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मैं दोनों लण्ड देख कर मस्त हो गयी - 2 lund ek sath lene ka maja
मैं दोनों लण्ड देख कर मस्त हो गयी - 2 lund ek sath lene ka maja , दो दो लण्ड का मजा , Hindi Sex Kahani , 2 - 2 लंड एक साथ में , शादी में पहली बार लंड का मजा.
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| लौड़ा मस्त है न, भाभी ? |
- तेरी बिटिया तो बहुत चालू है, अम्मी । जाने कहाँ कहाँ घूमा करती है ससुरी। कोई तन बदन का ख्याल नहीं है उसे ? जब देखो तब अपना पर्श उठा कर चल देती है बिना किसी को बताये हुए ?
- यही हाल तो तेरी माँ का भी है बेटी। न तेरी माँ भी तो किसी के काबू में नहीं रहती है। बाहर जाती है तो वह बिना बुरखा ओढ़े चली जाती है। अपनी बड़ी बड़ी चूंचियां हिलाने में उसे कोई शर्म नहीं आती बेटी। मैं तो तंग आ चुकी हूँ तेरी हरामजादी अम्मी से, बेटी साइमा ?
- तेरी बेटी भी तो अपनी चूंचियां हिला हिला कर चलती है बुर चोदी। पीछे से अपनी गांड मटकाती रहती है। आगे से लोगों को चूंचियां दिखाती है और पीछे से अपनी गांड। मुझे तो लगता है की उसका बस चले तो वह अपनी गांड और चूंची दोनों खोल कर सड़क पर चले।
- अरे बेटी, तेरी अम्मी शबाना तो घर में भी सब कुछ खोल कर घूमा करती है। कुनबे में सारे मर्द उसका पूरा बदन पहचानते हैं । दूर से ही बता देंगें की यह साइमा की माँ है।
- घर में तेरी बेटी भी कपड़े नहीं पहनती, अम्मी ? इतनी बेशरम लड़की तो मैंने आज तक कहीं देखी नहीं। इतनी तेजी से लण्ड पकड़ती है तेरी बेटी अम्मी जैसे बिल्ली चूहा पकड़ती है। बिल्ली चूहा पकड़ते ही अपने मुंह में घुसेड़ लेती है वैसे ही तेरी बेटी भी लण्ड फ़ौरन मुंह में डाल लेती है।
- हां बेटी तूने सही बताया तेरी माँ भी इसी तरह लण्ड फ़टाफ़ट अपने मुंह में घुसेड़ लेती है और फिर अपने अंदर पेल लेती है। पहले अपने मुंह में लौड़ा नहीं डालती थी लेकिन जब उसनेआजकल की बीवियों को लौड़ा पीते हुए देखा तो फिर वह भी पीने लगी लण्ड ? तेरी माँ अपने आप को बड़ी जवान समझती है।
- एक बात और बता दूँ अम्मी ? तेरी बेटी सरे आम सबको गालियां देती है। सबकी माँ बहन चोदती है। घर में भी सबको गालियां सुनाती है ।
- अरे बेटी तू ठीक कह रही है तेरी माँ भी गालियां देने के बड़ीअव्वल है। किसी को भी नहीं छोड़ती सबकी गांड मारा करती है और सबकी चूत में लण्ड पेला करती है. एक बात जरूर है तेरी माँ जिसको गालियां देती है उसको बुर भी देती है अपनी।
- बुर तो तेरी बेटी भी देती है अम्मी उन सबको जिनको गालियां सुनाती है। और तो और अपनी झांटें भी बनवाती है उनसे, तेरी बेटी।
- अरे सासू जी तू मेरी नन्द की माँ की बातें कर रही है। कभी अपनी बहू की बात की है तूने ? कभी सोंचा है तूने की तेरी बहू कितनी छिनार होती जा रही है। अपनी चूत हाथ में लिए घूमती है तेरी बहू। जो भी देखता है वही ठोंक देता है लण्ड तेरी बहू की बुर में ?
- लण्ड तो तेरी सास के भोसड़ा में भी ठोंकते हैं लोग। तेरी सास तो कुछ नहीं बोलती ? बस भकाभक ठोंकवा लेती है लण्ड ? इतनी बदचलन तो रंडी भी नहीं होती बहू जितनी बदचलन तेरी सास है।
- साइमा बोली अरे भाभी पहले अपनी नन्द को देखो और नन्द की चूत देखो। तेरी नन्द आजकल बहुत आवारा हो गयी है। अभी कल ही अपने बॉय फ्रेंड को घर ले आई थी और फिर एक घंटा तक चुदवाती रही अपनी बुर ? जबकि उसकी शादी हो चुकी है। पर उसने अभी तक अपने पुराने लड़कों से और अंकलों से चुदवाना नहीं छोड़ा ?
- चुदवाना तेरी भाभी ने भी नहीं छोड़ा साइमा। वह भी जब माईके जाती है तो अपने पुराने लोगों से चुदवाकर आती है। एक एक करके सबके लण्ड पेल कर आती है अपनी बुर में ? तेरी भाभी को पराये मर्दों से चुदवाने का बहुत बड़ा शौक है।
- अरे बहू शौक तो तेरी सास को भी है गैर मर्दों से चुदवाने का। पिछले हफ्ते तीन तीन मर्दों के लण्ड अपने भोसड़ा में पेला है इसने, बहू। उसके बाद तेरा अब्बू भी आया था बहू। वह भी साला, तेरी सास का भोसड़ा चोद कर गया है। रात भर चुदवाया तेरी सास ने उससे ?
- चुदवाया तो तेरी बहू ने भी है अपने ससुर से ? उसके ससुर का साला ९" का लण्ड तेरी बहू की बुर में घुसा था। और वह बुर चोदी बड़ी मस्ती से अपनी गांड उठा उठा के चुदवाती रही थी।
बहू ने कहा :- सासू जी, तेरी बहू की बुर
सास बोली :- बहू, तेरी सास का भोसड़ा
बेटी ने कहा :- भाभी, तेरी नन्द की चूत, बुर चोदी
बहू ने कहा :- नन्द रानी, तेरी भाभी की बुर, बहन चोद
बेटी ने कहा :- अम्मी, तेरी बिटिया की बुर, हरामजादी
अम्मी ने कहा :- बेटी, तेरी माँ का भोसड़ा, मादर चोद
यहाँ सुनने में तो लग रहा है की ये सब दूसरों को गालियां दे रहीं है पर वास्तव में वे सब अपनी ही चूत, बुर को गाली दे रही हैं। यह बताता है की इन तीनो में आपस में कितना प्यार है, कितनी मोहब्बत है, कितना एक दूसरे को चाहतीं हैं भोसड़ी वाली। कितनी मस्ती और प्यार मोहब्बत से अपनी ज़िन्दगी गुज़ार रहीं हैं।
मैं साइमा हूँ दोस्तों, मेरी उमर २३ साल की है। अभी ३ महीने पहले मेरी शादी हुई है। मैं कैसी हूँ यह तो आपको मालूम हो गया है। हम तीनो मिलकर जवानी का एक एक पल एन्जॉय करतीं हैं। अब आप हमें इसके लिए बदचलन कहें, बेशरम कहे, बेहाया और छिनार कहें तो कहें, हमें सब मंजूर है मगर हम लोग इसी तरह ऐय्याशी करती रहेंगीं। मैं जब १९ साल की थी तभी अम्मी से खुल गयी थी। मेरी अम्मी वास्तव में एक मस्त और खुले मिज़ाज़ की औरत हैं। उसने मेरी तरह कई लड़कियों को जवानी का मज़ा लेना सिखाया। आज वो सब लड़कियां अपनी अपनी जवानी का मज़ा लूट रहीं है और मेरी अम्मी को शुक्रियाअदा रही हैं। कहतीं है की अगर तेरी अम्मी ने हमें जवानी का मज़ा लेना न सिखाया होता तो हमारी सारी जवानी बर्बाद हो जाती। आज हम सब खूब मज़ा लूट रही हैं और बहुत खुश हैं ।
मेरे पड़ोस में एक है सामिया। उसने मुझे खुल कर अपनी बात बताई। आप भी सुनिए :-
मैं सामियां हूँ एक दिन सुबह मेरे घर शबाना आंटी आ गयी। मैं उस समय अम्मी के साथ किचेन में थी। आते ही आंटी बोली अरी जुबैदा (मेरी अम्मी) तूने मेरा फोन नहीं उठाया। क्या कर रही थी तू। किसी का लौड़ा हिला रही थी तू या फिर अपनी गांड मरा रही थी तू। आंटी की गालियां सुनकर मैं शर्मा गयी और किचेन के बाहर जाने लगी। तभी आंटी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली अरी सामिया अब तू सायानी हो गयी है। जवान हो गयी है तू। बच्ची नहीं है अब। जवानी में बेशर्म होने की जरुरत है नहीं तो हाथ मलती रह जायेगी। जवानी फुर्र से उड़ जाएगी । यही समय है मज़ा लूटने की बुर चोदी सामिया। मैं फिर जाने लगी तो वह बोली यहीं बैठ और मेरी बातें सुन। मैं अभी तेरी अम्मी से बातें कर रही हूँ। आंटी ने कहा अरे जुबैदा तूने अपनी बेटी को क्या बना कर रखा है ? मुझे तो लगता है की इसमें कभी कोई लण्ड पकड़ा ही नहीं ? लौड़ा शायद इसने अभी तक देखा ही नहीं है। तो जवानी का मज़ा कैसे लेगी ? मेरी अम्मी बोली हां यार इसे अभी कुछ मालूम ही नहीं है। अब तुम ही कुछ करो। आंटी बोली मैं तो इसकी माँ चोदूंगी जुबैदा। इसकी माँ की चूत में लौड़ा पेलूँगी तब इसे समझ में आएगा। मैं इसे पहले बेशरम बनाऊँगी फिर इसे लौड़ा पकड़ना सिखाऊंगी और फिर चुदवाना ?
मेरी अम्मी ने कहा अरी शबाना तू इसे ले जा और जो चाहे वो कर ? अम्मी ने मुझे आंटी के घर भेज दिया। मैं शबाना आंटी के साथ उसके घर आ गयी। उस समय साइमा नहीं थी। आंटी ने बड़े प्यार से कहा देख सामिया मुझसे शर्माने की जरुरत नहीं है। अब मैं जो तुमसे पूंछती हूँ वो मुझे साफ़ साफ़ बता ? लौड़ा कभी देखा है तूने ? गालियां दे लेती हो ? ---- लौड़ा तो ब्लू फिल्म में देखा है आंटी लेकिन सचमुच में लौड़ा कभी नहीं देखा। हां गलियां दे लेती हूँ। कॉलेज अपनी सहेलियों को और लड़कों को खूब गालियां देती हूँ। ------ कैसी गालियां देती हो ? --- तेरी माँ का भोसड़ा, साले, कुत्ते, तेरी बहन की बुर, भोसड़ी के, गांडू, मैं तेरी माँ चोद दूँगी, तेरी गांड में घुसेड़ दूँगी लण्ड, माँ का लौड़ा ---- देखो सामिया, औरत पर जवानी बहुत जल्दी चढ़ती है और बहुत जल्दी उतर भी जाती है। १८ से ५० साल तक वह मस्त जवान रहती है और बड़े बड़े लण्ड अपनी चूत में पेल कर मज़ा लूटती है। उसके बाद उसकी जवानी ढलने लगती है और बुर ढीली पड़ जाती है। लेकिन मर्दों पर जवानी थोड़ी देर से चढ़ती है और बहुत दूर तक जाती है। मर्द भोसड़ी का ७०/८० साल में भी अपना लौड़ा खड़ा करके बुर चोदता रहता है। अब तुम यह बताओ की तुम्हे लौड़ा पकड़ने में और लौड़ा चूसने में दिक्कत क्या है ? ---- कुछ नहीं आंटी पर किस भोसड़ी वाले का लौड़ा पकडूँ ? किस मादर चोद का लौड़ा चूसूँ ? किस बेटी चोद का लौड़ा पियूं आंटी ? ---अच्छा तो यह है तेरी दिक्कत ? अब मैं समझ गयी।
एक दिन शबाना आंटी मुझे एक आदमी के घर ले गयीं। उस आदमी से जब मैं मिली तो बहुत खुश हो गयी क्योंकि वह एक नौजवान था हैंडसम और समार्ट था। इतने में एक और लड़का आ गया। आंटी बोली देखो। सामिया यह है रहीम और यह है करीम। दोनों मेरे करीबी हैं। मुझे दोनों बहुत अच्छे लगे। मैं मुस्कराने लगी। कमरे में मुझे बाथ रूम दिखाई पड़ा तो मैं बाथ रूम में चली गयी। मैं जब वापस आई तो देखा की आंटी बिलकुल नंगी सोफे पर बैठी थी। उसके दोनों तरफ रहीम और करीम बैठे है और वो दोनों भी नंगे हैं। मेरी नज़र दोनों लंडपर पड़ी तो मेरी चूत में आग लग गयी। आंटी बोली सामिया देख इसे कहते हैं लण्ड ? ले पकड़ और मज़ा कर लेकिन पहले अपने सारे कपड़े उतार ले। सामने अगर लण्ड नंगा हो तो लड़की को भी नंगी हो जाना चाहिए। नंगी होकर लण्ड चूसोगी तो लण्ड और सख्त होकर मज़ा देगा। मैं जब नंगी हुई तो वो दोनों मुझे एकटक देखने लगे। मैं भी मस्ती से दोनों लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी।
उस दिन आंटी ने मुझे लण्ड पकड़ना सिखाया, लण्ड चाटना और चूसना सिखाया। फिर धीरे से लण्ड मेरी चूत में पेल कर चुदवाना सिखाया। मैं उसी दिन मस्त भी हो गयी और बेशरम भी। आंटी ने कहा सामिया अब तू अपनी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेलेगी ? माँ चुदायेगी तू अपनी भोसड़ी की सामिया ? मैं चुप रही कुछ बोली नहीं। तब आंटी में मुझे अपने मोबाइल पर एक वीडियो दिखाया। जिसमे मेरी अम्मी जुबैदा यही दोनों लण्ड चाट रही हैं। मैं अपनी अम्मी को पहली बार वीडियो में नंगी देखा। अम्मी के साथ शबाना आंटी भी थी। वह भी अम्मी के साथ चुदवा रही थीं। अम्मी ने कहा हाय शबाना यार मेरी बेटी को भी अपनी माँ चुदाना सिखा दो। उसके बड़े प्यारे प्यारे दोस्त आतें हैं मैं उनसे चुदवाना चाहती हूँ। अब अम्मी की पोल मेरे सामने खुल गयी थी । मैंने कहा हाय आंटी अम्मी ने यह बात मुझसे क्यों नहीं बताई ? आंटी ने कहा वह तुमसे शर्माती है सामिया। मैंने कहा शर्म की ऐसी की तैसी ? अब मैं नहीं शर्माऊंगी और न अम्मी को शर्माने दूँगी। मैं आज ही अपंनी माँ का भोसड़ा चुदवाऊँगी। और चुदवाऊँगी उसकी बिटिया की बुर ?
मैंने फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा और उसी रात को मैंने माँ चुदाने का मज़ा लिया। इसलिए साइमा मैं तेरी अम्मी का शुक्रिया अदा करती हूँ की उसने मुझे जवानी का मज़ा लेना सिखा दिया।
एक दिन जब मैं घर आई तो देखा की कमरे में दो आदमी बैठे हैं। उनके पास मेरी अम्मी शबाना और भाभी हुमा भी बैठी हुईं हैं। अम्मी ने मुझे देखते ही कहा आ गयी तू साइमा अपनी माँ चुदा के ? देखो ये है भोसड़ी का हबीब और ये मादर चोद शमीम। ये दोनों मेरे दोस्त है आज मुझसे मिलने आये हैं। तू जा अपने कपड़े बदल कर आ जा। मैं जब वापस एक मैक्सी पहन कर आई तो देखा की अम्मी हबीब के पैजामे के अंदर हाथ डाल कर उसका लौड़ा हिला रहीं हैं। वहीँ दूसरी तरफ हुमा भाभी भी शमीम के पैजामे में हाथ डाले हुए है और उसका लौड़ा सहला रही है। यह देख कर मेरी झांटें सुलगने लगीं क्योंकि मेरे लिए तो कोई लौड़ा है नहीं। मैंने मन में कहा ये दोनों भोसड़ी वाली मज़ा कर रही है और मेरी झांटें सुलग रहीं हैं।
फिर अचानक एक आदमी बगल के कमरे से निकला उसे देख कर मैंने कहा अरे ससुर जी तुम ? तुम यहाँ कैसे बिना बताये,,,,,, ? तब तक अम्मी बोली हां बेटी ये तेरा ससुर मेरे रिश्ते में देवर लगता है। मैंने कहा हां मैं जानती हूँ अम्मी। ये तो रफ़ी है अंकल है जो बाद में मेरा ससुर बन गया। मैं तो इससे खूब हंसी मजाक किया करती थी। इसे गालियां भी देती थी। इसकी माँ बहन चोदा करती थी मैं । लेकिन जबसे ये मेरा ससुर बन गया तबसे मैं थोड़ा चुप हो गयी। अम्मी बोली तो अभी क्या हुआ ? अभी भी चोद सकती हो तुम इसकी माँ बहन, साइमा ? और सुन कल मेरी इससे बात हो रही थी। इसने आने के लिए कहा तो मैंने कहा की अकेले मत आना। अपने साथ अपने दोस्तों को भी लेते आना तो यह अपने साथ हबीब और शमीम दो दोस्त लेकर आ गया। ये दोनों मेरे दोस्त नहीं है साइमा, ये तेरे ससुर के दोस्त है।
मेरी भाभी हुमा यह सब सुनकर मुस्कारने लगी।
भाभी बोली मेरी नन्द रानी तूने कभी इसके पहले अपने ससुर का लौड़ा पकड़ा है ? मैंने कहा नहीं भाभी कभी नहीं पकड़ा। वह बोली तू देर क्यों कर रहीं है ? घुसेड़ दे न अपना हाथ इसके पैजामे में और पकड़ ले लण्ड। तेरी चूत गरम है और लण्ड तेरे सामने है तो फिर देर किस बात की ? तेरी चूत में आग है की नहीं ? बस मैं भी जोश में गयी और अपना हाथ एक ही झटके में उसके पैजामे में घुसेड़ दिया। मैं बड़ी बेशर्मी से उसका लौड़ा अंदर ही अंदर पकड़ लिया। मैंने कहा अरे लौड़ा तो साला तो पहले से ही खड़ा है, भाभी । तब भाभी ने कहा इसका मतलब है नन्द रानी की तेरा ससुर तुझे चोदने के मूड में है। अब तू इसी बात का फायदा उठा ले। तब तक अम्मी ने हबीब का लौड़ा बाहर निकाल लिया और उधर भाभी ने शमीम का लौड़ा। मैं दोनों लण्ड देख कर मस्त हो गयी। मैंने भी ससुर का लौड़ा बाहर निकाला और उसे प्यार से हिलाने लगी।
भाभी ने मुड़ कर मेरी मैक्सी खोल कर फेंक दी तो मैं सबके सामने बिलकुल नंगी हो गयी। मैंने भी भाभी का गाउन निकाल दिया तो वह भी नंगी हो आ गयी। भाभी ने फिर अम्मी के कपड़े खींच कर उसे भी नंगी कर दिया। अब हम तीनो नंगी नंगी लण्ड चूसने लगीं।
भाभी बोली :- साइमा, तू तो अपनी भाभी की बुर चुदवायेगी आज।
मैंने कहा :- और तू भी तो अपनी नन्द की बुर चुदवायेगी, भाभी।
अम्मी ने कहा :- हाय अल्ला, साइमा तू तो अपनी माँ का भोसड़ा चुदवायेगी आज.
भाभी बोली :- और सासू जी, आज तू भी अपनी बहू की बुर चुदवाने में कोई कसर नहीं उठा रखेगी।
अम्मी ने कहा :- हाय दईया मैं जानती हूँ बहू, की आज तू अपनी सास के भोसड़ा में पेलेगी लण्ड।
मैंने कहा :- वाओ, आज तो तू अपनी बिटिया की बुर चुदवायेगी हरामजादी अम्मी।
बस इसी तरह की गन्दी गन्दी बाते करती हुई और गन्दी गन्दी एक दूसरे को गालियां देती हुई हम तीनो ने एक दूसरे की चूत में लण्ड पेल पेल कर खूब चोदा भी और चुदवाया भी।
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त
मेरे पड़ोस में एक है सामिया। उसने मुझे खुल कर अपनी बात बताई। आप भी सुनिए :-
मैं सामियां हूँ एक दिन सुबह मेरे घर शबाना आंटी आ गयी। मैं उस समय अम्मी के साथ किचेन में थी। आते ही आंटी बोली अरी जुबैदा (मेरी अम्मी) तूने मेरा फोन नहीं उठाया। क्या कर रही थी तू। किसी का लौड़ा हिला रही थी तू या फिर अपनी गांड मरा रही थी तू। आंटी की गालियां सुनकर मैं शर्मा गयी और किचेन के बाहर जाने लगी। तभी आंटी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली अरी सामिया अब तू सायानी हो गयी है। जवान हो गयी है तू। बच्ची नहीं है अब। जवानी में बेशर्म होने की जरुरत है नहीं तो हाथ मलती रह जायेगी। जवानी फुर्र से उड़ जाएगी । यही समय है मज़ा लूटने की बुर चोदी सामिया। मैं फिर जाने लगी तो वह बोली यहीं बैठ और मेरी बातें सुन। मैं अभी तेरी अम्मी से बातें कर रही हूँ। आंटी ने कहा अरे जुबैदा तूने अपनी बेटी को क्या बना कर रखा है ? मुझे तो लगता है की इसमें कभी कोई लण्ड पकड़ा ही नहीं ? लौड़ा शायद इसने अभी तक देखा ही नहीं है। तो जवानी का मज़ा कैसे लेगी ? मेरी अम्मी बोली हां यार इसे अभी कुछ मालूम ही नहीं है। अब तुम ही कुछ करो। आंटी बोली मैं तो इसकी माँ चोदूंगी जुबैदा। इसकी माँ की चूत में लौड़ा पेलूँगी तब इसे समझ में आएगा। मैं इसे पहले बेशरम बनाऊँगी फिर इसे लौड़ा पकड़ना सिखाऊंगी और फिर चुदवाना ?
मेरी अम्मी ने कहा अरी शबाना तू इसे ले जा और जो चाहे वो कर ? अम्मी ने मुझे आंटी के घर भेज दिया। मैं शबाना आंटी के साथ उसके घर आ गयी। उस समय साइमा नहीं थी। आंटी ने बड़े प्यार से कहा देख सामिया मुझसे शर्माने की जरुरत नहीं है। अब मैं जो तुमसे पूंछती हूँ वो मुझे साफ़ साफ़ बता ? लौड़ा कभी देखा है तूने ? गालियां दे लेती हो ? ---- लौड़ा तो ब्लू फिल्म में देखा है आंटी लेकिन सचमुच में लौड़ा कभी नहीं देखा। हां गलियां दे लेती हूँ। कॉलेज अपनी सहेलियों को और लड़कों को खूब गालियां देती हूँ। ------ कैसी गालियां देती हो ? --- तेरी माँ का भोसड़ा, साले, कुत्ते, तेरी बहन की बुर, भोसड़ी के, गांडू, मैं तेरी माँ चोद दूँगी, तेरी गांड में घुसेड़ दूँगी लण्ड, माँ का लौड़ा ---- देखो सामिया, औरत पर जवानी बहुत जल्दी चढ़ती है और बहुत जल्दी उतर भी जाती है। १८ से ५० साल तक वह मस्त जवान रहती है और बड़े बड़े लण्ड अपनी चूत में पेल कर मज़ा लूटती है। उसके बाद उसकी जवानी ढलने लगती है और बुर ढीली पड़ जाती है। लेकिन मर्दों पर जवानी थोड़ी देर से चढ़ती है और बहुत दूर तक जाती है। मर्द भोसड़ी का ७०/८० साल में भी अपना लौड़ा खड़ा करके बुर चोदता रहता है। अब तुम यह बताओ की तुम्हे लौड़ा पकड़ने में और लौड़ा चूसने में दिक्कत क्या है ? ---- कुछ नहीं आंटी पर किस भोसड़ी वाले का लौड़ा पकडूँ ? किस मादर चोद का लौड़ा चूसूँ ? किस बेटी चोद का लौड़ा पियूं आंटी ? ---अच्छा तो यह है तेरी दिक्कत ? अब मैं समझ गयी।
एक दिन शबाना आंटी मुझे एक आदमी के घर ले गयीं। उस आदमी से जब मैं मिली तो बहुत खुश हो गयी क्योंकि वह एक नौजवान था हैंडसम और समार्ट था। इतने में एक और लड़का आ गया। आंटी बोली देखो। सामिया यह है रहीम और यह है करीम। दोनों मेरे करीबी हैं। मुझे दोनों बहुत अच्छे लगे। मैं मुस्कराने लगी। कमरे में मुझे बाथ रूम दिखाई पड़ा तो मैं बाथ रूम में चली गयी। मैं जब वापस आई तो देखा की आंटी बिलकुल नंगी सोफे पर बैठी थी। उसके दोनों तरफ रहीम और करीम बैठे है और वो दोनों भी नंगे हैं। मेरी नज़र दोनों लंडपर पड़ी तो मेरी चूत में आग लग गयी। आंटी बोली सामिया देख इसे कहते हैं लण्ड ? ले पकड़ और मज़ा कर लेकिन पहले अपने सारे कपड़े उतार ले। सामने अगर लण्ड नंगा हो तो लड़की को भी नंगी हो जाना चाहिए। नंगी होकर लण्ड चूसोगी तो लण्ड और सख्त होकर मज़ा देगा। मैं जब नंगी हुई तो वो दोनों मुझे एकटक देखने लगे। मैं भी मस्ती से दोनों लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी।
उस दिन आंटी ने मुझे लण्ड पकड़ना सिखाया, लण्ड चाटना और चूसना सिखाया। फिर धीरे से लण्ड मेरी चूत में पेल कर चुदवाना सिखाया। मैं उसी दिन मस्त भी हो गयी और बेशरम भी। आंटी ने कहा सामिया अब तू अपनी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेलेगी ? माँ चुदायेगी तू अपनी भोसड़ी की सामिया ? मैं चुप रही कुछ बोली नहीं। तब आंटी में मुझे अपने मोबाइल पर एक वीडियो दिखाया। जिसमे मेरी अम्मी जुबैदा यही दोनों लण्ड चाट रही हैं। मैं अपनी अम्मी को पहली बार वीडियो में नंगी देखा। अम्मी के साथ शबाना आंटी भी थी। वह भी अम्मी के साथ चुदवा रही थीं। अम्मी ने कहा हाय शबाना यार मेरी बेटी को भी अपनी माँ चुदाना सिखा दो। उसके बड़े प्यारे प्यारे दोस्त आतें हैं मैं उनसे चुदवाना चाहती हूँ। अब अम्मी की पोल मेरे सामने खुल गयी थी । मैंने कहा हाय आंटी अम्मी ने यह बात मुझसे क्यों नहीं बताई ? आंटी ने कहा वह तुमसे शर्माती है सामिया। मैंने कहा शर्म की ऐसी की तैसी ? अब मैं नहीं शर्माऊंगी और न अम्मी को शर्माने दूँगी। मैं आज ही अपंनी माँ का भोसड़ा चुदवाऊँगी। और चुदवाऊँगी उसकी बिटिया की बुर ?
मैंने फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा और उसी रात को मैंने माँ चुदाने का मज़ा लिया। इसलिए साइमा मैं तेरी अम्मी का शुक्रिया अदा करती हूँ की उसने मुझे जवानी का मज़ा लेना सिखा दिया।
एक दिन जब मैं घर आई तो देखा की कमरे में दो आदमी बैठे हैं। उनके पास मेरी अम्मी शबाना और भाभी हुमा भी बैठी हुईं हैं। अम्मी ने मुझे देखते ही कहा आ गयी तू साइमा अपनी माँ चुदा के ? देखो ये है भोसड़ी का हबीब और ये मादर चोद शमीम। ये दोनों मेरे दोस्त है आज मुझसे मिलने आये हैं। तू जा अपने कपड़े बदल कर आ जा। मैं जब वापस एक मैक्सी पहन कर आई तो देखा की अम्मी हबीब के पैजामे के अंदर हाथ डाल कर उसका लौड़ा हिला रहीं हैं। वहीँ दूसरी तरफ हुमा भाभी भी शमीम के पैजामे में हाथ डाले हुए है और उसका लौड़ा सहला रही है। यह देख कर मेरी झांटें सुलगने लगीं क्योंकि मेरे लिए तो कोई लौड़ा है नहीं। मैंने मन में कहा ये दोनों भोसड़ी वाली मज़ा कर रही है और मेरी झांटें सुलग रहीं हैं।
फिर अचानक एक आदमी बगल के कमरे से निकला उसे देख कर मैंने कहा अरे ससुर जी तुम ? तुम यहाँ कैसे बिना बताये,,,,,, ? तब तक अम्मी बोली हां बेटी ये तेरा ससुर मेरे रिश्ते में देवर लगता है। मैंने कहा हां मैं जानती हूँ अम्मी। ये तो रफ़ी है अंकल है जो बाद में मेरा ससुर बन गया। मैं तो इससे खूब हंसी मजाक किया करती थी। इसे गालियां भी देती थी। इसकी माँ बहन चोदा करती थी मैं । लेकिन जबसे ये मेरा ससुर बन गया तबसे मैं थोड़ा चुप हो गयी। अम्मी बोली तो अभी क्या हुआ ? अभी भी चोद सकती हो तुम इसकी माँ बहन, साइमा ? और सुन कल मेरी इससे बात हो रही थी। इसने आने के लिए कहा तो मैंने कहा की अकेले मत आना। अपने साथ अपने दोस्तों को भी लेते आना तो यह अपने साथ हबीब और शमीम दो दोस्त लेकर आ गया। ये दोनों मेरे दोस्त नहीं है साइमा, ये तेरे ससुर के दोस्त है।
मेरी भाभी हुमा यह सब सुनकर मुस्कारने लगी।
भाभी बोली मेरी नन्द रानी तूने कभी इसके पहले अपने ससुर का लौड़ा पकड़ा है ? मैंने कहा नहीं भाभी कभी नहीं पकड़ा। वह बोली तू देर क्यों कर रहीं है ? घुसेड़ दे न अपना हाथ इसके पैजामे में और पकड़ ले लण्ड। तेरी चूत गरम है और लण्ड तेरे सामने है तो फिर देर किस बात की ? तेरी चूत में आग है की नहीं ? बस मैं भी जोश में गयी और अपना हाथ एक ही झटके में उसके पैजामे में घुसेड़ दिया। मैं बड़ी बेशर्मी से उसका लौड़ा अंदर ही अंदर पकड़ लिया। मैंने कहा अरे लौड़ा तो साला तो पहले से ही खड़ा है, भाभी । तब भाभी ने कहा इसका मतलब है नन्द रानी की तेरा ससुर तुझे चोदने के मूड में है। अब तू इसी बात का फायदा उठा ले। तब तक अम्मी ने हबीब का लौड़ा बाहर निकाल लिया और उधर भाभी ने शमीम का लौड़ा। मैं दोनों लण्ड देख कर मस्त हो गयी। मैंने भी ससुर का लौड़ा बाहर निकाला और उसे प्यार से हिलाने लगी।
भाभी ने मुड़ कर मेरी मैक्सी खोल कर फेंक दी तो मैं सबके सामने बिलकुल नंगी हो गयी। मैंने भी भाभी का गाउन निकाल दिया तो वह भी नंगी हो आ गयी। भाभी ने फिर अम्मी के कपड़े खींच कर उसे भी नंगी कर दिया। अब हम तीनो नंगी नंगी लण्ड चूसने लगीं।
भाभी बोली :- साइमा, तू तो अपनी भाभी की बुर चुदवायेगी आज।
मैंने कहा :- और तू भी तो अपनी नन्द की बुर चुदवायेगी, भाभी।
अम्मी ने कहा :- हाय अल्ला, साइमा तू तो अपनी माँ का भोसड़ा चुदवायेगी आज.
भाभी बोली :- और सासू जी, आज तू भी अपनी बहू की बुर चुदवाने में कोई कसर नहीं उठा रखेगी।
अम्मी ने कहा :- हाय दईया मैं जानती हूँ बहू, की आज तू अपनी सास के भोसड़ा में पेलेगी लण्ड।
मैंने कहा :- वाओ, आज तो तू अपनी बिटिया की बुर चुदवायेगी हरामजादी अम्मी।
बस इसी तरह की गन्दी गन्दी बाते करती हुई और गन्दी गन्दी एक दूसरे को गालियां देती हुई हम तीनो ने एक दूसरे की चूत में लण्ड पेल पेल कर खूब चोदा भी और चुदवाया भी।
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