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तेरे पति के लंड में आग लगा दूँगी - wife swapping ka asli majaa liya
तेरे पति के लंड में आग लगा दूँगी - wife swapping ka asli majaa liya , पति अपना हो या बेगाना लंड तो बराबर ही होता है , मौसा जी और फूफा जी ने की चुदाई , पति के सामने गैर मर्द से फुद्दी को चुदवाया , अन्तर्वासना कामवासना की स्टोरी , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मेरी प्यारी प्यारी भोसड़ी की मौसी एक बात सुन ले तू । मुझे अब नये नये लण्ड चोदने की लत पड़ गयी है। मैं हर रोज़ कोई न कोई नया लण्ड चोदती हूँ। कल तेरा पति यानी मेरा मौसा आ रहा है। मैं कल ही रात को तेरे पति के लण्ड में आग लगा दूँगी। तेरे सामने तेरे पति का लण्ड चोद डालूंगी। तेरी गांड़ में दम हो तो मुझे रोक लेना और मेरी झांटें उखाड़ लेना ?
वह बोली - मैं तेरी झांटें नहीं उखाडूँगी, तेरी माँ चोदूँगी, बुर चोदी पूजा । तू भी सुन ले, कल तेरा पति भी आने वाला है। मैं भी कल रात को तेरे सामने तेरे पति के लण्ड में आग लगा दूँगी। चोद डालूंगी तेरे पति का लण्ड, बहन चोद क्योंकि मुझे भी लण्ड चोदना आता है।
तब तक एक आवाज़ और आई - लण्ड चोदना मैं भी जानती हूँ भोसड़ी वालियों। मैं तो तुम दोनों के मियों के लण्ड चोदूँगी। मैंने जब पीछे मुड़ कर देखा तो वह मेरी बुर चोदी काजल बुआ थीं।
फिर आगे :-
मेरा नाम मिसेज पूजा तिवारी है। मैं २५ साल की हूँ कानपुर की रहने वाली हूँ। मैं पढ़ी लिखी हूँ और एक अच्छी कंपनी में एक अच्छे पद पर काम कर रही हूँ। मैं बड़ी बड़ी चूँचियों वाली बेहद खूबसूरत हूँ और हॉट हूँ। मेरी शादी का अभी एक साल ही हुआ है। मेरे पति का नाम है अलोक तिवारी। मेरी मौसी मुझसे केवल दो साल बड़ी है। उसकी शादी भी दो साल पहले हुई थी। उसका नाम है मिसेज रुपाली अवस्थी। वह भी बहुत सुन्दर बड़ी बड़ी मस्त चूँचियों वाली और उभरी हुई गांड वाली हैं। गोरी चिट्टी औसत कद काठी वाली मेरी मौसी को देख कर मुझे ऐसा लगता है की अगर मैं लड़का होती तो उसकी बुर हर रोज़ चोदा करती। उसका पति आकाश अवस्थी बड़ा ही हैंडसम आदमी है और हट्टा कट्टा गोरा चिट्टा है।
मेरी बुआ मिसेज काजल दुबे का कहना ही क्या है ? बड़ी हंसमुख हैं, हंसी मजाक करने वाली हैं, मुझसे सिर्फ एक साल बड़ी हैं। वह खुल कर बातें करतीं हैं। लण्ड बुर, चूत, भोसड़ा, गांड, झांट सब पर खूब खुल कर बोलतीं हैं और मज़ा करतीं हैं। लण्ड पीने में बुआ का कोई जबाब नहीं। बुआ के पति का नाम है रोहित दुबे। वह बहुत ही सरल स्वाभाव के हैंडसम आदमी हैं।
दूसरे दिन मौसा भी आ गए और मेरा पति आलोक भी। वे दोनों एक दूसरे से अच्छी तरह परिचित थे। थोड़ी देर बाद फूजा जी भी आ गए। सबसे मिले और फिर हंसी मजाक होने लगी। हंसी के ठहाके लगने लगे। फिर हम लोग नास्ता करके बाहर घूमने चले गए। शाम को सब लोग ड्रिंक्स पर बैठ गए। इत्तिफाक से हम सब शराब की शौक़ीन है लेकिन सिर्फ एक हद तक ही। मैंने तो एक छोटी सी ब्रा पहन ली जिसमे केवल मेरे निपल्स ही छिप सकते थे। नीचे पेटीकोट पहन लिया बस। मेरी बड़ी बड़ी चूँचियाँ बाहर निकलने के लिए ब्याकुल हो रहीं थीं। मौसी ने नीचे पेटीकोट और ऊपर कुछ भी नहीं बस एक चुन्नी डाल उसी से अपनी चूँचियाँ छिपाने लगीं। बुआ ने ने तो एक गाउन पहन लिया जिससे उसकी बड़ी बड़ी मस्तानी चूँचियाँ साफ़ साफ दिखाई पास रहीं थीं हां निपल्स जरूर कुछ हद तक छिपे थे।
मैंने सबके हाथ में शराब का गिलास पकड़ा दिया। हम तीनो बीवियां शराब पीने लगी तो मर्दों को हमें देख कर मज़ा आने लगा। सबकी नज़रें चूँचियाँ पर ही टिकीं थीं अपनी बीवी की चूँचियाँ पर नहीं बल्कि दूसरे की बीवी की चूँचियाँ पर। मुझे तो मौसा और फूफा के लण्ड में आग लगानी ही थी . शराब का दूसरा पैग बनाते समय मेरे पेटीकोट पर पानी का गिलास गिर पड़ा। पेटीकोट भीग गया। मैंने उसे अपनी जांघ के ऊपर तक इस तरह उठा लिया की सबको मेरी चूत दिख जाए। मैंने पेटीकोट बिलकुल चूत के मुहाने तक उठाया और फिर बाथ रूम चली गयी। आग तो लगने लगी सबके लण्ड में। मैं बाथ रूम से एक तौलिया अपनी चूँची तक लपेटे हुए बाहर आकर बैठ गयी। मेरी जांघें आधे से अधिक खुली हुई थी। ऊपर ब्रा भी नहीं थी। मौसी मन में कहने लगी ये बुर चोदी पूजा आग जरूर लगा देगी सबके लण्ड में ?
मौसी भी अपनी चुन्नी इधर उधर हिलाती झुलाती रहीं ताकि उसकी चूँचियों की झलक सबको मिल जाए। उधर बुआ जी ने अपने गाउन की बाटने खोल दिन तो उसकी भी चूँचियाँ कमाल दिखने लगीं। वह जल्दी जल्दी आने जाने लगीं तो उसकी चूँचियाँ बड़े मजे से हिलने लगतीं तो चूँचियों के साइज का पता चल जाता था। बात करते करते दूसरा पैग भी खली होने को आ गया। बातें फिर ज्यादा मसाले दार होने लगीं, थोड़ा अश्लील होने लगी और फिर गन्दी गन्दी बातें भी होने लगीं।
बीवियों पर बात चली तो मौसी बोली - औरतों के पास दो करिश्में होते हैं। पहला - औरतें घास नहीं खाती फिर भी दूध देतीं हैं । दूसरा - औरतों के पास लण्ड नहीं होता है फिर मर्दों की गांड़ मार लेतीं हैं।
सबने खूब तालियां बजायीं और मज़ा लिया। मौसी के मुंह से 'लण्ड' सुनकर सबको ज्यादा मज़ा आया।
बुआ ने सुनाया :-
सुहागरात में पति ने पत्नी से कहा - मैं तुम्हारे क़दमों में लाकर रख दूंगा ज़माना।
पत्नी बोली - चुपचाप लौड़ा पेल दे मेरी चूत में और चोदना शरु कर भोसड़ी के। ज़माने की माँ की चूत।
इस बात पर सबने खूब ठहाका लगाया और मस्ती की।
मैंने कहा - यार कुछ भी हो लण्ड हो तो फिर मरदाना लण्ड हो। ऐसे लण्ड से क्या फायदा जो लड़की की गांड भी न मार सके ?
इस बात पर भी सबने खूब तालियां बजाई और फिर माहौल में पूरी तरह गर्मी छा गयी. इन सब बातों से हमारे बीच की शर्म ख़तम हो गयी और सब लोग खुल कर बोलने लगे। मौसा ने कहा वाह वाह आज तो बड़ा मज़ा आ रहा है। मुझे तो ऐसी ही बातें अच्छी लगतीं हैं। फूफा ने कहा हां यार जवानी में अगर ये भी न हो फिर जवानी का क्या मतलब। मेरा पति बोला मैं तो कहता हूँ की आज हो जाए एकदम खुल्लम खुल्ला चोदा चोदी। बुआ बोली देखो मैं एक बात खुल कर कह रही हूँ। अपनी बीवी चोदी तो क्या चोदी मज़ा तो तब है जब दूसरे की बीवी चोदो ? मौसी ने कहा हां यार अपने मियां का लण्ड पकड़ा तो क्या पकड़ा ? मज़ा तो तब है जब दूसरे के मियां का लण्ड पकड़ो ?
बात आगे बढ़ी तो मौसी ने फिर एक बात बड़ी मजे दार कह दी। वह बोली वह भी कोई मर्द, मर्द है जो पराई बीवियां न चोदे ? इतने में बुआ जी बोली - वह भी कोई बीवी, बीवी है जो पराये मर्दों के लण्ड अपनी चूत में न पेले ? अब तो बर्दास्त के बाहर हो गया माहौल। मैंने मौसा के लण्ड पर हाथ रख ही दिया। और लण्ड ऊपर से दबाने लगी। उधर मौसी ने फूफा के लण्ड पर प्यार से हाथ मारा और मस्ती से लण्ड दबाने लगीं. फिर बुआ ने मेरे पति के लण्ड पर हाथ रखा और कहा अब तो इस भोसड़ी वाले को निकाल कर दिखा दो मुझे ?
उन लोगों ने भी हमारी चूँचियाँ दबानी शुरू कर दी। मौसा मेरी चूँचियाँ दबाने लगा, फूफा मौसी की चूँचियाँ दबाने लगा और मेरा पति बुआ की चूँचियाँ दबाने लगा। धीरे धीरे सबकी चूँचियाँ नंगी हो गयीं। सबकी चूँचियाँ इत्तिफाक से बड़ी बड़ी थीं। यह कहना मुश्किल था की किसकी चूँचियाँ बड़ी हैं और किसकी छोटी ? थोड़ी देर में सबकी चूत भी दिखने लगी। पहले मेरी चूत दिखी मैं बहन चोद पूरी नंगी हो गई। फिर बुआ ने अपनी बुर दिखाई सबको और फिर मौसी भी भोसड़ी वाली नंगी हो गयी। हम तीनो बीवियों को नंगी देख कर मर्दों के लण्ड में गज़ब की आग लग गयी। वे लोग दूसरे की नंगी नंगी बीवी देख कर बड़े उत्तेजित हो गए। मैंने तभी मौसा को एकदम नंगा कर दिया और उसका लण्ड बड़े प्यार से हिलाने लगी। मौसी ने भी फूफा का लौड़ा बाहर निकाल लिया। उसे पूरा नंगा कर दिया। वह लण्ड चूमने और चाटने लगी । बुआ ने भी मेरे पति को बिलकुल नंगा कर दिया और उसका लौड़ा हिलाते हुए बोली अरी बुर चोदी पूजा तेरे मियां का लौड़ा तो बड़ा मस्त भी है और जबरदस्त भी है। तूने पहले मुझे बताया नहीं। अगर बता दिया होता तो मैं अब तक कई बार तेरे मियां का लण्ड चोद चुकी होती।
हम तीनो इस तरह एक दूसरे के पति का लण्ड का मज़ा लेने लगीं। मैं मौसा का लण्ड मुँह में भर कर चूसने लगी। मौसी फूफा का लण्ड पीने लगी और बुआ मेरे पति का लण्ड पीने लगी। हम तीनो की उम्र लगभग एक जैसी थी और हमारे हसबैंड की भी उम्र एक जैसी ही थी इसलिए हमें इस खेल में ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैं देख रही थी की बुआ मेरे पति का लण्ड कैसे पी रहीं हैं। बुआ देख रही थी की रुपाली कैसे मेरे पेटी का लण्ड पी रही है और रुपाली देख रही थी की पूजा कैसे मेरे पति का लण्ड पी रही है। यह पहला मौक़ा था जबकि हम लोग एक दूसरे के समें नंगी हुई और एक दूसरे लण्ड पीने लगीं।
बुआ बोली - मैं जब अपने पति का लण्ड अकेले अकेले पीती थी तो कोई ख़ास मज़ा नहीं आता था। आज जब मैं किसी और के पति का लण्ड पी रही हूँ तो ज्यादा मज़ा आ रहा है। कोई और मेरे पति लण्ड का पी रही है उसे देख कर तो और ज्यादा मज़ा आ रहा है। मैंने कहा - बुआ जी इसी को कहतें हैं "husband swapping" . अब तो हम लोग आगे भी पति बदल बदल कर लण्ड पिया करेंगीं। इतने में मौसा जी ने लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। मेरे मुंह से चीख निकल पड़ी उई माँ फट गई मेरी बुर बहन चोद ? एक ही बार में पेल दिया पूरा लण्ड तूने ? मौसा जी, तेरी बहन का भोसड़ा तू तो बड़ा बेरहम निकला यार। फिर मैं धकाधक चुदवाने लगी। उधर फूफा ने मौसी की बुर में पेल दिया लण्ड तो वह बोली हाय दईया इतना मोटा लण्ड घुसेड़ दिया भोसड़ी के तूने मेरी चूत में । तुझे बिलकुल शर्म नहीं आयी बहन के लौड़े ? इधर मेरा पति बुआ की बुर में लौड़ा घुसेड़ कर चोदने लगा। बुआ बोली वाओ, पूरा लण्ड पेल दो यार। चोदो मुझे चोदो। जैसे पूजा की बुर लेते हो न उसी तरह मेरी बुर ले लो। फाड़ डालो मेरी बुर चोदी बुर ?
अब तो खुल कर और बड़ी बेशर्मी से तीनो मरद एक दूसरे की चोदने लगे। अलोक रोहित की बीवी चोदने लगा रोहित आकाश की बीवी चोदने लगा और आकाश अलोक की बीवी चोदने लगा। इनका भी पहला ही मौक़ा था जब के ये लोक एक दूसरे की बीवी चोद रहें हैं। उधर इन बीवियोंको भी मज़ा आने लाग ऑटो वे भी मस्ती में कुछ न कुछ बोले भी जा रहीं थी और चुदवाये भी जा रहीं थीं। कुछ आप भी सुनिए :-
हाय कितना मज़ा आता है जब कोई पराया मरद चोदता है -- कितना मज़ा है पराये मरद के लण्ड में -- चोद डालो मेरी बुर यार इतना मज़ा तो मुझे अपनी सुहागरात में भी नहीं आया था -- क्या लौड़ा है तेरा मन करता है की तेरे से हमेशा चुदवाती रहूं -- यार ठोंक दो पूरा लण्ड और चीर डालो मेरी बुर -- वोवो जो मज़ा पराये मरद के लण्ड में है वो मज़ा अपने मरद के लण्ड में कहाँ -- कुछ भी हो यार अपने मरद के सामने पराये मरद से चुदवाने का मज़ा ही और है -- मैंने कभी सोंचा नहीं था की एक दिन मैं तुम दोनों के सामने किसी और से चुदवाऊंगी -- मुझे तो अपने मरद को किसी और की बुर चोदते हुए देखने में बड़ा मज़ा आ रहा है -- मुझे भी आ रहा है यार ये सामूहिक चुदाई का तरीका आज मालूम हुआ है न -- अब मुझे घोड़ी बना के चोदो -- पीछे से लौड़ा घुसेड़ दो यार -- चाहो तो मेरी गांड़ भी मार लो मेरे राजा -- मेरी बुर चोदी चूँचियाँ भी चोद डालो -- मेरे मुंह में पेल दो लण्ड यार -- तेरा लण्ड तो बिलकुल लड्डू पेड़ा है मेरे लिए -- मुझे रंडी की तरह चोदो -- रात में हर बीवी बहन चोद रंडी हो जाती है -- मेरी चूत का बना दो भोसड़ा - अब मैं तेरा लण्ड पियूँगी -- मैं किसी दिन ये लौड़ा अपनी भाभी की बुर में पेलूँगी -- यार अब मैं जब तक यहाँ हूँ तब तक तुम लोगों से चुदवाती रहूंगी।
फूफा मौसी की बुर पीछे से चोदने लगा। मौसा मुझे अपने लण्ड पर बैठा के मुझे चोदने लगा और मेरा पति बुआ
की बुर अपने बगल ले लिटा कर चोदने लगा। हम सबकी चूँचियाँ उछल रहीं थीं जिन्हे देख देख कर मर्दों में बड़ा जोश आ रहा था। किसी ने सच ही कहा है की चुदाई में अगर बेशर्मी न हो, गन्दी गन्दी बातें न हों और थोड़ी बहुत प्यार की गालियां न हों तो चुदाई का मज़ा अधूरा ही रहता है। मैं किसी भी तरह से चुदाई का मज़ा अधूरा नहीं रखना चाहती थी। इसलिए खूब मस्ती करती हुई हम सब धकाधक चुदवा रहीं थीं।आकाश बोला - यार अलोक मुझे तेरी बीवी चोदने में बड़ा मज़ा आर हा है। पूजा भाभी भी बड़ी मस्ती से चुदवा रहीं हैं। देखो हम तीनो लगभग एक ही उम्र के हैं इसलिए मैं इनसे खास तौर से चुदाई के समय भाभी का रिस्ता रखना चाहता हूँ। मैंने कहा - हां यह बात सही है। मैं आकाश और रोहित की भाभी हूँ। ये दोनों भोसड़ी के मेरे देवर हैं। मैं इनके लण्ड की चचहेती भाभी हूँ। तब तक मौसी बोली - मैं अलोक और रोहित की भाभी हूँ। इनके लण्ड की दीवानी हूँ। बुआ बोली मैं बुर चोदी अलोक और आकाश की भाभी हूँ। मैं तो खुल कर इन दोनों को अपनी बुर दूँगी। रोहित ने कहा - यार, अपनी बीवी के सामने किसी और की बीवी चोदना बड़ा मज़ा दे रहा है। मैं तो अपनी बीवी को किसी और से चुदते हुए देख रहा हूँ तो मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है। मेरे पति ने कहा - विदेशों में लोग अपनी बीवी बड़े शौक से चुदवातें हैं। बड़े बड़े क्लबों में अपनी बीवी ले जातें है और वहां खुले आम अपनी बीवी चुदवाते हैं और एन्जॉय करते हैं। मैं भी अपनी बीवी चुदवा रहा हूँ और मज़ा कर रहा हूँ। इसी को लोग "wife swapping" कहतें हैं। इतने में मैंने देखा की मेरे पति की निगाह रुपाली मौसी की बुर पर तिकी हुई है। मौसी भी बुर चोदी मेरे पति का लण्ड एकटक देख रही है। फिर क्या मेरे पति से न रहा गया। उसने अपना लण्ड काजल बुआ की बुर से निकाल कर रुपाली मौसी की चूत में ठोंक दिया। मौसी एकदम से बिलबिला उठी और बोली वाओ, अलोक तूने पेल दिया लण्ड मेरी चूत में। ठीक ले तू अच्छी तरह चोद ले मेरी बुर। उसने अपनी बुर उठा कर मेरे पति से कहा। इतने में रोहित ने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। वह मुझे चोदने लगा और मैं भी उसका पूरा साथ देने लगी। एक नया लण्ड मेरी चूतमे घुसा तो मज़ा आ गया।
उधर आकाश ने बुआ की बुर में लौड़ा पेला और भकाभक चोदने लगा। आकाश बोला - वाओ, मुझे तो काजल भाभी की बुर बड़ा मज़ा दे रही है। काजल भाभी की चूत भी टाइट है और चूँचियाँ भी। रोहित ने मुझसे कहा पूजा भाभी अब तो मैं तेरी बुर चोदने अक्सर तेरे पास आया करूंगा। मैंने जबाब दिया हां जरूर दोस्तों को लाना वो भी मेरी बुर माँ मज़ा लेगें। रोहित ने कहा - अरे भाभी जी आपने अच्छा दिलाया। मेरा एक दोस्त है उसकी बीवी ससुरी बड़ी सुन्दर है। उसकी चूँचियाँ भी बड़ी बड़ी हैं। मैं उसे एक दिन इस ग्रुप में शामिल कर लूँगा। मैं उससे कल ही बात करूंगा। अगर वह मान गयी तो मुझे उसे चोदने में खूब मज़ा आएगा और आकाश और अलोक को भी। मैं इन दोनों से भी उसकी बुर चुदवाऊंगा।
इतने में रोहित झड़ने लगा तो मैंने उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा। बुआ ने आकाश का झड़ता हुआ लण्ड चाटा और मौसी ने मेरे मियां आलोक का झड़ता हुआ लण्ड चाटा।
रात में फिर हमने तीन तीन बार एक दूसरे के पति से खूब मस्ती से चुदवाया।
आज हमारे ग्रुप में १०/ १२ कपल्स हैं जो एक दूसरे की बीवी हर शनिवार और इतवार को चोदते हैं।
फिर आगे :-
मेरा नाम मिसेज पूजा तिवारी है। मैं २५ साल की हूँ कानपुर की रहने वाली हूँ। मैं पढ़ी लिखी हूँ और एक अच्छी कंपनी में एक अच्छे पद पर काम कर रही हूँ। मैं बड़ी बड़ी चूँचियों वाली बेहद खूबसूरत हूँ और हॉट हूँ। मेरी शादी का अभी एक साल ही हुआ है। मेरे पति का नाम है अलोक तिवारी। मेरी मौसी मुझसे केवल दो साल बड़ी है। उसकी शादी भी दो साल पहले हुई थी। उसका नाम है मिसेज रुपाली अवस्थी। वह भी बहुत सुन्दर बड़ी बड़ी मस्त चूँचियों वाली और उभरी हुई गांड वाली हैं। गोरी चिट्टी औसत कद काठी वाली मेरी मौसी को देख कर मुझे ऐसा लगता है की अगर मैं लड़का होती तो उसकी बुर हर रोज़ चोदा करती। उसका पति आकाश अवस्थी बड़ा ही हैंडसम आदमी है और हट्टा कट्टा गोरा चिट्टा है।
मेरी बुआ मिसेज काजल दुबे का कहना ही क्या है ? बड़ी हंसमुख हैं, हंसी मजाक करने वाली हैं, मुझसे सिर्फ एक साल बड़ी हैं। वह खुल कर बातें करतीं हैं। लण्ड बुर, चूत, भोसड़ा, गांड, झांट सब पर खूब खुल कर बोलतीं हैं और मज़ा करतीं हैं। लण्ड पीने में बुआ का कोई जबाब नहीं। बुआ के पति का नाम है रोहित दुबे। वह बहुत ही सरल स्वाभाव के हैंडसम आदमी हैं।
दूसरे दिन मौसा भी आ गए और मेरा पति आलोक भी। वे दोनों एक दूसरे से अच्छी तरह परिचित थे। थोड़ी देर बाद फूजा जी भी आ गए। सबसे मिले और फिर हंसी मजाक होने लगी। हंसी के ठहाके लगने लगे। फिर हम लोग नास्ता करके बाहर घूमने चले गए। शाम को सब लोग ड्रिंक्स पर बैठ गए। इत्तिफाक से हम सब शराब की शौक़ीन है लेकिन सिर्फ एक हद तक ही। मैंने तो एक छोटी सी ब्रा पहन ली जिसमे केवल मेरे निपल्स ही छिप सकते थे। नीचे पेटीकोट पहन लिया बस। मेरी बड़ी बड़ी चूँचियाँ बाहर निकलने के लिए ब्याकुल हो रहीं थीं। मौसी ने नीचे पेटीकोट और ऊपर कुछ भी नहीं बस एक चुन्नी डाल उसी से अपनी चूँचियाँ छिपाने लगीं। बुआ ने ने तो एक गाउन पहन लिया जिससे उसकी बड़ी बड़ी मस्तानी चूँचियाँ साफ़ साफ दिखाई पास रहीं थीं हां निपल्स जरूर कुछ हद तक छिपे थे।
मैंने सबके हाथ में शराब का गिलास पकड़ा दिया। हम तीनो बीवियां शराब पीने लगी तो मर्दों को हमें देख कर मज़ा आने लगा। सबकी नज़रें चूँचियाँ पर ही टिकीं थीं अपनी बीवी की चूँचियाँ पर नहीं बल्कि दूसरे की बीवी की चूँचियाँ पर। मुझे तो मौसा और फूफा के लण्ड में आग लगानी ही थी . शराब का दूसरा पैग बनाते समय मेरे पेटीकोट पर पानी का गिलास गिर पड़ा। पेटीकोट भीग गया। मैंने उसे अपनी जांघ के ऊपर तक इस तरह उठा लिया की सबको मेरी चूत दिख जाए। मैंने पेटीकोट बिलकुल चूत के मुहाने तक उठाया और फिर बाथ रूम चली गयी। आग तो लगने लगी सबके लण्ड में। मैं बाथ रूम से एक तौलिया अपनी चूँची तक लपेटे हुए बाहर आकर बैठ गयी। मेरी जांघें आधे से अधिक खुली हुई थी। ऊपर ब्रा भी नहीं थी। मौसी मन में कहने लगी ये बुर चोदी पूजा आग जरूर लगा देगी सबके लण्ड में ?
मौसी भी अपनी चुन्नी इधर उधर हिलाती झुलाती रहीं ताकि उसकी चूँचियों की झलक सबको मिल जाए। उधर बुआ जी ने अपने गाउन की बाटने खोल दिन तो उसकी भी चूँचियाँ कमाल दिखने लगीं। वह जल्दी जल्दी आने जाने लगीं तो उसकी चूँचियाँ बड़े मजे से हिलने लगतीं तो चूँचियों के साइज का पता चल जाता था। बात करते करते दूसरा पैग भी खली होने को आ गया। बातें फिर ज्यादा मसाले दार होने लगीं, थोड़ा अश्लील होने लगी और फिर गन्दी गन्दी बातें भी होने लगीं।
बीवियों पर बात चली तो मौसी बोली - औरतों के पास दो करिश्में होते हैं। पहला - औरतें घास नहीं खाती फिर भी दूध देतीं हैं । दूसरा - औरतों के पास लण्ड नहीं होता है फिर मर्दों की गांड़ मार लेतीं हैं।
सबने खूब तालियां बजायीं और मज़ा लिया। मौसी के मुंह से 'लण्ड' सुनकर सबको ज्यादा मज़ा आया।
बुआ ने सुनाया :-
सुहागरात में पति ने पत्नी से कहा - मैं तुम्हारे क़दमों में लाकर रख दूंगा ज़माना।
पत्नी बोली - चुपचाप लौड़ा पेल दे मेरी चूत में और चोदना शरु कर भोसड़ी के। ज़माने की माँ की चूत।
इस बात पर सबने खूब ठहाका लगाया और मस्ती की।
मैंने कहा - यार कुछ भी हो लण्ड हो तो फिर मरदाना लण्ड हो। ऐसे लण्ड से क्या फायदा जो लड़की की गांड भी न मार सके ?
इस बात पर भी सबने खूब तालियां बजाई और फिर माहौल में पूरी तरह गर्मी छा गयी. इन सब बातों से हमारे बीच की शर्म ख़तम हो गयी और सब लोग खुल कर बोलने लगे। मौसा ने कहा वाह वाह आज तो बड़ा मज़ा आ रहा है। मुझे तो ऐसी ही बातें अच्छी लगतीं हैं। फूफा ने कहा हां यार जवानी में अगर ये भी न हो फिर जवानी का क्या मतलब। मेरा पति बोला मैं तो कहता हूँ की आज हो जाए एकदम खुल्लम खुल्ला चोदा चोदी। बुआ बोली देखो मैं एक बात खुल कर कह रही हूँ। अपनी बीवी चोदी तो क्या चोदी मज़ा तो तब है जब दूसरे की बीवी चोदो ? मौसी ने कहा हां यार अपने मियां का लण्ड पकड़ा तो क्या पकड़ा ? मज़ा तो तब है जब दूसरे के मियां का लण्ड पकड़ो ?
बात आगे बढ़ी तो मौसी ने फिर एक बात बड़ी मजे दार कह दी। वह बोली वह भी कोई मर्द, मर्द है जो पराई बीवियां न चोदे ? इतने में बुआ जी बोली - वह भी कोई बीवी, बीवी है जो पराये मर्दों के लण्ड अपनी चूत में न पेले ? अब तो बर्दास्त के बाहर हो गया माहौल। मैंने मौसा के लण्ड पर हाथ रख ही दिया। और लण्ड ऊपर से दबाने लगी। उधर मौसी ने फूफा के लण्ड पर प्यार से हाथ मारा और मस्ती से लण्ड दबाने लगीं. फिर बुआ ने मेरे पति के लण्ड पर हाथ रखा और कहा अब तो इस भोसड़ी वाले को निकाल कर दिखा दो मुझे ?
उन लोगों ने भी हमारी चूँचियाँ दबानी शुरू कर दी। मौसा मेरी चूँचियाँ दबाने लगा, फूफा मौसी की चूँचियाँ दबाने लगा और मेरा पति बुआ की चूँचियाँ दबाने लगा। धीरे धीरे सबकी चूँचियाँ नंगी हो गयीं। सबकी चूँचियाँ इत्तिफाक से बड़ी बड़ी थीं। यह कहना मुश्किल था की किसकी चूँचियाँ बड़ी हैं और किसकी छोटी ? थोड़ी देर में सबकी चूत भी दिखने लगी। पहले मेरी चूत दिखी मैं बहन चोद पूरी नंगी हो गई। फिर बुआ ने अपनी बुर दिखाई सबको और फिर मौसी भी भोसड़ी वाली नंगी हो गयी। हम तीनो बीवियों को नंगी देख कर मर्दों के लण्ड में गज़ब की आग लग गयी। वे लोग दूसरे की नंगी नंगी बीवी देख कर बड़े उत्तेजित हो गए। मैंने तभी मौसा को एकदम नंगा कर दिया और उसका लण्ड बड़े प्यार से हिलाने लगी। मौसी ने भी फूफा का लौड़ा बाहर निकाल लिया। उसे पूरा नंगा कर दिया। वह लण्ड चूमने और चाटने लगी । बुआ ने भी मेरे पति को बिलकुल नंगा कर दिया और उसका लौड़ा हिलाते हुए बोली अरी बुर चोदी पूजा तेरे मियां का लौड़ा तो बड़ा मस्त भी है और जबरदस्त भी है। तूने पहले मुझे बताया नहीं। अगर बता दिया होता तो मैं अब तक कई बार तेरे मियां का लण्ड चोद चुकी होती।
हम तीनो इस तरह एक दूसरे के पति का लण्ड का मज़ा लेने लगीं। मैं मौसा का लण्ड मुँह में भर कर चूसने लगी। मौसी फूफा का लण्ड पीने लगी और बुआ मेरे पति का लण्ड पीने लगी। हम तीनो की उम्र लगभग एक जैसी थी और हमारे हसबैंड की भी उम्र एक जैसी ही थी इसलिए हमें इस खेल में ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैं देख रही थी की बुआ मेरे पति का लण्ड कैसे पी रहीं हैं। बुआ देख रही थी की रुपाली कैसे मेरे पेटी का लण्ड पी रही है और रुपाली देख रही थी की पूजा कैसे मेरे पति का लण्ड पी रही है। यह पहला मौक़ा था जबकि हम लोग एक दूसरे के समें नंगी हुई और एक दूसरे लण्ड पीने लगीं।
बुआ बोली - मैं जब अपने पति का लण्ड अकेले अकेले पीती थी तो कोई ख़ास मज़ा नहीं आता था। आज जब मैं किसी और के पति का लण्ड पी रही हूँ तो ज्यादा मज़ा आ रहा है। कोई और मेरे पति लण्ड का पी रही है उसे देख कर तो और ज्यादा मज़ा आ रहा है। मैंने कहा - बुआ जी इसी को कहतें हैं "husband swapping" . अब तो हम लोग आगे भी पति बदल बदल कर लण्ड पिया करेंगीं। इतने में मौसा जी ने लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। मेरे मुंह से चीख निकल पड़ी उई माँ फट गई मेरी बुर बहन चोद ? एक ही बार में पेल दिया पूरा लण्ड तूने ? मौसा जी, तेरी बहन का भोसड़ा तू तो बड़ा बेरहम निकला यार। फिर मैं धकाधक चुदवाने लगी। उधर फूफा ने मौसी की बुर में पेल दिया लण्ड तो वह बोली हाय दईया इतना मोटा लण्ड घुसेड़ दिया भोसड़ी के तूने मेरी चूत में । तुझे बिलकुल शर्म नहीं आयी बहन के लौड़े ? इधर मेरा पति बुआ की बुर में लौड़ा घुसेड़ कर चोदने लगा। बुआ बोली वाओ, पूरा लण्ड पेल दो यार। चोदो मुझे चोदो। जैसे पूजा की बुर लेते हो न उसी तरह मेरी बुर ले लो। फाड़ डालो मेरी बुर चोदी बुर ?
अब तो खुल कर और बड़ी बेशर्मी से तीनो मरद एक दूसरे की चोदने लगे। अलोक रोहित की बीवी चोदने लगा रोहित आकाश की बीवी चोदने लगा और आकाश अलोक की बीवी चोदने लगा। इनका भी पहला ही मौक़ा था जब के ये लोक एक दूसरे की बीवी चोद रहें हैं। उधर इन बीवियोंको भी मज़ा आने लाग ऑटो वे भी मस्ती में कुछ न कुछ बोले भी जा रहीं थी और चुदवाये भी जा रहीं थीं। कुछ आप भी सुनिए :-
हाय कितना मज़ा आता है जब कोई पराया मरद चोदता है -- कितना मज़ा है पराये मरद के लण्ड में -- चोद डालो मेरी बुर यार इतना मज़ा तो मुझे अपनी सुहागरात में भी नहीं आया था -- क्या लौड़ा है तेरा मन करता है की तेरे से हमेशा चुदवाती रहूं -- यार ठोंक दो पूरा लण्ड और चीर डालो मेरी बुर -- वोवो जो मज़ा पराये मरद के लण्ड में है वो मज़ा अपने मरद के लण्ड में कहाँ -- कुछ भी हो यार अपने मरद के सामने पराये मरद से चुदवाने का मज़ा ही और है -- मैंने कभी सोंचा नहीं था की एक दिन मैं तुम दोनों के सामने किसी और से चुदवाऊंगी -- मुझे तो अपने मरद को किसी और की बुर चोदते हुए देखने में बड़ा मज़ा आ रहा है -- मुझे भी आ रहा है यार ये सामूहिक चुदाई का तरीका आज मालूम हुआ है न -- अब मुझे घोड़ी बना के चोदो -- पीछे से लौड़ा घुसेड़ दो यार -- चाहो तो मेरी गांड़ भी मार लो मेरे राजा -- मेरी बुर चोदी चूँचियाँ भी चोद डालो -- मेरे मुंह में पेल दो लण्ड यार -- तेरा लण्ड तो बिलकुल लड्डू पेड़ा है मेरे लिए -- मुझे रंडी की तरह चोदो -- रात में हर बीवी बहन चोद रंडी हो जाती है -- मेरी चूत का बना दो भोसड़ा - अब मैं तेरा लण्ड पियूँगी -- मैं किसी दिन ये लौड़ा अपनी भाभी की बुर में पेलूँगी -- यार अब मैं जब तक यहाँ हूँ तब तक तुम लोगों से चुदवाती रहूंगी।
फूफा मौसी की बुर पीछे से चोदने लगा। मौसा मुझे अपने लण्ड पर बैठा के मुझे चोदने लगा और मेरा पति बुआ
उधर आकाश ने बुआ की बुर में लौड़ा पेला और भकाभक चोदने लगा। आकाश बोला - वाओ, मुझे तो काजल भाभी की बुर बड़ा मज़ा दे रही है। काजल भाभी की चूत भी टाइट है और चूँचियाँ भी। रोहित ने मुझसे कहा पूजा भाभी अब तो मैं तेरी बुर चोदने अक्सर तेरे पास आया करूंगा। मैंने जबाब दिया हां जरूर दोस्तों को लाना वो भी मेरी बुर माँ मज़ा लेगें। रोहित ने कहा - अरे भाभी जी आपने अच्छा दिलाया। मेरा एक दोस्त है उसकी बीवी ससुरी बड़ी सुन्दर है। उसकी चूँचियाँ भी बड़ी बड़ी हैं। मैं उसे एक दिन इस ग्रुप में शामिल कर लूँगा। मैं उससे कल ही बात करूंगा। अगर वह मान गयी तो मुझे उसे चोदने में खूब मज़ा आएगा और आकाश और अलोक को भी। मैं इन दोनों से भी उसकी बुर चुदवाऊंगा।
इतने में रोहित झड़ने लगा तो मैंने उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा। बुआ ने आकाश का झड़ता हुआ लण्ड चाटा और मौसी ने मेरे मियां आलोक का झड़ता हुआ लण्ड चाटा।
रात में फिर हमने तीन तीन बार एक दूसरे के पति से खूब मस्ती से चुदवाया।
आज हमारे ग्रुप में १०/ १२ कपल्स हैं जो एक दूसरे की बीवी हर शनिवार और इतवार को चोदते हैं।
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