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खूब मस्ती से गन्दी बातें करना और प्यार से चुदवाना - Gandi baten karna aur pyar se chudna
खूब मस्ती से गन्दी बातें करना और प्यार से चुदवाना - Gandi baten karna aur pyar se chudna , सबके लंड हिलाना चुसना और बुर चूत गांड को चुदवा लेना , चुदक्कड बन जाओ , चुदो जी भरके और सबके लंड खाओ.

मुझसे मेरी सास ने खुल कर कहा बहू तुम यहाँ अभी नई नई दुल्हन बन कर आयी हो तो मैं तुम्हे अपने कुनबे की रीति रिवाज़ बता देती हूँ । देखो बहू हमारे यहाँ चुदाई की पूरी आज़ादी होती है। यहाँ तुम्हे सब लोग प्यार करेंगें। सब लोग तम्हे अपनी गोद में नंगी नंगी बैठायेगें। लोग तुम्हे नंगी नंगी अपने लण्ड पे भी बैठायेगें। तो तुम बड़े प्यार से सबके लण्ड पे नंगी नंगी बैठ जाना बहू और खुल्लम खुल्ला बैठ जाना । शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। सबके लण्ड चोदना और सबके लण्ड का मज़ा लेना। खूब मस्ती से गन्दी बातें करना और प्यार से सबको गालियां भी देना ताकि सब लोग एन्जॉय करे सकें और सबके लण्ड में जोश भर जाए ?
अब तुम मुझसे सुन लो - तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा बहू और तेरी सास की बिटिया की बुर ? मैं सास की मंसा अच्छी तरह समझ गयी। तो मेरे मुंह से भी निकला - तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा, सासू जी और तेरी बहू की नन्द की बुर ?
सास मुस्कराते हुए मेरे गाल थपथपाकर चली गयीं।
अब तुम मुझसे सुन लो - तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा बहू और तेरी सास की बिटिया की बुर ? मैं सास की मंसा अच्छी तरह समझ गयी। तो मेरे मुंह से भी निकला - तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा, सासू जी और तेरी बहू की नन्द की बुर ?
सास मुस्कराते हुए मेरे गाल थपथपाकर चली गयीं।
मैं जब ससुराल गई तो मुझसे सबसे प्यार मोहब्बत मिली। सबसे बड़ी बात यह हुई की मेरी सास ने आकर मुझसे
कहा बहू तुम अभी नयी नवेली दुल्हन हो। तुम सबसे खुल कर चुदवाओ। बस सास की यह बात मेरे दिल में बैठ गयी. यह बात मेरे अम्न की भी थी। मैं सोंच रही थी की पता नहीं ससुराल में मुझे चुदवाने की पूरी आज़ादी होगी की नहीं। मुझे क्या हमेशा एक ही लण्ड के सहारे रहना पड़ेगा ? अगर ऐसा हुआ तो मैं मर जाऊंगी। मैं तो बिना २/३ लण्ड के एक दिन भी रह नहीं सकती।
मेरा नाम फरीदा बेगम है। मैं २४ साल की हूँ और मैं आज ही शादी के बाद ससुराल आयी हूँ। मुझे मालूम हुआ है की आज ही मेरी सुहागरात है, मेरी शादी युसूफ नाम के लड़के से हुई है। बस मैं दुल्हन बनी बैठी हुई उसके आने का इंतज़ार कर रही हूँ। मेरे मन में बस उसके लण्ड के ख्याल आ रहा हैं। मैं खुदा से दुआ कार रही हूँ की उसका लण्ड मेरे मन माफिक मोटा तगड़ा हो ? अगर मुझे उसका लण्ड पसंद न आया तो मेरी ज़िन्दगी बर्बाद हो जाएगी। वैसे आजकल लड़कियां शादी के पहले अपने होने वाले शौहर का लण्ड पकड़ कर देख लेतीं हैं। उससे चुदवाकर कर देख लेतीं हैं लेकिन मुझे इस बात का मौक़ा नहीं मिला और मैंने खुदा के नाम पर शादी कर ली। मैं सोंच ही रही थी की वह कमरे में आ गया। वह था तो बड़ा हैंडसम पर उसका लण्ड कैसा होगा यह देखने की बात थी।
आते ही उसने मेरा घूंघट उठाया मेरे गाल थपथपाये और मुझे गिफ्ट में सोने की अंगूठी दी। मैंने मन में कहा मेरा तो सबसे बड़ा गिफ्ट तेरा लण्ड ही होगा मेरे भोसड़ी के शौहर मियां। मैंने उसका शुक्रिया अदा किया तो उसने मुझे गले लगाया और मेरा बदन ऊपर से ही सहलाने लगा। मैं भी उससे चिपक गयी। फिर धीरे धीरे वह मेरे कपड़े उतारने लगा और मैं उसके कपड़े उतारने लगी। मेरी चूँचियाँ खुलीं फिर मेरी सलवार खुली मैं नीचे पैंटी में आ गयी। वह मेरी चूँचियाँ मसलने लगा। मैंने उसे भी नंगा किया तो वह भी चड्ढी में आ गया। न मैंने फिर देर लगायी और न उसने। उसने मेरी पैंटी खोली तो मेरी बिना झांट की चिकनी चूत उसके सामने नंगी हो गईओर जब मैंने उसकी चड्ढी उतारी तो उसका लण्ड भी बिना झांट का मेरे आगे फनफना उठा। मैंने जैसे ही खड़ा लण्ड देखा तो सबसे पहले खुदा का शुक्रिया अदा किया।
लण्ड साला वाकई बड़ा था, मोटा था और सख्त भी था। मैंने बड़े प्यार से मुस्कराते हुए लण्ड पकड़ लिया और उसकी कई बार चुम्मी ली। उसने मेरी चूँचियाँ दबायीं, मेरे गाल नोचे और मेरे चूतडों पर हाथ फेरा। फिर उसका हाथ मेरी चूत पर गया और वह बोला वाह क्या बात है बीवी जी ? तुम बहुत खूबसूरत हो। तुमसे ज्यादा खूबसूरत तुम्हारी चूत है जाने मन , अब तो ये मेरी हो गयी है। मैंने भी कहा आपका लण्ड भी बड़ा शान दार है और अब तो यह मेरी ही जागीर है। मैंने लण्ड फ़ौरन मुंह में डाला और चाटने चूसने लगी। वह मेरे पूरे नंगे बदन का लुत्फ़ उठाने लगा। मेरी सुहागरात की एक अच्छी शुरुआत हुई। मैंने लण्ड अपने पूरे बदन पर घुमाया। मुझे उसका सुपाड़ा बड़ा अच्छा लगा। वह एक दम तोप का गोला लग रहा था और लण्ड तो सच में तोप के सामान था। उसके पेल्हड़ भी बड़े शानदार निकले और मैं पेल्हड़ भी पकड़ कर चूमने चाटने लगी। मैं धीरे धीरे मस्त होती जा रही थी और उसका भी जोश बढ़ता जा रहा था।
कुछ देर तक हम दोनों एक दूसरे के नंगे बदन से खेलते रहे और फिर उसने लण्ड पेल दिया मेरी चूत में। मैंने भी मजे से पेलवा लिया लण्ड और एक मस्त जवान बीवी की तरह चुदवाने लगी। वह धक्के लगाने लगा और मैं हर धक्के का जबाब नीचे से धक्के से देने लगी। उसका लण्ड अगर सख्त था तो मेरी भी चूत सख्त थी। मैंने सोंचा की मेरा शौहर तो सच में बहुत अच्छी तरह चोदता है और इसलिए लगता है की इसे बुर चोदने का तज़ुर्बा है। इतने में वह बोला बीवी जी तुम जिस तरह से चुदवा रही हो उससे लगता है की तुमने चुदवाने में काफी तज़ुर्बा हांसिल किया है। मेरे मुंह से निकल गया हां तो वह हंस कर बोला तो फिर तुम मेरे दोस्तों से चुदवाना तो उन्हें भी मज़ा आएगा। मैंने कहा अच्छा तो तुम अपनी बीवी अपने दोस्तों से चुदवाओगे ? वह बोला तो क्या हुआ ? हमारे यहाँ चोदा चोदी होती ही रहती है। सब लोग सबकी बुर चोदते है और सबकी बीवियां सबके मर्दों से चुदवा लेतीं हैं। जब तुम्हे मेरे कुनबे वाले चोद सकते हैं तो फिर मेरे दोस्त क्यों नहीं चोद सकते ? मैंने कहा हाय अल्ला तो क्या तेरे कुनबे के सब लोग मुझे चोदेगें ? वह बोला हां तो क्या हुआ। हमारे समाज में तो ये सब होता ही है। मैं भी तो सबको चोदता हूँ। मैं भी अपने दोस्तों की बीवियां चोदता हूँ। ऐसे में मेरे दोस्त भी तुम्हें चोदेंगें। तुम्हे भी मज़ा आएगा और मेरे दोस्तों को भी।
मैंने एक बार फिर खुदा का शुक्रिया अदा किया। मैं जो चाहती थी वही होने वाला है। पहले तो उनसे मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोदा फिर उसने मुझे पीछे से चोदा और फिर उसने मुझे अपने लण्ड पर बैठा के चोदा। यह बात सही है की उस दिन मैं अच्छी तरह चुदी। खूब चुदी और मन भर के चुदी। मैंने खुदा से दुआ की मैं आगे भी इसी तरह चुदती रहूं ? मैं खलास भी पहले हो गयी और वह बाद में खलास हुआ। मैं अपने शौहर के लण्ड की ताकत समझ गई। मैं यह भी समझ गयी की इसके लण्ड की ताकत का फायदा यहाँ सब चूत वाली उठातीं होगीं। इसलिए मुझे जब इसी तरह के लण्ड मिलेंगें तभी मेरी चूत की आग ठंढी होगी। पहली चुदाई की बाद मुझे थोड़ी नींद आ गयी क्यों की रात काफी हो चुकी थी। मैं जब नींद से उठी तो देखा की मेरा शौहर नहीं है। वह कहीं बाहर चला गया है।
मैं उसे ढूंढने के लिए इधर उधर झाँकने लगी , फिर मैं आगे बढ़ी तो मुझे बगल के कमरे से कुछ आवाज़ सुनाई पड़ी। मैं झाँक कर अंदर देखने लगी। हालांकि दरवाजा खुला था और खिड़की भी खुली थी। मैंने देखा की मेरी नन्द बुर चोदी एकदम नंगी नंगी लेटी हुई है और उसके ऊपर कोई चढ़ा हुआ उसे चोद रहा है। मुझे उसका न तो मुंह दखाई पड़ा और न ही लण्ड क्योंकि लण्ड तो बहन चोद चूत में घुसा था। मजे की बात यह थी की उसी के बगल में मेरी जेठानी भी नंगी लेटी थीं। वह भी चुदवा रही थी। उसे जो चोद रहा था उसका चेहरा थोड़ा थोड़ा दिख रहा था। कोशिश की तो पूरा चेहरा दिख गया और मेरे मुंह से निकला वाओ ये तो मेरा नंदोई है। यानी मेरा नंदोई मेरी जेठानी की बुर चोद रहा है। इधर भी मैंने अपना सिर कर देखा तो मालूम हुआ की मेरा जेठ मेरी नन्द की बुर ले रहा है। मतलब यह की जेठ अपनी बहन की बुर चोद रहा है। वैसे हमारे समाज में बहन की बुर चोदना और अपने भाई जान से चुदवाना बड़ी आम बात है। यह तो हर घर में होता है।
मेरा मन हुआ की मैं अभी अंदर घुस जाऊं और इन दोनों के लण्ड पकड़ कर अपनी चूत में घुसा लूं। इतने में मेरी नन्द ने मुझे देख लिया। वह मेरे पास नंगी नंगी आयी और मेरा हाथ पकड़ कर अंदर ले गई। बिना कुछ बोले हुए उसने जेठ का लण्ड मुझे पकड़ा दिया। मैं पकड़ भी लिया लण्ड। लण्ड साला बड़ा मोटा था मेरी एक मुठ्ठी माँ आया ही नहीं। तो मैंने दोनों हाथों से उसे पकड़ा चूम लिया . तब वह बोली लगता है भाभी जान की लण्ड तुम्हे पसंद आ गया है। मैंने कहा हां बिलकुल पसंद आ गया है देखो न कितना मोटा है जेठ जी का लण्ड ? अरे भाभी जान यहाँ तुम्हे सब मोटे मोटे ही लण्ड मिलेंगें ? ये मोटे मोटे लण्ड वालों का खान दान है। मैंने खुदा तो एक बार फिर याद किया। उसके बाद नन्द ने ही लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और अब मुझे मेरा जेठ ही धकाधक चोदने लगा। उधर मेरी जेठानी तो नंदोई से चुदवाने में ही जुटीं हुईं थीं। मैं उसकी भी चुदाई मस्ती से देखने लगी। नन्द मेरी चूँचियाँ सहलाने लगी और मैं एक हाथ से उसकी चूत।
इस बार मुझे अपने शौहर से ज्यादा मज़ा अपने जेठ से चुदवाने में आ रहा था। वैसे भी ग़ैर मरद का लण्ड तो प्यारा लगता ही है। मैं भी उछल उछल कर चुदवा रही थी। नन्द उसके पेल्हड़ सहला रही थी। तब मैंने देखा की नंदोई का लण्ड झाड़ चुका है और जेठानी बड़ी मस्ती से उसका झड़ता हुआ लण्ड चाट रहीं हैं। जेठानी चुदाने के बाद चली गयीं। मैं इधर झमाझम चुदवाने में लगी थी। इतने में जाना कहाँ से मेरा खालू ससुर आ गया। वह भी नंगा था। मैं समझ गयी की रात में सब साले यहाँ नंगे ही रहते हैं। आते ही बोला बहू मेरे लण्ड पर भी बैठ जाओ। नन्द ने जेठा का लण्ड मेरी बुर से निकाला और चाटने लगी और मुझे इशारा कर दिया तो मैं सच में खालू ससुर के लण्ड पर बैठ। गयी लण्ड साला गच्च से मेरी चूत में घुस गया। इधर मैं भी कूद कूद कर चुदाने लगी उधर वह भी उचक उचक कर चोदने लगा। मैंने मन में कहा मेरी सुहागरात में इतने लण्ड मिलेंगें और एक से एक बेहतरीन लण्ड मिलेंगें ये तो मैंने सोंचा ही नहीं था।
खालू बोला जानती हो बहू मैं अभी अभी तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा चोद कर आ रहा हूँ और अब तुम्हे चोदने के बाद तेरी बुर चोदी नन्द की बुर चोद कर ही जाऊंगा। तब तक नन्द बोली अरे भाभी जान जानती हो इसकी बीवी मेरा अब्बू चोद रहा है और वह इसकी बीवी चोदने के बाद इसकी बिटिया की बुर भी चोद कर आएगा। मेरा अब्बू बुर चोदने में अव्वल है।
अगले दिन मेरी सास, मेरी नन्द और मेरी जेठानी मेरे साथ बैठीं थीं। बातें हो रहीं थीं।
मेरी सास बोली - बहू, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ?
तब मेरी नन्द कहा - भाभी जान, तेरी सास की बिटिया की बुर ?
उधर से जेठानी भी बोली - तेरी नन्द की भाभी का भोसड़ा, देवरानी जी ? मैंने देखा की सब अपनी ही चूत का निशाना बना रहीं हैं। तो मैंने कहा - सासू जी, तेरी बेटी की भाभी की चूत, नन्द रानी, तेरी माँ की बहू की बुर, और जेठानी जी, तेरी देवरानी की माँ की बिटिया की बुर।
मेरी गालियां सुनकर सब ताली बजा बजा कर हंसने लगी।
सास बोली - तू मेरी असली बहू है बुर चोदी । तू मेरे मन की बहू है भोसड़ी वाली। तू मेरी पसंदीदा बहू है माँ की लौड़ी ? तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँगी किसी दिन और तेरी बहन की बुर भी ?
एक दिन रात को मेरी नन्द मेरे पास आयी और बोली चलो भाभी जान तुम्हे एक चीज दिखायें। मैं उसके साथ चल पड़ी। उसने मुझे कमरे में झांक कर दखने को कहा। मैंने देखा की मेरी सास किसी से चुदवा रही है और उसके बगल में उसकी नन्द नंगी लेटी हुई है वह भी किसी से चुदवा रही है। नन्द मुझे लेकर अंदर घुस गयी और बोली भाभी जान देखो तेरी सास बुर चोदी कितनी मस्ती से मेरे मियां से ही चुदवा रही है। और ये भोसड़ी की फूफी तो अपने ही बेटे से चुदवा रही है। इसका बेटा २४ साल का है मादर चोद अपनी ही माँ का भोसड़ा चोद रहा है। फूफी बोली अरे फरीदा बहू चुदाई में कोई किसी का बेटा नहीं होता कोई किसी की माँ नहीं होती ? लण्ड वाला एक मरद होता है और चूत वाली एक औरत बस ? मरद अपना लण्ड चूत वाली औरत की चूत में पेल देता है बस ? वैसे भी अब तो मेरा बेटा मर्द हो गया है वह मेरी क्या तेरी भी बुर चोद सकता है।
फूफी ने अपने बेटे का लण्ड मेरी चूत में पेल दिया। मैं भी बहुत चुदासी थी तो बिना किसी रोक टोक के मैं भी
मजे से चुदवाने लगी। फूफी तो मेरी चूत में लण्ड पेल कर चली गयी. उसकी जगह मेरा ममिया ससुर आ गया। वह भी नंगा था। उसने अपना लण्ड मेरी नन्द को पकड़ा दिया और बोला लो बेटी पहले इस पर बैठो। वह नीचे लेट गया और नन्द उस पर बैठ गयी। वह भी मामू जान से चुदवाने लगी। मेरी सास अपने भाई जान के पेल्हड़ सहलाने लगी। मैंने मन में कहा देखो मेरी सास भी बुर चोदी कितनी हरामजादी है। अपने दामाद से चुदवा रही है और अपने भाई जान के पेल्हड़ सहला रही है। मेरी फुफिया सास का बेटा मुझे हचक हचक के चोदने लगा। मैंने उससे पूंछा क्या तुम अपनी बहन की भी बुर लेते हो तो वह बोला हाभाभी जान लेता हूँ। रात में तो मैं किसी की भी बुर में लौड़ा पेल देती हूँ। लण्ड जब खड़ा हो जाता है तो फिर वह बिना चूत मानता ही नहीं। सड़का मैं लगाता नहीं इसलिए चोदने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचता। मैंने काह ये बात तुम्हे किसने बताई। उसने कहा एक दिन अम्मी ने ही कहा था की बेटा सड़का कभी नहीं लगाना हमेशा बुर ही चोदना। अगर किसी की बुर न मिले तो लण्ड मेरी बुर में पेल देना मैं चुदवा लूंगी। बस तभी से मैं अपनी माँ का भोसड़ा चोदने लगा। उधर मेरी नज़र ममिया ससुर के लण्ड पर भी थी , उसका लौड़ा भी मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था। थोड़ी देर में नन्द ने खुद अपने मामू जान का लण्ड मेरी चूत में पेला और मैं चुदवाने लगी। वह अपनी फूफी के बेटे से चुदवाने लगी। मैं इन सब लोगों चुदवा चुदवा कर मज़ा लूटने लगी।
तभी ससुर ने कहा - बहू, अब तुम मेरी तरफ मुंह करके मेरे लण्ड पे बैठ जाओ।
मैं तो यह चाहती ही थी। मैं तुरंत बैठ गयी तो उसका लण्ड पूरा मेरी चूत में घुस गया। मैं लण्ड के ऊपर उछल उछल कर मज़ा करने लगी और वह भी अपनी गांड से जोर लगाने लगा। मुझे इस तरह ससुर के लण्ड का आनंद मिल रहा था। इतने में मेरी नन्द आ गयी।
वह बोली - हाय दईया भाभी जान, तुम यहाँ मेरे अब्बू से चुदवा रही हो और वहां तेरा अब्बू मेरी माँ का भोसड़ा चोद रहा है। मैं भी उससे चुदवाकर कर आ रही हूँ।
उस रात मैंने ससुर से तीन बार चुदवाया। दूसरे दिन मेरी अम्मी का फोन आया।
उसने पूंछा - बेटी, फरीदा तू खुश है न अपनी ससुराल में ? लण्ड वगैरह मिल रहें हैं न अच्छी तरह ? '
मैंने जबाब दिया - हां अम्मी जान खूब मिल रहे हैं लण्ड ? आजकल मैं 3 /4 लण्ड रोज़ पेलवाती हूँ अपनी चूत में ?
=०=०=०=० समाप्त
Tags: खूब मस्ती से गन्दी बातें करना और प्यार से चुदवाना - Gandi baten karna aur pyar se chudna , सबके लंड हिलाना चुसना और बुर चूत गांड को चुदवा लेना , चुदक्कड बन जाओ , चुदो जी भरके और सबके लंड खाओ.
मेरा नाम फरीदा बेगम है। मैं २४ साल की हूँ और मैं आज ही शादी के बाद ससुराल आयी हूँ। मुझे मालूम हुआ है की आज ही मेरी सुहागरात है, मेरी शादी युसूफ नाम के लड़के से हुई है। बस मैं दुल्हन बनी बैठी हुई उसके आने का इंतज़ार कर रही हूँ। मेरे मन में बस उसके लण्ड के ख्याल आ रहा हैं। मैं खुदा से दुआ कार रही हूँ की उसका लण्ड मेरे मन माफिक मोटा तगड़ा हो ? अगर मुझे उसका लण्ड पसंद न आया तो मेरी ज़िन्दगी बर्बाद हो जाएगी। वैसे आजकल लड़कियां शादी के पहले अपने होने वाले शौहर का लण्ड पकड़ कर देख लेतीं हैं। उससे चुदवाकर कर देख लेतीं हैं लेकिन मुझे इस बात का मौक़ा नहीं मिला और मैंने खुदा के नाम पर शादी कर ली। मैं सोंच ही रही थी की वह कमरे में आ गया। वह था तो बड़ा हैंडसम पर उसका लण्ड कैसा होगा यह देखने की बात थी।
आते ही उसने मेरा घूंघट उठाया मेरे गाल थपथपाये और मुझे गिफ्ट में सोने की अंगूठी दी। मैंने मन में कहा मेरा तो सबसे बड़ा गिफ्ट तेरा लण्ड ही होगा मेरे भोसड़ी के शौहर मियां। मैंने उसका शुक्रिया अदा किया तो उसने मुझे गले लगाया और मेरा बदन ऊपर से ही सहलाने लगा। मैं भी उससे चिपक गयी। फिर धीरे धीरे वह मेरे कपड़े उतारने लगा और मैं उसके कपड़े उतारने लगी। मेरी चूँचियाँ खुलीं फिर मेरी सलवार खुली मैं नीचे पैंटी में आ गयी। वह मेरी चूँचियाँ मसलने लगा। मैंने उसे भी नंगा किया तो वह भी चड्ढी में आ गया। न मैंने फिर देर लगायी और न उसने। उसने मेरी पैंटी खोली तो मेरी बिना झांट की चिकनी चूत उसके सामने नंगी हो गईओर जब मैंने उसकी चड्ढी उतारी तो उसका लण्ड भी बिना झांट का मेरे आगे फनफना उठा। मैंने जैसे ही खड़ा लण्ड देखा तो सबसे पहले खुदा का शुक्रिया अदा किया।
लण्ड साला वाकई बड़ा था, मोटा था और सख्त भी था। मैंने बड़े प्यार से मुस्कराते हुए लण्ड पकड़ लिया और उसकी कई बार चुम्मी ली। उसने मेरी चूँचियाँ दबायीं, मेरे गाल नोचे और मेरे चूतडों पर हाथ फेरा। फिर उसका हाथ मेरी चूत पर गया और वह बोला वाह क्या बात है बीवी जी ? तुम बहुत खूबसूरत हो। तुमसे ज्यादा खूबसूरत तुम्हारी चूत है जाने मन , अब तो ये मेरी हो गयी है। मैंने भी कहा आपका लण्ड भी बड़ा शान दार है और अब तो यह मेरी ही जागीर है। मैंने लण्ड फ़ौरन मुंह में डाला और चाटने चूसने लगी। वह मेरे पूरे नंगे बदन का लुत्फ़ उठाने लगा। मेरी सुहागरात की एक अच्छी शुरुआत हुई। मैंने लण्ड अपने पूरे बदन पर घुमाया। मुझे उसका सुपाड़ा बड़ा अच्छा लगा। वह एक दम तोप का गोला लग रहा था और लण्ड तो सच में तोप के सामान था। उसके पेल्हड़ भी बड़े शानदार निकले और मैं पेल्हड़ भी पकड़ कर चूमने चाटने लगी। मैं धीरे धीरे मस्त होती जा रही थी और उसका भी जोश बढ़ता जा रहा था।
कुछ देर तक हम दोनों एक दूसरे के नंगे बदन से खेलते रहे और फिर उसने लण्ड पेल दिया मेरी चूत में। मैंने भी मजे से पेलवा लिया लण्ड और एक मस्त जवान बीवी की तरह चुदवाने लगी। वह धक्के लगाने लगा और मैं हर धक्के का जबाब नीचे से धक्के से देने लगी। उसका लण्ड अगर सख्त था तो मेरी भी चूत सख्त थी। मैंने सोंचा की मेरा शौहर तो सच में बहुत अच्छी तरह चोदता है और इसलिए लगता है की इसे बुर चोदने का तज़ुर्बा है। इतने में वह बोला बीवी जी तुम जिस तरह से चुदवा रही हो उससे लगता है की तुमने चुदवाने में काफी तज़ुर्बा हांसिल किया है। मेरे मुंह से निकल गया हां तो वह हंस कर बोला तो फिर तुम मेरे दोस्तों से चुदवाना तो उन्हें भी मज़ा आएगा। मैंने कहा अच्छा तो तुम अपनी बीवी अपने दोस्तों से चुदवाओगे ? वह बोला तो क्या हुआ ? हमारे यहाँ चोदा चोदी होती ही रहती है। सब लोग सबकी बुर चोदते है और सबकी बीवियां सबके मर्दों से चुदवा लेतीं हैं। जब तुम्हे मेरे कुनबे वाले चोद सकते हैं तो फिर मेरे दोस्त क्यों नहीं चोद सकते ? मैंने कहा हाय अल्ला तो क्या तेरे कुनबे के सब लोग मुझे चोदेगें ? वह बोला हां तो क्या हुआ। हमारे समाज में तो ये सब होता ही है। मैं भी तो सबको चोदता हूँ। मैं भी अपने दोस्तों की बीवियां चोदता हूँ। ऐसे में मेरे दोस्त भी तुम्हें चोदेंगें। तुम्हे भी मज़ा आएगा और मेरे दोस्तों को भी।
मैंने एक बार फिर खुदा का शुक्रिया अदा किया। मैं जो चाहती थी वही होने वाला है। पहले तो उनसे मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोदा फिर उसने मुझे पीछे से चोदा और फिर उसने मुझे अपने लण्ड पर बैठा के चोदा। यह बात सही है की उस दिन मैं अच्छी तरह चुदी। खूब चुदी और मन भर के चुदी। मैंने खुदा से दुआ की मैं आगे भी इसी तरह चुदती रहूं ? मैं खलास भी पहले हो गयी और वह बाद में खलास हुआ। मैं अपने शौहर के लण्ड की ताकत समझ गई। मैं यह भी समझ गयी की इसके लण्ड की ताकत का फायदा यहाँ सब चूत वाली उठातीं होगीं। इसलिए मुझे जब इसी तरह के लण्ड मिलेंगें तभी मेरी चूत की आग ठंढी होगी। पहली चुदाई की बाद मुझे थोड़ी नींद आ गयी क्यों की रात काफी हो चुकी थी। मैं जब नींद से उठी तो देखा की मेरा शौहर नहीं है। वह कहीं बाहर चला गया है।
मैं उसे ढूंढने के लिए इधर उधर झाँकने लगी , फिर मैं आगे बढ़ी तो मुझे बगल के कमरे से कुछ आवाज़ सुनाई पड़ी। मैं झाँक कर अंदर देखने लगी। हालांकि दरवाजा खुला था और खिड़की भी खुली थी। मैंने देखा की मेरी नन्द बुर चोदी एकदम नंगी नंगी लेटी हुई है और उसके ऊपर कोई चढ़ा हुआ उसे चोद रहा है। मुझे उसका न तो मुंह दखाई पड़ा और न ही लण्ड क्योंकि लण्ड तो बहन चोद चूत में घुसा था। मजे की बात यह थी की उसी के बगल में मेरी जेठानी भी नंगी लेटी थीं। वह भी चुदवा रही थी। उसे जो चोद रहा था उसका चेहरा थोड़ा थोड़ा दिख रहा था। कोशिश की तो पूरा चेहरा दिख गया और मेरे मुंह से निकला वाओ ये तो मेरा नंदोई है। यानी मेरा नंदोई मेरी जेठानी की बुर चोद रहा है। इधर भी मैंने अपना सिर कर देखा तो मालूम हुआ की मेरा जेठ मेरी नन्द की बुर ले रहा है। मतलब यह की जेठ अपनी बहन की बुर चोद रहा है। वैसे हमारे समाज में बहन की बुर चोदना और अपने भाई जान से चुदवाना बड़ी आम बात है। यह तो हर घर में होता है।
मेरा मन हुआ की मैं अभी अंदर घुस जाऊं और इन दोनों के लण्ड पकड़ कर अपनी चूत में घुसा लूं। इतने में मेरी नन्द ने मुझे देख लिया। वह मेरे पास नंगी नंगी आयी और मेरा हाथ पकड़ कर अंदर ले गई। बिना कुछ बोले हुए उसने जेठ का लण्ड मुझे पकड़ा दिया। मैं पकड़ भी लिया लण्ड। लण्ड साला बड़ा मोटा था मेरी एक मुठ्ठी माँ आया ही नहीं। तो मैंने दोनों हाथों से उसे पकड़ा चूम लिया . तब वह बोली लगता है भाभी जान की लण्ड तुम्हे पसंद आ गया है। मैंने कहा हां बिलकुल पसंद आ गया है देखो न कितना मोटा है जेठ जी का लण्ड ? अरे भाभी जान यहाँ तुम्हे सब मोटे मोटे ही लण्ड मिलेंगें ? ये मोटे मोटे लण्ड वालों का खान दान है। मैंने खुदा तो एक बार फिर याद किया। उसके बाद नन्द ने ही लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और अब मुझे मेरा जेठ ही धकाधक चोदने लगा। उधर मेरी जेठानी तो नंदोई से चुदवाने में ही जुटीं हुईं थीं। मैं उसकी भी चुदाई मस्ती से देखने लगी। नन्द मेरी चूँचियाँ सहलाने लगी और मैं एक हाथ से उसकी चूत।
इस बार मुझे अपने शौहर से ज्यादा मज़ा अपने जेठ से चुदवाने में आ रहा था। वैसे भी ग़ैर मरद का लण्ड तो प्यारा लगता ही है। मैं भी उछल उछल कर चुदवा रही थी। नन्द उसके पेल्हड़ सहला रही थी। तब मैंने देखा की नंदोई का लण्ड झाड़ चुका है और जेठानी बड़ी मस्ती से उसका झड़ता हुआ लण्ड चाट रहीं हैं। जेठानी चुदाने के बाद चली गयीं। मैं इधर झमाझम चुदवाने में लगी थी। इतने में जाना कहाँ से मेरा खालू ससुर आ गया। वह भी नंगा था। मैं समझ गयी की रात में सब साले यहाँ नंगे ही रहते हैं। आते ही बोला बहू मेरे लण्ड पर भी बैठ जाओ। नन्द ने जेठा का लण्ड मेरी बुर से निकाला और चाटने लगी और मुझे इशारा कर दिया तो मैं सच में खालू ससुर के लण्ड पर बैठ। गयी लण्ड साला गच्च से मेरी चूत में घुस गया। इधर मैं भी कूद कूद कर चुदाने लगी उधर वह भी उचक उचक कर चोदने लगा। मैंने मन में कहा मेरी सुहागरात में इतने लण्ड मिलेंगें और एक से एक बेहतरीन लण्ड मिलेंगें ये तो मैंने सोंचा ही नहीं था।
खालू बोला जानती हो बहू मैं अभी अभी तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा चोद कर आ रहा हूँ और अब तुम्हे चोदने के बाद तेरी बुर चोदी नन्द की बुर चोद कर ही जाऊंगा। तब तक नन्द बोली अरे भाभी जान जानती हो इसकी बीवी मेरा अब्बू चोद रहा है और वह इसकी बीवी चोदने के बाद इसकी बिटिया की बुर भी चोद कर आएगा। मेरा अब्बू बुर चोदने में अव्वल है।
अगले दिन मेरी सास, मेरी नन्द और मेरी जेठानी मेरे साथ बैठीं थीं। बातें हो रहीं थीं।
मेरी सास बोली - बहू, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ?
तब मेरी नन्द कहा - भाभी जान, तेरी सास की बिटिया की बुर ?
उधर से जेठानी भी बोली - तेरी नन्द की भाभी का भोसड़ा, देवरानी जी ? मैंने देखा की सब अपनी ही चूत का निशाना बना रहीं हैं। तो मैंने कहा - सासू जी, तेरी बेटी की भाभी की चूत, नन्द रानी, तेरी माँ की बहू की बुर, और जेठानी जी, तेरी देवरानी की माँ की बिटिया की बुर।
मेरी गालियां सुनकर सब ताली बजा बजा कर हंसने लगी।
सास बोली - तू मेरी असली बहू है बुर चोदी । तू मेरे मन की बहू है भोसड़ी वाली। तू मेरी पसंदीदा बहू है माँ की लौड़ी ? तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँगी किसी दिन और तेरी बहन की बुर भी ?
एक दिन रात को मेरी नन्द मेरे पास आयी और बोली चलो भाभी जान तुम्हे एक चीज दिखायें। मैं उसके साथ चल पड़ी। उसने मुझे कमरे में झांक कर दखने को कहा। मैंने देखा की मेरी सास किसी से चुदवा रही है और उसके बगल में उसकी नन्द नंगी लेटी हुई है वह भी किसी से चुदवा रही है। नन्द मुझे लेकर अंदर घुस गयी और बोली भाभी जान देखो तेरी सास बुर चोदी कितनी मस्ती से मेरे मियां से ही चुदवा रही है। और ये भोसड़ी की फूफी तो अपने ही बेटे से चुदवा रही है। इसका बेटा २४ साल का है मादर चोद अपनी ही माँ का भोसड़ा चोद रहा है। फूफी बोली अरे फरीदा बहू चुदाई में कोई किसी का बेटा नहीं होता कोई किसी की माँ नहीं होती ? लण्ड वाला एक मरद होता है और चूत वाली एक औरत बस ? मरद अपना लण्ड चूत वाली औरत की चूत में पेल देता है बस ? वैसे भी अब तो मेरा बेटा मर्द हो गया है वह मेरी क्या तेरी भी बुर चोद सकता है।
फूफी ने अपने बेटे का लण्ड मेरी चूत में पेल दिया। मैं भी बहुत चुदासी थी तो बिना किसी रोक टोक के मैं भी
- एक दिन रात में लगभग १० बजे मेरे ससुर ने कहा - बहू ज़रा यहाँ मेरे पास आओ ?
- मैं जब पहुंची तो देखा की वह एक चादर कमर तक ओढ़े हुए एकदम नंगे बदन लेटा है। वह बोला बहू रानी अपनी झांटें बनाने वाली मशीन ले आओ।
- मैंने मन में कहा बड़ा बेशरम और हरामजादा है मेरा भोसड़ी का ससुर। खैर मैं मशीन लेकर उसके पास पहुंची।
- उसने अपनी चादर उठाई और अपना खड़ा लण्ड मुझे दिखाते हुए बोला बहू ज़रा मेरी झांटें बना दो। थोड़ी ज्यादा ही बड़ी हो गईं हैं ससुरी ।
- उसका लण्ड देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया। मेरी चूत गीली हो गई , मेरे मुंह से लार टपकने लगी। लण्ड तो बहन चोद बिलकुल मेरे मन का था। मैंने कहा अच्छा ससुर जी बना देती हूँ। मैंने हाथ बढ़ाया तो,,,,,,,,,,,
- वह बोला ऐसे नहीं बहू, अपने भी कपड़े उतार के बनाओ मेरी झांटें । मेरी झांटें बनाने जा रही हो फिर तुम्हे शर्माने की क्या जरुरत ?
- फिर मैं भी बेशरम हो गई। मैंने अपने कपड़े उतार दिया और लण्ड का सुपाड़ा अपनी चारों उंगलियों से पकड़ लिया। दूसरे हाथ से उसकी झांटें बनाना शुरू कर दिया।
तभी ससुर ने कहा - बहू, अब तुम मेरी तरफ मुंह करके मेरे लण्ड पे बैठ जाओ।
मैं तो यह चाहती ही थी। मैं तुरंत बैठ गयी तो उसका लण्ड पूरा मेरी चूत में घुस गया। मैं लण्ड के ऊपर उछल उछल कर मज़ा करने लगी और वह भी अपनी गांड से जोर लगाने लगा। मुझे इस तरह ससुर के लण्ड का आनंद मिल रहा था। इतने में मेरी नन्द आ गयी।
वह बोली - हाय दईया भाभी जान, तुम यहाँ मेरे अब्बू से चुदवा रही हो और वहां तेरा अब्बू मेरी माँ का भोसड़ा चोद रहा है। मैं भी उससे चुदवाकर कर आ रही हूँ।
उस रात मैंने ससुर से तीन बार चुदवाया। दूसरे दिन मेरी अम्मी का फोन आया।
उसने पूंछा - बेटी, फरीदा तू खुश है न अपनी ससुराल में ? लण्ड वगैरह मिल रहें हैं न अच्छी तरह ? '
मैंने जबाब दिया - हां अम्मी जान खूब मिल रहे हैं लण्ड ? आजकल मैं 3 /4 लण्ड रोज़ पेलवाती हूँ अपनी चूत में ?
=०=०=०=० समाप्त
Tags: खूब मस्ती से गन्दी बातें करना और प्यार से चुदवाना - Gandi baten karna aur pyar se chudna , सबके लंड हिलाना चुसना और बुर चूत गांड को चुदवा लेना , चुदक्कड बन जाओ , चुदो जी भरके और सबके लंड खाओ.
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