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मेरी चूत में आग लगी हुई है - Meri chut mein aag lagi huyi hai
खाला ने मेरी अम्मी से कहा :- दीदी तुम्हे मालूम है की ये सारी बेटियां रात भर बतलातीं रहीं। वैसे तो पता नहीं क्या क्या और कौन कौन सी बातें करतीं रहीं पर मेरे कानो में जो जो बातें आयीं हैं उससे साफ़ लगता है की इस बार ये सारी बेटियां बहन चोद अपनी माँ चुदाने आयीं हैं। अपनी अपनी माँ के भोसड़ा में लन्ड पेलने आयीं हैं। कल रात को मैं इन सबको माँ चुदाने की बातें करती हुई सुना है। अपनी सास और नन्द की चुदाई की बातें करती हुई भी सुना है। कोई तो कह रही थी की मैं नन्द की बुर चोद कर आयी हूँ। कोई कह रही थी की मैंने अपनी सास को गैर मरद का लन्ड हिलाते हुए देखा है। कोई कह रही थी की मेरे मियां के लन्ड से मोटा तो मेरे देवर का लन्ड है। किसी ने तो यह भी कहा की मैं अपने नंदोई का लन्ड पी कर आ रही हूँ। कोई अपनी सास का भोसड़ा चुदाने की बात कर रही थी। सबसे ज्यादा बात तो इस पर हो रही थी की किसका लन्ड कितना बड़ा है, कितना मोटा है और चोदने में कितनी देर तक ठहरता है ? चर्चा तो इस पर भी हुई की किसकी ससुराल में कौन कौन ग़ैर मर्दों से चुदवाती है ? यह भी सबने बताया की कौन कितने लन्ड से चुदवा कर आयी है ? उसमे मेरी बेटी थी, आपकी बेटी थी, मेरी नन्द की बेटी थी, मेरी जेठानी की बेटी थी। ये सब की सब शादी शुदा हैं। सब की सब अपनी अपनी ससुराल में अपनी अपनी सुहागरात मना मना कर आयीं हैं। सब भोसड़ी की कई कई बार चुदवा कर आयीं हैं। पता नहीं किस किस से चुदवाकर कर आयीं हैं। अब इनमे कोई शर्म तो है नहीं। जवानी भर पूर है इसीलिए ये सब रात भर लन्ड की ही बातें करतीं रहीं। अपने अपने मियां के लन्ड की बातें और अपनी अपनी ससुराल के लन्ड की बातें ? अब तो मुझे यकीन हो गया है दीदी की ये सब बेटियां चुदवाएगीं अपनी अपनी माँ का भोसड़ा। क्योंकि सब की सब अभी एकदम गरमागरम हैं। इनकी चूत की आग ससुराल जाकर भी ठंढी नहीं हुई है। ये सबकी सब बुर चोदी लन्ड की तलास में लग गयीं हैं। एक चिंगारी लगाने की जरुरत है की इन सबकी चूत में फिर देखो सबकी चूत धूं धूं कर जलने लगेगी।अगर मेरी बेटी ने मेरा भोसड़ा चुदवाया तो मैं चुप नहीं बैठूँगी। मैं उसे छोड़ूंगी नहीं चोद डालूँगी उसकी बुर बहन चोद ? मेरे अंदर भी आग उनकी आग से कम नहीं है दीदी।
मेरी अम्मी बोली :- अरी नज़राना तू तो बड़ी नसीबवाला है जो तुझे इतनी गरम गरम बातें सुनने को मिलीं। काश ! मुझे ऐसी बातें सुनने मौक़ा मिलता ? मैं तो कहती हूँ की इन बेटियों को खूब बातें करने दो और सुन सुन कर खूब मज़ा लो । माँ चुदायें हमारी ये भोसड़ी की बेटियां। अच्छा होता अगर तू एक टेप रिकार्डर रख देती तो हम लोग भी सुनकर मज़ा लेतीं। तूने ये सब बताया तो मेरा भी भोसड़ा साला धधकने लगा। मुझे भी लन्ड की याद आने लगी। मैं तो कहती हूँ की अगर हमारी बेटियां अपनी अपनी माँ चुदायें तो इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है ? मैं तो कहती हूँ की वो सब भोसड़ी वाली अपने अपने मियां का लन्ड हमारी चूत में पेलें तो कितना अच्छा हो। एक बात तो तय हैं की किसी न किसी का लन्ड तो घुसेड़ेंगीं ही अपनी माँ की चूत में ? बस देखना यह है की लन्ड किसका होगा ? या तो अपने मियां का लन्ड पेलेगीं या फिर अपने ससुराल वालों के लन्ड पेलेगीं या फिर उनके दोस्तों के लन्ड पेलेगीं। हमें क्या हमें तो लन्ड से मतलब। मैं तो कहती हूँ नज़राना की उन्हें अपनी माँ चुदाने के लिए और उकसाओ। उनकी गांड में दम किये रहो की वो सब जल्दी से जल्दी अपनी माँ का भोसड़ा चुदवायें।
खाला बोली :- हाय दीदी तुमने तो बहुत सही बात कही। आग तो मेरी चूत में भी खूब लगी है।
दोस्तों, मेरा नाम है परवीन और मेरी अम्मी का नाम है ज़ोहरा बेगम। मेरी खाला है नज़राना। मैं २५ साल की एक बिंदास लड़की हूँ। मैं खूबसूरत भी हूँ और बहुत सेक्सी भी। मैं १५ साल की उम्र से लन्ड पकड़ती आ रही हूँ। १७ साल में ही मैं लन्ड अपनी चूत में घुसा लिया था। यह बात मैंने किसी को बताई नहीं थी क्योंकि दर्द बहुत ज्यादा हुआ था। मैं जब १९ साल की हुई तब तो दनादन लन्ड घुसाने लगी अपनी चूत में। क्योंकि एक दिन मैंने अम्मी को किसी गैर मरद से चुदवाते हुए देख लिया था। उस दिन से मेरी हिम्मत बढ़ गयी थी। मैं बेशर्म हो गयी थी। मैंने सोंचा की अगर अम्मी कुछ कहेंगीं तो मैं भी कह दूँगी अम्मी तुम भी तो अंकलों से चुदवाती हो। कुछ हुआ भी ऐसा एक दिन मैं अपने पड़ोस के लकड़े का लन्ड चूस रही थी तो अम्मी ने देख लिया मगर यह कुछ बोली नहीं बल्कि मुझे सिखाया की लन्ड कैसे चूसा जाता है ?
उसके बाद वह बोली बेटी परवीन अब तू जवान हो गई है। माँ चुदाने वाली हो गयी तू भोसड़ी की। आज ही मैं तेरी चूत में लन्ड पेल कर देखूँगी की तू चुदवाने में कैसी है ? बस अम्मी ने जब मेरी चूत में लन्ड पेला तो मैं मस्त हो गयी। उसके बाद तो चुदाने का सिलसिला चल पड़ा। मैं अपनी माँ भी चुदाने लगी। मैंने कहा मेरी हरामजादी अम्मी मैं पेलूंगी लन्ड तेरे भोसड़ा में ? फिर तो हम दोनों खुल कर ऐय्यासी करने लगीं। एक दूसरे को गाली दे देकर मस्ती करने लगी और ज़िन्दगी एन्जॉय करने लगी। मेरी शादी अभी ३ महीने पहले हुई है। मैं ससुराल गयी तो वहां भी अपने देवर और जेठ से चुदवाने लगी। दोनों के लन्ड मेरे मन से निकले। मैंने सुना है की मेरे ससुर का लन्ड बहुत बड़ा और मोटा है। बस मेरी आँख उसके लन्ड पर लगी है। जिस दिन मौक़ा मिलेगा मैं उसके लन्ड पर चढ़ाई कर दूँगी और चोद डालूँगी उस मादर चोद का लन्ड।
मेरी खाला की बेटी का नाम है शमशुल, और फूफी की बेटी का नाम है तूबा। मेरी चची जान की बेटी का नाम है नमीरा। हम चारों कल बैठी हुई बातें कर रही थीं। शायद हमारी बातें खाला जान से सुन लीं थी। आज भी हम चारों बैठी हुई बातें कर रही हैं।
मैंने फूफी की बेटी तूबा से कहा यार तेरी ससुराल में क्या चल रहा है ? तू अपनी माँ से खुली है की नहीं ?
वह बोली यार मेरी माँ जैसी चुदक्कड़ औरत किसी और की माँ नहीं होगी। मैं जब जवान हुई तो उसने मेरे सामने गाली देना शुरू कर दिया। मेरे पड़ोसियों से लन्ड बुर चूत गांड भोसड़ा पेल्हड़ और झांट की बातें करना शुरू कर दिया। एक दिन मैं बाहर जाने लगी तो वह बोली भोसड़ी की तू अभी बच्ची है क्या ? अभी भी गुड़ियों से खेलती है क्या ? तेरी उम्र की लड़कियां तो अब लन्ड से खेलने लगीं है और तू वहीँ गांड मरा रही है अपनी ? अब उसे क्या पता की मैं दो साल से लन्ड से खेल रही हूँ। लन्ड मुंह में ले रही हूँ और चूत में भी। एक दिन अम्मी ने हद कर दी। मेरे सामने ही रफ़ी अंकल का लन्ड पकड़ लिया। मुझसे कहा बेटी तूबा तू रेज़र लेकर इसकी झांटें बना दे। लन्ड देख कर मेरी भी जबान लपलपाने लगी। मैं बेशर्म होकर झांटें अम्मी के सामने ही बनाने लगी। उसने कहा बेटी तूबा तू अब लन्ड अपनी माँ की चूत में घुसा दे। मैंने भी घुसा दिया लन्ड। तब वह बोली बेटी इसी को कहते हैं माँ चुदाना। ऐसे ही लन्ड तेरी सहेली सलमा अपनी माँ की चूत में पेलती है। फिर उसी दिन अम्मी ने मेरी चूत में लन्ड घुसेड़वा दिया। ससुराल में भी मैं २/३ लन्ड पेल कर आयी हूँ अपनी चूत में। मेरा कहना है की जब मौक़ा मिले तो लन्ड का मज़ा लूटो।
खाला की बेटी शमसुल ने कहा यार मेरी न पूंछो ? मैंने अपने हाथ से लन्ड अपनी माँ की चूत में पेला तो नहीं पर उसे गैर मर्दों से खुलेआम चुदवाते हुए देखा है। उस दिन घर में मैं और अम्मी थीं। तभी सादिक अंकल आ गए। अम्मी उससे बातें करते करते उसका लन्ड पकड़ लिया। उसे हिलाने लगी। मैंने देख लिया तो मैं उठ कर जाने लगी। तब अम्मी ने कहा शमसुल तू यहीं बैठ ये लन्ड बहन चोद मेरे लिए नहीं है। मैंने तो इसे जाने कितनी बार ले चुकी हूँ। ये लन्ड तेरे लिए है बेटी। अब तू जवान है और लन्ड पकड़ना लन्ड पेलना सीख ले नहीं तो जवानी का मज़ा ले नहीं पायेगी तू। कोई तुझे कौड़ी का भी नहीं पूंछेगा। यहाँ लड़की की कदर नहीं लड़की की बुर की कदर होती है। जो लड़की अच्छी तरह लन्ड पकड़ती है, चूसती है, अपनी चूत में पेलकर चुदवाती है उसकी ही वाहवाही होती है बाकी किसी को कोई नहीं पूंछता ? अब तू हो जा बिलकुल बेशर्म बुर चोदी शमसुल और लन्ड पीना शुरू कर दे। फिर मैं वाकई उससे बेशर्म हो गयी। मैं उसी दिन से खुल गयी। हालांकि मैं लन्ड पहले से ही पकड़ रही थी।
मैंने कहा :- यार अब तुम सब लोग ये बताओ की आगे क्या किया जाए ? तब तक खाला जान आ गयीं वो बोली माँ चुदाओ अपनी अपनी भोसड़ी वालियों ? अपनी ससुराल में अपनी नन्द की बुर चुदवाकर आयी हो, सास का भोसड़ा चुदवाकर आयी हो, जेठानी की चूत में लन्ड ठोंक कर आयी तो यहाँ माँ चुदाने में तुम लोगों की गांड क्यों फट रही है ? एक दूसरे की माँ चुदाओ। अपने अपने मियों के लन्ड पेलो। अपनी अपनी ससुराल के लन्ड पेलो। जवानी का मज़ा लो। तुम चारों ने अभी तक एक दूसरे के मियां का लन्ड देखा भी नहीं होगा ? तो फिर देर किस बात की ? मियां अदल बदल कर भकाभक चुदवाओ न। अपनी अपनी चूत की आग बुझाओ न ?
खाला जान ऐसा कह कर चली गयी। मैंने कहा यार खाला जान ने तो हमारी आँखें खोल दी। हम लोग आपस में "husband swapping" कर सकतीं हैं और एक दूसरे की माँ चुदा सकतीं हैं। घर की बात घर में ही रहेगी। घर के लन्ड घर की चूत। पेलो लौड़ा चोदो चूत ? खाला दौड़ी दौड़ी गयी और अम्मी से बोली हाय दीदी आग तो मैं लगा आयी हूँ सब बेटियों की चूत में। अब मुझे यकीन है की वो सब अपनी माँ जरूर चुदवाएगीं। आज रात को तो चुदाई का हंगामा होने वाला है। तब तक मैंने और खाला की बेटी शमसुल ने लीड ली और चुदाई का सारा इंतज़ाम कर दिया। मैंने सबको बता भी दिया की आज रात को चुदाई का जश्न होने वाला है। अम्मी खाला, फूफी, खाला की जेठानी सब की सब मस्त हो गयीं। वो सब सोंचने लगी की मेरी बेटी की बुर चोदने वाला लन्ड मेरी बुर चोदेगा तो कितना मज़ा आएगा ? और एक नहीं यहाँ तो ऐसे चार चार लन्ड हैं। चारों साले चोदेगें हमारी चूत तो ज़न्नत का मज़ा आएगा।
इधर हम सब यह भी सोंचने लगी की हम एक दूसरे के मियां से भी चुदवायें और एक दूसरे के अब्बू से भी चुदवायें। चूत में जब आग लगती है तो कोई रिस्ता नाता नहीं देखती ? यही हाल बहन चोद लन्ड का भी है। तभी तो मामू जान ने अपनी ही बेटी की बुर में घुसेड़ दिया था लन्ड। रात में सब बहन चोद रंडी हो जाती हैं। एक ही मकसद होता है की बस लन्ड पेलो अपनी चूत में।
मजे की बात यह हुई की हमारे कहने के मुताबिक सब लोग इकठ्ठा हो गये। हमने पहले शराब परोस दिया और सबके आधे से ज्यादा कपड़े उतार दिया। करीब करीब सब नंगे नंगी हो गयीं। चूंचियां तो सबकी खुल गयीं। कुछ की गांड और कुछ की चूत भी खुल गयी। कुछ लोगो के लन्ड खुल गये। कुछ के पेल्हड़ दिखने लगे और कुछ की झांटें। तब हमने यह सोंचा की पहले माँ चुदाने का काम जाए। मेरे बोलने के पहले खाला बोली हाय दईया परवीन तू भोसड़ी की बहुत बड़ी चालू लड़की है तूने ही इस सबको माँ चुदाने का आईडिया दिया है। मैंने कहा नहीं मेरी बुर चोदी खाला जान ये तो सब की सब पहले से अपनी माँ चुदवाती आ रहीं हैं। आज सब इकठ्ठा चुदवाएगीं इसका मज़ा है। आज तो सब अपनी माँ नहीं बल्कि एक दूसरे की माँ चोदेगीं। मैं तो सबसे पहले अपनी मियां का लन्ड तेरी चूत में पेलूंगी।
मेरा मियां मेरे बगल में भी बैठा था। मैंने उसका लन्ड निकाला और हिला हिला सबके सामने कर खड़ा कर दिया। उधर खाला की बेटी शमसुल ने अपने मियां का लन्ड निकाल कर खड़ा कर दिया। शमसुल ने लन्ड मेरी माँ चूत पर टिका दिया और मैंने अपने मियां का लन्ड खाला की चूत पर। शमसुल मेरी माँ चुदाने लगी और मैं उसकी माँ। तब तक तूबा ने अपने मियां का लन्ड नमीरा की माँ की चूत पर रख दिया और नमीरा ने अपने मियां का लन्ड तूबा की माँ चूत पर। वो दोनों भी एक दूसरे की माँ चुदवाने लगीं। चार भोसड़ा बहन चोद एक साथ चुदने लगे तो सबने तालियां बजाकर कर स्वागत किया। मेरी अम्मी और खाला दोनों इतनी मस्ती से खुल्लम खुल्ला चुदवाने लगीं जिसका कोई जबाब नहीं। कोई बाहर का तो था नहीं। सब घर के ही लोग थे। मस्ती सबको आ रही थी। यहाँ न किसी की चूत किसी से छिपी है और न किसी का लन्ड ? हां चारों दामादों के लन्ड पहली बार सबके सामने आएं हैं। इसलिए सबको ज्यादा मज़ाआ रहा है।
अम्मी बोली :- परवीन तेरी माँ की चूत ससुरी ये सब तेरा ही खेल है।
उधर खाला बोली :- बेटी शमसुल, तू भी खुलेआम अपनी माँ चुदवा रही है भोसड़ी की।
शमसुल बोली :- अम्मी, तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा।
खाला फिर बोली :- बेटी, तेरी माँ की बिटिया की बुर, बहन चोद. चुदवाने में शर्म कैसी ? खुदा ने ये चूत दी है चुदाने के लिए और लन्ड दिया है चोदने के लिए। उसी का हम सब इस्तेमाल करतीं हैं।
सामूहिक चुदाई जब होने लगती है तो एक दूसरे को गाली दे दे चुदाने में ज्यादा मज़ा आता है।
फूफी से न रहा गया. वह भी बोली हाय तूबा बेटी मुझे नहीं मालूम था की तू सबके आमने अपनी माँ चुदाएगी। तूबा ने जबाब दिया अम्मी जब चुदाना है तो छुपाना क्या ? मज़ा तो खुल कर चुदाने में ही है। बाकी लोग चोदा चोदी में नहीं थे लेकिन उनके लन्ड टन टना रहे थे। उनकी चूत लन्ड के लिए तड़प रहीं थीं। सब्र का बाँध टूटता जा रहा था। तभी मेरेअब्बू ने अपना लन्ड खाला की बेटी शमसुल को पकड़ा दिया। वह लन्ड पाकर बड़ी खुश हो गयी। उसे देख कर खालू ने मुझे पकड़ा दिया लन्ड। मैं उसका लन्ड चाटने और चूसने लगी। मैं भी बुरी तरह चुदासी हो गयी थी। तब मैंने देखा की फूफा का लन्ड साला गरज़ रहा है। वह भी किसी की चूत की तलास में है। मैंने इशारा किया तो उसने खाला की जेठानी की बेटी नमीरा के मुंह में ठेल दिया लन्ड। नमीरा पहले तो थोड़ा झिझकी मगर फिर मस्ती से चाटने लगी लन्ड। उधर खाला के जेठ का लन्ड भी हिनहिना रहा था। तब उसने तूबा की चूत नज़र आयी। उसने अपना लन्ड तूबा को पकड़ा दिया।
इस तरह चारों लड़कियां एक दूसरे के अब्बू से चुदवाने लगीं। घर साला बिलकुल रंडी खाना हो गया। जिधर देखो उधर लन्ड। जिधर देखो उधर चूत। घर पूरा चुदाई की आवाज़ों से गूंजने लगा।
खाला ने अम्मी से कहा - देखा दीदी मैंने कहा था न बेटियां किसी दिन अपनी माँ चुदायेगीं। ये सब भोसड़ी वाली अपनी माँ चुदाने हीआई हैं। पर एक बात है दीदी मुझे चुदाने में जितना मज़ा आज आ रहा है उतना मज़ा कभी नहीं आया। आज मुझे अच्छी तरह मालूम हुआ की आजकल की लड़कियां कैसे चुदवाती हैं। लन्ड का पूरा पूरा मज़ा लूटतीं हैं। अगर आज का ये जश्न नहीं होता तो मुझे कुछ भी नहीं मालूम होता।
अम्मी ने कहा - अरे नज़राना तुम्हे क्या मुझे भी नहीं मालूम होता। इसीलिए मैं कहती हूँ की आजकल हर लड़की को अपनी माँ चुदानी चाहिए।
तब फूफी बोली - हां भाभी, आज अगर बेटियां अपनी माँ चुदा रहीं हैं तो माँ भीअपनी बेटियां चुदा रहीं हैं। कुछ वो हमसे सीखती हैं और कुछ हम उनसे। इसलिए सामूहिक चुदाई बेहतर होती है।
मेरी अम्मी ने मजाक किया और कहा - हां मेरी नन्द रानी, तू तो है ही बहुत बड़ी बुर चोदी। तेरी बेटी की चूत और तेरी बहन का लन्ड ? अम्मी की गालियां सुनकर माहौल फिर गरमा उठा।
फूफी ने जबाब दिया - हां भाभी तेरी नन्द का भोसड़ा और नन्द की भाभी की चूत।
सबने चोदने की स्पीड बढ़ा दी। थोड़ी देर में एक एक करके लन्ड झड़ने लगे। उसके बाद सबने नंगे ही नंगे खाना खाया और खूब गन्दी गन्दी बातें की।
उधर अम्मी, खाला, फूफी और खाला की जेठानी एक दूसरे के मरद से भकाभक चुदवाने लगीं। रात भर घमाशान चुदाई होती रही।
=०=०=०=०=०=०= समाप्त
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