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अब मैं सबके लंड चाटने और चूसने लगी हूँ - Ab main sabke lund chutne aur chusne lagi hun
अब मैं सबके लंड चाटने और चूसने लगी हूँ - Ab main sabke lund chutne aur chusne lagi hun , बड़े और मोटे लंड देते है ज्यादा मजा , लौड़ा चूसकर वीर्य पी जाती हूँ , खूब मजा देती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
उस समय मैं 19 साल की हो गयी थी। मेरी जवानी फूट पड़ी थी। मौज़ मस्ती बढ़ चुकी थी। मैं दिन पर दिन बिंदास होने लगी थी और किसी की भी परवाह नहीं करती थी। सब कुछ बिना पूंछे करने लगी थी और अपने मन का करने लगी थी। मुझे महसूस हो गया की अब मैं बालिग हो गयी हूँ और जो चाहूं वो कर सकती हूँ. अब मुझे कोई रोकने टोकने वाला नहीं है। मैं अपने बॉय फ्रेंड्स बनाने लगी, उनके साथ घूमने लगी, सिनेमा देखने लगी और फिर धीरे धीरे उनके लण्ड पकड़ने लगी। उनसे अपनी चूँचियाँ मसलवाने लगी और अपनी चूत पर हाथ फेरवाने लगी. मेरी हरकतें बढ़ने लगी और मैं लण्ड मुंह में लेने लगी, लण्ड का सड़का मारने लगी और लण्ड का वीर्य पीने लगी। झड़ता हुआ लण्ड बड़े मजे से चाटने लगी। मैंने ये सब अपने लैपटॉप पर ब्लू फिल्मों से सीखा है। मैं हर दिन रात में पोर्न देखती हूँ तभी सोती हूँ। मैं धीरे धीरे बड़ी बेशरम और बोल्ड हो गयी। अपने मुंह से बेधड़क गालियां निकालने लगी। लोगों की माँ बहन चोदने लगी। लड़कों की गांड मारने लगी। यहाँ तक की मैंने कई बार मजाक मजाक में लड़कों को अपनी झांटें दिखा दीं, अपनी गांड खोल के दिखा दी और अपनी चूँचियों की भी झलक दिखा दी। लड़के सब भोसड़ी के मेरे आगे पीछे घूमने लगे। कुछ भी करने के लिए मेरी हिम्मत इसी तरह दिन पर दिन बढ़ने लगी।
मेरा नाम रितिका है। मैं बेहद खूबसूरत हूँ, गोरी चिट्टी हूँ, सेक्सी हूँ और हॉट हूँ. मेरे बूब्स बड़े बड़े हैं, मेरी गांड उभरी हुई है और जांघें मोटी हो गयी हैं। जाँघों के बीच की चूत के तो कहने ही क्या ? बड़ी मस्त है बुर चोदी, हमेशा लण्ड की तलाश में रहती है।
एक दिन मैं अपने बॉय फ्रेंड हरीश को लेकर घर आ गयी। मैंने सोंचा की आज मैं इसे यहीं घर में ही नंगा करूंगी, खुद भी नंगी हो जाऊंगी और फिर नंगी नंगी इसका लण्ड पियूँगी। आज मैं इसके लण्ड का पूरी आज़ादी से मज़ा लूटूँगी। मैं उसके कपडे खोलने लगी। मुझे लण्ड पकड़ने की इतनी जल्दी थी की मैं पूरे कपड़े खोल भी न पाई थी की लौड़ा बाहर निकाल लिया। तभी अचानक मेरी मम्मी आ गयीं। उसने मुझे लण्ड पकड़े हुए देख लिया। मैंने उसे देखा तो थोड़ा रुक गयी। मम्मी की नज़र लण्ड पर थी पर वह कुछ बोली नहीं।
मेरी मम्मी का नाम है मिसेज आराधना दुबे। वह 42 साल की एक बेहद सुन्दर सेक्सी और बोल्ड महिला हैं। पढ़ी लिखी हैं और एक कंपनी में काम करती हैं। गोरी चिट्टी और अच्छी कद काठी वाली हैं। उनके बूब्स मेरे बूब्स से बड़े हैं सुडौल हैं और आकर्षक हैं. जब वह बाहर निकलतीं हैं तो लोगों की नज़रें उनके बूब्स पर ही होतीं हैं। लोग तो यह समझते हैं की मम्मी मेरी मम्मी नहीं बल्कि बड़ी बहन हैं. आज की बात चीत से यह पक्का हो गया की मेरी मम्मी भी मेरी ही तरह लण्ड की शौक़ीन हैं। हँसते हँसते ही मम्मी ने हाथ बढ़ा कर हरीश का लण्ड पकड़ लिया और उसे हौले हौले प्यार से सहलाने लगीं। लण्ड मुठ्ठी में लेकर मुस्कराती हुई ऊपर नीचे करने लगी मम्मी। लण्ड बहन चोद खड़ा होने लगा। तब तक मम्मी ने खुद अपनी चूँचियाँ खोल डालीं जिन्हे देख कर हरीश का लण्ड एकदम से खड़ा हो गया।
मम्मी ने लण्ड का सुपाड़ा जबान निकाल कर चाटा तो मेरी मस्ती और बढ़ गयी। मैं फिर अपने कपड़े खोलकर एकदम नंगी हो गयी। उधर मम्मी ने भी अपना पेटीकोट खोल दिया। उसकी चूत देख कर मैं तो हैरान रह गयी। मैं समझती थी की मम्मी की चूत भोसड़ा बन गयी होगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उसकी चूत बुर चोदी चूत ही बनी रही। उस पर छोटी छोटी झांटें चूत की खूबसूरती बढ़ा रहीं थीं। तब तक मम्मी ने सुपाड़ा मुंह में भर लिया और मैं पेल्हड़ चाटने लगी। थोड़ी देर में मम्मी ने खुद लण्ड मेरे मुंह में घुसेड़ दिया और बोली ले भोसड़ी की रितिका अब तू लण्ड चूस कर दिखा ? मैं सुपाड़ा मुंह में भरे हुए चूसने लगी तो मम्मी पेल्हड़ चाटने लगीं। हरीश हम दोनों की कभी चूत कभी चूँचियाँ सहलाने लगा। मम्मी ने फिर कहा रितिका तू माँ की लौड़ी बड़ी चालक है। इतने बढ़िया लण्ड वाले लड़के को पटा लिया ? तेरी माँ की चूत साली एकदम गरमा गई है बेटी ? मैंने कहा तेरी बिटिया की बुर भी एकदम ज्वाला मुखी हो गयी है।
उधर लण्ड अपने पूरे ताव पर था। हम दोनों बारी बारी से उसे चाट चूस रहीं थीं। अचानक हरीश बोला आंटी जी मैं निकलने वाला हूँ। बस मम्मी ने लण्ड मुठ्ठी में लिया और सड़का मारने लगी। उसने मेरा मुंह लण्ड के एकदम सामने कर दिया और कहा अरी रितिका अपना मुंह खोले रख मैं इसी में गिरा दूँगी वीर्य आधा तुम पी लेना आधा मैं। मम्मी ने खचाखच स्पीड बढ़ा दी तो लण्ड उगलना शुरू कर दिया। मम्मी बोली ले भोसड़ी की पी ले मस्ताना लण्ड ? उसने सारा वीर्य मेरे मुंह एम् ही उड़ेल दिया और फिर लण्ड का सुपाड़ा कुतिया की तरह चाटने लगीं। मैं उसे लण्ड चाटते हुए देखने लगी। हरीश बोला यार रितिका मैं थोड़ा जल्दी ही झड़ गया। मम्मी ने कहा नहीं बेटा पहली बार ऐसा ही होता है। अगली बार तू मस्ती से हम दोनों की बुर चोदेगा। तेरा लण्ड बड़ा जबरदस्त है बेटा इसलिए तुझे चोदने में बड़ा मज़ा आएगा।
मैं एक बात आपको बता दूँ की मुझे और मम्मी दोनों को शराब पीने की आदत है। हम लोग रोज़ शराब पीती हैं। कभी मम्मी अपने दोस्तों के साथ शराब पीती हैं और मैं अपने दोस्तों के साथ। दूसरे दिन जब मैं कॉलेज जाने लगी तो मम्मी ने कहा बेटी रितिका आज शराब लेती आना नहीं तो शाम को क्या पियोगी बाबा जी का लण्ड ? मैंने हां कह दी पर मुझे ख्याल की कॉलेज में एक लड़का है बाबा हार्डी। सुना है की उसका लौड़ा बहुत मोटा है और उसे लड़कियां चोदने बड़ा शौक भी है। मैं शाम को स्कॉच की बोतल ले आयी और साथ में बाबा हार्डी भी। मैंने उसे बैठाया और मम्मी से मिलवाया।
फिर मैंने उसके कान में कहा - मम्मी, आज ये तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा चोदेगा।
मम्मी यह सुनकर मस्त हो गयीं। खैर हम तीनो ने दारू पीना शुरू ही किया था की एक और आदमी आ गया। वह मम्मी की उम्र का था। मम्मी ने उसे बैठाया और कहा बेटी ये मेरा दोस्त है विकी और विकी ये मेरी बेटी है रितिका आज तुम इससे पहली बार मिल रहे हो। वह हमारे साथ शराब पीने लगा।
तब मम्मी ने मेरे कान में कहा - बेटी, आज ये तेरी माँ की बिटिया की बुर चोदेगा।
यह सुनकर मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा क्योंकि अंकल बड़े हैंडसम थे। जब थोड़ा नशा चढ़ा तो मम्मी ने कहा बेटी रितिका ये विकी है न मेरा दोस्त , मैंने इसे पूरा नंगा देखा है और इसने मुझे पूरा नंगी देखा है। अब आज तुम इसे नंगा देखो। मैं समझ गयी की मम्मी इसका लण्ड पी चुकी हैं इससे चुदवा भी चुकी हैं। मैंने भी कहा मम्मी आज तुम मुझसे पहले मेरे दोस्त बाबा हार्डी को नंगा देखो। मैंने अभी तक इसका लण्ड नहीं देखा। लेकिन उसके पहले अपना मादर चोद भोसड़ा तो दिखाओ इसे। मेरी बात सुनकर मम्मी अपने कपड़े खोलने लगी और मैं विकी अंकल के कपड़े। उधर मम्मी जी नंगी हुई तो इधर विकी। मैंने विकी अंकल का लौड़ा पकड़ लिया और मम्मी बाबा हार्डी को नंगा करने लगीं। हार्डी का लौड़ा जब मम्मी के हाथ में आया तो वह बोल पड़ी वाओ, कितना मोटा और कितना लम्बा लौड़ा है तेरे दोस्त का बेटी रितिका ? ये तो सच में तेरी माँ का भोसड़ा फाड़ डालेगा।
तब तक मैं भी एकदम नंगी हो चुकी थी। मैं विकी अंकल का लण्ड चूसने लगी और मम्मी हार्डी का लण्ड। अहम दोनों नंगी और वे दोनों नंगे। मज़ा आने लगा। आधे घंटे तक यही होता रहा। फिर विकी अंकल ने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। उधर हार्डी ने भी मम्मी की बुर में लौड़ा ठोंक दिया। मैंने कहा अरे यार हार्डी तुम मुझे चोदने के पहले मेरी माँ चोदने लगे हो। वह बोला यार रितिका मुझे तेरी माँ चोदने में वही मज़ा आ रहा है जो कॉलेज की प्रोफेसर मिस रेनू को चोदने में आता है। वह भी इसी तरह अपनी गांड उठा उठा के चुदवाती है। मैंने कहां दईया यह बात मुझे नहीं मालूम थी। इसका मतलब रेनू मेम बहुत बड़ी बुर चोदी है। वह बोला रेनू मेम ही नहीं काजल मेम और पूजा मेम भी चुदवाती हैं मुझसे, यार। मम्मी ने कहा अरे बेटी इन तीनो मेम के अलावा और भी जितनी मेम हैं वो सब किसी न किसी से चुदवाती होंगीं। ये सब जवानी में होता ही है। ऐसी कौन सी खूबसूरत लड़की है भोसड़ी वाली जो कई लोगों से चुदवाती न हो ? अब इस बिचारे हार्डी को क्या मालूम की तुम कितने लड़को के लण्ड पकड़ती हो और कितने लड़कों से चुदवाती हो।
मम्मी की बात सुनकर वे दोनों और भकाभक चोदने लगे।
एक दिन मैं अपनी रूचि मौसी के घर चली गयी। मेरी मौसी बहुत ही खुश मिज़ाज़ नेचर की हैं। खूब हंसी मजाक करती है और खूब नॉन वेज चुटकुले सुनाती हैं। वह मेरी मम्मी से दो साल ही छोटी हैं। आशीष मेरे मौसा जी हैं। एक दिन मौसी नहीं थीं। घर मैं मैं और मौसा जी ही थे। मैं जब रात में बिस्तर पर चली गयी तो सो गयी। मेरी नींद रात को एक बजे खुली। मैं बाथ रूम गयी तो मौसा के कमरे की हलकी लाइट देखी। मैं उत्सुकता बस अंदर झाँकने लगी। मैंने देखा की मौसा जी बिल्कुल नंगे बैठे हैं। उसका लण्ड खड़ा है। लण्ड देख कर मेरी चूत बुर चोदी गीली हो गयी। मेरी लार टपकने लगी। मेरा मन हुआ की मैं भी अंदर घुस जाऊं और लण्ड मुंह में भर लूं। लेकिन मैंने मन में ठान लिया की मैं एक दिन ये लण्ड अपनी चूत में जरूर पेलूँगी। अब मझे उस औरत का इंतज़ार था जो मौसा का लण्ड पकड़ेगी। वह नंगी नंगी आयी और मुस्कराती हुई लण्ड पकड़ लिया। मैं उसे पहचान नहीं पाई लेकिन वह थी बहुत खूबसूरत और मेरी मम्मी की उम्र की थी।
फिर मैंने उनकी पूरी चुदाई देखी। यह मेरे लिए एक लाइव ब्लू फिल्म थी। दूसरे दिन जब मैं उठी तो मैंने उस औरत को कहीं नहीं पाया। मैं समझ गयी की वह औरत चली गयी है। अगले दिन मौसी आ गयी। मैं उससे बात करने लगी।
मौसी ने पूंछा - तुम लोगों ने अर्चना की बुर कब ली थी।
राका बोला। मैंने दो दिन पहले ली थी और राणा ने कल ली। इसके अलावा इन दो दिनों में किसी और की बुर चोदी है तुम लोगों ने ? राणा बोला मैंने अपनी मौसी का भोसड़ा चोदा ? राका ने बताया की मैंने अपनी भाभी की बहन की बुर चोदी। मुझे यह समझने में देर नहीं लगी की ये दोनों हम दोनों की बुर चोदने आये हैं। मौसी ने कहा। देखो ये रितिका मेरी बहन की बेटी है। आज तुम लोग इसकी बुर चोदो। मैंने भी जड़ दिया देखो ये रूचि बुर चोदी मेरी माँ की बहन है। इसका भोसड़ा पहले चोदो। फिर सब लोग मेरी बात पर हंसने लगे।
मौसी हाथ बढ़ाकर राका के कपड़े उतारने लगीं और मुझे राणा के कपड़े उतारने का इशारा किया। मैं भी बड़ी बेशर्मी से राणा के कपड़े खोलने लगी। मुझे तो लड़कों को नंगा करने में बड़ा मज़ा आता है। देखते ही देखते दोनों नंगे हो गए और उनके लण्ड बाहर आ गये। मौसी राका का लौड़ा हिलाने लगी और मैं राणा का लौड़ा। दोनों लण्ड मस्ती से खड़े हो गए , फिर मौसी ने मुझे नंगी कर दिया। मेरी मस्त मस्त और सख्त चूँचियाँ देख कर वे दोनों पागल हो गए। फिर मौसी भी फ़टाफ़ट नंगी हो गयीं।
मैं तो राणा के लण्ड खेलने लगी और मौसी राका के लण्ड से . लण्ड बहन चोद 8" + के थे। इतने बड़े बड़े लण्ड पाकर मुझे और मज़ा आने लगा. मैं लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी और मौसी भी लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। बड़ी देर तक हम दोनों 69 बन कर लण्ड चाटने लगी और वो दोनों हमारी बुर. अचानक मौसी बोली अरे राणा अब पेल दे न लण्ड रितिका की बुर में और चोद ले इसकी मस्तानी चूत। मैंने भी कहा हां राका तुम भी चोदो ने मेरी मौसी का भोसड़ा। राणा ने लण्ड गच्च से घुसा दिया मेरी चूत में तो मेरे मुंह से निकला उई माँ मर गयी। साले ने पूरा लौड़ा एक ही बार मे घुसा दिया। फाड़ डाला मेरी बुर। उधर मौसी तो एक मंजी हुई रंडी की तरह भकाभक चुदवाने लगीं. उसने कहा रितिका मज़ा आ रहा है न ? मैंने कहा हां मौसी मज़ा तो खूब आ रहा है। पर मुझे नहीं मौलम था की तू मादर चोद इतनी बड़ी चुदक्कड़ है। मौसा अगर एक पराई बीवी चोदता है तो तुम दो पराये मर्दों से चुदवाती हो। तुम तो बहुत बड़ी हरामजादी हो मौसी।
मौसी ने कहा - तेरी माँ का भोसड़ा रितिका। तेरी माँ की बहन की चूत। चुदवाने में मैं किसी बुर चोदी से कम नहीं हूँ। मैंने कहा - मौसी तेरी चूत तेरी बहन का भोसड़ा ? तेरी बुर तेरी बहन की बिटिया की बुर ? मैं भी बहुत बड़ी चुदक्कड़ हूँ। मैं किसी दिन तेरे सामने ही तेरे मियां का लौड़ा चोदूँगी, मौसी ?
इतने में राका ने लण्ड मौसी की बुर से निकाल कर मेरी बुर में पेल दिया। उधर राणा ने लण्ड मेरी चूत से निकाल कर मौसी के भोसड़ा में घुसा दिया।
इस तरह हम दोनों ने लण्ड अदल बदल कर रात भर खूब मजे से चुदवाया।
उस समय मैं 19 साल की हो गयी थी। मेरी जवानी फूट पड़ी थी। मौज़ मस्ती बढ़ चुकी थी। मैं दिन पर दिन बिंदास होने लगी थी और किसी की भी परवाह नहीं करती थी। सब कुछ बिना पूंछे करने लगी थी और अपने मन का करने लगी थी। मुझे महसूस हो गया की अब मैं बालिग हो गयी हूँ और जो चाहूं वो कर सकती हूँ. अब मुझे कोई रोकने टोकने वाला नहीं है। मैं अपने बॉय फ्रेंड्स बनाने लगी, उनके साथ घूमने लगी, सिनेमा देखने लगी और फिर धीरे धीरे उनके लण्ड पकड़ने लगी। उनसे अपनी चूँचियाँ मसलवाने लगी और अपनी चूत पर हाथ फेरवाने लगी. मेरी हरकतें बढ़ने लगी और मैं लण्ड मुंह में लेने लगी, लण्ड का सड़का मारने लगी और लण्ड का वीर्य पीने लगी। झड़ता हुआ लण्ड बड़े मजे से चाटने लगी। मैंने ये सब अपने लैपटॉप पर ब्लू फिल्मों से सीखा है। मैं हर दिन रात में पोर्न देखती हूँ तभी सोती हूँ। मैं धीरे धीरे बड़ी बेशरम और बोल्ड हो गयी। अपने मुंह से बेधड़क गालियां निकालने लगी। लोगों की माँ बहन चोदने लगी। लड़कों की गांड मारने लगी। यहाँ तक की मैंने कई बार मजाक मजाक में लड़कों को अपनी झांटें दिखा दीं, अपनी गांड खोल के दिखा दी और अपनी चूँचियों की भी झलक दिखा दी। लड़के सब भोसड़ी के मेरे आगे पीछे घूमने लगे। कुछ भी करने के लिए मेरी हिम्मत इसी तरह दिन पर दिन बढ़ने लगी।
मेरा नाम रितिका है। मैं बेहद खूबसूरत हूँ, गोरी चिट्टी हूँ, सेक्सी हूँ और हॉट हूँ. मेरे बूब्स बड़े बड़े हैं, मेरी गांड उभरी हुई है और जांघें मोटी हो गयी हैं। जाँघों के बीच की चूत के तो कहने ही क्या ? बड़ी मस्त है बुर चोदी, हमेशा लण्ड की तलाश में रहती है।
एक दिन मैं अपने बॉय फ्रेंड हरीश को लेकर घर आ गयी। मैंने सोंचा की आज मैं इसे यहीं घर में ही नंगा करूंगी, खुद भी नंगी हो जाऊंगी और फिर नंगी नंगी इसका लण्ड पियूँगी। आज मैं इसके लण्ड का पूरी आज़ादी से मज़ा लूटूँगी। मैं उसके कपडे खोलने लगी। मुझे लण्ड पकड़ने की इतनी जल्दी थी की मैं पूरे कपड़े खोल भी न पाई थी की लौड़ा बाहर निकाल लिया। तभी अचानक मेरी मम्मी आ गयीं। उसने मुझे लण्ड पकड़े हुए देख लिया। मैंने उसे देखा तो थोड़ा रुक गयी। मम्मी की नज़र लण्ड पर थी पर वह कुछ बोली नहीं।
- मैंने हिम्मत जुटायीऔर कहा मम्मी देखो अब मैं बालिग हो गई हूँ। मुझे अपने आप कुछ भी करने की आज़ादी है। मैं जवान हूँ और मेरे बदन में आग है। आज मेरी इच्छा हुई की मैं अपने ब्लॉय फ्रेंड का लण्ड पकड़ूँगी तो इसे यहाँ ले आई। अब तुम नाराज़ न होना ?
- वह बोली - नहीं रितिका मैं नाराज़ नहीं हूँगी। पर मेरी एक शर्त है।
- कौन सी शर्त है आपकी मम्मी ?
- मैं भी तेरे बॉय फ्रेंड का लण्ड पकड़ूँगी।
- वाओ, तब तो बहुत अच्छा होगा मम्मी। मज़ा आ जायेगा। पकड़ो न मुझे कोई आपत्ति नहीं है।
- मेरी एक और शर्त है बेटी ?
- हां हां वह भी बता दो मैं वह भी पूरी कर दूँगी।
- आज के बाद तुम जितने बॉय फ्रेंड्स के लण्ड पकड़ोगी वो सारे लण्ड मुझे भी पकड़ाओगी ? अगर तुमने ऐसा न किया तो फिर मैं तेरी माँ चोद दूँगी, बेटी रितिका।
- तो फिर मेरी भी एक शर्त है मम्मी।
- हां बोलो कौन सी शर्त है ?
- आज के बाद तुम अपने बॉय फ्रेंड्स के जितने लण्ड पकड़ोगी वो सब लण्ड मुझे भी पकड़ाओगी .
- हां मुझे तेरी शर्त मंजूर है।
- और अगर न पकड़ाया तो मैं तेरी बिटिया की बुर चोद दूँगी।
- हां हां बिलकुल मंजूर है बेटी।
मेरी मम्मी का नाम है मिसेज आराधना दुबे। वह 42 साल की एक बेहद सुन्दर सेक्सी और बोल्ड महिला हैं। पढ़ी लिखी हैं और एक कंपनी में काम करती हैं। गोरी चिट्टी और अच्छी कद काठी वाली हैं। उनके बूब्स मेरे बूब्स से बड़े हैं सुडौल हैं और आकर्षक हैं. जब वह बाहर निकलतीं हैं तो लोगों की नज़रें उनके बूब्स पर ही होतीं हैं। लोग तो यह समझते हैं की मम्मी मेरी मम्मी नहीं बल्कि बड़ी बहन हैं. आज की बात चीत से यह पक्का हो गया की मेरी मम्मी भी मेरी ही तरह लण्ड की शौक़ीन हैं। हँसते हँसते ही मम्मी ने हाथ बढ़ा कर हरीश का लण्ड पकड़ लिया और उसे हौले हौले प्यार से सहलाने लगीं। लण्ड मुठ्ठी में लेकर मुस्कराती हुई ऊपर नीचे करने लगी मम्मी। लण्ड बहन चोद खड़ा होने लगा। तब तक मम्मी ने खुद अपनी चूँचियाँ खोल डालीं जिन्हे देख कर हरीश का लण्ड एकदम से खड़ा हो गया।
मम्मी ने लण्ड का सुपाड़ा जबान निकाल कर चाटा तो मेरी मस्ती और बढ़ गयी। मैं फिर अपने कपड़े खोलकर एकदम नंगी हो गयी। उधर मम्मी ने भी अपना पेटीकोट खोल दिया। उसकी चूत देख कर मैं तो हैरान रह गयी। मैं समझती थी की मम्मी की चूत भोसड़ा बन गयी होगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उसकी चूत बुर चोदी चूत ही बनी रही। उस पर छोटी छोटी झांटें चूत की खूबसूरती बढ़ा रहीं थीं। तब तक मम्मी ने सुपाड़ा मुंह में भर लिया और मैं पेल्हड़ चाटने लगी। थोड़ी देर में मम्मी ने खुद लण्ड मेरे मुंह में घुसेड़ दिया और बोली ले भोसड़ी की रितिका अब तू लण्ड चूस कर दिखा ? मैं सुपाड़ा मुंह में भरे हुए चूसने लगी तो मम्मी पेल्हड़ चाटने लगीं। हरीश हम दोनों की कभी चूत कभी चूँचियाँ सहलाने लगा। मम्मी ने फिर कहा रितिका तू माँ की लौड़ी बड़ी चालक है। इतने बढ़िया लण्ड वाले लड़के को पटा लिया ? तेरी माँ की चूत साली एकदम गरमा गई है बेटी ? मैंने कहा तेरी बिटिया की बुर भी एकदम ज्वाला मुखी हो गयी है।
उधर लण्ड अपने पूरे ताव पर था। हम दोनों बारी बारी से उसे चाट चूस रहीं थीं। अचानक हरीश बोला आंटी जी मैं निकलने वाला हूँ। बस मम्मी ने लण्ड मुठ्ठी में लिया और सड़का मारने लगी। उसने मेरा मुंह लण्ड के एकदम सामने कर दिया और कहा अरी रितिका अपना मुंह खोले रख मैं इसी में गिरा दूँगी वीर्य आधा तुम पी लेना आधा मैं। मम्मी ने खचाखच स्पीड बढ़ा दी तो लण्ड उगलना शुरू कर दिया। मम्मी बोली ले भोसड़ी की पी ले मस्ताना लण्ड ? उसने सारा वीर्य मेरे मुंह एम् ही उड़ेल दिया और फिर लण्ड का सुपाड़ा कुतिया की तरह चाटने लगीं। मैं उसे लण्ड चाटते हुए देखने लगी। हरीश बोला यार रितिका मैं थोड़ा जल्दी ही झड़ गया। मम्मी ने कहा नहीं बेटा पहली बार ऐसा ही होता है। अगली बार तू मस्ती से हम दोनों की बुर चोदेगा। तेरा लण्ड बड़ा जबरदस्त है बेटा इसलिए तुझे चोदने में बड़ा मज़ा आएगा।
मैं एक बात आपको बता दूँ की मुझे और मम्मी दोनों को शराब पीने की आदत है। हम लोग रोज़ शराब पीती हैं। कभी मम्मी अपने दोस्तों के साथ शराब पीती हैं और मैं अपने दोस्तों के साथ। दूसरे दिन जब मैं कॉलेज जाने लगी तो मम्मी ने कहा बेटी रितिका आज शराब लेती आना नहीं तो शाम को क्या पियोगी बाबा जी का लण्ड ? मैंने हां कह दी पर मुझे ख्याल की कॉलेज में एक लड़का है बाबा हार्डी। सुना है की उसका लौड़ा बहुत मोटा है और उसे लड़कियां चोदने बड़ा शौक भी है। मैं शाम को स्कॉच की बोतल ले आयी और साथ में बाबा हार्डी भी। मैंने उसे बैठाया और मम्मी से मिलवाया।
फिर मैंने उसके कान में कहा - मम्मी, आज ये तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा चोदेगा।
मम्मी यह सुनकर मस्त हो गयीं। खैर हम तीनो ने दारू पीना शुरू ही किया था की एक और आदमी आ गया। वह मम्मी की उम्र का था। मम्मी ने उसे बैठाया और कहा बेटी ये मेरा दोस्त है विकी और विकी ये मेरी बेटी है रितिका आज तुम इससे पहली बार मिल रहे हो। वह हमारे साथ शराब पीने लगा।
तब मम्मी ने मेरे कान में कहा - बेटी, आज ये तेरी माँ की बिटिया की बुर चोदेगा।
यह सुनकर मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा क्योंकि अंकल बड़े हैंडसम थे। जब थोड़ा नशा चढ़ा तो मम्मी ने कहा बेटी रितिका ये विकी है न मेरा दोस्त , मैंने इसे पूरा नंगा देखा है और इसने मुझे पूरा नंगी देखा है। अब आज तुम इसे नंगा देखो। मैं समझ गयी की मम्मी इसका लण्ड पी चुकी हैं इससे चुदवा भी चुकी हैं। मैंने भी कहा मम्मी आज तुम मुझसे पहले मेरे दोस्त बाबा हार्डी को नंगा देखो। मैंने अभी तक इसका लण्ड नहीं देखा। लेकिन उसके पहले अपना मादर चोद भोसड़ा तो दिखाओ इसे। मेरी बात सुनकर मम्मी अपने कपड़े खोलने लगी और मैं विकी अंकल के कपड़े। उधर मम्मी जी नंगी हुई तो इधर विकी। मैंने विकी अंकल का लौड़ा पकड़ लिया और मम्मी बाबा हार्डी को नंगा करने लगीं। हार्डी का लौड़ा जब मम्मी के हाथ में आया तो वह बोल पड़ी वाओ, कितना मोटा और कितना लम्बा लौड़ा है तेरे दोस्त का बेटी रितिका ? ये तो सच में तेरी माँ का भोसड़ा फाड़ डालेगा।
तब तक मैं भी एकदम नंगी हो चुकी थी। मैं विकी अंकल का लण्ड चूसने लगी और मम्मी हार्डी का लण्ड। अहम दोनों नंगी और वे दोनों नंगे। मज़ा आने लगा। आधे घंटे तक यही होता रहा। फिर विकी अंकल ने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। उधर हार्डी ने भी मम्मी की बुर में लौड़ा ठोंक दिया। मैंने कहा अरे यार हार्डी तुम मुझे चोदने के पहले मेरी माँ चोदने लगे हो। वह बोला यार रितिका मुझे तेरी माँ चोदने में वही मज़ा आ रहा है जो कॉलेज की प्रोफेसर मिस रेनू को चोदने में आता है। वह भी इसी तरह अपनी गांड उठा उठा के चुदवाती है। मैंने कहां दईया यह बात मुझे नहीं मालूम थी। इसका मतलब रेनू मेम बहुत बड़ी बुर चोदी है। वह बोला रेनू मेम ही नहीं काजल मेम और पूजा मेम भी चुदवाती हैं मुझसे, यार। मम्मी ने कहा अरे बेटी इन तीनो मेम के अलावा और भी जितनी मेम हैं वो सब किसी न किसी से चुदवाती होंगीं। ये सब जवानी में होता ही है। ऐसी कौन सी खूबसूरत लड़की है भोसड़ी वाली जो कई लोगों से चुदवाती न हो ? अब इस बिचारे हार्डी को क्या मालूम की तुम कितने लड़को के लण्ड पकड़ती हो और कितने लड़कों से चुदवाती हो।
मम्मी की बात सुनकर वे दोनों और भकाभक चोदने लगे।
एक दिन मैं अपनी रूचि मौसी के घर चली गयी। मेरी मौसी बहुत ही खुश मिज़ाज़ नेचर की हैं। खूब हंसी मजाक करती है और खूब नॉन वेज चुटकुले सुनाती हैं। वह मेरी मम्मी से दो साल ही छोटी हैं। आशीष मेरे मौसा जी हैं। एक दिन मौसी नहीं थीं। घर मैं मैं और मौसा जी ही थे। मैं जब रात में बिस्तर पर चली गयी तो सो गयी। मेरी नींद रात को एक बजे खुली। मैं बाथ रूम गयी तो मौसा के कमरे की हलकी लाइट देखी। मैं उत्सुकता बस अंदर झाँकने लगी। मैंने देखा की मौसा जी बिल्कुल नंगे बैठे हैं। उसका लण्ड खड़ा है। लण्ड देख कर मेरी चूत बुर चोदी गीली हो गयी। मेरी लार टपकने लगी। मेरा मन हुआ की मैं भी अंदर घुस जाऊं और लण्ड मुंह में भर लूं। लेकिन मैंने मन में ठान लिया की मैं एक दिन ये लण्ड अपनी चूत में जरूर पेलूँगी। अब मझे उस औरत का इंतज़ार था जो मौसा का लण्ड पकड़ेगी। वह नंगी नंगी आयी और मुस्कराती हुई लण्ड पकड़ लिया। मैं उसे पहचान नहीं पाई लेकिन वह थी बहुत खूबसूरत और मेरी मम्मी की उम्र की थी।
फिर मैंने उनकी पूरी चुदाई देखी। यह मेरे लिए एक लाइव ब्लू फिल्म थी। दूसरे दिन जब मैं उठी तो मैंने उस औरत को कहीं नहीं पाया। मैं समझ गयी की वह औरत चली गयी है। अगले दिन मौसी आ गयी। मैं उससे बात करने लगी।
- मैंने कहा - मौसी तुम्हे मालूम है की रात को एक औरत आई थी और रात भर मौसा के कमरे में रही थी।
- वह बोली - तो क्या हुआ ? ऐसा तो होता ही रहता है।
- नहीं मौसी वह औरत मौसा के सामने बिलकुल नंगी थी और मौसा भी उसके आगे नंगा था।
- वह हंस कर बोली - तो तुमने उसका लण्ड देखा रितिका ?
- हां मैंने लण्ड देखा और लण्ड तो बहुत बढ़िया है मौसा जी का ? पर बात यह है मौसी की उस औरत में मौसा से चुदवाया और रात भर चुदवाया।
- अच्छा तो तुमने रात भर चुदाई देखी ?
- हां मौसी देखी और मुझे मज़ा आया। पर क्या तुम्हे बुरा नहीं लगा।
- बिलकुल नहीं। मेरा हसबैंड अगर किसी और को चोदता है तो चोदे। मुझे कुछ नहीं कहना ?
मौसी ने पूंछा - तुम लोगों ने अर्चना की बुर कब ली थी।
राका बोला। मैंने दो दिन पहले ली थी और राणा ने कल ली। इसके अलावा इन दो दिनों में किसी और की बुर चोदी है तुम लोगों ने ? राणा बोला मैंने अपनी मौसी का भोसड़ा चोदा ? राका ने बताया की मैंने अपनी भाभी की बहन की बुर चोदी। मुझे यह समझने में देर नहीं लगी की ये दोनों हम दोनों की बुर चोदने आये हैं। मौसी ने कहा। देखो ये रितिका मेरी बहन की बेटी है। आज तुम लोग इसकी बुर चोदो। मैंने भी जड़ दिया देखो ये रूचि बुर चोदी मेरी माँ की बहन है। इसका भोसड़ा पहले चोदो। फिर सब लोग मेरी बात पर हंसने लगे।
मौसी हाथ बढ़ाकर राका के कपड़े उतारने लगीं और मुझे राणा के कपड़े उतारने का इशारा किया। मैं भी बड़ी बेशर्मी से राणा के कपड़े खोलने लगी। मुझे तो लड़कों को नंगा करने में बड़ा मज़ा आता है। देखते ही देखते दोनों नंगे हो गए और उनके लण्ड बाहर आ गये। मौसी राका का लौड़ा हिलाने लगी और मैं राणा का लौड़ा। दोनों लण्ड मस्ती से खड़े हो गए , फिर मौसी ने मुझे नंगी कर दिया। मेरी मस्त मस्त और सख्त चूँचियाँ देख कर वे दोनों पागल हो गए। फिर मौसी भी फ़टाफ़ट नंगी हो गयीं।
मैं तो राणा के लण्ड खेलने लगी और मौसी राका के लण्ड से . लण्ड बहन चोद 8" + के थे। इतने बड़े बड़े लण्ड पाकर मुझे और मज़ा आने लगा. मैं लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी और मौसी भी लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। बड़ी देर तक हम दोनों 69 बन कर लण्ड चाटने लगी और वो दोनों हमारी बुर. अचानक मौसी बोली अरे राणा अब पेल दे न लण्ड रितिका की बुर में और चोद ले इसकी मस्तानी चूत। मैंने भी कहा हां राका तुम भी चोदो ने मेरी मौसी का भोसड़ा। राणा ने लण्ड गच्च से घुसा दिया मेरी चूत में तो मेरे मुंह से निकला उई माँ मर गयी। साले ने पूरा लौड़ा एक ही बार मे घुसा दिया। फाड़ डाला मेरी बुर। उधर मौसी तो एक मंजी हुई रंडी की तरह भकाभक चुदवाने लगीं. उसने कहा रितिका मज़ा आ रहा है न ? मैंने कहा हां मौसी मज़ा तो खूब आ रहा है। पर मुझे नहीं मौलम था की तू मादर चोद इतनी बड़ी चुदक्कड़ है। मौसा अगर एक पराई बीवी चोदता है तो तुम दो पराये मर्दों से चुदवाती हो। तुम तो बहुत बड़ी हरामजादी हो मौसी।
मौसी ने कहा - तेरी माँ का भोसड़ा रितिका। तेरी माँ की बहन की चूत। चुदवाने में मैं किसी बुर चोदी से कम नहीं हूँ। मैंने कहा - मौसी तेरी चूत तेरी बहन का भोसड़ा ? तेरी बुर तेरी बहन की बिटिया की बुर ? मैं भी बहुत बड़ी चुदक्कड़ हूँ। मैं किसी दिन तेरे सामने ही तेरे मियां का लौड़ा चोदूँगी, मौसी ?
इतने में राका ने लण्ड मौसी की बुर से निकाल कर मेरी बुर में पेल दिया। उधर राणा ने लण्ड मेरी चूत से निकाल कर मौसी के भोसड़ा में घुसा दिया।
इस तरह हम दोनों ने लण्ड अदल बदल कर रात भर खूब मजे से चुदवाया।
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