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लॉट्री से बीवियों की अदला बदली - Lotri se biwiyon ki adla badli karke chudai
मेरा नाम है रॉकी और मेरी बीवी का नाम है मिसेज अंजलि। मेरी शादी 5 साल पहले हो गई थी और शादी के तुरंत बाद मैं अमेरिका चला गया। मैंने वहां जल्दी ही एक एडल्ट क्लब ज्वाइन कर लिया। इत्तिफाक से वह क्लब "wife swapping" का क्लब था। मैं दूसरों की बीवियां चोदने लगा और अपनी बीवी दूसरों से चुदवाने लगा। यह काम हम लोग पूरे 5 साल तक करते रहे। जब हम लोग वापस आये तो मुझे दूसरों की बीवियां चोदने की तलब लगी थी पर कोशिश करने पर भी मिल कोई नहीं रही थी। मेरी बीवी दूसरों से चुदवाने के लिए तड़प रही थी पर उसे चोदने वाला कोई मिल नहीं रहा था।
फिर मैंने धीरे धीरे अपने दोस्तों से बात करनी शुरू की। दोस्तों की बीवियों से बात करना शुरू किया तो मुझे रास्ता मिल गया. एक दिन एक दोस्त की बीवी से खुल कर बात करने लगा। उसका नाम था मिसेज बरखा तिवारी। पहले तो मैंने अपने अमेरिका की बातें की. वहां के रहन सहन की बातें बताईं और फिर मैंने वह क्लब वाली बात भी बता दी।
उसकी बड़ी बड़ी मस्त चूँचियाँ मुझे बहुत अच्छी लग रहीं थीं। मैंने उन्हीं के बीच में घुसा दिया। और फिर जबान से कभी इस तरह की निपल चूस लेता कभी उस तरह का निपल। मुझे बरखा भाभी नंगी नंगी बहुत ही हॉट और सेक्सी लग रहीं थीं। बहुत दिनों के बाद किसी पराई बीवी चोदने का मौक़ा मिल रहा था तो मैं बहुत ही जोश में था। मैं झुक कर उसकी चूत चाटने लगा और वह मेरा लण्ड। हम दोनों 69 की पोजीशन में काफी देर तक आनंद लेते रहे। वह बोली यार रॉकी आज कई दिनों के बाद मुझे कोई मोटे लण्ड वाला मर्द मिला है। आज इसे अंदर घुसेड़ कर बड़ी दूर तक मेरी बुर चोदो। मेरी शादी के अभी 3 साल हुए हैं और मुझे इतना बढ़िया लण्ड पहले कभी नहीं मिला। मैं तो तेरे लण्ड की गुलाम हो गयी हूँ। ऐसा बोल कर वह कभी मेरे लण्ड का टोपा चाटती और कभी मेरे पेल्हड़ ?
मैं पूरे ताव में था तो लण्ड पूरा का पूरा उसकी बुर में घुसा दिया । लण्ड साला बड़ी दूर तक अंदर घुसता चला गया। वह भी आह ऊँह उई माँ मर गयी मैं सब कहने लगी। उसके बाद वह अपनी गांड से जोर लगाने लगी तो मुझे चोदने में और मज़ा आने लगा। मैं उसे अपनी बीवी और विदेशी लोगों की बीवी समझ कर चोदने लगा। वह बोली यार रॉकी तुम मेरे सच्चे हसबैंड हो मुझे चोदो। मैं तेरी बीवी हूँ मुझे चोदो। मैं तेरी रंडी हूँ मुझे चोदो। मैं तेरी रखैल हूँ मुझे चोदो। मैं तेरी प्रेमिका हूँ मुझे चोदो। मैं तेरे लण्ड की दीवानी हूँ मुझे चोदो। मेरी चोदने की स्पीड बढ़ती गयी और वह इसी तरह मुझे उत्तेजित करती गयी। मैं चोदता मालूम हो गाय की भाभी की चूत ढीली हो गयी है। मैं भी मुकाम पर आने ही वाला था। मैंने कहा भाभी अब मैं भी ,,,,,,. वह मुड़ी और मेरे लण्ड का सड़का मारने लगी। मुझे उसका सड़का मारना बहुत बहुत अच्छा लगा। फिर उसने मेरा झड़ता हुआ लण्ड जिस मस्ती से चाटा वह मुझे हमेशा याद रहेगा। मैंने कहा भाभी जी मुझे आज चोदने में सच में बड़ा मज़ा आया। वह बोली ये देशी चूत है मज़ा देती ही है ? ,,,,,,,,,,,,,,,,,
बरखा भाभी अपने वादे की पक्की निकली। दूसरे दिन वह मेरे घर अपने हसबैंड अशोक के साथ आ गयी। उधर मैंने अपनी बीवी अंजलि को सब कुछ बता दिया था। हम दोनों में बहुत अच्छी समझदारी है। वह जब किसी से चुदवाती है तो मुझे बता देती है और मैं जब किसी को चोदता हूँ तो उसे बता देता हूँ। उधर बरखा ने भी अपने हसबैंड को सब बता दिया था। अंजलि अशोक को देख कर खुश हो गयी और अशोक अंजलि को देख कर। बस अंजलि ने ड्रिंक्स चालू कर दी। शराब पीते पीते बरखा ने कहा अशोक मैंने तुम्हें बताया था की कल मैंने अंजलि के पति रॉकी से चुदवाया था। तो आज तुम मेरे सामने रॉकी की बीवी चोदो। अंजलि बिचारी बहुत दिनों से किसी ग़ैर मरद से चुदवाने के लिए तड़प रही है। ऐसा कह कर बरखा भाभी ने अंजलि का हाथ पकड़ कर अपने पति के लण्ड पर रख दिया। अंजलि तो चाहती यही थी। उसने मुस्कराते हुए लण्ड पकड़ लिया। इतने में बरखा ने अंजलि के कपड़े उतार कर उसे पूरी तरह नंगी कर दिया।
अंजलि ने अशोक को नंगा कर दिया और झुक कर उसका लण्ड चाटने चूसने लगी। अशोक मेरी बीवी के नंगे बदन को सहलाने लगा। उसकी चूँचियाँ दबाने लगा और उसकी चूत, चूतड़ और गांड सहलाने लगा। अशोक ने अपनी बीवी का हाथ मेरे लण्ड पर रख दिया और कहा बरखा तुम इसका लण्ड चाटो। वह बोली मैं तो इसका लण्ड कल चाट चुकी हूँ। अशोक बोला तो क्या हुआ ? आज तुम इसका लण्ड मेरे सामने चाटो। आज फिर रॉकी तुम्हें मेरे सामने चोदेगा। मैं यह सुनकर अंदर से गनगना उठा। बीच बीच में दारू चलती रही तो नशा अपना काम करने लगा था। कुछ ही पल में हम चारों लोग नंगे हो गए। मेरी बीवी अशोक का लण्ड चूसने लगी और उसकी बीवी मेरा लण्ड चूसने लगी। उसके बाद अशोक ने लण्ड जब मेरी बीवी की बुर में पेला तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था। उसकी इच्छा आज पूरी हो रही थी। मैं एक बार फिर बरखा भाभी की बुर चोदने लगा वह भी उसके पति के सामने। मुझे लगा की मैं अमेरिका में ही हूँ।
अशोक बोला - यार रॉकी मैं अपने दो दोस्तों की बीवियां चोद चुका हूँ और आज भी चोदता हूँ। मेरी बीवी मेरे उन्हीं दोस्तों से चुदवा चुकी है और आज भी चुदवाती है। लेकिन जो मज़ा मुहे तेरी बीवी चोदने में आ रहा है वो पहले कभी नहीं आया। मेरी बीवी भी तेरे लण्ड का मज़ा खूब लूट रही है।
मैंने कहा - हां यार मुझे भी बरखा भाभी की बुर चोदने में असली मज़ा आ रहा है जो मुझे कल भी आया था जब मैं उसे चोद रहा था. अब तो मैं भाभी की बुर आगे भी लेता रहूंगा. आखिर में जब मेरी बीवी ने अशोक का झड़ता हुआ लण्ड पिया और लण्ड का टोपा चाटा तो अशोक मस्त हो गया। उसके बाद हम दोनों एक दूसरे की बीवी बहुत दिनों तक चोदते रहे। फिर धीरे धीरे कुछ और कपल जुड़ते चल गए और अब एक बड़ा सा ग्रुप बन गया जैसा की अमेरिका में था। लेकिन एक बात पक्की है की जो मज़ा हमें देशी बीवियां चोदने में आता है वह मज़ा विदशी बीवियों को चोदने में नहीं आता।
चोदते समय जो गन्दी गन्दी बातें और प्यार से गाली गलौज करतीं हुई बीवियां अपनी देशी भाषा में बोलतीं हैं उससे और जोश बढ़ता है। ये सब विदेश में कहाँ मिलता ?
- बरखा भाभी बोली - हाय दईया वहां ये सब खुल कर होता है ?
- मैंने कहा - हां भाभी जी वहां सब लोग बीवियों की अदला बदली का खूब एन्जॉय करतें हैं। किसी को कोई शर्म नहीं, कोई डर नहीं, कोई संकोच नहीं।
- तो क्या लोग आमने सामने ही एक दूसरे की बीवी के साथ सोते हैं।
- हां भाभी जी हां, वहां तो लोग पराये मर्दों को अपने सामने अपनी बीवी के साथ सुलाते हैं।
- बाप रे बाप खुल कर बताओ न यार। शर्माने की कोई बात नहीं। मैं सब साफ़ साफ जानना चाहती हूँ। क्या वहां की बीवियां पराये मर्दों के आगे नंगी हो जातीं हैं ? क्या वे पराये मर्दों के लण्ड पकड़ लेतीं हैं।
- हां बिलकुल पकड़ लेतीं हैं भाभी जी। दौड़ कर पकड़ लेतीं हैं। वहां के लोग अपनी बीवियां अपने सामने पराये मर्दों से चुदवातें हैं और खूब एन्जॉय करतें हैं। वीडियो बनाते हैं और फिर घर में भी देखतें हैं।
- तो फिर तुमने भी कई बीवियां चोदीं होंगी और तेरी बीवी ने भी कई लोगों से चुदवाया होगा ?
- हां मैंने भी कई बीवियां चोदीं हैं भाभी जी और मेरी बीवी ने भी मेरे सामने कई लोगों से चुदवाया है। वह तो मुझसे ज्यादा कई लोगों से बड़ी बेशर्मी से चुदवाती थी।
- तुमने तो मेरी चूत में आग लगा दी है यार रॉकी ? देखो आज मेरा हसबैंड नहीं है। आज तुम मुझे चोद कर दिखाओ। मैं जानना चाहती हूँ की तुम दूसरे की बीवी कैसे चोदते हो ?
उसकी बड़ी बड़ी मस्त चूँचियाँ मुझे बहुत अच्छी लग रहीं थीं। मैंने उन्हीं के बीच में घुसा दिया। और फिर जबान से कभी इस तरह की निपल चूस लेता कभी उस तरह का निपल। मुझे बरखा भाभी नंगी नंगी बहुत ही हॉट और सेक्सी लग रहीं थीं। बहुत दिनों के बाद किसी पराई बीवी चोदने का मौक़ा मिल रहा था तो मैं बहुत ही जोश में था। मैं झुक कर उसकी चूत चाटने लगा और वह मेरा लण्ड। हम दोनों 69 की पोजीशन में काफी देर तक आनंद लेते रहे। वह बोली यार रॉकी आज कई दिनों के बाद मुझे कोई मोटे लण्ड वाला मर्द मिला है। आज इसे अंदर घुसेड़ कर बड़ी दूर तक मेरी बुर चोदो। मेरी शादी के अभी 3 साल हुए हैं और मुझे इतना बढ़िया लण्ड पहले कभी नहीं मिला। मैं तो तेरे लण्ड की गुलाम हो गयी हूँ। ऐसा बोल कर वह कभी मेरे लण्ड का टोपा चाटती और कभी मेरे पेल्हड़ ?
मैं पूरे ताव में था तो लण्ड पूरा का पूरा उसकी बुर में घुसा दिया । लण्ड साला बड़ी दूर तक अंदर घुसता चला गया। वह भी आह ऊँह उई माँ मर गयी मैं सब कहने लगी। उसके बाद वह अपनी गांड से जोर लगाने लगी तो मुझे चोदने में और मज़ा आने लगा। मैं उसे अपनी बीवी और विदेशी लोगों की बीवी समझ कर चोदने लगा। वह बोली यार रॉकी तुम मेरे सच्चे हसबैंड हो मुझे चोदो। मैं तेरी बीवी हूँ मुझे चोदो। मैं तेरी रंडी हूँ मुझे चोदो। मैं तेरी रखैल हूँ मुझे चोदो। मैं तेरी प्रेमिका हूँ मुझे चोदो। मैं तेरे लण्ड की दीवानी हूँ मुझे चोदो। मेरी चोदने की स्पीड बढ़ती गयी और वह इसी तरह मुझे उत्तेजित करती गयी। मैं चोदता मालूम हो गाय की भाभी की चूत ढीली हो गयी है। मैं भी मुकाम पर आने ही वाला था। मैंने कहा भाभी अब मैं भी ,,,,,,. वह मुड़ी और मेरे लण्ड का सड़का मारने लगी। मुझे उसका सड़का मारना बहुत बहुत अच्छा लगा। फिर उसने मेरा झड़ता हुआ लण्ड जिस मस्ती से चाटा वह मुझे हमेशा याद रहेगा। मैंने कहा भाभी जी मुझे आज चोदने में सच में बड़ा मज़ा आया। वह बोली ये देशी चूत है मज़ा देती ही है ? ,,,,,,,,,,,,,,,,,
बरखा भाभी अपने वादे की पक्की निकली। दूसरे दिन वह मेरे घर अपने हसबैंड अशोक के साथ आ गयी। उधर मैंने अपनी बीवी अंजलि को सब कुछ बता दिया था। हम दोनों में बहुत अच्छी समझदारी है। वह जब किसी से चुदवाती है तो मुझे बता देती है और मैं जब किसी को चोदता हूँ तो उसे बता देता हूँ। उधर बरखा ने भी अपने हसबैंड को सब बता दिया था। अंजलि अशोक को देख कर खुश हो गयी और अशोक अंजलि को देख कर। बस अंजलि ने ड्रिंक्स चालू कर दी। शराब पीते पीते बरखा ने कहा अशोक मैंने तुम्हें बताया था की कल मैंने अंजलि के पति रॉकी से चुदवाया था। तो आज तुम मेरे सामने रॉकी की बीवी चोदो। अंजलि बिचारी बहुत दिनों से किसी ग़ैर मरद से चुदवाने के लिए तड़प रही है। ऐसा कह कर बरखा भाभी ने अंजलि का हाथ पकड़ कर अपने पति के लण्ड पर रख दिया। अंजलि तो चाहती यही थी। उसने मुस्कराते हुए लण्ड पकड़ लिया। इतने में बरखा ने अंजलि के कपड़े उतार कर उसे पूरी तरह नंगी कर दिया।
अंजलि ने अशोक को नंगा कर दिया और झुक कर उसका लण्ड चाटने चूसने लगी। अशोक मेरी बीवी के नंगे बदन को सहलाने लगा। उसकी चूँचियाँ दबाने लगा और उसकी चूत, चूतड़ और गांड सहलाने लगा। अशोक ने अपनी बीवी का हाथ मेरे लण्ड पर रख दिया और कहा बरखा तुम इसका लण्ड चाटो। वह बोली मैं तो इसका लण्ड कल चाट चुकी हूँ। अशोक बोला तो क्या हुआ ? आज तुम इसका लण्ड मेरे सामने चाटो। आज फिर रॉकी तुम्हें मेरे सामने चोदेगा। मैं यह सुनकर अंदर से गनगना उठा। बीच बीच में दारू चलती रही तो नशा अपना काम करने लगा था। कुछ ही पल में हम चारों लोग नंगे हो गए। मेरी बीवी अशोक का लण्ड चूसने लगी और उसकी बीवी मेरा लण्ड चूसने लगी। उसके बाद अशोक ने लण्ड जब मेरी बीवी की बुर में पेला तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था। उसकी इच्छा आज पूरी हो रही थी। मैं एक बार फिर बरखा भाभी की बुर चोदने लगा वह भी उसके पति के सामने। मुझे लगा की मैं अमेरिका में ही हूँ।
अशोक बोला - यार रॉकी मैं अपने दो दोस्तों की बीवियां चोद चुका हूँ और आज भी चोदता हूँ। मेरी बीवी मेरे उन्हीं दोस्तों से चुदवा चुकी है और आज भी चुदवाती है। लेकिन जो मज़ा मुहे तेरी बीवी चोदने में आ रहा है वो पहले कभी नहीं आया। मेरी बीवी भी तेरे लण्ड का मज़ा खूब लूट रही है।
मैंने कहा - हां यार मुझे भी बरखा भाभी की बुर चोदने में असली मज़ा आ रहा है जो मुझे कल भी आया था जब मैं उसे चोद रहा था. अब तो मैं भाभी की बुर आगे भी लेता रहूंगा. आखिर में जब मेरी बीवी ने अशोक का झड़ता हुआ लण्ड पिया और लण्ड का टोपा चाटा तो अशोक मस्त हो गया। उसके बाद हम दोनों एक दूसरे की बीवी बहुत दिनों तक चोदते रहे। फिर धीरे धीरे कुछ और कपल जुड़ते चल गए और अब एक बड़ा सा ग्रुप बन गया जैसा की अमेरिका में था। लेकिन एक बात पक्की है की जो मज़ा हमें देशी बीवियां चोदने में आता है वह मज़ा विदशी बीवियों को चोदने में नहीं आता।
चोदते समय जो गन्दी गन्दी बातें और प्यार से गाली गलौज करतीं हुई बीवियां अपनी देशी भाषा में बोलतीं हैं उससे और जोश बढ़ता है। ये सब विदेश में कहाँ मिलता ?
फिर मैंने अशोक और उसकी बीवी बरखा के साथ मिलकर एक "wife swapping club" बना लिया। आजकल हम लोग एक जगह पर एक दूसरे की बीवियां चोदते हैं। हमें भी मज़ा आता है और हमारी बीवियों को भी। जब हमारे क्लब में कई कपल हो गए तो हम लोग नए नए सेक्स के खेल निकालने लगे। आजकल लगभग 14/15 कपल हैं लेकिन सब कपल हर शनिवार को आ नहीं पाते। लेकिन हां बहुत सारे आ भी जातें हैं। जी हां हमारे क्लब में हर शनिवार और रविवार को बीवियों की खुले आम अदला बदली होती है और लोग एक दूसरे की बीवियां खुले आम चोदते हैं। सबके सामने चोदते हैं।
इस बार हमने एक नया खेल रखा। हमने कहा देखो भई हर बार यह होता ही की आज कौन किसकी बीवी चोदेगा ? कौन किससे हसबैंड से चुदवायेगी ? पहले हम लोग आपस में तय कर लेते थे पर आज इसकी लाटरी निकाली जाएगी। लाटरी में जिसका नाम आएगा वही उसकी बीवी चोदेगा। फिर मैंने सब मर्दों के नाम की पर्ची बना ली और एक डिब्बे में रख दिया। ऊपर किसी को मालूम नहीं की कौन किसके नाम की पर्ची है। फिर एक एक करके सबकी बीवियों को बुलाया जायेगा और वो सब एक एक पर्ची उठायेंगीं। जिसने जिसके नाम की पर्ची उठाई वही उसे चोदेगा। शर्त यह थी की सबकी बीवी पर्ची उठाने एकदम नंगी नंगी आएगी. बदन पर एक भी कपड़ा नहीं होगा। अब मैं आपको बता दूँ की आज कौन कौन से कपल आएं हैं।
बीवियों को बुलाने का काम शेखर को दिया गया। उसने सबसे पहले मेरी बीवी का नाम बुलाया। मेरी बीवी अंजलि नंगी नंगी आयी और उसने एक पर्ची उठाई। जब उसने उसे खोला तो नाम पढ़ा। नाम था पवन। इसका मतलब आज सबसे पहले पवन मेरी बीवी चोदेगा। फिर रागिनी को बुलाया गया। उसकी पर्ची में साहिर का नाम निकला। साहिर आज सबसे पहले रागिनी की बुर लेगा। फिर रूचि को बुलाया गया। उसने पर्ची उठाई तो उसमें लिखा था शेखर। यानी आज पहले शेखर रूचि की बुर चोदेगा। फिर सिमरन आयी। उसने जो पर्ची उठाई उसमे लिखा था रॉकी। यानी मैं पहले सिमरन की बुर में लण्ड पेलूगा और उसे धकाधक चोदूंगा। फिर बबली को बुलाया गया और उसने अशोक के नाम की पर्ची उठा ली। अब अशोक शेखर की बीवी चोद कर मज़ा लेगा। फिर बरखा भाभी आयीं उसने पर्ची उठाई तो राही का नाम आया। अब राही अशोक की बीवी चोदेगा। वंदना ने जो पर्ची उठायी उसमे राजा का नाम आया। राजा बड़ा खुश हो गया क्योंकि अब वह पहले पवन की बीवी चोदेगा। आखिर में महक बची तो उसके हक़ में बलवंत का नाम आना ही था। वह बबली के हसबैंड से चुदवायेगी।
हमने जब आठ आठ बीवियों को एकदम नंगी देखा तो हम लोगों के लण्ड साले अपने आप खड़े हो गए। हमारी उत्तेजना की सीमा न थी। आदमी अपनी ज़िन्दगी में कोई एक परायी बीवी नंगी देख ले तो वह अपने आपको लकी मानता है और यहाँ हम लोग सात सात पराई बीवियां नंगी नंगी देख रहें हैं। और देख ही नहीं रहें हैं अभी तो इन सब बीवियों को चोदूँगा भी। इसकी बुर में, इनके मुंह में लौड़ा पेलूँगा। यही सब सोंच सोंच कर हम सब मरद अपने आपको बड़े शौभाग्यशाली मान रहे थे।
इतने में ये सब बीवियां उन लोगों के पास चली गयी जिसमे इनका नाम लिखा था। जातें ही ये सब उन लोगों के कपडे उतारने लगी और उन्हें नंगा करने लगीं. देखते ही देखते सारे मर्द नंगे हो गए। सबके लण्ड साले पहले से ही खड़े थे। पराई बीवी का हाथ लगा तो लण्ड बहन चोद और तन कर खड़े हो गए।
एक साथ आठ आठ खड़े लण्ड देख कर बीवियां भी मस्त हो गई। सबकी चूत अपनी आप गीली हो गयी। मोटे तगड़े लण्ड देख देख कर सबकी जबान लपलपाने लगी। बीवी अपनी ज़िन्दगी में किसी एक पराये मर्द का लण्ड देखती है या पकड़ लेती है तो अपने आपको धन्य मानती है यहाँ तो वह आठ आठ लण्ड देख रही है। और वह यह भी सोंच रही है की ये सारे लण्ड मैं मुंह में भी लूंगी, चूत में भी लूंगी, चूँचियों में भी घुसेड़ूँगी और अपने पूरे नंगे बदन पर भी घुमाऊँगी। हो सका तो गांड भी मरवा लूंगी। ऐसा मौका बार बार कहाँ आने वाला है। आज चुदाई का असली मज़ा मिलेगा।
फिर क्या ? सबकी बीवियां पराये मरद का लण्ड पकड़ कर हिलाने लगीं, चूमने और चाटने लगी , पेल्हड़ की भी चुम्मियाँ लेने लगीं और लण्ड की झांटों पर उंगलियां फिराने लगीं।
थोड़ी देर तक ओरल सेक्स, ब्लोजॉब और चूमा चाटी होती रही। उसके बाद अचानक चुदाई शरू हो गयी। पवन ने मेरी बीवी अंजलि की बुर में लौड़ा पेल दिया और वह बेहिचक धकाधक चोदने लगा जैसे वह मेरी बीवी नहीं बल्कि उसी की बीवी हो। फिर राही अशोक की बीवी के ऊपर चढ़ बैठा और अपना लण्ड पूरा घुसा कर चोदने लगा। उसकी बीवी बरखा भाभी तो चुदवाने में बड़ी मस्त है तो वह अपनी गांड उठा उठा के सबके सामने चुदवाने लगी। साहिर जो एक मुस्लिम था उसने अपना लण्ड राजा की बीवी रागिनी की चूत में घुसेड़ दिया। उसे रागिनी की बुर बड़ा मज़ा देने लगी। परायी बीवी की बुर पहली बार बड़ा मज़ा देती है। राजा यह देख कर पवन की बीवी वंदना की चूत में पेल दिया लण्ड। वंदना भाभी मस्ती से चुदवाने लगीं. शेखर राही की बीवी रूचि की बुर लेने लगा तो बलबंत साहिर की बीवी चोदने लगा।
मैंने अपना लण्ड बलवंत की बीवी की बुर में घुसेड़ रखा था। मुझे बलवंत की बीवी चोदने में अपार आनंद आने
लगा। अशोक शेखर की बीवी चोदने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहा था। वह शेखर की बीवी बबली की बुर को अपनी बीवी की बुर समझ कर दनादन चोद रहा था। दूसरे की बीवी चोदना और अपनी बीवी चुदती हुई देखना सबकी भा रहा था। यही एक मौक़ा है जहाँ आप किसी और की बीवी चोदें और अपनी बीवी चुदते हुए देखें। ऐसी चुदाई का सीन बड़ी मुश्किल से मिलता है। बीवियां भी पराये मर्दों से चुदवाते हुए अपने अपने हसबैंड को किसी और की बीवी चोदते हुए देख कर मज़ा ले रही थीं। रूचि ने कहा मैं यही चाहती थी की मैं किसी और मरद से चुदवाऊँ और मेरे सामने ही मेरा पति किसी और की बीवी चोदे। आज मेरी तमन्ना पूरी हो रही है। बबली बोली मैं तो अपने पति से कहती हूँ तुम पराई बीवियां चोदा करो और मुझे पराये मरदों से चुदवाया करो। मुझे ख़ुशी है की आज मेरा पति ऐसा ही कर रहा है। पूरे हॉल में चुदाई की गूंज रहीं थीं। मुझे और मेरी बीवी को ऐसी आवाज़ें बड़ी अच्छी लगतीं हैं। यही हम दोनों अमेरिका में भी करते थे। आज मुझे अमेरिका से ज्यादा यहाँ मज़ा आ रहा था। क्योंकि देशी भाभी और देशी भाभी की बुर दोनों ही मज़ा देतीं हैं। विदेशों में इस तरह की भाभियाँ और इस तरह की उनकी चूत उनकी चूँचियाँ कहाँ मिलती है ?
रागिनी भाभी ने कहा मैं तो बहुत दिनों से सोंच रही थी की पतियों की अदला बदली करके चुदाई की जाए तो कितना मज़ा आये ? मैंने अपनी पति से ज़िकर भी किया था। वह भी तैयार था। और आज देखो भगवान् ने मेरी इच्छा पूरी कर दी। आज मैं अपने पति के अलावा सात सात लोगों से चुदवाऊंगी। वंदना बोली हां यार जब ये सात साथ लण्ड एक एक करके मेरी चूत में घुसेंगें तो कितना मज़ा आएगा ? बबली ने कहा आज मैं पहली बार सामूहिक चुदाई में भाग ले रही हूँ। अब तो मेरा मन है की मैं हर दिन किसी पराये मरद से चुदवाती रहूं। इस तरह सब अपने अपने मन की बात कह रहीं थीं जिससे चुदाई में जोश और बढ़ता जा रहा था।
किसी ने ठीक ही कहा है की पराये मरद का लण्ड और परायी बीवी की बुर किसे नहीं अच्छी लगती ?
कोई ऊपर चढ़ कर चोद रहा था, कोई पीछे से चोद रहा था, कोई लेट कर पीछे से लण्ड पेल रहा था, कोई लण्ड पर बैठा कर चोद रहा था, कोई चूँचियाँ चोद रहा था, कोई लौड़ा मुंह में पेले हुए था, कोई लण्ड किसी की बीवी की गांड में घुसेड़े हुए था। सब लोग अपनी अपनी सहूलियत से चुदाई कर रहे थे। बीवियां भी पराये मरद के लण्ड का मज़ा लेने में पीछे नहीं थी। कोई बुर चुदवा रही थी, कोई गांड मरवा रही थी, कोई चूँचियाँ चुदवा रही थी, कोई लौड़ा मुंह में ले के अपना मुंह ही चुदवा रही थी, कोई लण्ड अपनी दोनों गदेलियों के बीच रख कर उसे मथानी की तरह मथ रही थी, कोई लण्ड का सड़का मार रही थी, कोई लण्ड पर प्यार से थप्पड़ मार रही थी, कोई लण्ड के पेल्हड़ चाट रही थी। सब अपनी अपनी मस्ती में चूर थीं ।
मरद की फितरत भी अजीब होती है। वह एक की बुर चोद तो रहा है पर जिसकी बुर वह नहीं चोद रहा है उसकी बुर चुदती हुई देख रहा है। ये हाल बीवियों का भी है। जो लण्ड उसकी चूत मे घुसा है उसको छोड़ कर उसकी नज़र उन लौंड़ों पर है जो किसी और की बुर चोद रहें हैं। लेकिन ख़ुशी सबके चेहरे पर झलक रही थी चाहे वह बीवी हो या मियां। इतने में अदला बदली फिर होने लगी।
राही ने मेरी बीवी की बुर में लौड़ा पेल दिया। साहिर ने अशोक की बीवी बरखा की बुर में लौड़ा घुसेड़ दिया। वंदना भाभी ने शेखर का लण्ड अपनी चूत में घुसा लिया। रूचि भाभी ने हाथ बढ़कर बलवंत का लण्ड अपनी बुर में पेला। महक ने मेरी तरफ हाथ बढ़ाया और मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी चूत में घुसा लिया। मैं एक मुस्लिम बीवी की बुर चोदने लगा। बलवंत की बीवी सिमरन अशोक से चुदवाने लगी। शेखर की बीवी बबली ने राजा का लण्ड अपने मुंह में घुसेड़ लिया और पवन राजा की बीवी रागिनी की चूँचियाँ चोदने लगा। इस तरह मज़ा एक अलग ही तरीके का आने लाग। लण्ड की अदला बदली हर बार एक नया मज़ा देती है।
बीवियों की अदला बदली का खेल सच में बड़ा मन मोहक होता है।
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इस बार हमने एक नया खेल रखा। हमने कहा देखो भई हर बार यह होता ही की आज कौन किसकी बीवी चोदेगा ? कौन किससे हसबैंड से चुदवायेगी ? पहले हम लोग आपस में तय कर लेते थे पर आज इसकी लाटरी निकाली जाएगी। लाटरी में जिसका नाम आएगा वही उसकी बीवी चोदेगा। फिर मैंने सब मर्दों के नाम की पर्ची बना ली और एक डिब्बे में रख दिया। ऊपर किसी को मालूम नहीं की कौन किसके नाम की पर्ची है। फिर एक एक करके सबकी बीवियों को बुलाया जायेगा और वो सब एक एक पर्ची उठायेंगीं। जिसने जिसके नाम की पर्ची उठाई वही उसे चोदेगा। शर्त यह थी की सबकी बीवी पर्ची उठाने एकदम नंगी नंगी आएगी. बदन पर एक भी कपड़ा नहीं होगा। अब मैं आपको बता दूँ की आज कौन कौन से कपल आएं हैं।
- मैं रॉकी और मेरी बीवी अंजलि
- अशोक और उसकी बीवी बरखा
- राजा और उसकी बीवी रागिनी
- पवन और उसकी बीवी वंदना
- राही और उसकी बीवी रूचि
- साहिर और उसकी बीवी महक
- बलवंत और उसकी बीवी सिमरन
- शेखर और उसकी बीवी बबली
बीवियों को बुलाने का काम शेखर को दिया गया। उसने सबसे पहले मेरी बीवी का नाम बुलाया। मेरी बीवी अंजलि नंगी नंगी आयी और उसने एक पर्ची उठाई। जब उसने उसे खोला तो नाम पढ़ा। नाम था पवन। इसका मतलब आज सबसे पहले पवन मेरी बीवी चोदेगा। फिर रागिनी को बुलाया गया। उसकी पर्ची में साहिर का नाम निकला। साहिर आज सबसे पहले रागिनी की बुर लेगा। फिर रूचि को बुलाया गया। उसने पर्ची उठाई तो उसमें लिखा था शेखर। यानी आज पहले शेखर रूचि की बुर चोदेगा। फिर सिमरन आयी। उसने जो पर्ची उठाई उसमे लिखा था रॉकी। यानी मैं पहले सिमरन की बुर में लण्ड पेलूगा और उसे धकाधक चोदूंगा। फिर बबली को बुलाया गया और उसने अशोक के नाम की पर्ची उठा ली। अब अशोक शेखर की बीवी चोद कर मज़ा लेगा। फिर बरखा भाभी आयीं उसने पर्ची उठाई तो राही का नाम आया। अब राही अशोक की बीवी चोदेगा। वंदना ने जो पर्ची उठायी उसमे राजा का नाम आया। राजा बड़ा खुश हो गया क्योंकि अब वह पहले पवन की बीवी चोदेगा। आखिर में महक बची तो उसके हक़ में बलवंत का नाम आना ही था। वह बबली के हसबैंड से चुदवायेगी।
हमने जब आठ आठ बीवियों को एकदम नंगी देखा तो हम लोगों के लण्ड साले अपने आप खड़े हो गए। हमारी उत्तेजना की सीमा न थी। आदमी अपनी ज़िन्दगी में कोई एक परायी बीवी नंगी देख ले तो वह अपने आपको लकी मानता है और यहाँ हम लोग सात सात पराई बीवियां नंगी नंगी देख रहें हैं। और देख ही नहीं रहें हैं अभी तो इन सब बीवियों को चोदूँगा भी। इसकी बुर में, इनके मुंह में लौड़ा पेलूँगा। यही सब सोंच सोंच कर हम सब मरद अपने आपको बड़े शौभाग्यशाली मान रहे थे।
इतने में ये सब बीवियां उन लोगों के पास चली गयी जिसमे इनका नाम लिखा था। जातें ही ये सब उन लोगों के कपडे उतारने लगी और उन्हें नंगा करने लगीं. देखते ही देखते सारे मर्द नंगे हो गए। सबके लण्ड साले पहले से ही खड़े थे। पराई बीवी का हाथ लगा तो लण्ड बहन चोद और तन कर खड़े हो गए।
एक साथ आठ आठ खड़े लण्ड देख कर बीवियां भी मस्त हो गई। सबकी चूत अपनी आप गीली हो गयी। मोटे तगड़े लण्ड देख देख कर सबकी जबान लपलपाने लगी। बीवी अपनी ज़िन्दगी में किसी एक पराये मर्द का लण्ड देखती है या पकड़ लेती है तो अपने आपको धन्य मानती है यहाँ तो वह आठ आठ लण्ड देख रही है। और वह यह भी सोंच रही है की ये सारे लण्ड मैं मुंह में भी लूंगी, चूत में भी लूंगी, चूँचियों में भी घुसेड़ूँगी और अपने पूरे नंगे बदन पर भी घुमाऊँगी। हो सका तो गांड भी मरवा लूंगी। ऐसा मौका बार बार कहाँ आने वाला है। आज चुदाई का असली मज़ा मिलेगा।
फिर क्या ? सबकी बीवियां पराये मरद का लण्ड पकड़ कर हिलाने लगीं, चूमने और चाटने लगी , पेल्हड़ की भी चुम्मियाँ लेने लगीं और लण्ड की झांटों पर उंगलियां फिराने लगीं।
थोड़ी देर तक ओरल सेक्स, ब्लोजॉब और चूमा चाटी होती रही। उसके बाद अचानक चुदाई शरू हो गयी। पवन ने मेरी बीवी अंजलि की बुर में लौड़ा पेल दिया और वह बेहिचक धकाधक चोदने लगा जैसे वह मेरी बीवी नहीं बल्कि उसी की बीवी हो। फिर राही अशोक की बीवी के ऊपर चढ़ बैठा और अपना लण्ड पूरा घुसा कर चोदने लगा। उसकी बीवी बरखा भाभी तो चुदवाने में बड़ी मस्त है तो वह अपनी गांड उठा उठा के सबके सामने चुदवाने लगी। साहिर जो एक मुस्लिम था उसने अपना लण्ड राजा की बीवी रागिनी की चूत में घुसेड़ दिया। उसे रागिनी की बुर बड़ा मज़ा देने लगी। परायी बीवी की बुर पहली बार बड़ा मज़ा देती है। राजा यह देख कर पवन की बीवी वंदना की चूत में पेल दिया लण्ड। वंदना भाभी मस्ती से चुदवाने लगीं. शेखर राही की बीवी रूचि की बुर लेने लगा तो बलबंत साहिर की बीवी चोदने लगा।
मैंने अपना लण्ड बलवंत की बीवी की बुर में घुसेड़ रखा था। मुझे बलवंत की बीवी चोदने में अपार आनंद आने
रागिनी भाभी ने कहा मैं तो बहुत दिनों से सोंच रही थी की पतियों की अदला बदली करके चुदाई की जाए तो कितना मज़ा आये ? मैंने अपनी पति से ज़िकर भी किया था। वह भी तैयार था। और आज देखो भगवान् ने मेरी इच्छा पूरी कर दी। आज मैं अपने पति के अलावा सात सात लोगों से चुदवाऊंगी। वंदना बोली हां यार जब ये सात साथ लण्ड एक एक करके मेरी चूत में घुसेंगें तो कितना मज़ा आएगा ? बबली ने कहा आज मैं पहली बार सामूहिक चुदाई में भाग ले रही हूँ। अब तो मेरा मन है की मैं हर दिन किसी पराये मरद से चुदवाती रहूं। इस तरह सब अपने अपने मन की बात कह रहीं थीं जिससे चुदाई में जोश और बढ़ता जा रहा था।
किसी ने ठीक ही कहा है की पराये मरद का लण्ड और परायी बीवी की बुर किसे नहीं अच्छी लगती ?
कोई ऊपर चढ़ कर चोद रहा था, कोई पीछे से चोद रहा था, कोई लेट कर पीछे से लण्ड पेल रहा था, कोई लण्ड पर बैठा कर चोद रहा था, कोई चूँचियाँ चोद रहा था, कोई लौड़ा मुंह में पेले हुए था, कोई लण्ड किसी की बीवी की गांड में घुसेड़े हुए था। सब लोग अपनी अपनी सहूलियत से चुदाई कर रहे थे। बीवियां भी पराये मरद के लण्ड का मज़ा लेने में पीछे नहीं थी। कोई बुर चुदवा रही थी, कोई गांड मरवा रही थी, कोई चूँचियाँ चुदवा रही थी, कोई लौड़ा मुंह में ले के अपना मुंह ही चुदवा रही थी, कोई लण्ड अपनी दोनों गदेलियों के बीच रख कर उसे मथानी की तरह मथ रही थी, कोई लण्ड का सड़का मार रही थी, कोई लण्ड पर प्यार से थप्पड़ मार रही थी, कोई लण्ड के पेल्हड़ चाट रही थी। सब अपनी अपनी मस्ती में चूर थीं ।
मरद की फितरत भी अजीब होती है। वह एक की बुर चोद तो रहा है पर जिसकी बुर वह नहीं चोद रहा है उसकी बुर चुदती हुई देख रहा है। ये हाल बीवियों का भी है। जो लण्ड उसकी चूत मे घुसा है उसको छोड़ कर उसकी नज़र उन लौंड़ों पर है जो किसी और की बुर चोद रहें हैं। लेकिन ख़ुशी सबके चेहरे पर झलक रही थी चाहे वह बीवी हो या मियां। इतने में अदला बदली फिर होने लगी।
राही ने मेरी बीवी की बुर में लौड़ा पेल दिया। साहिर ने अशोक की बीवी बरखा की बुर में लौड़ा घुसेड़ दिया। वंदना भाभी ने शेखर का लण्ड अपनी चूत में घुसा लिया। रूचि भाभी ने हाथ बढ़कर बलवंत का लण्ड अपनी बुर में पेला। महक ने मेरी तरफ हाथ बढ़ाया और मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी चूत में घुसा लिया। मैं एक मुस्लिम बीवी की बुर चोदने लगा। बलवंत की बीवी सिमरन अशोक से चुदवाने लगी। शेखर की बीवी बबली ने राजा का लण्ड अपने मुंह में घुसेड़ लिया और पवन राजा की बीवी रागिनी की चूँचियाँ चोदने लगा। इस तरह मज़ा एक अलग ही तरीके का आने लाग। लण्ड की अदला बदली हर बार एक नया मज़ा देती है।
बीवियों की अदला बदली का खेल सच में बड़ा मन मोहक होता है।
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