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अपने बाप को चुदाई के लिए मनाया - Apne Baap se chudne wali Beti
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मैं तेरे साले की बीवी हूँ अब्बू जान, तेरी सरहज हूँ मैं और तेरे आगे नंगी भी हूँ, मुझे चोदो। मैं तेरे लण्ड की दीवानी हूँ मुझे चोदो अब्बू जान नहीं तो मैं तेरे लण्ड पे बैठ कर तेरा भोसड़ी का लण्ड चोद डालूंगी। मैं बहुत बेशर्म, छिनार और चुदक्कड़ बीवी हूँ. मैंने ठान लिया है तो अब मैं तुमसे चुदवाकर ही दम लूंगी।
मैं तेरे साले की बीवी हूँ अब्बू जान, तेरी सरहज हूँ मैं और तेरे आगे नंगी भी हूँ, मुझे चोदो। मैं तेरे लण्ड की दीवानी हूँ मुझे चोदो अब्बू जान नहीं तो मैं तेरे लण्ड पे बैठ कर तेरा भोसड़ी का लण्ड चोद डालूंगी। मैं बहुत बेशर्म, छिनार और चुदक्कड़ बीवी हूँ. मैंने ठान लिया है तो अब मैं तुमसे चुदवाकर ही दम लूंगी।
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अरे यार अहाना, अब मैं तुझे क्या बताऊँ ? मेरी शादी हो जाने से मेरे रिश्ते कई लोगों के साथ चुदाई के रिश्ते हो गएँ हैं और मुझे नये नये लोगों से नये नये लण्ड से चुदवाने का पूरा मौक़ा मिल रहा है ? हर एक से कोई न कोई चुदाई का रिस्ता निकल ही आता है और तब मैं हाथ बढाकर उसका लौड़ा पकड़ लेती हूँ क्योंकि मैं मादर चोद बड़ी बोल्ड और बेशरम लड़की हूँ। अब देखो न मेरे रिश्ते अम्मी और अब्बू से भी चुदाई के हो गये हैं। मैं अब्बू के साले की बीवी हूँ तो मेरा अब्बू भोसड़ी का मेरा नंदोई हो गया। मेरी अम्मी बुर चोदी मेरी नन्द हो गई। अब बोलो मैं अपने नंदोई के लण्ड पर नहीं बैठूंगी तो फिर किसके लण्ड पे बैठूंगी। मैं अपनी नन्द का भोसड़ा नहीं चोदूँगी तो फिर किसका भोसड़ा चोदूँगी। दूसरी बात क्या मेरा नंदोई मेरी बुर नहीं चोदेगा ? वो तो दौड़ कर चोदेगा मेरी बुर ? क्या मैं लण्ड अपनी नन्द की बुर में नहीं पेलूँगी ? मैं तो दौड़ कर पेलूँगी और चोदूँगी अपनी नन्द का भोसड़ा ? मैं कहाँ रुकने वाली ? जब चोदा चोदी के रिश्ते बन ही गएँ है तो फिर चोदा चोदी क्यों न की जाए ? बेटी की बुर हो चाहे माँ का भोसड़ा आज तो सबकी बुर चोदी जाएगी ? बहनोई का लण्ड हो चाहे नंदोई का लण्ड ?
अहाना बोली - अरे यार ये तो हर घर की कहानी है। मैं तो बिना किसी चुदाई के रिश्ते से अपने अब्बू से चुदवा रही हूँ। एक बार उसका लण्ड खालू का लण्ड समझ कर पकड़ लिया था तबसे बेहिचक पकड़ती आ रही हूँ और अब तो मस्त सबके सामने चुदवाने भी लगी हूँ। अम्मी जान ने कहा बेटी इसमें कोई हर्ज़ नहीं है। जवानी में तुम कोई भी लण्ड और किसी का भी लण्ड पकड़ सकती हो। और अब देखिये मेरी शादी हो जाने से मेरा अब्बू मेरा जेठ बन गया है मेरी अम्मी जान मेरी जेठानी। अब मैं करीब करीब हर दिन जेठानी का भोसड़ा चोदती हूँ और अपने जेठ के लण्ड पे बैठती हूँ। यही तो हमारे समाज की खूबसूरती है यार। चाहे जिसका लण्ड पेल लो सब जायज़ है ? अहाना के जाने के बाद मैं सच में सोंचने लगी की वास्तव में ये हर घर की कहानी है इसीलिए मेरे कॉलेज के दिनों में लड़कियां अपनी माँ चुदाने की बातें करतीं थीं और अपने अब्बू जान के लण्ड और अपने भाई जान के लण्ड के बारे में भी बताया करतीं थीं।
मेरा नाम है आफ़िया। मैं 24 की हूँ मेरी कुछ दिन पहले ही शादी हुई है। मैं पढ़ी लिखी हूँ बोल्ड हूँ और मादर चोद बहुत बड़ी बेशरम और चुदक्कड़ हूँ. मैं किसी भी मरद के आगे नंगी हो सकती हूँ और किसी का भी लण्ड बेहिचक पकड़ सकती हूँ। मेरी अम्मी हैं शबाना और अब्बू का नाम है आदिल। वह 45 साल का है और एक मोटे तगड़े लण्ड का मालिक है। मेरा एक भाई जान है रौनक वह मेरे अब्बू की पहली बीवी की औलाद है। उसकी बीवी है सानिया जो मेरी भाभी जान हैं।
यह उन दिनों की बात है जब मेरी शादी होने वाली थी। एक दिन जब मैं घर पहुंची तो अब्बू के कमरे से कुछ आवाज़ सुनाई पड़ी। मैं झांक कर देखने लगी। मैंने जो देखा उसे देख कर दंग रह गई। मैंने देखा की अब्बू किसी की बुर भकाभक चोद रहा है। मैं जल्दी से अपने कपड़े बदल कर अब्बू के कमरे में बेहिचक घुस गयी। मैंने कहा अरे अब्बू जान ये क्या कर रहे हो ? तब तक मैंने उस लड़की को देख लिया तो कहा अरे सारू तू मेरे अब्बू से चुदवा रही है ? वह बोली हां यार आफ़िया मैं तेरे अब्बू से चुदवा रही हूँ। मुझे इसका लण्ड पसंद आ गया और मैं उस पर मर मिटी। यार आफ़िया तेरे अब्बू का लण्ड खुदा ने बहुत बढ़िया बनाया है। तब तक एक आदमी बाथ रूम से नंगा नंगा निकल आया तो मैंने कहा अरे अब्बू जान ये कौन है। अब्बू ने कहा ये मेरा दोस्त है ? मैंने पूँछा तो ये यहाँ क्या कर रहा है ? वह बोला ये इसकी माँ चोद रहा है। तो फिर इसकी माँ कहाँ है अब्बू जान ? वह बोला इसकी माँ अभी आती होगी। वह यही पास में ही गई है। तब तक वह आ गई। मैंने उसे देखा और कहा अरे आबिदा आंटी तुम यहाँ इन लोगों से ,,,,,,,,,,,,? वह बोली हां आफ़िया मैं तेरे अब्बू से चुदवाती हूँ और एक दिन मेरी बेटी ने मुझे इससे चुदवाते हुए देख लिया था तो इसने भी तेरे अब्बू का लण्ड पकड़ा और बोली मैं भी इससे चुदवाऊंगी अम्मी जान। मैं इसे रोक न सकी और हम दोनों इससे चुदवाने लगीं।
मैंने पूंछा तेरा ये दोस्त अब्बू जान ,,,,,,,,,,,,,, ? हां बेटी आफ़िया मैं इसकी बेटी चोदता हूँ क्योंकि इसकी बेटी मेरा लण्ड पीती है। इसलिए आज मैं इसे यहाँ ले आया और कहा चलो आज तुम मेरी दोस्त की बीवी चोदो और उसकी बेटी चोदो। इसलिए हम दोनों मिलकर माँ बेटी चोद रहें हैं।
मैंने अब्बू का लण्ड पकड़ा और कहा अच्छा मैं आज रात को बताऊंगी इसे ? तेरा लण्ड अगर इतना अच्छा है तो इसका फायदा सबसे पहले घर की बहू बेटियां उठाएँगीं। फिर मैंने उसके दोस्त का भी लौड़ा हाथ में लिया और कहा अंकल मैं भी तेरे दोस्त की बेटी हूँ। तू भोसड़ी का मुझे कब चोदेगा ? इस तरह मैं अब्बू का लण्ड अपनी शादी के पहले से ही पकड़ने लगी थी।
फिर मेरी जब शादी हुई तो मामला ही एकदम बदल गया। मेरी शादी अम्मी जान के भाई जान से हो गयी तो अम्मी बन गयी मेरी नन्द और अब्बू नंदोई। इससे मेरे कुनबे में सबसे दोहरे रिश्ते हो गये और उनमे से अधिक कर चुदाई के रिश्ते थे। मैं अपनी ससुराल से खूब चुद कर आयी थी। पहले तो मेरे शौहर ने ही मुझे चोदा। फिर मेरे 3 देवरों ने मुझे चोदा, मेरे जेठ ने भी लण्ड पेला मेरी चूत में। मेरे सबसे बड़े नंदोई ने मुझे चोदा और चलते चलते मेरे शौहर के दो दोस्तों ने भी मुझे चोदा। अब मैं वापस माईके में अब्बू के साले की बीवी बन कर आयी थी। मेरा नज़रिया एकदम बदल गया था। मैं और बेशर्म हो गयी थी। और ज्यादा गालियां देने लगी थी. और ज्यादा गन्दी गन्दी बातें करने लगी थी।
ससुराल से आने का मेरा पहला ही दिन था और मैंने सोंच लिया था की आज मैं अब्बू का लण्ड जरूर चोदूँगी। रात हुई तो बिस्तर पर मैं, मेरी अम्मी जान., मेरी भाभी जान लेट गयीं। फिर मेरा अब्बू जान, मेरा भाई जान भी आ गए। कुछ देर में मेरी आयशा खाला अपनी बेटी सना के साथ भी गयीं। उसकी बेटी का मियां अयूब भी साथ में था और खाला का देवर तारिक़ भी। अब मुझे इन सबके साथ अब्बू के लण्ड पर बैठना था। लेकिन मैं बिलकुल तैयार थी।
अम्मी ने मजाक किया और बोली - आफ़िया तू भोसड़ी की मेरी भाभी बन गई। तेरी माँ की चूत ? अब तू बता की मैं किसका लण्ड पेलूं तेरी चूत में ? मुझे क्या मालूम था की मैं तेरी नन्द बन जाऊंगी।
मैंने कहा - अरे अम्मी जान इसीलिए मैं कहती थी की सबके लण्ड पकड़ा करो और पेला करो मेरी चूत में पता नहीं कौन भोसड़ा का मुझसे कोई न कोई चुदाई का रिस्ता निकाल ले ? तू बुर चोदी मेरी माँ नहीं है मेरी नन्द है। और नन्द की बिटिया की बुर ? नन्द की बहन का भोसड़ा ? तब तक खाला की बेटी सना बोली - हाय अल्लाह मैं समझ गयी की आफ़िया तेरे भाई जान की बीवी है खाला जान। तो ये मेरी मामी जान हुई। इसके शौहर का लण्ड मैं पहचानती हूँ। थोड़ा सांवला है पर बड़ा खूबसूरत है। लण्ड का सुपाड़ा तो तोप का गोला जैसा है। मैंने कहा हाय दईया तो तू मेरे शौहर चुदवाती है भोसड़ी वाली।
वह बोली - वह शौहर तो अब हुआ है तेरा। वह तो मुझे दो साल से चोद रहा है और मेरी माँ का भोसड़ा जाने कबसे चोद रहा है। तेरे शौहर का लण्ड कुनबे में कई लड़कियां जानती हैं कई लड़कियों की माँ जानती है और कई बीवियां भी जानती है. मैंने कहा तो फिर आज मैं भी तेरे मियां का लण्ड अच्छी तरह जान जाऊंगी। इतने में किसी ने दरवाजा खटखटाया। अम्मी ने खोला तो सामने जुम्मन चचा जान खड़े थे। अम्मी ने उसे भी महफ़िल में शामिल कर लिया।
इसी तरह की बातें हो ही रहीं थी की मेरी भाभी जान ने खाला के देवर का लण्ड पकड़ लिया। तब तक खाला की बेटी सना ने अब्बू का लण्ड पकड़ना चाहा तो मैंने कहा नहीं यार मेरे अब्बू का लण्ड मेरे नंदोई का लण्ड है इस पर मेरा हक़ पहले है। तू माँ की लौड़ी किसी और का लण्ड पकड़ ले। तब उसने मेरे चचा जान जुम्मन का लण्ड पकड़ लिया। उसने अपने सारे कपड़े खोल डाला और सबके आगे नंगी हो गई। चचा का लण्ड बढ़ने लगा और फिर अम्मी जान ने हाथ बढ़ाकर भाई जान का लण्ड पकड़ लिया। मैं समझ गयी की आज मेरा भाई अपनी माँ का भोसड़ा चोदेगा। खाला ने अपनी बेटी के मियां का लण्ड अपने कब्जे में कर लिया। फिर क्या मैं नंगी नंगी अब्बू के ऊपर कूद पड़ी। उसे नंगा किया और उसका लौड़ा पकड़ कर बड़े प्यार से हिलाने लगी। लण्ड साला तमतमाकर खड़ा हो गया। आज उसका लौड़ा बड़ा खूंखार नज़र आ रहा था। इसके बाद जो चुदाई हुई वह आज तक मुझे याद है। सबकी बुर चुदती हुए देख कर बड़ा अच्छा लग रहा था। ऐसी चुदाई करीब करीब हर मुस्लिम परिवार में होती है ये बात मुझे कई लोगों ने बताई।
चुदाई का पहला राउंड ख़तम हुआ तो सबने कुछ देर आराम किया, खूब गन्दी गन्दी बातें की और फिर चुदाई की तरफ बढ़ने लगीं। इस बार भी मैंने अब्बू का लण्ड अपने पास रखा। मैं नंगी नंगी उसके दोनों टांगों के बीच बैठ कर उसका खड़ा लौड़ा अपनी दोनों हाथ की गदेलियों पर रखा और उसे मथने लगी। मुझे इस 9" के लण्ड पर बड़ा प्यार आ रहा था। मैं लण्ड से बातें करने लगी - मैंने कहा हाय मेरे प्यारे लण्ड राजा तू भोसड़ी का इतना मजेदार क्यों हैं ? इतना बढ़िया और खूबसूरत क्यों हैं। मैं तेरी झांटें उखाड़ लूंगी । तू मेरा अब्बू नहीं मादर चोद। तू मेरा नंदोई है। मैं तेरे साले की बीवी हूँ। हां हां एक बुर चोदी छिनार बीवी। तेरी बहन का भोसड़ा लण्ड राजा ? तेरी बिटिया की बुर। आज मैं चूत की शैर कराऊंगी। भून डालूंगी मैं तुझे अपनी चूत में घुसा कर। मैं बीच बीच में लण्ड का सुपाड़ा चूमती जा रही थी। पेल्हड़ भी चुम रही थी और मस्ती में ये सब अनाप सनाप बके भी जा रही थी। इससे लण्ड साला और सख्त होता जा रहा था।
उधर भाई जान नंगा नंगा अम्मी जान के ऊपर चढ़ बैठा। अम्मी की चूँचियाँ दबाने लगा और अम्मी उसका लौड़ा बड़े प्यार से हिलाने लगीं। भाई जान मेरे अब्बू की पहली बीवी का बेटा है। उसे मेरी माँ चोदने में कोई शर्म ही नहीं आ रही थी। वह बोला हाय मेरी बहन आफ़िया की अम्मी जान आज मैं तेरा भोसड़ा चोदूंगा। फाड़ डालूँगा तेरा भोसड़ा ? अम्मी ने कहा हां हां तू फाड़ डाल तू मेरा भोसड़ा ? मैं भी देखूँगी की तेरे लण्ड में कितनी ताकत है। भाई जान ने पेल दिया लण्ड और चोदने लगा मेरी माँ की चूत। उसके सामने भाभी जान खाला के देवर का लौड़ा पकड़े हुए मस्ती कर रहीं थीं। वह बोली आज तू सबके सामने चोद ले मेरी चूत। कल मैं सबके सामने तेरी बिटिया की बुर चोदूँगी। उसका ौदा जैसे ही भाभी की बुर में घुसा तो भाभी चिल्ला पड़ी उई माँ फट गयी मेरी बुर ? बड़ा मोटा है तेरा लण्ड यार ? भाभी की बुर चुदने लगी तो मुझे बड़ा मज़ा आने लगा। मेरे बगल में खाला जान नंगी लेटी हुई अपने दामाद से ही चुदवा रहीं थीं। उसे अपनी बेटी के मियां का लण्ड पसंद आ गया था। वह अपने दामाद को अपना शौहर समझ कर चुदवा रही थी।
खाला की बेटी बुर चोदी मेरे चचा जान से चुदवाने में जुटी थी। वह भी चुदवाने में इतनी बेशरम है जितनी की मैं।
उधर अब्बू ने लौड़ा पूरा मेरी चूत में उतार दिया। 9" का लण्ड घुसा मेरी चूत में तो दिन में तारे नज़र आने लगे मुझे। सच में अब्बू का लण्ड बड़ा जबरदस्त निकला। मैं तो अब्बू के लण्ड की दीवानी हो गयी। मैंने कहा हाय मेरे नंदोई राजा आज तू मेरी बुर पूरी की पूरी ले ले। चोद दाल मेरी बुर। बुर से घुसेड़ कर लौड़ा मेरी गांड से बाहर निकाल ले। हाय मेरे राजा बड़ा मज़ा आ रहा है। मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो। मैं तेरी रंडी हूँ मुझे चोदो. मैं तेरे आगे नंगी रहती हूँ मुझे चोदो। मुझे अम्मी के सामने चोदो। मुझे मेरे मियां के सामने चोदो। मुझे मेरे ससुर से आगे चोदो। मुझे मेरे भाई जान के आगे चोदो। मुझे खुल्लम खुल्ला चोदो। सरेआम चोदो मेरी चूँचियाँ चोदो। मेरी गांड चोदो। मैं चुदवाने में इतनी मशगूल हो गयी थी की मुझे लण्ड के अलावा दुनिया में कुछ और दिखाई ही नहीं पड़ रहा था। खाला तो इतना मज़ा आ रहा था की वह अपने दामाद से पूँछ बैठी की बेटा तूने कभी अपनी माँ का भोसड़ा चोदा है। वह बोला हां चोदा है और कई बार चोदा है। जब मेरा अब्बू मेरी बीवी चोदता है। तो फिर मैं क्यों न चोदूँ उसकी बीवी ? अम्मी बोली हाय यह कह कर तूने मेरी चूत की आग और भड़का दी है। आज तू जी भर में अपनी बीवी की माँ चोद ले बेटा। मुझे तेरे जैसे लण्ड की ही तलाश हमेसाह रहती है। किसी दिन अपंने अब्बू को भेज देना। वह भी मेरा भोसड़ा चोद कर मज़ा ले ले। उधर भाभी जान तो इतनी मस्त थी की उसकी चूँचियाँ एकदम नागिन की तरह नाच रहीं थीं।
इतने में अब्बू ने देखा की खाला की बेटी जुम्मन का लण्ड निकाल कर चाट रही है तो उसकी बुर खाली हो गयी है। अब्बू ने लण्ड मेरी बुर से निकाल कर खाला की बेटी की बुर में घुसेड़ दिया। वह खाला की बेटी चोदने लगा। भाई जान ने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया। वह अपनी बीवी के आगे मेरी बुर चोदने में जुट गया। अम्मी जान खाला के दामाद से चुदवाने लगी. भाभी ने खाला के देवर का लण्ड अपनी बुर में ठोंकवा लिया और खाला जान मेरे चचा जान जुम्मन से भकाभक चुदवाने लगीं। सब के लण्ड बदल गए और सबकी चूत भी बदल गयी तो चुदाई का दूना हो गया।
रात भर इसी तरह चुदाई मज़ा हम सब लेतीं रहीं।
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अहाना बोली - अरे यार ये तो हर घर की कहानी है। मैं तो बिना किसी चुदाई के रिश्ते से अपने अब्बू से चुदवा रही हूँ। एक बार उसका लण्ड खालू का लण्ड समझ कर पकड़ लिया था तबसे बेहिचक पकड़ती आ रही हूँ और अब तो मस्त सबके सामने चुदवाने भी लगी हूँ। अम्मी जान ने कहा बेटी इसमें कोई हर्ज़ नहीं है। जवानी में तुम कोई भी लण्ड और किसी का भी लण्ड पकड़ सकती हो। और अब देखिये मेरी शादी हो जाने से मेरा अब्बू मेरा जेठ बन गया है मेरी अम्मी जान मेरी जेठानी। अब मैं करीब करीब हर दिन जेठानी का भोसड़ा चोदती हूँ और अपने जेठ के लण्ड पे बैठती हूँ। यही तो हमारे समाज की खूबसूरती है यार। चाहे जिसका लण्ड पेल लो सब जायज़ है ? अहाना के जाने के बाद मैं सच में सोंचने लगी की वास्तव में ये हर घर की कहानी है इसीलिए मेरे कॉलेज के दिनों में लड़कियां अपनी माँ चुदाने की बातें करतीं थीं और अपने अब्बू जान के लण्ड और अपने भाई जान के लण्ड के बारे में भी बताया करतीं थीं।
मेरा नाम है आफ़िया। मैं 24 की हूँ मेरी कुछ दिन पहले ही शादी हुई है। मैं पढ़ी लिखी हूँ बोल्ड हूँ और मादर चोद बहुत बड़ी बेशरम और चुदक्कड़ हूँ. मैं किसी भी मरद के आगे नंगी हो सकती हूँ और किसी का भी लण्ड बेहिचक पकड़ सकती हूँ। मेरी अम्मी हैं शबाना और अब्बू का नाम है आदिल। वह 45 साल का है और एक मोटे तगड़े लण्ड का मालिक है। मेरा एक भाई जान है रौनक वह मेरे अब्बू की पहली बीवी की औलाद है। उसकी बीवी है सानिया जो मेरी भाभी जान हैं।
यह उन दिनों की बात है जब मेरी शादी होने वाली थी। एक दिन जब मैं घर पहुंची तो अब्बू के कमरे से कुछ आवाज़ सुनाई पड़ी। मैं झांक कर देखने लगी। मैंने जो देखा उसे देख कर दंग रह गई। मैंने देखा की अब्बू किसी की बुर भकाभक चोद रहा है। मैं जल्दी से अपने कपड़े बदल कर अब्बू के कमरे में बेहिचक घुस गयी। मैंने कहा अरे अब्बू जान ये क्या कर रहे हो ? तब तक मैंने उस लड़की को देख लिया तो कहा अरे सारू तू मेरे अब्बू से चुदवा रही है ? वह बोली हां यार आफ़िया मैं तेरे अब्बू से चुदवा रही हूँ। मुझे इसका लण्ड पसंद आ गया और मैं उस पर मर मिटी। यार आफ़िया तेरे अब्बू का लण्ड खुदा ने बहुत बढ़िया बनाया है। तब तक एक आदमी बाथ रूम से नंगा नंगा निकल आया तो मैंने कहा अरे अब्बू जान ये कौन है। अब्बू ने कहा ये मेरा दोस्त है ? मैंने पूँछा तो ये यहाँ क्या कर रहा है ? वह बोला ये इसकी माँ चोद रहा है। तो फिर इसकी माँ कहाँ है अब्बू जान ? वह बोला इसकी माँ अभी आती होगी। वह यही पास में ही गई है। तब तक वह आ गई। मैंने उसे देखा और कहा अरे आबिदा आंटी तुम यहाँ इन लोगों से ,,,,,,,,,,,,? वह बोली हां आफ़िया मैं तेरे अब्बू से चुदवाती हूँ और एक दिन मेरी बेटी ने मुझे इससे चुदवाते हुए देख लिया था तो इसने भी तेरे अब्बू का लण्ड पकड़ा और बोली मैं भी इससे चुदवाऊंगी अम्मी जान। मैं इसे रोक न सकी और हम दोनों इससे चुदवाने लगीं।
मैंने पूंछा तेरा ये दोस्त अब्बू जान ,,,,,,,,,,,,,, ? हां बेटी आफ़िया मैं इसकी बेटी चोदता हूँ क्योंकि इसकी बेटी मेरा लण्ड पीती है। इसलिए आज मैं इसे यहाँ ले आया और कहा चलो आज तुम मेरी दोस्त की बीवी चोदो और उसकी बेटी चोदो। इसलिए हम दोनों मिलकर माँ बेटी चोद रहें हैं।
मैंने अब्बू का लण्ड पकड़ा और कहा अच्छा मैं आज रात को बताऊंगी इसे ? तेरा लण्ड अगर इतना अच्छा है तो इसका फायदा सबसे पहले घर की बहू बेटियां उठाएँगीं। फिर मैंने उसके दोस्त का भी लौड़ा हाथ में लिया और कहा अंकल मैं भी तेरे दोस्त की बेटी हूँ। तू भोसड़ी का मुझे कब चोदेगा ? इस तरह मैं अब्बू का लण्ड अपनी शादी के पहले से ही पकड़ने लगी थी।
फिर मेरी जब शादी हुई तो मामला ही एकदम बदल गया। मेरी शादी अम्मी जान के भाई जान से हो गयी तो अम्मी बन गयी मेरी नन्द और अब्बू नंदोई। इससे मेरे कुनबे में सबसे दोहरे रिश्ते हो गये और उनमे से अधिक कर चुदाई के रिश्ते थे। मैं अपनी ससुराल से खूब चुद कर आयी थी। पहले तो मेरे शौहर ने ही मुझे चोदा। फिर मेरे 3 देवरों ने मुझे चोदा, मेरे जेठ ने भी लण्ड पेला मेरी चूत में। मेरे सबसे बड़े नंदोई ने मुझे चोदा और चलते चलते मेरे शौहर के दो दोस्तों ने भी मुझे चोदा। अब मैं वापस माईके में अब्बू के साले की बीवी बन कर आयी थी। मेरा नज़रिया एकदम बदल गया था। मैं और बेशर्म हो गयी थी। और ज्यादा गालियां देने लगी थी. और ज्यादा गन्दी गन्दी बातें करने लगी थी।
ससुराल से आने का मेरा पहला ही दिन था और मैंने सोंच लिया था की आज मैं अब्बू का लण्ड जरूर चोदूँगी। रात हुई तो बिस्तर पर मैं, मेरी अम्मी जान., मेरी भाभी जान लेट गयीं। फिर मेरा अब्बू जान, मेरा भाई जान भी आ गए। कुछ देर में मेरी आयशा खाला अपनी बेटी सना के साथ भी गयीं। उसकी बेटी का मियां अयूब भी साथ में था और खाला का देवर तारिक़ भी। अब मुझे इन सबके साथ अब्बू के लण्ड पर बैठना था। लेकिन मैं बिलकुल तैयार थी।
अम्मी ने मजाक किया और बोली - आफ़िया तू भोसड़ी की मेरी भाभी बन गई। तेरी माँ की चूत ? अब तू बता की मैं किसका लण्ड पेलूं तेरी चूत में ? मुझे क्या मालूम था की मैं तेरी नन्द बन जाऊंगी।
मैंने कहा - अरे अम्मी जान इसीलिए मैं कहती थी की सबके लण्ड पकड़ा करो और पेला करो मेरी चूत में पता नहीं कौन भोसड़ा का मुझसे कोई न कोई चुदाई का रिस्ता निकाल ले ? तू बुर चोदी मेरी माँ नहीं है मेरी नन्द है। और नन्द की बिटिया की बुर ? नन्द की बहन का भोसड़ा ? तब तक खाला की बेटी सना बोली - हाय अल्लाह मैं समझ गयी की आफ़िया तेरे भाई जान की बीवी है खाला जान। तो ये मेरी मामी जान हुई। इसके शौहर का लण्ड मैं पहचानती हूँ। थोड़ा सांवला है पर बड़ा खूबसूरत है। लण्ड का सुपाड़ा तो तोप का गोला जैसा है। मैंने कहा हाय दईया तो तू मेरे शौहर चुदवाती है भोसड़ी वाली।
वह बोली - वह शौहर तो अब हुआ है तेरा। वह तो मुझे दो साल से चोद रहा है और मेरी माँ का भोसड़ा जाने कबसे चोद रहा है। तेरे शौहर का लण्ड कुनबे में कई लड़कियां जानती हैं कई लड़कियों की माँ जानती है और कई बीवियां भी जानती है. मैंने कहा तो फिर आज मैं भी तेरे मियां का लण्ड अच्छी तरह जान जाऊंगी। इतने में किसी ने दरवाजा खटखटाया। अम्मी ने खोला तो सामने जुम्मन चचा जान खड़े थे। अम्मी ने उसे भी महफ़िल में शामिल कर लिया।
इसी तरह की बातें हो ही रहीं थी की मेरी भाभी जान ने खाला के देवर का लण्ड पकड़ लिया। तब तक खाला की बेटी सना ने अब्बू का लण्ड पकड़ना चाहा तो मैंने कहा नहीं यार मेरे अब्बू का लण्ड मेरे नंदोई का लण्ड है इस पर मेरा हक़ पहले है। तू माँ की लौड़ी किसी और का लण्ड पकड़ ले। तब उसने मेरे चचा जान जुम्मन का लण्ड पकड़ लिया। उसने अपने सारे कपड़े खोल डाला और सबके आगे नंगी हो गई। चचा का लण्ड बढ़ने लगा और फिर अम्मी जान ने हाथ बढ़ाकर भाई जान का लण्ड पकड़ लिया। मैं समझ गयी की आज मेरा भाई अपनी माँ का भोसड़ा चोदेगा। खाला ने अपनी बेटी के मियां का लण्ड अपने कब्जे में कर लिया। फिर क्या मैं नंगी नंगी अब्बू के ऊपर कूद पड़ी। उसे नंगा किया और उसका लौड़ा पकड़ कर बड़े प्यार से हिलाने लगी। लण्ड साला तमतमाकर खड़ा हो गया। आज उसका लौड़ा बड़ा खूंखार नज़र आ रहा था। इसके बाद जो चुदाई हुई वह आज तक मुझे याद है। सबकी बुर चुदती हुए देख कर बड़ा अच्छा लग रहा था। ऐसी चुदाई करीब करीब हर मुस्लिम परिवार में होती है ये बात मुझे कई लोगों ने बताई।
चुदाई का पहला राउंड ख़तम हुआ तो सबने कुछ देर आराम किया, खूब गन्दी गन्दी बातें की और फिर चुदाई की तरफ बढ़ने लगीं। इस बार भी मैंने अब्बू का लण्ड अपने पास रखा। मैं नंगी नंगी उसके दोनों टांगों के बीच बैठ कर उसका खड़ा लौड़ा अपनी दोनों हाथ की गदेलियों पर रखा और उसे मथने लगी। मुझे इस 9" के लण्ड पर बड़ा प्यार आ रहा था। मैं लण्ड से बातें करने लगी - मैंने कहा हाय मेरे प्यारे लण्ड राजा तू भोसड़ी का इतना मजेदार क्यों हैं ? इतना बढ़िया और खूबसूरत क्यों हैं। मैं तेरी झांटें उखाड़ लूंगी । तू मेरा अब्बू नहीं मादर चोद। तू मेरा नंदोई है। मैं तेरे साले की बीवी हूँ। हां हां एक बुर चोदी छिनार बीवी। तेरी बहन का भोसड़ा लण्ड राजा ? तेरी बिटिया की बुर। आज मैं चूत की शैर कराऊंगी। भून डालूंगी मैं तुझे अपनी चूत में घुसा कर। मैं बीच बीच में लण्ड का सुपाड़ा चूमती जा रही थी। पेल्हड़ भी चुम रही थी और मस्ती में ये सब अनाप सनाप बके भी जा रही थी। इससे लण्ड साला और सख्त होता जा रहा था।
उधर भाई जान नंगा नंगा अम्मी जान के ऊपर चढ़ बैठा। अम्मी की चूँचियाँ दबाने लगा और अम्मी उसका लौड़ा बड़े प्यार से हिलाने लगीं। भाई जान मेरे अब्बू की पहली बीवी का बेटा है। उसे मेरी माँ चोदने में कोई शर्म ही नहीं आ रही थी। वह बोला हाय मेरी बहन आफ़िया की अम्मी जान आज मैं तेरा भोसड़ा चोदूंगा। फाड़ डालूँगा तेरा भोसड़ा ? अम्मी ने कहा हां हां तू फाड़ डाल तू मेरा भोसड़ा ? मैं भी देखूँगी की तेरे लण्ड में कितनी ताकत है। भाई जान ने पेल दिया लण्ड और चोदने लगा मेरी माँ की चूत। उसके सामने भाभी जान खाला के देवर का लौड़ा पकड़े हुए मस्ती कर रहीं थीं। वह बोली आज तू सबके सामने चोद ले मेरी चूत। कल मैं सबके सामने तेरी बिटिया की बुर चोदूँगी। उसका ौदा जैसे ही भाभी की बुर में घुसा तो भाभी चिल्ला पड़ी उई माँ फट गयी मेरी बुर ? बड़ा मोटा है तेरा लण्ड यार ? भाभी की बुर चुदने लगी तो मुझे बड़ा मज़ा आने लगा। मेरे बगल में खाला जान नंगी लेटी हुई अपने दामाद से ही चुदवा रहीं थीं। उसे अपनी बेटी के मियां का लण्ड पसंद आ गया था। वह अपने दामाद को अपना शौहर समझ कर चुदवा रही थी।
खाला की बेटी बुर चोदी मेरे चचा जान से चुदवाने में जुटी थी। वह भी चुदवाने में इतनी बेशरम है जितनी की मैं।
इतने में अब्बू ने देखा की खाला की बेटी जुम्मन का लण्ड निकाल कर चाट रही है तो उसकी बुर खाली हो गयी है। अब्बू ने लण्ड मेरी बुर से निकाल कर खाला की बेटी की बुर में घुसेड़ दिया। वह खाला की बेटी चोदने लगा। भाई जान ने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया। वह अपनी बीवी के आगे मेरी बुर चोदने में जुट गया। अम्मी जान खाला के दामाद से चुदवाने लगी. भाभी ने खाला के देवर का लण्ड अपनी बुर में ठोंकवा लिया और खाला जान मेरे चचा जान जुम्मन से भकाभक चुदवाने लगीं। सब के लण्ड बदल गए और सबकी चूत भी बदल गयी तो चुदाई का दूना हो गया।
रात भर इसी तरह चुदाई मज़ा हम सब लेतीं रहीं।
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