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मैं अपनी बीवी कभी नहीं चोदता - Dusre ki biwi ki chudai ka maza
मैं अपनी बीवी कभी नहीं चोदता - Dusre ki biwi ki chudai ka maza , Dusre ki biwi ki chut chodne ka mauka mile to maja aa jaata hai. Aur jab uska husband hi chudwana chahe biwi ko fir kahna hi kya.
सास ने कहा - बहू, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? बेटी, तेरी भाभी की सास की बुर ?
बहू ने कहा - सासू, तेरी बेटी की भाभी की बुर ? नन्द रानी, तेरी माँ की बहू की चूत ?
नन्द ने कहा - अम्मी, तेरी बहू की नन्द की चूत ? भाभी, तेरी सास की बिटिया की बुर ?
दोस्तों, ये सब प्यार की गालियां हैं जो सास बहू और बेटी के बीच होती रहतीं हैं। अगर आप इन्हे ध्यान से पढ़े तो समझ में आएगा की ये सब अपनी ही चूत को गाली दे रहीं है। इसी में मज़ा है। इन गालियों को दूसरों की चूत के लिए भी कहा जा सकता है। लण्ड गांड बुर सबके लिए कहाँ जा सकता है। इस तरह की गालियां घुमा फिरा कर देने से नजदीकियां बढ़तीं हैं, मस्तियाँ बढ़तीं है और फिर मिलकर सेक्स करने में अपार आनंद आता है।
अरी कहाँ गयी तू माँ की लौड़ी साजिया बहू ? देख यहाँ कैसे तेरी सास का भोसड़ा साला लण्ड पे लण्ड खाता चला जा रहा है। अभी तेरा अब्बू आया था और तेरी सास का भोसड़ा चोद कर गया है और अब तेरा मामू आ गया है मादर चोद । उसने भी अपना लण्ड निकाल कर उसके भोसड़ा में पेल दिया है। तेरा अब्बू ही उसे बता गया की यार जा और साजिया की सास के भोसड़ा में लण्ड पेल दे। उसका भोसड़ा बिलकुल मक्खन मलाई जैसा है और वह हरामजादी चुदवाती भी बड़े मजे से है। मैं अभी अभी उसे चोद कर आ रहा हूँ। आज रात को मैं तेरी बीवी की बुर चोदूंगा
साजिया बोली हाय दईया तूने मेरे अब्बू से चुदवाया और अब मेरे मामू से चुदवा रही है। तू भोसड़ी की बिलकुल रंडी की तरह चुदवाती है। मगर, तेरी बहू भी बुर चोदी कम नहीं है। उसने अपनी बुर पहले तेरे बहनोई से चुदवाया । पूरा लण्ड अपनी चूत में पेल कर भकाभक चुदवाया भोसड़ी वाली ने। वह चोद कर गया तो फिर उसने तेरे देवर का लण्ड पकड़ लिया। और हां मेरी बहन चोद सासू जी सुन ? अब उसने तेरे देवर का लण्ड अपनी मेरी चूत मे घुसा लिया है । देखो न वह कैसे कुत्ते की तरह चोद रहा है मेरी बुर ? अपने चचिया ससुर के लण्ड का मज़ा ले रही है वो और कह रही है की आज मैं भी इसके लण्ड की धज्जियाँ उड़ाऊंगी।
मैंने कहा :- अरे सासू जी यह तो बता की मेरी नन्द क्या कर रही है ?
सास बोली :- अपनी माँ चुदा रही होगी कहीं तेरी बुर चोदी तेरी नन्द, बहू।
तब तक एक आवाज़ आई माँ नहीं चुदा रही है अपनी ? वह तो भोसड़ी की अपनी बुर चुदा रही है अम्मी तेरी बहू की नन्द ? मैंने कहा था न की अम्मी तेरी बेटी, सना बड़ी आवारा हो गयी है। लण्ड देख कर सारी दुनिया भूल जाती है तेरी बेटी, अम्मी। वह तो लण्ड पहले अपने मुंह में लेती है फिर अपनी बुर में लेती है। अभी तेरी बहू के भाई से चुदवा कर निकली है ससुरी और अब कमाल अंकल का लण्ड चूस रही है माँ की लौड़ी तेरी बेटी ? तेरी बेटी चुदवाने में न तेरे से कम है और न तेरी बहू से ? एक ही कमरे में मैं, मेरी सास और मेरी नन्द भकाभक चुदवा रही हैं। न किसी को कोई शर्म है न कोई लिहाज़। मस्ती है तो बस चुदाई। हम तीनो चुदवाती हूँ दूसरे की चुदाई का मज़ा भी ले रहीं हैं।
मैं अपनी सास का भोसड़ा और नन्द की बुर रही हूँ । मेरी नन्द अपनी भाभी की बुर और अपनी माँ का भोसड़ा चुदा रही है. मेरी सास एक तरफ अपनी बहू की बुर चुदा रही है और दूसरी तरह अपनी बिटिया की बुर भी चुदा रही है। हम तीनो चुदाई के समंदर में गोता लगा रहीं है और भरपूर मस्ती कर रही हैं। थोड़ी देर में मेरी बुर चोदने वाले ने अपना लण्ड मेरी नन्द की बुर में घुसेड़ दिया। नन्द की बुर चोदने वाला अब सास की चूत में लण्ड पेल कर चोदने लगा है और सास का भोसड़ा चोदने वाले ने अपना लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया है। मैं भी धकाधक चुदवाने लगी हूँ। हम तीनो ने लण्ड बदल गये तो मस्ती साली और बढ़ गयी है।
इस तरह मेरा चचिया ससुर मेरी नन्द की बुर ले रहा था। यानी वह मादर चोद अपने भाई जान की बेटी चोद रहा है। ये जवानी का जोश ऐसा ही होता है। मैं अपने मामू से चुदवाने लगी हूँ। इसका भोसड़ी का लण्ड मुझे बहुत पसंद है। मोटा है न और मोटा लण्ड जब चारों से चिपक कर चूत में घुसता है तो बड़ा मज़ा आता है। मैं तो शादी के पहले से ही इस भोसड़ी वाले से चुदवा रही हूँ। मेरी सास के भोसड़ा में कमाल अंकल का लौड़ा घुसा है। वह मादर चोद मेरी सास का भोसड़ा कई वर्षों से चोद रहा है। आज खुल्लम खुल्ला उसका भोसड़ा उसकी बेटी और उसकी बहू के सामने चोदने में जुटा है। मेरी सास ने बताया था की कमाल बहन चोद अपनी बेटी अपने दोस्तों से चुदवाता है। अपनी बीवी और अपनी बहू की चूत में भी अपने दोस्तों के लण्ड पेलवाता है। मेरा ससुर भी हरामजादा इसकी बीवी, इसकी बहू और इसकी बेटी चोदता है। मैंने मन में कहा आज पहली बार इतना मस्त मज़ा आ रहा है हम तीनो को ?
थोड़ी देर के लिए हम सब चुप हो गए और गचागच चुदाई में व्यस्त हो गये। सारे के सारे मरद अपना अपना लण्ड पिस्टन की तरह अंदर बाहर कर रहे थे। बीच बीच में स्पीड बढ़ा बढ़ा कर चोद रहे थे। ऐसा अलग रहां था की इन लोगों ने पहले कभी इतनी अच्छी बुर चोदी ही नहीं है। उसके बाद मामू ने कहा यार साजिया अब मैं झड़ जाऊंगा और उसके लण्ड ने निकाल दिया माल मेरी चूत पर और मेरी चूंचियों पर। मैं फिर उसका लण्ड चाटने लगी। उधर मैंने देखा की मेरी सास भी झड़ता हुआ लण्ड चाट रही है और नन्द भी भोसड़ी वाली जबान निकाल कुतिया की लण्ड चाट रही है। फिर हम सबने नंगे नंगे ही खाना खाया और थोड़ी देर तक खूब गन्दी गन्दी बातें की और मज़ा लिया।
दूसरी पारी में मैंने कहा भोसड़ी के कमाल अंकल अब तुम मेरी बुर चाटो। वह मेरी चूत में अपनी जबान घुसेड़ कर मेरी बुर चाटने लगा। नन्द ने मेरे मामू का लौड़ा अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगी। उधर मेरी सास अपने देवर का लण्ड चाटने लगी। उसका सुपाड़ा जबान निकाल कर चाटने लगी। उसके पेल्हड़ चाटने लगी। इस बार चुदाई का मज़ा कुछ बदल गया था क्यों की लण्ड बदल गए थे। इस तरह हम सबने रात भर लण्ड अदल बदल कर चूत अदल बदल कर एक यादगार चोदा चोदी की।
एक धमाकेदार "लण्ड - पार्टी"
एक दिन हम तीनो बैठ कर फिर हंसी मजाक करने लगी और साथ व्हिस्की भी पीने लगी। मेरी नन्द बोली - अम्मी तेरी की बिटिया की बुर ? साली बिलकुल कुतिया की तरह चुदवाती है तेरी बेटी ? मेरी सास ने जबाब दिया - हां सना बेटी तेरी माँ का भोसड़ा बहन चोद ? इतना हरामी भोसड़ा बहुत मुश्किल से मिलता है बेटी जो खुले आम लौड़ा घुसेड़ ले ? तब तक मैंने कहा सासू जी तेरी बहू की चूत मादर चोद बड़ी छिनार हो गयी है। जहाँ लण्ड देखती है उसे फ़ौरन घुसेड़ लेती है अपने अंदर ? सना फिर बोली अरे भाभी तेरी बुर चोदी नन्द की बुर खुले आम घूमती है। लण्ड की बड़ी दीवानी हो गयी है तेरी नन्द की बुर ? मैंने कहा सना तू शायद अपनी भाभी की चूत नहीं जानती ? बड़े बड़े लण्ड खा जाती है तेरी भाभी की चूत नन्द रानी ? तब तक सास बोली हाय दईया बहू रानी अपनी सास का भोसड़ा तो देखो ? लोग आतें है और अपना अपना लण्ड घुसेड़ कर चोदते रहतें है तेरी सास को पता ही नहीं चलता कौन कौन भोसड़ी वाला आया और चोद गया उसे ?
तब तक मेरी नन्द ने कहा अरे मेरी बुर चोदी साजिया भाभी क्यों न हम सब मिलकर घर में ही एक 'लण्ड पार्टी' करें ? सास ने भी कहा यह बात तो सही है। मस्ती करनी है तो फिर ठीक से की जाये ? मैंने कहा मैं भी सहमत हूँ लेकिन एक बात है की इस पार्टी में न घर के कोई लण्ड होंगें और न रिश्तेदारों के लण्ड ? नन्द ने कहा अरे भाभी घर के लण्ड की माँ की चूत और नाते रिश्तेदारों के लण्ड की माँ का भोसड़ा ? इस पार्टी में तो ऐसे लण्ड लाऊंगी जिन्हे हम में से किसी ने पहले न देखा होगा और न पकड़ा होगा ? एकदम नए ताज़े लण्ड ? मैंने कहा हां मैं भी ऐसे लण्ड खोज लूंगी और तब सास ने कहा मैं भी पीछे नहीं रहूंगी। फिर हमने प्लान बनाया की आने वाले शनिवार को हो जाये एक धमाके दार "लण्ड पार्टी" .
शनिवार को शाम को मैंने अपने दो लोग लेकर आ गयी। मैंने उन्हें सब लोगों से मिलवाया। मैंने कहा सासू ये है मेरी सहेली का शौहर ज़नाब फज़ल और यह है इसका दोस्त ज़नाब हसन। तब तक नन्द के भी दो लड़के आ गए। वह बोली यह है भोसड़ी का रफ़ी और यह है मादर चोद सफी। ये दोनों साले आपस में दोस्त हैं और एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। तब तक सास भी आ गयी और उसके पीछे दो मद मस्त आदमी। सास बोली ये है मेरी सहेली का यार माँ का लौड़ा आसिफ और यह है बहन का लण्ड कासिम। दोनों अलग अलग हैं मगर आज दोनों दोस्त हो जायेगें भोसड़ी वाले। नन्द बोली हाय अम्मी पहले थोड़ा दारू सारू हो जाये फिर पार्टी का मज़ा आएगा। बस हम लोग सब मिलकर दारू पीने लगीं। आग तो हम सबकी चूत में लगी थी और हम सब मस्ती के मूड में आ गयीं। इसी के साथ हंसी मजाक गन्दी गन्दी बातें और गाली गलौज भी होने लगी।
मैंने कहा :- भोसड़ी के रफ़ी और सफी तुम लोग एक दूसरे की बीवी चोदते हो तो तुम्हारी बहन चोद बीवियां ऐतराज़ नहीं करतीं ?
वह बोला :- ऐतराज़ की कौन कहे वो तो खुद करतीं है की मुझे अपने दोस्तों से चुदवाओ। जब भी मेरा कोई दोस्त मेरे घर आता है तो उसका लण्ड पहले पकड़ लेती है मेरी बीवी। इसीलिए मैंने बीवियों की अदला बदली करना और उन्हें चोदना शुरू किया। यही हाल सफी की बीवी का भी था ।अब तो हम लोग अदला बदली कई जोड़ों के साथ करते हैं।
नन्द बोली :- इसका मतलब तुम लोगों को दूसरे की बीवियां चोदने मे ज्यादा मज़ा आता है।
वह बोला :- हां यह बात तो है। अब तो मुझे दूसरे की बीवियां ही चोदने का मन होता है। मैं अपनी बीवी कभी नहीं चोदता हूँ । मेरे दोस्त चोदतें हैं मेरी बीवी। उसे भी मेरा लण्ड अच्छा नहीं लगता। वो पराये मर्दों के लण्ड ज्यादा पसंद करती है।
सफी बोला :- हां मेरी भी बीवी इसका लण्ड ज्यादा पसंद करती है। इसका लण्ड वह हमेशा या तो अपने मुंह में लेती है या फिर अपनी बुर में ?
तब तक मैं उठ कर खड़ी हुई और सबके सामने अपने कपड़े उतारने लगी। मेरी चूंचियां पहले खुली जिन्हे देख कर लोगों के लण्ड में सनसनी होने लगी। फिर मेरी नन्द उठी और उसने फटाफट अपने कपड़े खोले और चूंचियों के साथ अपनी चूत भी खोल कर रख दिया । उसे पूरी नंगी देखकर मर्दों के लण्ड में जबरदस्त करंट लग गया। मेरी नन्द बुर चोदी बड़ी खूबसूरत है और खूबसूरत है उसका पूरा बदन। मैं अगर लकड़ा होती तो मैं अपना लण्ड उसकी चूत में रोज़ सुबह शाम घुसेड़ती और भकाभक उसे चोदती ? इसी तरह मेरी हरामजादी सास उठी और उसने भी अपने सारे कपड़े खोले। उसका भोसड़ा सबकी आँखों के सामने आ गया। भोसड़ा साला वाकई बड़ा सेक्सी जवान था। लगता नहीं था की यह किसी औरत का भोसड़ा है। लग रहा था की किसी २२/२३ साल की जवान लड़की की चूत है।
उधर मैंने अपना हाथ फज़ल और हसन के लण्ड पर जमा दिया। मैं दोनों लण्ड टटोलने लगी और वो दोनों मेरी चूचियाँ मसलने लगे। मैंने तभी जल्दी से दोनों को नंगा किया और उनके लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। लण्ड टन टना कर खड़े हो गए। मेरे सामने ही मेरी नन्द अपने दोस्तों के लण्ड खोल कर निकालने लगी। पहले खुला रफ़ी का लौड़ा और फिर सफी का लौड़ा। मैं तो दोनों लण्ड देख कर मस्त हो गयी। नन्द भी लण्ड देख कर खुश हो गयी क्योंकि वह भी पहली बार ही दोनों लण्ड देख रही थी। उसने ताबड़तोड़ दोनों लण्ड की कई बार चुम्मी ली और सहलाया। दोनों लण्ड फंफनाकर खड़े हो गए। तब तक सास भी आसिफ और कासिम के लण्ड खोल कर सबके सामने आ गयीं। दोनों भोसड़ी के नंगे हो गए और उनके लण्ड पकड़ कर हिलाने लगीं। अब हमारे सामने ६ लण्ड टन टना रहे थे और हम लोग सभी लौड़ों को बड़े गौर से देख रही थीं। हम सबकी चूत तो बहन चोद लण्ड देख कर भठ्ठी की तरह जल उठी। हम तीनो अपने अपने दोस्तों के लण्ड चूसने लगीं। मस्ती बढ़ने लगी और मज़ा आने लगा।
तब तक नन्द बोली :- भाभी, सबसे पहले मैं बुर चोदी अम्मी की चूत में लण्ड पेलूँगी। पहले मैं चुदवाऊँगी अपनी माँ का भोसड़ा बहन चोद। ऐसा कह कर उसने रफ़ी का लण्ड सास के भोसड़ा में घुसा दिया।
सास बोली :- तो फिर मैं अपनी बहू की बुर में पेलूँगी लण्ड। उसने आसिफ का लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। लण्ड साला बड़ा मोटा था लेकिन मेरी चूत ने उसे गप्प से अपने अंदर घुसेड़ दलिए।
मैंने कहा :- ले भोसड़ी की सना, मेरी बुर चोदी नन्द मैं तेरी बुर में पेल रही हूँ फ़ज़ल का लण्ड।
सना फज़ल से चुदवाने लगी, मैं आसिफ से चुदवाने लगी और मेरी सास रफ़ी से चुदवाने लगी। तीनो चूत गचागच चुदने लगीं। तब तक हसन ने अपना लण्ड सास के मुंह में घुसेड़ दिया। कासिम ने अपना लण्ड मेरी नन्द के मुंह में पेला और मैं सफी का लण्ड पकड़ कर अपने मुंह में डाल लिया। हम सबके एक लण्ड मुंह में और एक लण्ड बुर में घुस गया।
हमारी मस्ती का ठिकाना न था। हम तीनो रंडी से भी बदत्तर तरीके से चुदवाने लगी। रंडी भी अगर हमें देखे तो वह भी बुर चोदी शर्मा जाएगी। वह भी भोसड़ी की इतनी बेशर्म नहीं होगी जितनी बेशरम हम तीनो हो गयीं थीं।
नन्द बोली :- बुर चोदी अम्मी मज़ा आ रहा है न मेरे दोस्तों से चुदवाने में ?
उसकी अम्मी यानी मेरी सास बोली :- माँ की लौड़ी सना भोसड़ी तू भी तो मेरे दोस्तों से चुदवा रही है। साली कुतिया की तरह चुदवाती है तू और तेरी माँ ? तेरी माँ का भोसड़ा सना ?
नन्द में जबाब दिया :- और तू भी तो अपनी बिटिया की बुर चुदवा रही है हरामजादी। अम्मी, तेरी बिटिया की बुर। तेरे से ज्यादा बेशर्म तो कोई रंडी भी नहीं होगी ? कुछ भी हो, लेकिन बड़ा मज़ा आ रहा है यार ? फज़ल भोसड़ी के पूरा लौड़ा घुसेड़ कर चोदो मुझे, मेरी बुर चोदो, मेरी चूत चोदो प्यारे ? अभी तो तुम्हे मेरी माँ का भोसड़ा चोदना है साले ? और तुझे अभी मेरी भाभी की बुर भी लेना है।
मैंने कहा :- आसिफ यार तेरा लौड़ा बड़ा मोटा है। मुझे तो खूब मज़ा आ रहा है तुमसे चुदवाने में ? नन्द रानी देख भोसड़ी ऐसे चुदवाई जाती है बुर जैसे मैं चुदवा रही हूँ। तेरी माँ की चूत साली तू भी कम नहीं चुदवाने में ? और तेरी माँ तो भोसड़ी की बड़ी चुदक्कड़ है। अपना भोसड़ा चुदवाती है, अपनी बेटी और बहू की बुर चुदवाती हैं। हम तीनो इसी तरह की गालियां बक बक चुदवाने माँ मज़ा लूट रही थीं।
फिर हम सब लण्ड अदल बदल कर चुदवाने लगीं। मुंह का लण्ड बुर में और बुर का लण्ड मुंह में ? मेरी बुर का लण्ड नन्द के मुंह में, नन्द की बुर का लण्ड सास की बुर में, सास की के मुंह का लण्ड मेरी बुर में, मेरे मुंह का लण्ड नन्द की बुर में घुसता रहा।
इतनी मस्तानी चुदाई पहले हमने कभी नहीं की।
अचानक डोर बेल बज उठी . मैंने कहा अब कौन भोसड़ी वाला आ गया है। मैंने एक शाल ओढ़ ली और दरवाजा खोलने चली गयी। दरवाजा खोलते ही मैंने देखा की मेरी ज़रीना खाला खड़ी हैं और उसके साथ दो मस्त जवान लड़के। मैंने उसे फ़ौरन अंदर बिठाया।
मेरी नन्द बोली :- अरे बुर चोदी भाभी तेरी खाला का भोसड़ा तो बड़ा मस्त है लाओ मैं इसमें पहले एक लौड़ा पेल देती हूँ। बड़ा मज़ा आएगा तेरी खाला का भोसड़ा चुदवाने में ?
मेरी सास बोली :- हाय बहू तेरी खाला का भोसड़ा तो लाजबाब है। पहले इसका भोसड़ा चोदो और फिर मैं तो कहती हूँ की इसकी गांड में घुसेड़ दो एक लण्ड ?
तब तक खाला बोली ;- अरे मैं पहले तेरी गांड में घुसेड़ूँगी अपने देवर शमी का लण्ड ?
इसी तरह की बातें कर कर के हम सब एक दूसरे की चूत में. बुर में, गांड में लण्ड घुसेड़ घुसेड़ कर चुदवाने लगीं।
=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त
बहू ने कहा - सासू, तेरी बेटी की भाभी की बुर ? नन्द रानी, तेरी माँ की बहू की चूत ?
नन्द ने कहा - अम्मी, तेरी बहू की नन्द की चूत ? भाभी, तेरी सास की बिटिया की बुर ?
दोस्तों, ये सब प्यार की गालियां हैं जो सास बहू और बेटी के बीच होती रहतीं हैं। अगर आप इन्हे ध्यान से पढ़े तो समझ में आएगा की ये सब अपनी ही चूत को गाली दे रहीं है। इसी में मज़ा है। इन गालियों को दूसरों की चूत के लिए भी कहा जा सकता है। लण्ड गांड बुर सबके लिए कहाँ जा सकता है। इस तरह की गालियां घुमा फिरा कर देने से नजदीकियां बढ़तीं हैं, मस्तियाँ बढ़तीं है और फिर मिलकर सेक्स करने में अपार आनंद आता है।
अरी कहाँ गयी तू माँ की लौड़ी साजिया बहू ? देख यहाँ कैसे तेरी सास का भोसड़ा साला लण्ड पे लण्ड खाता चला जा रहा है। अभी तेरा अब्बू आया था और तेरी सास का भोसड़ा चोद कर गया है और अब तेरा मामू आ गया है मादर चोद । उसने भी अपना लण्ड निकाल कर उसके भोसड़ा में पेल दिया है। तेरा अब्बू ही उसे बता गया की यार जा और साजिया की सास के भोसड़ा में लण्ड पेल दे। उसका भोसड़ा बिलकुल मक्खन मलाई जैसा है और वह हरामजादी चुदवाती भी बड़े मजे से है। मैं अभी अभी उसे चोद कर आ रहा हूँ। आज रात को मैं तेरी बीवी की बुर चोदूंगा
साजिया बोली हाय दईया तूने मेरे अब्बू से चुदवाया और अब मेरे मामू से चुदवा रही है। तू भोसड़ी की बिलकुल रंडी की तरह चुदवाती है। मगर, तेरी बहू भी बुर चोदी कम नहीं है। उसने अपनी बुर पहले तेरे बहनोई से चुदवाया । पूरा लण्ड अपनी चूत में पेल कर भकाभक चुदवाया भोसड़ी वाली ने। वह चोद कर गया तो फिर उसने तेरे देवर का लण्ड पकड़ लिया। और हां मेरी बहन चोद सासू जी सुन ? अब उसने तेरे देवर का लण्ड अपनी मेरी चूत मे घुसा लिया है । देखो न वह कैसे कुत्ते की तरह चोद रहा है मेरी बुर ? अपने चचिया ससुर के लण्ड का मज़ा ले रही है वो और कह रही है की आज मैं भी इसके लण्ड की धज्जियाँ उड़ाऊंगी।
मैंने कहा :- अरे सासू जी यह तो बता की मेरी नन्द क्या कर रही है ?
सास बोली :- अपनी माँ चुदा रही होगी कहीं तेरी बुर चोदी तेरी नन्द, बहू।
तब तक एक आवाज़ आई माँ नहीं चुदा रही है अपनी ? वह तो भोसड़ी की अपनी बुर चुदा रही है अम्मी तेरी बहू की नन्द ? मैंने कहा था न की अम्मी तेरी बेटी, सना बड़ी आवारा हो गयी है। लण्ड देख कर सारी दुनिया भूल जाती है तेरी बेटी, अम्मी। वह तो लण्ड पहले अपने मुंह में लेती है फिर अपनी बुर में लेती है। अभी तेरी बहू के भाई से चुदवा कर निकली है ससुरी और अब कमाल अंकल का लण्ड चूस रही है माँ की लौड़ी तेरी बेटी ? तेरी बेटी चुदवाने में न तेरे से कम है और न तेरी बहू से ? एक ही कमरे में मैं, मेरी सास और मेरी नन्द भकाभक चुदवा रही हैं। न किसी को कोई शर्म है न कोई लिहाज़। मस्ती है तो बस चुदाई। हम तीनो चुदवाती हूँ दूसरे की चुदाई का मज़ा भी ले रहीं हैं।
मैं अपनी सास का भोसड़ा और नन्द की बुर रही हूँ । मेरी नन्द अपनी भाभी की बुर और अपनी माँ का भोसड़ा चुदा रही है. मेरी सास एक तरफ अपनी बहू की बुर चुदा रही है और दूसरी तरह अपनी बिटिया की बुर भी चुदा रही है। हम तीनो चुदाई के समंदर में गोता लगा रहीं है और भरपूर मस्ती कर रही हैं। थोड़ी देर में मेरी बुर चोदने वाले ने अपना लण्ड मेरी नन्द की बुर में घुसेड़ दिया। नन्द की बुर चोदने वाला अब सास की चूत में लण्ड पेल कर चोदने लगा है और सास का भोसड़ा चोदने वाले ने अपना लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया है। मैं भी धकाधक चुदवाने लगी हूँ। हम तीनो ने लण्ड बदल गये तो मस्ती साली और बढ़ गयी है।
इस तरह मेरा चचिया ससुर मेरी नन्द की बुर ले रहा था। यानी वह मादर चोद अपने भाई जान की बेटी चोद रहा है। ये जवानी का जोश ऐसा ही होता है। मैं अपने मामू से चुदवाने लगी हूँ। इसका भोसड़ी का लण्ड मुझे बहुत पसंद है। मोटा है न और मोटा लण्ड जब चारों से चिपक कर चूत में घुसता है तो बड़ा मज़ा आता है। मैं तो शादी के पहले से ही इस भोसड़ी वाले से चुदवा रही हूँ। मेरी सास के भोसड़ा में कमाल अंकल का लौड़ा घुसा है। वह मादर चोद मेरी सास का भोसड़ा कई वर्षों से चोद रहा है। आज खुल्लम खुल्ला उसका भोसड़ा उसकी बेटी और उसकी बहू के सामने चोदने में जुटा है। मेरी सास ने बताया था की कमाल बहन चोद अपनी बेटी अपने दोस्तों से चुदवाता है। अपनी बीवी और अपनी बहू की चूत में भी अपने दोस्तों के लण्ड पेलवाता है। मेरा ससुर भी हरामजादा इसकी बीवी, इसकी बहू और इसकी बेटी चोदता है। मैंने मन में कहा आज पहली बार इतना मस्त मज़ा आ रहा है हम तीनो को ?
थोड़ी देर के लिए हम सब चुप हो गए और गचागच चुदाई में व्यस्त हो गये। सारे के सारे मरद अपना अपना लण्ड पिस्टन की तरह अंदर बाहर कर रहे थे। बीच बीच में स्पीड बढ़ा बढ़ा कर चोद रहे थे। ऐसा अलग रहां था की इन लोगों ने पहले कभी इतनी अच्छी बुर चोदी ही नहीं है। उसके बाद मामू ने कहा यार साजिया अब मैं झड़ जाऊंगा और उसके लण्ड ने निकाल दिया माल मेरी चूत पर और मेरी चूंचियों पर। मैं फिर उसका लण्ड चाटने लगी। उधर मैंने देखा की मेरी सास भी झड़ता हुआ लण्ड चाट रही है और नन्द भी भोसड़ी वाली जबान निकाल कुतिया की लण्ड चाट रही है। फिर हम सबने नंगे नंगे ही खाना खाया और थोड़ी देर तक खूब गन्दी गन्दी बातें की और मज़ा लिया।
दूसरी पारी में मैंने कहा भोसड़ी के कमाल अंकल अब तुम मेरी बुर चाटो। वह मेरी चूत में अपनी जबान घुसेड़ कर मेरी बुर चाटने लगा। नन्द ने मेरे मामू का लौड़ा अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगी। उधर मेरी सास अपने देवर का लण्ड चाटने लगी। उसका सुपाड़ा जबान निकाल कर चाटने लगी। उसके पेल्हड़ चाटने लगी। इस बार चुदाई का मज़ा कुछ बदल गया था क्यों की लण्ड बदल गए थे। इस तरह हम सबने रात भर लण्ड अदल बदल कर चूत अदल बदल कर एक यादगार चोदा चोदी की।
एक धमाकेदार "लण्ड - पार्टी"
एक दिन हम तीनो बैठ कर फिर हंसी मजाक करने लगी और साथ व्हिस्की भी पीने लगी। मेरी नन्द बोली - अम्मी तेरी की बिटिया की बुर ? साली बिलकुल कुतिया की तरह चुदवाती है तेरी बेटी ? मेरी सास ने जबाब दिया - हां सना बेटी तेरी माँ का भोसड़ा बहन चोद ? इतना हरामी भोसड़ा बहुत मुश्किल से मिलता है बेटी जो खुले आम लौड़ा घुसेड़ ले ? तब तक मैंने कहा सासू जी तेरी बहू की चूत मादर चोद बड़ी छिनार हो गयी है। जहाँ लण्ड देखती है उसे फ़ौरन घुसेड़ लेती है अपने अंदर ? सना फिर बोली अरे भाभी तेरी बुर चोदी नन्द की बुर खुले आम घूमती है। लण्ड की बड़ी दीवानी हो गयी है तेरी नन्द की बुर ? मैंने कहा सना तू शायद अपनी भाभी की चूत नहीं जानती ? बड़े बड़े लण्ड खा जाती है तेरी भाभी की चूत नन्द रानी ? तब तक सास बोली हाय दईया बहू रानी अपनी सास का भोसड़ा तो देखो ? लोग आतें है और अपना अपना लण्ड घुसेड़ कर चोदते रहतें है तेरी सास को पता ही नहीं चलता कौन कौन भोसड़ी वाला आया और चोद गया उसे ?
तब तक मेरी नन्द ने कहा अरे मेरी बुर चोदी साजिया भाभी क्यों न हम सब मिलकर घर में ही एक 'लण्ड पार्टी' करें ? सास ने भी कहा यह बात तो सही है। मस्ती करनी है तो फिर ठीक से की जाये ? मैंने कहा मैं भी सहमत हूँ लेकिन एक बात है की इस पार्टी में न घर के कोई लण्ड होंगें और न रिश्तेदारों के लण्ड ? नन्द ने कहा अरे भाभी घर के लण्ड की माँ की चूत और नाते रिश्तेदारों के लण्ड की माँ का भोसड़ा ? इस पार्टी में तो ऐसे लण्ड लाऊंगी जिन्हे हम में से किसी ने पहले न देखा होगा और न पकड़ा होगा ? एकदम नए ताज़े लण्ड ? मैंने कहा हां मैं भी ऐसे लण्ड खोज लूंगी और तब सास ने कहा मैं भी पीछे नहीं रहूंगी। फिर हमने प्लान बनाया की आने वाले शनिवार को हो जाये एक धमाके दार "लण्ड पार्टी" .
शनिवार को शाम को मैंने अपने दो लोग लेकर आ गयी। मैंने उन्हें सब लोगों से मिलवाया। मैंने कहा सासू ये है मेरी सहेली का शौहर ज़नाब फज़ल और यह है इसका दोस्त ज़नाब हसन। तब तक नन्द के भी दो लड़के आ गए। वह बोली यह है भोसड़ी का रफ़ी और यह है मादर चोद सफी। ये दोनों साले आपस में दोस्त हैं और एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। तब तक सास भी आ गयी और उसके पीछे दो मद मस्त आदमी। सास बोली ये है मेरी सहेली का यार माँ का लौड़ा आसिफ और यह है बहन का लण्ड कासिम। दोनों अलग अलग हैं मगर आज दोनों दोस्त हो जायेगें भोसड़ी वाले। नन्द बोली हाय अम्मी पहले थोड़ा दारू सारू हो जाये फिर पार्टी का मज़ा आएगा। बस हम लोग सब मिलकर दारू पीने लगीं। आग तो हम सबकी चूत में लगी थी और हम सब मस्ती के मूड में आ गयीं। इसी के साथ हंसी मजाक गन्दी गन्दी बातें और गाली गलौज भी होने लगी।
मैंने कहा :- भोसड़ी के रफ़ी और सफी तुम लोग एक दूसरे की बीवी चोदते हो तो तुम्हारी बहन चोद बीवियां ऐतराज़ नहीं करतीं ?
वह बोला :- ऐतराज़ की कौन कहे वो तो खुद करतीं है की मुझे अपने दोस्तों से चुदवाओ। जब भी मेरा कोई दोस्त मेरे घर आता है तो उसका लण्ड पहले पकड़ लेती है मेरी बीवी। इसीलिए मैंने बीवियों की अदला बदली करना और उन्हें चोदना शुरू किया। यही हाल सफी की बीवी का भी था ।अब तो हम लोग अदला बदली कई जोड़ों के साथ करते हैं।
नन्द बोली :- इसका मतलब तुम लोगों को दूसरे की बीवियां चोदने मे ज्यादा मज़ा आता है।
वह बोला :- हां यह बात तो है। अब तो मुझे दूसरे की बीवियां ही चोदने का मन होता है। मैं अपनी बीवी कभी नहीं चोदता हूँ । मेरे दोस्त चोदतें हैं मेरी बीवी। उसे भी मेरा लण्ड अच्छा नहीं लगता। वो पराये मर्दों के लण्ड ज्यादा पसंद करती है।
सफी बोला :- हां मेरी भी बीवी इसका लण्ड ज्यादा पसंद करती है। इसका लण्ड वह हमेशा या तो अपने मुंह में लेती है या फिर अपनी बुर में ?
तब तक मैं उठ कर खड़ी हुई और सबके सामने अपने कपड़े उतारने लगी। मेरी चूंचियां पहले खुली जिन्हे देख कर लोगों के लण्ड में सनसनी होने लगी। फिर मेरी नन्द उठी और उसने फटाफट अपने कपड़े खोले और चूंचियों के साथ अपनी चूत भी खोल कर रख दिया । उसे पूरी नंगी देखकर मर्दों के लण्ड में जबरदस्त करंट लग गया। मेरी नन्द बुर चोदी बड़ी खूबसूरत है और खूबसूरत है उसका पूरा बदन। मैं अगर लकड़ा होती तो मैं अपना लण्ड उसकी चूत में रोज़ सुबह शाम घुसेड़ती और भकाभक उसे चोदती ? इसी तरह मेरी हरामजादी सास उठी और उसने भी अपने सारे कपड़े खोले। उसका भोसड़ा सबकी आँखों के सामने आ गया। भोसड़ा साला वाकई बड़ा सेक्सी जवान था। लगता नहीं था की यह किसी औरत का भोसड़ा है। लग रहा था की किसी २२/२३ साल की जवान लड़की की चूत है।
उधर मैंने अपना हाथ फज़ल और हसन के लण्ड पर जमा दिया। मैं दोनों लण्ड टटोलने लगी और वो दोनों मेरी चूचियाँ मसलने लगे। मैंने तभी जल्दी से दोनों को नंगा किया और उनके लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। लण्ड टन टना कर खड़े हो गए। मेरे सामने ही मेरी नन्द अपने दोस्तों के लण्ड खोल कर निकालने लगी। पहले खुला रफ़ी का लौड़ा और फिर सफी का लौड़ा। मैं तो दोनों लण्ड देख कर मस्त हो गयी। नन्द भी लण्ड देख कर खुश हो गयी क्योंकि वह भी पहली बार ही दोनों लण्ड देख रही थी। उसने ताबड़तोड़ दोनों लण्ड की कई बार चुम्मी ली और सहलाया। दोनों लण्ड फंफनाकर खड़े हो गए। तब तक सास भी आसिफ और कासिम के लण्ड खोल कर सबके सामने आ गयीं। दोनों भोसड़ी के नंगे हो गए और उनके लण्ड पकड़ कर हिलाने लगीं। अब हमारे सामने ६ लण्ड टन टना रहे थे और हम लोग सभी लौड़ों को बड़े गौर से देख रही थीं। हम सबकी चूत तो बहन चोद लण्ड देख कर भठ्ठी की तरह जल उठी। हम तीनो अपने अपने दोस्तों के लण्ड चूसने लगीं। मस्ती बढ़ने लगी और मज़ा आने लगा।
तब तक नन्द बोली :- भाभी, सबसे पहले मैं बुर चोदी अम्मी की चूत में लण्ड पेलूँगी। पहले मैं चुदवाऊँगी अपनी माँ का भोसड़ा बहन चोद। ऐसा कह कर उसने रफ़ी का लण्ड सास के भोसड़ा में घुसा दिया।
सास बोली :- तो फिर मैं अपनी बहू की बुर में पेलूँगी लण्ड। उसने आसिफ का लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। लण्ड साला बड़ा मोटा था लेकिन मेरी चूत ने उसे गप्प से अपने अंदर घुसेड़ दलिए।
मैंने कहा :- ले भोसड़ी की सना, मेरी बुर चोदी नन्द मैं तेरी बुर में पेल रही हूँ फ़ज़ल का लण्ड।
सना फज़ल से चुदवाने लगी, मैं आसिफ से चुदवाने लगी और मेरी सास रफ़ी से चुदवाने लगी। तीनो चूत गचागच चुदने लगीं। तब तक हसन ने अपना लण्ड सास के मुंह में घुसेड़ दिया। कासिम ने अपना लण्ड मेरी नन्द के मुंह में पेला और मैं सफी का लण्ड पकड़ कर अपने मुंह में डाल लिया। हम सबके एक लण्ड मुंह में और एक लण्ड बुर में घुस गया।
हमारी मस्ती का ठिकाना न था। हम तीनो रंडी से भी बदत्तर तरीके से चुदवाने लगी। रंडी भी अगर हमें देखे तो वह भी बुर चोदी शर्मा जाएगी। वह भी भोसड़ी की इतनी बेशर्म नहीं होगी जितनी बेशरम हम तीनो हो गयीं थीं।
नन्द बोली :- बुर चोदी अम्मी मज़ा आ रहा है न मेरे दोस्तों से चुदवाने में ?
उसकी अम्मी यानी मेरी सास बोली :- माँ की लौड़ी सना भोसड़ी तू भी तो मेरे दोस्तों से चुदवा रही है। साली कुतिया की तरह चुदवाती है तू और तेरी माँ ? तेरी माँ का भोसड़ा सना ?
नन्द में जबाब दिया :- और तू भी तो अपनी बिटिया की बुर चुदवा रही है हरामजादी। अम्मी, तेरी बिटिया की बुर। तेरे से ज्यादा बेशर्म तो कोई रंडी भी नहीं होगी ? कुछ भी हो, लेकिन बड़ा मज़ा आ रहा है यार ? फज़ल भोसड़ी के पूरा लौड़ा घुसेड़ कर चोदो मुझे, मेरी बुर चोदो, मेरी चूत चोदो प्यारे ? अभी तो तुम्हे मेरी माँ का भोसड़ा चोदना है साले ? और तुझे अभी मेरी भाभी की बुर भी लेना है।
मैंने कहा :- आसिफ यार तेरा लौड़ा बड़ा मोटा है। मुझे तो खूब मज़ा आ रहा है तुमसे चुदवाने में ? नन्द रानी देख भोसड़ी ऐसे चुदवाई जाती है बुर जैसे मैं चुदवा रही हूँ। तेरी माँ की चूत साली तू भी कम नहीं चुदवाने में ? और तेरी माँ तो भोसड़ी की बड़ी चुदक्कड़ है। अपना भोसड़ा चुदवाती है, अपनी बेटी और बहू की बुर चुदवाती हैं। हम तीनो इसी तरह की गालियां बक बक चुदवाने माँ मज़ा लूट रही थीं।
फिर हम सब लण्ड अदल बदल कर चुदवाने लगीं। मुंह का लण्ड बुर में और बुर का लण्ड मुंह में ? मेरी बुर का लण्ड नन्द के मुंह में, नन्द की बुर का लण्ड सास की बुर में, सास की के मुंह का लण्ड मेरी बुर में, मेरे मुंह का लण्ड नन्द की बुर में घुसता रहा।
इतनी मस्तानी चुदाई पहले हमने कभी नहीं की।
अचानक डोर बेल बज उठी . मैंने कहा अब कौन भोसड़ी वाला आ गया है। मैंने एक शाल ओढ़ ली और दरवाजा खोलने चली गयी। दरवाजा खोलते ही मैंने देखा की मेरी ज़रीना खाला खड़ी हैं और उसके साथ दो मस्त जवान लड़के। मैंने उसे फ़ौरन अंदर बिठाया।
- मैं भी सिटकनी बंद करके बोली अरी तू भोसड़ी की खाला इस समय बिना बताये आ गयीं।
- वह बोली माँ की लौड़ी साजिया, अब मैं तेरे घर क्या पूंछ कर आऊँगी ? अरे यह तेरी ससुराल है। इस पर तेरा पूरा हक़ है इसलिए मेरा भी हक़ है।
- अच्छा अच्छा बोल कोई ख़ास काम तो नहीं है न ?
- ख़ास काम ही है यार ? मैंने सुना है की तू आज लण्ड पार्टी कर रही है ?
- हां यार सच ही सुना है तूने ?
- तो फिर तूने बुर चोदी साजिया मुझे बताया क्यों नहीं ? मैं क्या तुमसे कम हूँ चुदवाने में ? मैं क्या लौड़ा चूसने में तुमसे कम हूँ बहन चोद ?
- मैंने कहा अरे यार यह सब इन लोगों के सामने कह रही हो ? ये लोग क्या सोंचेगें ?
- अरे ये साले मादर चोद तेरी खाला की बुर चोदते हैं, साजिया। यह है आतिस और यह है बहन का लण्ड शमी। मैंने तो इनसे तेरी बुर चुदवाने आई हूँ।
- हाय रे तो फिर इतनी देर से गांड क्यों मरा रही है तू अपनी ज़रीना। चल न मेरे साथ और शामिल हो जा मेरी लण्ड पार्टी में। इन मादर चोदों के भी लौडें खोल ले ?
- लौड़े तुम खोलो इन सालों से साजिया और फिर इन्हे वहाँ ले चलो।
मेरी नन्द बोली :- अरे बुर चोदी भाभी तेरी खाला का भोसड़ा तो बड़ा मस्त है लाओ मैं इसमें पहले एक लौड़ा पेल देती हूँ। बड़ा मज़ा आएगा तेरी खाला का भोसड़ा चुदवाने में ?
मेरी सास बोली :- हाय बहू तेरी खाला का भोसड़ा तो लाजबाब है। पहले इसका भोसड़ा चोदो और फिर मैं तो कहती हूँ की इसकी गांड में घुसेड़ दो एक लण्ड ?
तब तक खाला बोली ;- अरे मैं पहले तेरी गांड में घुसेड़ूँगी अपने देवर शमी का लण्ड ?
इसी तरह की बातें कर कर के हम सब एक दूसरे की चूत में. बुर में, गांड में लण्ड घुसेड़ घुसेड़ कर चुदवाने लगीं।
=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त
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