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सेठानी चाची की बड़ी चूत की मस्त और गचागच चुदाई Sethani chachi ki chut ki mast gachagach chudai
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मेरा नाम अजमेर-बॉय (बदला हुआ), वैशाली नगर अजमेर राजस्थान में मेरा घर है। हमारे घर के पास एक आंटी रहती हैं। उनके पति दुबई में काम करते हैं। मैं पैसों के लिए सेक्स करता हूँ पर पेशेवर नहीं हूँ। एक दिन मैं अपनी गाड़ी से बाज़ार जा रहा था, उसी समय आंटी भी बाज़ार के लिए निकलीं। मैंने भी उनसे बाज़ार जाने की बात की और उन्हें भी गाड़ी पर बैठने का आग्रह किया, तो आंटी ने ‘हाँ’ कह दी और वो गाड़ी पर बैठ गईं। मैंने उन्हें चूड़ी बाज़ार छोड़ दिया। मैं अपने काम से गया था सो काम करके वापस घर आ गया। अगले दिन उन्होंने मुझे कल के लिए ‘थैंक्स’ कहा और कभी घर पर आकर चाय पीने का बोला और चली गईं।
मेरा नाम अजमेर-बॉय (बदला हुआ), वैशाली नगर अजमेर राजस्थान में मेरा घर है। हमारे घर के पास एक आंटी रहती हैं। उनके पति दुबई में काम करते हैं। मैं पैसों के लिए सेक्स करता हूँ पर पेशेवर नहीं हूँ। एक दिन मैं अपनी गाड़ी से बाज़ार जा रहा था, उसी समय आंटी भी बाज़ार के लिए निकलीं। मैंने भी उनसे बाज़ार जाने की बात की और उन्हें भी गाड़ी पर बैठने का आग्रह किया, तो आंटी ने ‘हाँ’ कह दी और वो गाड़ी पर बैठ गईं। मैंने उन्हें चूड़ी बाज़ार छोड़ दिया। मैं अपने काम से गया था सो काम करके वापस घर आ गया। अगले दिन उन्होंने मुझे कल के लिए ‘थैंक्स’ कहा और कभी घर पर आकर चाय पीने का बोला और चली गईं।
मैं एक दिन कालोनी मैं मॉर्निंग में पांच बजे मॉर्निंग-वाक पर निकला और आंटी भी वाक पर निकलीं। मैं उन्हें गुड-मॉर्निंग कह कर आगे बढ़ गया। बाद में आंटी से मेरी मुलाकात गार्डन में हुई। तब ही मुझे मालूम हुआ था कि उनके पति दुबई में हैं और वहीं पर काम करते हैं। आंटी और मैं वापस घर के लिए चल दिए, तब आंटी ने मुझ चाय के लिए कहा, मैं भी ‘हाँ’ कह कर उनके घर की तरफ चलने लगा। घर पर आने के बाद मैंने उनका घर अन्दर से देखा, तब मुझ वो घर किसी राजा का महल सा लगा।
आंटी ने चाय बनाई और चाय पीते-पीते बात होने लगी और हम आपस में घुल-मिल गए। आंटी ने मुझ रात के खाने का ऑफर दिया और कहा- शाम का खाना यहीं पर खा लेना। मैं हाँ करके वापस घर आ गया। दिन में एक ग्राहक के पास गया और उसकी जोरदार चुदाई के बाद मुझे दो हजार रूपए मिले। मैं घर आ गया। रात में आंटी का फ़ोन आया मुझे याद दिलाने के लिये कि मुझे खाना उनके घर पर खाना था। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मैं रात 8 बजे आंटी के घर पर गया और आंटी ने मेरा स्वागत किया और मुझे बैठने को कह कर रसोई में चली गईं और काम करने लगीं। मैं भी उनकी मदद करने के लिए रसोई में चला गया और उनकी मदद करने लगा, वहाँ और बातें हुईं। तब बातों ही बातों में मालूम चला कि आंटी शराब की भी शौकीन हैं।
मैंने उनसे पूछा- आपको क्या पीना पसंद है?
उन्होंने कहा- मुझे बीयर पसंद है।
मैंने आग्रह के साथ पूछा- अगर आप कहें तो मैं बीयर लेकर आऊँ?
आंटी ने कहा- ठीक है।
और मैं गाड़ी लेकर गया, बीयर ले आया। आंटी और मैंने बीयर पीना चालू किया। बीयर पीने पर आंटी को कुछ ज्यादा ही नशा हो गया। मैंने आंटी को किसी तरह खाना खिलाया और आंटी को बेडरूम में सुलाने ले गया और आंटी को सुला कर मैं वापस जाने के लिया तैयार हुआ।
तभी आंटी ने कहा- तुम चाहो तो आज यहीं सो जाओ।
इस पर मैंने कहा- आंटी, मैं यहाँ पर?
तब आंटी ने कहा- मैं तुम्हारी फीस पे कर दूँगी।
मैं एकदम से दंग रह गया और आंटी का मुँह देखने लगा।
आंटी ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझसे कहा- मैं जानती हूँ कि तुम पैसों के लिए प्यासी औरतों की चुदाई करते हो।
और मैं सन्न रह गया।
“आपको कैसे मालूम?” मैं उल्लुओं की तरह अपनी पलकें झपका रहा था।
आंटी ने कहा- तुम्हारी अजय नगर वाली ग्राहक मेरी सहेली है। वो एक बार यहाँ आई थी, तब उसने तुम को यहाँ पर देख लिया था। तब उसने ही तुम्हारे बारे में बताया था।
मैं चूतिया सा अपना मुँह बाये खड़ा, मैं अवाक था !
और आंटी ने फिर से कहा- तुम अपनी फीस बोलो।
तब आंटी उठी और मेरा हाथ पकड़ा और कहा- चलो। तब मैं आंटी के साथ उनके बेडरूम में गया और उनका बेडरूम देख कर मेरा दिमाग हिल कर रह गया। आंटी का बेडरूम किसी होटल के रूम से भी ज्यादा अच्छा और मस्त था। बेडरूम में आंटी ने मुझ अपने पास बुला कर कहा- तुम तो पैसों के लिए चुदाई करते हो तो शरमा क्यों रहे हो !
मैं आंटी के पास गया और आंटी के कपड़े उतारने लगा। तब आंटी के मस्त उरोज देख कर मेरा दिमाग भन्ना गया और मैंने उनके और अपने भी कपड़े उतार दिया। आंटी नशे में थीं। मैंने आंटी को ऊंचाई पर बिठा दिया और उनकी चूत चाटने लगा। आंटी ‘उई माँ… उई माँ…’ चिल्लाने लगीं और उनकी चूत ने पानी छोड़ना चालू कर दिया। मैं आंटी की चूत का पानी पीने लगा।
“मादरचोद… बहन के लंड… चूस ले मेरी चूत !” उन्होंने मुझे गालियां देनी चालू कीं, तब मैंने अपना 6 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लंड निकाल कर आंटी के सामने खोल कर हिलाया। आंटी ने मेरा लंड देख कर अपनी आँखें हैरत से फैला लीं।
आंटी बोलीं- यह लंड है या मोटा मूसल !!
और आंटी मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी, उन्होंने मुझ पलंग पर पटक दिया और लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं। आंटी ने लंड को चूस-चूस कर मार डाला था। ‘हाँ’ मार ही डाला था जब किसी लौड़े का पानी निकल जाता है वो मृत कहलाता है। आंटी ने मेरा लण्ड चूस-चूस कर उसका पानी निकाल दिया और पानी को पीना चालू किया। कुछ देर बाद आंटी ने चोदने के लिए कहा और बेड पर आकर लेट गईं। मैंने अपना मोटा लंड आंटी की चूत पर टिकाया और एक जोर का झटका दिया और मेरा मोटा लंड उनकी चूत में घुस गया।
‘फाड़ दी… माँ के लौड़े…’ आंटी दर्द के मारे जोर से चिल्लाईं और मुझ गालियाँ देने लगीं।
मैंने आंटी की गालियों की परवाह किए बगैर उन्हें हचक कर चोदने लगा। कुछ ही पलों में आंटी भी मेरा मोटा लंड आराम से लेने लगीं और चूतड़ उठा-उठा कर चुदाई करवाने लगीं। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। आंटी ने चुदाई के दौरान मुझे गंदी-गंदी गालियाँ दीं और मुझे थप्पड़ भी मारे। मैं आंटी की चुदाई जोर-जोर से करने लगा। कुछ ही देर बाद जब मैं झड़ने को हुआ तो आंटी को बोला- मेरा तो होने वाला है।
तब आंटी ने मेरा लंड निकाल कर उसे मुँह में ले लिया और चूसने लगीं और मेरे वीर्य को पी लिया। मेरा लंड पूरा खाली हो चुका था और आंटी तब भी लंड को जोर-जोर चूसे जा रही थीं। आंटी ने लण्ड को मुँह से बाहर निकाल कर कहा- मेरी ऐसी चुदाई 4 साल बाद मेरे पति के दुबई जाने के बाद पहली बार हुई है। आंटी और मैं एक बार नहा लिए और बाथरूम में मैंने आंटी की चूत चाटी और उनकी चूत का पानी भी पिया और आंटी को घोड़ी बना कर और एक बार चोदा। नहा कर बाहर आकर आंटी से थैंक्स कह कर मैं अपने घर पर जाने लगा तो आंटी ने मुझ से रुकने को कहा और खुद भी बैठ गईं।
मैंने आंटी से पूछा- उनको चुदाई कैसी लगी?
तो बोलीं- तुम हो ही घोड़े, तो मस्ती तो आएगी ही न !
मैंने आंटी के साथ इतना गंदे तरीके से चुदाइयाँ की हैं कि आप सोच भी नहीं सकते। आंटी की चुदक्कड़ सहेलियाँ भी गन्दी चुदाई ही पसंद करती हैं। मैं अपना काम करता हूँ पैसे कमाने का ! जिगोलो का काम करना जितना मजेदार होता है उतना ही गन्दा भी होता है। आपके विचारों का स्वागत है।
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