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सुहागरात में पति के साथ देवरों ने भी चोदी - Suhagraat mein pati aur devar ne chodi
सुहागरात में पति के साथ देवरों ने भी चोदी - Suhagraat mein pati aur devar ne chodi , शादी की पहली रात में ग्रुप चुदाई का नजारा , मिलन की रात में मिले पुरे परिवार के लंड , चूत बुर गांड फाड़ लंड से चुदवाई , चुदती रही और अपनी माँ चुदवाती रही.
मेरी शादी जिससे हुई मैं उससे पहले भी बहुत चुदवाती थी। वह भी मुझे हचक हचक के चोदता था. वह बहन चोद मेरी माँ भी चोदता था मेरे सामने ही मेरी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेलता था। अरे यार वह क्या उसका बाप भी मुझे चोदता था। क्योंकि मैंने एक दिन उसे मेरी अम्मी का भोसड़ा चोदते हुए देख लिया था। फिर अम्मी ने ही मुझे बुलाकर उसका लौड़ा पकड़ा दिया था तो मैं भी उससे चुदवाने लगी और अम्मी के सामने ही चुदवाने लगी। उसका लौड़ा भी मुझे पसंद आ गया था तो मैं अक्सर उससे चुदवा लेती थी। इसलिए जब मेरी शादी हुई तो मैंने अपने शौहर से कहा यार मैं तेरा लण्ड जानती हूँ, पहचानती हूँ। तेरे बाप का भी लण्ड जानती हूँ पहचानती हूँ। तुम भी मेरी चूत जानते हो, पहचानते हो और मेरी माँ का भोसड़ा भी। तूने तो कई बार मेरी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेला है और मेरे सामने पेला है.
इसलिए आज सुहागरात में मुझे तुमसे चुदवाने में मज़ा नहीं आएगा। मैं चाहती हूँ की आज मुझे कोई नया लण्ड चोदे, कोई अनजाना लण्ड चोदे, कोई मस्त मोटा तगड़ा लण्ड मेरी चूत में घुसे तो मज़ा आये ? बोलो आज तुम सुहागरात में किसका लण्ड मेरी चूत में पेल सकते हो ?
मेरी शादी जिससे हुई मैं उससे पहले भी बहुत चुदवाती थी। वह भी मुझे हचक हचक के चोदता था. वह बहन चोद मेरी माँ भी चोदता था मेरे सामने ही मेरी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेलता था। अरे यार वह क्या उसका बाप भी मुझे चोदता था। क्योंकि मैंने एक दिन उसे मेरी अम्मी का भोसड़ा चोदते हुए देख लिया था। फिर अम्मी ने ही मुझे बुलाकर उसका लौड़ा पकड़ा दिया था तो मैं भी उससे चुदवाने लगी और अम्मी के सामने ही चुदवाने लगी। उसका लौड़ा भी मुझे पसंद आ गया था तो मैं अक्सर उससे चुदवा लेती थी। इसलिए जब मेरी शादी हुई तो मैंने अपने शौहर से कहा यार मैं तेरा लण्ड जानती हूँ, पहचानती हूँ। तेरे बाप का भी लण्ड जानती हूँ पहचानती हूँ। तुम भी मेरी चूत जानते हो, पहचानते हो और मेरी माँ का भोसड़ा भी। तूने तो कई बार मेरी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेला है और मेरे सामने पेला है.
इसलिए आज सुहागरात में मुझे तुमसे चुदवाने में मज़ा नहीं आएगा। मैं चाहती हूँ की आज मुझे कोई नया लण्ड चोदे, कोई अनजाना लण्ड चोदे, कोई मस्त मोटा तगड़ा लण्ड मेरी चूत में घुसे तो मज़ा आये ? बोलो आज तुम सुहागरात में किसका लण्ड मेरी चूत में पेल सकते हो ?
मेरा नाम आबिदा बेगम है और मैं २५ साल की हूँ। मेरा शौहर फरहान २७ साल का। वह भी स्मार्ट और हैंडसम है, मैं भी स्मार्ट और खुबसूरत हूँ। यह तो आप जान ही चुके हैं की फरहान मुझे बहुत पहले से चोद रहा है। वह मेरी अम्मी की भी बुर लेता है। दरअसल वह मेरे चचा जान का बेटा है। शादी के पहले वह मेरा भाई जान था और अब शादी के बाद वह मेरा शौहर हो गया है। मैं चचा जान से भी चुदवाती थी और अब शादी के बाद भी चुदवाया करूंगी। वह मेरा ससुर हो गया है। चचा जान तो मेरी माँ का भोसड़ा जाने कब से चोद रहा है। हम मुसलमानो में ये सब उलटा पुल्टा हो ही जाता है। अब इसी शादी से मेरे रिश्ते भी बदल गए या फिर दोहरे हो गए। मेरी बहन मेरी नन्द हो गई। मेरी अम्मी जान मेरी सास भी हो गईं। मेरे छोटे भाई जान सब मेरे देवर हो गए. इसीलिए हमारे बीच चोदा चोदी के रिश्ते अपने आप बन जातें हैं। अब मेरा भाई मेरा मियां हो गया तो मुझे चोदेगा ही। मेरे छोटे भाई मेरे देवर हो गये हैं तो वो सब मुझे चोदेंगें ही ? मेरी बहनें मेरी नन्द हो गई तो मैं उसकी बुर में लण्ड घुसेड़ूँगी ही। मेरी अम्मी जान मेरी सास हो गई तो मैं सास का भोसड़ा चोदूगी ही। मुझे सबके भोसड़ा में लण्ड पेलना बड़ा अच्छा लगता है।
मेरा अब्बू अब मेरा ससुर हो गया है और ससुर का लण्ड किस बहू को अच्छा नहीं लगता ? अब तो मैं ससुर का लण्ड अक्सर अपनी बुर में पेला करूंगी। मैं अपनी सुहागरात कुछ अलग ढंग से मनाना चाहती थी। जब मेरा निकाह तय हुआ तो मैंने सोंचा मेरा होने वाला शौहर तो ुझे अभी भी चोदता है और इससे सुहागरात में चुदवाने कोई मज़ा नहीं आएगा। मैं चाहती थी की कोई नया मरद मुझे चोदे कोई नया लण्ड मेरा चूत में घुसे तो मज़ा आये और अगर २/३ लण्ड घुस जाएँ तो सोने पे सुहागा हो जाए। मैं सोंच ही रही थी की यह काम कैसे किया जाए ? फिर मैंने खुल कर सुहागरात में ही अपने शौहर से कह दिया की मैं आज तुम्नसे नहीं चुदवाऊंगी। तुम तो मुझे बहुत और कई बार चोद चुके हो। आज तुम मुझे किसी और से चुदवाओ। ऐसे लोगों से चुदवाओ जिनके लण्ड मैंने अभी तक देखे न हो ?
वह सोंच में पड़ गया और थोड़ी देर के लिए बाहर चला गया। तब कहीं से उसकी बहन यानी मेरी नन्द अंदर आ गयी। वह बोली अरे भाभी जान भाई जान कहा हैं। मैंने कहा वह मेरी बुर चुदवाने किसी नये लण्ड का इंतज़ाम करने गए हैं। वह बोली कमाल करती हो भाभी जान। अपनी सुहागरात में भला कोई मरद अपनी बीवी किसी और से चुदवाता है क्या ? मैंने कहा तेरा भाई जान तो मुझे कई बार चोद चुका है। न उसका लण्ड मेरे लिए नया है और न मेरी चूत उसके लिए नई है तो सुहागरात में मज़ा कैसे आएगा ? मैंने कह दिया उससे की आज तो मैं ग़ैर मर्दों से चुदवाऊंगी। वह मुस्कराकर बोली अरे भाभी जान लण्ड का इंतज़ाम औरतें करतीं हैं मरद नहीं ? मरद तो चूत का इंतज़ाम करतें हैं। मैं तेरे लिए लण्ड का इंतज़ाम कर सकती हूँ। बोलो कितने लण्ड से चुदवाना चाहती हो तुम भाभी जान ? मैंने कहा कम से कम दो लण्ड तो हों ही ? अगर तीन लण्ड हो जायें तो बेहतर होगा। वह बोली हाय दईया तेरी चूत में इतना दम है ? मैंने कहा तू लण्ड पेल कर तो देख दम तो मैं दिखाऊंगी तुझे। तीनो लण्ड से एक साथ चुदवाऊंगी वह भी तेरे सामने ?
इतने में मेरा शौहर आ गया। उसे देख कर मेरी नन्द बोली अरे भाई जान तुम चिंता न करो। मैं भाई जान की इच्छा जान गयी हूँ। मैं इसकी चूत अभी कई लोगों से चुदवा लूंगी। इतने लण्ड पेलूँगी इसकी चूत में की इसकी चूत क्या इसकी माँ की भी चूत फट जाएगी। वह सुनकर हंसने लगा। मैं जान गयी की मेरे मियां ने लण्ड का कोई इंतज़ाम नहीं किया है। अब मैं नन्द के सहारे ही हूँ। अधेड़ आदमी कमरे में आ गया। उसे देख कर मैंने मन में कहा अरे क्या ये मेरी बुर चोदेगा ? इसके तो आधे बाल पके हुए हैं। इसका तो लण्ड साला मेरी एक झांट भी नहीं उखाड़ पायेगा बुर चोदने की बात कौन कहे ? तब तक दो मस्त जवान लड़के कमरे में घुस आये उसके पीछे मेरी नन्द। लड़के बड़े हैंडसम और तगड़े तंदुरुस्त थे। उन्हें देख कर मेरी चूत में कुछ हल चल हुई। नन्द बोली भाभी जान ये है मेरा देवर साजिद और ये है इसका दोस्त बसीम। और ये है मियां जुम्मन मेरा चचिया ससुर ? ये तीनो मिलकर तेरी बुर चोदेंगें भाभी जान।
मैंने सोंचा की जुम्मन अधेड़ उम्र का है। लण्ड चाहे जैसा हो इसका पर मेरे लिए तो नया ही होगा लण्ड। मैं उसी का मज़ा ले लूंगी। बाकी इन दोनों के लण्ड बेहतर होंगें ही ? तब तक नन्द ने अपने देवार का पजामा खोल डाला तो वह एकदम नंगा हो गया। मैं उसका खड़ा लण्ड देख कर मुस्कराने लगी। ने उसके नंगा कर दिया। वह भी अपना लण्ड खड़ा किये हुए मस्त होने लगा। मुझे दोनों लण्ड एक ही नज़र में भा गए और मैंने कहा वाह मेरी नन्द रानी तुम तो लण्ड बड़े अच्छे अच्छे ढूंढ कर लाई हो। उसने मुझे दोनों लण्ड पकड़ा दिया और मेरे भी रहे सही कपड़े भी उतार कर फेंक दिया। अब मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो गई। मुझे नंगी देख कर दोनों लण्ड साले लोहे की तरह कड़क हो गए। साजिद मेरी चूँचियाँ दबाने लगा तो उसका दोस्त बसीम मेरी चूत सहलाने लगा और मेरी गांड पर भी हाथ फेरने लगा। वह बोला हाय मेरी आबिदा भाभी जान तेरी चूत तो बिलकुल साजिद की बीवी की चूत की तरह है।
मैंने कहा - हाय दईया तो तुम अपने दोस्त की बीवी की चूत पहचानते हो ?
वह बोला - हां पहचानता ही नहीं बल्कि उसे चोदता भी हूँ। वह भी मेरी बीवी चोदता है। हम दोनों की दोस्ती इसी चोदा चोदी के कारण ही हुई है।
मैंने पूंछा - तुम कुछ और भी चोदते हो क्या ?
वह बोला - हां वह मेरी बहन चोदता है मैं उसकी बहन चोदता हूँ। वह मेरी माँ चोदता है मैं उसकी माँ चोदता है। मज़ा तो यह है की हम दोनों आमने सामने ही चोदते हैं। इसी चोदा चोदी की वजह से हमारी दोस्ती पक्की हो गयी है और दिन पर दिन पक्की होती रहेगी।
Tags: सुहागरात में पति के साथ देवरों ने भी चोदी - Suhagraat mein pati aur devar ne chodi , शादी की पहली रात में ग्रुप चुदाई का नजारा , मिलन की रात में मिले पुरे परिवार के लंड , चूत बुर गांड फाड़ लंड से चुदवाई , चुदती रही और अपनी माँ चुदवाती रही.
मेरा अब्बू अब मेरा ससुर हो गया है और ससुर का लण्ड किस बहू को अच्छा नहीं लगता ? अब तो मैं ससुर का लण्ड अक्सर अपनी बुर में पेला करूंगी। मैं अपनी सुहागरात कुछ अलग ढंग से मनाना चाहती थी। जब मेरा निकाह तय हुआ तो मैंने सोंचा मेरा होने वाला शौहर तो ुझे अभी भी चोदता है और इससे सुहागरात में चुदवाने कोई मज़ा नहीं आएगा। मैं चाहती थी की कोई नया मरद मुझे चोदे कोई नया लण्ड मेरा चूत में घुसे तो मज़ा आये और अगर २/३ लण्ड घुस जाएँ तो सोने पे सुहागा हो जाए। मैं सोंच ही रही थी की यह काम कैसे किया जाए ? फिर मैंने खुल कर सुहागरात में ही अपने शौहर से कह दिया की मैं आज तुम्नसे नहीं चुदवाऊंगी। तुम तो मुझे बहुत और कई बार चोद चुके हो। आज तुम मुझे किसी और से चुदवाओ। ऐसे लोगों से चुदवाओ जिनके लण्ड मैंने अभी तक देखे न हो ?
वह सोंच में पड़ गया और थोड़ी देर के लिए बाहर चला गया। तब कहीं से उसकी बहन यानी मेरी नन्द अंदर आ गयी। वह बोली अरे भाभी जान भाई जान कहा हैं। मैंने कहा वह मेरी बुर चुदवाने किसी नये लण्ड का इंतज़ाम करने गए हैं। वह बोली कमाल करती हो भाभी जान। अपनी सुहागरात में भला कोई मरद अपनी बीवी किसी और से चुदवाता है क्या ? मैंने कहा तेरा भाई जान तो मुझे कई बार चोद चुका है। न उसका लण्ड मेरे लिए नया है और न मेरी चूत उसके लिए नई है तो सुहागरात में मज़ा कैसे आएगा ? मैंने कह दिया उससे की आज तो मैं ग़ैर मर्दों से चुदवाऊंगी। वह मुस्कराकर बोली अरे भाभी जान लण्ड का इंतज़ाम औरतें करतीं हैं मरद नहीं ? मरद तो चूत का इंतज़ाम करतें हैं। मैं तेरे लिए लण्ड का इंतज़ाम कर सकती हूँ। बोलो कितने लण्ड से चुदवाना चाहती हो तुम भाभी जान ? मैंने कहा कम से कम दो लण्ड तो हों ही ? अगर तीन लण्ड हो जायें तो बेहतर होगा। वह बोली हाय दईया तेरी चूत में इतना दम है ? मैंने कहा तू लण्ड पेल कर तो देख दम तो मैं दिखाऊंगी तुझे। तीनो लण्ड से एक साथ चुदवाऊंगी वह भी तेरे सामने ?
इतने में मेरा शौहर आ गया। उसे देख कर मेरी नन्द बोली अरे भाई जान तुम चिंता न करो। मैं भाई जान की इच्छा जान गयी हूँ। मैं इसकी चूत अभी कई लोगों से चुदवा लूंगी। इतने लण्ड पेलूँगी इसकी चूत में की इसकी चूत क्या इसकी माँ की भी चूत फट जाएगी। वह सुनकर हंसने लगा। मैं जान गयी की मेरे मियां ने लण्ड का कोई इंतज़ाम नहीं किया है। अब मैं नन्द के सहारे ही हूँ। अधेड़ आदमी कमरे में आ गया। उसे देख कर मैंने मन में कहा अरे क्या ये मेरी बुर चोदेगा ? इसके तो आधे बाल पके हुए हैं। इसका तो लण्ड साला मेरी एक झांट भी नहीं उखाड़ पायेगा बुर चोदने की बात कौन कहे ? तब तक दो मस्त जवान लड़के कमरे में घुस आये उसके पीछे मेरी नन्द। लड़के बड़े हैंडसम और तगड़े तंदुरुस्त थे। उन्हें देख कर मेरी चूत में कुछ हल चल हुई। नन्द बोली भाभी जान ये है मेरा देवर साजिद और ये है इसका दोस्त बसीम। और ये है मियां जुम्मन मेरा चचिया ससुर ? ये तीनो मिलकर तेरी बुर चोदेंगें भाभी जान।
मैंने सोंचा की जुम्मन अधेड़ उम्र का है। लण्ड चाहे जैसा हो इसका पर मेरे लिए तो नया ही होगा लण्ड। मैं उसी का मज़ा ले लूंगी। बाकी इन दोनों के लण्ड बेहतर होंगें ही ? तब तक नन्द ने अपने देवार का पजामा खोल डाला तो वह एकदम नंगा हो गया। मैं उसका खड़ा लण्ड देख कर मुस्कराने लगी। ने उसके नंगा कर दिया। वह भी अपना लण्ड खड़ा किये हुए मस्त होने लगा। मुझे दोनों लण्ड एक ही नज़र में भा गए और मैंने कहा वाह मेरी नन्द रानी तुम तो लण्ड बड़े अच्छे अच्छे ढूंढ कर लाई हो। उसने मुझे दोनों लण्ड पकड़ा दिया और मेरे भी रहे सही कपड़े भी उतार कर फेंक दिया। अब मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो गई। मुझे नंगी देख कर दोनों लण्ड साले लोहे की तरह कड़क हो गए। साजिद मेरी चूँचियाँ दबाने लगा तो उसका दोस्त बसीम मेरी चूत सहलाने लगा और मेरी गांड पर भी हाथ फेरने लगा। वह बोला हाय मेरी आबिदा भाभी जान तेरी चूत तो बिलकुल साजिद की बीवी की चूत की तरह है।
मैंने कहा - हाय दईया तो तुम अपने दोस्त की बीवी की चूत पहचानते हो ?
वह बोला - हां पहचानता ही नहीं बल्कि उसे चोदता भी हूँ। वह भी मेरी बीवी चोदता है। हम दोनों की दोस्ती इसी चोदा चोदी के कारण ही हुई है।
मैंने पूंछा - तुम कुछ और भी चोदते हो क्या ?
वह बोला - हां वह मेरी बहन चोदता है मैं उसकी बहन चोदता हूँ। वह मेरी माँ चोदता है मैं उसकी माँ चोदता है। मज़ा तो यह है की हम दोनों आमने सामने ही चोदते हैं। इसी चोदा चोदी की वजह से हमारी दोस्ती पक्की हो गयी है और दिन पर दिन पक्की होती रहेगी।
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