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पति पत्नी की सुहागरात की चुदाई पहली रात Pati patni ki chudai ki pahli sexi raat hindi me
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मेरा नाम जयन है और आज मैं आप सब लोगों से अपनी पहली सेक्स कहानी शेयर करने वाला हूँ जो मेरी बीवी के साथ मेरी सुहागरात की हैं. यह सिर्फ मेरी ही नहीं मेरी पत्नी के लिए भी पहला सेक्स संबंध था. मेरे दोस्तों ने मुझे कंडोम, नारियल का शुद्ध तेल और भी बहुत कुछ दिया. मैं सब जेब में भर कमरे में पहुँचा, वह जमीन पर बैठी थी. मैं दरवाजा बंद कर जमीन पर ही उसके पास बैठ गया. यहाँ क्यों बैठी हो – मैंने पूछा, ऐसे ही,- उसने कहा. मैने उसके दोनों हाथ पकड़े और खड़ा हुआ, उसे हाथ पकड़ बिस्तर पर बैठाया, फिर मैंने उसका धीरे से घुंघट खोला.. वो आंखें बंद कर मेरे सामने बैठी थी. मैं – इतनी सिरियस क्यों हो. (हल्का सा मुस्कराकर) कुछ नहीं ऐसे ही - वो बोली. मैंने उसका घुंघट पीछे की और गिराया और उसके होठों को हलके से रगड़ा. दुसरे हाथ से उसके पैऱ फैलाएं. और थोड़ा और खिसक कर उसके पास गया. और हलका उसे किस किया. पीछे हटकर देखा तो वह अपने होंठ आगे की ओर कर रही थी. पर आखें बंद थी.
मेरा नाम जयन है और आज मैं आप सब लोगों से अपनी पहली सेक्स कहानी शेयर करने वाला हूँ जो मेरी बीवी के साथ मेरी सुहागरात की हैं. यह सिर्फ मेरी ही नहीं मेरी पत्नी के लिए भी पहला सेक्स संबंध था. मेरे दोस्तों ने मुझे कंडोम, नारियल का शुद्ध तेल और भी बहुत कुछ दिया. मैं सब जेब में भर कमरे में पहुँचा, वह जमीन पर बैठी थी. मैं दरवाजा बंद कर जमीन पर ही उसके पास बैठ गया. यहाँ क्यों बैठी हो – मैंने पूछा, ऐसे ही,- उसने कहा. मैने उसके दोनों हाथ पकड़े और खड़ा हुआ, उसे हाथ पकड़ बिस्तर पर बैठाया, फिर मैंने उसका धीरे से घुंघट खोला.. वो आंखें बंद कर मेरे सामने बैठी थी. मैं – इतनी सिरियस क्यों हो. (हल्का सा मुस्कराकर) कुछ नहीं ऐसे ही - वो बोली. मैंने उसका घुंघट पीछे की और गिराया और उसके होठों को हलके से रगड़ा. दुसरे हाथ से उसके पैऱ फैलाएं. और थोड़ा और खिसक कर उसके पास गया. और हलका उसे किस किया. पीछे हटकर देखा तो वह अपने होंठ आगे की ओर कर रही थी. पर आखें बंद थी.
मैंने मजाक में कहा — होंठ आगे किए जा रही हो और आंखे कसकर बंद किये … आँखें और मुंह दोनों खोलो.
उसने हल्का सा हंसते हुए अपने होंठ खोले और आँखे भी खोली. उसकी आंखें बहुत सुंदर थी. और चमकते दाँत और होठों पर गाढ़ें लाल रंग की लिप्स्टीक और भी सुंदर लग रही थी. मैं उसकी आँखों में सीधा देखते हुए मैंने धीरे से उसके दाँतों के बीच अपनी जीभ डाल दी. मेरे होठों से उसके होठों को बंद कर दिया. आह.. उसका मुंह हल्का सा गर्म था और काफी चिपचिपा सा भी था. मेरा तो दिमाग ही सुन्न पड़ गया. मेरे दोनों हाथ अपने आप उसके चूचों पर पहुँच गए. और उसके दोंनों हाथ मेरी सर्ट को खिंचने लगे. मैंने एक हाथ से उसे कमर से पकड़ा और कसकर अपनी और खिंचा उसने अपना पूरा मुंह खोल लिया. होठों को होठों से रगड़ते हुए एक दूसरे को कीस करने में हम डूब गए. कभी मैं दाँयें से मुंह बाएं करता और कभी वो मुझे बालों से कसकर पकड़ अपना मुंह टेढ़ा कर अपनी पूरी जीभ मेरे मुंह में डाल देती. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैंने किस करते हुए ही उसके ब्लाउज (हालाँकी वह मुझसे ठीक से खुल नहीं रहा था) खोल दिए और ब्रा भी उतार दी. उसने भी मेरी सर्ट उतारने की कोशिश की पर सारे बटन ठीक से नहीं खोल पा रही थी. जैसे की मैं ठीक से उसके ब्लाऊज के नहीं खोल पा रहा था. जैसे तैसे हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार कर नंगे हो गए. मैंने पहली बार कोई चूचा देखा था. उसके चूचे सामान्य ही थे. और थोड़े छोटे थे. जैसे की एक लड़की के होते जो कभी ना चूदी हो.. गोरा रंग और और हल्के भूरे रंग के गोल निप्पल जो थोड़े उभरे हुए थे, पर मुझे पसंद आए और मैंने पहली बार आराम से उसके चूचों को पहली बार दबाया. मेरे हाथों को उसकी दिल की धड़कर महसूस हो रही थी. उसका दिल बहुत तेजी से धड़क रहा था. मैंने हल्के से दाएँ वाले चूचों को रगड़ते हुए बाएं वाले का भोग लगाया. इतना मुलायम, नर्म, ऐहसास मुझे पहले कभी नहीं हुआ था. उस ऐहसास की मैं किसी चीज से तुलना भी नहीं कर सकता।
जैसे – जैसे मैं उसके चूचों के साथ खेल रहा था. उसके चूचे बड़े होते जा रहे थे. कुछ देर बाद वो पूरा मेरे मुंह में घुस भी नहीं पा रहे थे. मुझे ऐहसास हुआ की चूचे कुछ फूल गए है। मैंने दाएं वाले को अब चूसना और बाएँ वाले को मसलना शुरू किया उसने तलब में मुझे अपने सीने से चिपका लिया. मेरा लंड तो कब से पैंट फाड़कर बाहर आने को बेताब होने लगा था. मैं एक हाथ धीरे से उसकी चूत की ओर ले गया. उसने कोई टाइट पैंटी पहन रखी थी. हाथ चूत तक पहूँच ही नहीं पा रहा था. और लंड पैंट की चेन को धक्के पर धक्का दिये जा रहा था. पर मैं उसकी साड़ी उतारने और चूचों को चाटने चूसने से अपना ध्यान हटा ही नहीं पा रहा था. तभी मुझे लगा कि वह मेरी पैंट उतारने की कोशिश कर रही है. मैंने अपनी बैल्ट एक हाथ से खोल दी. और उसने फटाक से मेरी पैंट उतार दी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
उसकी साड़ी तो मैंने खिंच दी पर साया की डोर जल्दबाजी में मुझसे नहीं खुल रही थी. उसने बड़े आराम से सेकेण्ड में उसे खोल दिया. डोर खुलते ही मैंने साया खिंचकर दूर फेंका. उसने ब्रा के ही कलर का यानि गांढे लाल रंग का अंडरवियर पहन रखा था. जो आगे से देखने पर थोड़ा झिल्लीदार था. जिसमें उसकी चूत का अगला शिरा साफ दिख रहा था. उसकी चूत शेव की हुई थी. मैंने फटाक से उतार कर उसकी चूत में मुंह लगा दिया. आह.. पहली बार किसी चूत का स्वाद चखने को मिल रहा था. मैंने अपनी जीभ उसके अंदर तक डालने की कोशिश की पर वह जैसे सिली हुई था. उसने अपने दोनों पैर दो दिशाओं में फैला लिए. और मैं उसकी चूत में थूक लगाकर मस्त चूत के मजे लेने लगा.
उसकी साड़ी तो मैंने खिंच दी पर साया की डोर जल्दबाजी में मुझसे नहीं खुल रही थी. उसने बड़े आराम से सेकेण्ड में उसे खोल दिया. डोर खुलते ही मैंने साया खिंचकर दूर फेंका. उसने ब्रा के ही कलर का यानि गांढे लाल रंग का अंडरवियर पहन रखा था. जो आगे से देखने पर थोड़ा झिल्लीदार था. जिसमें उसकी चूत का अगला शिरा साफ दिख रहा था. उसकी चूत शेव की हुई थी. मैंने फटाक से उतार कर उसकी चूत में मुंह लगा दिया. आह.. पहली बार किसी चूत का स्वाद चखने को मिल रहा था. मैंने अपनी जीभ उसके अंदर तक डालने की कोशिश की पर वह जैसे सिली हुई था. उसने अपने दोनों पैर दो दिशाओं में फैला लिए. और मैं उसकी चूत में थूक लगाकर मस्त चूत के मजे लेने लगा.
वह रह रह कर मेरे बालों को सहलाती और मेरे लंड को पकड़ कर कभी सहलाती कभी खिंचती. मेरा लंड तो अब उसे चोदने के लिए खड़ा के साथ – साथ कड़ा और पागल भी हो रहा था. मैं उसके ऊपर चढ़ा और लंड डालने की कोशिश की लेकिन वह थोड़ा डर गई और आगे की ओर हो गई. मेरे दोस्तों में मुझे बताया था. की पहली बार लंड डालते वक्त ऐसा ही होगा. हालाँकी उसकी चूत मस्ती में काफी फूल गई थी. और चूदने को तैयार थी. पर हर बार जैसे ही मैं डालने की कोशिश करता वह हिल जाती. मैंने उस पर दोस्तों के बताएं नुस्खे आजमाए.. जो एकदम सही भी था. मैं उसके ऊपर लेट गया और उसकी चूत पर अपना लंड हल्के हल्के रगड़ने लगा. उसके मुंह में मुंह डाल जबरदस्त ढंग से उसे किस करने और चूचों को दबाने, निप्पल को खिंचने लगा.
जब वह मस्ती में पूरी तरह मस्त हो गई. और मेरे बाल सहलाने और मेरी पीठ पर हलके से नाखुन चलाने लगी तो मैंने उसके पैरो में अपना पैर फसाया और उसकी दोनों टाँगों को थोड़ा एक दूसरे के उलट फैलाया और कीस करते हुए लंड उसकी चूत में झटके से डाल दिया. वह मुंह हटा हल्के चिखी पर मैंने अपने हाथों से उसका मुंह दबाया और ना हिलने को कहा.. दो तीन बार लंड अंदर बाहर किया उसकी चूत बहुत टाइट थी और बड़ी मुश्किल से मेरा लंड अंदर बाहर जा रहा था लेकिन वह आहह्ह्हह्ह्ह्ह ऊहह्ह्हह्ह्ह्ह करती ही जा रही थी.. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मेरे अंदर की सेक्स गर्मी बढ़ने लगी और मैं चरम पर पहुँचने लगा. मैं जरा सा हटकर देखा तो मेरा लंड खुन में सना था. और काफी सारा खुन बिस्तर पर भी लगा था. थोड़ी देर बाद उसका सिसकना बंद हुआ और वह भी सेक्स में मजा लेने लगी. मतलब अब सब ठीक था. पर थोड़ी देर बाद मैं उसकी चूत में झ़ड़ गया. पर मैंने ये जाहीर नहीं होने दिया और उसे थोड़ी देर और चोदा, इसी बीच वह भी झड़ गई. हम दोनों ने उस रात कुल 3 बार सेक्स किया. और थक के चूर हो गए. इसके बाद तो जैसे चुदाई की बाढ़ ही आ गई, दिन में मौका लगते ही चुदाई होती थी और रात में चोदने का तो लाइसेंस ही मिल गया था. मेरी सेक्स कहानी का मेरा पहला सेक्स अनुभव मैंने आप सब से बाँटा. पहली बार सेक्स करने पर सभी का अनुभव ऐसा ही होता होगा. चाहे जिसकी सेक्स कहानी हो.....
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