Home
» Indiansexstories भारतीयों के चुदाई की कहानियां Indian Sex Erotic Stories in Hindi
» मेरी पत्नी ने मकान मालकिन की तड़प मिटाई 2 aurton ke aapsi sex ki hindi kahani
मेरी पत्नी ने मकान मालकिन की तड़प मिटाई 2 aurton ke aapsi sex ki hindi kahani
मेरी पत्नी ने मकान मालकिन की तड़प मिटाई 2 aurton ke aapsi sex ki hindi kahani , बीवी ने मकान मालकिन की चूत चुदवाई , वाइफ की मदद से मकान मालकिन को चोदा , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मेरी नौकरी मेरठ के पास एक छोटे से कस्बे मे लगी। मै अपनी पत्नी के साथ वहाँ रहने चला गया। हमें वहाँ एक छोटा सा मकान भी मिल गया. मकान दो मंजिला था. नीचे मकान मालिक रहता था. ऊपर हमें रहने के लिए दो छोटे कमरे और रसोई किराए पर मिली थी. माकन मालिक की किराने की दुकान थी.उसकी पत्नि भी थी लेकिन उनका लड़का बाहर दूसरे शहर में पढ़ रहा था. माकन मालिक और उसकी पत्नि की उमर करीब ३८-४० साल थी.लेकिन दिखने में गजब की सुन्दर थी. मैं जैसे ही शाम को घर लौटता मैं और मेरी पत्नि रश्मि एक बार बिस्तर में घुस जाते. मेरी दिन भर की थकान उतर जाती और रश्मि की दिन भर की बोरियत ख़तम हो जाती.
मेरी नौकरी मेरठ के पास एक छोटे से कस्बे मे लगी। मै अपनी पत्नी के साथ वहाँ रहने चला गया। हमें वहाँ एक छोटा सा मकान भी मिल गया. मकान दो मंजिला था. नीचे मकान मालिक रहता था. ऊपर हमें रहने के लिए दो छोटे कमरे और रसोई किराए पर मिली थी. माकन मालिक की किराने की दुकान थी.उसकी पत्नि भी थी लेकिन उनका लड़का बाहर दूसरे शहर में पढ़ रहा था. माकन मालिक और उसकी पत्नि की उमर करीब ३८-४० साल थी.लेकिन दिखने में गजब की सुन्दर थी. मैं जैसे ही शाम को घर लौटता मैं और मेरी पत्नि रश्मि एक बार बिस्तर में घुस जाते. मेरी दिन भर की थकान उतर जाती और रश्मि की दिन भर की बोरियत ख़तम हो जाती.
एक दिन इसी तरह मैं और रश्मि बिस्तर में थे. उस दिन गलती से हम दरवाजे की कुण्डी लगाना भूल गए. मैं रश्मि के ऊपर लेटा था और उसके अन्दर मेरा लिंग घुसा हुआ था. हम दोनों पूरी मस्ती में थे. तभी मकान मालकिन मेरे नाम आया कोई पत्र लेकर ऊपर आ गई. उसने दरवाजे को धकेला तो हमें इस हालत में देखकर चौंक गई. हमें उसके आने का पता नहीं चला. उसने धीरे से वापस दरवाजा बंद किया और बाहर खड़ी होकर खिड़की से झांककर हमें देर तक देखती रही और मजा लेती रही. इसके बाद तो वो रोजाना उस समय आ जाती और बाहर खिड़की से हमें मजे ले लेकर देखती रहती. हम दोनों का इस बात का बिलकुल ही अनुमान नहीं था. एक दिन जब मैं अपने ऑफिस में मेरे एक दोस्त को अपने घर का पता दिया तो चौनते हुए बोला " क्या!! तुम उस मकान में रहते हो!" मैंने उसके चौंकने का कारण पूछा तो वो बोला " अरे तेरे मकान मालिक की बीवी बहुत खतरनाक है.
वो हर किरायेदार पर डोरे डालती है. और यही कारण है कि वो मकान खाली रहता है." एक बार तो मैं डर गया. लेकिन फिर ये सोचकर कि मैं शादीशुदा हूँ वो मेरे साथ इस तरह से कुछ नहीं करेगी. निश्चिंत हो गया. मेरा और रश्मि का ये सिलसिला जारी था और उधर निकिता ( मकान मालकिन ) का हमें देखने का सिलसिला जारी था. एक दिन मैं दोपहर में जल्दी घर आ गया. रश्मि अपनी एक और पहचान वाली पड़ोसन के साथ बाजार गई हुई थी. ये खबर निकिता ने मुझे दी. मैं कमरे में आकर बैठ गया. तभी निकिता ऊपर आई. मैं थोडा चौंका. क्यूंकि निकिता का आँचल नीचे ही था और उसके ब्लाउज का एक बटन भी खुला हुआ था. उसने मेरी तरफ एक शरारत भरी नजर डाली और बोली " तुम दोनों बहुत खुशकिस्मत हो. रोज रोज बिस्तर गरम हो जाता है." मैं उसकी ये बात सुनकर हैरान रह गया.
निकिता ने मुझे सारी बात बता दी. मैं पसीना पसीना हो गया. निकिता ने फिर कहा " मुझे सब लोग गलत समझते हैं. लेकिन मैं क्या करूँ! मेरे पति तो अपनी दुकान के पीछे रहनेवाली एक औरत में फंसे हुए हैं. वो गन्दी औरत उन्हें छोडती ही नहीं. पिछले दस साल से फंसाया हुआ है. मेरी प्यास भी तो है जिस्म की. इसे कैसे बुझाऊं?"" निकिता ने इसके बाद काफी बातें कही. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मुझे उस पर बहुत दया आ गई. निकिता का चेहरा बता रहा था कि वो झूठ नहीं कह रही है. निकिता अपनी जगह से उठी और मेरे करीब आते हुए बोली " मुझे तुम और रश्मि बहुत अच्छे लगते हो. तुम दोनों खुश रहो. तुम मुझे बस यह सब देखने का मौका रोज देते रहना ." निकिता नीचे चली गई. मैं सोच में डूब गया. रात को मैंने रश्मि को सारी बात बताई. रश्मि ने भी निकिता के लिए हमदर्दी जताई.
अगले दिन जब मैं और रश्मि शाम को बिस्तर में थे तो निकिता आ गई. वो दरवाजे के बाहर खड़ी होकर हमें देखने लगी. हमें भी उसका देखना अच्छा लगा. और हम और जोश से सेक्स करने लगे. धीरे धीरे निकिता का कमरे के अन्दर आकर पलंग के पास खड़े होकर और कभी सोफे पर बैठकर देखना शुरू हो गया. कभी कभी वो रश्मि के जिस्म को भी छु लेती. रश्मि भी उसे मना नहीं करती. हम दोनों खुश थे कि निकिता की कुछ कुछ प्यास तो कम हो रही है. एक दिन निकिता रश्मि के पास आई. उसने कोई मैगजीन रश्मि को दिखलाई. उसमे दो औरतें आपस में एक दूसरे को चूम रही थी. रश्मि के बदन ने सरसराहट दौड़ गई. दोनों के लिए इस तरह की फोटो देखने का ये पहला मौका था. रश्मि ने मैगजीन में उस फोटो के साथ वाले आर्टिकल को पढ़ा. उसने निकिता को सारी बात पढ़कर सुनाई और बतलाया कि विदेशों में इस तरह की बातें आम है. जहाँ मर्द व्यस्त रहते हैं तो औरतें अपने जिस्म की प्यास इस तरीके से बुझाती हैं.
निकिता ने रश्मि को कहा " क्या मैं भी अपने जिस्म की प्यास को इस तरीके से तुम्हारे साथ बुझा सकती हूँ?" रश्मि हैरान रह गई. निकिता ने बार बार उसे विनती की. रश्मि से निकिता के आंसू देखे नहीं गए. उसने निकिता को हाँ कह दिया. निकिता की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था. लेकिन रश्मि ने ये बात मुझे बता दी. रात भर हम दोनों आपस में बहस करते रहे कि ये गलत होगा या सही. सवेरा होते होते रश्मि ने मुझे मना लिया था. मैं ऑफिस चला गया. दोपहर में रश्मि ने निकिता को ऊपर बुला लिया. दोनों ने उस मैगजीन को खोला और अपने अपने ऊपर के कपडे उतार दिए. निकिता ने जब अपनी चोली उतारी तो रश्मि उसे देखती ही रह गई. निकिता के स्तन बहुत भरे हुए और बड़े थे. ऐसा लगा जैसे बरसों से किसी ने उन्हें ना छुआ हो. निकिता ने रश्मि की चोली भी खोल दी. अब दोनों के जिस्म पर सिर्फ पेटीकोट ही रह गया था. दोनों धीरे धीरे एक दूसरे के बहुत करीब आ गई. दोनों ने उस मैगजीन की तरह अपने अपने स्तन एक दूजे से छुआ दिए.
दोनों के जिस्म में एक करंट दौड़ गया. निकिता काँप कर रश्मि से लिपट गई. दोनों की साँसें टकरा गई. रश्मि ने कांपती हुई निकिता के गाल से अपने गाल छु दिए. निकिता और सिहर गई. अब रश्मि ने निकिता के गालों को हलके से चूम लिया. निकिता तो जैसे नशे में चली गई और रश्मि की बाहों में ही झूल गई. रश्मि ने अब अपनी छाती से निकिता की छाती को थोडा जोर से दबा दिया. दोनों को ही अब बहुत मजा आ रहा था. निकिता तो आसमान में उड़ रही थी. उसने कांपती हुई आवाज में कहा " आज करीब दस साल के बाद मेरे जिस्म को किसी ने चूमा है , छुआ है. मेरा जिस्म बहुत बहुत प्यासा है , भूखा है. तुम इसकी प्यास बुझा दो आज." रश्मि ने अब निकिता को गालों के अलावा, गरदन के चारों तरफ और सीने के आस पास चूमना शुरू कर दिया. रश्मि को भी अब नशा सा आने लगा. आखिर दो कोमल बदन एक दूजे में घुल जो रहे थे. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। अचानक दोनों जोर से एक दूजे से लिपट गई और पलंग पर लेट गई.
काफी देर तक इसी तरह दोनों आपस में लिपटी लेटी रही और एक दूजे को चूमती रही. गालों पर , गरदन पर और एक दूजे के स्तनों को भी लगातार चूमने लगी. रश्मि ने निकिता के स्तनों के निप्पल को बहुत जोर से चूसकर चूमा. निकिता के मुंह से एक मीठी चीख निकल गई. वे दोनों एक दूजे के साथ पलंग में दो घंटे तक चिपकी रही. लेकिन जब भी एक दूजे के होंठ सामने आ जाते रश्मि झिझक कर निकिता के गालों को चूम लेती. निकिता चाह रही थी कि रश्मि उसके होठों को चूमे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. शाम को जब मैं घर लौटा तो रश्मि ने मुझे सारी बात विस्तार से बताई. मैं सारी बात सुनकर बहुत उतेजित हो गया. मेरा लिंग एकदम तनकर खड़ा हो गया. रात को मैंने और रश्मि ने खूब सेक्स किया. रश्मि मुझे आज हमेशा से कहीं ज्यादा उत्तेजित और गरम लगी. मैं बहुत खुश हुआ. वो बीच बीच में निकिता के साथ के पलों को बताती और हम दोनों और ज्यादा उत्तेजित हो जाते.
Click on Search Button to search more posts.
