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ऐसे होती है मजेदार चुदाई - Aise hoti hai majedar chudai
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मेरा नाम है अलीशा बेगम मैं २५ साल की एक बेहद खूबसूरत मद मस्त और हॉट लड़की हूँ। अब तो मैं किसी की बीवी बन चुकी हूँ और बहुत ही हरामजादी हूँ। मैं हरामजादी अपने स्वभाव से नहीं हूँ मैं हरामजादी चोदने और चुदाने में हूँ। मुझे हर मरद के लण्ड से खास मोहब्बत है। मरद कैसा भी हो अगर वह मुझे समझ में आ गया तो मैं उसका लण्ड पकड़ जरूर लेती हूँ, और सबके सामने पकड़ लेती हूँ लण्ड। मैं न किसी से डरती हूँ और न किसी से शर्माती हूँ। मैं अपनी 15 साल की उम्र से लण्ड पकड़ रही हूँ और 16 साल की उम्र से चुदवा रही हूँ। अब तो मेरा निकाह हो चुका है अब तो मैं और ज्यादा लण्ड पकड़ती हूँ और ज्यादा चुदवाती हूँ और ज्यादा गालियां सुनाती हूँ।
मैं आपको बताना चाहती हूँ की मैं कैसे और कब अम्मी जान से खुल गई। मैं जब 18 + की हुई और एक दिन अम्मी के सामने ही बैठी थी। अचानक अम्मी जान ने पूंछा अरे तू बुर छड़ी अलीशा अभी लण्ड पकड़ना शुरू किया की नहीं ? लण्ड चाटना चूसना शुरू किया की नहीं ? मैं कुछ बोली नहीं पर मन ही मन बहुत खुश हो गयी। वह बोली सुन भोसड़ी वाली अब तू जवान हो गई है। लण्ड पकड़ने वाली हो गयी है तू ? लण्ड चूत में घुसेड़ने वाली हो गयी है। तेरी चूत अब बिलकुल पक गयी है। बोलो न जबाब दो न मुझे ? मैंने कहा मैंने अभी तक कुछ नहीं किया ? तो वह बोली तो क्या तू बैठी बैठी झांटें उखाड़ रही है अपनी ? मैंने फिर भी जबाब नहीं दिया। दोस्तों, मैं एक बात आपको बता दूँ की मैं रात को उठ उठ कर सबकी चुदाई देखती हूँ। मैं जानती हूँ की मेरी अम्मी किस किस का लण्ड अपने भोसड़ा में पेलती हैं। अम्मी को यह नहीं मालूम की मैं उसकी सब पोल पट्टी जानती हूँ। उसके भोसड़ा में कितने लण्ड घुस चुके हैं वो सब बता सकती हूँ मैं।
दूसरे ही दिन मैं कॉलेज से जल्दी आ गई। मैंने देखा कमरे से कुछ आवाज़ आ रही है। मैं फ़ौरन कपड़े बदल कर कमरे में झांकने लगी। मैंने देखा की अम्मी जान किसी का लण्ड नंगी नंगी चाट रहीं हैं। लण्ड का सुपाड़ा साफ़ साफ़ नज़र आ रहा था। लण्ड मोटा था। मैं भी ललचा गई। मैंने जब उसका मुंह देखा तो मालूम हुआ की वह मेरे अब्बू का दोस्त सराफत अली है। मन जान गई की अब अम्मी उससे चुदवायेगी जरूर। और हुआ भी ऐसा ही। उससे लण्ड अम्मी के भोसड़ा में घुसेड़ दिया। तब मैं अंदर बिना हिचक के घुस गयी। मुझे न तो अंकल ने देखा और न अम्मी ने। अम्मी कुछ न कुछ बोलने लगीं। हाय मेरे राजा मुझे खूब चोदो अपनी बीवी की तरह चोदो अपनी भाभी की तरह चोदो। अंकल ने कहा अरे भाभी जान अब तो तेरी बेटी भी जवान हो गई है किसी दिन उसकी बुर दिलवाओ न मुझे। अंकल की यह बात सुनकर मेरी चूत गीली हो गई। अम्मी बोली अरे यार पहले तू माँ का भोसड़ा चोद ले फिर उसकी बेटी की बुर भी चोद लेना।
अम्मी को क्या मालूम की मैं उसकी काली करतूत देख रही हूँ। उसे किसी ग़ैर मरद से चुदवाते हुए देख रही हूँ। एक तरफ मैं अपनी माँ का भोसड़ा चुदते हुए देख रही थी और दूसरी तरफ मेरी चूत मुझे परेशां कर रही थी। कह रही की तू अंकल का लण्ड निकाल कर अपनी चूत में क्यों नहीं घुसेड़ लेती ? तभी अचानक मेरी अम्मी ने मुझे देख लिया तो बोली अरे अलीशा तू बुर चोदी कहाँ थी अभी तक ? इधर आ मेरे सामने। तेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है और तू चुप चाप देख रही है। चल लौड़ा निकाल मेरी चूत से और चाटना शुरू कर दे। मैं थोड़ा रुकी तो उसने खुद लण्ड बाहर निकाला और मेरे मुंह में घुसेड़ दिया। बोली पहले तू लण्ड मुंह में लेना सीख ले फिर बुर में लेना। अब उसे क्या मालूम की मैं सब कुछ पहले ही सीख चुकी हूँ। मैंने लण्ड मुंह में लिया और चूसने लगी। अम्मी ने मेरे कपड़े उतारे और कहा लो मेरे देवर राजा अब चोद लो मेरी बेटी की बुर और पूरी कर ले अपनी हबस।
उस दिन अंकल ने मुझे अम्मी के सामने खूब चोदा। मैं अम्मी से पूरी तरह खुल गयी और दूसरे दिन मैंने अपने दो दोस्तों के लण्ड अम्मी के भोसड़ा में पेल दिया। मैंने कहा अरे अम्मी जान तू मुझे अनाड़ी न समझ। मैं आज तेरा भोसड़ा फाड़ डालूंगी। चोद डालूंगी तेरा मादर चोद भोसड़ा और तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर भी। मैंने अम्मी को एहसास करा दिया की मैं चोदने और चुदाने में उससे बढ़कर हूँ। अम्मी तो यह जानकार बड़ी ख़ुशी हुई। वह बोली अरी बुर चोदी अलीशा था की तू बहुत बड़ी चुदक्कड़ है. तेरी माँ की चूत। तेरी बहन की बुर ? आज तेरा दिन है कल मैं तेरी चूत का कीमा बना दूँगी अपने दोस्तों के लण्ड पेल पेल के ?
अब मैं तुम्हें अब्बू की बात बता रही हूँ। मेरा अब्बू अल्ताफ 46 साल का हट्टा कट्टा गोरा चिट्टा आदमी है। वह दाढ़ी मूंछ नहीं रखता इसलिए बड़ा स्मार्ट बना रहता है। उसका अपना बिज़नेस है और अच्छा बिज़नेस है। मैंने कई लोगों के मुंह से सुना है की अल्ताफ का लौड़ा बड़ा शानदार है, जबरदस्त है। मेरे मन में इच्छा हुई की क्यों न मैं भी अब्बू जान का लौड़ा देखूं ? इसलिए मैं उसका लण्ड देखने की कोशिश करने लगी। एक दिन मैंने उसे बाथ रूम ने नहाते हुए देखा। वह नंगा नंगा ही नहा रहा था। घर में कोई और नहीं था। दरवाजे में एक छोटा सा छेद था मैं उसी से अंदर का नज़ारा देख रही थी। लण्ड का सुपाड़ा बाहर लटक रहा था जो शायद 3" का होगा। मैं समझ गई की जब लण्ड खड़ा होगा तो गज़ब का दिखाई पड़ेगा। लेकिन अब मैं उसका खड़ा लण्ड देखूं कैसे ? यही सवाल था मेरे दिमाग में घूम रहा था। मैं रात को उठी और सोंचने लगी की अब्बू किसी न किसी की बुर जरूर चोद रहा होगा ?
मेरा अंदाज़ा सही निकला। बगल के कामे में अब्बू जान मेरी खाला का भोसड़ा चोद रहा था। लेकिन यहाँ भी एक दिक्कत आ गयी। लण्ड साला भोसड़ा में ही घुसा था। मैंने उसे देखती कैसे ? मैं लण्ड के बाहर आने का इंतज़ार करने लगी। आखिर कार लण्ड बाहर निकला तो मेरे मुंह से निकला इतना बड़ा लण्ड मादर चोद ? इतना खूबसूरत और सॉलिड लण्ड ? मैंने इसे अपनी तक पकड़ा क्यों नहीं ? इतने में खाला की बेटी भी आ गई। वह बुर चोदी मेरी ही उम्र की है। वह बोली अरे अम्मी जान तुम अकेले अकेले ही चुदवा रही हो। चलो हटो अब मैं चुदवाऊंगी। कितना बढ़िया लण्ड है अलीशा के अब्बू जान का ? इसे मेरी चूत में पेल दो अम्मी जान। खाला ने तुरंत लण्ड अपनी बिटिया की बुर में घुसेड़ दिया। यह देख कर मेरी झांटें सुलगने लगीं। मैं सूंचने लगी की अब्बू मेरा अब्बू का लंडमेरा और मज़ा ये लूट रही है भोसड़ी वाली। इसकी तो माँ की चूत ? अब आज के बाद मैं देखती हूँ की कोई कैसे बिना मेरे पूंछे मेरे अब्बू के लण्ड पर हाथ लगाता है। मैं उसकी माँ चोद डालूंगी। लेकिन मैंने अपने पर कण्ट्रोल रखा और माँ बेटी दोनो की चुदाई देखती रही।
दूसरे दिन रात को मैं अब्बू के कमरे में घुस गई। वह नंगे बदन लेटा तह। एक लुंगी पहने था। उसने अंदर से लण्ड का उभार साफ़ साफ़ मालूम पड़ रहा था। मैं समझ गयी की उसका लण्ड खड़ा है और इधर मेरी भी चूँचियाँ तनी हुई थीं। मैंने बड़ी बेशर्मी से पूंछा अब्बू जान यह बताओ की तुम्हें खाला जान का भोसड़ा चोदने में ज्यादा मज़ा आया की उसकी बिटिया की बुर ? वह मेरे सवाल से थोड़ा असहज हो गया। मैंने तब मुस्कराकर उसका लण्ड ऊपर से ही दबाकर कहा अब्बू जान क्या खाला की बेटी की बुर मेरी बुर से ज्यादा अच्छी है बहन चोद ? क्या उसकी बुर मेरी बुर से ज्यादा टाइट है ? तुझे मेरी बुर नहीं दिखाई पड़ती सिर्फ उसकी बुर ही दिखाई पड़ती है ? ऐसा बोल कर मैंने उसकी लुंगी खोल दी और लण्ड पकड़ कर सहलाने लगी। लण्ड तन कर खड़ा हो गया। मैंने प्यार से लण्ड की कई चुम्मियाँ ली तो लण्ड और गुर्राने लगा। मैंने फिर लण्ड मुँह में लिया और मस्ती से चूसने लगी। लण्ड की झांटें नहीं थीं और पेल्हड़ चिकने थे तो मैं पेल्हड़ भी चाटने लगी। अब्बू को मज़ा आने लगा और फिर मैंने लण्ड अपनी दोनों चूँचियों के अंदर पेला और मज़ा करने लगी। वह भी मजे से मेरी चूँचियाँ चोदने लगा और मैं लण्ड का सुपाड़ा जबान निकाल कर चाटने लगी। वह सिसियाने लगा और बोला बेटी अलीशा मैं झड़ जाऊंगा मैंने कहा तो झड़ जा न ? मैं सब पी जाऊंगी और मैं सच में सब पी भी गई। यह पहला मौक़ा था जब की मैंने अब्बू के लण्ड के स्वाद लिया।
एक दिन मुझे मालूम हुआ की मेरा निकाह होने वाला है। जिससे निकाह तय हुआ वह मेरी अम्मी जान का सबसे छोटा भाई जान है यानी मेरा मामू जान. वह दुबई में रहता है इसीलिए आजतक मैं उसका लण्ड नहीं पकड़ पाई। बाकी सारे मामू जान का लण्ड पकड़ती भी हूँ और उनसे चुदवाती भी हूँ। निकाह अगले हफ्ते होने वाला था। अम्मी जान ने बताया की अलीशा अब तू मेरी भाभी जान बन जाएगी और मैं तेरी नन्द ? मैंने मजाक में कहा नहीं अम्मी जान तू मेरी बुर चोदी कहलाएगी। मैं तेरी बुर चोदी भाभी बनूंगी। मेरा अब्बू तो मेरा नंदोई हो जायेगा ? अब तो मैं अम्मी का चोदूँगी भोसड़ा और अब्बू का चोदूँगी लण्ड ? तब तक अब्बू भी आ गया। मैंने कहा अब्बू जान अब तो मेरा तेरा चोदा चोदी का रिस्ता हो गया है। अब तो मैं चोदूँगी तेरा लण्ड ? तेरे लण्ड पे बैठूंगी। तेरा लण्ड उखाडूँगी। तेरा लण्ड भूनूंगीं अपनी चूत में डाल कर। अब तेरी बेटी की बुर नहीं रही अब तो वह तेरे साले की बीवी की बुर हो गयी है।
मेरी उत्तेजना दिन पर दिन बढ़ने लगी। मैंने अपनी सुहागरात में ही अपनी अम्मी का भोसड़ा चुदवा डाला। मैंने पेल दिया अपने ही मियां का लण्ड अम्मी की चूत में ? हुआ यह की मेरी सुहागरात की जिम्मेदारी मेरी छोटी नन्द पर थी। उसी ने सब इंतज़ाम किया था। वह भी मुझसे ५ साल बड़ी थी। रात को जब मेरा चोद रहा था तो मेरा अम्न हुआ की क्यों न मैं नन्द की बुर में भी किसी का लण्ड पेलूं। फिर अचानक मुझे ध्यान आया की मेरी अम्मी जान तो खुद ही मेरी नन्द हैं तो उसे क्यों न बुलाया जाए। मेरा शौहर मुझे चोद कर चला गया। मैंने अपनी छोटी नन्द को बुलाया और कहा तेरा शौहर कहाँ हैं ? वह बोली वह तो तेरे शौहर से साथ ही निकला है। मैंने कह ठीक है तुम मेरी अम्मी जान को बुला दो। जब तक अम्मी जान आईं तब तक मेरा शौहर अपने बहनोई के साथ आ गया। पहले तो कुछ बात चीत हुई। मुझे छोटा नंदोई भी पसंद आ गया। मैं उसका लण्ड अपनी बुर पेलने का प्लान बनाने लगी। तब तक मैंने अपने शौहर का लण्ड पकड़ा और अपनी अम्मी जान के भोसड़ा में घुसा दिया।अब एक भाई जान बुर चोदने लगा। ऐसा हमारे समाज से अक्सर होता है। फिर अम्मी ने मेरे छोटे नंदोई का लण्ड मेरी चूत मे घुसा दिया। हम दोनों माँ बेटी अब नन्द भौजाई बन कर चुदवाने लगीं।
मैंने कहा - आज तेरा भोसड़ा फाड़ कर ही दम लूंगी मेरी बुर चोदी नन्द रानी।
अम्मी बोली - आज मैं भी तेरी ये बुर चोदी बुर चीर डालूंगी मैं, भाभी जान ?
इस तरह रात भर हम दोनों लण्ड अदल बदल कर चुदवाती रहीं। दूसरे दिन रात को में देखा की मेरी अम्मी जान अपने देवर से चुदवा रहीं हैं। मेरी नज़र अचानक अपने अब्बू पर गई। वह भी किसी से बैठा हुआ बातें कर रहा था। इतने में मेरी चची जान की बेटी आ गई।
मैंने अब्बू जान से कहा - आओ मेरी नंदोई जी। आज आये हो मेरी गिरफ्त में। आज मैं तेरे लण्ड की सवारी करूंगी। नंदोई का लण्ड तो सबसे प्यारा होता है भाई जान के लिए। मैं तेरे साले की बीवी हूँ इसलिए तुम मुझे चोदने का हक़ रखते हो ? मुझे खुले आम चोद सकते हो पर मैं भी तुझे और तेरे लण्ड को खुले आम चोद सकती हूँ। तेरे लण्ड की बहन का भोसड़ा नंदोई जी ?
रात का समय था और रात को औरतें एकदम रंडी बन जातीं हैं। मैं एक रंडी की तरह उसका पाजामा खोला ,लण्ड निकाला और मस्ती से हिलाने लगी। उधर मेरी नन्द अपने मियां का लण्ड हिला हिला कर मज़ा करने लगी। मैं अपने नंदोई का लण्ड पीने लगी और मेरी नन्द अपने मियां का लण्ड। हम दोनों नंगी थीं। वे दोनों भी नंगे थे। मैं तो फिर अपने नंदोई यानी अपने अब्बू के लण्ड पर चढ़ बैठी और मेरी छोटी नन्द अपने मियां के लण्ड पर बैठ गयी। मैं मस्ती से अब्बू जान का लण्ड चोदने लगी। अपनी गांड उठा उठा के अब्बू के लण्ड पर पटकने लगी। यही काम मेरी नन्द भी करने लगी। लण्ड चोदने के बाद मैं नीचे उतरी तो अब्बू मुझे पीछे से चोदने लगा , मुझे और ज्यादा मज़ा आने लगा। इतने में मेरी नन्द ने अपने मियां का लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया और मेरे अब्बू का लण्ड अपनी चूत में पेल लिया। उसकी नज़र तो मेरे अब्बू जान के लण्ड पर पहले से। वह मेरे अब्बू से चुदवाने लगी और बोली - हाय मेरी अलीशा भाभी जान मुझे लौं होता की तेरे अब्बूओ का लण्ड इतना मोटा तगड़ा है तो मैं बहुत पहले इससे चुदवा लेती और अपनी माँ के भोसड़ा में पेल देती इसका लण्ड ?
मैंने कहा - अभी क्या हुआ ? तू आज ही अपनी माँ के भोसड़ा में पेल सकती है मेरे अब्बू का लण्ड। ऐसी मस्तानी बातें करती हुई हम दोनों खूब मस्ती चुदवा रही थीं।
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मैं आपको बताना चाहती हूँ की मैं कैसे और कब अम्मी जान से खुल गई। मैं जब 18 + की हुई और एक दिन अम्मी के सामने ही बैठी थी। अचानक अम्मी जान ने पूंछा अरे तू बुर छड़ी अलीशा अभी लण्ड पकड़ना शुरू किया की नहीं ? लण्ड चाटना चूसना शुरू किया की नहीं ? मैं कुछ बोली नहीं पर मन ही मन बहुत खुश हो गयी। वह बोली सुन भोसड़ी वाली अब तू जवान हो गई है। लण्ड पकड़ने वाली हो गयी है तू ? लण्ड चूत में घुसेड़ने वाली हो गयी है। तेरी चूत अब बिलकुल पक गयी है। बोलो न जबाब दो न मुझे ? मैंने कहा मैंने अभी तक कुछ नहीं किया ? तो वह बोली तो क्या तू बैठी बैठी झांटें उखाड़ रही है अपनी ? मैंने फिर भी जबाब नहीं दिया। दोस्तों, मैं एक बात आपको बता दूँ की मैं रात को उठ उठ कर सबकी चुदाई देखती हूँ। मैं जानती हूँ की मेरी अम्मी किस किस का लण्ड अपने भोसड़ा में पेलती हैं। अम्मी को यह नहीं मालूम की मैं उसकी सब पोल पट्टी जानती हूँ। उसके भोसड़ा में कितने लण्ड घुस चुके हैं वो सब बता सकती हूँ मैं।
दूसरे ही दिन मैं कॉलेज से जल्दी आ गई। मैंने देखा कमरे से कुछ आवाज़ आ रही है। मैं फ़ौरन कपड़े बदल कर कमरे में झांकने लगी। मैंने देखा की अम्मी जान किसी का लण्ड नंगी नंगी चाट रहीं हैं। लण्ड का सुपाड़ा साफ़ साफ़ नज़र आ रहा था। लण्ड मोटा था। मैं भी ललचा गई। मैंने जब उसका मुंह देखा तो मालूम हुआ की वह मेरे अब्बू का दोस्त सराफत अली है। मन जान गई की अब अम्मी उससे चुदवायेगी जरूर। और हुआ भी ऐसा ही। उससे लण्ड अम्मी के भोसड़ा में घुसेड़ दिया। तब मैं अंदर बिना हिचक के घुस गयी। मुझे न तो अंकल ने देखा और न अम्मी ने। अम्मी कुछ न कुछ बोलने लगीं। हाय मेरे राजा मुझे खूब चोदो अपनी बीवी की तरह चोदो अपनी भाभी की तरह चोदो। अंकल ने कहा अरे भाभी जान अब तो तेरी बेटी भी जवान हो गई है किसी दिन उसकी बुर दिलवाओ न मुझे। अंकल की यह बात सुनकर मेरी चूत गीली हो गई। अम्मी बोली अरे यार पहले तू माँ का भोसड़ा चोद ले फिर उसकी बेटी की बुर भी चोद लेना।
अम्मी को क्या मालूम की मैं उसकी काली करतूत देख रही हूँ। उसे किसी ग़ैर मरद से चुदवाते हुए देख रही हूँ। एक तरफ मैं अपनी माँ का भोसड़ा चुदते हुए देख रही थी और दूसरी तरफ मेरी चूत मुझे परेशां कर रही थी। कह रही की तू अंकल का लण्ड निकाल कर अपनी चूत में क्यों नहीं घुसेड़ लेती ? तभी अचानक मेरी अम्मी ने मुझे देख लिया तो बोली अरे अलीशा तू बुर चोदी कहाँ थी अभी तक ? इधर आ मेरे सामने। तेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है और तू चुप चाप देख रही है। चल लौड़ा निकाल मेरी चूत से और चाटना शुरू कर दे। मैं थोड़ा रुकी तो उसने खुद लण्ड बाहर निकाला और मेरे मुंह में घुसेड़ दिया। बोली पहले तू लण्ड मुंह में लेना सीख ले फिर बुर में लेना। अब उसे क्या मालूम की मैं सब कुछ पहले ही सीख चुकी हूँ। मैंने लण्ड मुंह में लिया और चूसने लगी। अम्मी ने मेरे कपड़े उतारे और कहा लो मेरे देवर राजा अब चोद लो मेरी बेटी की बुर और पूरी कर ले अपनी हबस।
उस दिन अंकल ने मुझे अम्मी के सामने खूब चोदा। मैं अम्मी से पूरी तरह खुल गयी और दूसरे दिन मैंने अपने दो दोस्तों के लण्ड अम्मी के भोसड़ा में पेल दिया। मैंने कहा अरे अम्मी जान तू मुझे अनाड़ी न समझ। मैं आज तेरा भोसड़ा फाड़ डालूंगी। चोद डालूंगी तेरा मादर चोद भोसड़ा और तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर भी। मैंने अम्मी को एहसास करा दिया की मैं चोदने और चुदाने में उससे बढ़कर हूँ। अम्मी तो यह जानकार बड़ी ख़ुशी हुई। वह बोली अरी बुर चोदी अलीशा था की तू बहुत बड़ी चुदक्कड़ है. तेरी माँ की चूत। तेरी बहन की बुर ? आज तेरा दिन है कल मैं तेरी चूत का कीमा बना दूँगी अपने दोस्तों के लण्ड पेल पेल के ?
अब मैं तुम्हें अब्बू की बात बता रही हूँ। मेरा अब्बू अल्ताफ 46 साल का हट्टा कट्टा गोरा चिट्टा आदमी है। वह दाढ़ी मूंछ नहीं रखता इसलिए बड़ा स्मार्ट बना रहता है। उसका अपना बिज़नेस है और अच्छा बिज़नेस है। मैंने कई लोगों के मुंह से सुना है की अल्ताफ का लौड़ा बड़ा शानदार है, जबरदस्त है। मेरे मन में इच्छा हुई की क्यों न मैं भी अब्बू जान का लौड़ा देखूं ? इसलिए मैं उसका लण्ड देखने की कोशिश करने लगी। एक दिन मैंने उसे बाथ रूम ने नहाते हुए देखा। वह नंगा नंगा ही नहा रहा था। घर में कोई और नहीं था। दरवाजे में एक छोटा सा छेद था मैं उसी से अंदर का नज़ारा देख रही थी। लण्ड का सुपाड़ा बाहर लटक रहा था जो शायद 3" का होगा। मैं समझ गई की जब लण्ड खड़ा होगा तो गज़ब का दिखाई पड़ेगा। लेकिन अब मैं उसका खड़ा लण्ड देखूं कैसे ? यही सवाल था मेरे दिमाग में घूम रहा था। मैं रात को उठी और सोंचने लगी की अब्बू किसी न किसी की बुर जरूर चोद रहा होगा ?
मेरा अंदाज़ा सही निकला। बगल के कामे में अब्बू जान मेरी खाला का भोसड़ा चोद रहा था। लेकिन यहाँ भी एक दिक्कत आ गयी। लण्ड साला भोसड़ा में ही घुसा था। मैंने उसे देखती कैसे ? मैं लण्ड के बाहर आने का इंतज़ार करने लगी। आखिर कार लण्ड बाहर निकला तो मेरे मुंह से निकला इतना बड़ा लण्ड मादर चोद ? इतना खूबसूरत और सॉलिड लण्ड ? मैंने इसे अपनी तक पकड़ा क्यों नहीं ? इतने में खाला की बेटी भी आ गई। वह बुर चोदी मेरी ही उम्र की है। वह बोली अरे अम्मी जान तुम अकेले अकेले ही चुदवा रही हो। चलो हटो अब मैं चुदवाऊंगी। कितना बढ़िया लण्ड है अलीशा के अब्बू जान का ? इसे मेरी चूत में पेल दो अम्मी जान। खाला ने तुरंत लण्ड अपनी बिटिया की बुर में घुसेड़ दिया। यह देख कर मेरी झांटें सुलगने लगीं। मैं सूंचने लगी की अब्बू मेरा अब्बू का लंडमेरा और मज़ा ये लूट रही है भोसड़ी वाली। इसकी तो माँ की चूत ? अब आज के बाद मैं देखती हूँ की कोई कैसे बिना मेरे पूंछे मेरे अब्बू के लण्ड पर हाथ लगाता है। मैं उसकी माँ चोद डालूंगी। लेकिन मैंने अपने पर कण्ट्रोल रखा और माँ बेटी दोनो की चुदाई देखती रही।
दूसरे दिन रात को मैं अब्बू के कमरे में घुस गई। वह नंगे बदन लेटा तह। एक लुंगी पहने था। उसने अंदर से लण्ड का उभार साफ़ साफ़ मालूम पड़ रहा था। मैं समझ गयी की उसका लण्ड खड़ा है और इधर मेरी भी चूँचियाँ तनी हुई थीं। मैंने बड़ी बेशर्मी से पूंछा अब्बू जान यह बताओ की तुम्हें खाला जान का भोसड़ा चोदने में ज्यादा मज़ा आया की उसकी बिटिया की बुर ? वह मेरे सवाल से थोड़ा असहज हो गया। मैंने तब मुस्कराकर उसका लण्ड ऊपर से ही दबाकर कहा अब्बू जान क्या खाला की बेटी की बुर मेरी बुर से ज्यादा अच्छी है बहन चोद ? क्या उसकी बुर मेरी बुर से ज्यादा टाइट है ? तुझे मेरी बुर नहीं दिखाई पड़ती सिर्फ उसकी बुर ही दिखाई पड़ती है ? ऐसा बोल कर मैंने उसकी लुंगी खोल दी और लण्ड पकड़ कर सहलाने लगी। लण्ड तन कर खड़ा हो गया। मैंने प्यार से लण्ड की कई चुम्मियाँ ली तो लण्ड और गुर्राने लगा। मैंने फिर लण्ड मुँह में लिया और मस्ती से चूसने लगी। लण्ड की झांटें नहीं थीं और पेल्हड़ चिकने थे तो मैं पेल्हड़ भी चाटने लगी। अब्बू को मज़ा आने लगा और फिर मैंने लण्ड अपनी दोनों चूँचियों के अंदर पेला और मज़ा करने लगी। वह भी मजे से मेरी चूँचियाँ चोदने लगा और मैं लण्ड का सुपाड़ा जबान निकाल कर चाटने लगी। वह सिसियाने लगा और बोला बेटी अलीशा मैं झड़ जाऊंगा मैंने कहा तो झड़ जा न ? मैं सब पी जाऊंगी और मैं सच में सब पी भी गई। यह पहला मौक़ा था जब की मैंने अब्बू के लण्ड के स्वाद लिया।
एक दिन मुझे मालूम हुआ की मेरा निकाह होने वाला है। जिससे निकाह तय हुआ वह मेरी अम्मी जान का सबसे छोटा भाई जान है यानी मेरा मामू जान. वह दुबई में रहता है इसीलिए आजतक मैं उसका लण्ड नहीं पकड़ पाई। बाकी सारे मामू जान का लण्ड पकड़ती भी हूँ और उनसे चुदवाती भी हूँ। निकाह अगले हफ्ते होने वाला था। अम्मी जान ने बताया की अलीशा अब तू मेरी भाभी जान बन जाएगी और मैं तेरी नन्द ? मैंने मजाक में कहा नहीं अम्मी जान तू मेरी बुर चोदी कहलाएगी। मैं तेरी बुर चोदी भाभी बनूंगी। मेरा अब्बू तो मेरा नंदोई हो जायेगा ? अब तो मैं अम्मी का चोदूँगी भोसड़ा और अब्बू का चोदूँगी लण्ड ? तब तक अब्बू भी आ गया। मैंने कहा अब्बू जान अब तो मेरा तेरा चोदा चोदी का रिस्ता हो गया है। अब तो मैं चोदूँगी तेरा लण्ड ? तेरे लण्ड पे बैठूंगी। तेरा लण्ड उखाडूँगी। तेरा लण्ड भूनूंगीं अपनी चूत में डाल कर। अब तेरी बेटी की बुर नहीं रही अब तो वह तेरे साले की बीवी की बुर हो गयी है।
मेरी उत्तेजना दिन पर दिन बढ़ने लगी। मैंने अपनी सुहागरात में ही अपनी अम्मी का भोसड़ा चुदवा डाला। मैंने पेल दिया अपने ही मियां का लण्ड अम्मी की चूत में ? हुआ यह की मेरी सुहागरात की जिम्मेदारी मेरी छोटी नन्द पर थी। उसी ने सब इंतज़ाम किया था। वह भी मुझसे ५ साल बड़ी थी। रात को जब मेरा चोद रहा था तो मेरा अम्न हुआ की क्यों न मैं नन्द की बुर में भी किसी का लण्ड पेलूं। फिर अचानक मुझे ध्यान आया की मेरी अम्मी जान तो खुद ही मेरी नन्द हैं तो उसे क्यों न बुलाया जाए। मेरा शौहर मुझे चोद कर चला गया। मैंने अपनी छोटी नन्द को बुलाया और कहा तेरा शौहर कहाँ हैं ? वह बोली वह तो तेरे शौहर से साथ ही निकला है। मैंने कह ठीक है तुम मेरी अम्मी जान को बुला दो। जब तक अम्मी जान आईं तब तक मेरा शौहर अपने बहनोई के साथ आ गया। पहले तो कुछ बात चीत हुई। मुझे छोटा नंदोई भी पसंद आ गया। मैं उसका लण्ड अपनी बुर पेलने का प्लान बनाने लगी। तब तक मैंने अपने शौहर का लण्ड पकड़ा और अपनी अम्मी जान के भोसड़ा में घुसा दिया।अब एक भाई जान बुर चोदने लगा। ऐसा हमारे समाज से अक्सर होता है। फिर अम्मी ने मेरे छोटे नंदोई का लण्ड मेरी चूत मे घुसा दिया। हम दोनों माँ बेटी अब नन्द भौजाई बन कर चुदवाने लगीं।
मैंने कहा - आज तेरा भोसड़ा फाड़ कर ही दम लूंगी मेरी बुर चोदी नन्द रानी।
अम्मी बोली - आज मैं भी तेरी ये बुर चोदी बुर चीर डालूंगी मैं, भाभी जान ?
इस तरह रात भर हम दोनों लण्ड अदल बदल कर चुदवाती रहीं। दूसरे दिन रात को में देखा की मेरी अम्मी जान अपने देवर से चुदवा रहीं हैं। मेरी नज़र अचानक अपने अब्बू पर गई। वह भी किसी से बैठा हुआ बातें कर रहा था। इतने में मेरी चची जान की बेटी आ गई।
- वह बोली यार अलीशा तेरी सुहागरात कैसे रही ?
- मैंने कहा हां यार बहुत अच्छी रही, बड़ा मज़ा आया।
- मुझे मालूम हुआ है की तूने अपनी सुहागरात में अपनी माँ चुदवा ली। वह अपने शौहर से ?
- हां चुदवा ली तो क्या हुआ ? मेरी अम्मी जान अब मेरी नन्द है और नन्द की बुर में लण्ड पेलना भाभी का हक़ है और मैंने अपने हक़ का इस्तेमाल किया। अब किसी की बुर फटे या फिर किसी की गांड में दर्द हो तो मैं क्या करूं ?
- यार तेरा अब्बू फिर तो मेरा भी नंदोई हुआ क्योंकि तू मेरी बहन ही है न ?
- हां बिलकुल हुआ। तो फिर तुम भी चोदो मेरे अब्बू का लण्ड।
- यार मन तो है तेरे सामने ही तेरे अब्बू का लण्ड चोदने का ?
- तो फिर बुलाओ अपने शौहर को मैं उसका लण्ड तेरे सामने चोदूँगी।
मैंने अब्बू जान से कहा - आओ मेरी नंदोई जी। आज आये हो मेरी गिरफ्त में। आज मैं तेरे लण्ड की सवारी करूंगी। नंदोई का लण्ड तो सबसे प्यारा होता है भाई जान के लिए। मैं तेरे साले की बीवी हूँ इसलिए तुम मुझे चोदने का हक़ रखते हो ? मुझे खुले आम चोद सकते हो पर मैं भी तुझे और तेरे लण्ड को खुले आम चोद सकती हूँ। तेरे लण्ड की बहन का भोसड़ा नंदोई जी ?
रात का समय था और रात को औरतें एकदम रंडी बन जातीं हैं। मैं एक रंडी की तरह उसका पाजामा खोला ,लण्ड निकाला और मस्ती से हिलाने लगी। उधर मेरी नन्द अपने मियां का लण्ड हिला हिला कर मज़ा करने लगी। मैं अपने नंदोई का लण्ड पीने लगी और मेरी नन्द अपने मियां का लण्ड। हम दोनों नंगी थीं। वे दोनों भी नंगे थे। मैं तो फिर अपने नंदोई यानी अपने अब्बू के लण्ड पर चढ़ बैठी और मेरी छोटी नन्द अपने मियां के लण्ड पर बैठ गयी। मैं मस्ती से अब्बू जान का लण्ड चोदने लगी। अपनी गांड उठा उठा के अब्बू के लण्ड पर पटकने लगी। यही काम मेरी नन्द भी करने लगी। लण्ड चोदने के बाद मैं नीचे उतरी तो अब्बू मुझे पीछे से चोदने लगा , मुझे और ज्यादा मज़ा आने लगा। इतने में मेरी नन्द ने अपने मियां का लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया और मेरे अब्बू का लण्ड अपनी चूत में पेल लिया। उसकी नज़र तो मेरे अब्बू जान के लण्ड पर पहले से। वह मेरे अब्बू से चुदवाने लगी और बोली - हाय मेरी अलीशा भाभी जान मुझे लौं होता की तेरे अब्बूओ का लण्ड इतना मोटा तगड़ा है तो मैं बहुत पहले इससे चुदवा लेती और अपनी माँ के भोसड़ा में पेल देती इसका लण्ड ?
मैंने कहा - अभी क्या हुआ ? तू आज ही अपनी माँ के भोसड़ा में पेल सकती है मेरे अब्बू का लण्ड। ऐसी मस्तानी बातें करती हुई हम दोनों खूब मस्ती चुदवा रही थीं।
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