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रिश्तों में चुदाई की हिंदी कहानी - riston me chudai hindi sex story
रिश्तों में चुदाई की हिंदी कहानी - riston me chudai hindi sex story , घर में सबसे चुदी , छोटी उम्र में ही लंड हुआ नसीब , लंड की प्यासी लड़की की कहानी , माँ के सामने भाई से चुदी , सबने चोदकर भोसड़ा फाड़ दिया.
उन दिनों मैं 21 साल की पूरी तरह जवान हो चुकी थी। मेरे जिस्म का हर एक अंग जवानी की मस्ती में घूमने लगा था । मेरी चूँचियाँ मेरी ब्रा के बाहर निकलने के लिए बेताब हो रहीं थीं। मेरी गांड फुदकने लगी थी. मेरी चूत की आग धधकने लगी थी और मुझे लण्ड बहुत ही अच्छे लगने लगे थे । मैं दिन पर दिन लण्ड की चाहत में चारों तरफ पागलों की तरह इधर उधर हाथ मारने लगी थी। फिर अचानक एक दिन ऐसा आया की मैं अम्मी जान से बिलकुल खुल गयी।
वह मुझसे लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा और चुदाई की बातें खुल्लम खुल्ला करने लगी। बातें ही नहीं, वह मुझे प्यार से गालियां भी सुनाने लगी। वह बोली तू बुर चोदी रुबिया आज से मेरी दोस्त है। मैं तेरी केवल अम्मी जान नहीं बल्कि भोसड़ी वाली अम्मी जान हूँ। अपनी बेटी की बुर में लण्ड पेलने वाली अम्मी जान हूँ। तेरी माँ चोदने वाली अम्मी जान हूँ. मैं तेरे सामने ही सबके लण्ड पे बैठने वाली अम्मी जान हूँ ? तेरी माँ का भोसड़ा ? तेरी माँ की चूत रुबिया ? तू आज अभी इसी समय मेरे सामने लण्ड पकड़ेगी, लण्ड चाटेगी और चूसेगी लण्ड फिर मेरी चूत में पलेगी लण्ड ? आज मैं तुझे बना दूँगी अपनी माँ चोदने वाली एक बेहद बेशरम और बोल्ड लड़की। अपनी माँ की चूत में लण्ड पेलने वाली लड़की ? सबके लण्ड पे बैठने वाली लड़की। सबको मस्त मस्त और प्यारी प्यारी गालियां सुनाने वाली लड़की और सबको अपनी बुर चटवाने वाली लड़की।
उसकी बातों में मेरे अंदर गज़ब का जोश भर दिया। रात का समय था। तभी वहां से एक आदमी गुज़रा तो अम्मी ने आवाज़ लगायी और कहा अरे साहिर तू मादर चोद में लुंगी पहन कर कहाँ घूम रहा है ? तुझे मालूम है की मुझे रात में मर्द नंगे नंगे ही अच्छे लगतें हैं। अम्मी जान ने उसकी लुंगी खींच ली तो वह नंगा हो गया। अम्मी ने उसका लौड़ा पकड़ कर सहलाने लगी तो वह बोला अरे भाभी जान रुबिया के सामने तुम मेरा ,,,,,, अम्मी ने कहा अरे रुबिया अब बच्ची नहीं है। वह जवना हो गयी है। उसके आगे क्या शर्माना ? आज रुबिया खुद तेरा लण्ड पकड़ेगी और तेरे लण्ड पे बैठेगी।
बस अम्मी ने मुझे चचा जान का लण्ड पकड़ा दिया। तब तक मैं भी बेशरम हो चुकी थी। मैं लण्ड बड़े मजे से हिलाने लगी और मस्ती करने लगी। तब तक अम्मी ने घूम कर मुझे एकदम नंगी कर दिया। मुझे नंगी देख कर चचा बोला अरे भाभी जान रुबिया तो एकदम जवान हो गई है। बिलकुल औरत बन गयी है। मुझे नंगी देख कर उसका लौड़ा एकदम से खड़ा हो गया। तो अम्मी ने लण्ड मेरे मुंह में घुसेड़ दिया। चचा जान मेरी चूत और चूँचियाँ सहलाने लगा। मैं मस्त होने लगी और मेरी चूत गरम। अम्मी ने लण्ड मेरे पूरे नंगे बदन पर घुमाया तो मुझे अच्छा लगा।
अम्मी ने मेरे कान में कहा - बोल तू पहले अपनी बुर चोदेगी की माँ का भोसड़ा ?
मैंने कहा - मैं अपनी माँ का भोसड़ा पहले चोदूँगी। मैं तुझे बना दूँगी अपनी बेटी से चुदवाने वाली अम्मी जान ?और मैं बन जाऊंगी अपनी माँ चोदने वाली बेटी। अब मैं फाड़ा करूंगी तेरी चूत ? समझी अम्मी जान ? तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ? तेरी बेटी की चूत ? तेरी बेटी का लण्ड ? अब मुझे पता चल गया की मेरी बुर चोदी अम्मी जान कितनी मस्तानी और बेशर्म चुदक्कड़ औरत है। आज एक बात तय हो गयी अम्मी जान की तू मेरी उस्ताद है जिसने मुझे लण्ड का मज़ा लेना सिखाया। तब तक उधर से मेरी खाला जाना भी आ गयी वह बोली हां बेटी रुबीना, हमारे यहाँ बेटी जब सायानी हो जाती है, जवान हो जाती है तो उसे लण्ड पकड़ने की और बुर चुदवाने की तामील दी जाती है। तेरी अम्मी जाना वही कर रही है। मैंने भी अपनी बेटी को लण्ड का मज़ा लेना सिखा दिया है और तेरी फूफी जान की बेटी आज से लण्ड का मज़ा लेना सीख रही है। वह इस समय मेरे बेटे का लण्ड चाट रही है और आज ही मेरे बेटे से चुदवायेगी भी।
मैंने कहा - तो क्या तूने अपनी बेटे का लण्ड देखा है खाला जान ?
वह बोली - हां देखा है। पकड़ कर देखा है। चाट चूस कर देखा है उसका लण्ड। चूत में पेलवाकर देखा है उसका लण्ड । अब वह जवान हो गया है, पूरा मरद हो गया है। अब तो वह किसी की भी बुर, किसी का भी भोसड़ा चोद सकता है और चोद भी रहा है। मैं तो चचा जान का लौड़ा चूसने में मस्त हो गयी। खाला ने हाथ बढ़ाकर लण्ड पकड़ा और कहा हां रुबिया तेरे चचा जान का लौड़ा बड़ा मोटा और सख्त है। तेरी चूत को मज़ा आ जायेगा। उसने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। मैं थोड़ा चिल्लाई जरूर लेकिन फिर मुझे मज़ा आने लगा। उस दिन मैं अम्मी और खाला जान के सामने एकदम बेशरम बन गई। फिर मैं अम्मी जान से खुल कर बातें करने लगी और अम्मी भी मुझे खूब हंसी मजाक और गाली गलौज से बातें करने लगी / हम दोनों रोज़ रात को एक साथ चुदाई मज़ा लेने लगीं। हमारे साथ कभी खाला जान कभी फूफी जान कभी उनकी बेटी और कभी उनकस लड़का भी शामिल होने लगा।
फिर कुछ दिन बाद मेरी शादी हो गई। शादी के बाद जब मैं वापस आईं तो अम्मी जान ने मुझसे मेरी सुहरात की सारी बातें सुनी। मेरे मियां के लण्ड के बारे में पूंछा। उसके लण्ड का साइज पूंछा और यह भी पूंछा की वह चुदाई में तुम्हे खलास कर पाता है की नहीं ? मैंने बताया की कभी वह मुझे पहले खलास कर देता और कभी मैं उसे। अम्मी जान ने मुस्कराकर मेरे गाल थपथपाकर कहा किसी दिन अपने शौहर का लण्ड अपनी माँ की चूत में भी पेल कर देखो न बेटी। मैंने कहा हां हां अम्मी जान जिस दिन मेरा शौहर आएगा उसी दिन मैं उसका लण्ड तेरी चूत में पेल कर तेरा भोसड़ा चोदूँगी। वह खिलखिलाकर हंसने लगी।
फिर मुझे पता चला की मेरी खाला की बेटी निदा आयी हुई है। मैंने उसे भी बुलाया और फिर फूफी की बेटी रिदा भी आ गयी। उधर चचा जान की बेटी इला भी दिखाई पड़ी तो हम सब चारों बैठ कर बातें करने लगीं। मैं रुबिया, खाला की बेटी निदा, फूफी की बेटी रिदा और चचा की बेटी इला खूब मस्ती ने खिलखिलाकर बातें भी करने लगीं और खूब आपस में गन्दी गन्दी गालियां इसके साथ लण्ड बुर चूत भोसड़ा और गांड झांट की बातें होने लगीं। माहौल एकदम गरम हो गया।
निदा बोली - यार मैंने ससुराल में अपनी नन्द को ससुर के लण्ड पे बैठी हुई देखा है। यानी एक बेटी अपने बाप के लण्ड पे बैठी थी और खुश थी।
रिदा बोली - हां यार मैंने भी सुना है आजकल की बेटियां अपने बाप के लण्ड पे बैठतीं हैं। अपने अब्बू का लण्ड चोदतीं हैं।
इला ने कहा - हां यार मेरी अम्मी ने भी कहा था की बेटी देखो जवान होने पर तू किसी का भी लण्ड पकड़ सकती है। किसी से भी चुदवा सकती है। तब मैंने अपने भाई जान से चुदवाया था। मैंने पहले अपने बड़े भाई जान से चुदवाया फिर छोटे भाई जान से। दोनों के लण्ड बड़े जबरदस्त हैं मुझे तो खूब मज़ा आया।
मैंने कहा - हां बात तो सही है क्योंकि मेरी अम्मी ने कहा था की हमारे यहाँ शादियां बड़ी नजदीकी रिश्तों में हो जातीं है तो पता नहीं की तेरा अब्बू कब तेरा ससुर बन जाए, कब तेरा नंदोई बन जाए, कब तेरा जेठ बन जाए और कब तेरा देवर बन जाए इसलिए उसका लण्ड पकड़ना और उसे चुदवाना हमारे समाज में जायज़ माना जाता है हालांकि मैं अपने अब्बू के लण्ड पे कभी बैठी नहीं हूँ।
रिदा बोली - तो फिर आज बैठ ले न भोसड़ी की रुबिया अपने अब्बू के लण्ड पे ? और अगर शर्म आ रही हो तो मेरे अब्बू के लण्ड पे बैठ जा ?
निदा ने कहा - फिर तू मेरे भी अब्बू के लण्ड पे बैठ ले ।
मैंने भी जोश में कहा - मैं तेरे अब्बू के लण्ड पे भी बैठूंगी और तेरे भाई जान के लण्ड पे भी बैठूंगी।
निदा ने कहा - तो फिर आज हो जाए एक दूसरे के अब्बू के लण्ड पे बैठने का कम्पटीशन।
इला बोली - अब्बू के लण्ड पे ही क्यों ? क्यों न हम आज सबके लण्ड पे बैठ कर सबके लण्ड का मज़ा लें।
Tags: रिश्तों में चुदाई की हिंदी कहानी - riston me chudai hindi sex story , घर में सबसे चुदी , छोटी उम्र में ही लंड हुआ नसीब , लंड की प्यासी लड़की की कहानी , माँ के सामने भाई से चुदी , सबने चोदकर भोसड़ा फाड़ दिया.
उन दिनों मैं 21 साल की पूरी तरह जवान हो चुकी थी। मेरे जिस्म का हर एक अंग जवानी की मस्ती में घूमने लगा था । मेरी चूँचियाँ मेरी ब्रा के बाहर निकलने के लिए बेताब हो रहीं थीं। मेरी गांड फुदकने लगी थी. मेरी चूत की आग धधकने लगी थी और मुझे लण्ड बहुत ही अच्छे लगने लगे थे । मैं दिन पर दिन लण्ड की चाहत में चारों तरफ पागलों की तरह इधर उधर हाथ मारने लगी थी। फिर अचानक एक दिन ऐसा आया की मैं अम्मी जान से बिलकुल खुल गयी।
वह मुझसे लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा और चुदाई की बातें खुल्लम खुल्ला करने लगी। बातें ही नहीं, वह मुझे प्यार से गालियां भी सुनाने लगी। वह बोली तू बुर चोदी रुबिया आज से मेरी दोस्त है। मैं तेरी केवल अम्मी जान नहीं बल्कि भोसड़ी वाली अम्मी जान हूँ। अपनी बेटी की बुर में लण्ड पेलने वाली अम्मी जान हूँ। तेरी माँ चोदने वाली अम्मी जान हूँ. मैं तेरे सामने ही सबके लण्ड पे बैठने वाली अम्मी जान हूँ ? तेरी माँ का भोसड़ा ? तेरी माँ की चूत रुबिया ? तू आज अभी इसी समय मेरे सामने लण्ड पकड़ेगी, लण्ड चाटेगी और चूसेगी लण्ड फिर मेरी चूत में पलेगी लण्ड ? आज मैं तुझे बना दूँगी अपनी माँ चोदने वाली एक बेहद बेशरम और बोल्ड लड़की। अपनी माँ की चूत में लण्ड पेलने वाली लड़की ? सबके लण्ड पे बैठने वाली लड़की। सबको मस्त मस्त और प्यारी प्यारी गालियां सुनाने वाली लड़की और सबको अपनी बुर चटवाने वाली लड़की।
उसकी बातों में मेरे अंदर गज़ब का जोश भर दिया। रात का समय था। तभी वहां से एक आदमी गुज़रा तो अम्मी ने आवाज़ लगायी और कहा अरे साहिर तू मादर चोद में लुंगी पहन कर कहाँ घूम रहा है ? तुझे मालूम है की मुझे रात में मर्द नंगे नंगे ही अच्छे लगतें हैं। अम्मी जान ने उसकी लुंगी खींच ली तो वह नंगा हो गया। अम्मी ने उसका लौड़ा पकड़ कर सहलाने लगी तो वह बोला अरे भाभी जान रुबिया के सामने तुम मेरा ,,,,,, अम्मी ने कहा अरे रुबिया अब बच्ची नहीं है। वह जवना हो गयी है। उसके आगे क्या शर्माना ? आज रुबिया खुद तेरा लण्ड पकड़ेगी और तेरे लण्ड पे बैठेगी।
बस अम्मी ने मुझे चचा जान का लण्ड पकड़ा दिया। तब तक मैं भी बेशरम हो चुकी थी। मैं लण्ड बड़े मजे से हिलाने लगी और मस्ती करने लगी। तब तक अम्मी ने घूम कर मुझे एकदम नंगी कर दिया। मुझे नंगी देख कर चचा बोला अरे भाभी जान रुबिया तो एकदम जवान हो गई है। बिलकुल औरत बन गयी है। मुझे नंगी देख कर उसका लौड़ा एकदम से खड़ा हो गया। तो अम्मी ने लण्ड मेरे मुंह में घुसेड़ दिया। चचा जान मेरी चूत और चूँचियाँ सहलाने लगा। मैं मस्त होने लगी और मेरी चूत गरम। अम्मी ने लण्ड मेरे पूरे नंगे बदन पर घुमाया तो मुझे अच्छा लगा।
अम्मी ने मेरे कान में कहा - बोल तू पहले अपनी बुर चोदेगी की माँ का भोसड़ा ?
मैंने कहा - मैं अपनी माँ का भोसड़ा पहले चोदूँगी। मैं तुझे बना दूँगी अपनी बेटी से चुदवाने वाली अम्मी जान ?और मैं बन जाऊंगी अपनी माँ चोदने वाली बेटी। अब मैं फाड़ा करूंगी तेरी चूत ? समझी अम्मी जान ? तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ? तेरी बेटी की चूत ? तेरी बेटी का लण्ड ? अब मुझे पता चल गया की मेरी बुर चोदी अम्मी जान कितनी मस्तानी और बेशर्म चुदक्कड़ औरत है। आज एक बात तय हो गयी अम्मी जान की तू मेरी उस्ताद है जिसने मुझे लण्ड का मज़ा लेना सिखाया। तब तक उधर से मेरी खाला जाना भी आ गयी वह बोली हां बेटी रुबीना, हमारे यहाँ बेटी जब सायानी हो जाती है, जवान हो जाती है तो उसे लण्ड पकड़ने की और बुर चुदवाने की तामील दी जाती है। तेरी अम्मी जाना वही कर रही है। मैंने भी अपनी बेटी को लण्ड का मज़ा लेना सिखा दिया है और तेरी फूफी जान की बेटी आज से लण्ड का मज़ा लेना सीख रही है। वह इस समय मेरे बेटे का लण्ड चाट रही है और आज ही मेरे बेटे से चुदवायेगी भी।
मैंने कहा - तो क्या तूने अपनी बेटे का लण्ड देखा है खाला जान ?
वह बोली - हां देखा है। पकड़ कर देखा है। चाट चूस कर देखा है उसका लण्ड। चूत में पेलवाकर देखा है उसका लण्ड । अब वह जवान हो गया है, पूरा मरद हो गया है। अब तो वह किसी की भी बुर, किसी का भी भोसड़ा चोद सकता है और चोद भी रहा है। मैं तो चचा जान का लौड़ा चूसने में मस्त हो गयी। खाला ने हाथ बढ़ाकर लण्ड पकड़ा और कहा हां रुबिया तेरे चचा जान का लौड़ा बड़ा मोटा और सख्त है। तेरी चूत को मज़ा आ जायेगा। उसने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। मैं थोड़ा चिल्लाई जरूर लेकिन फिर मुझे मज़ा आने लगा। उस दिन मैं अम्मी और खाला जान के सामने एकदम बेशरम बन गई। फिर मैं अम्मी जान से खुल कर बातें करने लगी और अम्मी भी मुझे खूब हंसी मजाक और गाली गलौज से बातें करने लगी / हम दोनों रोज़ रात को एक साथ चुदाई मज़ा लेने लगीं। हमारे साथ कभी खाला जान कभी फूफी जान कभी उनकी बेटी और कभी उनकस लड़का भी शामिल होने लगा।
फिर कुछ दिन बाद मेरी शादी हो गई। शादी के बाद जब मैं वापस आईं तो अम्मी जान ने मुझसे मेरी सुहरात की सारी बातें सुनी। मेरे मियां के लण्ड के बारे में पूंछा। उसके लण्ड का साइज पूंछा और यह भी पूंछा की वह चुदाई में तुम्हे खलास कर पाता है की नहीं ? मैंने बताया की कभी वह मुझे पहले खलास कर देता और कभी मैं उसे। अम्मी जान ने मुस्कराकर मेरे गाल थपथपाकर कहा किसी दिन अपने शौहर का लण्ड अपनी माँ की चूत में भी पेल कर देखो न बेटी। मैंने कहा हां हां अम्मी जान जिस दिन मेरा शौहर आएगा उसी दिन मैं उसका लण्ड तेरी चूत में पेल कर तेरा भोसड़ा चोदूँगी। वह खिलखिलाकर हंसने लगी।
फिर मुझे पता चला की मेरी खाला की बेटी निदा आयी हुई है। मैंने उसे भी बुलाया और फिर फूफी की बेटी रिदा भी आ गयी। उधर चचा जान की बेटी इला भी दिखाई पड़ी तो हम सब चारों बैठ कर बातें करने लगीं। मैं रुबिया, खाला की बेटी निदा, फूफी की बेटी रिदा और चचा की बेटी इला खूब मस्ती ने खिलखिलाकर बातें भी करने लगीं और खूब आपस में गन्दी गन्दी गालियां इसके साथ लण्ड बुर चूत भोसड़ा और गांड झांट की बातें होने लगीं। माहौल एकदम गरम हो गया।
निदा बोली - यार मैंने ससुराल में अपनी नन्द को ससुर के लण्ड पे बैठी हुई देखा है। यानी एक बेटी अपने बाप के लण्ड पे बैठी थी और खुश थी।
रिदा बोली - हां यार मैंने भी सुना है आजकल की बेटियां अपने बाप के लण्ड पे बैठतीं हैं। अपने अब्बू का लण्ड चोदतीं हैं।
इला ने कहा - हां यार मेरी अम्मी ने भी कहा था की बेटी देखो जवान होने पर तू किसी का भी लण्ड पकड़ सकती है। किसी से भी चुदवा सकती है। तब मैंने अपने भाई जान से चुदवाया था। मैंने पहले अपने बड़े भाई जान से चुदवाया फिर छोटे भाई जान से। दोनों के लण्ड बड़े जबरदस्त हैं मुझे तो खूब मज़ा आया।
मैंने कहा - हां बात तो सही है क्योंकि मेरी अम्मी ने कहा था की हमारे यहाँ शादियां बड़ी नजदीकी रिश्तों में हो जातीं है तो पता नहीं की तेरा अब्बू कब तेरा ससुर बन जाए, कब तेरा नंदोई बन जाए, कब तेरा जेठ बन जाए और कब तेरा देवर बन जाए इसलिए उसका लण्ड पकड़ना और उसे चुदवाना हमारे समाज में जायज़ माना जाता है हालांकि मैं अपने अब्बू के लण्ड पे कभी बैठी नहीं हूँ।
रिदा बोली - तो फिर आज बैठ ले न भोसड़ी की रुबिया अपने अब्बू के लण्ड पे ? और अगर शर्म आ रही हो तो मेरे अब्बू के लण्ड पे बैठ जा ?
निदा ने कहा - फिर तू मेरे भी अब्बू के लण्ड पे बैठ ले ।
मैंने भी जोश में कहा - मैं तेरे अब्बू के लण्ड पे भी बैठूंगी और तेरे भाई जान के लण्ड पे भी बैठूंगी।
निदा ने कहा - तो फिर आज हो जाए एक दूसरे के अब्बू के लण्ड पे बैठने का कम्पटीशन।
इला बोली - अब्बू के लण्ड पे ही क्यों ? क्यों न हम आज सबके लण्ड पे बैठ कर सबके लण्ड का मज़ा लें।
Tags: रिश्तों में चुदाई की हिंदी कहानी - riston me chudai hindi sex story , घर में सबसे चुदी , छोटी उम्र में ही लंड हुआ नसीब , लंड की प्यासी लड़की की कहानी , माँ के सामने भाई से चुदी , सबने चोदकर भोसड़ा फाड़ दिया.
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