Home
» Jawani me choda mast chudai जवान लड़के लड़की की चुदाई कहानी Young girl boys sex stories in hindi
» गर्मी की रात में कुवारी लड़की की चुदाई - पटाकर खूब चोदा - Garmi ki raat me kuvari ladki chudai
गर्मी की रात में कुवारी लड़की की चुदाई - पटाकर खूब चोदा - Garmi ki raat me kuvari ladki chudai
गर्मी की रात में कुवारी लड़की की चुदाई - पटाकर खूब चोदा - Garmi ki raat me kuvari ladki chudai , Antarvasna Sex Stories , Hindi Sex Story , Real Indian Chudai Kahani , choda chadi cudai cudi coda free of cost , Time pass Story , Adult xxx vasna kahaniyan.
बहुत समय तक सोचने के बाद आज मैं अपनी एक सच्ची कहानी आप सब के साथ शेयर करना चाहता हूं। यद्यपि इस वाकये को दस बरस का लंबा समय बीत चुका है। मगर, गर्मी की उस रात का एक-एक अहसास आज भी मेरे जेहन में दर्ज है।
बात है 1999 की है, तब बारिश का मौसम चल रहा था।। तब मैं 22-23 बरस का नव जवान था। 18 साल की एक प्यारी से लड़की से मेरा प्रेम संबंध चल रहा था।
सही मायनों में पहले मुझे उससे प्यार नहीं था, मैं तो बस उसे चोदना चाहता था। योजना बनाकर मैंने उसे लाईन मारना शुरू कर दिया। उसके कालेज आने जाने के वक्त मैं रास्ते में खड़े होकर उसका इंतजार करता था। वह भी मुझमें शुरू से बराबर रूचि ले रही थी।
बात आगे बढ़ी और हम दोनों के बीच प्यार की शुरूआत हो गई। धीरे-धीरे ठंठ का मौसम आने तक हमारे संबंधों में इतनी प्रगाढ़ता आ चुकी थी, कि एक दूसरे पर गहरा विश्वास कायम हो गया था। एकांत में मिलने पर मैं उसके स्तन दबाता और निप्पल चूसता !
वह काफी सेक्सी थी। किस करते समय जब मैं गर्म व गहरी सांस छोड़ता, तो वह तड़फ जाती थी। हम 15-15 मिनट के लंबे समय तक प्रगाढ़ चुम्बन करते रहते थे। यकीन मानिये आज मेरी शादी हो गई, मगर उसके अधरों से निकलने वाले उस अमृत का स्वाद कहीं और नहीं मिल पाया।
और इस तरह गर्मी का दिन आ गया। उसकी परीक्षाएं शुरू हो गई। वह अपने कमरे में अकेली सोती थी। मैं देर रात उसके कमरे की खिडकी में कंकड मारकर उसे अपने आने का इशारा करता था। वह छत पर आ जाती थी। मै भी बाहर से ही छत पर चढ़ जाता था। फिर हम दोनों एक-दूसरे में घंटों तक खोए रहते थे।
एक दिन मैंने उसे कहा- चल तेरे कमरे में चलते है।
उसने हां कहा और उसके कमरे में हम पहुंच गए। उसका बिस्तर कम चौड़ाई का और छोटा सा था। सामने कूलर चल रहा था। हमने कई घंटों तक एक-दूसरे से प्यार किया। पूरी तरह निर्वस्त्र हो जाने के बावजूद उसने मेरा लंड अपने अंदर नहीं घुसाने दिया।
मैने फोर्स किया, मगर उसने मेरे उस वादे की दुहाई देकर मुझे शांत करा दिया, जिसमें मैंने उससे वादा किया था, कि उसकी मर्जी के बगैर में उससे सेक्स संबंध स्थापित नहीं करूंगा। यद्यपि उस रात मैं दो बार झड़ा भी, और शायद वह भी झड़ी मगर अंदर घुसाने नहीं दिया। मैने भी जिद नहीं की। क्योंकि मैंने उसका नाजायत फायदा नहीं उठाया था।
बहुत समय तक सोचने के बाद आज मैं अपनी एक सच्ची कहानी आप सब के साथ शेयर करना चाहता हूं। यद्यपि इस वाकये को दस बरस का लंबा समय बीत चुका है। मगर, गर्मी की उस रात का एक-एक अहसास आज भी मेरे जेहन में दर्ज है।
बात है 1999 की है, तब बारिश का मौसम चल रहा था।। तब मैं 22-23 बरस का नव जवान था। 18 साल की एक प्यारी से लड़की से मेरा प्रेम संबंध चल रहा था।
सही मायनों में पहले मुझे उससे प्यार नहीं था, मैं तो बस उसे चोदना चाहता था। योजना बनाकर मैंने उसे लाईन मारना शुरू कर दिया। उसके कालेज आने जाने के वक्त मैं रास्ते में खड़े होकर उसका इंतजार करता था। वह भी मुझमें शुरू से बराबर रूचि ले रही थी।
बात आगे बढ़ी और हम दोनों के बीच प्यार की शुरूआत हो गई। धीरे-धीरे ठंठ का मौसम आने तक हमारे संबंधों में इतनी प्रगाढ़ता आ चुकी थी, कि एक दूसरे पर गहरा विश्वास कायम हो गया था। एकांत में मिलने पर मैं उसके स्तन दबाता और निप्पल चूसता !
वह काफी सेक्सी थी। किस करते समय जब मैं गर्म व गहरी सांस छोड़ता, तो वह तड़फ जाती थी। हम 15-15 मिनट के लंबे समय तक प्रगाढ़ चुम्बन करते रहते थे। यकीन मानिये आज मेरी शादी हो गई, मगर उसके अधरों से निकलने वाले उस अमृत का स्वाद कहीं और नहीं मिल पाया।
और इस तरह गर्मी का दिन आ गया। उसकी परीक्षाएं शुरू हो गई। वह अपने कमरे में अकेली सोती थी। मैं देर रात उसके कमरे की खिडकी में कंकड मारकर उसे अपने आने का इशारा करता था। वह छत पर आ जाती थी। मै भी बाहर से ही छत पर चढ़ जाता था। फिर हम दोनों एक-दूसरे में घंटों तक खोए रहते थे।
एक दिन मैंने उसे कहा- चल तेरे कमरे में चलते है।
उसने हां कहा और उसके कमरे में हम पहुंच गए। उसका बिस्तर कम चौड़ाई का और छोटा सा था। सामने कूलर चल रहा था। हमने कई घंटों तक एक-दूसरे से प्यार किया। पूरी तरह निर्वस्त्र हो जाने के बावजूद उसने मेरा लंड अपने अंदर नहीं घुसाने दिया।
मैने फोर्स किया, मगर उसने मेरे उस वादे की दुहाई देकर मुझे शांत करा दिया, जिसमें मैंने उससे वादा किया था, कि उसकी मर्जी के बगैर में उससे सेक्स संबंध स्थापित नहीं करूंगा। यद्यपि उस रात मैं दो बार झड़ा भी, और शायद वह भी झड़ी मगर अंदर घुसाने नहीं दिया। मैने भी जिद नहीं की। क्योंकि मैंने उसका नाजायत फायदा नहीं उठाया था।
Click on Search Button to search more posts.
