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बीवियां रोज़ नये लंड पकड़तीं हैं - Patni ko chahiye ek aur nayaa lund
बीवियां रोज़ नये लंड पकड़तीं हैं - Patni ko chahiye ek aur nayaa lund . बीवी को चुदने का शौक , पत्नी के मन की इच्छा बड़ा लिंग , चूत और गांड फड़वाने की तमन्ना , हर रोज सुहागरात की कामना.
आजकल की बीवियां बड़ी बोल्ड होतीं हैं। बड़ी पढ़ी लिखी, शराब और सिगरेट पीने वाली, फटाफट इंग्लिश, मैं बीवी हूँ, रोज़ नया लण्ड पीती हूँ. बोलने वाली और एक से एक बढ़कर फैशन करने वाली बीवियां होतीं हैं। उन्हें चुदवाने के लिए एक नहीं कई लण्ड की जरुरत होती है। अगर मैं एक वाक्य में कहूँ तो आजकल की बीवियां कपड़ों की तरह लण्ड बदलने वाली होतीं हैं। अगर एक तरफ तरह तरह के कपड़े बदलने का फैशन है तो दूसरी तरफ तरह तरह के लण्ड बदलने का भी फैशन है। रोज़ एक नया लण्ड पकड़तीं है आजकल की बीवियां।
अब ज़माना इतना आगे बढ़ गया है की इसे कोई बुरा भी नहीं मानता। क्योंकि अगर बीवियां इतनी बोल्ड और लण्ड बदलने वाली होतीं हैं तो हसबैंड भी अब बोल्ड और बीवियां बदलने वाले हो गये हैं। आज इस बीवी के साथ तो कल उस बीवी के साथ। अगर बीवियों में लण्ड बदलने का फैशन हैं तो मर्दों में बीवी बदलने का भी फैशन है।
मेरा नाम है अनुराधा। मैं अभी 30 साल की हूँ। मेरी शादी दो साल पहले केशव नाम के लड़के से हो गयी थी । मैं बहुत खूबसूरत हूँ और पढ़ी लिखी हूँ। मैं एक कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हूँ।मेरा हसबैंड मुझसे ज्यादा पढ़ा लिखा है और वह भी एक के बड़े पद पर काम करता है। जब हमारी शादी हुई तो हम लोग गोवा अपना हनीमून मनाने चले गए। बहुत बढ़िया जगह है। एक दिन हम दोनों सी - बीच पर एन्जॉय कर रहे थे। मैं बिकिनी में थी और वह केवल एक नेकर में। हम लोग समंदर में नहा रहे थे। बड़ा मज़ा आ रहा था। तभी मेरी नज़र एक लड़की पर पड़ी। मैं उसके पास गयी और उसके कंधे पर हाथ रख कर बोली अरे तू बुर चोदी अलका यहाँ क्या कर रही है ? वह बोली मैं यहाँ हनीमून मनाने आयी हूँ।
मैंने मजाक करते हुए पूंछा किसके साथ मनाने आयी हो ? कौन है वो ? वह बोली यार वह मेरा हसबैंड है। मैंने कहा तो फिर मिलवाओ न मुझे उससे। उसने अपने पति को बुलाया और कहा लो इससे मिलो ये है अनिल। मैं तो उसे देख कर ललचा गयी। मेरे मन में आया की मैं इसका लण्ड अभी पकड़ लूँ। मेरी इच्छा हुआ की मैं आज ही इसे नंगा देखूं। मैंने फिर मजाक में कहा अलका मैं आज तेरे पति के साथ हनीमून मना लूँ ? वह हंस कर बोली हां मना ले। कोई बात नहीं पर मैं भी तेरे पति के साथ मनाउंगी हनीमून । मैंने खुश होकर कहा मना लेना। मैंने कहा आज शाम को तुम मेरे कमरे में आ जाना। मैं अपने पति को तैयार कर लूंगी। वह सही वख्त पर अपने पति के साथ शाम को आ भी गयी।
मेरे पति केशव ने उसे देखा तो देखता ही रह गया। अलका सच में बड़ी खूबसूरत थी। मैंने उसको पहले ही बोल रखा था। मैंने नीचे हाथ लगा कर देखा तो उसका लण्ड खड़ा था। फिर हम सबने ड्रिंक्स का मज़ा लेना शुरू कर दिया। अलका जींस और टॉप में थी। मैं सिर्फ एक छोटे से गाउन में थी। ब्रा न मैंने पहनी थी और न उसने। बूब्स उसके भी बड़े बड़े थे और मेरे भी। गांड उसकी भी सेक्सी थी और मेरी भी। गोरी चिट्टी मैं भी थी और वह भी। गाली मैं भी बकती थी और वह भी। फिर हम खूब मस्ती से बातें होने लगीं। मेरा हसबैंड बोला अलका भाभी आप दोनों कॉलेज की दोस्त हैं तो फिर कोई मजेदार किस्सा सुनाओ न अपना ?
अलका बोली - अच्छा सुनाती हूँ :-
उन दिनों हम लोग कॉलेज में रैगिंग बहुत करतीं थीं खास तौर से नए लड़कों की। हॉस्टल में एक दिन शाम को हम 3 /4 लड़कियां खड़ी थीं। उधर से एक लड़का आ रहा था। हमने उसे रोक लिया और उससे पूंछ तांछ करने लगी।
हमने पूंछा - बेटा तेरा क्या नाम है और तू कहाँ से आया है ?
वह थोड़ा हकलाता था। बोला - मेरा ना,,, म है रोहित। मैं बुर,,,
अरे तू तो भोसड़ी का बुर पर ही अटक गया।
दूसरी लड़की बोली - तू बुर पे ही अटका रहेगा की बाहर भी आएगा ?
फिर वह बोला - बुर ,, हानपुर ?
दूसरी लड़की बोली - तू तो अभी बच्चा है,मरद तो हुआ नहीं तू अभी ? यहाँ क्या माँ चुदाने आया है तू ?
उसने जबाब दिया - नहीं मैं बच्चा नहीं हूँ। मर्द हूँ।
अच्छा मरद हो तो लण्ड दिखाओ अपना ?
अरे यहाँ कैसे दिखा दूं ?
तीसरी लड़की बोली - नहीं यार मुझे तेरा लुंज पुंज लण्ड नहीं देखना। तू ये बता की तेरी झांटें आ गयी हैं की अभी नहीं ?
वह बोला - हां आ गईं हैं।
लड़की - तो फिर अपने झांटें ही दिखा दे हमें ?
ऐसे कैसे दिखा दूँ। मैं फंस जाऊंगा ?
मैंने कहा - तू नहीं फंसेगा। चुपचाप दिखा दे न हमें अपनी झांटें।
वह बोला - पहले तुम दिखाओ।
तो मैं सच में जोश में आ गई थी तो मैंने अपनी जींस की दो बटन खोली और अपनी झांटें उसे दिखा दीं। वह झेंप गया और फिर भाग गया। इतने में एक लड़की बोली तू भोसड़ी की अलका बड़ी गन्दी लड़की है अपनी झांटें भी नहीं साफ करती ? तब मैं अपनी पूरी चूत उसे दिखाती हुई बोली ले तू साफ़ कर दे मेरी झांटें माँ की लौड़ी रितिका। फिर मैंने रात में उससे अपनी बनवाकर ही दम लिया। वह दिन आज भी मुझे याद है। माहौल एकदम गरम हो गया। मैं अनिल की जांघ पर हाथ रख कर हंसने लगी और अलका मेरे पति पति की जांघ पर हाथ रख कर ठहाके मारने लगी। फिर अनिल बोला अनुराधा आप भी कुछ सुनाईये।
मैंने कहा :- मुझे तो कॉलेज में जाने कब गालियां देने की आदत पड़ गयी। एक दिन मेरी कुछ लड़ाई एक लड़की से हो गयी। उसने मुझे गाली दी तेरी माँ चोद दूँगी। मुझे भी गुस्सा आ गया मैंने कहा "लण्ड" पकड़ना तो आता नहीं तुझे तू क्या मेरी माँ चोदेगी ? मेरे मुंह से "लण्ड" सुनकर लड़के बड़ी जोर जोर से हंसने लगे। तालियां बजा बजा कर ठहाके लगाने लगे। फिर वे बोले अनुराधा प्लीज एक बार फिर कहो। मैंने बड़ी अदा से कहा लण्ड पकड़ना तो आता नहीं तुझे भोसड़ी वाली तू क्या ,,,,,,,,,,,,,,,,?
इस बार तो लड़कों ने और ज्यादा ठहाका लगाया। तब मुझे मालूम हो गया की लड़कों की इच्छा क्या है ? उसके बाद लड़के मेरे आगे पीछे मेरी गालियां सुनने के लिए घूमने लगे। एक दिन सबने हाथ जोड़ कर कहा प्लीज एक बार इस नाम की गालियां और सुना दो प्लीज।
मैंने कहा - तेरी माँ की चूत, तेरी बहन का लण्ड, नोंच लूंगी तेरा ये मादर चोद लण्ड, भून डालेंगी तेरा लण्ड, उखाड़ के फेंक दूँगी तेरा लण्ड, तेरी गांड में पेल दूँगी हाथ भर का लण्ड, तेरे लण्ड की झांटों में लगा दूँगी आग, साले कुत्ते कमीने लण्ड हिलाने से काम नहीं चलता लण्ड पेलना सीख पहले ?
मेरी इस तरह की बातें सुनकर अनिल को तो बहुत ही मज़ा आया। वह भी बड़ी जोर जोर से हंसने लगा और उसने मेरे गले में हाथ डाल दिया। मैंने उसके लण्ड पर हाथ मार कर कहा यार तेरा तो लण्ड खड़ा हो गया। वह बोला अरे भाभी जी जब तुम इतनी बढ़िया बढ़िया गालियां सुनाओगी तो ये साला खड़ा ही हो जायेगा। बस मैं उसकी पैंट खोलने लगी और उसकी बीवी मेरे पति की पैंट। सबसे पहले मैंने अनिल का लण्ड बाहर निकाला। लण्ड साला लंबा भी था और मोटा भी। मैंने झुक कर उसे कई बार चूमा खूब प्यार किया और सुपाड़ा पूरा खोल कर देखा तो मज़ा आ गया।
उधर अलका ने मेरे पति का लौड़ा खोल कर निकाला तो बोली वॉवो यार अनुराधा तेरे पति का लण्ड साला बिलकुल घोड़े के लण्ड की तरह है । देखो न कितना कड़क है। अभी तो ये और कड़क होगा। वह मेरे पति के लण्ड से खेलने लगी उसे अपने माथे पर, अपने गालों पर, अपनी नाक पर, अपने होंठों पर घुमाने लगी। उसकी ये हरकत देख कर सबको बड़ा मज़ा आया। फिर उसने अपने सारे कपड़े खोल डाले। वह मादर चोद हो गई एकदम नंगी। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ और चिकनी चूत देख कर मेरा पति तो पागल हो गया। इधर मैं भी तब तक नंगी हो चुकी थी। अनिल मेरे नंगे बदन पर हाथ फेरने लगा। मेरी चूत पर, मेरी चूँचियों पर, मेरी गांड पर और मेरी पीठ पर खूब मजे से हाथ फेरा और मेरे गाल भी कई बार चूमे। मेरे होंठ चूमे और बोला भाभी जी तुम बहुत खूब सूरत हो। मैं बहुत लकी आदमी हूँ जो तुम्हारी जैसी खूबसूरत बीवी मेरे समन बिलकुल नंगी खड़ी है। मैंने कहा मैं भी बहुत लकी हूँ यार की मेरे सामने किसी और का पति एकदम नंगा खड़ा है और मैं उसके मस्ताने लण्ड के साथ मस्ती कर रही हूँ।
Tags: बीवियां रोज़ नये लंड पकड़तीं हैं - Patni ko chahiye ek aur nayaa lund . बीवी को चुदने का शौक , पत्नी के मन की इच्छा बड़ा लिंग , चूत और गांड फड़वाने की तमन्ना , हर रोज सुहागरात की कामना.
आजकल की बीवियां बड़ी बोल्ड होतीं हैं। बड़ी पढ़ी लिखी, शराब और सिगरेट पीने वाली, फटाफट इंग्लिश, मैं बीवी हूँ, रोज़ नया लण्ड पीती हूँ. बोलने वाली और एक से एक बढ़कर फैशन करने वाली बीवियां होतीं हैं। उन्हें चुदवाने के लिए एक नहीं कई लण्ड की जरुरत होती है। अगर मैं एक वाक्य में कहूँ तो आजकल की बीवियां कपड़ों की तरह लण्ड बदलने वाली होतीं हैं। अगर एक तरफ तरह तरह के कपड़े बदलने का फैशन है तो दूसरी तरफ तरह तरह के लण्ड बदलने का भी फैशन है। रोज़ एक नया लण्ड पकड़तीं है आजकल की बीवियां।
अब ज़माना इतना आगे बढ़ गया है की इसे कोई बुरा भी नहीं मानता। क्योंकि अगर बीवियां इतनी बोल्ड और लण्ड बदलने वाली होतीं हैं तो हसबैंड भी अब बोल्ड और बीवियां बदलने वाले हो गये हैं। आज इस बीवी के साथ तो कल उस बीवी के साथ। अगर बीवियों में लण्ड बदलने का फैशन हैं तो मर्दों में बीवी बदलने का भी फैशन है।
मेरा नाम है अनुराधा। मैं अभी 30 साल की हूँ। मेरी शादी दो साल पहले केशव नाम के लड़के से हो गयी थी । मैं बहुत खूबसूरत हूँ और पढ़ी लिखी हूँ। मैं एक कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हूँ।मेरा हसबैंड मुझसे ज्यादा पढ़ा लिखा है और वह भी एक के बड़े पद पर काम करता है। जब हमारी शादी हुई तो हम लोग गोवा अपना हनीमून मनाने चले गए। बहुत बढ़िया जगह है। एक दिन हम दोनों सी - बीच पर एन्जॉय कर रहे थे। मैं बिकिनी में थी और वह केवल एक नेकर में। हम लोग समंदर में नहा रहे थे। बड़ा मज़ा आ रहा था। तभी मेरी नज़र एक लड़की पर पड़ी। मैं उसके पास गयी और उसके कंधे पर हाथ रख कर बोली अरे तू बुर चोदी अलका यहाँ क्या कर रही है ? वह बोली मैं यहाँ हनीमून मनाने आयी हूँ।
मैंने मजाक करते हुए पूंछा किसके साथ मनाने आयी हो ? कौन है वो ? वह बोली यार वह मेरा हसबैंड है। मैंने कहा तो फिर मिलवाओ न मुझे उससे। उसने अपने पति को बुलाया और कहा लो इससे मिलो ये है अनिल। मैं तो उसे देख कर ललचा गयी। मेरे मन में आया की मैं इसका लण्ड अभी पकड़ लूँ। मेरी इच्छा हुआ की मैं आज ही इसे नंगा देखूं। मैंने फिर मजाक में कहा अलका मैं आज तेरे पति के साथ हनीमून मना लूँ ? वह हंस कर बोली हां मना ले। कोई बात नहीं पर मैं भी तेरे पति के साथ मनाउंगी हनीमून । मैंने खुश होकर कहा मना लेना। मैंने कहा आज शाम को तुम मेरे कमरे में आ जाना। मैं अपने पति को तैयार कर लूंगी। वह सही वख्त पर अपने पति के साथ शाम को आ भी गयी।
मेरे पति केशव ने उसे देखा तो देखता ही रह गया। अलका सच में बड़ी खूबसूरत थी। मैंने उसको पहले ही बोल रखा था। मैंने नीचे हाथ लगा कर देखा तो उसका लण्ड खड़ा था। फिर हम सबने ड्रिंक्स का मज़ा लेना शुरू कर दिया। अलका जींस और टॉप में थी। मैं सिर्फ एक छोटे से गाउन में थी। ब्रा न मैंने पहनी थी और न उसने। बूब्स उसके भी बड़े बड़े थे और मेरे भी। गांड उसकी भी सेक्सी थी और मेरी भी। गोरी चिट्टी मैं भी थी और वह भी। गाली मैं भी बकती थी और वह भी। फिर हम खूब मस्ती से बातें होने लगीं। मेरा हसबैंड बोला अलका भाभी आप दोनों कॉलेज की दोस्त हैं तो फिर कोई मजेदार किस्सा सुनाओ न अपना ?
अलका बोली - अच्छा सुनाती हूँ :-
उन दिनों हम लोग कॉलेज में रैगिंग बहुत करतीं थीं खास तौर से नए लड़कों की। हॉस्टल में एक दिन शाम को हम 3 /4 लड़कियां खड़ी थीं। उधर से एक लड़का आ रहा था। हमने उसे रोक लिया और उससे पूंछ तांछ करने लगी।
हमने पूंछा - बेटा तेरा क्या नाम है और तू कहाँ से आया है ?
वह थोड़ा हकलाता था। बोला - मेरा ना,,, म है रोहित। मैं बुर,,,
अरे तू तो भोसड़ी का बुर पर ही अटक गया।
दूसरी लड़की बोली - तू बुर पे ही अटका रहेगा की बाहर भी आएगा ?
फिर वह बोला - बुर ,, हानपुर ?
दूसरी लड़की बोली - तू तो अभी बच्चा है,मरद तो हुआ नहीं तू अभी ? यहाँ क्या माँ चुदाने आया है तू ?
उसने जबाब दिया - नहीं मैं बच्चा नहीं हूँ। मर्द हूँ।
अच्छा मरद हो तो लण्ड दिखाओ अपना ?
अरे यहाँ कैसे दिखा दूं ?
तीसरी लड़की बोली - नहीं यार मुझे तेरा लुंज पुंज लण्ड नहीं देखना। तू ये बता की तेरी झांटें आ गयी हैं की अभी नहीं ?
वह बोला - हां आ गईं हैं।
लड़की - तो फिर अपने झांटें ही दिखा दे हमें ?
ऐसे कैसे दिखा दूँ। मैं फंस जाऊंगा ?
मैंने कहा - तू नहीं फंसेगा। चुपचाप दिखा दे न हमें अपनी झांटें।
वह बोला - पहले तुम दिखाओ।
तो मैं सच में जोश में आ गई थी तो मैंने अपनी जींस की दो बटन खोली और अपनी झांटें उसे दिखा दीं। वह झेंप गया और फिर भाग गया। इतने में एक लड़की बोली तू भोसड़ी की अलका बड़ी गन्दी लड़की है अपनी झांटें भी नहीं साफ करती ? तब मैं अपनी पूरी चूत उसे दिखाती हुई बोली ले तू साफ़ कर दे मेरी झांटें माँ की लौड़ी रितिका। फिर मैंने रात में उससे अपनी बनवाकर ही दम लिया। वह दिन आज भी मुझे याद है। माहौल एकदम गरम हो गया। मैं अनिल की जांघ पर हाथ रख कर हंसने लगी और अलका मेरे पति पति की जांघ पर हाथ रख कर ठहाके मारने लगी। फिर अनिल बोला अनुराधा आप भी कुछ सुनाईये।
मैंने कहा :- मुझे तो कॉलेज में जाने कब गालियां देने की आदत पड़ गयी। एक दिन मेरी कुछ लड़ाई एक लड़की से हो गयी। उसने मुझे गाली दी तेरी माँ चोद दूँगी। मुझे भी गुस्सा आ गया मैंने कहा "लण्ड" पकड़ना तो आता नहीं तुझे तू क्या मेरी माँ चोदेगी ? मेरे मुंह से "लण्ड" सुनकर लड़के बड़ी जोर जोर से हंसने लगे। तालियां बजा बजा कर ठहाके लगाने लगे। फिर वे बोले अनुराधा प्लीज एक बार फिर कहो। मैंने बड़ी अदा से कहा लण्ड पकड़ना तो आता नहीं तुझे भोसड़ी वाली तू क्या ,,,,,,,,,,,,,,,,?
इस बार तो लड़कों ने और ज्यादा ठहाका लगाया। तब मुझे मालूम हो गया की लड़कों की इच्छा क्या है ? उसके बाद लड़के मेरे आगे पीछे मेरी गालियां सुनने के लिए घूमने लगे। एक दिन सबने हाथ जोड़ कर कहा प्लीज एक बार इस नाम की गालियां और सुना दो प्लीज।
मैंने कहा - तेरी माँ की चूत, तेरी बहन का लण्ड, नोंच लूंगी तेरा ये मादर चोद लण्ड, भून डालेंगी तेरा लण्ड, उखाड़ के फेंक दूँगी तेरा लण्ड, तेरी गांड में पेल दूँगी हाथ भर का लण्ड, तेरे लण्ड की झांटों में लगा दूँगी आग, साले कुत्ते कमीने लण्ड हिलाने से काम नहीं चलता लण्ड पेलना सीख पहले ?
मेरी इस तरह की बातें सुनकर अनिल को तो बहुत ही मज़ा आया। वह भी बड़ी जोर जोर से हंसने लगा और उसने मेरे गले में हाथ डाल दिया। मैंने उसके लण्ड पर हाथ मार कर कहा यार तेरा तो लण्ड खड़ा हो गया। वह बोला अरे भाभी जी जब तुम इतनी बढ़िया बढ़िया गालियां सुनाओगी तो ये साला खड़ा ही हो जायेगा। बस मैं उसकी पैंट खोलने लगी और उसकी बीवी मेरे पति की पैंट। सबसे पहले मैंने अनिल का लण्ड बाहर निकाला। लण्ड साला लंबा भी था और मोटा भी। मैंने झुक कर उसे कई बार चूमा खूब प्यार किया और सुपाड़ा पूरा खोल कर देखा तो मज़ा आ गया।
उधर अलका ने मेरे पति का लौड़ा खोल कर निकाला तो बोली वॉवो यार अनुराधा तेरे पति का लण्ड साला बिलकुल घोड़े के लण्ड की तरह है । देखो न कितना कड़क है। अभी तो ये और कड़क होगा। वह मेरे पति के लण्ड से खेलने लगी उसे अपने माथे पर, अपने गालों पर, अपनी नाक पर, अपने होंठों पर घुमाने लगी। उसकी ये हरकत देख कर सबको बड़ा मज़ा आया। फिर उसने अपने सारे कपड़े खोल डाले। वह मादर चोद हो गई एकदम नंगी। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ और चिकनी चूत देख कर मेरा पति तो पागल हो गया। इधर मैं भी तब तक नंगी हो चुकी थी। अनिल मेरे नंगे बदन पर हाथ फेरने लगा। मेरी चूत पर, मेरी चूँचियों पर, मेरी गांड पर और मेरी पीठ पर खूब मजे से हाथ फेरा और मेरे गाल भी कई बार चूमे। मेरे होंठ चूमे और बोला भाभी जी तुम बहुत खूब सूरत हो। मैं बहुत लकी आदमी हूँ जो तुम्हारी जैसी खूबसूरत बीवी मेरे समन बिलकुल नंगी खड़ी है। मैंने कहा मैं भी बहुत लकी हूँ यार की मेरे सामने किसी और का पति एकदम नंगा खड़ा है और मैं उसके मस्ताने लण्ड के साथ मस्ती कर रही हूँ।
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