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सब्जी वाले के लंड का जूस चूत में डलवाया Sabji bhejne wale se chudwakar majaa liya
सब्जी वाले के लंड का जूस चूत में डलवाया Sabji bhejne wale se chudwakar majaa liya , Vegetable guy's cock juice was put in the pussy , सब्जी वाले ने की चूत की चुदाई , Vegetable person did pussy fucking , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
सब्जी वाले भैयाजी ने गली में आवाज लगाई, “ताज़ी सब्जी ले लो ताज़ी ताज़ी सब्जी. मूली, गोबी, आलू, भिंडी…!” मल्लू रेशमा ने दरवाजा खोला और भैयाजी ने इस भरी हुई जवानी के दर्शन किये. मूली का कोडवर्ड काम कर गया था आज भी. दरअसल यह भैयाजी इस मल्लू रेशमा को चोदने के लिए ही तो बिना टाइम की सब्जी बेचने आते हैं. भला गर्मी की दोपहर में उनसे सब्जी उनका बाप खरीदने वाला था. मल्लू रेशमा का पति इस वक्त काम पे होता हैं और उसका लड़का स्कुल में और तब यह भैया जी उसकी चूत में अपना डंडा दे आते हैं. मल्लू रेशमा ने भैया को हाथ कर के रुकने को कहा. भैयाजी ने सब्जी का थेला कंधे से उतारा और वो रेशमा के फ्लेट की तरफ चल पड़ें.
सब्जी वाले भैयाजी ने गली में आवाज लगाई, “ताज़ी सब्जी ले लो ताज़ी ताज़ी सब्जी. मूली, गोबी, आलू, भिंडी…!” मल्लू रेशमा ने दरवाजा खोला और भैयाजी ने इस भरी हुई जवानी के दर्शन किये. मूली का कोडवर्ड काम कर गया था आज भी. दरअसल यह भैयाजी इस मल्लू रेशमा को चोदने के लिए ही तो बिना टाइम की सब्जी बेचने आते हैं. भला गर्मी की दोपहर में उनसे सब्जी उनका बाप खरीदने वाला था. मल्लू रेशमा का पति इस वक्त काम पे होता हैं और उसका लड़का स्कुल में और तब यह भैया जी उसकी चूत में अपना डंडा दे आते हैं. मल्लू रेशमा ने भैया को हाथ कर के रुकने को कहा. भैयाजी ने सब्जी का थेला कंधे से उतारा और वो रेशमा के फ्लेट की तरफ चल पड़ें.
रेशमा ने इधर उधर देखा और अपना दरवाजा खोल के भैयाजी को अंदर ले लिया. मल्लू रेशमा को तो भैयाजी की सब्जी से ज्यादा उनके लंड के अंदर ही इंटरेस्ट था. इन दोनों के मिलने के पीछे भी अजीब कहानी हैं. दरअसल रेशमा रोज यह भैयाजी से मूली लेती थी. भैयाजी को पहले लगा की शायद यह औरत को मूली बहुत पसंद होगी इसलिए रोज उसकी सब्जी बनाती होंगी घर में; लेकिन उसे क्या पता की यह मल्लू जवानी अपने पति की ठंड से त्रस्त थी और अपनी चूत की हवस से तड़प रही थी. उसे तो रोज अपनी योनी के अंदर लंड लेने की चाह रहती थी और क्यूंकि वो रोज लंड नहीं ले सकती थी इसलिए मूली से ही काम चला लेती थी.
भैयाजी के घर में आते ही मल्लू रेशमा ने दरवाजे को बंध किया और भैयाजी को लेके बेडरूम में घुस गई. अंदर आते ही भैयाजी भी राजा हो गए जैसे. उन्होंने थेले को कोने में फेंका और उसमे से एक मूली निकाल ली. उन्होंने मूली के पीछे के पत्तो को तोड़ के फेंक दिया और उसका सफ़ेद भाग मुहं में ले के गिला कर दिया. मल्लू रेशमा ने अपने कपडे खोले और वो नंगी हो के बेड पे लेट गई. उसकी चूत के ऊपर बहुत सारे बाल थे और चूत पहले से ही पानी छुट चुका था. भैयाजी ने मूली को कौने से पकडे रखा और यह मल्लू औरत की चूत को अपनी दो ऊँगली से फाड़ दिया. चूत के अंदर की लाल त्वचा साफ़ नजर आ रही थी. और यह चूत पानी छोड़ने की वजह से जैसे की चमक सी रही थी. भैयाजी ने मूली को धीरे से अंदर डाला और आधे से ज्यादा मूली उन्होंने चूत के अंदर डाल दी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। एक जोर की आह हुई क्यूंकि मूली काफी मोटी और लंबी थी. मल्लू रेशमा ने अपनी टाँगे और थोड़ी खोली और मूली को और अंदर डलवाने की इच्छा जताई; बिना कुछ कहें.
मूली के बाद मल्लू रेशमा लंड से चूदी:-
भैयाजी की मूली तो बड़ी कमाल की निकली. मल्लू रेशमा आह आह कर के मूली से अपनी चूत चुदवाने लगी थी. उसके मुहं के ऊपर ख़ुशी के भाव जैसेसमाने का नाम ही नहीं ले रहे थे. तभी भैयाजी ने अपनी धोती के ऊपर की गाँठ को भी खोल दी. उसके अंदर उन्होंने कपडे की बनी हुई चड्डी पहनी हुई थी. चड्डी के ऊपर से उनके लंड ने बनाया हुआ तंबू साफ़ देखा जा सकता था. रेशमा ने अपने हाथ को लम्बा किया और भैयाजी के लंड को पकड़ के उसे दबाने लगी. भैयाजी की आह निकल पड़ी, भला खड़े लंड के ऊपर छूने से क्या मजा आता हैं वो तो लंड का मालिक ही जाने.
भैयाजी ने अपनी चड्डी खिंच ली और उनका झांटो से भरा हुआ लंड बहार आ गया. ब्लेड के पैसे बचा रहे थे शायद भैयाजी क्यूंकि झांटो का एक बड़ा घोंसला बनाया हुआ था उन्होंने. मल्लू औरत ने बिना कोई डर के उस कदावर लंड को अपने हाथ में पकड़ा और हिलाने लगी. यह लंड अच्छी अच्छी चूत को भी पानी पिला सकें उतना लम्बा और चौड़ा था. मल्लू रेशमा ने अपनी चूत से मूली निकाली और वो निचे बैठ गई. भैयाजी ने मल्लू औरत के मुहं के अंदर अपना लंड डाल दिया. और यह औरत तो जैसे यह झांटो वाला लंड नहीं बल्कि कोई रबड़ी वाली कुल्फी खा रही हो वैसे लौड़े को अपने मुहं में चलाने लगी. भैयाजी भी अपनी गांड को हिला के अपने लौड़े को मुहं के अंदर आगे पीछे करने लगी.
भैयाजी ने बड़े मजे से अपना लंड मुहं के अंदर 5 मिनिट तक चलाया और फिर वो रेडी हुए चूत को फाड़ने के लिए. मूली से एक बार चोदी हुई चूत में अब भैयाजी मूली से डेढ़ गुना लम्बा और दो गुना चौड़ा लंड डालने के लिए तैयार खड़े थे. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मल्लू रेशमा ने भी अपनी टाँगे खोल दी थी भैयाजी के लौड़े को अंदर भर लेने के लिए. भैयाजी ने लंड को चूत के उपर सेट किया और वो अपने लौड़े को धक्के लगाने लगे. इतने लम्बे लौड़े की भी जैसे इस मल्लू रेशमा के ऊपर कोई असर ही नहीं थी. वो तो बड़े मजे से लंड को चूत के अंदर ले के अपनी गांड के झटके लगा रही थी. भैयाजी ने भी आह आह कर के चुदाई की ट्रेन चालू कर दी. आह आह की आवाजें और चुम्मे की चुस्कियां निकलने लगी, भैयाजी चोदते चोदते चुंचे और होंठ के ऊपर अपने होंठो से प्यार जो बरसा रहे थे.
रेशमा ने भी अपनी गांड को उठा के ऐसे ही मस्ती से चुदाई करवाई. 15 मिनिट और चुदाई करने के बाद भैयाजी थोड़े ठन्डे पड़ते दिखे. उनके लंड ने पानी निकाल दिया था. भैयाजी ने पुरे का पूरा वीर्य इस मल्लू औरत की चूत की गहराई में निकाल दिया और वो उठ खड़े हुए. लंड के मार से मल्लू रेशमा भी तृप्त हो गई थी. भैयाजी ने अपनी धोती उठाई और पहन ली. वो तैयार हुए और अपने सब्जी के थेले को भी साथ में लिया. उनके निकलने से पहले मल्लू औरत ने बहार झाँक के सुनिश्चित कर लिया था की कोई बाहर हैं नहीं जो उन्हें देख सकें. भैयाजी ने जाते जाते मुड के गेलरी में देखा, मल्लू औरत उनकी तरफ ही देख रही थी. शायद वो भैयाजी को ख रही थी की जल्दी वापस आना मेरी चूत मारने के लिए…!
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