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चाचा के साथ किया सेक्स मन भरके चुदवाई - Chacha Beti ki chut chudai story
चाचा के साथ किया सेक्स मन भरके चुदवाई - Chacha Beti ki chut chudai story , अंकल ने माँ बेटी दोनों को चोदा , माँ और बेटी एक ही आदमी से चुदी दोनों ने बुर चूत फुद्दी गांड एक लंड से चुदवाई , चोदने में मगन चाचा , बेटी की चूत में चाचा का मोटा और लम्बा लंड.
मेरी शादी का अभी एक हफ्ता ही हुआ है। अभी भी घर में शादी के जश्न जैसा माहौल है। कुछ मेहमान अभी भी हमारे घर में ठहरे हुए हैं। पूरे घर में हंसी ख़ुशी का माहौल है। हंसी मजाक का माहौल है चोदा चोदी और गाली गलौज का पूरा माहौल है। अभी तक न किसी का लण्ड ठंढा हुआ है और न किसी की चूत। लण्ड भी साले खड़े खड़े घूम रहे हैंऔर चूत भी गरम गरम इधर उधर लण्ड की तलाश में घूम रहीं हैं।
मेरे प्यारे दोस्तों, मैं आपको सच सच बताना चाहती हूँ की मैं अम्मी जान से पूरी तरह खुली हुई हूँ। हम दोनों इसी तरह से एक दूसरे को प्यार भरी गालियों से बात चीत करती हैं और खूब एन्जॉय करती हैं । मैं 20 साल की उम्र से अपनी माँ का भोसड़ा चुदा रही हूँ। अपनी माँ की चूत में लण्ड पेल रही हूँ और मेरी अम्मी भी तभी से मेरी बुर चुदवा रही है और एक से एक बेहतर लण्ड मेरी चूत में पेल रहीं हैं। हम दोनों खुल्लम खुल्ला चुदाई का मज़ा लूट रहीं हैं। मेरा नाम है फ़िरोज़ा और अम्मी का शबाना बेगम। मेरी जान बहुत ही खूबसूरत, सेक्सी और हॉट हैं। उसकी उम्र अभी 44 साल की ही है। मैं जब जवान हो रही थी तो अम्मी जान की हरकतों का पता चल रहा था। मेरी 17 की उम्र में ही अम्मी जान मुझसे गालियों से बातें करने लगी थीं। एक दिन मुझे देर हुई तो अम्मी ने कहा इतनी देर से माँ चुदा रही थी तू क्या ? तेरा इंतज़ार करते करते मेरी गांड फटी जा रही थी और तू वहां बैठी बैठी अपनी माँ चुदा रही थी। मैं कुछ बोली नहीं ? फिर शाम को फिर अम्मी ने कहा अरी बुर चोदी फ़िरोज़ा देख कौन आया। ज़रा दरवाजा तो खोल कर देख ले ?
मैं जब 18 साल की हुई तो अम्मी ने कहा फ़िरोज़ा तूने लण्ड पकड़ना शुरू किया की नहीं ? किसी लड़के के आगे कभी नंगी हुई की नहीं। कभी किसी लड़के को नंगा किया की नहीं ? अगर नहीं किया है तो फिर जल्दी से करना शुरू कर दे। मैं यह नहीं समझ पा रही थी की अम्मी जान सच में कह रही है की मजाक में ? या फिर किसी गुस्से में ? एक दिन मैंने देखा की अम्मी किसी को अपने कमरे में बुला रही हैं। वह कोई और नहीं था बल्कि मेरे पड़ोसी अरमान अंकल थे। मैं सोंचने लगी की आज अम्मी अंकल को क्यों बुला रहीं हैं ? वैसे अंकल जब कब मेरे घर आते ही थे और अम्मी जान से बातें करते थे। मैं चुपचाप अम्मी के कमरे में झाँक कर देखने लगी। मैंने देखा की अंकल अम्मी की चूँचियाँ दबा रहे हैं और अम्मी उसका लौड़ा बाहर निकाल कर हिला रहीं हैं। इतना मोटा तगड़ा लण्ड देख कर मेरी चूत गीली हो गयी और मैं उसे सहलाने लगी। फिर अम्मी पूरी तरह नंगी हो गईं। उसका नंगा भोसड़ा देखा तो मज़ा आ गया। अंकल का नंगा लण्ड देखा तो मई खुद ललचा गयी। मेरा मन हुआ की मैं दौड़ कर लण्ड पकड़ लूं।
मैं चूँकि अम्मी से थोड़ा खुली हुई थी तो हिम्मत करके अंदर चली गई और एक कोने में छिप कर सब कुछ देखने लगी। मैंने देखा की अम्मी ने अंकल का लण्ड मुंह में भर लिया है और अंकल भी अम्मी की बुर चाटने लगा है। मैं मन में सोंच रही थी की अंकल मेरी बुर क्यों नहीं चाटता ? मैं भी एक दिन इससे अपनी बुर चटवाऊंगी। होते करते थोड़ी देर में अंकल ने लण्ड अम्मी की चूत में पेल दिया और चोदने लगा। अम्मी भी मस्ती से चुदवाने लगीं। मैं उसकी चुदाई आँखें फाड़ फाड़ कर देखने लगी. अम्मी को नहीं मालूम था की मैं घर पर हूँ। अम्मी चुदवाते हुए बोली यार अरमान आज तेरा लौड़ा कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा है। वह बोला हां भाभी जान तुम ठीक कह रही हो। आज मेरे मन में तेरी बेटी का नाम चल रहा है। अम्मी बोली क्या मतलब ज़रा खुल कर बता ? वह बोलै जब से मैंने तेरी जवान बेटी देखी है तब से मेरे मन में उथल पुथल मची हुई है। फ़िरोज़ा अब बहुत मुझे बहुत हसींन लगती है, भाभी जान ? अम्मी बोली अच्छा तो तू मेरी बेटी की बुर लेना चाहता है। मेरी बेटी चोदना चाहता है। मेरी बेटी की चूत में लण्ड पेलना चाहता है तू ?
वह बोला हां भाभी जान यह सच है लेकिन मैं यह भी चाहता हूँ की तेरा शौहर मेरी बेटी चोद ले ? मैं तेरी बेटी चोदने के चुदवाने के लिए तैयार हूँ भाभी जान ? पर मुझे अपनी बेटी की बुर दिलवा दो प्लीज ? मैं जब फ़िरोज़ा के बारे में सोंचता हूँ तो मेरा लण्ड खड़ा हो जाता है। अम्मी ने काह अरे यार मैं तो खुद तेरा लण्ड पकड़ाने के लिए ढूंढ रही थी। बेटी की बुर में पेलना चाहती हूँ। पर आज पता नहीं वह कहाँ गई है मादर चोद ? उसकी जवानी बाहर निकल आयी है। उसे भी अब लण्ड की जरुरत है। यहाँ होती तो खुदा कसम मैं अभी तेरा लण्ड उसके मुंह में घुसा देती ? खैर पहले तू फ़िरोज़ा की माँ का भोसड़ा चोद ले। फ़िरोज़ा की बुर बाद में चोद लेना। अंकल इसी बात पर मेरी माँ का भोसड़ा दनादन चोदने लगा और इधर मेरी चुदवाने की तमन्ना बढ़ने लगी। मेरा मन हुआ की मैं अंदर घुस कर अम्मी के भोसड़ा से लण्ड निकाल कर अपनी चूत में पेल लूं। एक बात तो आज मालूम हो गयी थी की मेरी अम्मी जान ग़ैर मर्दों से चुदवाती है। ,,,,,,,,,,,,,,
मैं इतनी ज्यादा गरमा गई की मैं अपने आप को और रुक नहीं सकी. मैं सीधे कमरे में घुस गयी औअर सीधे अम्मी के सामने खड़ी हो गयी। मेरे मुंह से निकला ये क्या हो रहा है अम्मी जान। वह तो बड़ी बेशर्मी से बोली - देख नहीं रही है तू की तेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है, फ़िरोज़ा ? तू कहाँ थी अब तक मैं तुझे लण्ड पकड़ाने के लिए ढूंढ रही थी। मैंने कहा हाय दईया तुम मुझे लण्ड पकड़ाओगी अम्मी जान ? वह बोली और नहीं तो क्या ? लण्ड नहीं पकड़ाऊंगी तो क्या तू जवानी में अपनी झांटें उखाड़ा करेगी ? लण्ड नहीं पकड़ेगी तो तुझे चोदेगा कौन ? और बिना चुदवाये जवानी नहीं कटेगी बेटी फ़िरोज़ा तेरी माँ की चूत। इधर आ मेरे पास। मैं जैसे ही उसके पास गयी तो उसने लण्ड अपनी चूत से निकाल कर मरे मुंह में घुसा दिया। मैं तो चाहती ही थी लण्ड चूसना सो बड़े मजे से चूसने लगी लण्ड।
इसी बीच अम्मी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिया। मुझे बिलकुल नंगी देख कर लण्ड और सख्त हो गया। अंकल मेरे नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा। अम्मी ने कहा ले अरमान अली अब तू मजे से मेरे सामने चोद ले मेरी बिटिया की बुर ? किसी दिन इसका अब्बा तेरी बिटिया की बुर चोदेगा। अम्मी की यह बात सुनकर मैं मद होश हो गयी और अपनी चूत में लण्ड का इंतज़ार करने लगी। अम्मी जान पेल्हड़ सहलाने लगी। मैं बार बार लण्ड बाहर निकालती और फिर अंदर घुसेड़ लेती। लण्ड के सुपाड़े के चारों ओर अपनी जुबान घुमाती तो हम दोनों को मज़ा आता।
मेरी चूत एकदम गीली हो चुकी थी। अम्मी ने लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया और कहा अरमान अब तुम धीरे धीरे पेलो लण्ड इसकी चूत में ? वह पेलने लगा और मैं मस्त होने लगी। लण्ड मुंह से निकला उई माँ मर गयी मैं। साले ने पूरा पेल दिया लण्ड। फट गई मेरी चूत अम्मी जान। अम्मी बोली फटेगी नहीं चूत फ़िरोज़ा। आज तक भोसड़ी वाला कोई लौड़ा पैदा ही नहीं हुआ जो चूत फाड़ दे। चूत फटती नहीं है बेटी हां फ़ैल जरूर जाती है। धीरे धीरे पूरा पेलवा ले लण्ड तब आएगा मज़ा। हमारे मुस्लिम समाज में लड़कियां जवान होते ही सबके लण्ड पकड़ने लगती हैं और चुदवाने लगतीं हैं, कुछ देर बाद मैंने लण्ड बाहर निकाला तो अम्मी ने कहा बेटी फ़िरोज़ा अब तू अपने हाथ से लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में घुसा दे ? अपने सामने अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा ले। आज से तू माँ चुदाना शुरू कर दे। मैंने वैसा ही किया और और ऐसा करने में मैं भी अम्मी की तरह बेशर्म हो गयी। मैंने कहा अम्मी तेरी बहन का भोसड़ा तेरी बेटी की माँ की चूत ?
आज मुझे चुदवाने का तो मज़ा मिला ही। उसके साथ साथ माँ चुदाने का भी मज़ा मिला ? अम्मी मेरे मुंह से अपने लिए गालियां सुनकर गद गद हो गईं। अब मेरा अम्मी के साथ चोदा चोदी का रिस्ता पक्का हो गया। मैंने आपको बताया न की मेरी शादी अभी हाल में ही हुई है। अभी तक कुछ मेहमान घर पर टिके हुए हैं।
एक दिन रात में जैसे ही मेरी अम्मी मेरे सामने आयीं तो मैंने कहा - आज मैं तेरा भोसड़ा फाड़ दूँगी, अम्मी जान। लण्ड पेल पेल के तेरी गांड में दम कर दूँगी मैं ?
अम्मी ने मुस्कराकर कहा - मैं भी तेरी चूत चोद चोद कर बना दूँगी भोसड़ा मेरी बुर चोदी फ़िरोज़ा ? इतने लण्ड पेलूँगी तेरी बुर में की तेरी गांड फट जाएगी।
तभी उधर से मेरी खाला का लड़का शैफ अली निकला मैंने उसे बुला लिया। वह भी एक नेकर पहने हुए किसी की बुर चोदने की फ़िराक में घूम रहा था। इतने में मेरा चचा अजमल भी आ गया। वह भी इधर उधर चूत की जुगाड़ में था। चचा का लण्ड नंगा था तो मैंने उसे हाथ बढ़ाकर पकड़ लिया। मेरे हाथ में आकर लण्ड पूरा खड़ा हो गया और मैंने उसे चूम लिया। मैंने पूंछा तुम किस की बुर चोद कर आ रहे हो चचा जान। वह बोला मैं तेरी माँ की बहन का भोसड़ा चोद कर आ रहा हूँ फ़िरोज़ा। तब तक मैंने शैफ का भी लण्ड पकड़ लिया। पूंछने पर वह बोला मैंने अभी एक घंटे पहले अपनी फूफी की बिटिया की बुर चोदी है। अब मैं किसी का भोसड़ा चोदूंगा। मैंने कहा तो फिर तुम मेरी माँ का भोसड़ा चोदो ? तुम्हे बड़ा मज़ा आएगा ?
इतने में मेरी अम्मी भी दो लड़कों को लेकर मेरे पास आ गयीं। बोली देख फ़िरोज़ा ये दोनों लड़के आज मेरे सामने तेरी बुर चोदेंगें। मैंने पूंछा की ये कौन है तो वह बोली ये दोनों तेरी ससुराल के हैं। पर रिश्ते में क्या हैं ये मुझे पता नहीं। उनमे से एक बोला फ़िरोज़ा मेरी भाभी जान हैं। दूसरा बोला फ़िरोज़ा मेरी खाला हो गयी हैं। वो दोनों बड़े जवान और मस्त लड़के थे। मेरी नज़र उनके लण्ड ढूंढने लगी तो एक ने तो अपना पजामा खोल डाला और बोला भाई भी मैं तो किसी की बुर चोदने के लिया आया हूँ। कोई और न हो तुम ही मुझसे चुदवा लो। मैंने कहा चिंता न करो यहाँ बहुत बुर हैं, चूत हैं, भोसड़ा भी है। तुम्हे कहीं न कही लण्ड घुसेड़ने की जगह मिल ही जाएगी। अम्मी ने कहा अरे मादर चोदो तुम दोनों लोग एक साथ लण्ड फ़िरोज़ा की बुर में पेल दो। बाकी तो वह संभाल ही लेगी। ये भोसड़ी की बड़ी चुदक्कड़ लड़की है।
तब तक चचा जान ने अम्मी की चूत में लण्ड पेल दिया और शैफ अली ने लण्ड अम्मी के मुंह में घुसा दिया। जैसे लण्ड अम्मी जान के भोसड़ा में घुसा वैसे मैंने कहा देखा अम्मी जान मैंने कहा था न की मैं तेरा भोसड़ा चोद दूँगी तो आज मैं सबके सामने तेरा भोसड़ा चोद रही हूँ। उधर अम्मी ने इशारा किया तो उन दोनों लड़कों ने मुझे घेर लिया। एक ने लण्ड मेरी बुर में घुसेड़ दिया और दूसरे ने मुंह में। मैं भी मस्ती से दोनों लण्ड के बीच फंस गयी। अम्मी बोली देखा बुर चोदी फ़िरोज़ा अब बनेगी तेरी बुर भोसड़ा ?
अब हम दोनों आमने सामने चुदवाने लगीं। अहम दोनों की बुर का बाजा बजने लगा। चुदाई की आवाज़ चारों तरफ फ़ैलाने लगी। मैं भी सिसियाने लगी और अम्मी जान भी। इतने में मेरी चचा जान की बेटी सबा आ गयी। मुझे यह देख कर बड़ी ख़ुशी की वह बुर चोदी एकदम नंगी थी। उसके हाथ में एक आदमी का लण्ड था। मैं जान नहीं पाई की ये लण्ड किसका है ? मैंने पूंछ लिया अरी सबा तू किसका लण्ड पकड़े हुए घूम रही है। वह बोली यार मैं अभी तेरे अब्बू से चुदवाकर आ रही हूँ। और अब मैं अपने ससुर से चुदवाना चाहती हूँ। इसका लौड़ा बड़ा सॉलिड है और बुर अच्छी तरह चोदता है। यह बात मुझे इसकी बेटी ने ही बताई थी। अम्मी ने कहा अच्छा इसका मतलब तेरी नन्द अपने अब्बू से चुदवाती है। सबा यह सुनकर बोली अरे आंटी आजकल यह सब बड़ा कॉमन हो गया है। मेरी सभी सहेलियां अपने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ती हैं और चुदवाती हैं। इसलिए मेरी बी हिम्मत खुली और मैं भी अपने अब्बू से चुदवाने लगी। आज मैं ससुर से चुदवाने जा रही थी तभी मुझे फ़िरोज़ा की याद आ गयी।
मैंने सोंचा की क्यों न आज मैं अपने ससुर का लण्ड फ़िरोज़ा की चूत में पेल दूं। और मैं यहाँ इसका लण्ड फ़िरोज़ा की चूत में पेलूँगी और उसकी माँ की भी चूत में पेलूगी। मैं दोनों की बुर चोद कर ही यहाँ से जाऊंगी।
०=०=०=०=०समाप्त
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मेरी शादी का अभी एक हफ्ता ही हुआ है। अभी भी घर में शादी के जश्न जैसा माहौल है। कुछ मेहमान अभी भी हमारे घर में ठहरे हुए हैं। पूरे घर में हंसी ख़ुशी का माहौल है। हंसी मजाक का माहौल है चोदा चोदी और गाली गलौज का पूरा माहौल है। अभी तक न किसी का लण्ड ठंढा हुआ है और न किसी की चूत। लण्ड भी साले खड़े खड़े घूम रहे हैंऔर चूत भी गरम गरम इधर उधर लण्ड की तलाश में घूम रहीं हैं।
मेरे प्यारे दोस्तों, मैं आपको सच सच बताना चाहती हूँ की मैं अम्मी जान से पूरी तरह खुली हुई हूँ। हम दोनों इसी तरह से एक दूसरे को प्यार भरी गालियों से बात चीत करती हैं और खूब एन्जॉय करती हैं । मैं 20 साल की उम्र से अपनी माँ का भोसड़ा चुदा रही हूँ। अपनी माँ की चूत में लण्ड पेल रही हूँ और मेरी अम्मी भी तभी से मेरी बुर चुदवा रही है और एक से एक बेहतर लण्ड मेरी चूत में पेल रहीं हैं। हम दोनों खुल्लम खुल्ला चुदाई का मज़ा लूट रहीं हैं। मेरा नाम है फ़िरोज़ा और अम्मी का शबाना बेगम। मेरी जान बहुत ही खूबसूरत, सेक्सी और हॉट हैं। उसकी उम्र अभी 44 साल की ही है। मैं जब जवान हो रही थी तो अम्मी जान की हरकतों का पता चल रहा था। मेरी 17 की उम्र में ही अम्मी जान मुझसे गालियों से बातें करने लगी थीं। एक दिन मुझे देर हुई तो अम्मी ने कहा इतनी देर से माँ चुदा रही थी तू क्या ? तेरा इंतज़ार करते करते मेरी गांड फटी जा रही थी और तू वहां बैठी बैठी अपनी माँ चुदा रही थी। मैं कुछ बोली नहीं ? फिर शाम को फिर अम्मी ने कहा अरी बुर चोदी फ़िरोज़ा देख कौन आया। ज़रा दरवाजा तो खोल कर देख ले ?
मैं जब 18 साल की हुई तो अम्मी ने कहा फ़िरोज़ा तूने लण्ड पकड़ना शुरू किया की नहीं ? किसी लड़के के आगे कभी नंगी हुई की नहीं। कभी किसी लड़के को नंगा किया की नहीं ? अगर नहीं किया है तो फिर जल्दी से करना शुरू कर दे। मैं यह नहीं समझ पा रही थी की अम्मी जान सच में कह रही है की मजाक में ? या फिर किसी गुस्से में ? एक दिन मैंने देखा की अम्मी किसी को अपने कमरे में बुला रही हैं। वह कोई और नहीं था बल्कि मेरे पड़ोसी अरमान अंकल थे। मैं सोंचने लगी की आज अम्मी अंकल को क्यों बुला रहीं हैं ? वैसे अंकल जब कब मेरे घर आते ही थे और अम्मी जान से बातें करते थे। मैं चुपचाप अम्मी के कमरे में झाँक कर देखने लगी। मैंने देखा की अंकल अम्मी की चूँचियाँ दबा रहे हैं और अम्मी उसका लौड़ा बाहर निकाल कर हिला रहीं हैं। इतना मोटा तगड़ा लण्ड देख कर मेरी चूत गीली हो गयी और मैं उसे सहलाने लगी। फिर अम्मी पूरी तरह नंगी हो गईं। उसका नंगा भोसड़ा देखा तो मज़ा आ गया। अंकल का नंगा लण्ड देखा तो मई खुद ललचा गयी। मेरा मन हुआ की मैं दौड़ कर लण्ड पकड़ लूं।
मैं चूँकि अम्मी से थोड़ा खुली हुई थी तो हिम्मत करके अंदर चली गई और एक कोने में छिप कर सब कुछ देखने लगी। मैंने देखा की अम्मी ने अंकल का लण्ड मुंह में भर लिया है और अंकल भी अम्मी की बुर चाटने लगा है। मैं मन में सोंच रही थी की अंकल मेरी बुर क्यों नहीं चाटता ? मैं भी एक दिन इससे अपनी बुर चटवाऊंगी। होते करते थोड़ी देर में अंकल ने लण्ड अम्मी की चूत में पेल दिया और चोदने लगा। अम्मी भी मस्ती से चुदवाने लगीं। मैं उसकी चुदाई आँखें फाड़ फाड़ कर देखने लगी. अम्मी को नहीं मालूम था की मैं घर पर हूँ। अम्मी चुदवाते हुए बोली यार अरमान आज तेरा लौड़ा कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा है। वह बोला हां भाभी जान तुम ठीक कह रही हो। आज मेरे मन में तेरी बेटी का नाम चल रहा है। अम्मी बोली क्या मतलब ज़रा खुल कर बता ? वह बोलै जब से मैंने तेरी जवान बेटी देखी है तब से मेरे मन में उथल पुथल मची हुई है। फ़िरोज़ा अब बहुत मुझे बहुत हसींन लगती है, भाभी जान ? अम्मी बोली अच्छा तो तू मेरी बेटी की बुर लेना चाहता है। मेरी बेटी चोदना चाहता है। मेरी बेटी की चूत में लण्ड पेलना चाहता है तू ?
वह बोला हां भाभी जान यह सच है लेकिन मैं यह भी चाहता हूँ की तेरा शौहर मेरी बेटी चोद ले ? मैं तेरी बेटी चोदने के चुदवाने के लिए तैयार हूँ भाभी जान ? पर मुझे अपनी बेटी की बुर दिलवा दो प्लीज ? मैं जब फ़िरोज़ा के बारे में सोंचता हूँ तो मेरा लण्ड खड़ा हो जाता है। अम्मी ने काह अरे यार मैं तो खुद तेरा लण्ड पकड़ाने के लिए ढूंढ रही थी। बेटी की बुर में पेलना चाहती हूँ। पर आज पता नहीं वह कहाँ गई है मादर चोद ? उसकी जवानी बाहर निकल आयी है। उसे भी अब लण्ड की जरुरत है। यहाँ होती तो खुदा कसम मैं अभी तेरा लण्ड उसके मुंह में घुसा देती ? खैर पहले तू फ़िरोज़ा की माँ का भोसड़ा चोद ले। फ़िरोज़ा की बुर बाद में चोद लेना। अंकल इसी बात पर मेरी माँ का भोसड़ा दनादन चोदने लगा और इधर मेरी चुदवाने की तमन्ना बढ़ने लगी। मेरा मन हुआ की मैं अंदर घुस कर अम्मी के भोसड़ा से लण्ड निकाल कर अपनी चूत में पेल लूं। एक बात तो आज मालूम हो गयी थी की मेरी अम्मी जान ग़ैर मर्दों से चुदवाती है। ,,,,,,,,,,,,,,
मैं इतनी ज्यादा गरमा गई की मैं अपने आप को और रुक नहीं सकी. मैं सीधे कमरे में घुस गयी औअर सीधे अम्मी के सामने खड़ी हो गयी। मेरे मुंह से निकला ये क्या हो रहा है अम्मी जान। वह तो बड़ी बेशर्मी से बोली - देख नहीं रही है तू की तेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है, फ़िरोज़ा ? तू कहाँ थी अब तक मैं तुझे लण्ड पकड़ाने के लिए ढूंढ रही थी। मैंने कहा हाय दईया तुम मुझे लण्ड पकड़ाओगी अम्मी जान ? वह बोली और नहीं तो क्या ? लण्ड नहीं पकड़ाऊंगी तो क्या तू जवानी में अपनी झांटें उखाड़ा करेगी ? लण्ड नहीं पकड़ेगी तो तुझे चोदेगा कौन ? और बिना चुदवाये जवानी नहीं कटेगी बेटी फ़िरोज़ा तेरी माँ की चूत। इधर आ मेरे पास। मैं जैसे ही उसके पास गयी तो उसने लण्ड अपनी चूत से निकाल कर मरे मुंह में घुसा दिया। मैं तो चाहती ही थी लण्ड चूसना सो बड़े मजे से चूसने लगी लण्ड।
इसी बीच अम्मी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिया। मुझे बिलकुल नंगी देख कर लण्ड और सख्त हो गया। अंकल मेरे नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा। अम्मी ने कहा ले अरमान अली अब तू मजे से मेरे सामने चोद ले मेरी बिटिया की बुर ? किसी दिन इसका अब्बा तेरी बिटिया की बुर चोदेगा। अम्मी की यह बात सुनकर मैं मद होश हो गयी और अपनी चूत में लण्ड का इंतज़ार करने लगी। अम्मी जान पेल्हड़ सहलाने लगी। मैं बार बार लण्ड बाहर निकालती और फिर अंदर घुसेड़ लेती। लण्ड के सुपाड़े के चारों ओर अपनी जुबान घुमाती तो हम दोनों को मज़ा आता।
मेरी चूत एकदम गीली हो चुकी थी। अम्मी ने लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया और कहा अरमान अब तुम धीरे धीरे पेलो लण्ड इसकी चूत में ? वह पेलने लगा और मैं मस्त होने लगी। लण्ड मुंह से निकला उई माँ मर गयी मैं। साले ने पूरा पेल दिया लण्ड। फट गई मेरी चूत अम्मी जान। अम्मी बोली फटेगी नहीं चूत फ़िरोज़ा। आज तक भोसड़ी वाला कोई लौड़ा पैदा ही नहीं हुआ जो चूत फाड़ दे। चूत फटती नहीं है बेटी हां फ़ैल जरूर जाती है। धीरे धीरे पूरा पेलवा ले लण्ड तब आएगा मज़ा। हमारे मुस्लिम समाज में लड़कियां जवान होते ही सबके लण्ड पकड़ने लगती हैं और चुदवाने लगतीं हैं, कुछ देर बाद मैंने लण्ड बाहर निकाला तो अम्मी ने कहा बेटी फ़िरोज़ा अब तू अपने हाथ से लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में घुसा दे ? अपने सामने अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा ले। आज से तू माँ चुदाना शुरू कर दे। मैंने वैसा ही किया और और ऐसा करने में मैं भी अम्मी की तरह बेशर्म हो गयी। मैंने कहा अम्मी तेरी बहन का भोसड़ा तेरी बेटी की माँ की चूत ?
आज मुझे चुदवाने का तो मज़ा मिला ही। उसके साथ साथ माँ चुदाने का भी मज़ा मिला ? अम्मी मेरे मुंह से अपने लिए गालियां सुनकर गद गद हो गईं। अब मेरा अम्मी के साथ चोदा चोदी का रिस्ता पक्का हो गया। मैंने आपको बताया न की मेरी शादी अभी हाल में ही हुई है। अभी तक कुछ मेहमान घर पर टिके हुए हैं।
एक दिन रात में जैसे ही मेरी अम्मी मेरे सामने आयीं तो मैंने कहा - आज मैं तेरा भोसड़ा फाड़ दूँगी, अम्मी जान। लण्ड पेल पेल के तेरी गांड में दम कर दूँगी मैं ?
अम्मी ने मुस्कराकर कहा - मैं भी तेरी चूत चोद चोद कर बना दूँगी भोसड़ा मेरी बुर चोदी फ़िरोज़ा ? इतने लण्ड पेलूँगी तेरी बुर में की तेरी गांड फट जाएगी।
तभी उधर से मेरी खाला का लड़का शैफ अली निकला मैंने उसे बुला लिया। वह भी एक नेकर पहने हुए किसी की बुर चोदने की फ़िराक में घूम रहा था। इतने में मेरा चचा अजमल भी आ गया। वह भी इधर उधर चूत की जुगाड़ में था। चचा का लण्ड नंगा था तो मैंने उसे हाथ बढ़ाकर पकड़ लिया। मेरे हाथ में आकर लण्ड पूरा खड़ा हो गया और मैंने उसे चूम लिया। मैंने पूंछा तुम किस की बुर चोद कर आ रहे हो चचा जान। वह बोला मैं तेरी माँ की बहन का भोसड़ा चोद कर आ रहा हूँ फ़िरोज़ा। तब तक मैंने शैफ का भी लण्ड पकड़ लिया। पूंछने पर वह बोला मैंने अभी एक घंटे पहले अपनी फूफी की बिटिया की बुर चोदी है। अब मैं किसी का भोसड़ा चोदूंगा। मैंने कहा तो फिर तुम मेरी माँ का भोसड़ा चोदो ? तुम्हे बड़ा मज़ा आएगा ?
इतने में मेरी अम्मी भी दो लड़कों को लेकर मेरे पास आ गयीं। बोली देख फ़िरोज़ा ये दोनों लड़के आज मेरे सामने तेरी बुर चोदेंगें। मैंने पूंछा की ये कौन है तो वह बोली ये दोनों तेरी ससुराल के हैं। पर रिश्ते में क्या हैं ये मुझे पता नहीं। उनमे से एक बोला फ़िरोज़ा मेरी भाभी जान हैं। दूसरा बोला फ़िरोज़ा मेरी खाला हो गयी हैं। वो दोनों बड़े जवान और मस्त लड़के थे। मेरी नज़र उनके लण्ड ढूंढने लगी तो एक ने तो अपना पजामा खोल डाला और बोला भाई भी मैं तो किसी की बुर चोदने के लिया आया हूँ। कोई और न हो तुम ही मुझसे चुदवा लो। मैंने कहा चिंता न करो यहाँ बहुत बुर हैं, चूत हैं, भोसड़ा भी है। तुम्हे कहीं न कही लण्ड घुसेड़ने की जगह मिल ही जाएगी। अम्मी ने कहा अरे मादर चोदो तुम दोनों लोग एक साथ लण्ड फ़िरोज़ा की बुर में पेल दो। बाकी तो वह संभाल ही लेगी। ये भोसड़ी की बड़ी चुदक्कड़ लड़की है।
तब तक चचा जान ने अम्मी की चूत में लण्ड पेल दिया और शैफ अली ने लण्ड अम्मी के मुंह में घुसा दिया। जैसे लण्ड अम्मी जान के भोसड़ा में घुसा वैसे मैंने कहा देखा अम्मी जान मैंने कहा था न की मैं तेरा भोसड़ा चोद दूँगी तो आज मैं सबके सामने तेरा भोसड़ा चोद रही हूँ। उधर अम्मी ने इशारा किया तो उन दोनों लड़कों ने मुझे घेर लिया। एक ने लण्ड मेरी बुर में घुसेड़ दिया और दूसरे ने मुंह में। मैं भी मस्ती से दोनों लण्ड के बीच फंस गयी। अम्मी बोली देखा बुर चोदी फ़िरोज़ा अब बनेगी तेरी बुर भोसड़ा ?
अब हम दोनों आमने सामने चुदवाने लगीं। अहम दोनों की बुर का बाजा बजने लगा। चुदाई की आवाज़ चारों तरफ फ़ैलाने लगी। मैं भी सिसियाने लगी और अम्मी जान भी। इतने में मेरी चचा जान की बेटी सबा आ गयी। मुझे यह देख कर बड़ी ख़ुशी की वह बुर चोदी एकदम नंगी थी। उसके हाथ में एक आदमी का लण्ड था। मैं जान नहीं पाई की ये लण्ड किसका है ? मैंने पूंछ लिया अरी सबा तू किसका लण्ड पकड़े हुए घूम रही है। वह बोली यार मैं अभी तेरे अब्बू से चुदवाकर आ रही हूँ। और अब मैं अपने ससुर से चुदवाना चाहती हूँ। इसका लौड़ा बड़ा सॉलिड है और बुर अच्छी तरह चोदता है। यह बात मुझे इसकी बेटी ने ही बताई थी। अम्मी ने कहा अच्छा इसका मतलब तेरी नन्द अपने अब्बू से चुदवाती है। सबा यह सुनकर बोली अरे आंटी आजकल यह सब बड़ा कॉमन हो गया है। मेरी सभी सहेलियां अपने अपने अब्बू का लण्ड पकड़ती हैं और चुदवाती हैं। इसलिए मेरी बी हिम्मत खुली और मैं भी अपने अब्बू से चुदवाने लगी। आज मैं ससुर से चुदवाने जा रही थी तभी मुझे फ़िरोज़ा की याद आ गयी।
मैंने सोंचा की क्यों न आज मैं अपने ससुर का लण्ड फ़िरोज़ा की चूत में पेल दूं। और मैं यहाँ इसका लण्ड फ़िरोज़ा की चूत में पेलूँगी और उसकी माँ की भी चूत में पेलूगी। मैं दोनों की बुर चोद कर ही यहाँ से जाऊंगी।
०=०=०=०=०समाप्त
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