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सास बहू गांड उठा उठा के चुदवाने लगीं - Saas bahu ek sath chudi aur liya majaa
सास बहू गांड उठा उठा के चुदवाने लगीं - Saas bahu ek sath chudi aur liya majaa , घर में बहू ने ससुर को चोदा , बहू की बुर सास का भोसड़ा , Gand utha utha kar chudwane lagi , दोनों की एक साथ चुदाई , चुदवाकर आया स्वाद और मजे लेने के लिए व्याकुल चूत बुर गांड मरवाई , लंड लौड़े को चूसा.
मेरा ससुर बोला - बहू, मेरा मन करता है की मैं तेरी भी बुर चोदूं और तेरी नन्द की भी बुर चोदूं ? तेरी बुर तेरी नन्द के सामने चोदूं और तेरी नन्द की बुर तेरे सामने चोदूं ? जब तक मैं तुम दोनों की बुर चोद नहीं लूंगा तब तक ये मेरा लण्ड खड़ा ही रहेगा, ये कभी बैठेगा नहीं ?
हमारे मुस्लिम समाज में आदमी जब चोदने पे आता है तो वह सबकी बुर चोदता है। किसी की भी बुर नहीं छोड़ता ? वह सबकी बुर में अपना लण्ड पेलता है चाहे वह उसकी बीवी हो, बहू हो, बेटी हो, किसी और की बीवी हो, किसी की नन्द हो, किसी की जेठानी हो या फिर किसी की देवरानी हो, वह सबकी बुर लण्ड पेलता है और चोदता जरूर है। अब मेरे ससुर को ही लीजिये । रात का समय है। वह मादर चोद अपने कमरे में नंगा लेटा है। मैं पहुंची तो मेरा हाथ पकड़ लिया। मैं उसका टन टनाता हुआ लण्ड देख कर रुक गयी। वह बोला बहू आज मैं तेरी बुर चोदूंगा और तेरी नन्द की भी बुर चोदूंगा ।
अब ज़रा सोंचो मेरी नन्द तो उसकी बेटी ही हुई न ? आज वह भोसड़ी का अपनी बेटी की बुर चोदने के लिए तैयार है। अपना लण्ड अपनी बेटी की बुर में पेलने को तैयार है। मेरे आगे उसकी चूत में अपना लण्ड पेलेगा और उसके आगे मेरी चूत में लण्ड पेलेगा ? न मैं कुछ बोल पाऊंगी और न मेरी नन्द कुछ बोल पाएगी । क्योंकि हम दोनों को मोटे मोटे लण्ड बहुत पसंद है। वह भी बुर चोदी अपनी टांगें फैलाकर कई लोगों से चुदवाती है और मैं भी अपनी टाँगे फैलाकर चुदवाती हूँ। जब बहन चोद चोदने वाले को कोई शर्म नहीं आती तो फिर चुदवाने वालियों को क्यों आये ? मैं तो चुदवाते समय गालियां भी देती हूँ जैसे तेरी माँ का भोसड़ा, तेरी बहन की बुर, मादर चोद ? मेरी नन्द भी चुदवाते समय ऐसी ही गालियां देती है. पर चोदने वाले किसी भी तरह बुर चोदने से बाज नहीं आते ।
हमारे मुस्लिम समाज में मरद बहुत अय्यास होतें है और औरतें भी खूब अय्यास होतीं हैं। अगर मरद किसी की बुर नहीं छोड़ता, यहाँ तक की अपनी बेटी की बुर भी चोद लेता है तो औरत भी किसी का लण्ड नहीं छोड़ती, वह भी अपने बेटे से भी चुदवा लेती है। अगर मर्द सबकी बुर चोदता है तो औरत भी सबके लण्ड से चुदवाती है। मुस्लिम समाज में चुदाई के मामले में कोई रिस्ता नहीं माना जाता. वो तो बस लण्ड और चूत का खेल खेलते हैं। यह खेल लड़की जवान होने पर सबके साथ खेलने लगती है और लड़का भी जवान होने पर सबके साथ खेलने लगता है। माँ का भोसड़ा हो चाहे बहन की बुर या बेटी की चूत वह सबको बड़े मजे से चोदता है। इसी तरह चाहे अब्बू जान का लण्ड हो, या भाई जान का लण्ड या फिर अपने ही बेटे का लण्ड औरत सबके लण्ड से चुदवाती हैं.
मेरी नन्द मेरी शादी के पहले मेरी बहन थी अब बुर चोदी मेरी नन्द हो गयी है क्योंकि मेरी शादी मेरे चचा जान के लड़के से ही हुई है। जो कल तक मेरा चचेरा भाभी जान था आज वह मेरा शौहर हो गया है। कल जो मेरी चची जान थी आज वह मेरी सास हो गयी है और मेरा चचा जान भोसड़ी का मेरा ससुर बन गया है। मैं अपनी नन्द के साथ कई लोगों से चुदवा चुकी हूँ। अब मेरा चचा जान मेरी बुर अपनी बेटी के सामने चोदना चाहता है और अपनी बेटी की बुर मेरे सामने चोदना चाहता है। यह है उसकी चुदाई की हबस ? उसे तो बुर चाहिए बुर ? वह बुर किसी की भी हो और किसी भी कीमत पर हो ?
मेरे ससुर में मेरा हाथ छोड़ा नहीं और मेरे कपड़े खोलने लगा। वह बोल रहा था बहू अमीरा मैं तुम्हे बहुत चाहता हूँ। तुम बहुत खूबसूरत हो। तुझे देख कर मेरा लण्ड काबू के बाहर हो जाता है। तुम मेरे भाई जान की बेटी हो। मैं तुम्हे आज बिना चोदे जाने नहीं दूंगा। मैं अपनी बेटी भी चोदूंगा। वह भी मस्त जवान हो गयी है। उसकी चूँचियाँ बड़ी बड़ी हो गईं हैं उसकी गांड भी बड़ी सेक्सी निकल आई है। मैं उसे भी चोदने के लिए बेताब हूँ बहू। आज मेरी तमन्ना पूरी कर दो। मुझसे बड़े मन से चुदवा लो। अपनी नन्द को बुला लो। उसे भी मेरा लण्ड पकड़ा दो। हां अगर तुम्हे मेरा लण्ड पसंद न आये तो मेरी गांड मार लेना ? असली बात तो यह है की मैं उसका लण्ड देख कर पहले ही मस्त हो गईं हूँ। मैं उसके लण्ड की दीवानी हो गयी हूँ । अब ऐसा मोटा तगड़ा लण्ड छोड़ कर कौन भोसड़ी वाली बिना चुदवाये भाग जाएगी। ससुर जी मैं अपनी नन्द को बुला कर लाती हूँ। वह बोला नहीं उसे फोन करके बुला लो। मैं तुम्हे यहाँ से जाने नहीं दूंगा।
हमारे समाज में अगर मरद अय्यास है तो लड़कियां और औरतें भी अय्यास हैं। लड़की १४/१५ साल की उम्र में लण्ड पकड़ने लगती है और १६/१७ की उम्र से चुदवाने लगती है। जब इनकी शादी होती है तो इनकी बुर कई बार चुदी हुई होती है। चुदी चुदाई बुर सबको शादी में मिलती है। मेरी नन्द २१ साल की है वह भी कई बार चुद चुकी है और अच्छी तरह चुदी हुई है। मैं २४ साल की हूँ और खूब जम कर चुदी चुदाई हूँ। मेरी बुर बड़े उम्र के लोगों ने भी खूब चोदा है। आज मुझे अपने ससुर से चुदवाने मे कोई शर्म नहीं है। और मैं जानती हूँ की मेरी नन्द भी बुर चोदी बड़ी मस्ती से अपने अब्बू से चुदवा लेगी। इतने में मेरी नन्द नबीहा आ ही गयी. उसने अपने अब्बू को पहली बार एकदम नंगा देखा।
उसका खड़ा लण्ड देखा तो वह बोली - हाय अल्ला तेरा इतना बड़ा लण्ड अब्बू जान ? इतना मोटा लण्ड बाप रे बाप ? तेरा लण्ड तो मामू जान के लण्ड से बड़ा है अब्बू। सच बताऊँ भाभी जान ये तो बिलकुल बड़े चचा जान के लण्ड जैसा है। मैंने कहा अरे नबीहा तू तो बड़ी चालू चीज है यार। तू अपने मामू जान का लौड़ा पकड़ती है अपने बड़े चाचूजान का भी लौड़ा पकड़ती है। इतनी छोटी उम्र में ही तू इतने बड़े बड़े लण्ड अपनी चूत पेलती है ? वह बोली अरे भाभी मैंने बड़े चचा को अपनी माँ की चूत चोदते हुए देखा था तो अम्मी जान ने ही मुझे उसका लण्ड पकड़ा दिया और बोली बेटी नबीहा अब तुझे शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। अब तू जवान हो गयी है। तुझे तो छूट है तू किसी का भी लण्ड पकड़ सकती है और किसी से भी चुदवा सकती है। मैं चाहती भी यही थी तो चुदवाने लगी। इतने में मेरे ससुर ने उसका हाथ पकड़ कर अपने लण्ड पर रखा और कहा अब तू भोसड़ी की बातें बनाना बंद कर ले चूस ले मेरा लण्ड ?
उसने लण्ड अपनी बेटी के मुंह में घुसेड़ दिया। नबीहा भी मस्ती से अपने अब्बू का लण्ड चाटने और चूसने लगी। मैं उसके पेल्हड़ चाटने लगी। हम दोनों मिलकर लण्ड का मज़ा लेने लगी। कभी वह लण्ड मेरे मुंह में डालती कभी मैं उसके मुंह में लण्ड डालती। हम दोनों तब तक एकदम नंगी हो चुकी थी। मुझे लगा की मेरी नन्द तो बुर चोदी मुझसे ज्यादा बेशरम और बेहाया हो चुकी है। मेरा ससुर मेरी बुर चाटने लगा और एक हाथ से अपनी बेटी की चूँचियाँ मसलने लगा। थोड़ी देर तक ये सब चलता रहा। इतने में ससुर मादर चोद जोश में आ गया। वह एकदम से अपनी बेटी नबीहा को पहले अपना लण्ड पकड़ा दिया और फिर उसकी बुर में पूरा घुसा दिया लण्ड । वह चिल्ला पड़ी लेकिन ससुर ने कोई परवाह नहीं की बल्कि और जोर जोर से चोदने लगा अपनी बिटिया की बुर। नबीहा भी मस्ती से चुदवाने लगी और मज़ा लूटने लगी. वह बोली तू बड़ा ज़ालिम है अब्बू जान ? और तुझसे ज्यादा ज़ालिम है ये तेरा ये भोसड़ी का लण्ड ? फिर वह कुछ न कुछ बकने लगी - हाय अब्बू जल्दी जल्दी चोदो मुझे, पूरा लण्ड पेल के चोदो, मुझे रंडी की तरह चोदो, जैसे तू खाला का भोसड़ा चोदता है वैसे ही मेरी बुर चोदो, जैसे तू फूफी की बिटिया की बुर लेता है वैसे ही मेरी बुर ले लो अब्बू जान। तेरा लण्ड जितना शानदार है उतना ही मजेदार भी है। ,,,,,,
अभी दो महीने पहले ही एक लड़के से हम दोनों ने चुदवाया था। तब नबीहा इतनी मस्ती से नहीं चुदवाती थी। अब तो ये बहुत बड़ी चुदक्कड़ बन गयी है। अचानक ससुर ने लण्ड उसकी बुर से निकाल कर मेरी बुर में ठोंक दिया। मैं भी उसी तरह धकाधक चुदवाने लगी। ससुर भी पागलों की तरह मेरी बुर हचक हचक के चोदने लगा। मैं भी चुदवाने लगी। वह धक्के पे धक्का लगाने लगा और मैं अपनी गांड उछाल उछाल कर हर धक्के के जबाब देने लगी। मैंने कहा ससुर जी तुझे जितना मज़ा चोदने में आ रहा है उतना ही मज़ा मुझे चुदवाने में आ रहा है। मैं तेरी चचेरी बेटी थी फिर मैं तेरी बहू हो गयी लेकिन अब मैं तेरी बीवी हूँ। मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो, फाड़ डालो मेरी बुर मेरे राजा, जैसे तू अपनी बेटी चोद रहा था वैसे ही मुझे चोदो, मैं तेरी रंडी हूँ मुझे भचाभच चोदो। मैं भी चुदाने में किसी से कम नहीं हूँ। तेरा भाई जान भी मुझे इसी तरह चोदता है। उसका बेटा भी मेरी बुर लेता है ससुर जी।
वह मेरी नन्द की बुर चाटते हुए चोद रहा था। वह भोसड़ी का अपनी बेटी बहू दोनों की बुर एकसाथ ले रहा था। हम मुसलमानों में यही तो आज़ादी है। बेटी भी चोदो, माँ भी चोदो, बहू भी चोदो, भाभी भी चोदो, बहन भी चोदो, खाला का भोसड़ा फूफी की बुर भी चोदो, इनकी बेटियां भी चोदो फिर बेटियों की नन्द की बुर में भी लण्ड पेलो ? चुदाई की इतनी आज़ादी और कहाँ मिलेगी यार ?
मुझे अपने ससुर से चुदवाने में मज़ा आ रहा था। उसका लण्ड मेरी चूत में अंदर तक घुस रहा था। वह भी बड़ी ताकत से झमाझम चोदे चला जा रहा था। मेरी नन्द उसके पेल्हड़ सहला रही थी। बीच बीच में लण्ड मेरी बुर से निकाल निकाल कर चाट रही थी। वह भी भोसड़ी वाली बिलकुल रंडी की तरह जुटी हुई थी। ससुर बोला बेटी नबीहा तुझे अपनी भाभी की बुर चुदाने में मज़ा आ रहा है न ? वह बोली हां अब्बू जान तुम इसी तरह मेरे सामने सबकी बुर चोदा करो। मैं तो आज से ही तेरे लण्ड का मज़ा लूटना शुरू कर दिया है। बस उसकी बात पर उसने लण्ड मेरी चूत से निकाल कर अपनी बेटी की मुंह में पेल दिया और कहा लो एक बार फिर चुसो अपने बाप का लण्ड, नबीहा। वह बुर चोदी एक मंजी हुई खिलाड़ी की तरह लण्ड चूसने लगी तब मैंने अपनी चूत ससुर के मुंह पर रख दी। मैंने कहा ले भोसड़ी के चाट ले अच्छी तरह अपनी बहू की बुर ?
वह भी मस्ती से मेरी बुर चाटता तो नन्द की बुर चोदता और जब मेरी बुर चोदता तो नन्द की बुर चाटता। बेटी अपने बाप से और बहू अपने ससुर से चुदवाने का मज़ा लूट रही थी। वह भी साला कभी अपनी बहू की बुर में लण्ड पेलता कभी अपनी बेटी की बुर में लण्ड पेलता। ससुर का 9" का लण्ड हम दोनो की चूत का बाजा बजा रहा था। जब लौड़ा घुसता था तो लगता था की अब यह सच में चूत फाड़ डालेगा। मोटा तो बहन चोद इतना था जैसे बेलन। ऐसा लौड़ा बहुत कम लोगों का होता है इसीलिए शायद उसे सबकी बुर चोदने की आदत पड़ गयी है। वह जानता है की जो एक बार मुझे चुदवा लेगी वह बार बार चुदवाने आएगी। मैं तो वास्तव में उसे हर रोज़ चुदवाना चाहते हूँ . मेरा नन्द बोली अरे भाभी जान इतना बढ़िया मोटा तगड़ा लण्ड कौन बुर चोदी अपनी बुर में नहीं पेलवायेगी ? मैं तो हर दिन अपने अब्बू से चुदवाना चाहती हूँ। आखिर में जब लण्ड झड़ने लगा तो हम दोनों ने उसे खूब मजे से चाटा।
दूसरे दिन रात को मेरा पास मेरा देवर ताहिर आया और बोला भाभी जान आज मैं तेरी बुर चोदूंगा। मैंने कहा चोद ले तू भी मेरी बुर। कल तेरे बाप ने चोदा था मेरी बुर आज तू चोद ले लेकिन अगर तेरा लण्ड मुझे पसंद नहीं आया तो मैं तेरी गांड मार दूँगी। वह बोला अरे भाभी जान तुम पहले मेरा लण्ड पकड़ कर देख लो। लण्ड का साइज नाप कर देख लो। मैं बस इतना ही कहता हूँ की कल मैंने तेरी माँ का भोसड़ा चोदा था। आज मैं तेरी बुर चोदूंगा। मैंने कहा अच्छा तो तुम मेरी माँ चोद कर आये हो। वह बोला हां भाभी जान तेरी अम्मी मेरी चची जान हैं। कल रात को उसने खुद मेरा लण्ड पकड़ लिया था और कहा बेटा अब तू इसे मेरे भोसड़ा में पेल दे। मैंने पेल दिया और फिर उसे खूब मस्ती से चोदा। चाहो तो अपनी अम्मी से पूंछ लो। तेरी अम्मी ने कहा था बेटा ताहिर कल तू मेरी बिटिया की बुर यानी अपनी भाभी की बुर चोद कर आना। इसलिए आज तो मैं तुम्हे चोदूंगा जरूर। तब तक किसी ने कहा चोदूंगा तो मैं भी तुम्हे अमीरा भाभी।
वह मेरा नंदोई तनवर था यानी नबीहा की बड़ी बहन का शौहर। मैंने उसे देखा तो वह केवल पजामा पहने था। उसका लण्ड पजामा फाड़ कर निकलना चाहता था। मैंने हंस कर कहा अरे यार पहले अपने लण्ड को तो पजामा से आज़ाद करो फिर चोदना मेरी बुर ? कल मैंने तेरी बीवी की बहन की बुर चोदी थी आज तू मेरी बुर चोद ले। मैंने उसका पजामा खोल डाला तो वह एकदम नंगा हो गया। उधर मेरा देवर ताहिर भी नंगा हो गया। अब मेरी आँखों के सामने दो दो नंगे लण्ड टन टना रहे थे। ताहिर का लण्ड वाकई बड़ा भी था और मोटा भी। लण्ड थोड़ा लंबा था और सख्त था। देखने में दोनों लण्ड खूबसूरत थे। इसलिए चूत गन गना उठी और मैं दोनों लण्ड पकड़ कर बारी बारी से चूसने लगी। इतने में जाने कहा से मेरी फुफिया जान आ गयीं। आते ही बोली अमीरा बहू तेरी माँ का भोसड़ा ? तेरी माँ की नन्द की चूत। तेरी फुफिया सास की बिटिया की बुर। वह एक सांस में मेरी माँ भोसड़ा, अपनी बुर और अपनी बेटी की बुर को गाली दे डाली। मुझे सुनकर बड़ा अच्छा लगा और मेरी बुर चुदाने इच्छा बढ़ गयी।
उसने मेरे देवर लण्ड पकड़ा और मेरी चूत में पेल दिया। फिर तनवर का लण्ड पकड़ा और उसे मेरे मुंह में घुसेड़
दिया। मैं एक लण्ड चूसते हुए दूसरे लण्ड से चुदवाने लगी। वह बोली बहू अमीरा मैं तेरी माँ के भोसड़ा में अपने शौहर का लण्ड पेल कर आ रही हूँ। और उसी के बगल में मेरा बेटा तेरी बहन की बुर चोद रहा है। फुफिया सास भी बिलकुल नंगी थी। ताहिर बड़ी देर से उसका नंगा भोसड़ा देख रहा था। वह बोला फूफी जान आज तो तेरा भोसड़ा बड़ा सेक्सी और हॉट दिख रहा है। मैंने अभी तक इसमें अपना लण्ड नहीं पेला जब की मैं तेरी बिटिया की बुर कई बार चोद चुका हूँ. वह बोली तो फिर पेल दे न अपना लण्ड और मिटा ले अपनी हबस। तू भी मादर चोद उतना ही हबसी है जितना की तेरा बाप ? वह बोला फूफी जान आज तो तेरा भोसड़ा बच के जा नहीं पायेगा। पहले मैं जी भर के भाभी की बुर चोद लूं फिर तेरा भोसड़ा भी चोदूंगा।
फूफी भी भोसड़ी वाली उतनी ही चुदक्कड़ थी जितनी की मेरी सास। मैंने अभी अपनी सास का भोसड़ा नहीं देखा। मुझे लगता है की वह अपने आप किसी समय मेरे सामने आ ही जायेगा। कुछ देर बाद तनवर ने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया तो ताहिर ने लण्ड फूफी के भोसड़ा में पेल दिया। वह मेरे सामने अपनी फूफी का भोसड़ा चोदने लगा। मैं इस बात से बहुत ही खुश थी की यहाँ भी वैसी ही चुदाई होती है जैसी मेरे माईके में होती है। मैं और मेरी फुफिया सास दोनों ही अगल बगल लेटी हुई धकाधक चुदवा रहीं थीं। इतने मे मेरी सास नंगी नंगी किसी का लण्ड पकड़े हुए हमारे कमरे में घुस आयीं. चाहे ससुराल हो या मायका रात में घर की सारी औरतें नंगी नंगी ही घूमती हैं। मरद भी मादर चोद नंगे नंगे घूमते हैं और जिसकी बुर खाली देखतें हैं उसी की बुर में अपना लण्ड पेल देतें हैं और बेहिचक बड़ी बेरहमी से चोदने लगतें हैं।
बाद में मुझे मालूम हुआ की सास अपने भाई जान का लण्ड पकड़े पकड़े आईं थी। आते ही बोली - बहू तू बुर चोदी बहुत बड़ी हरामजादी है। पहले तूने अपनी सास की बिटिया की बुर चुदवाई और अब तू अपनी सास की नन्द का भोसड़ा चुदवा रही है। अपने नंदोई लण्ड तू खुद पेले हुए अपनी बुर चुदवा रही है। तुझे इतनी देर में अपनी सास का भोसड़ा याद नहीं आया। तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? तेरी सास की बहन की चूत ? मैंने कहा सासू जी थोड़ा सब्र करो मैं अभी तेरे भोसड़ा में लण्ड पेलती हूँ। मैंने तनवर का लण्ड सास की बुर में घुसा दिया तो उसने अपने भाई जान का लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया।
फिर हम दोनों सास बहू खूब मस्ती से अपनी अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगीं।
०=०=०=० समाप्त
Tags: सास बहू गांड उठा उठा के चुदवाने लगीं - Saas bahu ek sath chudi aur liya majaa , घर में बहू ने ससुर को चोदा , बहू की बुर सास का भोसड़ा , Gand utha utha kar chudwane lagi , दोनों की एक साथ चुदाई , चुदवाकर आया स्वाद और मजे लेने के लिए व्याकुल चूत बुर गांड मरवाई , लंड लौड़े को चूसा.
मेरा ससुर बोला - बहू, मेरा मन करता है की मैं तेरी भी बुर चोदूं और तेरी नन्द की भी बुर चोदूं ? तेरी बुर तेरी नन्द के सामने चोदूं और तेरी नन्द की बुर तेरे सामने चोदूं ? जब तक मैं तुम दोनों की बुर चोद नहीं लूंगा तब तक ये मेरा लण्ड खड़ा ही रहेगा, ये कभी बैठेगा नहीं ?
हमारे मुस्लिम समाज में आदमी जब चोदने पे आता है तो वह सबकी बुर चोदता है। किसी की भी बुर नहीं छोड़ता ? वह सबकी बुर में अपना लण्ड पेलता है चाहे वह उसकी बीवी हो, बहू हो, बेटी हो, किसी और की बीवी हो, किसी की नन्द हो, किसी की जेठानी हो या फिर किसी की देवरानी हो, वह सबकी बुर लण्ड पेलता है और चोदता जरूर है। अब मेरे ससुर को ही लीजिये । रात का समय है। वह मादर चोद अपने कमरे में नंगा लेटा है। मैं पहुंची तो मेरा हाथ पकड़ लिया। मैं उसका टन टनाता हुआ लण्ड देख कर रुक गयी। वह बोला बहू आज मैं तेरी बुर चोदूंगा और तेरी नन्द की भी बुर चोदूंगा ।
अब ज़रा सोंचो मेरी नन्द तो उसकी बेटी ही हुई न ? आज वह भोसड़ी का अपनी बेटी की बुर चोदने के लिए तैयार है। अपना लण्ड अपनी बेटी की बुर में पेलने को तैयार है। मेरे आगे उसकी चूत में अपना लण्ड पेलेगा और उसके आगे मेरी चूत में लण्ड पेलेगा ? न मैं कुछ बोल पाऊंगी और न मेरी नन्द कुछ बोल पाएगी । क्योंकि हम दोनों को मोटे मोटे लण्ड बहुत पसंद है। वह भी बुर चोदी अपनी टांगें फैलाकर कई लोगों से चुदवाती है और मैं भी अपनी टाँगे फैलाकर चुदवाती हूँ। जब बहन चोद चोदने वाले को कोई शर्म नहीं आती तो फिर चुदवाने वालियों को क्यों आये ? मैं तो चुदवाते समय गालियां भी देती हूँ जैसे तेरी माँ का भोसड़ा, तेरी बहन की बुर, मादर चोद ? मेरी नन्द भी चुदवाते समय ऐसी ही गालियां देती है. पर चोदने वाले किसी भी तरह बुर चोदने से बाज नहीं आते ।
हमारे मुस्लिम समाज में मरद बहुत अय्यास होतें है और औरतें भी खूब अय्यास होतीं हैं। अगर मरद किसी की बुर नहीं छोड़ता, यहाँ तक की अपनी बेटी की बुर भी चोद लेता है तो औरत भी किसी का लण्ड नहीं छोड़ती, वह भी अपने बेटे से भी चुदवा लेती है। अगर मर्द सबकी बुर चोदता है तो औरत भी सबके लण्ड से चुदवाती है। मुस्लिम समाज में चुदाई के मामले में कोई रिस्ता नहीं माना जाता. वो तो बस लण्ड और चूत का खेल खेलते हैं। यह खेल लड़की जवान होने पर सबके साथ खेलने लगती है और लड़का भी जवान होने पर सबके साथ खेलने लगता है। माँ का भोसड़ा हो चाहे बहन की बुर या बेटी की चूत वह सबको बड़े मजे से चोदता है। इसी तरह चाहे अब्बू जान का लण्ड हो, या भाई जान का लण्ड या फिर अपने ही बेटे का लण्ड औरत सबके लण्ड से चुदवाती हैं.
मेरी नन्द मेरी शादी के पहले मेरी बहन थी अब बुर चोदी मेरी नन्द हो गयी है क्योंकि मेरी शादी मेरे चचा जान के लड़के से ही हुई है। जो कल तक मेरा चचेरा भाभी जान था आज वह मेरा शौहर हो गया है। कल जो मेरी चची जान थी आज वह मेरी सास हो गयी है और मेरा चचा जान भोसड़ी का मेरा ससुर बन गया है। मैं अपनी नन्द के साथ कई लोगों से चुदवा चुकी हूँ। अब मेरा चचा जान मेरी बुर अपनी बेटी के सामने चोदना चाहता है और अपनी बेटी की बुर मेरे सामने चोदना चाहता है। यह है उसकी चुदाई की हबस ? उसे तो बुर चाहिए बुर ? वह बुर किसी की भी हो और किसी भी कीमत पर हो ?
मेरे ससुर में मेरा हाथ छोड़ा नहीं और मेरे कपड़े खोलने लगा। वह बोल रहा था बहू अमीरा मैं तुम्हे बहुत चाहता हूँ। तुम बहुत खूबसूरत हो। तुझे देख कर मेरा लण्ड काबू के बाहर हो जाता है। तुम मेरे भाई जान की बेटी हो। मैं तुम्हे आज बिना चोदे जाने नहीं दूंगा। मैं अपनी बेटी भी चोदूंगा। वह भी मस्त जवान हो गयी है। उसकी चूँचियाँ बड़ी बड़ी हो गईं हैं उसकी गांड भी बड़ी सेक्सी निकल आई है। मैं उसे भी चोदने के लिए बेताब हूँ बहू। आज मेरी तमन्ना पूरी कर दो। मुझसे बड़े मन से चुदवा लो। अपनी नन्द को बुला लो। उसे भी मेरा लण्ड पकड़ा दो। हां अगर तुम्हे मेरा लण्ड पसंद न आये तो मेरी गांड मार लेना ? असली बात तो यह है की मैं उसका लण्ड देख कर पहले ही मस्त हो गईं हूँ। मैं उसके लण्ड की दीवानी हो गयी हूँ । अब ऐसा मोटा तगड़ा लण्ड छोड़ कर कौन भोसड़ी वाली बिना चुदवाये भाग जाएगी। ससुर जी मैं अपनी नन्द को बुला कर लाती हूँ। वह बोला नहीं उसे फोन करके बुला लो। मैं तुम्हे यहाँ से जाने नहीं दूंगा।
हमारे समाज में अगर मरद अय्यास है तो लड़कियां और औरतें भी अय्यास हैं। लड़की १४/१५ साल की उम्र में लण्ड पकड़ने लगती है और १६/१७ की उम्र से चुदवाने लगती है। जब इनकी शादी होती है तो इनकी बुर कई बार चुदी हुई होती है। चुदी चुदाई बुर सबको शादी में मिलती है। मेरी नन्द २१ साल की है वह भी कई बार चुद चुकी है और अच्छी तरह चुदी हुई है। मैं २४ साल की हूँ और खूब जम कर चुदी चुदाई हूँ। मेरी बुर बड़े उम्र के लोगों ने भी खूब चोदा है। आज मुझे अपने ससुर से चुदवाने मे कोई शर्म नहीं है। और मैं जानती हूँ की मेरी नन्द भी बुर चोदी बड़ी मस्ती से अपने अब्बू से चुदवा लेगी। इतने में मेरी नन्द नबीहा आ ही गयी. उसने अपने अब्बू को पहली बार एकदम नंगा देखा।
उसका खड़ा लण्ड देखा तो वह बोली - हाय अल्ला तेरा इतना बड़ा लण्ड अब्बू जान ? इतना मोटा लण्ड बाप रे बाप ? तेरा लण्ड तो मामू जान के लण्ड से बड़ा है अब्बू। सच बताऊँ भाभी जान ये तो बिलकुल बड़े चचा जान के लण्ड जैसा है। मैंने कहा अरे नबीहा तू तो बड़ी चालू चीज है यार। तू अपने मामू जान का लौड़ा पकड़ती है अपने बड़े चाचूजान का भी लौड़ा पकड़ती है। इतनी छोटी उम्र में ही तू इतने बड़े बड़े लण्ड अपनी चूत पेलती है ? वह बोली अरे भाभी मैंने बड़े चचा को अपनी माँ की चूत चोदते हुए देखा था तो अम्मी जान ने ही मुझे उसका लण्ड पकड़ा दिया और बोली बेटी नबीहा अब तुझे शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। अब तू जवान हो गयी है। तुझे तो छूट है तू किसी का भी लण्ड पकड़ सकती है और किसी से भी चुदवा सकती है। मैं चाहती भी यही थी तो चुदवाने लगी। इतने में मेरे ससुर ने उसका हाथ पकड़ कर अपने लण्ड पर रखा और कहा अब तू भोसड़ी की बातें बनाना बंद कर ले चूस ले मेरा लण्ड ?
उसने लण्ड अपनी बेटी के मुंह में घुसेड़ दिया। नबीहा भी मस्ती से अपने अब्बू का लण्ड चाटने और चूसने लगी। मैं उसके पेल्हड़ चाटने लगी। हम दोनों मिलकर लण्ड का मज़ा लेने लगी। कभी वह लण्ड मेरे मुंह में डालती कभी मैं उसके मुंह में लण्ड डालती। हम दोनों तब तक एकदम नंगी हो चुकी थी। मुझे लगा की मेरी नन्द तो बुर चोदी मुझसे ज्यादा बेशरम और बेहाया हो चुकी है। मेरा ससुर मेरी बुर चाटने लगा और एक हाथ से अपनी बेटी की चूँचियाँ मसलने लगा। थोड़ी देर तक ये सब चलता रहा। इतने में ससुर मादर चोद जोश में आ गया। वह एकदम से अपनी बेटी नबीहा को पहले अपना लण्ड पकड़ा दिया और फिर उसकी बुर में पूरा घुसा दिया लण्ड । वह चिल्ला पड़ी लेकिन ससुर ने कोई परवाह नहीं की बल्कि और जोर जोर से चोदने लगा अपनी बिटिया की बुर। नबीहा भी मस्ती से चुदवाने लगी और मज़ा लूटने लगी. वह बोली तू बड़ा ज़ालिम है अब्बू जान ? और तुझसे ज्यादा ज़ालिम है ये तेरा ये भोसड़ी का लण्ड ? फिर वह कुछ न कुछ बकने लगी - हाय अब्बू जल्दी जल्दी चोदो मुझे, पूरा लण्ड पेल के चोदो, मुझे रंडी की तरह चोदो, जैसे तू खाला का भोसड़ा चोदता है वैसे ही मेरी बुर चोदो, जैसे तू फूफी की बिटिया की बुर लेता है वैसे ही मेरी बुर ले लो अब्बू जान। तेरा लण्ड जितना शानदार है उतना ही मजेदार भी है। ,,,,,,
अभी दो महीने पहले ही एक लड़के से हम दोनों ने चुदवाया था। तब नबीहा इतनी मस्ती से नहीं चुदवाती थी। अब तो ये बहुत बड़ी चुदक्कड़ बन गयी है। अचानक ससुर ने लण्ड उसकी बुर से निकाल कर मेरी बुर में ठोंक दिया। मैं भी उसी तरह धकाधक चुदवाने लगी। ससुर भी पागलों की तरह मेरी बुर हचक हचक के चोदने लगा। मैं भी चुदवाने लगी। वह धक्के पे धक्का लगाने लगा और मैं अपनी गांड उछाल उछाल कर हर धक्के के जबाब देने लगी। मैंने कहा ससुर जी तुझे जितना मज़ा चोदने में आ रहा है उतना ही मज़ा मुझे चुदवाने में आ रहा है। मैं तेरी चचेरी बेटी थी फिर मैं तेरी बहू हो गयी लेकिन अब मैं तेरी बीवी हूँ। मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो, फाड़ डालो मेरी बुर मेरे राजा, जैसे तू अपनी बेटी चोद रहा था वैसे ही मुझे चोदो, मैं तेरी रंडी हूँ मुझे भचाभच चोदो। मैं भी चुदाने में किसी से कम नहीं हूँ। तेरा भाई जान भी मुझे इसी तरह चोदता है। उसका बेटा भी मेरी बुर लेता है ससुर जी।
वह मेरी नन्द की बुर चाटते हुए चोद रहा था। वह भोसड़ी का अपनी बेटी बहू दोनों की बुर एकसाथ ले रहा था। हम मुसलमानों में यही तो आज़ादी है। बेटी भी चोदो, माँ भी चोदो, बहू भी चोदो, भाभी भी चोदो, बहन भी चोदो, खाला का भोसड़ा फूफी की बुर भी चोदो, इनकी बेटियां भी चोदो फिर बेटियों की नन्द की बुर में भी लण्ड पेलो ? चुदाई की इतनी आज़ादी और कहाँ मिलेगी यार ?
मुझे अपने ससुर से चुदवाने में मज़ा आ रहा था। उसका लण्ड मेरी चूत में अंदर तक घुस रहा था। वह भी बड़ी ताकत से झमाझम चोदे चला जा रहा था। मेरी नन्द उसके पेल्हड़ सहला रही थी। बीच बीच में लण्ड मेरी बुर से निकाल निकाल कर चाट रही थी। वह भी भोसड़ी वाली बिलकुल रंडी की तरह जुटी हुई थी। ससुर बोला बेटी नबीहा तुझे अपनी भाभी की बुर चुदाने में मज़ा आ रहा है न ? वह बोली हां अब्बू जान तुम इसी तरह मेरे सामने सबकी बुर चोदा करो। मैं तो आज से ही तेरे लण्ड का मज़ा लूटना शुरू कर दिया है। बस उसकी बात पर उसने लण्ड मेरी चूत से निकाल कर अपनी बेटी की मुंह में पेल दिया और कहा लो एक बार फिर चुसो अपने बाप का लण्ड, नबीहा। वह बुर चोदी एक मंजी हुई खिलाड़ी की तरह लण्ड चूसने लगी तब मैंने अपनी चूत ससुर के मुंह पर रख दी। मैंने कहा ले भोसड़ी के चाट ले अच्छी तरह अपनी बहू की बुर ?
वह भी मस्ती से मेरी बुर चाटता तो नन्द की बुर चोदता और जब मेरी बुर चोदता तो नन्द की बुर चाटता। बेटी अपने बाप से और बहू अपने ससुर से चुदवाने का मज़ा लूट रही थी। वह भी साला कभी अपनी बहू की बुर में लण्ड पेलता कभी अपनी बेटी की बुर में लण्ड पेलता। ससुर का 9" का लण्ड हम दोनो की चूत का बाजा बजा रहा था। जब लौड़ा घुसता था तो लगता था की अब यह सच में चूत फाड़ डालेगा। मोटा तो बहन चोद इतना था जैसे बेलन। ऐसा लौड़ा बहुत कम लोगों का होता है इसीलिए शायद उसे सबकी बुर चोदने की आदत पड़ गयी है। वह जानता है की जो एक बार मुझे चुदवा लेगी वह बार बार चुदवाने आएगी। मैं तो वास्तव में उसे हर रोज़ चुदवाना चाहते हूँ . मेरा नन्द बोली अरे भाभी जान इतना बढ़िया मोटा तगड़ा लण्ड कौन बुर चोदी अपनी बुर में नहीं पेलवायेगी ? मैं तो हर दिन अपने अब्बू से चुदवाना चाहती हूँ। आखिर में जब लण्ड झड़ने लगा तो हम दोनों ने उसे खूब मजे से चाटा।
दूसरे दिन रात को मेरा पास मेरा देवर ताहिर आया और बोला भाभी जान आज मैं तेरी बुर चोदूंगा। मैंने कहा चोद ले तू भी मेरी बुर। कल तेरे बाप ने चोदा था मेरी बुर आज तू चोद ले लेकिन अगर तेरा लण्ड मुझे पसंद नहीं आया तो मैं तेरी गांड मार दूँगी। वह बोला अरे भाभी जान तुम पहले मेरा लण्ड पकड़ कर देख लो। लण्ड का साइज नाप कर देख लो। मैं बस इतना ही कहता हूँ की कल मैंने तेरी माँ का भोसड़ा चोदा था। आज मैं तेरी बुर चोदूंगा। मैंने कहा अच्छा तो तुम मेरी माँ चोद कर आये हो। वह बोला हां भाभी जान तेरी अम्मी मेरी चची जान हैं। कल रात को उसने खुद मेरा लण्ड पकड़ लिया था और कहा बेटा अब तू इसे मेरे भोसड़ा में पेल दे। मैंने पेल दिया और फिर उसे खूब मस्ती से चोदा। चाहो तो अपनी अम्मी से पूंछ लो। तेरी अम्मी ने कहा था बेटा ताहिर कल तू मेरी बिटिया की बुर यानी अपनी भाभी की बुर चोद कर आना। इसलिए आज तो मैं तुम्हे चोदूंगा जरूर। तब तक किसी ने कहा चोदूंगा तो मैं भी तुम्हे अमीरा भाभी।
वह मेरा नंदोई तनवर था यानी नबीहा की बड़ी बहन का शौहर। मैंने उसे देखा तो वह केवल पजामा पहने था। उसका लण्ड पजामा फाड़ कर निकलना चाहता था। मैंने हंस कर कहा अरे यार पहले अपने लण्ड को तो पजामा से आज़ाद करो फिर चोदना मेरी बुर ? कल मैंने तेरी बीवी की बहन की बुर चोदी थी आज तू मेरी बुर चोद ले। मैंने उसका पजामा खोल डाला तो वह एकदम नंगा हो गया। उधर मेरा देवर ताहिर भी नंगा हो गया। अब मेरी आँखों के सामने दो दो नंगे लण्ड टन टना रहे थे। ताहिर का लण्ड वाकई बड़ा भी था और मोटा भी। लण्ड थोड़ा लंबा था और सख्त था। देखने में दोनों लण्ड खूबसूरत थे। इसलिए चूत गन गना उठी और मैं दोनों लण्ड पकड़ कर बारी बारी से चूसने लगी। इतने में जाने कहा से मेरी फुफिया जान आ गयीं। आते ही बोली अमीरा बहू तेरी माँ का भोसड़ा ? तेरी माँ की नन्द की चूत। तेरी फुफिया सास की बिटिया की बुर। वह एक सांस में मेरी माँ भोसड़ा, अपनी बुर और अपनी बेटी की बुर को गाली दे डाली। मुझे सुनकर बड़ा अच्छा लगा और मेरी बुर चुदाने इच्छा बढ़ गयी।
उसने मेरे देवर लण्ड पकड़ा और मेरी चूत में पेल दिया। फिर तनवर का लण्ड पकड़ा और उसे मेरे मुंह में घुसेड़
फूफी भी भोसड़ी वाली उतनी ही चुदक्कड़ थी जितनी की मेरी सास। मैंने अभी अपनी सास का भोसड़ा नहीं देखा। मुझे लगता है की वह अपने आप किसी समय मेरे सामने आ ही जायेगा। कुछ देर बाद तनवर ने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया तो ताहिर ने लण्ड फूफी के भोसड़ा में पेल दिया। वह मेरे सामने अपनी फूफी का भोसड़ा चोदने लगा। मैं इस बात से बहुत ही खुश थी की यहाँ भी वैसी ही चुदाई होती है जैसी मेरे माईके में होती है। मैं और मेरी फुफिया सास दोनों ही अगल बगल लेटी हुई धकाधक चुदवा रहीं थीं। इतने मे मेरी सास नंगी नंगी किसी का लण्ड पकड़े हुए हमारे कमरे में घुस आयीं. चाहे ससुराल हो या मायका रात में घर की सारी औरतें नंगी नंगी ही घूमती हैं। मरद भी मादर चोद नंगे नंगे घूमते हैं और जिसकी बुर खाली देखतें हैं उसी की बुर में अपना लण्ड पेल देतें हैं और बेहिचक बड़ी बेरहमी से चोदने लगतें हैं।
बाद में मुझे मालूम हुआ की सास अपने भाई जान का लण्ड पकड़े पकड़े आईं थी। आते ही बोली - बहू तू बुर चोदी बहुत बड़ी हरामजादी है। पहले तूने अपनी सास की बिटिया की बुर चुदवाई और अब तू अपनी सास की नन्द का भोसड़ा चुदवा रही है। अपने नंदोई लण्ड तू खुद पेले हुए अपनी बुर चुदवा रही है। तुझे इतनी देर में अपनी सास का भोसड़ा याद नहीं आया। तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? तेरी सास की बहन की चूत ? मैंने कहा सासू जी थोड़ा सब्र करो मैं अभी तेरे भोसड़ा में लण्ड पेलती हूँ। मैंने तनवर का लण्ड सास की बुर में घुसा दिया तो उसने अपने भाई जान का लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया।
फिर हम दोनों सास बहू खूब मस्ती से अपनी अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगीं।
०=०=०=० समाप्त
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