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भाई के साथ मनाई पहली सुहागरात - भैया दीदी की चुदाई दबाकर चोदा - Bhai ke sath pahli suhagraat
भाई के साथ मनाई पहली सुहागरात - भैया दीदी की चुदाई दबाकर चोदा - Bhai ke sath pahli suhagraat , Antarvasna Sex Stories , Hindi Sex Story , Real Indian Chudai Kahani , choda chadi cudai cudi coda free of cost , Time pass Story , Adult xxx vasna kahaniyan.
एक दिन की बात है मेरी फ्रेंड ने पिकनिक मनाने का प्लान बनाया हुआ था और उसने मुझसे भी चलने को कहा था तो मैंने हाँ बोल दिया था मैंने मम्मी की भी परमीशन ले ली थी | और फिर अगले दिन हम सब दोस्त निकल गये थे थे अपनी अपनी स्कूटी से | वहाँ पहुँच कर हम सब खूब मस्ती कर रहे थे फिर हम लोगो को भूख लगी थी फिर हम खाना खाने लगे थे | खाना खाने के बाद हम सब बैठ के ऐसे ही बात कर रहे थे तो मेरी एक फ्रेंड है दिशा उसने अपना मोबाइल निकाला और सबको ब्लू फिल्म दिखाने लगी | उस दिन तक मैंने कभी ब्लू फिल्म नहीं देखी थी तो मेरा मन भी हुआ कि मैं भी देखूं | तो उसने एक ब्लू फिल्म दिखाई जिसमे एक भाई अपनी बहन को चोदता है |
ये देख कर हम सबकी चूत गीली हो गयी थी और ऐसे ही करीब 10-15 ब्लू फिल्म देखी और हम सब की हालत ऐसी हो चुकी थी कि यूँ समझ लो की हम सबको एक एक लंड की जरुरत पड़ गई थी | पर मैंने जैसे तैसे अपने आपको कंट्रोल किया क्यूंकि उनके तो बॉयफ्रेंड थे वो तो उनसे चुदवा लेती पर मैं किससे चुद्वाती ये सोच कर मैंने उस चीज़ को इग्नोर किया फिर हम सब घर आ गए | मैं अपने रूम में जा कर तुरंत नंगी हो कर अपनी चूत शांत करने लगी क्यूंकि अन्दर तो आग ब्लू फिल्म देख के लग ही चुकी थी |
फिर ऐसे ही कुछ दिन बीत गये और मेरा मन भी किसी से भी चुदवाने का करने लगा | पर मैं ये सोचती थी कि किस्से चुद्वाऊ मैं किसी ऐसे से चुदवाना चाहती थी जिसके बारे में किसी को भी न पता चले | पर मुझे कुछ समझ में नहीं आता था | मैं बस ब्लू फिल्म देख के अपनी चूत में उंगलिया डाल के चूत को शांत करती थी | फिर एक दिन मुझे अपने भाई को लेने स्कूल जाना पड़ा क्यूंकि भाई जिस ऑटो से आता था उस दिन वो नहीं आया था | जब मैं उसके स्कूल पंहुची तो बारिश होने लगी थी और मैं रेनकोट ले के नहीं गई थी |
उस समय मै केवल पतले से टॉप में थी जो पूरे भीग गया था | मेरी ब्रा एक दम साफ साफ दिखने लगी थी मुझे ख़राब लग रहा था और खुद पे गुस्सा भी आ रही थी कि मैं आज ही ये टॉप क्यूँ पहनी हूँ ? फिर उसके बाद मैं आपने भाई को स्कूटी के पीछे बैठा कर चलने लगी मेरा भाई भी भीग गया था | वो मेरी कमर पकड के बैठा हुआ था और मुझसे एक दम चिपका हुआ था | मुझे वैसी कोई भी फीलिंग नहीं आई थी कि मुझे कुछ अच्छा लगता | फिर हम घर पंहुचे तो मम्मी बोली की एक काम करो शिल्पा तुम भी कपडे बदल लो और अंश के भी कपडे बदल देना और खाना तैयार् है तो लंच भी कर लेना | मैंने ओके कहा ओके और मैं उसे अपने कमरे में ले गई और वो मेरे बाजु में ही सोता है तो उसके कपडे भी मेरे ही रूम में थे |
मैंने सबसे पहले अपने कपडे उतारे और चेंज कर लिए उसी के सामने, वो छोटा था इसलिए मुझे उसके सामने कपडे बदलने में कोई दिक्कत नही होनी थी | फिर मैंने पूरी नंगी हो कर उसके सामने कपडे बदले और वो मुझे घूर घूर कर देखे जा रहा था और मैं उसे देख कर हंस रही थी | फिर मैंने उसे नंगा किया और उसके कपडे निकाले और फिर मैं उसे पहनाने लगी उसका छोटा लंड था | जब मैं उसे पेंट पहनाने लगी तो उसकी चेन में उसका लंड फंसगया और उसकी चीख निकल गई | मैं डर गई थी की मम्मी को पता चलेगा तो वो मुझे डांटेगी |
मैंने उसे जैसे तैसे चुप कराया क्यूंकि वो रोने लगा था | फिर मैंने दवा निकाली अपने फर्स्ट ऐड से फिर उसे वैसे ही नंगे में उसके लंड में अपने हाँथ से दवा लगाने लगी | दवा लगाते समय उसका लंड बड़ा होने लगा था और सख्त होने लगा था वो कुछ समझ नही रहा था कि ऐसा भी होता है | पर मैं सब जानती थी | दवा लगाने के बाद मैं उसे नीचे ले कर आ गयी और फिर हम खाना खाने लगे | खाना खाने के बाद मैं 3 बजे अपनी कोचिंग क्लास चली गई थी | फिर वहां से आ कर मैंने कुछ घर का काम किया और फिर मम्मी की खाना बनाने में मदद करने लगी | यही काम करते करते रात के 9 बज गए थे | फिर हम लोगों ने खाना खाया और फिर सोने चले गए थे |
मैं रात में सोच रही थी कि क्यूँ न मैं अपने भाई से ही चुदवा लूं ? किसी को पता भी नहीं चलेगा और घर की बात घर में रह जायगी | बस प्रॉब्लम ये थी की वो किसी को ना बताये ? अंश पढाई कर रहा था तो मैंने उसे बुलाया अंश बेटा आना जरा यहाँ और वो बोला कि हाँ दीदी आ रहा हूँ फिर वो मेरे पास आ गया उस समय मम्मी सो चुकी थी | फिर मैंने उससे कहा कि तुझे वहाँ दर्द तो नहीं हो रहा हैं न तो उसने कहा कि नहीं दीदी अब दर्द नहीं हो रहा है |
तो मैंने कहा कि अच्छा चल दिखा तो वो शर्माने लगा तो मैंने उसे कहा अरे पागल ! अपनी दीदी से ही शरमायगा क्या ? फिर वो आया मेरे पास और अपना लंड मुझे दिखाया | तो मैंने उसका लंड पकड के उसे अच्छे से देखने लगी और फिर थोडा सा हिलाया तो तो लंड खड़ा हो गया | तो मैंने उससे पूछा की डेरी मिल्क खायगा तो उसने कहा कि हाँ दीदी खाऊंगा | फिर मैंने उसे कहा तू किसी को बताना मत मेरी कोई भी बात अगर तू ऐसा करेगा तो मैं तुझे रोज डेरी मिल्क खिलाऊँगी | तो उसने हाँ में सिर हिला दिया फिर मैंने उसे बिस्तर पर बैठा दिया | और खुद जमीन पर बैठ कर उसका पूरा पेंट उतार दिया और उसका लंड अपने हाँथ में ले कर हिलाने लगी और वो छोटा था उसका मुठ तो बनता नहीं था तो इस बात का मुझे डर नहीं था |
फिर जब उसका लंड अच्छे से टाइट हो गया तो मैंने उसको अपने मुंह में ले के चूसने लगी | उसे बहुत अच्छा लग रहा था मेरा ऐसा करना | मैंने उसका लंड 20 मिनट तक चूसा था फिर मैं नंगी हो गयी | और उसे कहा कि तू मेरे दूध पी जैसे तू मम्मी के दूध पीता है | फिर वो मेरे दूध बहुत जोर से पीने लगा और काटने लगा मुझे दर्द होने लगा था तो मैंने कहा कि अरे आराम से कर | फिर वो धीरे धीरे मेरे दूध पीने लग और मैं हलकी हलकी सिस्कारियां भर रही थी अहहहहहा आहाहह्हा बाहाहह्हाहा आहाहह्हहा अहहहः अहहहाहाआ अहहहा अहहहाआआ अहहहः अआहहाहा अहाहाहा अहहाहः आहाहहाह | फिर उसके बाद मैंने उसका लंड पकड़ के अपनी चूत में डाल लिया और उसे अन्दर बाहर करने को कहा |
फिर वो वैसा ही करने लगा मुझे बहुत मजा आ रहा था और मैं अहहहहाआ अहहहाआ अहहहा अहहहाआ अहहह्हा अहहहः अहहहा करके उससे चुदवा रही थी | फिर वो थक गया तो मैंने उसे कहा की अच्छा तू बैठ फिर मैंने लंड पीना फिर से चालू कर दिया जब तक वो अच्छे से आराम कर रहा था | उसके बाद मैंने उससे फिर से चोदने को कहा तो वो फिर से मुझे चोदने लगा ऐसे ही चुदाई के बाद मैं झड गई थी और फिर वो थक गया था और वहीँ लेट गया और सोने लगा |
दोस्तों उसके बाद मैं उससे चुदवाने लगी रोज अब तो उसे भी मजा आने लगा और हम दोनों बिना किसी को बताये बड़े आराम से चुदाई करते हैं | और किसी को कानोकान खबर नहीं होती | तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी कैसी लगी आप सभी को उम्मीद करती हूँ कि आप लोगों को मेरी ये स्टोरी पसंद आई होगी |
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ये देख कर हम सबकी चूत गीली हो गयी थी और ऐसे ही करीब 10-15 ब्लू फिल्म देखी और हम सब की हालत ऐसी हो चुकी थी कि यूँ समझ लो की हम सबको एक एक लंड की जरुरत पड़ गई थी | पर मैंने जैसे तैसे अपने आपको कंट्रोल किया क्यूंकि उनके तो बॉयफ्रेंड थे वो तो उनसे चुदवा लेती पर मैं किससे चुद्वाती ये सोच कर मैंने उस चीज़ को इग्नोर किया फिर हम सब घर आ गए | मैं अपने रूम में जा कर तुरंत नंगी हो कर अपनी चूत शांत करने लगी क्यूंकि अन्दर तो आग ब्लू फिल्म देख के लग ही चुकी थी |
फिर ऐसे ही कुछ दिन बीत गये और मेरा मन भी किसी से भी चुदवाने का करने लगा | पर मैं ये सोचती थी कि किस्से चुद्वाऊ मैं किसी ऐसे से चुदवाना चाहती थी जिसके बारे में किसी को भी न पता चले | पर मुझे कुछ समझ में नहीं आता था | मैं बस ब्लू फिल्म देख के अपनी चूत में उंगलिया डाल के चूत को शांत करती थी | फिर एक दिन मुझे अपने भाई को लेने स्कूल जाना पड़ा क्यूंकि भाई जिस ऑटो से आता था उस दिन वो नहीं आया था | जब मैं उसके स्कूल पंहुची तो बारिश होने लगी थी और मैं रेनकोट ले के नहीं गई थी |
उस समय मै केवल पतले से टॉप में थी जो पूरे भीग गया था | मेरी ब्रा एक दम साफ साफ दिखने लगी थी मुझे ख़राब लग रहा था और खुद पे गुस्सा भी आ रही थी कि मैं आज ही ये टॉप क्यूँ पहनी हूँ ? फिर उसके बाद मैं आपने भाई को स्कूटी के पीछे बैठा कर चलने लगी मेरा भाई भी भीग गया था | वो मेरी कमर पकड के बैठा हुआ था और मुझसे एक दम चिपका हुआ था | मुझे वैसी कोई भी फीलिंग नहीं आई थी कि मुझे कुछ अच्छा लगता | फिर हम घर पंहुचे तो मम्मी बोली की एक काम करो शिल्पा तुम भी कपडे बदल लो और अंश के भी कपडे बदल देना और खाना तैयार् है तो लंच भी कर लेना | मैंने ओके कहा ओके और मैं उसे अपने कमरे में ले गई और वो मेरे बाजु में ही सोता है तो उसके कपडे भी मेरे ही रूम में थे |
मैंने सबसे पहले अपने कपडे उतारे और चेंज कर लिए उसी के सामने, वो छोटा था इसलिए मुझे उसके सामने कपडे बदलने में कोई दिक्कत नही होनी थी | फिर मैंने पूरी नंगी हो कर उसके सामने कपडे बदले और वो मुझे घूर घूर कर देखे जा रहा था और मैं उसे देख कर हंस रही थी | फिर मैंने उसे नंगा किया और उसके कपडे निकाले और फिर मैं उसे पहनाने लगी उसका छोटा लंड था | जब मैं उसे पेंट पहनाने लगी तो उसकी चेन में उसका लंड फंसगया और उसकी चीख निकल गई | मैं डर गई थी की मम्मी को पता चलेगा तो वो मुझे डांटेगी |
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मैं रात में सोच रही थी कि क्यूँ न मैं अपने भाई से ही चुदवा लूं ? किसी को पता भी नहीं चलेगा और घर की बात घर में रह जायगी | बस प्रॉब्लम ये थी की वो किसी को ना बताये ? अंश पढाई कर रहा था तो मैंने उसे बुलाया अंश बेटा आना जरा यहाँ और वो बोला कि हाँ दीदी आ रहा हूँ फिर वो मेरे पास आ गया उस समय मम्मी सो चुकी थी | फिर मैंने उससे कहा कि तुझे वहाँ दर्द तो नहीं हो रहा हैं न तो उसने कहा कि नहीं दीदी अब दर्द नहीं हो रहा है |
तो मैंने कहा कि अच्छा चल दिखा तो वो शर्माने लगा तो मैंने उसे कहा अरे पागल ! अपनी दीदी से ही शरमायगा क्या ? फिर वो आया मेरे पास और अपना लंड मुझे दिखाया | तो मैंने उसका लंड पकड के उसे अच्छे से देखने लगी और फिर थोडा सा हिलाया तो तो लंड खड़ा हो गया | तो मैंने उससे पूछा की डेरी मिल्क खायगा तो उसने कहा कि हाँ दीदी खाऊंगा | फिर मैंने उसे कहा तू किसी को बताना मत मेरी कोई भी बात अगर तू ऐसा करेगा तो मैं तुझे रोज डेरी मिल्क खिलाऊँगी | तो उसने हाँ में सिर हिला दिया फिर मैंने उसे बिस्तर पर बैठा दिया | और खुद जमीन पर बैठ कर उसका पूरा पेंट उतार दिया और उसका लंड अपने हाँथ में ले कर हिलाने लगी और वो छोटा था उसका मुठ तो बनता नहीं था तो इस बात का मुझे डर नहीं था |
फिर जब उसका लंड अच्छे से टाइट हो गया तो मैंने उसको अपने मुंह में ले के चूसने लगी | उसे बहुत अच्छा लग रहा था मेरा ऐसा करना | मैंने उसका लंड 20 मिनट तक चूसा था फिर मैं नंगी हो गयी | और उसे कहा कि तू मेरे दूध पी जैसे तू मम्मी के दूध पीता है | फिर वो मेरे दूध बहुत जोर से पीने लगा और काटने लगा मुझे दर्द होने लगा था तो मैंने कहा कि अरे आराम से कर | फिर वो धीरे धीरे मेरे दूध पीने लग और मैं हलकी हलकी सिस्कारियां भर रही थी अहहहहहा आहाहह्हा बाहाहह्हाहा आहाहह्हहा अहहहः अहहहाहाआ अहहहा अहहहाआआ अहहहः अआहहाहा अहाहाहा अहहाहः आहाहहाह | फिर उसके बाद मैंने उसका लंड पकड़ के अपनी चूत में डाल लिया और उसे अन्दर बाहर करने को कहा |
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दोस्तों उसके बाद मैं उससे चुदवाने लगी रोज अब तो उसे भी मजा आने लगा और हम दोनों बिना किसी को बताये बड़े आराम से चुदाई करते हैं | और किसी को कानोकान खबर नहीं होती | तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी कैसी लगी आप सभी को उम्मीद करती हूँ कि आप लोगों को मेरी ये स्टोरी पसंद आई होगी |
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