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सब लोगों से चुदवाने का मौक़ा मिल रहा है - Sab logon se chudwane ka mauka mil rahaa hai
सब लोगों से चुदवाने का मौक़ा मिल रहा है - Sab logon se chudwane ka mauka mil rahaa hai , होटल में पत्नियों की अदला बदली के साथ चुदाई , सब औरतें गैर मर्दों से चुदवाती है , बीवियां बदल कर हुई चोदा चादी , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मैं सच कह रही हूँ, दोस्तों, की मैं किसी की बीवी हूँ पर असली बात यह है कि मैं अंदर से और अपने चरित्र से एक मंजी हुई रंडी हूँ। रंडी उसे कहतें हैं जो कई लोगों से चुदवाती हो, पैसे लेती हो चाहे न लेती लेकिन चुदवाती जरूर हो ? ऐसी बीवियों को छिनार कहा जाता है। मैं भी कई लोगों से चुदवाती हूँ. कई लोगों के लण्ड चोरी छिपे अपनी चूत में पेलती हूँ। मैं एक पक्की छिनार हूँ। कोई माने या न माने पर सच्चाई यह है की 99 % खूबसूरत बीवियां बिलकुल मेरी ही तरह अंदर से रंडियां होतीं हैं और अपने पति से छुप छुप कर पराये मर्दों से चुदवाती रहतीं हैं। इसीलिए कहा गया है की "त्रिया चरित्र्यम पुरुषश्य भाग्यम देवो न जानाति कुतः मनुष्यः" अर्थात स्त्री का चरित्र और पुरुष का भाग्य देवता भी नहीं जानते मनुष्य की क्या बात है ?
मैं पल्लवी एक बिवाहित लड़की हूँ। मैं किसी की बीवी हूँ। मैं २५ साल की एक बेहद खूबसूरत, सेक्सी और हॉट बीवी हूँ। मेरा रंग गोरा है, बदन गदराया हुआ है और जवानी मेरे ऊपर पूरी तरह सवार हो चुकी है। मेरी बड़ी बड़ी और सुडौल चूँचियाँ इस बात की गवाह हैं की अब मैं दुनियां की १०० बड़ी खूबसूरत बीवियों में एक हूँ। मेरे चूतड़ भी बड़े बड़े हैं मेरी गांड बड़ी सेक्सी है और मेरी मोटी मोटी जांघें मेरी सेक्स अपील को बढ़ावा दे रहीं हैं। मैं १५ साल की उम्र से लण्ड पकड़ती आ रही हूँ। मेरी शादी तो अभी एक साल पहले ही हुई है। मैं अपनी शादी के पहले से ही अपनी जवानी का मज़ा लूट रही हूँ। मुझे किसी का भय नहीं है। मैं पढ़ी लिखी हूँ, इंग्लिश फर्राटेदार बोलती हूँ और बेहद बोल्ड हूँ। मैं खुल कर किसी से भी बात कर सकती हूँ। गालियां देने में मैं बड़ी एक्सपर्ट हूँ मुझे शर्म तो किंचित मात्र भी नहीं है। मैं कहीं भी किसी की भी माँ बहन चोद सकती हूँ।
उन दिनों मैं 15 + की थी। मुझे लड़के बड़े अच्छे लगने लगे थे। मैं लड़कों के लण्ड के चक्कर में घूमा करती थी। मुझे लण्ड पकड़ने की इच्छा हर समय बनी रहती थी। एक दिन मेरी सहेली बोली यार पल्लवी तू मेरे दोस्त को सिनेमा हाल में ले जा और सबसे पीछे वाली सीट बुकिंग करा ले। वहीँ बैठ कर ३ घंटे लण्ड पकड़ कर सहलाती रहना और मौका पाकर मुंह में भी ले लेना। मैंने उससे सब बता दिया है। वह पैंट के नीचे कुछ नहीं पहनेगा। हुआ भी ऐसा ही। मैं सिनेमा हाल में बैठी बैठी उसका लण्ड हिलाती रही, सहलाती रही, बीच बीच में उसकी चुपके से चुम्मी लेती रही और २/३ बार झुक कर मुंह में भी लिया लण्ड। मैं इसी तरह उस लड़के का लण्ड ३/४ बार सिनेमा हाल में पकड़ा। फिर एक बार बीच में उठ कर हम दोनों बाथ रूम चले गए। मैं उसे लेडीज टॉयलेट में ले गयी और अंदर उसका लौड़ा खोल कर देखा तो मेरी चूत बहन चोद बहुत ही गरमा गयी। मेरा मन हुआ की मैं यही चुदवा लूं पर ऐसा कर न सकी। मैने लण्ड का सड़का मारा और झड़ता हुआ लंड पिया बिलकुल वैसे ही जैसा मैं पोर्न में देखा करती थी।
मैंने २ लड़कों को इसी तरह पटाया और उनके झड़ते हुए लण्ड पिये। यह सिलसिला काफी दिनों तक चलता रहा। एक दिन ऐसे एक अंकल से मुलाक़ात हो गयी। वह मुझे बड़े अच्छे लगे और मैं उसे बहुत अच्छी लगी। हमारी दोस्ती हो गयी और एक दिन मैं कॉलेज के बहाने उसके घर चली गयी। उसका नाम था अंकल पोज़र। वह गोरा चिट्टा हैंडसम और पढ़ा लिखा आदमी था। मुझे मालूम हुआ की वह एक क्रिश्चियन आदमी है एक कॉलेज में प्रोफेसर है। मैं २/३ बार उसके घर गयी और उसके साथ बैठ कर दारू पीने लगी। खुल कर बातें करने लगी, गालियां भी सुनाने लगी और लण्ड चूत की बातें भी करने लगी। एक बार ऐसे ही मेरा मन हुआ की मैं आज अंकल का लौड़ा पकड़ कर देख तो लूं। हालांकि वह मेरे बाप की उम्र का था पर लण्ड तो साला लण्ड ही होता है न ?
उस दिन संडे था मैं भी बड़े मूड में थी। मैं करीब ११ बजे उसके घर पहुँच गयी। वह नंगे बदन एक ढीली ढीली नेकर पहने बैठा हुआ दारू पी रहा था। मुझे देख कर वह खुश हुआ और मुझे भी दारू पिलाने लगा। मैंने कहा भोसड़ी के अंकल तुम सुबह सुबह दारू पीने लगते हो। क्या दारू का ही नास्ता करते हो। वह बोला नहीं पल्लवी मैं रोज़ सुबह दारू नहीं पीता हूँ। आज संडे है इसलिए पी रहा हूँ। मैंने पूंछा की मेरे साथ दारू पी रहे हो तो और भी लड़कियों से साथ दारू पीते होंगे। वह बोला हां मेरे साथ कई लड़कियां दारू पीने आती हैं। मैंने पूंछा सच सच बताओ अंकल लड़कियां दारू पीने आतीं हैं की तेरा लण्ड पीने ? वह बोला हां लड़कियां दारू पीने कम लण्ड पीने ज्यादा आती हैं। मैंने कहा मादर चोद अंकल मैं इतने दिनों से तेरे पास आ रही हूँ मुझे कभी लण्ड क्यों नहीं पिलाया ? वह बोला लण्ड मैं पिलाता नहीं हूँ वो खुद ही मेरा लण्ड पीने लगती हैं। बस मेरी झांटें सुलग गयी। मैं सोंचने लगी की लड़कियां बुर चोदी लण्ड पीने आती है और मैंने अभी तक इसका लण्ड नहीं पिया। फिर मैं उठी और उसकी नेकर के अंदर हाथ घुसेड़ दिया। मैंने लण्ड जैसा था वैसा ही बाहर निकाल लिया। वह कुछ बोला नहीं। लण्ड प्यार से सहलाने लगी तो वह बढ़ने लगा। मैंने नेकर खोल कर नीचे फेंक दिन। वह मादर चोद मेरे सामने एकदम नंगा हो गया और मैंने भी अपना टॉप खोल डाला और चूँचियाँ उसे दिखा दीं। मैंने लण्ड की कई चुम्मियाँ लीं और उसके पेल्हड़ भी चूमे।
मैं बहुत उत्तेजित हो गयी। लण्ड बहन चोद बढ़ते बढ़ते बहुत बड़ा हो गया और मोटा भी। मैंने अपनी पर्श से एक इंची टेप निकाला और लण्ड का साइज नापने लगी। मेरे मुंह से निकला बाप रे बाप लण्ड तो तेरा अंकल 8" + का है। और मोटा 5" + . ऐसा लौड़ा तो मैंने अभी तक नहीं देखा। मैं लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। मैंने फिर अपने सारे कपड़े उतार दिया और नंगी नंगी लण्ड पीने लगी। इतने में किसी ने डोर बेल बजा दी। अंकल ने दरवाजा खोला। शायद कोई लड़की आई थी। अंकल ने उसे अंदर कमरे में बैठा दिया और मेरे पास चले आये. मुझसे कहा पल्लवी ये भी मेरा लण्ड पीने आयी है। मैंने कहा मैं नहीं पीने दूँगी उस हरामजादी को लण्ड। मैं लण्ड खोल कर पीने लगी। इतने में अंकल ने आवाज़ लगायी - नेहा यहाँ अंदर आ जाओ। वह मेरे सामने आ गयी। आते ही बोली - ये कौन है बुर चोदी जो तेरा लण्ड पी रही है सर ? मैं अभी जैकब सर का लण्ड पी कर आ रही हूँ। वहां भी एक लड़की उसका लण्ड पी रही थी, बहन चोद। ये तो हमारे कॉलेज की लड़की नहीं है। मैंने कहा हां मैं तेरे कॉलेज की लड़की नहीं हूँ भोसड़ी की नेहा। तेरी माँ की चूत ? तेरी बहन की बुर ? इस लण्ड पर तेरा ही हक़ है क्या ? तू हैं कौन माँ की लौड़ी ? अंकल ने उसे समझाया बुझाया तो वह भी मेरे साथ लण्ड पीने लगी। मुझे भी मज़ा आया
मैंने कहा - नेहा तुम किसी दिन अपने जैकब सर का लण्ड पिलाओ मुझे।
वह बोली - अरे यार मैं तुम्हे कई लोगों के लण्ड पिलाऊंगी। लड़कियां तो कॉलेज के सारे टीचरों के लण्ड पीती हैं। और लड़कों के भी लण्ड पीती हैं। एक बार शुरू करोगी तो रोज़ रोज़
इस तरह मैं लण्ड पे लण्ड पीती गई और फिर एक के बाद एक मरद से चुदवाती गयी. मैं बेशरम भी हो चुकी थी और बोल्ड भी।
अचानक एक दिन मेरी शादी परेश नाम के लड़के से हो गयी। मेरी सुहागरात हुई उसमे मुझे अपने पति का लण्ड पकड़ने का मौक़ा मिला। लण्ड देख कर मैं बहुत खुश हुई। लण्ड लंबा भीठा और मोटा भी। मैंने उससे रात में तीन बार चुदवाया। सुहागरात वह मुझे गोवा लेकर गया था। दिन भर वह मुझे घुमाता था और रात को लण्ड मेरी चूत में पेलता था। मैं भी मस्त होकर उससे खूब चुदवाती थी। वापस आने के बाद वह अपने बिज़नेस में बिजी हो गया और विदेश चला गया। अब मैं बिना लण्ड के कैसे रहती ? इसलिए मैंने अपना दायरा बढ़ाया और इधर उधर लण्ड की खोज में हाँथ पाँव मारने लगी।
अचानक एक दिन मेरी मुलाक़ात मेरी एक सहेली सानिया से हो गयी। वह मुझे शॉपिंग मॉल में मिल गयी। उसका घर नजदीक ही था। वह मुझे अपने घर ले गयी और मेरा वेलकम किया।
मैंने फ़ौरन कपड़े उतारे और हो गई मादर चोद एकदम नंगी। मैंने हाथ बढ़ाया और लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। मुझे मज़ा आने लगा। मैं ज़िन्दगी में पहली बार कोई मुस्लिम लण्ड पकड़ कर देख रही थी। मुझे नहीं मालूम था की मुस्लिम लण्ड इतना खूबसूरत होता है। इसका सुपाड़ा तो एकदम साफ़ सुथरा है। इसके ऊपर की खाल कटी है इसीलिए ये कटा लण्ड कहलाता है। मैं लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी, सानिया मेरी चूत सहलाने लगी और उसका देवर मेरी चूँचियाँ दबाने लगा। मैंने मस्ती में पूंछा - सानिया तुम तो इससे खूब चुदवाती होगी। वह बोली हां यार मैं तो इससे खूब चुदवाती हूँ और इसके ससुर से भी चुदवाती हूँ। मैंने कहा - क्या कह रही है तू। इसका ससुर तो तेरे बाप के बराबर होगा। वह बोली - तो क्या हुआ हमारे समाज में सब चलता है। यहाँ कोई भी किसी का भी लण्ड पकड़ लेती है और अपनी बुर में घुसा लेती है। अब मेरी जेठानी को देखो वो अपने अब्बू का लण्ड पीती है। मैं अपने ससुर के लण्ड पर चढ़ जाती हूँ और खूब धकाधक चोदती हूँ। रात में मेरे घर की सारी बीवियां भोसड़ी वाली बिलकुल रंडी हो जाती हैं। खूब बेशर्मी से बेधड़क सबसे चुदवाती है और सबके लण्ड पीती हैं।
सानिया की बातों ने मेरी हिम्मत और बढ़ा दी। मैंने कहा यार ये तो तेरे देवर का लण्ड है मैं तो तेरे मरद का भी लण्ड चोदना चाहती हूँ। वह बोली अरे यार तुम अब मुझे मिली हो। चिंता न करो मैं तुझे अपने जेठ का लण्ड ससुर का लण्ड नंदोई का लण्ड सब चोदने दूँगी। बस तेरी गांड में दम होनी चाहिए। मैंने कहा गांड में नहीं चूत में दम हॉबी चाहिए। वह बोली नहीं यार चोदने के लिए तुझे गांड से ही जोर लगाना पड़ेगा। फिर हम दोनों हंस पड़ी। इतने में उसके लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया। मैं मस्ती से चुदवाने लगी। सानिया अपने देवर के पेल्हड़ सहलाने लगी और फिर वह लण्ड बार बार मेरी चूत से निकाल कर चाटने लगी।
कुछ दिन बाद मेरी मुलाक़ात नेहा से हो गयी। उसे देख कर लगा की उसकी शादी हो गयी है। मैंने उससे पूंछा तो उसने बताया हां मेरी शादी हो गयी है यार पर मेरा पराये मर्दों के लण्ड पकड़ने की आदत छूटी नहीं है। /बल्कि और बढ़ गयी है। मेरा हसबैंड विदेश में काम करता है और मैं यहाँ कब तक बिना लण्ड के बैठी रहूं इसलिए मैंने अब तो और पराये मर्दों के लण्ड के चक्कर में घूमा करती हूँ। सच बताऊँ तुझे पल्लवी अब तो मैं बिलकुल रंडी हो गई हूँ। अब तुम बताओ पल्लवी तुम क्या करती हो ? मैंने कहा यार मैं भी रंडी बन चुकी हूँ , मेरा भी पति विदेश में है और मैं भी बिना लण्ड के एक दिन भी नहीं रह सकती।
वह बोली - अरे यार एक काम करो आज तुम मेरे साथ एक सेक्स पार्टी में चलो। यह पार्टी बीवियों की अदला बदली की है यानी "wife swapping" .
मैंने कहा - अरे यार मेरे पति तो है नहीं तो मैं कैसे चल सकती हूँ ?
नेहा बोली - पति तो मेरा भी नहीं है। लेकिन मैं जा रही हूँ।
मैंने कहा - तो फिर तुम कैसे जा रही हो।
वह बोली - मैं एक नकली पति के साथ जा रही हूँ। तुम भी एक नकली पति बना लो और मेरे साथ चलो। वहां एक नहीं कई लण्ड मिलेंगें और तुझे बड़ा मज़ा आएगा। एक बात और वहां कोई यह पूंछने वाला नहीं है की तेरा पति असली है की नकली। वहां तो बीवी के साथ एक पति और पति के साथ एक बीवी होनी चाहिए बस।
मैंने कहा - मेरे पास अभी कोई आदमी नहीं है जो मेरा पति बन सके।
वह बोली - कोई बात नहीं है। तू मेरे नंदोई को अपना पति बना ले। वैसे मैं इसे अपना पति बनाकर ले जाने वाली थी।
मैंने कहा - तो फिर तू क्या करेगी नेहा ?
वह बोली - मैं इसके दोस्त को अपना पति बना लूंगी। मैं उसका लण्ड एक बार पी चुकी हूँ।
बस काम बन गया और मैं अपने नकली पति रोहन के साथ चल पड़ी। नेहा भी अपने नकली पति सूरज के साथ चल पड़ी।
वह एक होटल का बड़ा सा हाल था। कई कपल बैठे हुए थे। हम लोग भी वहां बैठ गए। फिर सबका एक दूसरे से परिचय हुआ। मैंने देखा सारे कपल बड़े हैंडसम और खूबसूरत हैं। मेरे मन में आया की अगर ये सारे लोग नंगें हो जायेंगें तो कितना अच्छा लगेगा। मैं जब एक साथ इतने सारे लण्ड देखूँगी तो कितना मज़ा आएगा। तभी एक मस्त जवान लड़की एकदम नंगी नंगी आई और बोली :-
मैं सबसे पहले आप सभी लोगों का वेलकम करती हूँ। आज यहाँ "wife swapping" की पार्टी में घनघोर चुदाई होगी। कोई भी अपनी बीवी को हाथ नहीं लगाएगा। सब लोग दूसरे की बीवी चोदेंगें। कोई भी बीवी अपने हसबैंड को हाथ नहीं लगाएगी। सब दूसरे के हसबैंड का लण्ड पकड़ेंगीं और पराये उनसे चुदवाएंगी। तो मेरे प्यारे मादर चोदों, भोसड़ी वालों और प्यारी प्यारी बुर चोदियों अब अपने अपने कपड़े उतारना शुरू कर दो और एकदम नंगे नंगे दारू पीना शुरू कर दो। दारू पीते पीते पराये मर्दों के लण्ड भी पियो और मरद भी बहन चोद परायी बीवियों की चूँचियाँ पियें और उनकी चूत चाटें। उसके बाद चाहे जिसकी बीवी चोदो और चाहे जिसके लण्ड चोदो। सब लोग सबकी बीवियां चोदेंगें और सब बीवियां सबके लण्ड चोदेंगीं। जब तक यह राउंड पूरा नहीं हो जाता तब तक यह पार्टी चलती रहेगी। और हां एक बात नॉट कर लो बीवियां प्यारी प्यारी गालियां भी देंगीं लेकिन मरद गालियां नहीं देंगें , वे सिर्फ बीवियों की गालियां एन्जॉय करेंगें।
उसके बाद जब लोग नंगे हो गये और उनके लण्ड बाहर आ गए तो उन्हें देख कर मेरी चूत का बाजा अपने आप ही बज गया। मैं भी पूरी नंगी हो गयी। नेहा भी बुर चोदी नंगी हो गयी। मैंने एक हाथ में शराब का गिलास लिया और दूसरे हाथ से सबके लण्ड बारी बारी से पकड़ने लगी। धीरे धीरे सबके लण्ड खड़े हो गए और सब बीवियों की चूँचियाँ भी तन गयी। यह सीन देख कर मैं तो पागल हो गयी। मैंने मन में कहा आज मैं सच में बहुत बड़ी रंडी बन गयी हूँ। आज मुझे इन सब लोगों से चुदवाने का मौक़ा मिल रहा है, मैं तो खूब जम कर चुदवाऊंगी और सब भोसड़ी वाले के लण्ड चोदूँगी।
मैं सच कह रही हूँ, दोस्तों, की मैं किसी की बीवी हूँ पर असली बात यह है कि मैं अंदर से और अपने चरित्र से एक मंजी हुई रंडी हूँ। रंडी उसे कहतें हैं जो कई लोगों से चुदवाती हो, पैसे लेती हो चाहे न लेती लेकिन चुदवाती जरूर हो ? ऐसी बीवियों को छिनार कहा जाता है। मैं भी कई लोगों से चुदवाती हूँ. कई लोगों के लण्ड चोरी छिपे अपनी चूत में पेलती हूँ। मैं एक पक्की छिनार हूँ। कोई माने या न माने पर सच्चाई यह है की 99 % खूबसूरत बीवियां बिलकुल मेरी ही तरह अंदर से रंडियां होतीं हैं और अपने पति से छुप छुप कर पराये मर्दों से चुदवाती रहतीं हैं। इसीलिए कहा गया है की "त्रिया चरित्र्यम पुरुषश्य भाग्यम देवो न जानाति कुतः मनुष्यः" अर्थात स्त्री का चरित्र और पुरुष का भाग्य देवता भी नहीं जानते मनुष्य की क्या बात है ?
मैं पल्लवी एक बिवाहित लड़की हूँ। मैं किसी की बीवी हूँ। मैं २५ साल की एक बेहद खूबसूरत, सेक्सी और हॉट बीवी हूँ। मेरा रंग गोरा है, बदन गदराया हुआ है और जवानी मेरे ऊपर पूरी तरह सवार हो चुकी है। मेरी बड़ी बड़ी और सुडौल चूँचियाँ इस बात की गवाह हैं की अब मैं दुनियां की १०० बड़ी खूबसूरत बीवियों में एक हूँ। मेरे चूतड़ भी बड़े बड़े हैं मेरी गांड बड़ी सेक्सी है और मेरी मोटी मोटी जांघें मेरी सेक्स अपील को बढ़ावा दे रहीं हैं। मैं १५ साल की उम्र से लण्ड पकड़ती आ रही हूँ। मेरी शादी तो अभी एक साल पहले ही हुई है। मैं अपनी शादी के पहले से ही अपनी जवानी का मज़ा लूट रही हूँ। मुझे किसी का भय नहीं है। मैं पढ़ी लिखी हूँ, इंग्लिश फर्राटेदार बोलती हूँ और बेहद बोल्ड हूँ। मैं खुल कर किसी से भी बात कर सकती हूँ। गालियां देने में मैं बड़ी एक्सपर्ट हूँ मुझे शर्म तो किंचित मात्र भी नहीं है। मैं कहीं भी किसी की भी माँ बहन चोद सकती हूँ।
उन दिनों मैं 15 + की थी। मुझे लड़के बड़े अच्छे लगने लगे थे। मैं लड़कों के लण्ड के चक्कर में घूमा करती थी। मुझे लण्ड पकड़ने की इच्छा हर समय बनी रहती थी। एक दिन मेरी सहेली बोली यार पल्लवी तू मेरे दोस्त को सिनेमा हाल में ले जा और सबसे पीछे वाली सीट बुकिंग करा ले। वहीँ बैठ कर ३ घंटे लण्ड पकड़ कर सहलाती रहना और मौका पाकर मुंह में भी ले लेना। मैंने उससे सब बता दिया है। वह पैंट के नीचे कुछ नहीं पहनेगा। हुआ भी ऐसा ही। मैं सिनेमा हाल में बैठी बैठी उसका लण्ड हिलाती रही, सहलाती रही, बीच बीच में उसकी चुपके से चुम्मी लेती रही और २/३ बार झुक कर मुंह में भी लिया लण्ड। मैं इसी तरह उस लड़के का लण्ड ३/४ बार सिनेमा हाल में पकड़ा। फिर एक बार बीच में उठ कर हम दोनों बाथ रूम चले गए। मैं उसे लेडीज टॉयलेट में ले गयी और अंदर उसका लौड़ा खोल कर देखा तो मेरी चूत बहन चोद बहुत ही गरमा गयी। मेरा मन हुआ की मैं यही चुदवा लूं पर ऐसा कर न सकी। मैने लण्ड का सड़का मारा और झड़ता हुआ लंड पिया बिलकुल वैसे ही जैसा मैं पोर्न में देखा करती थी।
मैंने २ लड़कों को इसी तरह पटाया और उनके झड़ते हुए लण्ड पिये। यह सिलसिला काफी दिनों तक चलता रहा। एक दिन ऐसे एक अंकल से मुलाक़ात हो गयी। वह मुझे बड़े अच्छे लगे और मैं उसे बहुत अच्छी लगी। हमारी दोस्ती हो गयी और एक दिन मैं कॉलेज के बहाने उसके घर चली गयी। उसका नाम था अंकल पोज़र। वह गोरा चिट्टा हैंडसम और पढ़ा लिखा आदमी था। मुझे मालूम हुआ की वह एक क्रिश्चियन आदमी है एक कॉलेज में प्रोफेसर है। मैं २/३ बार उसके घर गयी और उसके साथ बैठ कर दारू पीने लगी। खुल कर बातें करने लगी, गालियां भी सुनाने लगी और लण्ड चूत की बातें भी करने लगी। एक बार ऐसे ही मेरा मन हुआ की मैं आज अंकल का लौड़ा पकड़ कर देख तो लूं। हालांकि वह मेरे बाप की उम्र का था पर लण्ड तो साला लण्ड ही होता है न ?
उस दिन संडे था मैं भी बड़े मूड में थी। मैं करीब ११ बजे उसके घर पहुँच गयी। वह नंगे बदन एक ढीली ढीली नेकर पहने बैठा हुआ दारू पी रहा था। मुझे देख कर वह खुश हुआ और मुझे भी दारू पिलाने लगा। मैंने कहा भोसड़ी के अंकल तुम सुबह सुबह दारू पीने लगते हो। क्या दारू का ही नास्ता करते हो। वह बोला नहीं पल्लवी मैं रोज़ सुबह दारू नहीं पीता हूँ। आज संडे है इसलिए पी रहा हूँ। मैंने पूंछा की मेरे साथ दारू पी रहे हो तो और भी लड़कियों से साथ दारू पीते होंगे। वह बोला हां मेरे साथ कई लड़कियां दारू पीने आती हैं। मैंने पूंछा सच सच बताओ अंकल लड़कियां दारू पीने आतीं हैं की तेरा लण्ड पीने ? वह बोला हां लड़कियां दारू पीने कम लण्ड पीने ज्यादा आती हैं। मैंने कहा मादर चोद अंकल मैं इतने दिनों से तेरे पास आ रही हूँ मुझे कभी लण्ड क्यों नहीं पिलाया ? वह बोला लण्ड मैं पिलाता नहीं हूँ वो खुद ही मेरा लण्ड पीने लगती हैं। बस मेरी झांटें सुलग गयी। मैं सोंचने लगी की लड़कियां बुर चोदी लण्ड पीने आती है और मैंने अभी तक इसका लण्ड नहीं पिया। फिर मैं उठी और उसकी नेकर के अंदर हाथ घुसेड़ दिया। मैंने लण्ड जैसा था वैसा ही बाहर निकाल लिया। वह कुछ बोला नहीं। लण्ड प्यार से सहलाने लगी तो वह बढ़ने लगा। मैंने नेकर खोल कर नीचे फेंक दिन। वह मादर चोद मेरे सामने एकदम नंगा हो गया और मैंने भी अपना टॉप खोल डाला और चूँचियाँ उसे दिखा दीं। मैंने लण्ड की कई चुम्मियाँ लीं और उसके पेल्हड़ भी चूमे।
मैं बहुत उत्तेजित हो गयी। लण्ड बहन चोद बढ़ते बढ़ते बहुत बड़ा हो गया और मोटा भी। मैंने अपनी पर्श से एक इंची टेप निकाला और लण्ड का साइज नापने लगी। मेरे मुंह से निकला बाप रे बाप लण्ड तो तेरा अंकल 8" + का है। और मोटा 5" + . ऐसा लौड़ा तो मैंने अभी तक नहीं देखा। मैं लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। मैंने फिर अपने सारे कपड़े उतार दिया और नंगी नंगी लण्ड पीने लगी। इतने में किसी ने डोर बेल बजा दी। अंकल ने दरवाजा खोला। शायद कोई लड़की आई थी। अंकल ने उसे अंदर कमरे में बैठा दिया और मेरे पास चले आये. मुझसे कहा पल्लवी ये भी मेरा लण्ड पीने आयी है। मैंने कहा मैं नहीं पीने दूँगी उस हरामजादी को लण्ड। मैं लण्ड खोल कर पीने लगी। इतने में अंकल ने आवाज़ लगायी - नेहा यहाँ अंदर आ जाओ। वह मेरे सामने आ गयी। आते ही बोली - ये कौन है बुर चोदी जो तेरा लण्ड पी रही है सर ? मैं अभी जैकब सर का लण्ड पी कर आ रही हूँ। वहां भी एक लड़की उसका लण्ड पी रही थी, बहन चोद। ये तो हमारे कॉलेज की लड़की नहीं है। मैंने कहा हां मैं तेरे कॉलेज की लड़की नहीं हूँ भोसड़ी की नेहा। तेरी माँ की चूत ? तेरी बहन की बुर ? इस लण्ड पर तेरा ही हक़ है क्या ? तू हैं कौन माँ की लौड़ी ? अंकल ने उसे समझाया बुझाया तो वह भी मेरे साथ लण्ड पीने लगी। मुझे भी मज़ा आया
मैंने कहा - नेहा तुम किसी दिन अपने जैकब सर का लण्ड पिलाओ मुझे।
वह बोली - अरे यार मैं तुम्हे कई लोगों के लण्ड पिलाऊंगी। लड़कियां तो कॉलेज के सारे टीचरों के लण्ड पीती हैं। और लड़कों के भी लण्ड पीती हैं। एक बार शुरू करोगी तो रोज़ रोज़
इस तरह मैं लण्ड पे लण्ड पीती गई और फिर एक के बाद एक मरद से चुदवाती गयी. मैं बेशरम भी हो चुकी थी और बोल्ड भी।
अचानक एक दिन मेरी शादी परेश नाम के लड़के से हो गयी। मेरी सुहागरात हुई उसमे मुझे अपने पति का लण्ड पकड़ने का मौक़ा मिला। लण्ड देख कर मैं बहुत खुश हुई। लण्ड लंबा भीठा और मोटा भी। मैंने उससे रात में तीन बार चुदवाया। सुहागरात वह मुझे गोवा लेकर गया था। दिन भर वह मुझे घुमाता था और रात को लण्ड मेरी चूत में पेलता था। मैं भी मस्त होकर उससे खूब चुदवाती थी। वापस आने के बाद वह अपने बिज़नेस में बिजी हो गया और विदेश चला गया। अब मैं बिना लण्ड के कैसे रहती ? इसलिए मैंने अपना दायरा बढ़ाया और इधर उधर लण्ड की खोज में हाँथ पाँव मारने लगी।
अचानक एक दिन मेरी मुलाक़ात मेरी एक सहेली सानिया से हो गयी। वह मुझे शॉपिंग मॉल में मिल गयी। उसका घर नजदीक ही था। वह मुझे अपने घर ले गयी और मेरा वेलकम किया।
- फिर उसने कहा क्या पियोगी पल्लवी ? ठंढा या गरम ?
- मैंने भी मजाक में कहा पियूँगी तो मैं गरम गरम ही ? पर तुम क्या पिला सकती हो मुझे ?
- अरे बोलो न यार तुम क्या पियोगी ? जो तुम पियोगी वो मैं तुम्हे पिला सकती हूँ।
- लण्ड पियूँगी मैं वह भी गरमागरम । बोलो क्या तुम पिला सकती हो ?
- हां पिला सकती हूँ पर इसके लिए तुम्हे कुछ टाइम देने पड़ेगा।
- अरे यार मैं मजाक कर रही हूँ चल तू मुझे गरम गरम व्हिस्की पिला दे।
- पर व्हिस्की तो ठंढी पी जाती है यार।
- देख मुझे थोड़ा ज़ुखाम है। इसलिए मैं गरम पानी से दारू पियूँगी।
मैंने फ़ौरन कपड़े उतारे और हो गई मादर चोद एकदम नंगी। मैंने हाथ बढ़ाया और लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। मुझे मज़ा आने लगा। मैं ज़िन्दगी में पहली बार कोई मुस्लिम लण्ड पकड़ कर देख रही थी। मुझे नहीं मालूम था की मुस्लिम लण्ड इतना खूबसूरत होता है। इसका सुपाड़ा तो एकदम साफ़ सुथरा है। इसके ऊपर की खाल कटी है इसीलिए ये कटा लण्ड कहलाता है। मैं लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी, सानिया मेरी चूत सहलाने लगी और उसका देवर मेरी चूँचियाँ दबाने लगा। मैंने मस्ती में पूंछा - सानिया तुम तो इससे खूब चुदवाती होगी। वह बोली हां यार मैं तो इससे खूब चुदवाती हूँ और इसके ससुर से भी चुदवाती हूँ। मैंने कहा - क्या कह रही है तू। इसका ससुर तो तेरे बाप के बराबर होगा। वह बोली - तो क्या हुआ हमारे समाज में सब चलता है। यहाँ कोई भी किसी का भी लण्ड पकड़ लेती है और अपनी बुर में घुसा लेती है। अब मेरी जेठानी को देखो वो अपने अब्बू का लण्ड पीती है। मैं अपने ससुर के लण्ड पर चढ़ जाती हूँ और खूब धकाधक चोदती हूँ। रात में मेरे घर की सारी बीवियां भोसड़ी वाली बिलकुल रंडी हो जाती हैं। खूब बेशर्मी से बेधड़क सबसे चुदवाती है और सबके लण्ड पीती हैं।
सानिया की बातों ने मेरी हिम्मत और बढ़ा दी। मैंने कहा यार ये तो तेरे देवर का लण्ड है मैं तो तेरे मरद का भी लण्ड चोदना चाहती हूँ। वह बोली अरे यार तुम अब मुझे मिली हो। चिंता न करो मैं तुझे अपने जेठ का लण्ड ससुर का लण्ड नंदोई का लण्ड सब चोदने दूँगी। बस तेरी गांड में दम होनी चाहिए। मैंने कहा गांड में नहीं चूत में दम हॉबी चाहिए। वह बोली नहीं यार चोदने के लिए तुझे गांड से ही जोर लगाना पड़ेगा। फिर हम दोनों हंस पड़ी। इतने में उसके लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया। मैं मस्ती से चुदवाने लगी। सानिया अपने देवर के पेल्हड़ सहलाने लगी और फिर वह लण्ड बार बार मेरी चूत से निकाल कर चाटने लगी।
कुछ दिन बाद मेरी मुलाक़ात नेहा से हो गयी। उसे देख कर लगा की उसकी शादी हो गयी है। मैंने उससे पूंछा तो उसने बताया हां मेरी शादी हो गयी है यार पर मेरा पराये मर्दों के लण्ड पकड़ने की आदत छूटी नहीं है। /बल्कि और बढ़ गयी है। मेरा हसबैंड विदेश में काम करता है और मैं यहाँ कब तक बिना लण्ड के बैठी रहूं इसलिए मैंने अब तो और पराये मर्दों के लण्ड के चक्कर में घूमा करती हूँ। सच बताऊँ तुझे पल्लवी अब तो मैं बिलकुल रंडी हो गई हूँ। अब तुम बताओ पल्लवी तुम क्या करती हो ? मैंने कहा यार मैं भी रंडी बन चुकी हूँ , मेरा भी पति विदेश में है और मैं भी बिना लण्ड के एक दिन भी नहीं रह सकती।
वह बोली - अरे यार एक काम करो आज तुम मेरे साथ एक सेक्स पार्टी में चलो। यह पार्टी बीवियों की अदला बदली की है यानी "wife swapping" .
मैंने कहा - अरे यार मेरे पति तो है नहीं तो मैं कैसे चल सकती हूँ ?
नेहा बोली - पति तो मेरा भी नहीं है। लेकिन मैं जा रही हूँ।
मैंने कहा - तो फिर तुम कैसे जा रही हो।
वह बोली - मैं एक नकली पति के साथ जा रही हूँ। तुम भी एक नकली पति बना लो और मेरे साथ चलो। वहां एक नहीं कई लण्ड मिलेंगें और तुझे बड़ा मज़ा आएगा। एक बात और वहां कोई यह पूंछने वाला नहीं है की तेरा पति असली है की नकली। वहां तो बीवी के साथ एक पति और पति के साथ एक बीवी होनी चाहिए बस।
मैंने कहा - मेरे पास अभी कोई आदमी नहीं है जो मेरा पति बन सके।
वह बोली - कोई बात नहीं है। तू मेरे नंदोई को अपना पति बना ले। वैसे मैं इसे अपना पति बनाकर ले जाने वाली थी।
मैंने कहा - तो फिर तू क्या करेगी नेहा ?
वह बोली - मैं इसके दोस्त को अपना पति बना लूंगी। मैं उसका लण्ड एक बार पी चुकी हूँ।
बस काम बन गया और मैं अपने नकली पति रोहन के साथ चल पड़ी। नेहा भी अपने नकली पति सूरज के साथ चल पड़ी।
वह एक होटल का बड़ा सा हाल था। कई कपल बैठे हुए थे। हम लोग भी वहां बैठ गए। फिर सबका एक दूसरे से परिचय हुआ। मैंने देखा सारे कपल बड़े हैंडसम और खूबसूरत हैं। मेरे मन में आया की अगर ये सारे लोग नंगें हो जायेंगें तो कितना अच्छा लगेगा। मैं जब एक साथ इतने सारे लण्ड देखूँगी तो कितना मज़ा आएगा। तभी एक मस्त जवान लड़की एकदम नंगी नंगी आई और बोली :-
मैं सबसे पहले आप सभी लोगों का वेलकम करती हूँ। आज यहाँ "wife swapping" की पार्टी में घनघोर चुदाई होगी। कोई भी अपनी बीवी को हाथ नहीं लगाएगा। सब लोग दूसरे की बीवी चोदेंगें। कोई भी बीवी अपने हसबैंड को हाथ नहीं लगाएगी। सब दूसरे के हसबैंड का लण्ड पकड़ेंगीं और पराये उनसे चुदवाएंगी। तो मेरे प्यारे मादर चोदों, भोसड़ी वालों और प्यारी प्यारी बुर चोदियों अब अपने अपने कपड़े उतारना शुरू कर दो और एकदम नंगे नंगे दारू पीना शुरू कर दो। दारू पीते पीते पराये मर्दों के लण्ड भी पियो और मरद भी बहन चोद परायी बीवियों की चूँचियाँ पियें और उनकी चूत चाटें। उसके बाद चाहे जिसकी बीवी चोदो और चाहे जिसके लण्ड चोदो। सब लोग सबकी बीवियां चोदेंगें और सब बीवियां सबके लण्ड चोदेंगीं। जब तक यह राउंड पूरा नहीं हो जाता तब तक यह पार्टी चलती रहेगी। और हां एक बात नॉट कर लो बीवियां प्यारी प्यारी गालियां भी देंगीं लेकिन मरद गालियां नहीं देंगें , वे सिर्फ बीवियों की गालियां एन्जॉय करेंगें।
उसके बाद जब लोग नंगे हो गये और उनके लण्ड बाहर आ गए तो उन्हें देख कर मेरी चूत का बाजा अपने आप ही बज गया। मैं भी पूरी नंगी हो गयी। नेहा भी बुर चोदी नंगी हो गयी। मैंने एक हाथ में शराब का गिलास लिया और दूसरे हाथ से सबके लण्ड बारी बारी से पकड़ने लगी। धीरे धीरे सबके लण्ड खड़े हो गए और सब बीवियों की चूँचियाँ भी तन गयी। यह सीन देख कर मैं तो पागल हो गयी। मैंने मन में कहा आज मैं सच में बहुत बड़ी रंडी बन गयी हूँ। आज मुझे इन सब लोगों से चुदवाने का मौक़ा मिल रहा है, मैं तो खूब जम कर चुदवाऊंगी और सब भोसड़ी वाले के लण्ड चोदूँगी।
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