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दिन में ग़ैरों से चुदवाती हूँ रात में पति चोदता है - Full time sex porn XXX Stories
दिन में ग़ैरों से चुदवाती हूँ रात में पति चोदता है - Full time sex porn XXX Stories , दिन रात सेक्स ही सेक्स , सामूहिक ग्रुप सेक्स से चुदाई कहानी.
दिन में गैरों से चुदवाती हूँ और रात में अपने पति से चुदवाती हूँ। गैरों को नहीं मालूम की मैं अपने पति से कब चुदवाती हूँ और मेरे पति को नहीं मालूम की मैं गैरों से कब चुदवाती हूँ ?
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उस दिन मेघना मेरे घर मुझसे मिलने आयी थी। उसे देख कर मैं सोंचने लगी की बुर चोदी मेघना ग़ैर मर्दों से चुदवा चुदवा कर पहले से कितनी ज्यादा खूबसूरत हो गई है। चूँचियाँ देखो इसकी कितनी बड़ी बड़ी हो गईं हैं। रोज़ ही ग़ैर मर्दों से नोचवाती और मसलवाती होगी अपनी चूँचियाँ। बड़े बड़े लण्ड पेलवाती होगी अपनी चूँचियों में ? इसकी गांड देखो कितनी मस्त मोटी हो गयी है। मैं अगर मर्द होती तो इसकी गांड और चूँचियाँ देख कर इसकी इसकी गांड में भी लौड़ा पेल देती और इसकी चूँचियों में भी। इसके अलावा और जाने क्या क्या करवाती होगी भोसड़ी वाली ? इसके गोरे गोरे गाल भी फूल गयें हैं. इसकी चूत भी इसी तरह फूल गयी होगी और ये तो भोसड़ी वाली उनसे अपनी बुर चटवाती होगी। रोज़ रोज़ नये नये मर्दों से पेलवाती होगी अपनी बुर में लण्ड।
अब इससे बात करके ही पता चलेगा की माज़रा क्या है ? इतनी खूबसूरती और दमकते हुए चेहरे का राज़ क्या है ? मैंने उसे प्यार और सम्मान से बैठाया।
मैंने कहा - बोलो मेघना क्या पियोगी ?
वह मुस्कराकर बोली - यार पूजा, पीने को तो मैं बहुत कुछ पीती हूँ पर आज तुम मुझे व्हिस्की पिलाओ। फिर मैं बताऊंगी की मैं क्या क्या पीती हूँ ? मैंने ड्रिंक्स का इंतज़ाम फौरन कर दिया। हम दोनों ड्रिंक्स का मज़ा लेने लगीं। इत्तिफाक से मेरा पति टूर पर गया था और मैं घर में अकेली ही थी। इसलिए हम लोग खुल कर बातें करने लगीं।
वह बोला - बिलकुल नहीं क्योंकि हम लोग एक साथ कॉलेज की लड़कियां चोदते हैं और हर बार हम एक दूसरे के सामने नंगे होतें हैं।
मैंने पूंछा - कॉलेज की लड़कियां आसानी से चुदवा लेतीं हैं ?
वह बोला - अरे भाभी जी आजकल लड़कियां चुदाई में ज्यादा इंटरेस्ट लेतीं हैं। वो तो एक नहीं कई लड़कों से चुदवाती हैं। पहले लड़कों को सिनेमा हाल ले जातीं हैं और वही लण्ड पकड़तीं है लण्ड चूसतीं हैं और जिसका लण्ड पसंद आता है उससे चुदवातीं हैं। इतने में मेघना ने लार्क का लौड़ा ऊपर से दबा कर कहा - तूने उस दिन जिस तरह से मेरी बुर चोदी थी आज तुम उसी तरह मेरी दोस्त पूजा की बुर चोदो। उसकी खुली बात सुनकर वह मुस्काराने लगा और बोला भाभी जी आप जो कहेंगीं मैं वही करूंगा। मैं आपको बहुत मानता हूँ। पूजा भाभी भी मुझे बहुत ही हॉट लग रहीं हैं। मैंने इन्हें देख कर ही अपना दिल दे बैठा। मेरा तो उसकी समय खड़ा हो गया था। मेघना ने कहा खड़ा हो गया था तो अब दिखा दो न अपना खड़ा लण्ड ? देर किस बात की। दारू का नशा चढ़ा ही है लण्ड का नशा और चढ़ा दो बुर चोदी पूजा के सर पर ? तुम्हे मालूम है लार्क की पूजा मुझसे भी अच्छी तरह से चुदवाती है। ऐसा बोल कर मेघना ने लार्क का लण्ड बाहर निकाल लिया और उसे हिला हिला कर मुझे दिखाया। मैं तो लण्ड देख कर दंग रह गई। वह साला 8" से कम न था और मोटा तो जैसे नेवला ? मैं समझ गयी की आज मेरी बुर अच्छी तरह बजेगी। आज ये दोनों फाड़ डालेंगें मेरी बुर।
मेघना ने लण्ड मुझे पकड़ा दिया और खुद अगम का लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी। वह भी लौड़ा साला बड़ा गज़ब का था। दोनों लण्ड देख कर मेरी चूत ससुरी कुलबुलाने लगी। मैं लार्क का लौड़ा चाटने लगी और वह मेरी बुर चाटने लगा। उधर मेरे सामने मेघना अगम का लौड़ा चाटने लगी और अगम उसकी बुर। हम दोनों 69 के पोज़ में ब्लू फिल्म की हीरोइन की तरह लण्ड चाटने और बुर चटवाने में जुट गईं। थोड़ी देर की मस्ती के बाद मेरा मन हुआ की अब देर नहीं होनी चाहिए। चूत गरम है लौड़ा भी साला गरम है अब तो इसे घुसाना ही चाहिए। तब तक लार्क ने लण्ड मेरी चूत पर रगड़ा और फिर एक ही झटके में अंदर पेल दिया। मैं उफ़ कर बैठीं और कहा बाप रे बाप एक ही बार में इतना बड़ा लौड़ा पेल दिया तूने मादर चोद ? यार ये मेरी चूत है कोई घोड़ी की चूत नहीं है। ज़रा हौले हौले पेलो मेरे साजना ? तब तक उधर अगम तो मेघना की बुर ऐसे चोदने लगा जैसे वह अपनी बीवी की बुर चोद रहा हो ?
चुदाई की आवाज़ बहुत मधुर लग रही थी। सच में चुदाई की आवाज़ में एक नशा होता है वह मुझे बड़ा अच्छा लगता है। अकेले अकेले चुदवाने में वो मज़ा नहीं है जो कुछ लोगों के साथ चुदवाने में है। मेघना मुझसे चुदाई सीख रही थी और मैं मेघना से चुदाई सीख रही थी। हर औरत अलग अलग ढंग से चुदवाती है और हर आदमी अलग अलग ढंग से चोदता है। जैसे की हर लण्ड अलग अलग होता है, हर चूँची अलग अलग होती है और हर चूत भी अलग अलग होती है। इसीलिए औरतें ज्यादा से ज्यादा मर्दों से चुदवाना चाहती है और आदमी भी ज्यादा से ज्यादा औरतें चोदना चाहता है।
लार्क मेरे ऊपर चढ़ कर चोद रहा था और अगम मेघना को पीछे से चोद रहा था। दोनों मेरी हिलती, नाचती हुई चूँचियाँ और मेघना की नीचे लटकती, मटकती हुई चूँचियाँ देख देख कर चुदाई की रफ़्तार बढ़ा रहे थे। फच्च फच्च, गच्च गच्च, धच्च धच्च, फच्च फच्च, पचर पचर, पच्च पच्च, चीं पों हो चर्र,,,,,, फर्र ,,,,हच्च की आवाज़ें निकल रहीं थीं।
मेघना बोली - यार पूजा, देखो न पराये मरद से चुदवाने में कितना मज़ा आ रहा है। ऐसा मज़ा मुझे अपने पति से चुदवाने में कभी नहीं आता ?
मैंने कहा - हां यार पराये मरद के लण्ड में बड़ा जादू होता है। चूत को पराये मरद का लण्ड ही शांत कर सकता है। अपने मरद का लण्ड तो भोसड़ी का एक झांट भी नहीं उखाड़ पाता ? मेरी नज़र अगम के लण्ड पर थी। मैं देख रही थी की लण्ड कैसे मेघना की बुर में आ जा रहा है। तब तक जाने क्या हुआ अगम ने लण्ड मेघना की चूत से निकाल कर मेरी चूतमे घुसा दिया और लार्क ने लण्ड मेघना की बुर में पेल दिया। दोनों लोग फिर हम दोनों की बुर उसी तरह चोदने लगे। लण्ड बदला तो मज़ा का रुख भी बदल गया। आखिर में जब हम दोनों ने एक एक करके दोनों झड़ते हुए लंड चाटे तो मज़ा ही कुछ और था। इस तरह मैंने दिन में 3 /4 नए मर्दों से चुदवा लिया। जब अगले दिन जब मेरा पति आया तो रात मैं उसका लण्ड हिला हिला कर प्यार करने लगी और कहा मेरे राजा मैं कई दिनों से चुदासी हूँ। तुम्हारे लण्ड के बना मेरा मन कहीं लग नहीं रहा था। आज तो मुझे खूब कस कस के चोदो। मैं रोज़ तुम्हारे लण्ड की याद करती थी।
अगले दिन जब वह सवेरे 10 बजे ऑफिस चला गया तो मैंने 11 बजे अपने यार को फोन कर दिया और उसे बुला लिया। उसका नाम था करण। मैं उसे सीधे अंदर ले गई और जल्दी से कपड़े उतार कर उसे नंगा कर दिया। मैंने अपना गाउन उतारा तो मैं एकदम नंगी हो गयी। वह बोला अरे भाभी जी आज बड़ी जल्दी है तुम्हे ? मैंने कहाअरे यार तुम मुझे जल्दी से चोद लो कभीं मेरा हसबैंड न आ जाये। मैं उसका लण्ड हिलाने लगी और वह मेरी चूँचियाँ सहलाने लगा। निपल्स चूसने लगा मेरी गांड पर हाथ फिराने लगा। उसका लौड़ा मुझे बड़ा पसंद है क्योंकि वह मोटा भी है और सख्त भी। मैं झांटें बनाकर आई थी. मेरी चिकनी चूत देख कर उसे जोश आ गया और उसने लण्ड पेल दिया मेरी बुर में। मैं भी रंडी की भकाभक चुदवाने लगी। यार करण तेरा कोई दोस्त तेरे जैसे लण्ड वाला है की नहीं। मैं उसकी शादी अपने एक सहेली से करवाना चाहती हूँ। पर वह मुझे भी चोदता रहेगा। वह बोला हां है मेरा एक दोस्त समर सिंह। मैं कल ही उसे तेरे पास भेज दूंगा भाभी। पर और की बुर दिलवाओ भाभी जी। मैंने कह कल मैं तुझे अपनी दोस्त मेघना के पास भेज दूँगा तुम उसकी बुर चोद लेना। उसके बाद करण ने मुझे खूब जम कर चोदा और मैंने उसका झड़ता हुआ लण्ड पिया।
दूसरे दिन समर सिंह आ गया। वह बड़ा हैंडसम था गोरा था और हॉट भी। मैं उसे देख कर उस पर मर मिटी। मैंने उसे अपने गले लगा लिया। उसकी चुम्मी ली और उसके बदन पर हाथ फिराने लगी। मैंने अपनी चूँचियाँ उसकी छाती पर रगड़ना शुर कर दिया तो उसने भी मेरी चूँची पकड़ ली और बोला सच में भाभी आपकी चूँचियाँ बड़ी सख्त हैं और बड़ी बड़ी हैं। इन्हे देख कर कोई भी जोश में आ जायेगा। मैंने अपने कपड़े उतार दिया। वह मुझे नंगी देख कर एकदम पागल हो गया। मेरे नंगे बदन पर हाथ फिराना शुरू किया और मेरी चूँचियाँ और चूत खूब सहलाई उसकी चुम्मी ली और जबान निकाल चाटने भी लगा। तब तक मैंने उसे नंगा किया तो उसका लौड़ा साला टन्न से मेरे गाल पर लगा। मैंने लण्ड मुठ्ठी में लिया और आगे पीछे करने लगी। लण्ड साला करण के लण्ड से बीस था। मैंने सुपाड़ा चूमा पेल्हड़ चूमे और लण्ड गप्प से मुंह में भर लिया। मैं मस्त हो गई की आज तो मेरी चूत का बाजा बहुत बजेगा।
अचानक मेरे पति का फोन आ गया वह बोला पूजा मैं अभी आधे घंटे में आ रहा हूँ। आज डिनर बाहर करूंगा।
तुम तैयार रहना। मैंने सोंचा की अब मैं इससे चुदवा नहीं पाऊंगी। मैंने फिर लण्ड का सड़का मारना शुरू कर दिया। वह भी समझ गया की भाभी आज चुदवा नहीं सकती तो चलो मैं सड़का ही मरवा लेता हूँ। मैं नंगी नंगी जल्दी जल्दी एक हाथ से पेल्हड़ थामे हुए दूसरे हाथ से लण्ड मुठ्ठी में लेकर सड़का मारने लगी। लण्ड बहन चोद फूलता जा रहा था। लण्ड का सुपाड़ा बड़ा खूबसूरत लग रहा था। मुझे लगा की काश आज ये लौड़ा मेरी चूत में घुस पाता तो मज़ा आ जाता ? मैंने सड़का मारने की स्पीड तेज की तो वह भी सिसियाने लगा और बोला भाभी जी अब मैं निकल जाऊंगा। मैंने कहा निकल जा भोसड़ी के मेरे मुंह में। गिरा दे अपना मक्खन मेरे मुंह में मेरे राजा। मैं तेरे लण्ड की बड़ी प्यासी हूँ यार। वह वाकई मेरे मुंह में ही झड़ गया और मैंने झड़ता हुआ लण्ड बड़े मजे से चाटा।
मैंने अपने हसबैंड के साथ एक फिल्म देखी और फिर एक होटल में डिनर किया। रात में मैंने उससे दो बार खूब अच्छी तरह चुदवाया। अगले दिन जब वह ऑफिस गया तो में फ़ौरन समर को बुला लिया। मैंने सारा इंतज़ाम पहले कर लिया था। उसके आते ही मैं पहले नंगी हो गई और उसे भी नंगा किया। उसका लौड़ा हिलाया और उसने मेरी चूंकियाँ हिलाईं। वह बोला भाभी जी आज तो जल्दी नहीं है। ,आज मैं तुम्हे छै तरह चोद सकता हूँ न ? मैंने कहा हां मेरे राजा आज तुम मुझे खूब चोदो। जितना चाहो चोदो फाड़ डालो मेरी बुर। चीथड़े उड़ा दो मेरी बुर चोदी बुर के ? मैं बोल ही रहा ही की वह चढ़ बैठा मेरे ऊपर और पागलों की तरह सटासट चोदने लगा मुझे। मैं भी रंडी की तरह चुदवाने लगी। मैं हमेशा ज़मीन पर लेट कर चुदवाती हूँ ताकि कोई आवाज़ बाहर न जाने पाए।
वह बोला - भाभी जी आज मेरा मन तेरी गांड मारने का है।
मैने कहा - मार ले मेरे राजा मेरी गांड ? तू जो चाहे वो मार ले ? मेरी चूँचियाँ भी मार ले. चोद ले ?
वह बोला - हां वो तो मैं चोदूंगा ही। इतनी बड़ी बड़ी चूँचियाँ नहीं चोदी तो समझो की मैंने कुछ नहीं किया। तेरी चूँचियाँ मेरे दोस्त अरविन्द की बीवी की चूँचियों की तरह ही हैं. मैं उसकी भी चूँचियाँ चोदता हूँ।
समर ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी चूत में लण्ड पीछे से पेल दिया। वह चोदने लगा मेरी चूत। चूत चोदते चोदते उसने एक बार लण्ड मेरी गांड में पेल दिया। मैं चिल्ला पड़ी हाय दईया तूने तो मेरी गांड भी मार ली यार ? अब क्या मेरी माँ भी चोदेगा मादर चोद समर ? मैं जब चुदाई में मस्त हो जाती हूँ तो फिर गालियां बकने लगती हूँ। मुझे तब और मज़ा आने लगता है।
समर चोद कर गया तो मैंने दोपहर में सैम अंकल को बुला लिया। उसका लौड़ा मैं एक बार मुंह में ले चुकी हूँ पर बुर में नहीं लिया। आज मैं बुर में लूंगी। जब वह आया तो मैंने पहले तो उसे दारू पिलाई और फिर उसे नंगा करके उसका लौड़ा पीने लगी। उसका लण्ड लगभग 9" का था। मैंने उससे दो बार चुदवाया और दोनों बार झड़ता हुआ लण्ड पिया।
दोस्तों ये एक सच्ची कहानी है। हमारे देश की 80 % घरेलू बीवियां अपने अपने हसबैंड से छिप छिप कर पराये मर्दों से चुदवाती हैं। इनसे अगर पूंछा जाए तो ये सब 100 % झूंठ बोल देतीं है की ऐसा कुछ नहीं है। बुरा मत मानना दोस्तों, आप भी कभी अपने घर में नज़र रख कर देखिये कहीं ऐसा तो नहीं हो रहा है ? अगर है तो मुझे जरूर अपने कमैंट्स में लिख कर बताना।
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Tags: दिन में ग़ैरों से चुदवाती हूँ रात में पति चोदता है - Full time sex porn XXX Stories , दिन रात सेक्स ही सेक्स , सामूहिक ग्रुप सेक्स से चुदाई कहानी.
दिन में गैरों से चुदवाती हूँ और रात में अपने पति से चुदवाती हूँ। गैरों को नहीं मालूम की मैं अपने पति से कब चुदवाती हूँ और मेरे पति को नहीं मालूम की मैं गैरों से कब चुदवाती हूँ ?
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उस दिन मेघना मेरे घर मुझसे मिलने आयी थी। उसे देख कर मैं सोंचने लगी की बुर चोदी मेघना ग़ैर मर्दों से चुदवा चुदवा कर पहले से कितनी ज्यादा खूबसूरत हो गई है। चूँचियाँ देखो इसकी कितनी बड़ी बड़ी हो गईं हैं। रोज़ ही ग़ैर मर्दों से नोचवाती और मसलवाती होगी अपनी चूँचियाँ। बड़े बड़े लण्ड पेलवाती होगी अपनी चूँचियों में ? इसकी गांड देखो कितनी मस्त मोटी हो गयी है। मैं अगर मर्द होती तो इसकी गांड और चूँचियाँ देख कर इसकी इसकी गांड में भी लौड़ा पेल देती और इसकी चूँचियों में भी। इसके अलावा और जाने क्या क्या करवाती होगी भोसड़ी वाली ? इसके गोरे गोरे गाल भी फूल गयें हैं. इसकी चूत भी इसी तरह फूल गयी होगी और ये तो भोसड़ी वाली उनसे अपनी बुर चटवाती होगी। रोज़ रोज़ नये नये मर्दों से पेलवाती होगी अपनी बुर में लण्ड।
अब इससे बात करके ही पता चलेगा की माज़रा क्या है ? इतनी खूबसूरती और दमकते हुए चेहरे का राज़ क्या है ? मैंने उसे प्यार और सम्मान से बैठाया।
मैंने कहा - बोलो मेघना क्या पियोगी ?
वह मुस्कराकर बोली - यार पूजा, पीने को तो मैं बहुत कुछ पीती हूँ पर आज तुम मुझे व्हिस्की पिलाओ। फिर मैं बताऊंगी की मैं क्या क्या पीती हूँ ? मैंने ड्रिंक्स का इंतज़ाम फौरन कर दिया। हम दोनों ड्रिंक्स का मज़ा लेने लगीं। इत्तिफाक से मेरा पति टूर पर गया था और मैं घर में अकेली ही थी। इसलिए हम लोग खुल कर बातें करने लगीं।
- मैंने पूंछा - अब तो बताओ की तुम क्या क्या पीती हो ?
- वह बोली - यार मैं चाय काफी शरबत कोल्ड ड्रिंक सब पीती हूँ पर इसके अलावा सिगरेट पीती हूँ, चरस पीती हूँ, हुक्का पीती हूँ और लण्ड पीती हूँ।
- लण्ड किसका पीती हो ?
- लण्ड मैं पराये मर्दों के पीती हूँ। अपने मरद का लण्ड कौन भोसड़ी वाली पीती है ?
- अरे वाह मैं भी ग़ैर मर्दों के लण्ड पीती हूँ।
- अच्छा तो क्या ये बात तेरे मरद को मालूम है ?
- उसे तो बहन चोद कानो कान खबर नहीं है।
- मैं भी झांट उसका लण्ड नहीं पीती ? जो मज़ा पराये मर्दों के लण्ड में है वो मज़ा अपने पति के लण्ड में कहाँ ?
- तो यार मुझे भी कोई मोटा लण्ड पिलाओ न ? आज मेरा पति नहीं है। वह टूर पर गया है।
- ठीक है मैं अभी फोन करती हूँ क्योंकि मेरा भी पति बाहर गया है और वो अब 3 दिन बाद आएगा। एक बात बता की तुझे मेरे सामने नंगी होने में चुदवाने में कोई शर्म तो नहीं आएगी ?
- नहीं यार शर्म की माँ का भोसड़ा ? मैं न लण्ड पकड़ने में शरमाती हूँ और न चुदवाने में ? और फिर तेरे सामने तो शर्म की कोई बात ही नहीं है। मैं तो अपने हाथ से ही लण्ड पेलूँगी तेरी चूत में.
- इसका मतलब तू भी बहुत बड़ी बुर चोदी है। मुझे तो ऐसी ही दोस्त पसंद हैं। मेरी 2 और दोस्त हैं जो एक दूसरे की बुर, लण्ड पेल पेल कर चोदती हैं।
वह बोला - बिलकुल नहीं क्योंकि हम लोग एक साथ कॉलेज की लड़कियां चोदते हैं और हर बार हम एक दूसरे के सामने नंगे होतें हैं।
मैंने पूंछा - कॉलेज की लड़कियां आसानी से चुदवा लेतीं हैं ?
वह बोला - अरे भाभी जी आजकल लड़कियां चुदाई में ज्यादा इंटरेस्ट लेतीं हैं। वो तो एक नहीं कई लड़कों से चुदवाती हैं। पहले लड़कों को सिनेमा हाल ले जातीं हैं और वही लण्ड पकड़तीं है लण्ड चूसतीं हैं और जिसका लण्ड पसंद आता है उससे चुदवातीं हैं। इतने में मेघना ने लार्क का लौड़ा ऊपर से दबा कर कहा - तूने उस दिन जिस तरह से मेरी बुर चोदी थी आज तुम उसी तरह मेरी दोस्त पूजा की बुर चोदो। उसकी खुली बात सुनकर वह मुस्काराने लगा और बोला भाभी जी आप जो कहेंगीं मैं वही करूंगा। मैं आपको बहुत मानता हूँ। पूजा भाभी भी मुझे बहुत ही हॉट लग रहीं हैं। मैंने इन्हें देख कर ही अपना दिल दे बैठा। मेरा तो उसकी समय खड़ा हो गया था। मेघना ने कहा खड़ा हो गया था तो अब दिखा दो न अपना खड़ा लण्ड ? देर किस बात की। दारू का नशा चढ़ा ही है लण्ड का नशा और चढ़ा दो बुर चोदी पूजा के सर पर ? तुम्हे मालूम है लार्क की पूजा मुझसे भी अच्छी तरह से चुदवाती है। ऐसा बोल कर मेघना ने लार्क का लण्ड बाहर निकाल लिया और उसे हिला हिला कर मुझे दिखाया। मैं तो लण्ड देख कर दंग रह गई। वह साला 8" से कम न था और मोटा तो जैसे नेवला ? मैं समझ गयी की आज मेरी बुर अच्छी तरह बजेगी। आज ये दोनों फाड़ डालेंगें मेरी बुर।
मेघना ने लण्ड मुझे पकड़ा दिया और खुद अगम का लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी। वह भी लौड़ा साला बड़ा गज़ब का था। दोनों लण्ड देख कर मेरी चूत ससुरी कुलबुलाने लगी। मैं लार्क का लौड़ा चाटने लगी और वह मेरी बुर चाटने लगा। उधर मेरे सामने मेघना अगम का लौड़ा चाटने लगी और अगम उसकी बुर। हम दोनों 69 के पोज़ में ब्लू फिल्म की हीरोइन की तरह लण्ड चाटने और बुर चटवाने में जुट गईं। थोड़ी देर की मस्ती के बाद मेरा मन हुआ की अब देर नहीं होनी चाहिए। चूत गरम है लौड़ा भी साला गरम है अब तो इसे घुसाना ही चाहिए। तब तक लार्क ने लण्ड मेरी चूत पर रगड़ा और फिर एक ही झटके में अंदर पेल दिया। मैं उफ़ कर बैठीं और कहा बाप रे बाप एक ही बार में इतना बड़ा लौड़ा पेल दिया तूने मादर चोद ? यार ये मेरी चूत है कोई घोड़ी की चूत नहीं है। ज़रा हौले हौले पेलो मेरे साजना ? तब तक उधर अगम तो मेघना की बुर ऐसे चोदने लगा जैसे वह अपनी बीवी की बुर चोद रहा हो ?
चुदाई की आवाज़ बहुत मधुर लग रही थी। सच में चुदाई की आवाज़ में एक नशा होता है वह मुझे बड़ा अच्छा लगता है। अकेले अकेले चुदवाने में वो मज़ा नहीं है जो कुछ लोगों के साथ चुदवाने में है। मेघना मुझसे चुदाई सीख रही थी और मैं मेघना से चुदाई सीख रही थी। हर औरत अलग अलग ढंग से चुदवाती है और हर आदमी अलग अलग ढंग से चोदता है। जैसे की हर लण्ड अलग अलग होता है, हर चूँची अलग अलग होती है और हर चूत भी अलग अलग होती है। इसीलिए औरतें ज्यादा से ज्यादा मर्दों से चुदवाना चाहती है और आदमी भी ज्यादा से ज्यादा औरतें चोदना चाहता है।
लार्क मेरे ऊपर चढ़ कर चोद रहा था और अगम मेघना को पीछे से चोद रहा था। दोनों मेरी हिलती, नाचती हुई चूँचियाँ और मेघना की नीचे लटकती, मटकती हुई चूँचियाँ देख देख कर चुदाई की रफ़्तार बढ़ा रहे थे। फच्च फच्च, गच्च गच्च, धच्च धच्च, फच्च फच्च, पचर पचर, पच्च पच्च, चीं पों हो चर्र,,,,,, फर्र ,,,,हच्च की आवाज़ें निकल रहीं थीं।
मेघना बोली - यार पूजा, देखो न पराये मरद से चुदवाने में कितना मज़ा आ रहा है। ऐसा मज़ा मुझे अपने पति से चुदवाने में कभी नहीं आता ?
मैंने कहा - हां यार पराये मरद के लण्ड में बड़ा जादू होता है। चूत को पराये मरद का लण्ड ही शांत कर सकता है। अपने मरद का लण्ड तो भोसड़ी का एक झांट भी नहीं उखाड़ पाता ? मेरी नज़र अगम के लण्ड पर थी। मैं देख रही थी की लण्ड कैसे मेघना की बुर में आ जा रहा है। तब तक जाने क्या हुआ अगम ने लण्ड मेघना की चूत से निकाल कर मेरी चूतमे घुसा दिया और लार्क ने लण्ड मेघना की बुर में पेल दिया। दोनों लोग फिर हम दोनों की बुर उसी तरह चोदने लगे। लण्ड बदला तो मज़ा का रुख भी बदल गया। आखिर में जब हम दोनों ने एक एक करके दोनों झड़ते हुए लंड चाटे तो मज़ा ही कुछ और था। इस तरह मैंने दिन में 3 /4 नए मर्दों से चुदवा लिया। जब अगले दिन जब मेरा पति आया तो रात मैं उसका लण्ड हिला हिला कर प्यार करने लगी और कहा मेरे राजा मैं कई दिनों से चुदासी हूँ। तुम्हारे लण्ड के बना मेरा मन कहीं लग नहीं रहा था। आज तो मुझे खूब कस कस के चोदो। मैं रोज़ तुम्हारे लण्ड की याद करती थी।
अगले दिन जब वह सवेरे 10 बजे ऑफिस चला गया तो मैंने 11 बजे अपने यार को फोन कर दिया और उसे बुला लिया। उसका नाम था करण। मैं उसे सीधे अंदर ले गई और जल्दी से कपड़े उतार कर उसे नंगा कर दिया। मैंने अपना गाउन उतारा तो मैं एकदम नंगी हो गयी। वह बोला अरे भाभी जी आज बड़ी जल्दी है तुम्हे ? मैंने कहाअरे यार तुम मुझे जल्दी से चोद लो कभीं मेरा हसबैंड न आ जाये। मैं उसका लण्ड हिलाने लगी और वह मेरी चूँचियाँ सहलाने लगा। निपल्स चूसने लगा मेरी गांड पर हाथ फिराने लगा। उसका लौड़ा मुझे बड़ा पसंद है क्योंकि वह मोटा भी है और सख्त भी। मैं झांटें बनाकर आई थी. मेरी चिकनी चूत देख कर उसे जोश आ गया और उसने लण्ड पेल दिया मेरी बुर में। मैं भी रंडी की भकाभक चुदवाने लगी। यार करण तेरा कोई दोस्त तेरे जैसे लण्ड वाला है की नहीं। मैं उसकी शादी अपने एक सहेली से करवाना चाहती हूँ। पर वह मुझे भी चोदता रहेगा। वह बोला हां है मेरा एक दोस्त समर सिंह। मैं कल ही उसे तेरे पास भेज दूंगा भाभी। पर और की बुर दिलवाओ भाभी जी। मैंने कह कल मैं तुझे अपनी दोस्त मेघना के पास भेज दूँगा तुम उसकी बुर चोद लेना। उसके बाद करण ने मुझे खूब जम कर चोदा और मैंने उसका झड़ता हुआ लण्ड पिया।
दूसरे दिन समर सिंह आ गया। वह बड़ा हैंडसम था गोरा था और हॉट भी। मैं उसे देख कर उस पर मर मिटी। मैंने उसे अपने गले लगा लिया। उसकी चुम्मी ली और उसके बदन पर हाथ फिराने लगी। मैंने अपनी चूँचियाँ उसकी छाती पर रगड़ना शुर कर दिया तो उसने भी मेरी चूँची पकड़ ली और बोला सच में भाभी आपकी चूँचियाँ बड़ी सख्त हैं और बड़ी बड़ी हैं। इन्हे देख कर कोई भी जोश में आ जायेगा। मैंने अपने कपड़े उतार दिया। वह मुझे नंगी देख कर एकदम पागल हो गया। मेरे नंगे बदन पर हाथ फिराना शुरू किया और मेरी चूँचियाँ और चूत खूब सहलाई उसकी चुम्मी ली और जबान निकाल चाटने भी लगा। तब तक मैंने उसे नंगा किया तो उसका लौड़ा साला टन्न से मेरे गाल पर लगा। मैंने लण्ड मुठ्ठी में लिया और आगे पीछे करने लगी। लण्ड साला करण के लण्ड से बीस था। मैंने सुपाड़ा चूमा पेल्हड़ चूमे और लण्ड गप्प से मुंह में भर लिया। मैं मस्त हो गई की आज तो मेरी चूत का बाजा बहुत बजेगा।
अचानक मेरे पति का फोन आ गया वह बोला पूजा मैं अभी आधे घंटे में आ रहा हूँ। आज डिनर बाहर करूंगा।
तुम तैयार रहना। मैंने सोंचा की अब मैं इससे चुदवा नहीं पाऊंगी। मैंने फिर लण्ड का सड़का मारना शुरू कर दिया। वह भी समझ गया की भाभी आज चुदवा नहीं सकती तो चलो मैं सड़का ही मरवा लेता हूँ। मैं नंगी नंगी जल्दी जल्दी एक हाथ से पेल्हड़ थामे हुए दूसरे हाथ से लण्ड मुठ्ठी में लेकर सड़का मारने लगी। लण्ड बहन चोद फूलता जा रहा था। लण्ड का सुपाड़ा बड़ा खूबसूरत लग रहा था। मुझे लगा की काश आज ये लौड़ा मेरी चूत में घुस पाता तो मज़ा आ जाता ? मैंने सड़का मारने की स्पीड तेज की तो वह भी सिसियाने लगा और बोला भाभी जी अब मैं निकल जाऊंगा। मैंने कहा निकल जा भोसड़ी के मेरे मुंह में। गिरा दे अपना मक्खन मेरे मुंह में मेरे राजा। मैं तेरे लण्ड की बड़ी प्यासी हूँ यार। वह वाकई मेरे मुंह में ही झड़ गया और मैंने झड़ता हुआ लण्ड बड़े मजे से चाटा।
मैंने अपने हसबैंड के साथ एक फिल्म देखी और फिर एक होटल में डिनर किया। रात में मैंने उससे दो बार खूब अच्छी तरह चुदवाया। अगले दिन जब वह ऑफिस गया तो में फ़ौरन समर को बुला लिया। मैंने सारा इंतज़ाम पहले कर लिया था। उसके आते ही मैं पहले नंगी हो गई और उसे भी नंगा किया। उसका लौड़ा हिलाया और उसने मेरी चूंकियाँ हिलाईं। वह बोला भाभी जी आज तो जल्दी नहीं है। ,आज मैं तुम्हे छै तरह चोद सकता हूँ न ? मैंने कहा हां मेरे राजा आज तुम मुझे खूब चोदो। जितना चाहो चोदो फाड़ डालो मेरी बुर। चीथड़े उड़ा दो मेरी बुर चोदी बुर के ? मैं बोल ही रहा ही की वह चढ़ बैठा मेरे ऊपर और पागलों की तरह सटासट चोदने लगा मुझे। मैं भी रंडी की तरह चुदवाने लगी। मैं हमेशा ज़मीन पर लेट कर चुदवाती हूँ ताकि कोई आवाज़ बाहर न जाने पाए।
वह बोला - भाभी जी आज मेरा मन तेरी गांड मारने का है।
मैने कहा - मार ले मेरे राजा मेरी गांड ? तू जो चाहे वो मार ले ? मेरी चूँचियाँ भी मार ले. चोद ले ?
वह बोला - हां वो तो मैं चोदूंगा ही। इतनी बड़ी बड़ी चूँचियाँ नहीं चोदी तो समझो की मैंने कुछ नहीं किया। तेरी चूँचियाँ मेरे दोस्त अरविन्द की बीवी की चूँचियों की तरह ही हैं. मैं उसकी भी चूँचियाँ चोदता हूँ।
समर ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी चूत में लण्ड पीछे से पेल दिया। वह चोदने लगा मेरी चूत। चूत चोदते चोदते उसने एक बार लण्ड मेरी गांड में पेल दिया। मैं चिल्ला पड़ी हाय दईया तूने तो मेरी गांड भी मार ली यार ? अब क्या मेरी माँ भी चोदेगा मादर चोद समर ? मैं जब चुदाई में मस्त हो जाती हूँ तो फिर गालियां बकने लगती हूँ। मुझे तब और मज़ा आने लगता है।
समर चोद कर गया तो मैंने दोपहर में सैम अंकल को बुला लिया। उसका लौड़ा मैं एक बार मुंह में ले चुकी हूँ पर बुर में नहीं लिया। आज मैं बुर में लूंगी। जब वह आया तो मैंने पहले तो उसे दारू पिलाई और फिर उसे नंगा करके उसका लौड़ा पीने लगी। उसका लण्ड लगभग 9" का था। मैंने उससे दो बार चुदवाया और दोनों बार झड़ता हुआ लण्ड पिया।
दोस्तों ये एक सच्ची कहानी है। हमारे देश की 80 % घरेलू बीवियां अपने अपने हसबैंड से छिप छिप कर पराये मर्दों से चुदवाती हैं। इनसे अगर पूंछा जाए तो ये सब 100 % झूंठ बोल देतीं है की ऐसा कुछ नहीं है। बुरा मत मानना दोस्तों, आप भी कभी अपने घर में नज़र रख कर देखिये कहीं ऐसा तो नहीं हो रहा है ? अगर है तो मुझे जरूर अपने कमैंट्स में लिख कर बताना।
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