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गन्दी बातें कर के चुदवातीं रहीं - Gandi baaten kar ke chudwati rahi
गन्दी बातें कर के चुदवातीं रहीं - Gandi baaten kar ke chudwati rahi, chudai ke samay gandi baaten, gandi baate aap ne kabhi nhi suni hogi, लड़कियों की नॉन-वेज बातें, Ladkiyo Ki Non-Veg Baatein, देसी लड़की की गन्दी बात.
खुदा ने अगर सबसे खूबसूरत चीज बनायीं है तो वह है औरत ? जी हां एक जवान औरत, एक जवान लड़की ? एक लड़की से सुन्दर दुनिया में कुछ भी नहीं ? उसके अंदर जबरदस्त सेक्स भर दिया है खुदा ने। नख सिख तक सेक्स का भण्डार है वो ? उसके बदन का एक एक इंच सेक्स से भरा पड़ा है। इसके अलावा उसकी नज़रों में, उसकी बात चीत में, उसकी अदाओं में, उसकी चाल में, उसकी हर चीज में सेक्स ही सेक्स भर दिया है खुदा ने ? मर्द तो उसके आगे कुछ भी नहीं ? सिर्फ एक खजूर का पेड़ है बहन चोद जो हमेशा खड़ा रहता है।
आप कहते हैं की मर्द गालियां खूब देते हैं ? लेकिन असली बात यह है की गालियां देने में जितनी तेज लड़कियां होतीं है उतने लड़के या मर्द कभी हो ही नहीं सकते। मर्द तो बस दो चार गिनी चुनी ही गालियां देतें हैं । लेकिन कभी लड़कियों को गालियां देते हुए सुनिये आपके पैर के नीचे से ज़मीन खसक जाएगी, ज़नाब ? इतनी प्यारी प्यारी, इतनी गहरी और इतनी मस्त मजेदार गालियां देतीं है जिन्हे सुनकर लड़के साले मुरीद हो जाते हैं और उनके लण्ड फनफनाने लगतें हैं।
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मेरा नाम रुबीना है। मैं २३ साल की एक बिंदास लड़की हूँ। खूबसूरत हूँ, सेक्सी हूँ और गोरी चिट्टी हुँ. बड़ी बड़ी आँखों वाली, बड़ी बड़ी चूंचियों वाली और
उभरती हुई मस्त गांड वाली हूँ। खूब धड़ल्ले से सिगरेट पीती हूँ, शराब पीती हूँ और लण्ड पीती हूँ। गन्दी गन्दी बातें करती हूँ, हंसी मजाक करती हूँ और सब भोसड़ी वालों की माँ बहन चोदती हूँ। बड़ी बेशरम, निर्लज्ज और बेहाया हूँ। न कहीं डरती हूँ, न घबराती हूँ और न झिझकती हूँ। पढ़ी लिखी हूँ, काबिल हूँ और फर्राटे दार अंग्रेजी बोलने वाली हूँ। मैंने आपको सब कुछ में बता दिया। बाकी जो रह गया है वो आगे बता दूँगी ?
मेरे पास कुछ भी छुपाने को नहीं है। मेरी इन्ही बातों से कई लोग मुझसे प्रभावित हो जातें हैं ? कॉलेज में मैं कई बातों के लिए बहुत मशहूर हूँ। पहला - हर डिबेट में भाग लेती हूँ और खूब बहस करती हूँ . दूसरा - पढाई में हमेशा फर्स्ट आती हूँ। तीसरा - गालियां बकने में मेरे मुकाबले कॉलेज में कोई और नहीं है ? तेरी माँ का भोसड़ा, तेरी बहन का लण्ड, तेरी बिटिया की बुर और भोसड़ी के मेरी पेट गालियां है जिन्हे मैं अक्सर दिया करती हूँ। मेरे कॉलेज में एक लड़का है शब्बीर। मैं उससे प्यार करती हूँ ? मैं उसका लण्ड चाटती हूँ वह मेरी बुर चाटता है ? उसके बाद एक दिन जोश में आकर मैंने उससे चुदवा भी लिया। इसका नतीजा यह हुआ की मेरा उसी के साथ निकाह हो गया।
अब वह मेरा शौहर है और मैं उसकी बीवी ? मैंने अपनी सुहागरात में ही कह दिया की देखो शब्बीर शादी के पहले मैं लड़कों से चुदवाया करती थी और तुम लड़कियां चोदा करते थे। मैं शादी के बाद भी लड़कों से चुदवाती रहूंगी और तुम अगर लड़कियां चोदते रहो तो मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है । लेकिन मेरे गैर मर्दों से चुदवाने पर तुमने अगर ऊँगली उठायी तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी। मैं तो हर रोज़ २/३ लण्ड जरूर लूंगी ? तुम जितनी चाहो उतनी बुर चोदो मुझे कोई परेशानी नहीं है। वह बोला मुझे तेरी शर्त मंजूर है, रुबीना ?
तो दोस्तों, ये तो हुई मेरी शादी की बात और मेरे मरद की बात ? अब मैं आपको अपनी अम्मी की बातें बताती हूँ।
यह बात मेरी शादी के पहले की है। मैं तब १९ साल की थी। मस्त जवान थी मैं। बड़ी बड़ी चूंचियों वाली हो गयी थी और घनी घनी झांटों वाली भी हो गयी थी मैं। लड़के मुझे बहुत अच्छे लगने लगे थे और उनसे ज्यादा उनके लण्ड अच्छे लगने लगे थे। मैं कॉलेज के लड़कों के लण्ड पकड़ना शुरू कर चुकी थी। मुठ्ठ मारना तो लड़कों ने ही सिखा दिया था। एक दिन अम्मी किचेन मे थी तभी उसका फोन आ गया। अम्मी के दोनों हाथ बिजी थे तो उसने स्पीकर ऑन कर दिया और बतलाने लगी।
अम्मी ने कहा - हां बोल रजिया क्या हो रहा है ? ,,,,,कुछ नहीं यार अपने देवर की झांटें बना रही थी। अभी आई हूँ बाथ रूम से ,,,,,,,तो अब क्या करेगी तू ,,,,, बुर चुदवाऊँगी मैं और क्या ,,,,,, तो बुर चुदाने के लिए क्या मुझसे इज़ाज़त लेने के लिए फोन किया ,,,,, नहीं मैं तो यह जानने के लिए फोन किया की क्या तू चुदवायेगी उससे ? लौड़ा बड़ा मस्त है भोसड़ी वाले का ,,,,,यार अभी नहीं, अभी मेरी बेटी घर पर है जब वह कॉलेज चली जाएगी तब चुदवा लूंगी ,,,,,,कल वाला लण्ड कैसा लगा तुझे ,,,,,, बड़ा मजेदार था लण्ड यार मैंने तो उससे अपनी चूंचियां भी खूब चुदवाईं ,,,, गांड मरवाई की नहीं ,,,,,नहीं यार गांड नहीं मरवाई ,,,,,,अगली बार जरूर मरवाना, बहुत बढ़िया गांड मारता है । अच्छा यह बता तेरी बेटी लण्ड पकड़ती है ,,,,,, ? पता नहीं यार हां पकड़ना तो चाहिए उसे ,,,,,,, इसका मतलब तेरी बेटी अपनी माँ नहीं चुदवाती ,,,,,, ? नहीं यार, माँ से तो खुल कर बात भी नहीं करती भोसड़ी की ? पता नहीं कब बुर चोदी अपनी माँ भोसड़ा चुदवायेगी,,,,,,,,? तो फिर एक दिन पकड़ा दे न उसे लण्ड ? अब मेरी बेटी को देखो मैंने एक दिन उसे लण्ड पकड़ाया तो वह खुल गयी। अब तो वह माँ का भोसड़ा खूब चुदवाती है। बड़ी मस्त गालियां देती है और लण्ड मेरी चूत में पेल देती है ,,,,,,, हाय दईया मैं तो उस दिन का इंतज़ार कर रही हूँ. मेरी बेटी रुबीना बुर चोदी जवान तो मस्त हो गयी है। उसकी चूंचियां उसकी गांड बड़ी सेक्सी हो गयी है ,,,,,,हाय अल्ला, कोई आ गया है यार ? मैं फिर बात करूंगी - खुदा हाफ़िज़
अम्मी ने पीछे मुड़ कर देखा की मैं वहीँ बैठी हुई चावल बिन रही थी। अम्मी बोली हाय अल्ला, रुबीना तो तू मेरी बातें सुन रही थी। मैंने कहा नहीं अम्मी मैं सुन नहीं रही थी। मुझे सारी बातें सुनाई पड़ रहीं थीं. तब वह बोली तो फिर भोसड़ी वाली बुर चोदी रुबीना वैसा करती क्यों नहीं ? क्यों मेरी नाक कटा रही है तू माँ की लौड़ी ?
मैंने मन में कहा मेरा अपनी माँ का भोसड़ा न चुदवाने से मेरी माँ की नाक कटी जा रही है। उसकी बेज्जती हो रही है। अब तो मुझे अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाना ही पड़ेगा ।
एक दिन अम्मी का लैपटॉप खुला रह गया। मैं उसे पढ़ने लगी, तब मुझे मालूम हुआ की अम्मी 'Sex' की कहानियां पढ़ रही थी। मैंने कहानियाँ खोल कर देखीं तो मेरी चूत में जबरदस्त आग लग गयी। कहानियों के शीर्षक ही पढ़ कर मैं बड़ी चुदासी हो गयी। इतने में अम्मी आ गयी। मैंने फ़ौरन लैपटॉप बंद कर दिया। लेकिन उस रात मैंने रात भर कहानियां अपने लैपटॉप पर पढ़ीं। इतनी लाजबाब कहानियां मैंने पहले न कभी पढ़ीं और न कभी सुनी ? फिर मैं हर रोज़ कहानियां पढ़ने लगी। उससे यह हुआ की मैं अम्मी से खुलने लगी। मैं बेशरम होने लगी। मैं गालियां भी बकने लगी। माँ बहन चोदने लगी ? एक दिन अम्मी ने कहा रुबीना तेरी माँ का भोसड़ा ? मैंने भी उसी जहज़े में जबाब दिया ताहिरा (अम्मी का नाम ) तेरी बिटिया की बुर ?
बस हम दोनों एक दूसरे को देख कर हंसने लगीं ? मेरा रास्ता उसी दिन से खुल गया।
एक दिन अम्मी ने पूंछा :- रुबीना तुम Sex की कहानियां पढ़ती हो ? मैंने कहा हां पढ़ती हूँ। वह बोली कौन सी कहानियां पढ़ती हो। मैंने कहा मैं हर तरह की कहानियां पढ़ती हूँ अम्मी ? वह बोली फिर तुम्हे किस तरह की कहानियां अच्छी लगती हैं ?
मैंने जबाब दिया - 'मेरी माँ का भोसड़ा चोदो, अंकल' - 'अम्मी तेरी बिटिया की बुर' - 'बेटी तेरे ससुर लण्ड पी रही हूँ' - 'माँ चुदा रही हूँ अपनी' - 'माँ चुदा अपनी भोसड़ी की पहले' - 'मेरी बुर चोदी मौसी का भोसड़ा' - 'लण्ड चोद रही हूँ अम्मी लण्ड' - 'मुझे चोदो मेरी माँ चोदो' - 'बहू की बुर सास का भोसड़ा' - 'तेरी गांड में घुसा दूँगी लण्ड' - 'माँ चुदवाई सुहागरात में' - 'तेरी बहन का लण्ड, अब्बू' ,,,,,, आदि आदि
अम्मी ने कहा :- अरे वाह मुझे भी इसी तरह की कहानियां पसंद है।
इस तरह बातों से तो मैं खुल गयी थी अम्मी से लेकिन मैंने कभी उसको लण्ड पकड़े हुए नहीं देखा और न उसने मुझे देखा। चुदवाने मैं भी लगी थी तब तक और अम्मी तो बहुत पहले से चुदवा रही थी। लेकिन कभी न मैंने उसे चुदवाते हुए न उसने मुझे ? उस दिन जब अम्मी ने कहा तू अपनी माँ क्यों नहीं चुदवाती ? तो मेरा मन उसके सामने लण्ड पकड़ने का हो गया। एक दिन मैंने अपने बॉय फ्रेंड तारिक को बुला लिया। मैं अपने कमरे में बैठी हुई उसका लण्ड चाटने लगी। मैं भी नंगी थी वह भी भोसड़ी का। फिर मैंने लण्ड मुंह में भर लिया और बड़े प्यार से चूसने लगी लण्ड ? तब तक अम्मी आ गयी। उसने मुझे लण्ड चूसते हुए देख लिया। वह बोली हाय अल्ला, ऐसे कैसे चूस रही है तू लण्ड रुबीना ? लण्ड पे बैठ लण्ड चूसो बेटी ? मैंने कहा अरे अम्मी तब तो एक और लण्ड चाहिए न ? वह बोली हां है न लण्ड ? वह अंदर गयी और बस एक मिनट में किसी का खड़ा लण्ड पकडे हुए मेरे पास आ गई बोली ले बुर चोदी रुबीना ये है लण्ड ? इस पर बैठो फिर उसका लण्ड पियो ? मैं जैसे ही बैठी तो लण्ड मेरी चूत में घुस गया। फिर मैं चुदवाते हुए लण्ड पीने लगी। अम्मी ने कहा हां यह हुई कोई बात ? जवानी में जब तक २/३ लण्ड सामने न हो तब तक मज़ा नही आता बेटी ?
थोड़ी देर मैंने कहा अम्मी भोसड़ी की अब तुम लण्ड पे बैठ कर लण्ड पियो ? मैं तुम्हे देखूँगी। फिर उस दिन मैंने पहली बार अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाया और अम्मी ने भी मेरी बुर चुदवाई। तो यह थी मेरी पहली बार अम्मी के साथ चोदा चोदी की कहानी ?
फिर मेरी शादी हो गयी और मैं ससुराल चली गयी। ससुराल में मुझे कोई परेशानी नहीं हुई बल्कि मुझे वहां का सिस्टम कुछ ज्यादा ही आज़ादी का मिला। अभी एक हफ्ता ही हुआ था। एक दिन मैं रात को उठी तो बस ऐसे ही जेठानी के कमरे में झाँकने लगी। मैंने देखा की जेठानी तो हैं नहीं बल्कि जेठ जी मादर चोद किसी को भकाभक चोद रहा है। मैं उस औरत को पहचान नहीं सकी लेकिन हां वह चुदवाने में वह बड़ी शातिर थी। मैं जेठ का लण्ड देखना चाहती थी लेकिन वह तो चूत में घुसा था। थोड़ी देर में जब लण्ड निकला तो मैं हैरान हो गयी। लण्ड साले का बड़ा तगड़ा था। मोटा भी और लंबा भी। वह औरत बोली हाय जीजू तेरा लण्ड भोसड़ी का बड़ा बेरहम है ? मेरी चूत में चीथड़े उड़ा दिया साले ने ? तब मैं जान गयी वह जेठानी की बहन की बुर चोद रहा था। फिर मन में सवाल उठा की जेठानी बुर चोदी कहाँ है और क्या कर रही है ?
मैं आगे बढ़ गयी । उस कमरे में कुछ लाईट हलकी हलकी जल रही थी। मैंने झाँक कर देखा की जेठानी भोसड़ी की लण्ड पे बैठ कर लण्ड पी रही हैं। बस मेरी तो झांटें सुलग गयी ? जो बहन चोद मैं करना चाहती थी वह मेरी जेठानी कर रही है माँ की लौड़ी ? मुझे वाकई जलन होने लगी। अब मैं यह जानना चाहती थी वे दोनों हैं कौन भोसड़ी वाले ? मुंह वाला लण्ड तो पूरा दिख गया लेकिन बुर वाला लण्ड नहीं दिखा ? जेठानी बोली हाय मेरे बहनोई राजा तेरा लौड़ा चाटने में बड़ा मज़ा आ रहा है। और तेरा दोस्त का लण्ड तो मेरी चूत की माँ चोदने में जुटा है। मैं जान गयी की जेठानी अपने बहनोई और उसके दोस्त से एक साथ चुदवा रही हैं। लेकिन मजे की बात यह है की यहाँ किसी कमरे में कोई सिटकिनी नहीं बंद है। सबके सब दरवाजे खुले हैं। तब तक मेरी नन्द आ गयी ? वह बोली हाय रुबीना भाभी ले तू मेरे देवर का लण्ड चूस ले ? उसने मुझे अपने देवर का लण्ड पकड़ा दिया और बोली भाभी तुम इससे चुदवाओ मैं मामू जान का लौड़ा पीने जा रही हूँ। मैं देवर को ले के अपने बिस्तर पर चली गयी।
मैंने उसे बिस्तर पर पटक दिया और उसके ऊपर चढ़ बैठी। मैं तो नंगी थी ही वह भी नंगा था। मैंने कहा भोसड़ी के रज़ा तुम अपनी भाभी की बुर खूब चोदते हो बहन चोद ? वह बोला रुबीना भाभी ऐसा नहीं है ? मेरी भाभी तो जब देखो तब मेरा लण्ड पकड़ लेतीं हैं। और जब लण्ड पकड़ती है तो उसे अपनी बुर में घुसाना नहीं भूलती। तो फिर मुझे चोदना ही पड़ता है। वैसे एक बात है की वह चुदवाती बहुत अच्छा है। मैंने कहा माँ का लौड़ा रज़ा, मैं भी अच्छा चुदवाती हूँ ? आज तू मुझे चोद कर देख ले ? तुझे भी मज़ा आएगा और तेरे लण्ड को भी ? लेकिन पहले मेरी बुर चाट ले और मैं तेरा लण्ड चाट लेतीं हूँ। हम दोनों 69 की position में हो गए। मुझे बुर चटा कर लण्ड चाटने में बड़ा मज़ा आता है।
इतने में मेरी सास कमरे में आ गयी। वह भी भोसड़ी वाली बिलकुल नंगी थी। वह बोली हाय बहू तू माँ की लौड़ी मेरी बेटी के देवर से चुदवा रही है। ओ के, ठीक से चुदवा ले और उसके बाद मेरे भाई जान से भी चुदवा लेना। और हां देख तेरा खालू आया है मैं उसका लण्ड चूसने जा रही हूँ। आज वह मेरा भोसड़ा चोदेगा ? उधर मेरी सास गयी इधर मैंने रज़ा का लौड़ा बुर में पेला और भकाभक चुदवाने लगी। रज़ा भोसड़ी का अच्छी तरह बुर चोदने लगा।
चोदने के बाद रज़ा चला गया। तब तक सास का भाई जान मादर चोद आया नहीं था। मैं कमरे के बाहर निकली और बगल के कमरे में झाँकने लगी। मैंने देखा की वह मेरी देवरानी एक लण्ड पर बैठी हुई एक लण्ड मुंह में लेकर चाट रही है। वह बुर चोदी दो दो लण्ड का मज़ा एक साथ ले रही है। मेरी झांटें बहन चोद सुलगने लगीं ? थोड़ी देर में वह मुंह वाले लण्ड पर बैठ गयी और बुर वाला लण्ड चाटने लगी। लण्ड बेटी चोद दोनों बहुत बढ़िया थे। मेरा भी मन हुआ की मैं भी इन लोगों से चुदवाऊँ। तब तक देवरानी बोली अरे मादर चोदों आज नहीं तो कल मेरी नई जेठानी की बुर चोदना ? सुना है वह बुर चदुवाने में बड़ी एक्सपर्ट है। मैं यह सुनकर बड़ी खुश हो गयी, तब तक सास का भाई जान आ गया और उसके पीछे एक और आदमी था। मैं दोनों को लेकर अपने कमरे में घुस गयी। दोनों मादर चोद नंगे थे ? मैंने पूंछा की भोसड़ी के नंगे नंगे क्यों आये हो ? तो उसने बताया की मेरी दीदी ने कहा की रात में यहाँ कपड़े पहनना मना है। सबको नंगा और नंगी ही रहना पड़ता है। बस मैं दोनों लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। फिर भाई जान के लण्ड पर बैठ कर उसके दोस्त का लण्ड पीने लगी। थोड़ी देर में दोस्त के लण्ड पर बैठ कर भाई जान का लण्ड पीने लगी।
आप कहते हैं की मर्द गालियां खूब देते हैं ? लेकिन असली बात यह है की गालियां देने में जितनी तेज लड़कियां होतीं है उतने लड़के या मर्द कभी हो ही नहीं सकते। मर्द तो बस दो चार गिनी चुनी ही गालियां देतें हैं । लेकिन कभी लड़कियों को गालियां देते हुए सुनिये आपके पैर के नीचे से ज़मीन खसक जाएगी, ज़नाब ? इतनी प्यारी प्यारी, इतनी गहरी और इतनी मस्त मजेदार गालियां देतीं है जिन्हे सुनकर लड़के साले मुरीद हो जाते हैं और उनके लण्ड फनफनाने लगतें हैं।
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मेरा नाम रुबीना है। मैं २३ साल की एक बिंदास लड़की हूँ। खूबसूरत हूँ, सेक्सी हूँ और गोरी चिट्टी हुँ. बड़ी बड़ी आँखों वाली, बड़ी बड़ी चूंचियों वाली और
उभरती हुई मस्त गांड वाली हूँ। खूब धड़ल्ले से सिगरेट पीती हूँ, शराब पीती हूँ और लण्ड पीती हूँ। गन्दी गन्दी बातें करती हूँ, हंसी मजाक करती हूँ और सब भोसड़ी वालों की माँ बहन चोदती हूँ। बड़ी बेशरम, निर्लज्ज और बेहाया हूँ। न कहीं डरती हूँ, न घबराती हूँ और न झिझकती हूँ। पढ़ी लिखी हूँ, काबिल हूँ और फर्राटे दार अंग्रेजी बोलने वाली हूँ। मैंने आपको सब कुछ में बता दिया। बाकी जो रह गया है वो आगे बता दूँगी ?
मेरे पास कुछ भी छुपाने को नहीं है। मेरी इन्ही बातों से कई लोग मुझसे प्रभावित हो जातें हैं ? कॉलेज में मैं कई बातों के लिए बहुत मशहूर हूँ। पहला - हर डिबेट में भाग लेती हूँ और खूब बहस करती हूँ . दूसरा - पढाई में हमेशा फर्स्ट आती हूँ। तीसरा - गालियां बकने में मेरे मुकाबले कॉलेज में कोई और नहीं है ? तेरी माँ का भोसड़ा, तेरी बहन का लण्ड, तेरी बिटिया की बुर और भोसड़ी के मेरी पेट गालियां है जिन्हे मैं अक्सर दिया करती हूँ। मेरे कॉलेज में एक लड़का है शब्बीर। मैं उससे प्यार करती हूँ ? मैं उसका लण्ड चाटती हूँ वह मेरी बुर चाटता है ? उसके बाद एक दिन जोश में आकर मैंने उससे चुदवा भी लिया। इसका नतीजा यह हुआ की मेरा उसी के साथ निकाह हो गया।
अब वह मेरा शौहर है और मैं उसकी बीवी ? मैंने अपनी सुहागरात में ही कह दिया की देखो शब्बीर शादी के पहले मैं लड़कों से चुदवाया करती थी और तुम लड़कियां चोदा करते थे। मैं शादी के बाद भी लड़कों से चुदवाती रहूंगी और तुम अगर लड़कियां चोदते रहो तो मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है । लेकिन मेरे गैर मर्दों से चुदवाने पर तुमने अगर ऊँगली उठायी तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी। मैं तो हर रोज़ २/३ लण्ड जरूर लूंगी ? तुम जितनी चाहो उतनी बुर चोदो मुझे कोई परेशानी नहीं है। वह बोला मुझे तेरी शर्त मंजूर है, रुबीना ?
तो दोस्तों, ये तो हुई मेरी शादी की बात और मेरे मरद की बात ? अब मैं आपको अपनी अम्मी की बातें बताती हूँ।
यह बात मेरी शादी के पहले की है। मैं तब १९ साल की थी। मस्त जवान थी मैं। बड़ी बड़ी चूंचियों वाली हो गयी थी और घनी घनी झांटों वाली भी हो गयी थी मैं। लड़के मुझे बहुत अच्छे लगने लगे थे और उनसे ज्यादा उनके लण्ड अच्छे लगने लगे थे। मैं कॉलेज के लड़कों के लण्ड पकड़ना शुरू कर चुकी थी। मुठ्ठ मारना तो लड़कों ने ही सिखा दिया था। एक दिन अम्मी किचेन मे थी तभी उसका फोन आ गया। अम्मी के दोनों हाथ बिजी थे तो उसने स्पीकर ऑन कर दिया और बतलाने लगी।
अम्मी ने कहा - हां बोल रजिया क्या हो रहा है ? ,,,,,कुछ नहीं यार अपने देवर की झांटें बना रही थी। अभी आई हूँ बाथ रूम से ,,,,,,,तो अब क्या करेगी तू ,,,,, बुर चुदवाऊँगी मैं और क्या ,,,,,, तो बुर चुदाने के लिए क्या मुझसे इज़ाज़त लेने के लिए फोन किया ,,,,, नहीं मैं तो यह जानने के लिए फोन किया की क्या तू चुदवायेगी उससे ? लौड़ा बड़ा मस्त है भोसड़ी वाले का ,,,,,यार अभी नहीं, अभी मेरी बेटी घर पर है जब वह कॉलेज चली जाएगी तब चुदवा लूंगी ,,,,,,कल वाला लण्ड कैसा लगा तुझे ,,,,,, बड़ा मजेदार था लण्ड यार मैंने तो उससे अपनी चूंचियां भी खूब चुदवाईं ,,,, गांड मरवाई की नहीं ,,,,,नहीं यार गांड नहीं मरवाई ,,,,,,अगली बार जरूर मरवाना, बहुत बढ़िया गांड मारता है । अच्छा यह बता तेरी बेटी लण्ड पकड़ती है ,,,,,, ? पता नहीं यार हां पकड़ना तो चाहिए उसे ,,,,,,, इसका मतलब तेरी बेटी अपनी माँ नहीं चुदवाती ,,,,,, ? नहीं यार, माँ से तो खुल कर बात भी नहीं करती भोसड़ी की ? पता नहीं कब बुर चोदी अपनी माँ भोसड़ा चुदवायेगी,,,,,,,,? तो फिर एक दिन पकड़ा दे न उसे लण्ड ? अब मेरी बेटी को देखो मैंने एक दिन उसे लण्ड पकड़ाया तो वह खुल गयी। अब तो वह माँ का भोसड़ा खूब चुदवाती है। बड़ी मस्त गालियां देती है और लण्ड मेरी चूत में पेल देती है ,,,,,,, हाय दईया मैं तो उस दिन का इंतज़ार कर रही हूँ. मेरी बेटी रुबीना बुर चोदी जवान तो मस्त हो गयी है। उसकी चूंचियां उसकी गांड बड़ी सेक्सी हो गयी है ,,,,,,हाय अल्ला, कोई आ गया है यार ? मैं फिर बात करूंगी - खुदा हाफ़िज़
अम्मी ने पीछे मुड़ कर देखा की मैं वहीँ बैठी हुई चावल बिन रही थी। अम्मी बोली हाय अल्ला, रुबीना तो तू मेरी बातें सुन रही थी। मैंने कहा नहीं अम्मी मैं सुन नहीं रही थी। मुझे सारी बातें सुनाई पड़ रहीं थीं. तब वह बोली तो फिर भोसड़ी वाली बुर चोदी रुबीना वैसा करती क्यों नहीं ? क्यों मेरी नाक कटा रही है तू माँ की लौड़ी ?
मैंने मन में कहा मेरा अपनी माँ का भोसड़ा न चुदवाने से मेरी माँ की नाक कटी जा रही है। उसकी बेज्जती हो रही है। अब तो मुझे अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाना ही पड़ेगा ।
एक दिन अम्मी का लैपटॉप खुला रह गया। मैं उसे पढ़ने लगी, तब मुझे मालूम हुआ की अम्मी 'Sex' की कहानियां पढ़ रही थी। मैंने कहानियाँ खोल कर देखीं तो मेरी चूत में जबरदस्त आग लग गयी। कहानियों के शीर्षक ही पढ़ कर मैं बड़ी चुदासी हो गयी। इतने में अम्मी आ गयी। मैंने फ़ौरन लैपटॉप बंद कर दिया। लेकिन उस रात मैंने रात भर कहानियां अपने लैपटॉप पर पढ़ीं। इतनी लाजबाब कहानियां मैंने पहले न कभी पढ़ीं और न कभी सुनी ? फिर मैं हर रोज़ कहानियां पढ़ने लगी। उससे यह हुआ की मैं अम्मी से खुलने लगी। मैं बेशरम होने लगी। मैं गालियां भी बकने लगी। माँ बहन चोदने लगी ? एक दिन अम्मी ने कहा रुबीना तेरी माँ का भोसड़ा ? मैंने भी उसी जहज़े में जबाब दिया ताहिरा (अम्मी का नाम ) तेरी बिटिया की बुर ?
बस हम दोनों एक दूसरे को देख कर हंसने लगीं ? मेरा रास्ता उसी दिन से खुल गया।
एक दिन अम्मी ने पूंछा :- रुबीना तुम Sex की कहानियां पढ़ती हो ? मैंने कहा हां पढ़ती हूँ। वह बोली कौन सी कहानियां पढ़ती हो। मैंने कहा मैं हर तरह की कहानियां पढ़ती हूँ अम्मी ? वह बोली फिर तुम्हे किस तरह की कहानियां अच्छी लगती हैं ?
मैंने जबाब दिया - 'मेरी माँ का भोसड़ा चोदो, अंकल' - 'अम्मी तेरी बिटिया की बुर' - 'बेटी तेरे ससुर लण्ड पी रही हूँ' - 'माँ चुदा रही हूँ अपनी' - 'माँ चुदा अपनी भोसड़ी की पहले' - 'मेरी बुर चोदी मौसी का भोसड़ा' - 'लण्ड चोद रही हूँ अम्मी लण्ड' - 'मुझे चोदो मेरी माँ चोदो' - 'बहू की बुर सास का भोसड़ा' - 'तेरी गांड में घुसा दूँगी लण्ड' - 'माँ चुदवाई सुहागरात में' - 'तेरी बहन का लण्ड, अब्बू' ,,,,,, आदि आदि
अम्मी ने कहा :- अरे वाह मुझे भी इसी तरह की कहानियां पसंद है।
इस तरह बातों से तो मैं खुल गयी थी अम्मी से लेकिन मैंने कभी उसको लण्ड पकड़े हुए नहीं देखा और न उसने मुझे देखा। चुदवाने मैं भी लगी थी तब तक और अम्मी तो बहुत पहले से चुदवा रही थी। लेकिन कभी न मैंने उसे चुदवाते हुए न उसने मुझे ? उस दिन जब अम्मी ने कहा तू अपनी माँ क्यों नहीं चुदवाती ? तो मेरा मन उसके सामने लण्ड पकड़ने का हो गया। एक दिन मैंने अपने बॉय फ्रेंड तारिक को बुला लिया। मैं अपने कमरे में बैठी हुई उसका लण्ड चाटने लगी। मैं भी नंगी थी वह भी भोसड़ी का। फिर मैंने लण्ड मुंह में भर लिया और बड़े प्यार से चूसने लगी लण्ड ? तब तक अम्मी आ गयी। उसने मुझे लण्ड चूसते हुए देख लिया। वह बोली हाय अल्ला, ऐसे कैसे चूस रही है तू लण्ड रुबीना ? लण्ड पे बैठ लण्ड चूसो बेटी ? मैंने कहा अरे अम्मी तब तो एक और लण्ड चाहिए न ? वह बोली हां है न लण्ड ? वह अंदर गयी और बस एक मिनट में किसी का खड़ा लण्ड पकडे हुए मेरे पास आ गई बोली ले बुर चोदी रुबीना ये है लण्ड ? इस पर बैठो फिर उसका लण्ड पियो ? मैं जैसे ही बैठी तो लण्ड मेरी चूत में घुस गया। फिर मैं चुदवाते हुए लण्ड पीने लगी। अम्मी ने कहा हां यह हुई कोई बात ? जवानी में जब तक २/३ लण्ड सामने न हो तब तक मज़ा नही आता बेटी ?
थोड़ी देर मैंने कहा अम्मी भोसड़ी की अब तुम लण्ड पे बैठ कर लण्ड पियो ? मैं तुम्हे देखूँगी। फिर उस दिन मैंने पहली बार अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाया और अम्मी ने भी मेरी बुर चुदवाई। तो यह थी मेरी पहली बार अम्मी के साथ चोदा चोदी की कहानी ?
फिर मेरी शादी हो गयी और मैं ससुराल चली गयी। ससुराल में मुझे कोई परेशानी नहीं हुई बल्कि मुझे वहां का सिस्टम कुछ ज्यादा ही आज़ादी का मिला। अभी एक हफ्ता ही हुआ था। एक दिन मैं रात को उठी तो बस ऐसे ही जेठानी के कमरे में झाँकने लगी। मैंने देखा की जेठानी तो हैं नहीं बल्कि जेठ जी मादर चोद किसी को भकाभक चोद रहा है। मैं उस औरत को पहचान नहीं सकी लेकिन हां वह चुदवाने में वह बड़ी शातिर थी। मैं जेठ का लण्ड देखना चाहती थी लेकिन वह तो चूत में घुसा था। थोड़ी देर में जब लण्ड निकला तो मैं हैरान हो गयी। लण्ड साले का बड़ा तगड़ा था। मोटा भी और लंबा भी। वह औरत बोली हाय जीजू तेरा लण्ड भोसड़ी का बड़ा बेरहम है ? मेरी चूत में चीथड़े उड़ा दिया साले ने ? तब मैं जान गयी वह जेठानी की बहन की बुर चोद रहा था। फिर मन में सवाल उठा की जेठानी बुर चोदी कहाँ है और क्या कर रही है ?
मैं आगे बढ़ गयी । उस कमरे में कुछ लाईट हलकी हलकी जल रही थी। मैंने झाँक कर देखा की जेठानी भोसड़ी की लण्ड पे बैठ कर लण्ड पी रही हैं। बस मेरी तो झांटें सुलग गयी ? जो बहन चोद मैं करना चाहती थी वह मेरी जेठानी कर रही है माँ की लौड़ी ? मुझे वाकई जलन होने लगी। अब मैं यह जानना चाहती थी वे दोनों हैं कौन भोसड़ी वाले ? मुंह वाला लण्ड तो पूरा दिख गया लेकिन बुर वाला लण्ड नहीं दिखा ? जेठानी बोली हाय मेरे बहनोई राजा तेरा लौड़ा चाटने में बड़ा मज़ा आ रहा है। और तेरा दोस्त का लण्ड तो मेरी चूत की माँ चोदने में जुटा है। मैं जान गयी की जेठानी अपने बहनोई और उसके दोस्त से एक साथ चुदवा रही हैं। लेकिन मजे की बात यह है की यहाँ किसी कमरे में कोई सिटकिनी नहीं बंद है। सबके सब दरवाजे खुले हैं। तब तक मेरी नन्द आ गयी ? वह बोली हाय रुबीना भाभी ले तू मेरे देवर का लण्ड चूस ले ? उसने मुझे अपने देवर का लण्ड पकड़ा दिया और बोली भाभी तुम इससे चुदवाओ मैं मामू जान का लौड़ा पीने जा रही हूँ। मैं देवर को ले के अपने बिस्तर पर चली गयी।
मैंने उसे बिस्तर पर पटक दिया और उसके ऊपर चढ़ बैठी। मैं तो नंगी थी ही वह भी नंगा था। मैंने कहा भोसड़ी के रज़ा तुम अपनी भाभी की बुर खूब चोदते हो बहन चोद ? वह बोला रुबीना भाभी ऐसा नहीं है ? मेरी भाभी तो जब देखो तब मेरा लण्ड पकड़ लेतीं हैं। और जब लण्ड पकड़ती है तो उसे अपनी बुर में घुसाना नहीं भूलती। तो फिर मुझे चोदना ही पड़ता है। वैसे एक बात है की वह चुदवाती बहुत अच्छा है। मैंने कहा माँ का लौड़ा रज़ा, मैं भी अच्छा चुदवाती हूँ ? आज तू मुझे चोद कर देख ले ? तुझे भी मज़ा आएगा और तेरे लण्ड को भी ? लेकिन पहले मेरी बुर चाट ले और मैं तेरा लण्ड चाट लेतीं हूँ। हम दोनों 69 की position में हो गए। मुझे बुर चटा कर लण्ड चाटने में बड़ा मज़ा आता है।
इतने में मेरी सास कमरे में आ गयी। वह भी भोसड़ी वाली बिलकुल नंगी थी। वह बोली हाय बहू तू माँ की लौड़ी मेरी बेटी के देवर से चुदवा रही है। ओ के, ठीक से चुदवा ले और उसके बाद मेरे भाई जान से भी चुदवा लेना। और हां देख तेरा खालू आया है मैं उसका लण्ड चूसने जा रही हूँ। आज वह मेरा भोसड़ा चोदेगा ? उधर मेरी सास गयी इधर मैंने रज़ा का लौड़ा बुर में पेला और भकाभक चुदवाने लगी। रज़ा भोसड़ी का अच्छी तरह बुर चोदने लगा।
चोदने के बाद रज़ा चला गया। तब तक सास का भाई जान मादर चोद आया नहीं था। मैं कमरे के बाहर निकली और बगल के कमरे में झाँकने लगी। मैंने देखा की वह मेरी देवरानी एक लण्ड पर बैठी हुई एक लण्ड मुंह में लेकर चाट रही है। वह बुर चोदी दो दो लण्ड का मज़ा एक साथ ले रही है। मेरी झांटें बहन चोद सुलगने लगीं ? थोड़ी देर में वह मुंह वाले लण्ड पर बैठ गयी और बुर वाला लण्ड चाटने लगी। लण्ड बेटी चोद दोनों बहुत बढ़िया थे। मेरा भी मन हुआ की मैं भी इन लोगों से चुदवाऊँ। तब तक देवरानी बोली अरे मादर चोदों आज नहीं तो कल मेरी नई जेठानी की बुर चोदना ? सुना है वह बुर चदुवाने में बड़ी एक्सपर्ट है। मैं यह सुनकर बड़ी खुश हो गयी, तब तक सास का भाई जान आ गया और उसके पीछे एक और आदमी था। मैं दोनों को लेकर अपने कमरे में घुस गयी। दोनों मादर चोद नंगे थे ? मैंने पूंछा की भोसड़ी के नंगे नंगे क्यों आये हो ? तो उसने बताया की मेरी दीदी ने कहा की रात में यहाँ कपड़े पहनना मना है। सबको नंगा और नंगी ही रहना पड़ता है। बस मैं दोनों लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। फिर भाई जान के लण्ड पर बैठ कर उसके दोस्त का लण्ड पीने लगी। थोड़ी देर में दोस्त के लण्ड पर बैठ कर भाई जान का लण्ड पीने लगी।
इतने में मेरी अम्मी ताहिरा आ गयीं . वह बोली हाय अल्ला, बुर चोदी रुबीना तू दो दो लण्ड से चुदा रही है बहन चोद ? मैंने कहा हां भोसड़ी की ताहिरा। अब तू आ गयी तो तू भी चुदवा ले। मैंने भाई जान का लण्ड अम्मी के भोसड़ा में घुसेड़ दिया। अम्मी ने उसके दोस्त का लण्ड मेरी बुर में पेल दिया। अम्मी बोली माँ लौड़ी रुबीना तू अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा रही है। मैंने कहा हां भोसड़ी की ताहिरा तू भी तो अपनी बिटिया की बुर चुदवा रही है।
फिर हम दोनों रात भर इसी तरह की गन्दी गन्दी बातें कर कर के चुदवातीं रहीं...
फिर हम दोनों रात भर इसी तरह की गन्दी गन्दी बातें कर कर के चुदवातीं रहीं...
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