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पड़ोसन लड़की की कुँवारी चूत में लंड डाला Padosan ladki ki kuvari chut me land dala
पड़ोसन लड़की की कुँवारी चूत में लंड डाला Padosan ladki ki kuvari chut me land dala , पड़ोसन को रुला कर चोदा , पास की लड़की की गांड मारी , नजदीकी महिला की चुदाई , पड़ोसन की चुदाई , लड़की की चुदाई , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
दोस्तो, मैंने बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं मगर आज पहली बार मैंने मेरे पड़ोस की लड़की की कुँवारी चूत ली। मेरा नाम मनीष शर्मा है। मेरी उम्र 21 वर्ष, मेरा कद 6 फीट है और दिखने में ठीकठाक हूँ, मेरे लंड की लंबाई सात इन्च है। जब से उस लड़की ने मेरा लंड देखा है, वो मेरे लंड की दीवानी हो गई है। बात तब की है जब मैं अपने इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष में था। तब हमारे घर के पास नये किरायेदार रहने आये। उनके घर में तीन लोग थे माँ, पापा, और उनकी लड़की जिसका नाम लक्ष्मी था। लक्ष्मी की उम्र 19 वर्ष थी। जब उसे पहली बार मैंने देखा तो देखता ही रह गया। मस्त माल थी… सांवला रंग और फिगर 32-28-34 क्या मस्त चूतड़ थे उसके ! जब भी वो घर के बाहर आती थी तो मैं केवल उसके कूल्हे ही देखता रहता था। मुझे उसे पटाना था ताकि मैं उसे चोद सकूँ। मगर उसकी माँ उसे कभी अकेली नहीं छोड़ती और उसके पापा तो ऑफिस के लिए सुबह जल्दी निकल जाते और शाम तक आते थे।
दोस्तो, मैंने बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं मगर आज पहली बार मैंने मेरे पड़ोस की लड़की की कुँवारी चूत ली। मेरा नाम मनीष शर्मा है। मेरी उम्र 21 वर्ष, मेरा कद 6 फीट है और दिखने में ठीकठाक हूँ, मेरे लंड की लंबाई सात इन्च है। जब से उस लड़की ने मेरा लंड देखा है, वो मेरे लंड की दीवानी हो गई है। बात तब की है जब मैं अपने इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष में था। तब हमारे घर के पास नये किरायेदार रहने आये। उनके घर में तीन लोग थे माँ, पापा, और उनकी लड़की जिसका नाम लक्ष्मी था। लक्ष्मी की उम्र 19 वर्ष थी। जब उसे पहली बार मैंने देखा तो देखता ही रह गया। मस्त माल थी… सांवला रंग और फिगर 32-28-34 क्या मस्त चूतड़ थे उसके ! जब भी वो घर के बाहर आती थी तो मैं केवल उसके कूल्हे ही देखता रहता था। मुझे उसे पटाना था ताकि मैं उसे चोद सकूँ। मगर उसकी माँ उसे कभी अकेली नहीं छोड़ती और उसके पापा तो ऑफिस के लिए सुबह जल्दी निकल जाते और शाम तक आते थे।
फिर एक दिन क़िस्मत ने मेरा साथ दिया और उसकी माँ को किसी काम से बाहर जाना पड़ा। उस दिन मैंने उससे बात की और दोस्ती का आग्रह किया। उसने हाँ कह दी और कुछ दिन बाद हमने अपने फ़ोन नंबर एक्सचेंज किये। तब से फोन पर हमारी बात होने लग गई। यह सिलसिला कुछ दिन चला और एक दिन मैंने उससे अपने प्यार का इज़हार किया और उसने मुझसे कहा- वो भी मुझसे प्यार करती है। मुझे अपना सपना सच होते हुए दिखा। बस अब मैं उससे अकेले मिलकर उसे चोदना चाहता था। मगर मौका नहीं मिल रहा था। कहते हैं ना कि सब्र का फल मीठा होता है, वही हुआ मेरे साथ हुआ!उसके मम्मी पापा को किसी काम से शहर से बाहर जाना पड़ा 8-10 दिन के लिए। मैंने उसे मिलने के लिए कहा तो उसने अपने घर मिलने के लिए बुलाया। मैं जब उसके घर गया तो उसने लाल रंग की नाइटी पहनी हुई थी। उसमें वो हॉट लग रही थी। उसे देखते ही मेरा लंड खड़ा होने लग गया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैं उसके पास गया। हम दोनों ने थोड़ी देर तो बात की फिर मैं उसके एकदम पास गया, उसके होंठों को चूमने लग गया। थोड़ी देर बाद वो भी मेरा साथ देने लग गई। फिर मैं धीरे से किस करते हुए उसके बूब्स को दबाने लग गया। वो आ-ह-ह-हुह करने लग गई। फिर मैं उसकी नाइटी के अंदर हाथ डालकर उसके निप्पल को पकड़कर मसलने लगा। फिर मैंने उसकी नाईटी उतार दी। जैसे ही मैंने उसकी नाईटी उतारी, उसने काले रंग की ब्रा-पेंटी पहन रखी थी, उसमें वो एकदम हॉट और सेक्सी लग रही थी। मैंने देर न करते हुए उसकी ब्रा खोलकर उसको लेटा दिया और उसके बूब्स को दबाने और निप्पल को एक-एक करके चूसने लग गया। मैं अपने साथ चोकलेट लेकर गया था जो पिंघल चुकी थी। मैंने चोकलेट को उसके निप्पलों पर लगाया और निप्पल को एक-एक करके चाटने लग गया। वो पूरी तरह से पागल होकर हुह… आह… हआ…आहह करने लग गई।
फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए, केवल अंडरवियर में रह गया और वो पेंटी में ! मुझे अंडरवियर में देखकर उसने अपनी आँखें बंद कर ली। फिर मैंने उसके होंठों को चूसते हुए उसके पूरे बदन को चाटते हुए उसकी पेंटी तक पहुँचा, फिर मैंने उसकी पेंटी उतार दी। एकदम गीली और चिकनी कुँवारी चूत देखकर मैं और मेरा लंड दोनों पागल हो गये। मैं उसकी चूत को चाटने लग गया। दोस्तो, क्या बताऊँ कितना बढ़िया स्वाद था! फिर मैंने चोकलेट को उसकी कुँवारी चूत पर लगाकर खूब चाटा उसकी चूत को ! इस बीच वो एक बार झड़ गई और मैं उसका सारा पानी पी गया। फिर मैंने अपनी अंडरवियर उतारकर उसे अपना लंड चूसने को कहा। मगर उसने मना कर दिया तो मैंने ज्यादा जोर नहीं दिया। उसके बाद मैंने उसकी गीली कुँवारी चूत पर अपना लंड रखा और अंदर डालने की कोशिश की तो मेरा लंड फिसलकर बाहर आ गया। उसकी चूत टाइट थी। मैंने रूककर अच्छे से सेट करके जोर लगाकर लंड डाला तो लंड थोडा ही अंदर गया होगा, उसे दर्द हुआ मगर वो चिल्लाई नहीं। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैंने एक शॉट और मारा और उसके ऊपर गिर गया। उसे इतना दर्द हुआ कि उसने अपने नाख़ून मेरी पीठ पर गड़ा दिए और धीरे से कहा- बहुत दर्द हो रहा है। मगर उसकी हिम्मत थी कि वो चिल्लाई नहीं, पूरा दर्द सहन कर लिया। फिर थोड़ी देर हम ऐसे ही पड़े रहे, फिर मैंने धीरे धीरे अपनी कमर चलाना शुरू कर दी। वो आह… आह… ह…हुहह… करने लगी। थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ तो अपने लंड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद वो भी अपने चूतड़ हिलाकर मेरा साथ देने लगी। दस मिनट मैंने उसे चोदा। फिर मैं झड़ने वाला था तो उसने कहा- अंदर मत झड़ना। मैंने सारा माल उसके पेट पर निकाल दिया। उसके बाद हमारा दूसरा राउंड 25 मिनट चला। उसमें मैंने उसे अलग अलग पोजीशन में चोदा। उस दिन दो घंटे तक हमारा कार्यक्रम चला। अगले 7-8 दिन तक हम दोनों ने मिलकर खूब मजे किये। मैंने उसे उसके घर के हर एक कोने में चोदा।
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