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पत्नी ने किया अपने ही पति का बलात्कार Biwi ne kiya apne hi pati ka balaatkar
पत्नी ने किया अपने ही पति का बलात्कार Biwi ne kiya apne hi pati ka balaatkar , Wife raped her own husband , पति पत्नी की चुदाई , पत्नी ने अपने पति को जबरदस्ती चोद दिया , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
दोस्तो, मेरा नाम रोमा है और मैं मुंबई में रहती हूँ। मेरी पहली कहानी भतीजे ने दूर की सर्दी आपने पढ़ी। अब मैं आपको अपनी एक और कहानी बताने जा रही हूँ। यह बात मेरी शादी के कुछ समय बाद की है। जब मैंने अपनी अन्तर्वासना कामेच्छा पूरी करने के लिए अपने ही पति का बलात्कार किया। कैसे किया, यह भी सुनिए। इस कहानी को डाउनलोड करें और हमारे नए अन्तर्वासना एप में इसे पढ़ें मेरी शादी को करीब 4 महीने हुये थे, हम दोनों मियां बीवी अलग अलग प्राइवेट कम्पनीज़ में जॉब करते थे।
दोस्तो, मेरा नाम रोमा है और मैं मुंबई में रहती हूँ। मेरी पहली कहानी भतीजे ने दूर की सर्दी आपने पढ़ी। अब मैं आपको अपनी एक और कहानी बताने जा रही हूँ। यह बात मेरी शादी के कुछ समय बाद की है। जब मैंने अपनी अन्तर्वासना कामेच्छा पूरी करने के लिए अपने ही पति का बलात्कार किया। कैसे किया, यह भी सुनिए। इस कहानी को डाउनलोड करें और हमारे नए अन्तर्वासना एप में इसे पढ़ें मेरी शादी को करीब 4 महीने हुये थे, हम दोनों मियां बीवी अलग अलग प्राइवेट कम्पनीज़ में जॉब करते थे।
शादी के बाद भी मैंने जॉब नहीं छोड़ी। इसका फायदा यह हुआ कि घर में हम दोनों के पास इतने पैसे हो जाते थे कि खुल कर खर्च करते थे, मगर दिक्कत यह थी कि दोनों के काम में बिज़ी होने के कारण दोनों एक दूसरे को कम ही टाइम दे पाते थे। ऐसे में जहाँ एक आम शादीशुदा जोड़ा शादी के बाद 4 महीने में 400 बार सेक्स लेता है, हम तो बस 20-25 बार ही कर पाये थे।
अब उम्र चढ़ती जवानी, ऊपर से मुंबई में अपने फ्लैट में रहना, किसी की भी कोई दखलअंदाजी नहीं, तो हमारे पास तो एंजॉय करने का वक़्त ही वक़्त होना चाहिए था! मगर असल में था बिल्कुल इसके उल्टा। सुबह 9 बजे घर से निकलते, शाम को 7-8 बजे घर में आते और प्राइवेट कंपनी में तो काम की इतनी टेंशन होती है कि बस इतना ज़्यादा थके होते कि बाहर से ही खाना मँगवाते और सो जाते।
बहुत बार तो ऐसा भी होता कि दोनों बिल्कुल नंगे एक दूसरे की बाहों में लेटे लेटे एक दूसरे को देखते सहलाते सो जाते, दोनों में से किसी में भी इतनी ताकत न बचती के सेक्स कर ले। सिर्फ छुट्टी वाले दिन ही दिन में 3-4 बार कर लेते। ऐसे ही चलता रहा मगर न जाने क्यों इस बार मेरे पति ने छुट्टी वाला दिन भी ऐसे ही बहाने से बना कर निकाल दिया।
मैं शनिवार को ही दफ्तर से मूड बना के आई थी कि पति से कहूँगी के खाना बाद में खाएँगे, पहले एक ट्रिप लगाते हैं, उसके बाद खाना खाएँगे, फिर सोने से पहले एक बार और करेंगे और सो जाएंगे। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मगर पतिदेव दफ्तर का काम घर पे उठा लाये, बहुत ज़रूरी काम है, कह कर देर रात तक लगे रहे, मैं बिस्तर में उनके इंतज़ार में नंगी लेटी लेटी सो गई। सुबह फिर किसी दोस्त के पास चले गए, दोपहर को आए, तो फिर काम।
मुझे बड़ा गुस्सा आया कि इतना काम! मैंने साफ साफ कह दिया- देखो यार, काम तो करो, पर मेरा भी तो ध्यान करो? वो बोले- क्या हुआ? ‘क्या हुआ, अरे यार एक हफ्ते से मैं प्रोग्राम बना रही हूँ, मेरा दिल कर रहा है और तुम पूछ रहे हो क्या हुआ, काम को छोड़ो, पहले मुझे पढ़ के देखो!’ मैंने खीज कर कहा। मगर पति ने फिर से बहाना सा बना दिया और अपने काम में लग गए। मुझे बहुत गुस्सा आया मगर फिर भी मैंने हिम्मत नहीं हारी, सिर्फ उनको रिझाने के लिए, कभी सेक्सी ब्रा पेंटी पहन कर कभी बिल्कुल नंगी हो कर भी मैं उनके आस पास घूमती फिरती रही मगर उन्होंने कोई खास ध्यान नहीं दिया।
फिर मैंने पूछा- सुनो, तुम्हारा कहीं बाहर या ऑफिस में कोई चक्कर तो नहीं है, जो तुम बाहर कर आए और मुझे इगनोर कर रहे हो? मगर उन्होने मेरी इस बात को भी कोई तवज्जो नहीं दी और बोले - सुनो रोमा, मेरा किसी से कोई चक्कर नहीं है, सिर्फ ये ज़रूरी काम है, मुझे ये प्रोजेक्ट तैयार करके हर हाल में मंडे को ऑफिस में देना है, और इतना टाइम किसके पास है जो बाहर का कोई चक्कर चलाता फिरे, जब मैं तुम्हें तो टाइम दे नहीं पा रहा हूँ।
मुझे उसकी बातें सुनकर बहुत गुस्सा आया मगर कर भी क्या सकती थी। लेकिन आज जब वो ऑफिस से घर आया तो उसे चाय पिलाने के बाद मुझे एक आइडिया समझ में आया, मैंने उससे कहा कि यदि तुम मुझे चोद नहीं सकते हो तो तुम्हे मुझे किसी और से चुदने का भी कोई अधिकार नहीं है इसलिए मैंने किसी और से अपना काम निकलवाने की सोची है, बोलो तुम्हारा क्या इरादा है, या तो मेरे साथ वो सब करो जो मैं चाहती हूँ या मुझे किसी और से करने देना समझें।
यह सुनते ही वो मेरे साथ झगड़ने लगा तो में भी चिल्ला पड़ी तो उसने मुझ पर हमला कर दिया और मुझको पकड़कर नीचे गिरा दिया। फिर मैंने भी उल्टा जवाब दिया और उसे गिरा दिया और उसके पेट के ऊपर बैठ गई और उसके लंड पर मेरी गांड रगड़ने लगी। वो कुछ करना नहीं चाहता था और मेरा हटने का मन नहीं कर रहा था और ये बात शायद वो भी समझ गया था।
फिर उसने मुझसे कहा कि मुझे स्वयं ही इस चुदाई को पूरा करना होगा। फिर उसने अपने कपड़े उतार दिए और अपना निढाल लंड मेरे हाथ में दे दिया। मैंने भी सोच लिया कि में इस को गर्म करके देखूँगी अगर हो गया तो ठीक है नहीं तो खुजली किसी और से मिटवानी पड़ेगी। वो बार - बार दाएं - बाएँ देख रहा था लेकिन मेरी मेहनत रंग ले आई और उसका लंड खड़ा होने लगा। मैंने झट से पूरी नंगी होकर खड़े - खड़े हु उसका लंड अपनी चूत में घुसा लिया और अपने आप ही धक्के लगाकर अपनी चूत को चुदवाने लगी.
मैंने उसके होंठो को चुसना भी शुरू कर दिया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। अब मेरा पति भी आँखें बंद करके मजा लेने लगा। मेरी तो चूत टपकने लगी थी। फिर मैंने मेरे पति को बैड पर सीधा लेटाया और उसके ऊपर बैठ कर उसका लंड मेरी चूत में डाल लिया और उछल - उछल कर चूत को लंड पर ऊपर निचे करने लगी, थोड़ी देर बाद मेरे पति के लंड से थोड़ा सा पानी निकला और मेरी चूत के अंदर टकराया। मैं मेरे पति के ऊपर लेट गई। मैं थोड़ी देर बाद फिर उठी और अपने पति के लंड को चूसने लगी, एक घंटा की चुसाई के बाद उसके लंड में जान आई और मैंने इस बार उसे ऊपर आकर चोदने को कहा।
थोड़ा इंकार करने के बाद वो मेरे ऊपर लेटकर और मेरी चूत में लंड डालकर ऊपर - नीचे होकर मुझे चोदने लगा, मैं भी गांड उठा - उठाकर उसका साथ देने लगी. 10 मिनट में ही उसने दोबारा फिर अपना पानी मेरी चूत में छोड़ दिया और अपने कपड़े पहनकर अपने ऑफिस के काम में लग गया। उस दिन मुझे उसी से गुजारा करना पड़ा और अब पता नहीं कब मुझे चोदेगा। मैं चुदने को हर वक़्त तैयार रहती हूँ लेकिन बाहर जाने से डरती हूँ कि कहीं किसी को पता लग गया तो क्या होगा.... आप ही बताओ मैं क्या करूँ......
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