा ही हो गया था। सनाया साजिद का लन्ड पीने लगी और मैं अपने ससुर का लन्ड ? मैं लन्ड बाहर निकाल कर उससे खेलने भी लगी। मैने कहा मादर चोद, भोसड़ी के, तुम बड़े हरामी हो, तेरी बहन का लन्ड, तेरी बिटिया की बुर ? मेरा ससुर बोला क्या हो गया तुझे बहू ? मैंने कहा ससुर जी मैं तुमसे नहीं तेरे लन्ड से बात कर रही हूँ।
सब लोग मेरी बात सुनकर हंसने लगे।
जब मेरे ससुर ने लन्ड पेला मेरी चूत में तो मेरी तो जान ही निकल गयी। लेकिन उसके बाद जो मज़ा आया उसे बयान नहीं कर सकती। यह वही मज़ा था जो मेरी नन्द को साजिद से चुदवाने में आ रहा था।
मैंने तो उस दिन मजाक में कहा था की मुझे क्या तेरा बाप चोदेगा ,,,,,,,,,, नन्द रानी ?
आज वह मजाक हकीकत में बदल गया।
मेरा नाम खुशबू है, दोस्तों। मैं एक पढ़ी लिखी खूबसूरत और हॉट लड़की हूँ। मेरी उम्र २४ साल की है। मेरी शादी अभी ६ महीने पहले ही हुई है। मेरा शौहर दुबई में काम करता है और साल में दो बार ही यहाँ आ पाता है। यहाँ मैं अपनी सास और नन्द के पास रहती हूँ। मेरा माईका भी इसी शहर में है। इसलिए मुझे वहाँ आने जाने में कोई तकलीफ नहीं होती है। मेरे कुनबा बहुत बड़ा है और मेरे ससुराल वालों का भी। मेरी सास नन्द दोनो ही अच्छे स्वाभाव की हैं। हम तीनो बड़े प्यार से ज़िन्दगी गुज़ार रहीं हैं।
मेरी सास का नाम है फरज़ाना बेगम। वह ४६ साल की मद मस्त और एकदम जवान महिला हैं। खूब हंसी मजाक करतीं हैं। खुल कर बातें करतीं है। गन्दी गन्दी बातें करने से उसे कोई परहेज नहीं है। गालियां मुंह से निकालना उसकी आदत है। अच्छी बात है की वह जिससे प्यार करतीं है उसी को गालियां देतीं हैं। यही आदत मेरी नन्द की भी है। मेरी नन्द का नाम है सनाया। वह २३ साल की है और उसकी भी शादी हो गयी है। उसकी भी ससुराल इसी शहर में है. आजकल वह यहाँ हमारे पास आयी हुई है।
एक दिन मैं सनाया के साथ बैठी खूब मस्ती से बातें कर रही थी। इतने में मेरी सास आ गयी। पता नहीं वह किस मूड में थीं। शायद कुछ मजाक के मूड में लग रही थी वह।
आते ही बोली - बहू, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा। आज मैं तेरी नन्द की माँ चोदूंगी ? मैं मन में कहने लगी अरे यह क्या ? मेरी नन्द की माँ तो मेरी सास ही हैं तो क्या यह अपनी चूत चोदने की बात कह रहीं हैं। यह तो मुझे मालूम था की मेरी सास सबसे प्यार की गालियां देकर बात करतीं हैं।
तब तक मेरी नन्द बोल पड़ी - अम्मी, तेरी बहू की नन्द की चूत ? मैं आज तेरी बहू की नन्द चोदूंगी ? यहाँ भी मैं सोंचने लगी की मेरी सास की बहू की नन्द तो खुद सयाना ही है। वह भी अपनी ही चूत चोदने की बात कह रही है।
फिर क्या मैं भी स्वर में स्वर मिलाती हुई बोली - नन्द रानी, तेरी माँ की बहू की बुर ? आज मैं भी चोदूंगी तेरी माँ की बहू की बुर ?
मेरी बात सुनकर वो दोनों खूब खिलखिलाकर हंसने लगी और कहा बहू अब तुम बिलकुल हम लोगों की जैसी हो गयी हो। अब आएगा मस्त मज़ा ? मैं दो दिन तक देखती रही लेकिन कोई चोदने वाला नहीं आया। लन्ड कहीं दिखा नहीं मुझे। मैं समझ गयी की ये सब हवा हवाई बातें हैं। न किसी की बुर चुदी, न किसी की चूत और न किसी का भोसड़ा ?
रात को १२ बजे मेरी नन्द मेरे पास आई और बोली भाभी चलो मेरी माँ चोदो। मैंने कहा तू मुझे बेवकूफ़ समझ रही है क्या ? मुझे चूतिया बना रही है तू माँ की लौड़ी सनाया ? लन्ड तो कोई है नहीं तेरी माँ के भोसड़ा में क्या हाथ घुसेडूंगी मैं ? वह बोली अरे भाभी हाथ नहीं लन्ड घुसेड़ना उसमे भोसड़ा में भाभी ? अब तुम्हे यह तय करना है की कौन का लौड़ा घुसेड़ोगी मेरी माँ की चूत में ? तुम चलो तो मेरे साथ मैं तुम्हे लौड़ा दिखाऊंगी। मैं उसके साथ चल पड़ी। वह मुझे ऊपर के कमरे में ले गयी। मैं जैसे ही कमरे में घुसी तो देखा की वहां ३ लड़के एकदम नंगे नंगे बैठे हैं। तीनो के लन्ड खड़े हैं। सनाया ने एक लन्ड मुझे पकड़ा दिया और कहा भाभी देखो ये कैसा लन्ड है ? मैं लन्ड अलट पलट कर देखने लगी तब तक उसने मुझे नंगी कर दिया। बस एक लड़का मेरी चूंची नोचने लगा और दूसरा मेरी चूत सहलाने लगा।
तब तक सनाया भी बुर चोदी नंगी हो गई। उसे नंगी देख कर उन तीनो के लन्ड साले और टन टना गए। वह बोली भाभी ये सब साले मेरे मोहल्ले के लड़के हैं। मैं अक्सर इनके लन्ड पीती हूँ लन्ड पेलती हूँ और लन्ड चाटती हूँ। उसने मुझे दूसरा और तीसरा भी लन्ड पकड़ा दिया और कहा भाभी बताओ न कौन सा लन्ड पेलोगी अपनी सास की चूत में ? मैंने कहा ये वाला टेढा लन्ड अपनी सास की चूत में और ये वाला मोटा लन्ड अपनी नन्द की चूत में पेलूंगी। उसने तीसरा लन्ड पकड़ा और बोली फिर तो ये लन्ड मैं अपनी भाभी की बुर में घुसेडूंगी। मैं चोदूंगी अपनी भाभी की बुर ? मेरी भाभी चोदेगी मेरी बुर और मेरी माँ की बुर ? मैं यह सुनकर बहुत खुश हो गयी। फिर हम पांचो लोग नंगे नंगे अपनी सास के कमरे में घुस गयीं।
मेरी सास तो हम लोगों से आगे ही निकल गयीं। वह तो अपने सारे कपड़े खोल कर दो दो लन्ड का मज़ा ले रही थी। एक लन्ड एक हाथ में और दूसरा लन्ड दूसरे हाथ में। दोनों लन्ड बारी बारी से चाट रही थी। हमें देखत ही बोली हाय अल्ला, सनाया तू भोसड़ी की इतनी देर से इन लौड़ों से अपनी माँ चुदा रहीं थीं क्या ? नन्द बोली नहीं अम्मी माँ चुदाने तो अब आयी हूँ। तेरी बेटी और बहू चुदाने आयी हूँ। वह बोली सनाया तेरी माँ की चूत बहन चोद मैं तुम्ही को ढूंढ रही थी की जल्दी से यहाँ आ और अपनी नयी भाभी चुदवा ले ? तू जब नहीं मिली तो मैं खुद ही लन्ड हिलाने लगी। मेरी नन्द बोली लन्ड तो मैं भी हिला रही थी, अम्मी । तेरी बिटिया की बुर फरज़ाना मुझे क्या मालूम था की तू इतनी जल्दी अपनी बहू चुदवा लेगी ? पर पहले मुझे यह बताओ अम्मी की ये दोनो हैं कौन भोसड़ी वाले ?
सास ने कहा ये है अमीन मेरी सहेली का मियां और ये है साहिर इसका दोस्त। सास ने दोनों लन्ड दिखा कर बोला। मैं उसके बताने से पहचान गयी की साहिर का लन्ड कौन सा है और अमीन का लन्ड का लन्ड कौन सा है ? तब तक सनाया ने टेढा लन्ड अपनी माँ को पकड़ा दिया। मोटा लन्ड मुझे पकड़ा दिया। उधर मैंने सशीर का भी लन्ड पकड़ा लिया और सनाया ने अमीन का लन्ड ? अब मेरे हाथ में दो दो लन्ड। सनाया के पास भी दो लन्ड और सास के पास एक लन्ड ? हम तीनो अपने अपने लन्ड चाटने और चूसने लगीं। यह पहला मौक़ा था जब की मैं अपनी सास और नन्द के साथ चुदवाने जा रही थी। मुझे इस बात की ख़ुशी थी की मेरी सास और मेरी नन्द दोनों बुर चोदी मेरी ही तरह लन्ड की दीवानी हैं। और दोनों ही गाली गाली दे दे कर चुदवाने में माहिर हैं। प्यार भरी गालियों से चुदाई में आखिरी तक जोश बना रहता है।
तब तक सनाया ने धीरे से टेढा लन्ड उसी से लेकरअपनी माँ की चूत में घुसेड़ दिया। वह बोली हाय दईया सनाया मैंने तुझे अपनी भाभी की बुर चोदने के लिए बुलाया है और तू नेअपनी माँ की ही बुर में लन्ड पेल दिया। तू भोसड़ी की बड़ी हरामजादी है। उसने कहा अरे अम्मी देखती जाओ अब तेरी बहू की ही बारी है। वह घूमी और मोटा लन्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। मैं साहिर का लन्ड चाटते हुए चुदवाने लगी। वह बोली देखा अम्मी अब दोनों सास बहू कितनी मस्ती से चुदवा रहीं हैं ? सास बोली बहू तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? देखो कितनी चालाकी से इसने हमारी चूत में लन्ड घुसा दिया। अब तू भी बदला ले ले बहू और पेल दे अपनी नन्द की बुर में लन्ड ? मैंने वही किया। तीसरा लन्ड मैंने उसकी चूत में घुसेड़ा तो वह भी रंडी की तरह चुदवाने लगी। उसके मुंह में अमीन का लन्ड तो घुसा ही था।
सच है की इस सामूहिक चुदाई का जबाब नहीं ? मैं भी मस्ती में थी और मजाक करते हुए बोली सनाया तुझे अपनी माँ चुदाने में मज़ा आ रहा है न ? वह बोली मुझे तेरी बुर चुदाने में ज्यादा मज़ा आ रहा है भाभी ? उधर से सास बोली बेटी तेरी भाभी की सास का भोसड़ा ? तेरी भाभी की नन्द की बुर ? मैंने कहा अम्मी तेरी बहू की नन्द की चूत। तेरी बहू की सास की गांड ? फिर मुझे भी जोश आ गया मैं बोली सासू जी, तेरी बहू की नन्द की बुर ? तेरी बहू की सास का भोसड़ा ? ऐसी मस्ती न मैंने पहले कभी सुनी और न देखा ? आज तो वाकई बड़ा मज़ा आ रहा है। मैं तो चाहती हूँ की इस चुदाई में और लोग भी शामिल हो जायें और मज़ा दुगुना तिगुना हो जाये ? इसी को कहते है अय्यासी करना और जवानी का मज़ा लूटना ?
फिर साहिर मुझे चोदने लगा और अमीन सनाया को। सास की बुर में मोटा लन्ड घुस गया और टेढा लन्ड मेरी नन्द के मुंह में ? मेरी सास तीसरे लन्ड से चुदवाने लगीं। इस तरह उसकी बुर का लन्ड मेरे मुंह में ? मेरे मुंह का लन्ड उसकी बुर में ? उसके मुंह का लन्ड मेरी बुर में और मेरे मुंह का लन्ड उसकी बुर में ? यही रात भर होता रहा और चुदती रही सास बहू और नन्द की चूत ?
एक दिन शाम को मेरी नन्द बोली - हाय अम्मी आज तो तेरा जीजू आया है। आज तो रात में तेरी बजेगी ? वह बोली - अरी सनाया तो तू जली क्यों जा रही है ? आज तो तेरी भी बजेगी ? नन्द बोली - क्या मतलब ? मेरी क्यों बजेगी और कौन भोसड़ा का बजायेगा मेरी ? सास बोली - आज तेरा भी जीजू आने वाला है ? वही बजायेगा तेरी चूत का बाजा ? तो तेरा जीजू तुझे चोदेगा और मेरा जीजू मुझे चोदेगा ? नन्द ने कहा - नहीं अम्मी आज इस तरह नहीं होगा। आज कुछ अलग होगा। आज तेरा जीजू मुझे चोदेगा और मेरा जीजू तुझे चोदेगा ?
मैं इन दोनों की बातें सुन रही थी। मुझसे न रहा गया तो मैं बोल पड़ी - मेरी बुर चोदी नन्द रानी, अगर तेरी माँ का जीजू तुझे चोदेगा और तेरा जीजू तेरी माँ चोदेगा तो फिर मुझे क्या तेरा बाप चोदेगा ,,,,,,,,, ?
वो दोनों मेरी बात सुनकर हंस पड़ी। फिर सनाया बोली अरे है भाभी तुमने तो बिलकुल सही कहा। मेरा अब्बू तो आने वाला है। अब तो तुझे मेरा बाप ही चोदेगा। अगर मेरा बाप तुझे चोदेगा तो तुझे बड़ा मज़ा आएगा भाभी ? उसका लन्ड साला बड़ा हलब्बी है। मेरी बात न मानो तो मेरी खाला जान से पूंछ लो। वो तो मेरे बाप के लन्ड की बहुत बड़ी दीवानी है। और वह ही क्यों ? उसकी बेटी भी मेरे बाप का लन्ड बहुत पसंद करती है। जब भी अपनी ससुराल से आती है तो बिना मेरे बाप से चुदवाये वापस नहीं जाती ?
उसकी बात सुन कर मैंने कहा पर आज रात को मुझे कौन चोदेगा यह सवाल तो बिलकुल लन्ड की तरह खड़ा ही है।
तब तक किसी ने नन्द के फोन की घंटी बजा दी। उसने बात करना शुरू किया। उधर से फाइन आया अरे भाभी मैं बाहर खड़ा हूँ दरवाजा तो खोलो। सनाया ने फ़ौरन दरवाजा खोला तो सामने उसका जीजा अनस खड़ा है और उसके बगल उसका देवर असद । उन दोनों को बैठा कर सनाया मेरे पास आयी और बोली भाभी तेरा सवाल अब बैठ गया है क्योंकि तुझे चोदने वाला लन्ड खड़ा हो गया है। वैसे एक बात है की कल मेरा बाप आएगा और तुझे तो मेरा बाप भी चोदेगा। रात को हमफिल लग गयी। एक तरफ मैं मेरी नन्द और मेरी सास थीं तो दूसरी तरफ सास का जीजू हसन, नन्द का जीजू अनस और नन्द का देवर असद। तीन लन्ड उधर और तीन चूत इधर।
सनाया ने सास के जीजू के पैजामे में हाथ घुसेड़ दिया। उसे देख कर सास ने सनाया के जीजू के लन्ड पर हाथ रख दिया। उसका जीजू तो सास का दामाद ही है। मेरी सास तो इतनी चुदक्कड़ है की अपनी बेटी के मियां का लन्ड भी घुसा लेती है अपने भोसड़ा में। अनस और हसन दोनों के लन्ड टन टना उठे। दोनों ने लन्ड बाहर भी नई निकाल लिया। फिर मैं कहाँ पीछे रहने वाली थी। मैंने भी असद का लौड़ा अंदर से खींच कर निकाल लिया। वह बोला अरे भाभी लौड़ा तो तुमने निकाल लिया अब अपनी चूंचियां भी तो निकालो। अपनी चूत भी तो दिखाओ। उसका कहना सही था तो मैं कपड़े खोल कर नंगी हो गयी। तब तक वो दोनों भी वस्त्र विहीन हो गयीं। सामने तीनो मरद भी भोसड़ी के नंगे हो गए। सबकी नज़र तीनो लन्ड पर थी। तब तक मैंने कहा सनाया बुर चोदी अब तू चुदवा ले अपनी माँ का भोसड़ा ? उधर से मेरी सास बोली बहू खुशबू भोसड़ी की तू भी चुदवा अपनी नन्द की चूत ? फिर सामने से सनाया बोली अम्मी तू भी बहन चोद चुदवा ले झमाझम अपनी बहू की बुर ? हम लोगों की गन्दी गन्दी गालियां सुनकर उन तीनो ने लन्ड पेल दिया। इधर हम तीनो भकाभक चुदवाने लगीं।
थोड़ी देर में सास ने अनस का लन्ड मेरी बुर में ठोंक दिया और कहा दामाद जी अब तुम साले की बीवी चोदो। मैंने असद का लन्ड सनाया की चूत में घुसा दिया और कहा बेटा असद अब तुम अभी भाभी की बुर चोदो। तब तक सनाया ने हसन का लन्ड अपनी माँ के भोसड़ा में घुसाते हुए बोली फूफा जी अब तुम भी अपने साले की बीवी चोदो। हम तीनो के लन्ड बदल गये तो सबको अच्छा लगा। उसके बाद चुदाई में एक नया जोश आ गया। चारों तरफ से चुदाई की आवाज़ें आने लगीं। रात भर हम तीनो एक दूसरे की चूत में लन्ड पैलती रहीं। न कोई रात में सोया और न किसी को सोने दिया गया।
सब लोग मेरी बात सुनकर हंसने लगे।
जब मेरे ससुर ने लन्ड पेला मेरी चूत में तो मेरी तो जान ही निकल गयी। लेकिन उसके बाद जो मज़ा आया उसे बयान नहीं कर सकती। यह वही मज़ा था जो मेरी नन्द को साजिद से चुदवाने में आ रहा था।
मैंने तो उस दिन मजाक में कहा था की मुझे क्या तेरा बाप चोदेगा ,,,,,,,,,, नन्द रानी ?
आज वह मजाक हकीकत में बदल गया।
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