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कुनबे के सभी लोग मुझे चोदते हैं - Kunbe ke sabhi log mujhe chodte hai
कुनबे के सभी लोग मुझे चोदते हैं - Kunbe ke sabhi log mujhe chodte hai , अब्बू मुझे चोद दो , मेरी चूत में आग लगी है , लंड के पानी से बुझा दो , चोदन करो , चुदास बनाओ मुझे , चुदकर शांत होना चाहती हूँ मैं , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मुझे लण्ड पकड़ने का जबरदस्त शौक है। मैं लण्ड पकड़ने का कोई भी मौक़ा छोड़ती नहीं हूँ। हमेशा नये नये लण्ड पकड़ने की तलाश में रहती हूँ। मुझे जब कोई नया लण्ड नहीं मिलता तो फिर पकड़े हुए लण्ड फिर से पकड़ने लगती हूँ। मुझे हर दिन २/३ लण्ड चाहिए। मैं बिना लण्ड के एक दिन भी नहीं रह सकती। यही हाल मेरी अम्मी जान का भी है। वह भी बुर चोदी हर रोज़ लण्ड पकड़ती है और नए नए लण्ड पकड़ती है। 45 साल की हो गईं हैं अम्मी जान लेकिन अपना मुकाबला 30 साल की लड़की से करतीं हैं, एकदम मस्त जवान, खबसूरत और हॉट है वह ? मरद आज भी उसे देख कर अपना लण्ड सहलाने लगते हैं। जाने कितने मरद इसके नाम का सड़का मारते होंगें। मुझे फूफी बता रहीं थीं की बेटी नगीना तेरी अम्मी तो लण्ड का शिकार ऐसे करती है जैसे बिल्ली चूहा का शिकार करती है। अभी भी वह भोसड़ी वाली लण्ड की इतनी शौक़ीन है जितनी वह 20 साल की उम्र में थी। मैं उससे दो साल बड़ी हूँ। उसकी शादी मेरी शादी के एक साल बाद हुई थी। वह अपनी शादी के समय से मेरे मियां के पीछे पड़ी रहती थी और आखिर कार एक दिन उसने मेरे मियां का लण्ड पकड़ ही लिया और उसी दिन उसने लण्ड अपनी चूत में भी पेल लिया। तब से आज तक वह मेरे मियां से चुदवा रही है। मेरा मियां भी मुझे कम चोदता है बस तेरी अम्मी की बुर ज्यादा चोदता है।
मेरी अम्मी ग़ैर मर्दों से धकाधक चुदवाती है यह तो मुझे पता चल गया था। मैं चाहती थी की मैं जल्दी से अम्मी जान से खुल जाऊं ताकि उसके सारे मर्दों के लण्ड मेरी झोली में आ जायें। मुझे बड़े लोगों से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है। मैं अपने अब्बू के लण्ड पर भी घात लगाये बैठी हूँ। जिस दिन मौक़ा मिला उसी दिन पेल लूंगी उस भोसड़ी वाले का लण्ड। इतना तो मुझे पक्का मालूम हो गया है की मेरा अब्बू लड़कियों की बुर चोदता है और कुछ लड़कियों की तो माँ का भोसड़ा भी चोदता है।
एक दिन जब मैं बाहर से आयी तो मुझे मालूम हुआ की अम्मी के कमरे में कुछ हो रहा है। मैं थोड़ा जल्दी आ गयी थी। शायद अम्मी को मेरे आने की उम्मीद नहीं थी। मैंने अपना सामान रखा और अम्मी के कमरे में झाँकने लगी। मैंने देखा की अम्मी जान तो एकदम नंगी लेटी हुई किसी से चुदवा रही है। एक आदमी उसके ऊपर चढ़ा हुआ बड़े मजे से चोद रहा है। इतनी बेफिक्री से चुदवाने की हिम्मत तो मेरी अम्मी जान की ही हो सकती है। वह कुछ बोल भी रहीं थीं। मैं वही सब कान लगा कर सुनने लगी। अम्मी कह रही थी यार रफ़ी आज तेरा लण्ड बड़ा मोटा लग रहा है। आज पहली बार मेरी चूत को ज्यादा मज़ा आ रहा है। पिछली बार जब तूने अपने दोस्त के साथ मुझे चोदा था तो बड़ा मज़ा आया था। आज वही मज़ा आ रहा है।
वह बोला हां भाभी पिछली बार मेरा दोस्त मेरे साथ था आज नहीं है। अम्मी ने पूंछा कहा गया तेरा दोस्त ? वह बोला मेरा दोस्त मेरी बीवी चोदने गया है क्योंकि कल मैंने उसकी बीवी चोदी थी। आज तो वह मेरी बीवी चोदने के साथ साथ मेरी बेटी भी चोदेगा। मेरी बेटी 21 साल की हो गयी है। वह भी अपनी माँ की तरह मेरे दोस्तों से चुदवाती है। अम्मी ने कहा अरे वाह तब तो तेरा लण्ड बड़ा मज़ा करता होगा ? बेटी चोदो बेटी की माँ चोदो। तुम मर्दों के पास और है ही क्या ? कभी इसकी बुर चोदा कभी उसकी बुर चोदा। वह बोला अरे भाभी जान तेरी भी बेटी नगीना तो अब जवान हो गयी है। मैं किसी दिन उसे चोदना चाहता हूँ। मुझे एक दिन उसे चोदने का मौक़ा दो न भाभी जान। अम्मी ने कहा अरे यार पहले मुझे अच्छी तरह चोद लो. मेरा भोसड़ा चोद लो फिर किसी दिन मैं अपनी बेटी तुझसे चुदवा लूंगी। आज तो मुझे भकाभक चोदो।
यह सब सुनकर मुझसे बर्दास्त नहीं हुआ। मेरी चूत गीली हो गयी थी और मेरी झांटें भी सुलगने लगीं थी की अम्मी बुर चोदी मेरी चूत नहीं चुदवा रही है बल्कि अपना भोसड़ा चुदवाये जा रही है। मैं फिर बिंदास कमरे के अंदर घुस गयी और अम्मी के सामने ही खड़ी हो गयी। पहले तो अम्मी ने देखा नहीं।
- जब देखा तो बोली अरी नगीना तू यहाँ क्यों आ गयी ?
- मैने कहा दरवाजा खुला था तो आ गयी। ये सब क्या हो रहा है अम्मी जान ?
- नगीना तू जा यहाँ से। ज्यादा बात न कर मैं जो कर रही हूँ मुझे करने दे।
- मैं नहीं जाऊंगी। मैं तो यहीं खड़ी रहूंगी।
- तेरी माँ का भोसड़ा तो बहुत ज्यादा मुँह लड़ाने लगी है। अभी चली जा थोड़ी देर बाद आना।
- मैंने कहा नहीं मैं नहीं जाऊंगी ?
- तो क्या तू अपनी माँ का भोसड़ा चुदता देखेगी ?
- हां मैं तेरा भोसड़ा चुदता देखूँगी।
- अच्छा तो ले पकड़ अंकल का लण्ड घुसेड़ दे अपने हाथ से अपनी माँ के भोसड़ा में ? पूरा कर ले अपने अरमान बुर चोदी नगीना ? अब तो तेरी भी चूत लण्ड खाने वाली हो गयी है।
- इतना जानती है तू तो फिर मुझसे जाने के लिए क्यों कह रही है ? तेरी चूत चूत है मेरी चूत कुछ भी नहीं ? तेरी बहन का भोसड़ा अम्मी जान ? तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर ? अब मैं भी हो गई हूँ बेशरम ? मुझे भी झांट किसी की परवाह नहीं है। तू मेरे सामने चुदवा रही है मैं भी तेरे सामने किसी से चुदवाकर दिखाऊंगी। मेरी चूत तेरी चूत से ज्यादा गरम है अम्मी जान ?
- अरे नगीना तू समझती नहीं है। बेटी अंकल का लण्ड बड़ा मोटा है। इसका लण्ड तेरी चूत फाड़ डालेगा ? मैं किसी और लड़के का लण्ड तेरी चूत में पेल दूँगी। चल अच्छा आज ही पेल दूँगी। तू चिंता न कर और मुझे चुदवाने दे ?
- हां हां तू चुदवा ले मैं कहाँ मना कर रही हूँ। एक बात सुन लो अम्मी जान मेरी चूत इतनी कमजोर नहीं है जो एक ही लण्ड से फट जाएगी। मेरी चूत फाड़ने वाला लण्ड आजतक खुदा ने बनाया ही नहीं।
- अरे वाह तू बहुत जानकार है माँ की लौड़ी।
- हां हां अम्मी जान चूत कभी फटती नहीं है फ़ैल जाती है, बस। चूत भोसड़ा जरूर बन जाती है लेकिन फटती कभी नहीं, अम्मी जान । हां गांड़ जरूर फट जाती है।
एक दिन मैं अपने दोस्त नैना के घर चली गयी। उसने कहा था यार तुम सीधे मेरे कमरे में चली आना तो मैं सीधे वहीं पहुँच गयी। मुझे देख कर वह खुश हो गयी लेकिन मैं उसे देख कर हैरान हो गयी। मैंने देख की वह सोफा पर बैठी है और उसके बगल में उसका अब्बू बैठा है। मगर उसका हाथ उसके अब्बू के पजामा में घुसा था और वह अंदर ही अंदर उसका लण्ड सहला रही थी। मेरे पहुँचने पर भी उसने लण्ड सहलाना बंद नहीं किया। उसने कहा नगीना तू बहन चोद बिलकुल सही मौके पर आयी है। इधर मेरे पास आ जा। मैं उसके पास पहुँच गयी तो उसने फटाक अपने अब्बू का लण्ड न पजामा के बाहर निकाल लिया दिखाती हुई बोली लो यार अब तुम पकड़ अब्बू लण्ड। मैं लण्ड देख कर मस्त हो गयी। सबसे ज्यादा अच्छी बात यह थी की उसे किसी बात की शर्म नहीं थी। इससे यह मालूम होता था की वह अपने अब्बू से चुदवाती है।
इतने में वह घूमी और मेरे कपड़े उतार दिया। मुझे नंगी कर दिया। मुझे नंगी देख कर उसका लण्ड और फनफना उठा। वह बोली तुझे कैसा लगा मेरे अब्बू का लण्ड, नगीना ? मैंने कहा अरे यार बड़ा बढ़िया लगा, बड़ा मस्त है, मोटा है और सख्त भी है, तेरे अब्बू का लण्ड । वह बोली हां यार बिलकुल तेरे अब्बू के लण्ड की तरह ही है। उसका भी लण्ड लगभग इसी साइज का है। मुझे तो दोनों ही लण्ड गज़ब के लगतें हैं। मैंने पूंछा अच्छा तुम मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ती हो ? वह बोली कैसी बातें कर रही हो ? मैं पकड़ती ही नहीं हूँ उसे अपने मुंह में लेती हूँ, खूब चूमती चाटती हूँ और चूसती हूँ। उसके बाद अपनी चूत में पेल कर मस्ती से चुदवाती हूँ। तेरे अब्बू को लड़कियां चोदने का बड़ा शौक है न ? मेरी तो आँखें खुल गयी। मैंने मन के कहा मेरे घर में इतना बढ़िया लण्ड और मैं बिना मतलब में लण्ड के लिए तरस रही हूँ ? मेरे मन में आया की मैं अपने अब्बू को अभी यहीं बुला लूं और उसे नंगा करके उसका लौड़ा नैना के सामने ही आपने मुंह में ले लूं फिर उसे चूत में घुसा कर चुदवा लूं। वैसे भी मुझे बड़े लोगों के लण्ड बहुत अच्छे लगते हैं।
मैं ऐसा सोंचते हुए लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी और नैना मेरी बुर चाटने लगीं। उसके बाद जब अंकल ने लण्ड मेरी चूत में पेला और मुझे धकाधक चोदने लगे तो मुझे ज़न्नत का मज़ा आने लगा। नैना उसके पेल्हड़ चाटने लगी और दूसरे हाथ से मेरी चूँचियाँ सहलाने लगी। वह भी बुर चोदी बहुत बड़ी चुदक्कड़ निकली। कहने लगी की नगीना मेरे अब्बू का कोई ऐसा दोस्त नहीं है जिसका लण्ड मैं अपनी चूत में पेलती नहीं हूँ। सब भोसड़ी वाले मुझे चोदते हैं और मैं सबके लण्ड का मज़ा लेती हूँ।
मैं फिर घर आयी तो बहुत भरी हुई थी। मैंने सोंच लिया की आज रात को मैं अब्बू को नंगा कर ही दूँगी। उसकी बहन का भोसड़ा ? अब मैं शरमाने वाली नहीं। साला मेरी ही दोस्त नैना की बुर चोदता है और मुझे बताया भी नहीं मादर चोद ने कभी ? अब्बू की बिटिया की बुर ? आज मैं बता दूँगी उसे की मैं कौन हूँ ? बस मैं अब्बू जान के इर्द गिर्द घूमने लगी। एक दिन दोपहर में मैंने देखा की वह मेरी फूफी जान की बिटिया की बुर चोद रहा है। कमरे में केवल मेरा अब्बू था और फूफी की बेटी। अब्बू ने अपना लौड़ा पूरा उसकी बुर में घुसा रखा था। मैं उसका लौड़ा पूरा देखना चाहती थी तो थोड़ा रुक गयी और उसकी चुदाई देखने लगी । मेरी झांटें भी सुलग रहीं थीं और चूत भी गरमा थी। जब अब्बू ने लौड़ा पूरा बाहर निकाला तो मेरी तो आँखें खुल गयीं। अब्बू का लौड़ा बहन चोद नैना के अब्बू के लौड़े से बड़ा था और मोटा भी ज्यादा था । मुझे अब्बू के लण्ड पर फक्र होने लगा और ,मैं और ज्यादा खुश हो गयी।
फिर मैं नहीं रुकी और बमक बड़ी अब्बू के ऊपर। भोसड़ी के अब्बू तुझे दुनिया भर की बेटियों की बुर दिखाई पड़ती है, पर अपनी बिटिया की बुर नहीं दिखाई पड़ती। तू सबकी बेटियां चोदता है, और तेरी बेटी कोई नहीं चोदता। यहाँ कहाँ का फैसला है ? उस दिन तूने नैना की बुर चोदी, फिर सलमा की बुर चोदी और आज तू फूफी की बेटी की बुर चोद रहा है। तुझे मेरी बुर नहीं दिखाई पड़ती ? क्या मैं जवान नहीं हूँ ? क्या मेरी बुर जवान नहीं है ? क्या मेरी बुर में आग नहीं है ? मेरी बुर तू नहीं चोदेगा तो फिर कौन चोदेगा ? तेरा कोई दोस्त भी नहीं आया मेरी बुर चोदने। तुम जिसकी बुर चोद रहे हो वह मुझे ३ महीने छोटी है भोसड़ी वाली। उसकी माँ की भोसड़ा ? तेरी बहन की चूत अब्बू जान। मैं ताबड़तोड़ कुछ न कुछ अल्लम गल्लम बोलती जा रही थी। और फिर हाथ बढ़ा कर उसका लण्ड फूफी की बेटी की बुर से निकाल कर चाटने लगी। तब तक वह घूमी और मेरे कपड़े खोलने लगी। वह बोली नगीना देख तेरा अब्बू मेरा मामू जान है। और मैं अपने मामू जान से चुदवा रही थीं। कोई गुनाह नहीं कर रही थी। लेकिन तू चिंता न कर अब मैं यही लण्ड तेरी बुर में ठोंक दूँगी। उसने पहले तो मेरी चूत सहलाई। दो ऊँगली पेल दी अंदर और फिर अब्बू का लौड़ा घुसेड़ दिखा धच्च से। लौड़ा घुसा तो मेरी तमन्ना पूरी हुई और मैं झमाझम बड़ी बेशर्मी से चुदवाने लगी। मैं सोंचने लगी की आज पहली बार मेरी चूत में इतना लंबा चौड़ा लौड़ा घुसा है।
मेरी मस्ती बढती जा रही थी। मैं अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। मेरे मुंह से जोश में कुछ न कुछ निकलने लगा। मैं बोलने लगी -- हाय मेरे अब्बू जान लूरा लौड़ा पेल दो मेरी चूत में। चोद डालो मेरी बुर चोदी बुर। फाड़ डालो मेरी चूत। आज मुझे लग राह है की कोई मरद मुझे चोद रहा है। हाय अल्ला कितना मज़ा आ रहा है। हो हां हे ऊ ओ हे हां चूँ आ हो सून हां हां ऐसे हो चोदो। जैसे अभी इसकी बुर चोद रहे थे। जैसे नैना की बुर चोदी वैसे चोदो , आ हो ाँ न दो न मज़ा वोवो क्या लौड़ा है तेरा। वह स्पीड बढ़ा रहा था। धक्के पे धक्का लगाए जा रहा था और मैं हर धक्के का जबाब धक्के से दे रही थी। फूफी की बेटी बोली हां मामू जान फाड़ दो इसकी चूत। इसकी चूत के चीथड़े उड़ा बहन चोद। ये बुर चोदी बहुत दिनों से चुदासी है। इसको अभी तक इतना मोटा तगड़ा कोई लण्ड नहीं मिला । वह भी अब्बू के पेल्हड़ सहलाने लगी और बीच बीच में लण्ड निकाल निकाल कर चाटने लगी। मुझे सच में बड़ा मज़ा आया।
आखिर में जब लण्ड झड़ने लगा तो हम दोनों ने खूब मजे से झड़ता हुआ लण्ड पिया और मस्ती से खूब चाटा। अगले दिन और मजेदार बात हो गयी। मैं जब घर में घुसी तो मुझे एहसास हुआ की अम्मी के कमरे में कुछ हो रहा है। मैं बिंदास अंदर घुस गयी। मैंने देखा की मेरी खाला का बेटा तैमूर मेरी अम्मी का भोसड़ा चोद रहा है। अम्मी का भोसड़ा एकदम नंगा ज़मीन पर लेटा था और तैमूर अपना लण्ड पूरा का पूरा उसमे घुसेड़े हुए पागलों की तरह चोदने में जुटा है। वह मुझसे एक साल बड़ा है। मैं बोली हाय दईया भाभी जान तू मेरी माँ का ही
मैंने कहा - अरे मेरी अम्मी जान तू ही क्यों ? मैं भी चुदवाऊंगी। और सबके लण्ड पेलूँगी अपनी चूत में ?
अम्मी बोली - तेरी माँ का भोसड़ा नगीना, अब तू माँ की लौड़ी मेरे सामने सी चुदवाकर दिखा।
बस फिर क्या था ? मैंने मंसूर का लण्ड बाहर निकाला और मजे से चूसने लगी।
मैंने कहा - लो अब देखो अम्मी जान, अपनी बिटिया की चुदती हुई बुर ?
अब तो मैं और ज्यादा बेशरम ही गयी थी. मैंने मंसूर का लण्ड धीरे धीरे अपनी चूत में भुसेड़ना शुरू किया। जब लण्ड पूरा घुस गया तो वह बोला नगीना कैसा लगा तुन्हे ? मैंने कहा अरे भाई जान बस पेले जाओ लण्ड। मुझे नहीं मालूम था की तेरा भी लौड़ा इतना बड़ा होगा ? मुझे तो अच्छा भी लग रहा है और तेरा लौड़ा भी मुझे बहुत पसंद आ गया। अब तो मैं तुमसे चुदवाती रहूंगी । उधर अम्मी जान तो तैमूर से चुदवाने में लगीं थीं। थोड़ी देर में मंसूर बोला नगीना अब मैं तेरी माँ तेरे सामने चोदूंगा। उधर से तैमूर बोला तो फिर मैं नगीना की बुर चोदूंगा। फिर हम दोनों के लण्ड बदल गए। मैं तैमूर से चुदवाने लगी और अम्मी जान मंसूर से। दोनों माँ बेटी आमने सामने भकाभक चुदवा रहीं थीं। ऐसा तो बहुत काम देखने को मिलता है लेकिन हमारे समाज में सब कुछ देखने को मिल जाता है।
=०=०=०=०= समाप्त
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