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जन्मदिन की पार्टी पर माँ को चुदवाया - Birthday party mein maa ki chudai
जन्मदिन की पार्टी पर माँ को चुदवाया - Birthday party mein maa ki chudai , जन्मदिन की पार्टी पर माँ को चुदवाया , माँ की चूत चुदाई , माँ की चूत दोस्त को गिफ्ट दी , Maa ne birthday party me chudwaya , अनोखा गिफ्ट - Best Hindi sex stories.
अम्मी ने कहा - आज तेरी बर्थ डे पे मैं तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँगी बेटी।
तो बेटी ने पलट कर जबाब दिया - तेरी बर्थ डे पे मैं भी तेरी बिटिया की बुर चोदूँगी अम्मी जान ? याद रखना।
इन दोनों की मस्त मस्त बातों से यह तो साफ ज़ाहिर था की अब आएगा सामूहिक चोदा चोदी का मज़ा।
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मेरी 20 वीं बर्थ डे होने वाली थी। यानी मुझे जवान हुए दो साल हो चुके थे। मैं जब 17 + की थी तो एक दिन मैंने फूफी जान और अम्मी जान के बातें चुपके चुपके सुन लीं थीं। घर में उस समय इन दोनों के अलावा कोई और नहीं था।
मैं अचानक बाथ रूम गयी और जब वापस आयी तो देखा की फूफी जान अपनी बेटी के मियां का लौड़ा पकड़ कर हिला रहीं हैं। फूफी की चूँचियाँ खुली हुई हैं। उधर तूबा भी अपने मियां के दोस्त का लौड़ा हिला रही है । इतने में मेरी खाला जान का बेटा रफीक आ गया। उसने ये सब देखा तो उसका लौड़ा भी अंदर ही अंदर खड़ा हो गया । रात का समय था तो लण्ड का खड़ा होना वाज़िब था। अम्मी जान ने रफीक का लण्ड पकड़ा और उसे बड़े प्यार से चूम कर आगे पीछे करने लगी। मैं ये सब देख कर थोड़ा शर्मा गयी और वहां से जाने लगी तो फूफी ने मुझे बुलाया और बोली तू बुर चोदी तराना कहाँ जा रही है ? अब तू बच्ची नहीं है जवान हो गयी है। तुझे शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। शरमायेगी तो बिना चुदी रह जाएगी। ज्यादा शर्माएगी तो कोई लौड़ा भी नहीं पेलेगा तेरी चूत में ? मैं रुक गयी तो तूबा ने मुझे लण्ड पकड़ाते हुए बोली - ले तराना पकड़ मेरे मियां के दोस्त का लण्ड और पेल दे अपनी माँ के भोसड़ा में ? जैसे मैंने अपनी 18वीं बर्थ डे पर पेल दिया अपनी माँ के भोसड़ा में लण्ड ? साबित कर दे की तू अब जवान हो गई है. तेरे अंदर वो सब कुछ है जो एक औरत के अंदर होता है। तेरे अंदर लण्ड की चाहत वही है जो हर जवान लड़की के अंदर होता है।
मैंने भी जोश में आ गयी और पकड़ लिया लण्ड। तब तक तूबा ने मुझे नंगी कर दिया और उधर फूफी ने अम्मी जान को नंगी कर दिया। फूफी अम्मी का भोसड़ा सहलाने लगी। मैं इधर लण्ड चाट रही थी। तूबा मेरी बुर चाट रही थी। उसने मुझे इशारा किया तो मैंने लौड़ा घुसा दिया अपनी माँ की चूत में। तब मैंने कहा अरे यार तूबा तू भी घुसा दे अपने मियां का लण्ड अपनी माँ की चूत में। वह भी अपनी माँ का भोसड़ा चोदने लगी। बस फिर क्या था मुझे लगा की मुझसे ज्यादा बेशर्म दुनियां में कोई नहीं है। मैं पूरी तरह खुल गयी। तूबा भी खूब उत्तेजित हो गयी। मस्ती में आ गयी।
वह बोली - तराना तेरी माँ की नन्द का भोसड़ा ? मैं यह सुनकर और मस्त हो गयी. उसने अपने माँ के भोसड़ा की गाली दी तो मैंने भी कहा - तूबा तेरी माँ की भाभी की बुर ? मेरी अम्मी जान को पूरा यकीन हो गया की मैं अब अच्छी तरह जवान हो गयी हूँ। वह बोली - बेटी तराना, तेरी फूफी की बिटिया की बुर ? यह गाली तूबा की चूत पर लगी तो फूफी जान बोली - तेरी तूबा, तेरी मामी की बेटी की चूत ? इन गालियों ने माहौल को और गरम। इसके बाद उन दोनों का भोसड़ा धकाधक् चुदने लगा।
तूबा ने फिर तंज कसा और बोली - तराना तू मादर चोद, अपनी माँ चुदा रही है ? तुझे ज़रा भी शर्म नहीं है।
मैंने कहा - तो क्या तू झांटें उखाड़ रही है अपनी ? तू भी तो अपनी माँ चुदा रही है ? क्या तझे शर्म आती है?
मैं शकील के दोस्त रज़ा का लौड़ा अम्मी के भोसड़ा में पेले हुए थी और तूबा अपने शौहर शकील का लौड़ा अपनी माँ के भोसड़ा में पेले हुए थी। हम दोनों बड़े प्यार से अपनी अपनी माँ चुदाने में मशगूल हो गयीं। मैं अम्मी जान से फूफी जान से और उसकी बेटी से एकदम खुल गयी। मैं सच में अपनी माँ की सहेली बन गयी। जब चुदाई ख़तम हुई तो अम्मी ने कहा - बेटी तराना, तेरी माँ की चूत, तेरी माँ का भोसड़ा ?
मैंने भी मुस्कराकर कहा - अम्मी जान, तेरी बेटी की बुर, तेरी बेटी की माँ की चूत ?
फिर अम्मी ने मुझे गले लगा लिया।
अम्मी ने कहा - भोसड़ी की तराना, अब मैं तेरी हर बर्थ डे पर चीर डालूंगी तेरी बुर चोदी माँ की बिटिया की बुर ?
मैंने भी कहा - मेरी हरामजादी अम्मी जान, मैं भी तेरी हर बर्थ डे पर फाड़ डालूंगी तेरी चोदी बिटिया की माँ का भोसड़ा ?
अगले महीने मेरी अम्मी का बर्थ डे पड़ भी गया। मैंने सवेरे सवेरे अम्मी को मुबारकबाद दी और फिर कहा - अम्मी जान आज तो तेरा अपनी बेटी चुदाने का दिन है। आज मैं चोदूँगी तेरी बिटिया की बुर ?
वह खिलखिलाकर हंसने लगीं।
मैंने कहा - अम्मी जान आज तेरी बर्थ डे पर मैं माँ का भोसड़ा चोदने की पार्टी रख रही हूँ।
वह बोली - हां हां तू रख ले माँ का भोसड़ा चोदने की पार्टी पर चुदेगी माँ की बिटिया की बुर भी ?
फिर मैंने कुछ लोगों को बुलाकर अम्मी जान का बर्थ डे मनाया। दिन में जो होना था वो हो गया पर असली बर्थ डे तो रात में चुदाई करके ही मनाना था। रात में मैंने अपने दो यारों को बुला रखा था ज़मीर और समीर। ये दोनों मेरी ही उम्र के लड़के हैं लेकिन हैं बहन चोद बड़े हरामी। ये दोनों एक दूसरे की बीवी भी चोदते हैं और बहन भी चोदते हैं। एक दिन तो हद ही हो गयी। मैं अचानक इनके घर पहुँच गयी तो मैंने देखा की ये दोनों एक दूसरे माँ चोद रहें हैं।आज कल एक दूसरे की बीवी चोदने के साथ साथ एक दूसरे की माँ चोदने का भी सिलसिला भी चल पड़ा है। लोग जब 45 - 50 के हो जातें है तो फिर एक दूसरे की बेटियां भी चोदने लगतें हैं। ये बहन चोद चोदा चोदी का मामला ज़िन्दगी भर चलता ही रहता है कभी रुकता नहीं।
इनके अलावा मेरी खाला का बेटा रफीक भी था और मेरा चचा जान अजमत भी था। चचा भोसड़ी का मेरी ही उम्र का था। मैं तो ज़मीर और समीर के लण्ड पर बैठ चुकी थी। उनसे चुदवा चुकी थी पर चुदाने की प्यास अभी बुझी नहीं थी। इन दोनों के लण्ड मुझे बेहद पसंद है। मुझे यकीन है की अम्मी को भी इनके लंड पसंद आयेंगें। मैंने अजमत का लौड़ा अभी तक नहीं देखा तो मेरा मन वहीं लगा हुआ था। तूबा बुर चोदी ज़मीर को बड़ी ललचाई नज़रों से देख रही थी। अम्मी जान और फूफी जान भी अपनी चुदाई शुरू होने का इंतज़ार कर रहीं थीं।मैंने तभी रफीक का पैजामा खोल डाला और उसका लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी। लौड़ा मेरा जाना पहचाना था। वह तुरंत खड़ा हो गया और मैं दूसरे हाथ से अम्मी का भोसड़ा सहलाने लगी। अम्मी जान भी मेरी चूत सहलाते हुए अजमत का लौड़ा हिलाने लगी। उधर फूफ जान ज़मीर का लण्ड खोल कर ऊपर नीचे करने लगी और उसकी बेटी तूबा समीर का लण्ड। हम चारों के हाथ में एक एक लंडा गया और हम धीरे धीरे मस्त होने लगीं। मैंने तभी रफीक का आलूदा अम्मी के भोसड़ा पररख दिया। रफीक मेरी मंशा समझ गाय उसने लण्ड धीरे से अम्मी की चूत में घुसा दिया। मैंने एक हाथ उसके चूतड़ों पर रखा और ऊपर से दबा दिया।
मैंने कहा - रफीक अब चोदो तुम मेरी माँ का भोसड़ा। वह मजे से चोदने लगा। तब मैंने फिर कहा देख अम्मी जान अब चुद रहा है न तेरी बिटिया की माँ का भोसड़ा ?
अम्मी ने उसी समय अमजत तो इशारा किता तो उसने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया तो वह भी मुझे झमाझम चोदने लगा. अम्मी ने मजाक में कहा ले भोसड़ी की ताराना देख अब चुद रही है तेरी माँ की बिटिया की बुर ? हम दोनों एक दूसरे के लण्ड के पेल्हड़ सहलाते हुए अपनी अपनी बुर चुदवाने में जुट गयीं। उधर फूफी ने ज़मीर का लंड अपनी बेटी की बुर में घुसा दिया और बेटी तूबा ने समीर का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में ठोंक दिया। फूफी बोली हाय दईया कितनी मस्त चुदाई हो रही है तराना। बेटी अपनी माँ चुदवा रही है माँ अपनी बेटी ? तू भी अपनी माँ चुदा रही है और मैं भी अपनी माँ चुदा रही हूँ। हर बर्थ डे पे अगर इसी तरह की माँ बेटी की चुदाई, बाप बेटी की चुदाई, माँ बेटे की चुदाई, सास दामाद की चुदाई, ससुर बहू की चुदाई, देवर भाभी की चुदाई, बहन बहनोई की चुदाई होती रहे तो कितना माज़ आये ? चुदाई बड़ी तेजी से होने लगी। हम चारों की चूत का बाजा खूब मज़े से बजने लगा। मुझे ये सब देख देख कर बड़ा अच्छा लग रहा था। चूत बुर चोदी होती ही है चुदने के लिए। चुदेगी नहीं तो फिर किस काम आएगी ?
इतने में तूबा बोली यार तराना मैं अपनी माँ का भोसड़ा चोद चुकी हूँ। अब तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँगी। ऐसा कह कर उसने ज़मीर का लण्ड अपनी बुर से निकाल कर मेरी माँ की बुर में घुसा दिया। मैंने कहा अच्छा तो फिर मैं भी तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँगी क्यों की मैं अपनी माँ चोद चुकी हूँ। मैंने भी अजमत चचा का लौड़ा चूत से निकला
कर फूफी की बुर में पेल दिया। मेरा चचा जान साला चाहता ही था तूबा की माँ चोदना तो वह मजे से चोदने लगा। इतने में फूफी ने कहा तराना अब मैं तेरी माँ की बिटिया की बुर चोदूँगी उसने समीर का लौड़ा अपने भोसड़ा से निकाल कर मेरी चूत में पेल दिया। उधर मेरी अम्मी जान ने भी पैतरा बदला। वह किसी से कम तो थी नहीं ? उसने रफीक का लौड़ा अपनी चूत से निकाल कर तूबा की चूत में ठोंक दिया और बोली तूबा ले मैं भी अब तेरी माँ की बिटिया की बुर चोदूँगी। हम चारों के लण्ड बदल गए तो मज़ा और आने लगा। सामूहिक चुदाई का यही तो सबस बड़ा फायदा है। एक दूसरे की चूत में लण्ड घुसेड़ने में जो मज़ा है वह अपनी चूत में घुसेड़ने में कहाँ ? मैं तो यही पसंद करती हूँ। कुछ देर बाद एक एक करके सबकी चूत ढीली होने लगी और इसी तरह लण्ड भी एक के बाद एक झड़ने लगे। हम सबने सबके झड़ते हुए लण्ड चाटे और खूब एन्जॉय किया।
अम्मी जान की बर्थ डे सच में बहुत अच्छी तरह से मनाई गयी। चुदाई यही समाप्त नहीं हुई. रात का खाना खाने के बाद फिर चुदाई चालू रही और इस बार मेरी खाला अपनी बेटी के साथ आ गयी और बोली तराना मैं भी तेरी माँ की बर्थ डे पर "माँ चुदाने और बेटी चुदाने की पार्टी" में शामिल हूँगी। फिर हम सबने खाला का भोसड़ा भी चोदा और उसकी बिटिया की बुर भी।
मैं जब अपनी ससुराल गयी तो बर्थ डे पे माँ चुदाने और बेटी चुदाने की पार्टी की कहानी सबको बताई। सबने एन्जॉय भी किया और तब मेरी नन्द ने कहा की अब यहाँ भी जितनी बर्थ डे होंगीं उन सब पर माँ का भोसड़ा चोदा जायेगा और बेटियों की बुर भी। मैंने कहा अच्छा मेरी बुर चोदी नन्द रानी तूने अपनी बुर और अपनी माँ की बुर चुदाने का प्लान तो बना लिया पर मेरी बुर का क्या होगा ? बहुओं की बुर का क्या होगा ? मेरी जेठानी की बुर और देवरानी की बुर का क्या होगा ? तब तक मेरी सास बोली - अरी मेरी प्यारी बहू रानी, ये तेरी नन्द है न इसकी माँ का भोसड़ा ? इसकी माँ की बहन की बुर ? तू चिंता न कर अब सबकी बर्थ डे पर माँ, बहन, बेटी, सास, नन्द, बहू, देवरानी, जेठानी, इन सबकी भी चोदी जाएगी बुर ? सब घुसेड़ेंगी सबकी चूत में लण्ड। अब होगा सबकी बर्थ डे पर एक मस्त सामूहिक चुदाई का जलसा ? और फिर चोदे जायेंगें सारे मर्दों के लण्ड ? लण्ड अगर कम हुए तो बाहर से मंगा लूंगी दर्जन दो दर्जन लण्ड।
नतीजा यह हुआ की मेरी ससुराल में भी हर बर्थ डे पे होने लगी माँ चुदाने और बेटी चुदाने की पार्टी। इस पार्ट में सबकी चुदने लगी चूत, बुर और भोसड़ा ?
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अम्मी ने कहा - आज तेरी बर्थ डे पे मैं तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँगी बेटी।
तो बेटी ने पलट कर जबाब दिया - तेरी बर्थ डे पे मैं भी तेरी बिटिया की बुर चोदूँगी अम्मी जान ? याद रखना।
इन दोनों की मस्त मस्त बातों से यह तो साफ ज़ाहिर था की अब आएगा सामूहिक चोदा चोदी का मज़ा।
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मेरी 20 वीं बर्थ डे होने वाली थी। यानी मुझे जवान हुए दो साल हो चुके थे। मैं जब 17 + की थी तो एक दिन मैंने फूफी जान और अम्मी जान के बातें चुपके चुपके सुन लीं थीं। घर में उस समय इन दोनों के अलावा कोई और नहीं था।
- फूफी जान ने कहा - अरे भाभी जान देखो अभी कुछ ही दिनों ने तेरी बेटी तराना 18 साल की होने वाली है। पूरी तरह जवान होने वाली है। अबकी बार उसकी बर्थ डे पर क्या करोगी ?
- अम्मी जान ने छूटते ही कहा - उसकी माँ चोदूँगी और क्या करूंगी ? उसकी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेलूँगी और क्या ?
- आये हाय तो अबकी बार तू अपनी बेटी के सामने अपना भोसड़ा चुदवायेगी ?
- अपनी बेटी के सामने ही नहीं ? अपनी बेटी से ही अपना भोसड़ा चुदवाऊंगी और देखूँगी की वह अच्छी तरह जवान हुई है की नहीं ? अगर उसने मेरा भोसड़ा बड़ी बेशर्मी से चोदा तो समझो की वह मस्त जवान हो गई है और अगर थोड़ा भी शर्मायी, झिझकी, इधर उधर भागी और लण्ड पर ध्यान नहीं दिया तो समझो की उसमे कुछ कमी है। फिर मेरे लिए वो चिंता का सबब बन जायेगा। जवानी में तो लड़किया दौड़ कर लण्ड पकड़ लेती हैं यार ? लण्ड चाहे अपने बाप का ही क्यों न हो ? अपने भाई जान का ही क्यों हो ?
- अच्छा तो तू मानेगी नहीं। अबकी बार तू अपने बेटी से अपनी बुर चुदवा ही लेगी ?
- हां बिलकुल ? अब तू बता ? तूने क्या किया था जब तेरी बेटी जवान हुई थी ?
- उसने अपनी 18 वीं बर्थ डे पर अपने बॉय फ्रेंड का लण्ड मेरी चूत में पेल दिया था। बड़ी बेशरम और हरामजादी है मेरी बुर चोदी बेटी। आज भी जब अपनी ससुराल से आती है और जब तक रहती है तब तक हर रोज़ मेरी चूत में लौड़ा पेलती है। मैं भी कम नहीं हूँ। मैं भी लौड़ा उसकी बुर में घुसेड़ने के कोई कसर नहीं छोड़ती। वह मेरी दस्त है न इसलिए।
- हां अब तूने सही बात कही है। अबकी बार से मेरी बेटी तराना भी मेरी दोस्त बनने वाली है और हम दोनों एक दूसरे की बुर में लौड़ा पेलेंगीं ?
मैं अचानक बाथ रूम गयी और जब वापस आयी तो देखा की फूफी जान अपनी बेटी के मियां का लौड़ा पकड़ कर हिला रहीं हैं। फूफी की चूँचियाँ खुली हुई हैं। उधर तूबा भी अपने मियां के दोस्त का लौड़ा हिला रही है । इतने में मेरी खाला जान का बेटा रफीक आ गया। उसने ये सब देखा तो उसका लौड़ा भी अंदर ही अंदर खड़ा हो गया । रात का समय था तो लण्ड का खड़ा होना वाज़िब था। अम्मी जान ने रफीक का लण्ड पकड़ा और उसे बड़े प्यार से चूम कर आगे पीछे करने लगी। मैं ये सब देख कर थोड़ा शर्मा गयी और वहां से जाने लगी तो फूफी ने मुझे बुलाया और बोली तू बुर चोदी तराना कहाँ जा रही है ? अब तू बच्ची नहीं है जवान हो गयी है। तुझे शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। शरमायेगी तो बिना चुदी रह जाएगी। ज्यादा शर्माएगी तो कोई लौड़ा भी नहीं पेलेगा तेरी चूत में ? मैं रुक गयी तो तूबा ने मुझे लण्ड पकड़ाते हुए बोली - ले तराना पकड़ मेरे मियां के दोस्त का लण्ड और पेल दे अपनी माँ के भोसड़ा में ? जैसे मैंने अपनी 18वीं बर्थ डे पर पेल दिया अपनी माँ के भोसड़ा में लण्ड ? साबित कर दे की तू अब जवान हो गई है. तेरे अंदर वो सब कुछ है जो एक औरत के अंदर होता है। तेरे अंदर लण्ड की चाहत वही है जो हर जवान लड़की के अंदर होता है।
मैंने भी जोश में आ गयी और पकड़ लिया लण्ड। तब तक तूबा ने मुझे नंगी कर दिया और उधर फूफी ने अम्मी जान को नंगी कर दिया। फूफी अम्मी का भोसड़ा सहलाने लगी। मैं इधर लण्ड चाट रही थी। तूबा मेरी बुर चाट रही थी। उसने मुझे इशारा किया तो मैंने लौड़ा घुसा दिया अपनी माँ की चूत में। तब मैंने कहा अरे यार तूबा तू भी घुसा दे अपने मियां का लण्ड अपनी माँ की चूत में। वह भी अपनी माँ का भोसड़ा चोदने लगी। बस फिर क्या था मुझे लगा की मुझसे ज्यादा बेशर्म दुनियां में कोई नहीं है। मैं पूरी तरह खुल गयी। तूबा भी खूब उत्तेजित हो गयी। मस्ती में आ गयी।
वह बोली - तराना तेरी माँ की नन्द का भोसड़ा ? मैं यह सुनकर और मस्त हो गयी. उसने अपने माँ के भोसड़ा की गाली दी तो मैंने भी कहा - तूबा तेरी माँ की भाभी की बुर ? मेरी अम्मी जान को पूरा यकीन हो गया की मैं अब अच्छी तरह जवान हो गयी हूँ। वह बोली - बेटी तराना, तेरी फूफी की बिटिया की बुर ? यह गाली तूबा की चूत पर लगी तो फूफी जान बोली - तेरी तूबा, तेरी मामी की बेटी की चूत ? इन गालियों ने माहौल को और गरम। इसके बाद उन दोनों का भोसड़ा धकाधक् चुदने लगा।
तूबा ने फिर तंज कसा और बोली - तराना तू मादर चोद, अपनी माँ चुदा रही है ? तुझे ज़रा भी शर्म नहीं है।
मैंने कहा - तो क्या तू झांटें उखाड़ रही है अपनी ? तू भी तो अपनी माँ चुदा रही है ? क्या तझे शर्म आती है?
मैं शकील के दोस्त रज़ा का लौड़ा अम्मी के भोसड़ा में पेले हुए थी और तूबा अपने शौहर शकील का लौड़ा अपनी माँ के भोसड़ा में पेले हुए थी। हम दोनों बड़े प्यार से अपनी अपनी माँ चुदाने में मशगूल हो गयीं। मैं अम्मी जान से फूफी जान से और उसकी बेटी से एकदम खुल गयी। मैं सच में अपनी माँ की सहेली बन गयी। जब चुदाई ख़तम हुई तो अम्मी ने कहा - बेटी तराना, तेरी माँ की चूत, तेरी माँ का भोसड़ा ?
मैंने भी मुस्कराकर कहा - अम्मी जान, तेरी बेटी की बुर, तेरी बेटी की माँ की चूत ?
फिर अम्मी ने मुझे गले लगा लिया।
अम्मी ने कहा - भोसड़ी की तराना, अब मैं तेरी हर बर्थ डे पर चीर डालूंगी तेरी बुर चोदी माँ की बिटिया की बुर ?
मैंने भी कहा - मेरी हरामजादी अम्मी जान, मैं भी तेरी हर बर्थ डे पर फाड़ डालूंगी तेरी चोदी बिटिया की माँ का भोसड़ा ?
अगले महीने मेरी अम्मी का बर्थ डे पड़ भी गया। मैंने सवेरे सवेरे अम्मी को मुबारकबाद दी और फिर कहा - अम्मी जान आज तो तेरा अपनी बेटी चुदाने का दिन है। आज मैं चोदूँगी तेरी बिटिया की बुर ?
वह खिलखिलाकर हंसने लगीं।
मैंने कहा - अम्मी जान आज तेरी बर्थ डे पर मैं माँ का भोसड़ा चोदने की पार्टी रख रही हूँ।
वह बोली - हां हां तू रख ले माँ का भोसड़ा चोदने की पार्टी पर चुदेगी माँ की बिटिया की बुर भी ?
फिर मैंने कुछ लोगों को बुलाकर अम्मी जान का बर्थ डे मनाया। दिन में जो होना था वो हो गया पर असली बर्थ डे तो रात में चुदाई करके ही मनाना था। रात में मैंने अपने दो यारों को बुला रखा था ज़मीर और समीर। ये दोनों मेरी ही उम्र के लड़के हैं लेकिन हैं बहन चोद बड़े हरामी। ये दोनों एक दूसरे की बीवी भी चोदते हैं और बहन भी चोदते हैं। एक दिन तो हद ही हो गयी। मैं अचानक इनके घर पहुँच गयी तो मैंने देखा की ये दोनों एक दूसरे माँ चोद रहें हैं।आज कल एक दूसरे की बीवी चोदने के साथ साथ एक दूसरे की माँ चोदने का भी सिलसिला भी चल पड़ा है। लोग जब 45 - 50 के हो जातें है तो फिर एक दूसरे की बेटियां भी चोदने लगतें हैं। ये बहन चोद चोदा चोदी का मामला ज़िन्दगी भर चलता ही रहता है कभी रुकता नहीं।
इनके अलावा मेरी खाला का बेटा रफीक भी था और मेरा चचा जान अजमत भी था। चचा भोसड़ी का मेरी ही उम्र का था। मैं तो ज़मीर और समीर के लण्ड पर बैठ चुकी थी। उनसे चुदवा चुकी थी पर चुदाने की प्यास अभी बुझी नहीं थी। इन दोनों के लण्ड मुझे बेहद पसंद है। मुझे यकीन है की अम्मी को भी इनके लंड पसंद आयेंगें। मैंने अजमत का लौड़ा अभी तक नहीं देखा तो मेरा मन वहीं लगा हुआ था। तूबा बुर चोदी ज़मीर को बड़ी ललचाई नज़रों से देख रही थी। अम्मी जान और फूफी जान भी अपनी चुदाई शुरू होने का इंतज़ार कर रहीं थीं।मैंने तभी रफीक का पैजामा खोल डाला और उसका लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी। लौड़ा मेरा जाना पहचाना था। वह तुरंत खड़ा हो गया और मैं दूसरे हाथ से अम्मी का भोसड़ा सहलाने लगी। अम्मी जान भी मेरी चूत सहलाते हुए अजमत का लौड़ा हिलाने लगी। उधर फूफ जान ज़मीर का लण्ड खोल कर ऊपर नीचे करने लगी और उसकी बेटी तूबा समीर का लण्ड। हम चारों के हाथ में एक एक लंडा गया और हम धीरे धीरे मस्त होने लगीं। मैंने तभी रफीक का आलूदा अम्मी के भोसड़ा पररख दिया। रफीक मेरी मंशा समझ गाय उसने लण्ड धीरे से अम्मी की चूत में घुसा दिया। मैंने एक हाथ उसके चूतड़ों पर रखा और ऊपर से दबा दिया।
मैंने कहा - रफीक अब चोदो तुम मेरी माँ का भोसड़ा। वह मजे से चोदने लगा। तब मैंने फिर कहा देख अम्मी जान अब चुद रहा है न तेरी बिटिया की माँ का भोसड़ा ?
अम्मी ने उसी समय अमजत तो इशारा किता तो उसने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया तो वह भी मुझे झमाझम चोदने लगा. अम्मी ने मजाक में कहा ले भोसड़ी की ताराना देख अब चुद रही है तेरी माँ की बिटिया की बुर ? हम दोनों एक दूसरे के लण्ड के पेल्हड़ सहलाते हुए अपनी अपनी बुर चुदवाने में जुट गयीं। उधर फूफी ने ज़मीर का लंड अपनी बेटी की बुर में घुसा दिया और बेटी तूबा ने समीर का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में ठोंक दिया। फूफी बोली हाय दईया कितनी मस्त चुदाई हो रही है तराना। बेटी अपनी माँ चुदवा रही है माँ अपनी बेटी ? तू भी अपनी माँ चुदा रही है और मैं भी अपनी माँ चुदा रही हूँ। हर बर्थ डे पे अगर इसी तरह की माँ बेटी की चुदाई, बाप बेटी की चुदाई, माँ बेटे की चुदाई, सास दामाद की चुदाई, ससुर बहू की चुदाई, देवर भाभी की चुदाई, बहन बहनोई की चुदाई होती रहे तो कितना माज़ आये ? चुदाई बड़ी तेजी से होने लगी। हम चारों की चूत का बाजा खूब मज़े से बजने लगा। मुझे ये सब देख देख कर बड़ा अच्छा लग रहा था। चूत बुर चोदी होती ही है चुदने के लिए। चुदेगी नहीं तो फिर किस काम आएगी ?
इतने में तूबा बोली यार तराना मैं अपनी माँ का भोसड़ा चोद चुकी हूँ। अब तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँगी। ऐसा कह कर उसने ज़मीर का लण्ड अपनी बुर से निकाल कर मेरी माँ की बुर में घुसा दिया। मैंने कहा अच्छा तो फिर मैं भी तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँगी क्यों की मैं अपनी माँ चोद चुकी हूँ। मैंने भी अजमत चचा का लौड़ा चूत से निकला
कर फूफी की बुर में पेल दिया। मेरा चचा जान साला चाहता ही था तूबा की माँ चोदना तो वह मजे से चोदने लगा। इतने में फूफी ने कहा तराना अब मैं तेरी माँ की बिटिया की बुर चोदूँगी उसने समीर का लौड़ा अपने भोसड़ा से निकाल कर मेरी चूत में पेल दिया। उधर मेरी अम्मी जान ने भी पैतरा बदला। वह किसी से कम तो थी नहीं ? उसने रफीक का लौड़ा अपनी चूत से निकाल कर तूबा की चूत में ठोंक दिया और बोली तूबा ले मैं भी अब तेरी माँ की बिटिया की बुर चोदूँगी। हम चारों के लण्ड बदल गए तो मज़ा और आने लगा। सामूहिक चुदाई का यही तो सबस बड़ा फायदा है। एक दूसरे की चूत में लण्ड घुसेड़ने में जो मज़ा है वह अपनी चूत में घुसेड़ने में कहाँ ? मैं तो यही पसंद करती हूँ। कुछ देर बाद एक एक करके सबकी चूत ढीली होने लगी और इसी तरह लण्ड भी एक के बाद एक झड़ने लगे। हम सबने सबके झड़ते हुए लण्ड चाटे और खूब एन्जॉय किया।
अम्मी जान की बर्थ डे सच में बहुत अच्छी तरह से मनाई गयी। चुदाई यही समाप्त नहीं हुई. रात का खाना खाने के बाद फिर चुदाई चालू रही और इस बार मेरी खाला अपनी बेटी के साथ आ गयी और बोली तराना मैं भी तेरी माँ की बर्थ डे पर "माँ चुदाने और बेटी चुदाने की पार्टी" में शामिल हूँगी। फिर हम सबने खाला का भोसड़ा भी चोदा और उसकी बिटिया की बुर भी।
मैं जब अपनी ससुराल गयी तो बर्थ डे पे माँ चुदाने और बेटी चुदाने की पार्टी की कहानी सबको बताई। सबने एन्जॉय भी किया और तब मेरी नन्द ने कहा की अब यहाँ भी जितनी बर्थ डे होंगीं उन सब पर माँ का भोसड़ा चोदा जायेगा और बेटियों की बुर भी। मैंने कहा अच्छा मेरी बुर चोदी नन्द रानी तूने अपनी बुर और अपनी माँ की बुर चुदाने का प्लान तो बना लिया पर मेरी बुर का क्या होगा ? बहुओं की बुर का क्या होगा ? मेरी जेठानी की बुर और देवरानी की बुर का क्या होगा ? तब तक मेरी सास बोली - अरी मेरी प्यारी बहू रानी, ये तेरी नन्द है न इसकी माँ का भोसड़ा ? इसकी माँ की बहन की बुर ? तू चिंता न कर अब सबकी बर्थ डे पर माँ, बहन, बेटी, सास, नन्द, बहू, देवरानी, जेठानी, इन सबकी भी चोदी जाएगी बुर ? सब घुसेड़ेंगी सबकी चूत में लण्ड। अब होगा सबकी बर्थ डे पर एक मस्त सामूहिक चुदाई का जलसा ? और फिर चोदे जायेंगें सारे मर्दों के लण्ड ? लण्ड अगर कम हुए तो बाहर से मंगा लूंगी दर्जन दो दर्जन लण्ड।
नतीजा यह हुआ की मेरी ससुराल में भी हर बर्थ डे पे होने लगी माँ चुदाने और बेटी चुदाने की पार्टी। इस पार्ट में सबकी चुदने लगी चूत, बुर और भोसड़ा ?
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