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बाप से बड़ा बेटे का लण्ड, अम्मी की पसंद - Baap se badaa Bete ka Lund - Mammy ki pasand
बाप से बड़ा बेटे का लण्ड, अम्मी की पसंद - Baap se badaa Bete ka Lund - Mammy ki pasand, , माँ को बेटे से चुदते हुए देखा , बेटे से चुदवाई मम्मी ने अपनी गांड , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
- अरे बेटी अब मुझे न बताओ और न सिखाओ ? तेरे कॉलेज के लड़कों के लण्ड छोटे छोटे होतें हैं। ऐसे लौंड़ों से मेरा मन नहीं भरता ? मुझे तो चाहिए बड़े बड़े लण्ड ? हाथ हाथ भर के लण्ड ? तब कहीं जाकर मुझे मज़ा आता है। नहीं तो नहीं।
- तो क्या तुम समझती हो की लडकों के लण्ड बड़े बड़े नहीं होते ? अब तो वो भी जवान हो गए हैं। तो उनके लण्ड जवान हुए न, अम्मी जान। ऐसे में उनके भी लण्ड बड़े बड़े हो गये होंगें ?
- नहीं बेटी ऐसा नहीं होता। उम्र के साथ साथ लौड़ा भी बड़ा होता रहता है।
- हां तो अब बड़ा हो गया न। अब देखो मेरी चूत तेरी चूत के बराबर हो गयी न, अम्मी जान ? तो ऐसे ही लण्ड भी हो जातें हैं बराबर।
- अरी मेरी बुर चोदी तराना, तेरी चूत चूत है, मेरी चूत अब भोसड़ा बन चुकी है। तेरी चूत और मेरी चूत का कोई मुकाबला नहीं है। पर लण्ड लण्ड है बेटी ? लड़कों का लण्ड छोटा होगा और बड़ों का लण्ड बड़ा ? बड़े लोगों के लण्ड बड़े बड़े होते हैं बेटी।
- नहीं अम्मी जान, ऐसा नहीं होता है ? एक बार जब पूरी जवानी आ जाती है तो लण्ड अपने आप बढ़ जाता है। और जब जितना बढ़ जाता है वह फिर उतना ही बना रहता है। अब देखो न फूफा के लण्ड से बड़ा उसके बेटे रेहान का लण्ड है ?
- तो क्या तूने फूफा का लण्ड देखा है ? वह तो ८" + है बेटी ? मैंने तो उसे खूब देखा है और कई बार देखा है। बर्षों से देखती आ रही हूँ तेरे फूफा का लण्ड ?
- हां मैंने फूफा का लण्ड देखा है। उसके लण्ड से एक इंच बड़ा है उसके बेटे का लण्ड अम्मी जान ? न मानो तो किसी दिन पकड़ के देख लेना।
- हाय अल्लाह, इतना बड़ा लण्ड है उसका ? अब तो मैं जरूर देखूँगी और जल्दी ही देखूँगी।
- इतना ही नहीं अम्मी जान। वो हमारे पड़ोसी शब्बीर अंकल है न। उसके बेटे का लण्ड शब्बीर अंकल के लण्ड से बड़ा है और मोटा भी ?
- हाय दईया तू उन दोनों के भी लण्ड पकड़ कर देख चुकी है जिसे मैं आजतक न देख सकी. न मैंने शब्बीर का लण्ड देखा और न उसके बेटे का लण्ड ?
- तुम तो बस अपने घर के और कुनबे के लण्ड ही देखती रहती हो, अम्मी जान। कभी बाहर वालों के भी लण्ड देखो तब पता चलेगा की दुनिया कितनी बड़ी है और दुनियां में कितने बड़े बड़े लण्ड हैं।
- तेरी माँ का भोसड़ा, बेटी तराना। तू बुर चोदी इतनी सी छोटी उम्र में न जान कितने लोगों के लण्ड देख चुकी है ? कितने लोगों के लण्ड अपने मुंह में और अपनी चूत ले चुकी है ? अभी तक तूने कोई भी लण्ड अपनी अम्मी के भोसड़ा में नहीं पेला ?
- अब पेलूँगी मैं, अम्मी जान, तेरे भोसड़ा में लण्ड ?
- पहले तू उन लड़कों के लण्ड पेल दे बेटी मेरी चूत में जिनके लण्ड उनके बाप के लण्ड से बड़े हैं।
मेरे घर में एक खुला हुआ माहौल है। सब लोग सबसे खुल कर बातें करती है और करतें हैं। बीच बीच में प्यार से मोहब्बत में गालियां भी मुंह से निकल जातीं हैं जिसे सब लोग एन्जॉय करतें हैं। तो मेरी भी आदत गाली देने की पड़ गई जब मैं १७ साल की थी। मैं एक एक दिन जवानी की तरफ बढ़ रही थी। मेरी चूँचियाँ हर दिन कुछ न कुछ बड़ी होती जा रहीं थीं। मेरी काली काली झांटें तो बहन चोद हर दिन बढ़ जातीं थीं। मैं उन्हें साफ़ नहीं करती थी बल्कि ट्रिम कर लेती थी। मुझे काली काली झांटें बड़ी अच्छी लगती थीं। मेरी जांघें भी हर दिन मोटी हो रहीं थीं और मेरी चूत तो अपनी जवानी के दहलीज़ पर आ ही गई थी।
एक दिन मैं घर थोड़ा जल्दी आ गयी। मैंने देखा की अम्मी के कमरे से कुछ आवाज़ें आ रही हैं। कुछ सिसियाने की आवाज़ें आआ इ इ उ उ हाय उई हूँ ही हु हो आ हां हां हूँ की आवाज़ें। मैं समझ तो गयी की ये आवाज़ें चुदाई के समय ही मुंह से निकलतीं हैं। मैं खिड़की से झाँक कर देखने लगी। मैंने देखा की मेरी अम्मी जान किसी से भकाभक चुदवा रहीं हैं। अम्मी भी पूरी नंगी और चोदने वाला भी पूरा नंगा ? मैं उस आदमी को पहचान नहीं पाई पर उसका लण्ड लग रहा था की बड़ा मोटा तगड़ा है। अम्मी बोल रहीं थीं - मेरे राजा चोदे जाओ, पूरा घुसेड़ दो लण्ड. फाड़ डालो मेरी बुर । तेरा लण्ड बड़ा मस्त है यार। और चोदो मुझे। रंडी की तरह चोदो मज़ा आ रहा है। मैं अम्मी की हकीकत देख रही थी। उसकी पोल खुल गयी.
वह आदमी बोला भाभी जान अब तो तेरी बेटी तराना भी जवान हो गयी है। किसी दिन उसकी भी बुर दिलाओ न भाभी जान ? अम्मी ने कहा हां यार चोद लेना किसी दिन उस बुर चोदी की बुर। मैं अपने हाथ से तेरा लण्ड उसकी बुर में पेल दूगी। वह भी जवान हो रही है। उसे भी लण्ड चाहिए। जवानी में लण्ड किसको नहीं अच्छा लगता। वह तो भोसड़ी वाली दौड़ कर पकड़ेगी तेरा लण्ड यार लेकिन पहले उसकी माँ का भोसड़ा तो अच्छी तरह चोदो। कमरे का दरवाजा अंदर से खुला था। उसकी सिटकिनी अंदर से नहीं लगी टी। मुझे मौक़ा मिला मैं अंदर घुस गयी क्योंकि मेरी चूत की आग कुछ ज्यादा ही धधकने लगी थी। मैंने कहा अम्मी जान ये क्या हो रहा है। वह बोली तू माँ की लौड़ी कब आ गयी ? मैंने कहा पहले मुझे बताओ की ये कौन है। वह बोली तेरी माँ का भोसड़ा चोदने वाला यार है बहन चोद ? वह थोड़ा रुका पर अम्मी ने कहा नहीं यार तुम चोदते रहो मेरी बुर। इसकी परवाह मत करो। इसे अपनी अम्मी की चुदाई देखना है तो देखने दो.
जब अम्मी इतनी बेशरम हो गयी तो मैं भी बोली ये तो कहता है की अपनी बेटी भी मुझसे चुदवा लो। अम्मी ने कहा हां हां चुदवा लूंगी पर पहले अपनी बुर तो ठीक से चुदवा लूं। अम्मी की इज़ाज़त मिल गयी तो वहीँ बैठ गयी और अंकल के पेल्हड़। उसकी गांड पर हाथ फिराने लगी। अम्मी ने कहा तराना अगर तुझे बुर चोदी मेरे साथ लण्ड का मज़ा लेना ही है तो कपड़े उतार ले और नंगी होकर पूरे मन से लण्ड चाटना शुरू कर दे। इस बात से मुझे जोश आ गया और मैं फ़ौरन नंगी हो गयी। मुझे नंगी देख कर लण्ड और तन गया। मैं पेल्हड़ चूमने लगी। फिर मैंने अम्मी की चूत से लण्ड निकाल कर अपने मुंह में भर लिया। मुझे गीला गीला लण्ड चाटने में मज़ा आने लगा। अम्मी घूम कर मेरे मुंह के पास आ गयी और मेरे साथ ही लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगीं। वह बोली आज से तू मेरी दोस्त है तराना। तेरी माँ का भोसड़ा ? मैंने भी मस्ती से कहा आज से तू भी मेरी दोस्त है अम्मी जान। तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर। उस दिन से मैं अम्मी से पूरी तरह खुल गयी और चुदवाने लगी।
एक दिन रेहान आ गया मैंने उसे रोक लिया . वह मेरे पास बैठ गया अम्मी ने उसे आज दूसरी नज़रों से देखा। मैं उससे बातें करने लगी। मैं उसे अच्छी तरह जानती थी और उसके लण्ड को भी ?
वह आदमी बोला भाभी जान अब तो तेरी बेटी तराना भी जवान हो गयी है। किसी दिन उसकी भी बुर दिलाओ न भाभी जान ? अम्मी ने कहा हां यार चोद लेना किसी दिन उस बुर चोदी की बुर। मैं अपने हाथ से तेरा लण्ड उसकी बुर में पेल दूगी। वह भी जवान हो रही है। उसे भी लण्ड चाहिए। जवानी में लण्ड किसको नहीं अच्छा लगता। वह तो भोसड़ी वाली दौड़ कर पकड़ेगी तेरा लण्ड यार लेकिन पहले उसकी माँ का भोसड़ा तो अच्छी तरह चोदो। कमरे का दरवाजा अंदर से खुला था। उसकी सिटकिनी अंदर से नहीं लगी टी। मुझे मौक़ा मिला मैं अंदर घुस गयी क्योंकि मेरी चूत की आग कुछ ज्यादा ही धधकने लगी थी। मैंने कहा अम्मी जान ये क्या हो रहा है। वह बोली तू माँ की लौड़ी कब आ गयी ? मैंने कहा पहले मुझे बताओ की ये कौन है। वह बोली तेरी माँ का भोसड़ा चोदने वाला यार है बहन चोद ? वह थोड़ा रुका पर अम्मी ने कहा नहीं यार तुम चोदते रहो मेरी बुर। इसकी परवाह मत करो। इसे अपनी अम्मी की चुदाई देखना है तो देखने दो.
जब अम्मी इतनी बेशरम हो गयी तो मैं भी बोली ये तो कहता है की अपनी बेटी भी मुझसे चुदवा लो। अम्मी ने कहा हां हां चुदवा लूंगी पर पहले अपनी बुर तो ठीक से चुदवा लूं। अम्मी की इज़ाज़त मिल गयी तो वहीँ बैठ गयी और अंकल के पेल्हड़। उसकी गांड पर हाथ फिराने लगी। अम्मी ने कहा तराना अगर तुझे बुर चोदी मेरे साथ लण्ड का मज़ा लेना ही है तो कपड़े उतार ले और नंगी होकर पूरे मन से लण्ड चाटना शुरू कर दे। इस बात से मुझे जोश आ गया और मैं फ़ौरन नंगी हो गयी। मुझे नंगी देख कर लण्ड और तन गया। मैं पेल्हड़ चूमने लगी। फिर मैंने अम्मी की चूत से लण्ड निकाल कर अपने मुंह में भर लिया। मुझे गीला गीला लण्ड चाटने में मज़ा आने लगा। अम्मी घूम कर मेरे मुंह के पास आ गयी और मेरे साथ ही लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगीं। वह बोली आज से तू मेरी दोस्त है तराना। तेरी माँ का भोसड़ा ? मैंने भी मस्ती से कहा आज से तू भी मेरी दोस्त है अम्मी जान। तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर। उस दिन से मैं अम्मी से पूरी तरह खुल गयी और चुदवाने लगी।
एक दिन रेहान आ गया मैंने उसे रोक लिया . वह मेरे पास बैठ गया अम्मी ने उसे आज दूसरी नज़रों से देखा। मैं उससे बातें करने लगी। मैं उसे अच्छी तरह जानती थी और उसके लण्ड को भी ?
- मैंने कहा रेहान आज रात को तुम मेरे घर पर ही रुकोगे।
- वह बोला कोई ख़ास बात है क्या ?
- हां खास बात ही है। आज तुम मेरी अम्मी का भोसड़ा चोदोगे।
- ऐसा क्यों है ? इतनी जल्दी क्यों ?
- उसने आज तक तेरा लण्ड नहीं देखा। आज जी भर के देखेगी। पहले ये बता की तेरी झांटें बड़ी बड़ी हैं क्या ? अगर हैं तो मैं अभी साफ़ कर दूं। क्योंकि मेरी अम्मी को लण्ड की झांटें पसंद नहीं हैं।
- नहीं मेरी झांटें बिलकुल साफ़ है यार।
- किसने साफ़ की ? तूने या किसी और ने ?
- आज सवेरे ही मेरी भाभी जान ने मेरी झांटें बना दीं।
- तो फिर उसने चुदवाया भी होगा।
- ज़ाहिर है जो लण्ड की झांटें बनाएगी वह लण्ड मुंह में जरूर लेगी और फिर चूत में भी । मैंने फिर सवेरे ही भाभी की बुर चोदी।
- तू बहन चोद बड़ा चोदू हो गया है रेहान ।
- क्या करूं यार जिसको देखो वही मेरा लण्ड पकड़ लेती है और कहती है की पूरे कुनबे में तेरे लण्ड के बराबर किसी का लण्ड नहीं है। फिर मुझे चोदना ही पड़ता है।
- तू भोसड़ी का २२ साल की उम्र में ही जाने कितनी बुर चोद चुका है जिसका कोई जबाब नहीं। तुमने मेरी बुर चोदी है। अब मेरी माँ का भोसड़ा भी चोदो, वह भी मेरे सामने ?
तब तक मैं भी रेहान को नंगा कर चुकी थी। उसका लण्ड मैं मस्ती से मुठियाने लगीं। तब अम्मी ने दूसरे हाथ से उसका भी लण्ड पकड़ लिया और बोली हाय मेरी बेटी तराना तू सही कह रही थी। इसका लौड़ा तो इसके बाप के लौड़े से बड़ा है। इसका लण्ड तो बिलकुल दुबई के शेख़ के लण्ड जैसा है। मुझे लगता है की इसकी अम्मी ने यानी मेरी नन्द ने दुबई में किसी शेख़ से चुदवाया होगा तभी ये पैदा हो गया। अचानक पीछे से आवाज़ आयी हां भाभी जान तुम सही कह रही हो। मैंने दुबई में शेख़ से चुदवाया था और जानबूझ कर चुदवाया था। मैं चाहती थी की मेरा बेटा ऐसा हो जिसका लण्ड शेख़ के लण्ड की तरह हो जो मुझे अपनी जवानी में चोद सके। आज खुदा में मेरी तमन्ना पूरी कर दी। अब देखो न इसका लौड़ा कितनी मस्ती से अपनी अम्मी का भोसड़ा चोदता है। मैं तो इससे खूब चुदवाती हूँ। तेरी बेटी तराना भी इससे खूब चुदवाती है भाभी जान। आज ये तेरा भोसड़ा चोदेगा और मैं मस्ती से तेरी चुदाई देखूंगी। मुझे बड़ा मज़ा आएगा।
अम्मी ने रेहान का लण्ड चूम कर कहा हां तराना इसका लण्ड सच में 9" + का है। इसके बाप के लण्ड से एक इंच बड़ा ? तेरी बात सच है। और हां इसके लण्ड के बराबर फरहत का भी लण्ड है। अम्मी जान अपने दोनों हाथों से दोनों लण्ड का मज़ा लेने लगीं। उसका भोसड़ा एकदम खुला था। वह बिलकुल नंगी थी। मैं भी नंगी थीं और मेरी फूफी जान भी हमारे आगे नंगी हो गयीं। फूफी अपने बेटे के लण्ड की तारीफ सुन कर फूली नहीं समा रही थीं। फूफी को अपने बेटे के लण्ड पर फक्र है। अम्मी दोनों लण्ड बारी बारी से चाटने चूसने लगीं और मैं दोनों लण्ड के पेल्हड़। फूफी मेरी बुर चाटने लगीं और अम्मी की बुर में उंगलियां घुसेड़ने लगीं। फिर उसने अम्मी की बुर चाटी और मेरी बुर में उंगलियां घुसेड़ दीं। फिर मैंने भी फूफी की बुर मजे से चाटी। कुछ देर बाद फूफी ने अपने बेटे रेहान का लण्ड पकड़ा उसे चूमा और अम्मी के भोसड़ा पे टिका दिया। वह बड़े प्यार से बोली बेटा अब तू चोद ले अच्छी तरह मेरी भाभी का भोसड़ा ?
मैं भी मस्ती में आ गयी मैंने फरहत का लण्ड का सुपाड़ा चाटा और उसे फूफी की बुर में बड़ी बेरहमी से घुसा दिया और कहा लो मेरे दोस्त अब तुम चोदो भकाभक मेरी अम्मी की नन्द का भोसड़ा ? पहले मेरी फूफी का
भोसड़ा चोदो उसके बाद मेरी माँ का भोसड़ा चोदना। फूफी भी मजे से चुदवाने लगी। अब मेरे सामने दो दो भोसड़ा चुद रहे थे और मैं मस्ती में डूबी हुई थी। मैं दोनों से चुदवाये हुए बैठी थी और इन दोनों के बाप से भी चुदवा चुकी थी। मेरा फूफा भी मुझे अच्छी तरह चोदता है और शब्बीर अंकल भी खूब हचक हचक के मेरी बुर लेता है। दोनों भोसड़ा से चुदाई जो आवाज़ आ रही थी वह मुझे मस्त कर रही थी। फिर मुझे शरारत सूझी तो मैंने शब्बीर का लण्ड फूफी की बुर से निकाल कर अम्मी के भोसड़ा में पेल दिया और अम्मी के भोसड़ा से रेहान का लण्ड निकाल कर फूफी के भोसड़ा में घुसा दिया और कहा लो रेहान अब तू अपनी माँ का भोसड़ा चोद ले। वह बोला मैं तो कई बार चोद चुका हूँ अम्मी का भोसड़ा। मैंने जबाब दिया अबे माँ के लौड़े मेरे सामने तो नहीं चोदा ? अब तू मेरे सामने अपनी माँ का भोसड़ा चोद कर दिखा ? इस तरह रात भर मैंने दोनों भोसड़ा की खूब जम कर चुदाई की।
एक दिन मेरी चची जान की बहू आ गई। वह मुझसे बातें करने लगी और खुल कर करने लगी। बातों ही बातों में वह बोली अरी मेरी तराना नन्द रानी, क्या तुम जानती हो की मेरे देवर का लण्ड मेरे ससुर के लण्ड से बड़ा है ? मैंने कहा अरे यार मैंने तेरे ससुर से चुदवाया है। वह तो मेरा चचा जान है। वह भोसड़ी का रात में कभी कभी अपना लौड़ा मेरी चूत में पेल देता है और मैं भी मजे से पेलवा लेती हूँ। लेकिन मैंने कभी तेरे देवर का लण्ड पकड़ा ही नहीं। वह तो मेरा भाई जान है। अब तूने मेरे अंदर आग लगा दी है। अब तो मैं आज ही रात को उसका लण्ड पकड़ कर देखूँगी।
अम्मी ने रेहान का लण्ड चूम कर कहा हां तराना इसका लण्ड सच में 9" + का है। इसके बाप के लण्ड से एक इंच बड़ा ? तेरी बात सच है। और हां इसके लण्ड के बराबर फरहत का भी लण्ड है। अम्मी जान अपने दोनों हाथों से दोनों लण्ड का मज़ा लेने लगीं। उसका भोसड़ा एकदम खुला था। वह बिलकुल नंगी थी। मैं भी नंगी थीं और मेरी फूफी जान भी हमारे आगे नंगी हो गयीं। फूफी अपने बेटे के लण्ड की तारीफ सुन कर फूली नहीं समा रही थीं। फूफी को अपने बेटे के लण्ड पर फक्र है। अम्मी दोनों लण्ड बारी बारी से चाटने चूसने लगीं और मैं दोनों लण्ड के पेल्हड़। फूफी मेरी बुर चाटने लगीं और अम्मी की बुर में उंगलियां घुसेड़ने लगीं। फिर उसने अम्मी की बुर चाटी और मेरी बुर में उंगलियां घुसेड़ दीं। फिर मैंने भी फूफी की बुर मजे से चाटी। कुछ देर बाद फूफी ने अपने बेटे रेहान का लण्ड पकड़ा उसे चूमा और अम्मी के भोसड़ा पे टिका दिया। वह बड़े प्यार से बोली बेटा अब तू चोद ले अच्छी तरह मेरी भाभी का भोसड़ा ?
मैं भी मस्ती में आ गयी मैंने फरहत का लण्ड का सुपाड़ा चाटा और उसे फूफी की बुर में बड़ी बेरहमी से घुसा दिया और कहा लो मेरे दोस्त अब तुम चोदो भकाभक मेरी अम्मी की नन्द का भोसड़ा ? पहले मेरी फूफी का
एक दिन मेरी चची जान की बहू आ गई। वह मुझसे बातें करने लगी और खुल कर करने लगी। बातों ही बातों में वह बोली अरी मेरी तराना नन्द रानी, क्या तुम जानती हो की मेरे देवर का लण्ड मेरे ससुर के लण्ड से बड़ा है ? मैंने कहा अरे यार मैंने तेरे ससुर से चुदवाया है। वह तो मेरा चचा जान है। वह भोसड़ी का रात में कभी कभी अपना लौड़ा मेरी चूत में पेल देता है और मैं भी मजे से पेलवा लेती हूँ। लेकिन मैंने कभी तेरे देवर का लण्ड पकड़ा ही नहीं। वह तो मेरा भाई जान है। अब तूने मेरे अंदर आग लगा दी है। अब तो मैं आज ही रात को उसका लण्ड पकड़ कर देखूँगी।
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