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मौलाना करते है सबसे ज्यादा महिलाओ की चुदाई - Maulana sabse jyada sex karte hai
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बेटी नफीसा तू एक बात अच्छी तरह समझ ले की ये जो मौलाना होतें है ये भोसड़ी वाले बहुत हरामी होतें है और एक नंबर से चोदू होतें हैं। ये सब बड़ी बेशर्मी से और बड़ी बेरहमी से बुर चोदते हैं। इन्हे ज़िन्दगी में कुछ नहीं चाहिए सिर्फ चूत चाहिए चूत, बुर चाहिए बुर, भोसड़ा चाहिए भोसड़ा ? ये तो मादर चोद अपनी बहू बेटियों की बुर में भी लण्ड पेलते रहते हैं और दूसरों को भी मशविरा देतें हैं की अपनी बहू बेटियों को चोदने में कोई हर्ज़ नहीं है। कई जवान लड़कियां, कई नई नवेली बीवियां, कई औरतें इनसे चुदवाने आतीं हैं और फिर ये लोग खूब हचक हचक कर उन्हें चोदते हैं। इसलिए और लोगों के मुकाबले मौलाना ज्यादा लण्ड पेलते हैं, बेटी। ये मौलाना सिर्फ लुंगी पहनते हैं नीचे कुछ नहीं। लगभग नंगे ही रहतें हैं। मौका पाकर लुंगी हटा के चोदने में जुट जातें हैं. पजामा का तो नाड़ा खोलने में टाइम लगता है लेकिन लुंगी खोलने में कोई टाइम नहीं लगता। सीधे सीधे लण्ड निकाला और पेल दिया बस । ये भोसड़ी वाले लड़कियां अपने अगल बगल बैठाते हैं जो इनका लण्ड अंदर ही अंदर सहलातीं रहतीं हैं। इनके लण्ड हमेशा खड़े रहतें हैं.
इतना ही नहीं हालाला करने में भी ये सब हरामजादे बहुत आगे रहतें हैं। किसी की बीवी को रात भर के लिए अपनी बीवी बनाते हैं और फिर उसे रात भर खूब धकाधक चोदते हैं, उसके बाद तलाक दे देतें हैं। कुछ मौलाना तो इतने हमारी होतें है की रात भर चोदने के बाद भी तलाक नहीं देते । कई दिनों तक चोदते रहतें हैं और जब मन भर जाता तब तलाक देते हैं। बड़ी बड़ी लड़कियां / औरतें / बीवियां इनके चक्कर के इसलिए फंस जातीं हैं की इनके लण्ड बड़े बड़े होतें हैं, मोटे तगड़े और बड़ी देर तक चोदने वाले होते हैं। घोड़े के लण्ड जैसे होतें हैं इनके लण्ड। चुदाने में सच में बड़ा मज़ा आता है। ये साले पहले ही चूत ढीली कर देतें हैं, चूत का पानी निकाल देतें है और उसके बाद ही झड़ते हैं।
इसलिए मैं कहती हूँ की लण्ड अक्सर मौलाना का पेला करो बेटी चाहे तेरी बुर हो, तेरी माँ की बुर हो या फिर और किसी की बुर हो।
मैंने कहा - अरे अम्मी जान तुमने तो मौलाओं के लण्ड की तारीफ करके मेरी चूत की आग भड़का दी है। अब इस बुर चोदी बुर की आग बुझायेगा कौन ?
अम्मी ने कहा - अरी नफीसा आग तो मेरी भी चूत की बुरी तरह भड़क गयी थी जब मुझे मेरी सहेली ने मौलाना के लण्ड के बारे में बताया था। यह उन दिनों की बात है जब मेरा निकाह हो चुका था और मैं ससुराल से अपने माईके आयी थी।
मैंने कहा - तो फिर तूने क्या किया था ? अपना भोसड़ा चुदवाया था किसी मौलाना से की नहीं ? तेरी आग बहन चोद कैसे ठंढी हुई ?
अम्मी बोली - अरी माँ की लौड़ी भोसड़ी वाली नफीसा, पूरी बात तो सुन पहले फिर बताऊंगी की मैंने क्या किया था ? किसने मेरी चूत की आग बुझाई और कैसे बुझाई ? मैंने अपनी सहेली से कहा यार मुझे उसका घर बताओ उसका नाम बताओ मैं अभी जाती हूँ और उससे चुदवाकर कर आती हूँ। वह बोली यार तुझे बड़ी जल्दी है चुदवाने की। मैंने कहा मुझे नहीं मेरी चूत को जल्दी है यार ये बुर चोदी अपने आगे किसी की नहीं सुनती। उसने कहा नाम है उसका बरकत अली और वह बड़ी मस्जिद के बगल में ही रहता है। मैं तो फ़ौरन उसक पास पहुँच गयी. फिर मुझे अंदर बलाया गया। मैंने जब उसे देखा तो मस्त हो गयी। वह साला लंबा चौड़ा गोरा चिट्टा था लगभग 50 साल का मरद था काली काली दाढ़ी थी। उसके बगल में एक लड़की लगभग नंगी नंगी बैठी थी. वह अपना हाथ लुंगी के अंदर डाल कर मौलाना का लण्ड सहला रही थी।
मैंने कहा मेरा नाम अफ़साना है मैं आपसे अकेले में मिलना चाहती हूँ। वह बोला ठीक है पर मैं अकेला ही हूँ। ये तो ज़ाहिरा बेगम है हलाला करवाने आयी है। मैं तो इसे रात भर चोदूंगा। तुम अपनी बात बताओ। मैंने साफ साफ़ कहा की मुझे आपके लण्ड के बार में मालूम हुआ तो मैं गरम हो गयी। मैं भी चुदवाने ही आयी हूँ। वह बोला तो आओ बगल में बैठो। मैं बैठ गयी। उसन कहा अपने सारे कपडे उतार डालो और मुझे अपना नंगा जिस्म दिखाओ। मैं नंगी हो गयी। फिर उसने ज़ाहिरा के कहा लो ज़ाहिरा तुम मेरा लण्ड इसे पकड़ा दो और तुम भी नंगी होकर इसकी बुर चाटो ताकि ये अच्छी तरह गरम हो जाए। ज़ाहिरा ने मुझे लण्ड पकड़ाया तो मेरे तो होश उड़ गए। इतना बड़ा, लम्बा मोटा लण्ड मैंने पहली बार देखा था। मैंने लण्ड पकड़ लिया और वह नंगी होकर मेरी बुर चाटने लगी। मैं भी लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। वह साला अंदर से नंगा ही था। उसकी लुंगी गई तो मादर चोद नंगा नंगा मेरे सामने खड़ा हो गया।
ज़ाहिरा के मुँह में मेरी चूत और मेरे मुंह में मौलाना का लण्ड, मौलाना के हाथ में ज़ाहिरा की चूँची। बड़ा मस्त माहौल बन गया। उसने कुछ देर में लण्ड मेरी चूत में टिकाया। मैंने अल्ला का नाम लिया और जब उसने पेलना शुरू किया तो मेरी जान निकली जा रही थी लेकिन मज़ा भी खूब आ रहा था। लण्ड जब पूरा घुस गया तो वह बोला अफ़साना अच्छा लग रहा हैं तुझे ? और पेलूँगा तो तेरी बुर फट जाएगी। मैंने कहा मादर चोद तू पूरा घुसेड़ दे अपना लण्ड मेरी चूत की परवाह न कर ? फटती है तो फट जाने दे ? वह बोला अरे वाह तू तो मेरी बेटी की तरह बातें कर रही है ? मैंने कहा क्या तू अपनी बेटी की भी बुर चोदता है। वह बोला हां चोदता हूँ। और वह बड़े मजे से चुदवाती है। हमारे यहाँ सभी बेटियां अपने बाप से चुदवाती हैं। हमारे समाज में कोई किसी की भी बुर चोद सकता है। फिर उसने जब मेरी बुर चोदना शुरू किया तो सच में मुझे ज़न्नत का मज़ा आने लगा। बहुत बढ़िया चोद रहा था वह मेरी बुर ? इस तरह मैंने बुझाई अपनी चूत की आग बेटी नफीसा।
- मैंने कहा - तो मैं क्या करूं मेरी बुर चोदी अम्मी जान ?
- तब तक किसी ने कहा - लौड़ा पेलो किसी मौलाना का अपनी चूत में और क्या ? मैंने पीछे देखा तो वह मेरी खाला की बेटी रिया थी।
- उसने फिर कहा - अरी नफीसा तेरी अम्मी ठीक ही कह रही हैं। किसी मौलाना का लण्ड घुसेड़ ले अपनी चूत में। मैंने भी अक्सर मौलाना से चुदवाती हूँ। मेरी अम्मी तो मौलाना के लण्ड की दीवानी है। उसका जब भी मन होता है वह चल देती है अपनी गांड उठा के चुदवाने।
- मैंने कहा - तो फिर तू ही बता दे उसका नाम और पता। मैं जाऊँगी और फड़वा के आऊंगी अपनी बुर।
- वह बोली - एक तो मेरा ससुर ही है भोसड़ी का। मौलाना हो गया है। सबकी बीवियों का हलाला करता है। खूब मजे से सबकी बहू बेटियां चोदता हैं। अल्ला के नाम पर खूब अय्यासी करता है।
- मैंने पूंछा -अरे यार उसके लण्ड के बारे में बताओ न ?
- वह बोली - लण्ड तो ऐसा है की तेरी बुर एक ही बार में भोसड़ा बन जाएगी।
- मैंने कहा - तो फिर बुला ले न इसे और फड़वा दे मेरी चूत।
- वह बोली - अरे यार वह मेरे साथ ही आया है। अभी तो वह मेरी बड़ी भाभी की बुर चोद रह है। रात में मैं उसे तेरे पास भेज दूँगी। तो अभी मैं क्या करूं ?
- अम्मी ने कहा अभी तू अपने चचा जान से चुदवा ले उसका भी लण्ड 9" का है बिलकुल, मौलाना बरकत अली के लण्ड की तरह।
अम्मी ने चाचा जान को बुला लिया और मैं उससे चिपक गयी। उसने भी मुझे अपनी छाती से चिपका लिया। मैंने कहा हाय मेरे चचा जान मुझे चोदो। मैं बहुत चुदासी हूँ। मैंने उसके पजामा का नाड़ा खोल डाला और लण्ड पकड़ कर सहलाने लगी। वह भी मेरी चूँचियाँ दबाने लगा। मेरी अम्मी सामने बैठी थीं।खाला की बेटी रिया जा चुकी थी। मैं फिर एकदम नंगी हो गई और चचा जान भी नंगा हो गया। मैंने पहली बार उसका लण्ड देखा तो बोली बाप रे बाप इतना बड़ा लण्ड ? इतना मोटा लण्ड ? मैंने कहा चचा जान तुम भी मौलाना बन जाओ न ? वह बोला मैं मौलाना ही हूँ बेटी नफीसा। मैंने दाढ़ी नहीं रखाई है बस। तब तक अम्मी जान बोली अरी नफीसा इसका लण्ड बिलकुल मौलाना ले लण्ड जैसा है। ये भी हलाला करता है और सबकी बहू बेटियां चोदता है। अपनी बेटियां भी चोदता है। आज तुम्हे चोदने में इसे बड़ा मज़ा आएगा।
मैंने उसका लौड़ा मुंह में ले लिया और मस्ती से चूसने चाटने लगी। लौड़ा सच में बड़ा शानदार था। वह मेरी चूत चाट रहा था। मैंने कहा - हाय मेरे चचा जान पूरी जबान घुसेड़ के चाटो मेरी चूत। बड़ा अच्छा लग रहा है। तेरा लौड़ा भी मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है । तूने मुझे पहले क्यों नहीं पकड़ाया लण्ड ? वह बोला मुझे मालूम ही नहीं हुआ की तू कब जवान हो गयी। अगर मालूम होता तो मैं तुझे पहले ही चोद लेता। फिर उसने लण्ड मेरी चूत में घुसाया और चोदने लगा। मेरी चूत चुदी हुई थी तो ज्यादा दर्द नहीं हुआ लेकिन हां थोड़ा तो हुआ। मैं रंडी की तरह गाली बकती हुई चुदवाने लगी।
मैंने कहा - चचा जान तेरी बुर चोदी भाभी का भोसड़ा ? तेरी भाभी की बिटिया की बुर ? देखो न कितनी बेशर्मी से अपनी बेटी की बुर चुदवा रही है। हाय रे जल्दी जल्दी चोदो मेरे राजा। मैं अपनी गांड उठा उठा के बोल रही थी। तेरी बहन का भोसड़ा चचा जान। तेरा लण्ड भोसड़ी का बहुत बड़ा चोदू है यार। फिर उसने मुझे अपने लण्ड पे चोदा और मेरे ऊपर चढ़ के चोदा। मेरी अम्मी को मेरी चुदाई देखने में बड़ा मज़ा आ रहा था। मैं इस बात पर फक्र महसूस कर रही थी की मेरे कुनबे में ही इतने बड़े बड़े लण्ड हैं। कुछ देर बाद जब लण्ड झड़ने लगा तो मैंने उसे पिया और सुपाड़ा चाट चाट कर मज़ा लिया।
शाम को रिया अपने ससुर को लेकर हमारे पास आ गयी। मैं उससे पहली बार मिल रही थी लकिन मेरी अम्मी
जान उसे जानती थीं। वह पहले उससे कई बार मिल चुकी थी। कुछ देर में खाला भी आ गयी और उसके साथ उसका उसका बेटा समी भी था। उधर से चचा जान का बीटा तारिक़ भी आ गया और सबसे बड़ी बात यह थी की एमी ने एक उसका नाम था मौलाना अब्दुल वाहिद। फिर क्या ? महफ़िल जम गई। हो गयी। मैं और मेरी अम्मी जान दोनों ड्रिंक्स की बड़ी शौक़ीन हैं। और चुदाने के पहले थोड़ा नशा होना जरुरी है। मस्ती छाने लगी और चुदाई का माहौल बनने लगा। मजे की बात यह थी की मैं किसी भी मरद का लंदभी तक देखा नहीं था इसलिए मेरी उत्तेजना बढती ही जा रही थी। मैं हर रोज़ नए लण्ड पकड़ना चाहती हूँ। यह मेरी तमन्ना है। रिया का ससुर असलम मुझे बुरी निगाहों से देख रहा था और मैं भी उसे कटीली नज़रों से देख रही थी। अम्मी जान शायद खाला के बेटे के लण्ड के चक्कर में थीं। वह जवान हो चुका था। रिया शायद चचा जान के बेटे तारिक़ के लण्ड के बारे में सोंच रही थी और खाला जान अब्दुल के बारे में। हम सब अपने अपने शिकार में लगी हुईं थीं. मुझसे रहा न गया।
मैं भोसड़ी वाली अब तक बेशरम तो हो ही चुकी थी। इसलिए मैंने पहल की और उठ कर अपने कपडे खोलने लगी। बस दो मिनट में ही मैं मादर चोद बिल्कुल नंगी हो गयी। रिया ने भी अपने कपड़े उतार दिया। मैंने इधर उसके ससुर के लण्ड पर हाथ रख दिया तो उसने चचा के बेटे तारिक़ के लण्ड पर। मैं असलम को नंगा किया तो रिया ने तारिक़ को । मैं बड़े प्यार से उसके ससुर का लण्ड सबके सामने हिलाने लगी और रिया तारिक़ का लौड़ा चूम कर हौले हौले ऊपर नीचे करने लगी। अम्मी जान ने समी को नंगा करके उसके लण्ड से खेलने लगी और खाला जान मौलाना को नंगा करके उसका लौड़ा अपनी नंगी चूँचियों पर फिराने लगीं।
हम लोग अपने अपने हाथ का लण्ड चाटने और चूसने में जुट गयीं और वो लोग हमारी चूत चाटने में हमारी चूँचियाँ दबाने में और हमारे चूतड़ों पर हाथ फेरने में जुट गए। हमारी गाड़ सहलाने में जुट गए। अब बन गया बुर चोदने का चकाचक माहौल। सबसे पहले खाला के बेटे समी ने लण्ड मेरी अम्मी के भोसड़ा में पेल दिया। वह मेरी माँ का भोसड़ा चोदने लगा। उसकी अम्मी यानी खाला अपने बेटे को उसकी बहन की बुर चोदते हुए देख कर खुश होने लगी। उसे लगा की अब मेरा बेटा जवान हो गया है और अब तो बुर क्या अब तो वह भोसड़ा भी चोद लेता है। रिया बुर चोदी आगे खसकि और तारिक़ का ळंदपनी चूत में घुसा लिया। वह भी रिया की ही उम्र का था। उसे भी नयी ताज़ी बुर मिली तो उसे ज्यादा मज़ा आने लगा। रिया को भी नया ताज़ा लण्ड मिला तो वह भी खुश हो गयी।
खाला ने जैसे ही अब्दुल का लौड़ा अपने भोसड़ा में पेलवाया तो उसकी बेटी रिया बोली वॉवो अम्मी जान तेरा भोसड़ा बहन चोद बहुत गहरा है ? देखो न कितनी फुर्ती से मौलाना का पूरा लौड़ा खा गया। मौलाना साला कुत्ते की खाला की बुर चोदने में लग गया। रिया के ससुर से भी लण्ड मेरी चूत में घुसाया तो मज़ा आया। मैंने मन में कहा की अम्मी ठीक ही कह रही थी की मौलाओं के लण्ड बड़े बड़े होते हैं और मोटे भी। वो भोसड़ी वाले बड़ी देर तक बुर चोदते रहतें हैं।
रिया ने कहा - देख नफीसा तेरी बुर चोदी माँ चुद रही है।
मैंने कहा - चुद तो तेरी भी माँ रही है भोसड़ी वाली रिया और आगे भी मैं तेरी माँ चोदती रहूंगी। सभी मरद साले बड़े जोश में थे इसलिए सबकी चूत का बाजा अच्छी तरह बज रहा था। चोदने वाले भी जोश में थे और चुदाने वालियां भी। चुदाई का ऐसा नज़ारा बहुत कम देखने को मिलता है। इतने में समी ने लण्ड मेरी अम्मी के बुर से निकाला और खाला की बुर में पेल दिया। वह मादर चोद अपनीही माँ का भोसड़ा चोदने लगा वह भी सबके सामने। खाला भी मस्ती से चुदवाने लगी। मैं यह नज़ारा पहली बार देख रही थी की कोई बेटा अपनी ही माँ चोद रहा है और माँ भी बड़े मजे से चुदवा रही है। मेरी नज़रों ने सवाल किया तो खाला ने कहा अरे नफीसा यही तो खुबसुरतीहै हमारे समाज की यहाँ कोई भी किसी की बुर में लण्ड पेल सकता है फिर वह बुर चाहे माँ की ही क्यों न हो ? ऐसा तो करीब करीब हर घर में होता है । उधर रिया का ससुर रिया की बुर लेने लगा यानी वह अपनी बहू की बुर चोदने लगा। अम्मी चचा जान के बेटे तारिक़ से चुदवाने लगी। और मैं मौलाना अब्दुल का लण्ड अपनी चूत में पेले हुए उचक उचक कर चुदवाने लगी।
तो दोस्तों ये है जवानी में चुदाई का असली मज़ा।
=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त
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