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पापा का मोटा लंड भा गया मुझे - Papa ka mota land bha gayaa mujhe
पापा का मोटा लंड भा गया मुझे - Papa ka mota land bha gayaa mujhe , पापा से सेक्स की इच्छा , पापा से चुदने की कामना , पापा और बेटी लंड की चूत सेक्स कहानी , बेटी की बुर में पिताजी का बड़ा लोला.
इससे मेरे भी मन में आया की मैं भी किसी दिन अब्बू का लण्ड पकड़ूँगी और मज़ा करूंगी। आज वह दिन आ ही गया। वैसे भी एक दिन मेरी खाला ने कहा था की छमिया एक बात तू नोट कर ले। लड़कियां जवान होने पर अपने बाप का भी लौड़ा पकड़ ले तो कोई गुनाह नहीं है, अपने बाप से चुदवा ले तो भी कोई गुनाह नहीं है क्योंकि ये सब हमारे समाज में जायज़ माना जाता है। मेरी इसीलिए हिम्मत बढ़ी और मैं अब्बू के लण्ड का मज़ा बेधड़क और बड़ी बेशर्मी से लेने लगी। एक दिन मैंने अपनी फूफी जान को अपने ही बेटे का लण्ड चाटते हुए देखा था तो मुझे यकीन हो गया था की किसी का लौड़ा अपनी चूत में पेला जा सकता है और किसी से भी चुदवाया जा सकता है। शायद चुदाई के लिए कही कोई पाबन्दी नहीं है।
चुदाई चल ही रही थी तभी मेरी फूफी की बेटी नशा जाने कहाँ से टपक पड़ी। वह भी मेरी ही उम्र की थी और वह भी शादी शुदा थी। उसने मुझे अब्बू से चुदवाते हुए देख लिया । अब्बू का लण्ड भी देखा और देखते ही बोली हाय छमिया तेरे अब्बू का लण्ड मेरे अब्बू के लण्ड से बड़ा है यार और मोटा भी है। मैंने कहा अरे नशा तू बुर चोदी कहाँ से आ गयी इतनी रात को। तेरी माँ का भोसड़ा। मैं बहुत दिनों से तुझे ढूंढ रही थी। पहले ये बता तू कहाँ अपनी माँ चुदा रही थी इतने दिनों से ? वह बोली अरे यार मैं अपने मामू के घर गयी थी। वहीँ से आ रही हूँ। हां यह बात जरूर है की मैंने कल रात भर अपनी माँ चुदवाई है। ऐसा कहते हुए नशा मेरे अब्बू का लण्ड मेरी बुर से निकाल कर चाटने लगी। अब्बू नशा को नंगी देख कर और उत्तेजित हो गया। उसने मेरी चूँचियाँ दबाते हुए नशा की बुर में लौड़ा पेल दिया। नशा भी अपने मामू जान से चुदवाने में मस्त हो गयी। मेरा अब्बू उसका मामू जान है न ?
मैं अब्बू के पेल्हड़ सहलाने लगी और बीच बीच में लण्ड उसकी बुर से लण्ड निकाल कर चाटने लगी। वह बोली यार छमिया मैं भी काले लण्ड की शौक़ीन हूँ। मुझे काला लौड़ा बड़ा अच्छा लगता है। मैंने अपने ननिहाल में एक काले लण्ड से चुदवाया था। वह मेरा पहला काला लण्ड था। आज ये दूसरा काला लण्ड है मेरे लिए। वह बोली हाय मामू जाना बड़ा मज़ा आ रहा है। मुझे खूब चोदो और धमाधम चोदो। पूरा लौड़ा पेल के चोदो। इतना मोटा लण्ड साला मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा। तो फिर बना ही दो न भोसड़ा । मेरी चूत मेरी अम्मी के भोसड़ा की तरह हो जाएगी। छमिया तू भोसड़ी की इतने दिनों से काले लण्ड का मज़ा ले रही है और मुझे बताया भी नहीं। मैंने कहा नहीं यार आज मैं पहली बार अब्बू से चुदवा रही हूँ। पहले कभी नहीं चुदवाया। मुझे क्या मालूम था की काला लण्ड इतना हैंडसम होता है और इतना सख्त होता है।
फिर मैं बेड के नीचे खड़ी हो गयी। अपनी गांड उठा कर पेट पे बल झुक कर बेड पर लेट गयी। अब्बू नीचे खड़ा खड़ा लण्ड पीछे से मेरी चूत में घुसा दिया। मैं चुदवाने लगी। तब तक नशा मेरे ऊपर लेट गयी उसकी गांड ऊपर थी और चूत नीचे। वह इस कदर मेरे ऊपर लेटी थी की उसकी चूत मेरी चूत के ठीक ऊपर हो गयी। बस अब्बू कभी लण्ड मेरी बुर में पेलता और कभी नशा की बुर में। कभी मेरी बुर से निकाल कर लण्ड नशा की बुर में घुसेड़ देता और कभी उसकी बुर से निकाल कर लण्ड मेरी बुर में घुसा देता। हम दोनों को ज़न्नत का मज़ा आने लगा। मैंने बड़े प्यार से कहा अब्बू भोसड़ी का तू तो मादर चोद बहुत बड़ा हरामी आदमी है। तुझे लड़कियों की बुर चोदने में ज्यादा मज़ा आता है। तेरी बहन की बुर साले तेरे लण्ड की माँ की चूत। नशा भी बोली छमिया तेरे अब्बू की बहन का भोसड़ा ? मैंने कहा बुर चोदी नशा तू अपने माँ के भोसड़ा की बात कर रही है। मेरे अब्बू की बहन तेरी अम्मी है नशा ? वह बोली हां यार मैं जानती हूँ। मेरी अम्मी बहुत बड़ी चुड़क्कड़ है। मेरी बुर चोदी अम्मी की बिटिया की बुर ?
अब्बू हम दोनों की बुर फाड़ रहा था। मार धकाधक चोदे जा रहा था। उसी तनिक भी शर्म नहीं थी। वह बोला अल्ताफ की बीवी मैं तो तेरी बुर का बाजा बजा दूंगा। मैंने कहा मैंअल्ताफ की बीवी हूँ। तुम मुझे चोद रहे हो। अल्ताफ तेरी बीवी चोदेगा। इस नाते मैं तेरी भाभी हूँ तू मेरा देवर ? मुझे भाभी कहो और मुझे चोदो। हम दोनों इसी तरह गालियां बक बक कर चुदाई का मज़ा ले रहीं थीं। बाद में हम दोनों ने मिलकर अब्बू का झड़ता हुआ लण्ड चाटा।
दो दिन बाद मेरी नन्द निगार अपने अब्बू के साथ आ गयी। उसका अब्बू मुनीर मेरा ससुर है। इन दोनों के आने से घर में रौनक आ गयी। मेरी नन्द मुझसे बहुत प्रेम करती है और अब तो हम दोनों पक्की सहेलियां भी हो गईं हैं। निगार की भी शादी हो चुकी है और वह भी अपने शौहर से खुश है। दूसरे दिन शाम को मेरा अब्बू सुलेमान और निगार का अब्बू मुनीर दोनो बैठे हुए आपस में बातें कर रहे थे। इसकी बहँक निगार को लग गयी तो वह मेरे पास आयी और बोली भाभी जान चलो हम लोग देखने की ये दोनों क्या क्या बातें कर रहें हैं ? फिर क्या हम लोग दरवाजे के पीछे खड़ी खोकर उनकी बातें सुनने लगीं।
मेरा अब्बू सुलेमान बोला - यार मुनीर तेरी बेटी निगार तो बड़ी खूबसूरत हो गयी है। इसका बदन तो अच्छी तरह गदरा गया है। आज बहुत दिनों के बाद इसे देख रहा हूँ। अब्बू
मुनीर मेरा ससुर बोला - अरे यार, शादी के बाद तो बेटियां गदरा ही जातीं है और खूबसूरत भी हो जातीं हैं। अब देखो न तेरी बेटी जो अब मेरी बहू है कितनी खूबसूरत हो गयी है।
हां वो है। मुझे तो वाकई दूसरों की बीवियां चोदने में बड़ा मज़ा आता है।
तो फिर एक बात सुनो। अब तेरी बेटी किसी की बीवी हो गई है तो क्या तुम उसे किसी और की बीवी की तरह चोद सकते हो ? अब्बू
अरे हां यार ये तो मैंने सोंचा ही नहीं था। चोद सकता हूँ. बिलकुल चोद सकता हूँ।
मैं भी चोद सकता हूँ। बेटी या बहू समझ कर नहीं, बीवी समझ कर चोद सकता हूँ। अब्बू
अरे यार बेटी बहू भी समझ कर हम चोद सकतें हैं हमारे समाज में सब कुछ अलाउड है। कही कोई मनाही नहीं है।
तो फिर यार आज तुम मेरी बेटी चोदो और मैं तेरी बेटी चोदूं ? अब्बू
हां यार मैं तैयार हूँ।
मैंने निगार से कहा - ले भोसड़ी की आज तेरी चूत का बाजा मेरा अब्बू बजायेगा।
वह बोली - हां यार मेरा भी अब्बू तेरी चूत का बजा बजायेगा। अभी तक तेरी माँ चोदता रहा अब तुझे भी चोदेगा। मैंने कहा - चलो अच्छा है, मुझे तो मज़ा आएगा अपने ससुर से चुदाने में। पहली बात उसका लौड़ा पकडूँगी तो बड़ा अच्छा लगेगा मुझे। \
वह बोली - हां मुझे भी बड़ा मज़ा आएगा जब मैं पहली बार अपनी भाभी के अब्बू का लण्ड पकड़ूँगी। और हां तेरे अब्बू का लण्ड काला है न भाभी जान ? मुझे काला लण्ड बड़ा प्यारा लगता है। मैं ऐसे लण्ड जब नेट पर देखती हूँ तो मेरी चूत गरम हो जाती है बहन चोद।
फिर क्या ? रात को यह खबर फ़ैल गयी पूरे घर में की ये दोनों एक दूसरे की बेटी चोदेगें। एक अपनी बहू की बुर चोदेगा और दूसरा अपनी बेटी की नन्द की बुर चोदेगा।
रात को करीब 11 बजे जब हम दोनों जब कमरे में घुसी तो मेरे ससुर ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और मेरे अब्बू ने मेरी नन्द को अपनी तरफ खींच लिया। नन्द को अब्बू ने अपनी गोद में बैठा लिया और मैं अपने ससुर से चिपक गयी। ससुर जी ने मेरे बदन का पर हाथ फेरा और बोला बहू रानी तुम सच में बहुत खूबसूरत हो। मेरा दिल तुम पर आ गया है। हो तुमरे दोस्त की बेटी पर आज तुम मेरी बहू हो और किसी की बीवी भी। मुझे नई नवेली बीवी बहुत अच्छी लगती है। अब मैं तुम्हे बिलकुल नंगी देखना चाहता हूँ बहू रानी। ऐसा कह कर वह मेरे कपड़े उतारने लगा। उधर मेरे सामने मेरा अब्बू मेरी नन्द के कपड़े उतार रहा था। इधर मैं नंगी हुई तो उधर मेरी नन्द नंगी हो गयी। मुझे नंगी देख कर मेरे ससुर का लौड़ा टन टना उठा। उसने अपनी लुंगी फेंक दी। उसका लौड़ा बहन चोद मेरे आगे तन कर खड़ा हो गया। मैंने भी देर नहीं लगायी और लण्ड पकड़ लिया।
मैंने कहा - हाय अल्लाह, बड़ा जबरदस्त है तेरा लण्ड बहन चोद ?
उधर मेरी नन्द मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ कर बोली - भाभी जान तेरे अब्बू का लण्ड तो बिलकुल नीग्रो लण्ड लग रहा है। उनके लण्ड जितने बड़े बड़े होतें है उतना ही बड़ा तेरे अब्बू का लण्ड है। ये तो मेरी चूत फाड़ डालेगा , भाभी जान ।
मैंने कहा - हां नन्द रानी, आज मैं तेरी बुर फड़वाकर कर ही दम लूंगी। तेरी माँ की बहू की बुर नन्द रानी ?
उसने भी पलट कर कहा - तो आज मैं भी तेरी चूत के चीथड़े उड़वा दूँगी। तेरी सास की बिटिया की बुर, भाभी जान ?
मैं निगार केअब्बू का लण्ड चाटने लगी और निगार मेरे अब्बू का लण्ड चाटने लगी। थोड़ी देर बाद मैं निगार के अब्बू से चुदवाने लगी और निगार मेरे अब्बू से चुदवाने लगी।
=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=० समाप्त
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उस दिन घर में मेरा अब्बू अकेला था। मैं भी थी पर उसे नहीं मालूम था की मैं घर में हूँ। वह रात को लगभग 11 अपने कमरे की खिड़की दरवाजा खोल कर एकदम नंगा लेटा था। सामने टी वी पर एक ब्लू फिल्म चल रही थी। वह बेड पर अपनी दोनों टांगें फैलाये हुए ब्लू फिल्म देख रहा था और अपना खड़ा लण्ड सहला रहा था। मेरा अब्बू 47 साल का है और उसका रंग काला है। उसका लण्ड भी काला है। मेरी अम्मी जान गोरी हैं और हम सब भाई बहन भी गोरी हैं। मैं जब खिड़की के पास आयी तो मेरी निगाह सीधे अब्बू के खड़े टन टनाते हुए लण्ड पर पड़ी तो मेरे मुंह से निकला - बाप रे बाप इतना बड़ा लण्ड ! इतना मोटा लण्ड, मेरे अब्बू जान का ! मैं अब्बू का लण्ड देख कर बुरी तरह ललचा गई. मेरी चूत में आग लग गई। मेरे मुंह से लार टपकने लगी। मुझे लगा की मैं लण्ड अभी मुंह में भर लूं। मैं पहली बार कोई काला मस्त लौड़ा देख रही थी। मुझे काला लौड़ा सच में बहुत ही पसंद आ गया। हर गोरी लड़की की चाहत होती है की वह कोई काला लण्ड पकड़े। मेरे मुंह से निकला हाय अल्लाह कितना प्यारा लौड़ा है बहन चोद ?
अब्बू मेरी आवाज़ पहचान गया और बोला - अरे छमिया तू यहाँ ? मैंने उसकी आवाज़ नहीं सुनी क्योंकि मेरी नज़र लण्ड से हट ही नहीं रही थी। मैं तो बस लण्ड को देखे जा रही थी। मेरे मुंह से लार टपक रही थी। चूत बहन चोद गीली हो गई थी। अब्बू फिर बोला अरे छमिया तू ,,,,,,,,,,,,,,,,,, ?
- वह बोला - छमिया, क्या कहा तूने ज़रा फिर कहो।
- मैंने कहा - नहीं अब्बू जान कुछ नहीं। मेरे मुंह से बस यूं ही निकल गया ?
- वह बोला - क्या निकल गया तेरे मुंह से बेटी छमिया। ज़रा फिर से निकालो न ? मैं सुंनना चाहता हूँ।
- मैंने कहा - मेरे मुंह से निकला "हाय अल्लाह, कितना प्यारा लौड़ा है बहन चोद ?"
- उसने मुझे लण्ड दिखाते हुए कहा - ऐसे नहीं छमिया ज़रा इसे पकड़ कर देखो फिर कहो ?
- मैंने हाथ बढ़ाकर उसका लण्ड पकड़ लिया और उसका सुपाड़ा चूम कर फिर कहा - कितना प्यारा लौड़ा है बहन चोद ?
इससे मेरे भी मन में आया की मैं भी किसी दिन अब्बू का लण्ड पकड़ूँगी और मज़ा करूंगी। आज वह दिन आ ही गया। वैसे भी एक दिन मेरी खाला ने कहा था की छमिया एक बात तू नोट कर ले। लड़कियां जवान होने पर अपने बाप का भी लौड़ा पकड़ ले तो कोई गुनाह नहीं है, अपने बाप से चुदवा ले तो भी कोई गुनाह नहीं है क्योंकि ये सब हमारे समाज में जायज़ माना जाता है। मेरी इसीलिए हिम्मत बढ़ी और मैं अब्बू के लण्ड का मज़ा बेधड़क और बड़ी बेशर्मी से लेने लगी। एक दिन मैंने अपनी फूफी जान को अपने ही बेटे का लण्ड चाटते हुए देखा था तो मुझे यकीन हो गया था की किसी का लौड़ा अपनी चूत में पेला जा सकता है और किसी से भी चुदवाया जा सकता है। शायद चुदाई के लिए कही कोई पाबन्दी नहीं है।
मैं 24 साल की हूँ. शादी शुदा हूँ मेरा निकाह अभी 3 महीने पहले ही हुआ है। मैं पढ़ी लिखी हूँ और हॉट होने के साथ साथ बहुत बोल्ड हूँ। लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा के खेल में तो मैं बहुत ही खुली हुई हूँ। मैं न झांट किसी से शर्माती हूँ और न डरती हूँ। मैं खुल कर सबके लण्ड एन्जॉय करती हूँ। ये इत्तिफाक है की आज मैं पहली बार अब्बू जान का लण्ड पकड़ रही हूँ। मुझे काला लण्ड बहुत ही उत्तेजित कर रहा था। लण्ड का साइज लगभग 9" x 6" का था। मैंने कई लण्ड पकड़े हैं पर कोई भी लण्ड इतना बड़ा इतना मोटा नहीं था जितना की मेरे अब्बू का लण्ड है। मेरा तो दिल आ गया अब्बू के लण्ड पर। मैंने लण्ड की कई बार चुम्मी ली। उसे प्यार किया, पुचकारा और उसके पेल्हड़ भी चूमे। लण्ड की झांटें एकदम साफ़ थी तो लण्ड और बड़ा और खूबसूरत लग रहा था।
- अब्बू ने कहा - छमिया, तेरे मियां अल्ताफ का लण्ड कैसा है ?
- मैंने कहा - उसका लण्ड तेरे लण्ड से छोटा है, अब्बू।
- और तेरी ससुराल में कितने लण्ड हैं और तूने कितने लण्ड पकड़ें है अभी तक ?
- वहां तो बहुत लण्ड हैं अब्बू जान, मैं अपने दोनों देवर के लण्ड पकड़ चुकी हूँ। जेठ का लण्ड अभी नहीं पकड़ा. मेरे दो नंदोई है, बड़े वाले का लण्ड पकड़ा है, छोटे वाले का अभी नहीं। मेरे ससुर के तीन भाई हैं। मैंने छोटे ससुर का लण्ड पकड़ा है बाकी दोनों के अभी तक नहीं। लेकिन अब्बू जान किसी का भी लण्ड बहन चोद तेरे लण्ड के मुकाबले नहीं है।
- मैंने कहा अरे अब्बू जान मैं तेरी बेटी हूँ। मुझे तेरा लण्ड भा गया अब्बू जान ?
- नहीं तू मेरी बेटी नहीं है छमियाँ। अब तू अल्ताफ की बीवी है और मैं अल्ताफ की बीवी चोदूंगा। मुझे दूसरों की बीवियां चोदने में बड़ा मज़ा आता है।
- तो मुझे भी ग़ैर मर्दों से चुदवाने में मज़ा आता है अब्बू जान। आज तो मैं बुर चोदी सबीना ( मेरी अम्मी जान ) के मियां से चुदवाऊंगी । तुम मेरे मियां की बीवी चोदो अब्बू, मेरा मियां तेरी बीवी चोदेगा।
चुदाई चल ही रही थी तभी मेरी फूफी की बेटी नशा जाने कहाँ से टपक पड़ी। वह भी मेरी ही उम्र की थी और वह भी शादी शुदा थी। उसने मुझे अब्बू से चुदवाते हुए देख लिया । अब्बू का लण्ड भी देखा और देखते ही बोली हाय छमिया तेरे अब्बू का लण्ड मेरे अब्बू के लण्ड से बड़ा है यार और मोटा भी है। मैंने कहा अरे नशा तू बुर चोदी कहाँ से आ गयी इतनी रात को। तेरी माँ का भोसड़ा। मैं बहुत दिनों से तुझे ढूंढ रही थी। पहले ये बता तू कहाँ अपनी माँ चुदा रही थी इतने दिनों से ? वह बोली अरे यार मैं अपने मामू के घर गयी थी। वहीँ से आ रही हूँ। हां यह बात जरूर है की मैंने कल रात भर अपनी माँ चुदवाई है। ऐसा कहते हुए नशा मेरे अब्बू का लण्ड मेरी बुर से निकाल कर चाटने लगी। अब्बू नशा को नंगी देख कर और उत्तेजित हो गया। उसने मेरी चूँचियाँ दबाते हुए नशा की बुर में लौड़ा पेल दिया। नशा भी अपने मामू जान से चुदवाने में मस्त हो गयी। मेरा अब्बू उसका मामू जान है न ?
मैं अब्बू के पेल्हड़ सहलाने लगी और बीच बीच में लण्ड उसकी बुर से लण्ड निकाल कर चाटने लगी। वह बोली यार छमिया मैं भी काले लण्ड की शौक़ीन हूँ। मुझे काला लौड़ा बड़ा अच्छा लगता है। मैंने अपने ननिहाल में एक काले लण्ड से चुदवाया था। वह मेरा पहला काला लण्ड था। आज ये दूसरा काला लण्ड है मेरे लिए। वह बोली हाय मामू जाना बड़ा मज़ा आ रहा है। मुझे खूब चोदो और धमाधम चोदो। पूरा लौड़ा पेल के चोदो। इतना मोटा लण्ड साला मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा। तो फिर बना ही दो न भोसड़ा । मेरी चूत मेरी अम्मी के भोसड़ा की तरह हो जाएगी। छमिया तू भोसड़ी की इतने दिनों से काले लण्ड का मज़ा ले रही है और मुझे बताया भी नहीं। मैंने कहा नहीं यार आज मैं पहली बार अब्बू से चुदवा रही हूँ। पहले कभी नहीं चुदवाया। मुझे क्या मालूम था की काला लण्ड इतना हैंडसम होता है और इतना सख्त होता है।
फिर मैं बेड के नीचे खड़ी हो गयी। अपनी गांड उठा कर पेट पे बल झुक कर बेड पर लेट गयी। अब्बू नीचे खड़ा खड़ा लण्ड पीछे से मेरी चूत में घुसा दिया। मैं चुदवाने लगी। तब तक नशा मेरे ऊपर लेट गयी उसकी गांड ऊपर थी और चूत नीचे। वह इस कदर मेरे ऊपर लेटी थी की उसकी चूत मेरी चूत के ठीक ऊपर हो गयी। बस अब्बू कभी लण्ड मेरी बुर में पेलता और कभी नशा की बुर में। कभी मेरी बुर से निकाल कर लण्ड नशा की बुर में घुसेड़ देता और कभी उसकी बुर से निकाल कर लण्ड मेरी बुर में घुसा देता। हम दोनों को ज़न्नत का मज़ा आने लगा। मैंने बड़े प्यार से कहा अब्बू भोसड़ी का तू तो मादर चोद बहुत बड़ा हरामी आदमी है। तुझे लड़कियों की बुर चोदने में ज्यादा मज़ा आता है। तेरी बहन की बुर साले तेरे लण्ड की माँ की चूत। नशा भी बोली छमिया तेरे अब्बू की बहन का भोसड़ा ? मैंने कहा बुर चोदी नशा तू अपने माँ के भोसड़ा की बात कर रही है। मेरे अब्बू की बहन तेरी अम्मी है नशा ? वह बोली हां यार मैं जानती हूँ। मेरी अम्मी बहुत बड़ी चुड़क्कड़ है। मेरी बुर चोदी अम्मी की बिटिया की बुर ?
अब्बू हम दोनों की बुर फाड़ रहा था। मार धकाधक चोदे जा रहा था। उसी तनिक भी शर्म नहीं थी। वह बोला अल्ताफ की बीवी मैं तो तेरी बुर का बाजा बजा दूंगा। मैंने कहा मैंअल्ताफ की बीवी हूँ। तुम मुझे चोद रहे हो। अल्ताफ तेरी बीवी चोदेगा। इस नाते मैं तेरी भाभी हूँ तू मेरा देवर ? मुझे भाभी कहो और मुझे चोदो। हम दोनों इसी तरह गालियां बक बक कर चुदाई का मज़ा ले रहीं थीं। बाद में हम दोनों ने मिलकर अब्बू का झड़ता हुआ लण्ड चाटा।
दो दिन बाद मेरी नन्द निगार अपने अब्बू के साथ आ गयी। उसका अब्बू मुनीर मेरा ससुर है। इन दोनों के आने से घर में रौनक आ गयी। मेरी नन्द मुझसे बहुत प्रेम करती है और अब तो हम दोनों पक्की सहेलियां भी हो गईं हैं। निगार की भी शादी हो चुकी है और वह भी अपने शौहर से खुश है। दूसरे दिन शाम को मेरा अब्बू सुलेमान और निगार का अब्बू मुनीर दोनो बैठे हुए आपस में बातें कर रहे थे। इसकी बहँक निगार को लग गयी तो वह मेरे पास आयी और बोली भाभी जान चलो हम लोग देखने की ये दोनों क्या क्या बातें कर रहें हैं ? फिर क्या हम लोग दरवाजे के पीछे खड़ी खोकर उनकी बातें सुनने लगीं।
मेरा अब्बू सुलेमान बोला - यार मुनीर तेरी बेटी निगार तो बड़ी खूबसूरत हो गयी है। इसका बदन तो अच्छी तरह गदरा गया है। आज बहुत दिनों के बाद इसे देख रहा हूँ। अब्बू
मुनीर मेरा ससुर बोला - अरे यार, शादी के बाद तो बेटियां गदरा ही जातीं है और खूबसूरत भी हो जातीं हैं। अब देखो न तेरी बेटी जो अब मेरी बहू है कितनी खूबसूरत हो गयी है।
हां वो है। मुझे तो वाकई दूसरों की बीवियां चोदने में बड़ा मज़ा आता है।
तो फिर एक बात सुनो। अब तेरी बेटी किसी की बीवी हो गई है तो क्या तुम उसे किसी और की बीवी की तरह चोद सकते हो ? अब्बू
अरे हां यार ये तो मैंने सोंचा ही नहीं था। चोद सकता हूँ. बिलकुल चोद सकता हूँ।
मैं भी चोद सकता हूँ। बेटी या बहू समझ कर नहीं, बीवी समझ कर चोद सकता हूँ। अब्बू
अरे यार बेटी बहू भी समझ कर हम चोद सकतें हैं हमारे समाज में सब कुछ अलाउड है। कही कोई मनाही नहीं है।
तो फिर यार आज तुम मेरी बेटी चोदो और मैं तेरी बेटी चोदूं ? अब्बू
हां यार मैं तैयार हूँ।
मैंने निगार से कहा - ले भोसड़ी की आज तेरी चूत का बाजा मेरा अब्बू बजायेगा।
वह बोली - हां यार मेरा भी अब्बू तेरी चूत का बजा बजायेगा। अभी तक तेरी माँ चोदता रहा अब तुझे भी चोदेगा। मैंने कहा - चलो अच्छा है, मुझे तो मज़ा आएगा अपने ससुर से चुदाने में। पहली बात उसका लौड़ा पकडूँगी तो बड़ा अच्छा लगेगा मुझे। \
वह बोली - हां मुझे भी बड़ा मज़ा आएगा जब मैं पहली बार अपनी भाभी के अब्बू का लण्ड पकड़ूँगी। और हां तेरे अब्बू का लण्ड काला है न भाभी जान ? मुझे काला लण्ड बड़ा प्यारा लगता है। मैं ऐसे लण्ड जब नेट पर देखती हूँ तो मेरी चूत गरम हो जाती है बहन चोद।
फिर क्या ? रात को यह खबर फ़ैल गयी पूरे घर में की ये दोनों एक दूसरे की बेटी चोदेगें। एक अपनी बहू की बुर चोदेगा और दूसरा अपनी बेटी की नन्द की बुर चोदेगा।
रात को करीब 11 बजे जब हम दोनों जब कमरे में घुसी तो मेरे ससुर ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और मेरे अब्बू ने मेरी नन्द को अपनी तरफ खींच लिया। नन्द को अब्बू ने अपनी गोद में बैठा लिया और मैं अपने ससुर से चिपक गयी। ससुर जी ने मेरे बदन का पर हाथ फेरा और बोला बहू रानी तुम सच में बहुत खूबसूरत हो। मेरा दिल तुम पर आ गया है। हो तुमरे दोस्त की बेटी पर आज तुम मेरी बहू हो और किसी की बीवी भी। मुझे नई नवेली बीवी बहुत अच्छी लगती है। अब मैं तुम्हे बिलकुल नंगी देखना चाहता हूँ बहू रानी। ऐसा कह कर वह मेरे कपड़े उतारने लगा। उधर मेरे सामने मेरा अब्बू मेरी नन्द के कपड़े उतार रहा था। इधर मैं नंगी हुई तो उधर मेरी नन्द नंगी हो गयी। मुझे नंगी देख कर मेरे ससुर का लौड़ा टन टना उठा। उसने अपनी लुंगी फेंक दी। उसका लौड़ा बहन चोद मेरे आगे तन कर खड़ा हो गया। मैंने भी देर नहीं लगायी और लण्ड पकड़ लिया।
मैंने कहा - हाय अल्लाह, बड़ा जबरदस्त है तेरा लण्ड बहन चोद ?
उधर मेरी नन्द मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ कर बोली - भाभी जान तेरे अब्बू का लण्ड तो बिलकुल नीग्रो लण्ड लग रहा है। उनके लण्ड जितने बड़े बड़े होतें है उतना ही बड़ा तेरे अब्बू का लण्ड है। ये तो मेरी चूत फाड़ डालेगा , भाभी जान ।
मैंने कहा - हां नन्द रानी, आज मैं तेरी बुर फड़वाकर कर ही दम लूंगी। तेरी माँ की बहू की बुर नन्द रानी ?
उसने भी पलट कर कहा - तो आज मैं भी तेरी चूत के चीथड़े उड़वा दूँगी। तेरी सास की बिटिया की बुर, भाभी जान ?
मैं निगार केअब्बू का लण्ड चाटने लगी और निगार मेरे अब्बू का लण्ड चाटने लगी। थोड़ी देर बाद मैं निगार के अब्बू से चुदवाने लगी और निगार मेरे अब्बू से चुदवाने लगी।
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