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पति से पराई बीवियां चुदवाती हूँ - Pati se begani aurten chudwati hun
पति से पराई बीवियां चुदवाती हूँ - Pati se begani aurten chudwati hun , पति को दिया दूसरी और की चूत गांड चोदने का मोके वाला तोहफा , मेरा पति और दूसरी महिला की चुदाई , पति - पत्नी बेगानी चुदाई से खुश.
जी हां यह बिलकुल सच है की मैं शादी के पहले ही खूब अच्छी तरह चुद चुकी थी। शादी के एक दिन पहले तक मैं एक होटल में दो दो लड़कों राका और राणा से चुदी भी थी और यह वादा करके आयी थी की ससुराल में सुहागरात मनाने के बाद जब भी माईके आऊंगी तो उसके दूसरे ही दिन तुम लोगों से फिर चुदवाऊंगी।
जब मेरी शादी हो रही थी और मैं अपने पति के साथ सात फेरे ले रही थी तभी मेरे मन में यही चल रहा था की मैं शादी के बाद कैसे पराये मर्दों से चुदवाऊंगी ? मैं तो एक दिन भी बिना पराये मर्दों से चुदवाये रह नहीं सकती । अब कैसे होंगें पराये मर्दों के लण्ड के दर्शन ? मेरा तो गुज़ारा एक लण्ड से हो ही नहीं सकता ? एक लण्ड साला मेरी चूत की एक झांट भी नहीं उखाड़ पायेगा ? मेरी चूत को संतुष्टि पहुंचाना तो बड़ी दूर की बात है. मेरी चूत बुर चोदी लण्ड खा खा के इतनी चुदक्कड़ हो गयी है की वह बिना 2 /3 लण्ड से चुदवाये मानती ही नहीं। मैं फेरे भी ले रही थी और मन ही मन ग़ैरों से चुदवाने का प्लान भी बना रही थी।
मेरा नाम है अलका मैं 27 साल की हूँ मस्त हूँ सुन्दर हूँ और हॉट हूँ। पढ़ी लिखी हूँ, बोल्ड हूँ और जब से लण्ड पकड़ने लगी तब से बेशरम भी हो गयी हूँ। कॉलेज में तो खूब गालियां बकती थी और मस्ती करती थी। आज भी मेरे मुंह से गालियां निकल ही पड़तीं हैं। शादी के बाद मेरी सुहागरात हुई। मैं गोवा गई थी वहां अपने पति से एक हफ्ते तक चुदवाती रही। मुझे पूरा संतोष तो नहीं मिला लेकिन हां काम तो चल ही गया। उसका लण्ड भी मोटा तगड़ा है पर मुझे तो एक से नहीं कई लंडों से चुदवाने की आदत है। मैं जल्दी ही अपने माइके आना चाहती थी और एक महीने में आ भी गई। मैं मौक़ा पा कर अपने दोनों दोस्त राका और राणा से मिली और खूब जी भर कर दोनों से चुदवाया। फिर मैंने अपनी बात बताई की मुझे अपनी ससुराल में रह कर भी पराये मरद से चुदवाना है। इसके लिए मुझे मेरे मन के मरद चाहिए। राका ने कहा यार अलका तुम दिल्ली में हो। वहां मेरी एक दोस्त है मिसेज शिवानी तिवारी। तुम उससे मिलो वह तेरी मदद करेगी। उससे शर्माने की जरुरत नहीं है। खुल कर बातें करना . कोई न कोई रास्ता निकल ही आएगा। मैंने कहा वही शिवानी जो अपने कॉलेज में थी। राका ने कहा हां यार यही शिवानी। तुम तो उसे जानती हो ? मैंने कहा हां मैं उसे अच्छी तरह जानती हूँ। मैं उसका मोबाईल नंबर लेकर घर चली आयी। मैं जब तक माईके में रही तब तक इन दोनों से चुदवाती रही। इनके अलावा भी कई लोगों के लण्ड पीती रही।
फिर एक दिन मैं ससुराल आ गयी. मेरा पति का मान है अरुण। वह मेरे बहुत अच्छा आदमी है। मैं उसे धोखा नहीं देना चाहती थी। मैं चाहती थी की जैसे पराये मर्दों से चुदवाना चाहती हूँ वैसे ही मेरा पति भी पराये बीवियां चोदे। मेरे सामने ही परायी बीवियां चोदे और मैं उसके सामने पराये मर्दों से चुदवाऊँ। मैं इसके लिए उसे तैयार करना चाहती थी। दो दिन बाद मैं सीधे फोन करके शिवानी के घर चली गयी। उसने मुझे दख कर दरवाजा खोला और बड़े प्यार से बैठाया। फिर उसने दरवाजा बंद किया और मेरे सामने बैठ गयी।
वह बोली तू भोसड़ी की अलका अभी तक क्या अपनी माँ चुदा रही थी अपनी, दिल्ली में ? मेरे पास पहले क्यों नहीं आयी ?
माँ तो तू चुदा रही है यहाँ बुर चोदी मिसेज शिवानी तिवारी ? तू मादर चोद कब शिवानी अवस्थी से शिवानी तिवारी हो गयी, मुझे पता ही नहीं चला।
अच्छा चल ये बता की तू क्या पियेगी ? चाय, काफी, दारू या कुछ और ?
कुछ और पियूँगी बोलो क्या पिलाओगी ?
तू बता भोसड़ी वाली क्या पियेगी ? सिगरेट पियेगी, हुक्का पियेगी, चिलम पियेगी ?
ये सब कुछ नहीं पियूँगी। मैं तो लण्ड पियूँगी ?
अच्छा बता कैसा लण्ड पियेगी तू ? काला लण्ड की गोरा लण्ड, कटा लण्ड की समूचा लण्ड, सीधा लण्ड की टेढ़ा लण्ड, देशी लण्ड की,,,,,,,,,,,,,,,,,,,?
बस बस रहने दे। जो भी लण्ड हो ? जैसा भी लण्ड हो तू बस पिला दे। बहुत दिन हो गए ग़ैर मरद का लण्ड पिए हुए ?
अच्छा ले पहले दारू पी ले, लण्ड बाद में पिलाऊंगी।
उसने दारू का गिलास मुझे पकड़ा दिया और हम दोनों बैठ कर मजे से दारू पीने लगीं। दारू पीते पीते मैंने उसे अपनी बात बता दी। वह बोली अरे यार ये तो बड़ी आसान बात है। ये दिल्ली है। यहीं तो लण्ड ही लण्ड हैं। चारों तरफ लण्ड हैं। तुम्हारी जैसी खूबसूरत बीवी चोदने के लिए लोग लण्ड अपने हाथ में लिए घूमते हैं. तू बस इशारा कर दे लण्ड की तो लाइन जाएगी। मैंने कहा नहीं यार ऐसा नहीं है , मैं चाहती हूँ की मेरा पति मेरे आगे किसी और की बीवी चोदे और मैं उसके आगे किसी और से चुदवाऊँ। वह बोली ये तो बड़ा आसान है। तुम जिसकी बीवी कहो उसकी बीवी मैं तेरे घर भेज देती हूँ। तुम उसे अपने पति से चुदवा ले। एक नहीं 3 / 4 बीवियां चुदवा लो। अपने पति को आय्यास बना दो फिर तुम मस्ती से पराये मर्दों से चुदवाती रहो। उसके सामने भी और उसके पीठ पीछे भी। मैंने कहा यार शिवानी मैं यही चाहती हूँ। वह बोली आजकल की सब बीवियां भोसड़ी वाली यही चाहती हैं. मैं कई ऐसी बीवियों को जानती हूँ जो अपने पति से किसी की बीवी चुदवाती हैं और उसके बदले 3 /4 पराये मर्दों से चुदवा लेतीं हैं। मैं भी यही करती हूँ। रोज़ ही किसी न किसी से चुदवाती हूँ। अब तो मेरा बिना किसी का लण्ड पकड़े किसी काम में मन ही नहीं लगता। दिमाग में बस लण्ड ही लण्ड घूमा करता है बहन चोद ?
नशा चढ़ने लगा था। मैं अचानक उठ कर बाथ रूम चली गयी। वहां से लौट कर आयी तो देखा की सामने दो मस्त जवान लड़के एकदम नंगे नंगे सोफा पर बैठे हुए हैं और शिवानी भी नंगी नंगी उनके बीच में बैठी है। उसके दोनों हाथ में एक एक लण्ड है। लण्ड खड़े हैं और वह दोनों लण्ड सहला रही है। मुझे देख कर वह बोली ले बता मुझे बुर चोदी अलका कौन का लण्ड पियेगी तू ? मैं पशोपेश में पड़ गयी क्योंकि दोनों लण्ड साले बड़े बड़े थे और मोटे भी। फिर भी मैंने दाहिने हाथ वाला लण्ड बोल दिया। वह उठी और वही लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया। फिर उसने मेरे कपड़े खोल कर मुझे नंगी कर दिया। दूसरा लण्ड वह खुद नंगी होकर पीने लगी। मैंने कहा यार मैं तेरा लण्ड चाट रही हूँ तुम मेरी बुर चाटो। मुझे लण्ड पीते हुए बुर चटवाने में ज्यादा मज़ा आता है।
शिवानी पहले से ज्यादा खूबसूरत हो गयी थी। उसकी चूँचियाँ बड़ी बड़ी हो गयीं थीं और वह मुझसे ज्यादा बेशर्म भी हो गई थी। वह भी मेरी तरह बुर चटवाने लगी। मैं पहले अकेले अकेले ही लण्ड पकड़ती थी और चुदवाती थी मगर आज पहली बार मैं किसी और के साथ साथ लण्ड पी रही हूँ और चुदवाने जा रही हूँ। मैं मन से बहुत खुश थी और सोंच रही थीं की अब तो मेरी इच्छा पूरी ही हो जाएगी। कुछ देर में उसने लण्ड चूत में घुसा दिया और चोदने लगा। मैं बड़े प्रेम से चुदने लगी। मेरे सामने शिवानी भी बड़ी मस्ती से चुदने लगी। हम दोनों एक दूसरे को देख देख कर चुदाई का मज़ा लूटने लगी।
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