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मैं अकेली हूँ मुझे चोदो अंकल चुदाई करो - Uncle mujhe chod kar meri chut faad do
मैं अकेली हूँ मुझे चोदो अंकल चुदाई करो - Uncle mujhe chod kar meri chut faad do.
मैं सच कह रही हूँ, अंकल । इस समय मेरे घर में कोई नहीं है। मैं अकेली हूँ। मैं नंगी हूँ। मुझे चोदो अंकल प्लीज, मुझे चोदो । मैं बहुत चुदासी हूँ। अंकल ने कहा अरे बेटी रिया तू मुझसे बहुत छोटी है। मेरी और तेरी उम्र में बाप बेटी का फरक है। तुम मुझसे कैसे चोदने के लिए कह रही हो ? मैंने कहा अंकल इससे कुछ नहीं होता। मेरी अम्मी कहती हैं की चुदाई का उम्र से कोई ताल्लुक नहीं है। उम्र अपनी जगह है और चुदाई अपनी जगह। उम्र चाहे जितनी बड़ी हो बस लण्ड मोटा और सख्त होना चाहिए। अम्मी यह भी कहती हैं की चुदवाने के लिए सिर्फ लण्ड पर ध्यान दो, लण्ड वाले की उम्र पर नहीं और उसके चेहरे पर भी नहीं। चूत को तो सिर्फ लण्ड चाहिए बेटी लण्ड ? लण्ड ही चोदता है बुर न उसकी उम्र चोदती है बुर और न उसका चेहरा ? मुझे पता चला है की तेरा लण्ड बहुत बड़ा भी है मोटा भी । इसलिए मैं तुमसे चुदवाने के लिए बेताब हो रही हूँ अंकल ? जिस मर्द का लौड़ा अच्छा हो उससे तो जरूर चुदवाना चाहिए ऐसा मेरी अम्मी कहतीं हैं। प्लीज जल्दी से मुझे अपना लौड़ा दिखाओ न अंकल और फिर चोदो मेरी बुर ? अम्मी कहतीं हैं की बड़े लोगों से चुदवाने के कई फायदे होतें है।
पहला - कोई शक नहीं करता की इतना बड़ा आदमी इतनी छोटी लड़की की बुर चोदेगा ? या फिर इतनी छोटी लड़की इतने बड़े आदमी से चुदवायेगी।
दूसरा - बड़े लोगों को चोदने का अनुभव होता है। वो अच्छी तरह से बुर चोदते हैं। अच्छी तरह से धक्के पे धक्का लगते हैं। शॉट मारते हैं और
तीसरा- उनके लण्ड जल्दी झड़ते नहीं हैं। वो भोसड़ी के बड़ी देर तक चोदते रहते हैं।
अंकल अब टाइम मत बर्बाद करो खोलो अपना लण्ड और पेलो अपना लण्ड ? मैं उठी और साहिर अंकल के बगल में बैठ कर उसके कपड़े खोलने लगी। वास्तव में आज सवेरे सवेरे अंकल मेरे घर आ गए। वैसे तो अंकल से हमारी बहुत पुरानी जान पहचान है। मेरी अम्मी को तो वह अच्छी तरह जानता है। आज अम्मी घर पर नहीं हैं। वह दूसरे शहर गईं है और कल आएंगीं। आज मैं घर में अकेली बैठी हुई सोंच रही थी की क्या करूँ ? तभी अचानक अंकल आ गए। बस मेरे मन में आया की आज क्यों न अंकल का लण्ड पकड़ कर देखूं। क्यों न आज अंकल से चुदवाऊँ ? मैंने कल ही अपनी झाँटें साफ कर लीं है। मेरी चूत एकदम चिकनी है। उसे भी मज़ा आएगा। कई लड़कियों ने अंकल के लण्ड की बड़ी तारीफ़ की है आज मैं पकड़ कर देखूं की बात सही है की नहीं। बस उसके आते ही मैंने कहा अंकल आज मैंआपके साथ थोड़ी व्हिस्की पियूंगी। वह मान गया बोला ठीक है चलो हम दोनों आज एन्जॉय करते हैं । वह ख़ुशी ख़ुशी मेरे साथ बैठ दारू पीने लगा। तभी मैंने उससे खुल कर कह दिया जो आपने ऊपर पढ़ा।
मैं तो पूरे मूड में थी ही, उसके ऊपर थोड़ा नशा चढ़ गया तो मूड और रंगीन हो गया। मैं बिलकुल बेशरम हो गयी और अंकल की कमीज उतार दी। बनियाइन उतार दी। उसकी चौड़ी छाती देख कर मज़ा आ गया। छाती पर घने घने बाल मुझे बड़े सेक्सी लग रहे था। मैं उसकी पैंट खोलने लगी। पेंट खुलते ही वह नीचे नेकर में आ गया। मैं समझ गयी की वह भी पूरे मस्ती में आ गया है। उसके लण्ड का उभार नेकर के ऊपर झलक रहा था। मैंने ऊपर से ही लण्ड सहलाया और पुचकार कर बोली हां अब तू चिंता न कर मैं आ रही हूँ तुम्हे प्यार करने। मैं तुम्हे अभी आज़ाद करती हूँ। अब तुम बाहर की हवा खाओ। ऐसा कह कर मैंने नेकर भी फ़टाफ़ट खोल डाली। लौड़ा साला टन्न से मेरे सामने खड़ा हो गया। मैंने उसे मुठ्ठी में लिया और बोली अरे यार तुम तो बहुत खुश नज़र आ रहे हो। बड़े मस्त लग रहे हो तुम ? मैंने लण्ड की कई बार चुम्मी ली और उसे फिर पुचकारा। उसका लाल टमाटर जैसा सुपाड़ा तो बिलकुल अलग ही था और चमक भी रहा था। मैंने उसे अपने होठों से दबाया और चूमा। उसके प्यारे प्यारे पेलहड़ चूमे। लण्ड और सख्त होने लगा। मैंने कहा अंकल इस बिचारे को बंद करके क्यों रखते हो ? इसे तो हमेशा आज़ाद ही रहने दिया करो।
जब तक मैं अंकल को नंगा कर रही थी तब तक अंकल ने भी मेरे बूब्स खोल डाले। उन्हें एकदम नंगी कर दिया। वह भी मस्ती से मेरे बूब्स दबाने लगे। उसने कहा रिया तेरे बूब्स तो बड़े सख्त हैं। देखो न कितनी बड़ी बड़ीऔर सुडौल हैं तेरी चूचियाँ। मेरे एक दोस्त की बेटी है शीबा। तेरी चूचियाँ हूबहू उसकी चूचियों से मिलती जुलती हैं। मैंने कहा वाओ, तो क्या तुम उसकी चूचियाँ पकड़ते हो ? उसे अपना लौड़ा पकड़ाते हो ? वह बोला नहीं मैं नहीं पकड़ाता वह तो खुद ही पकड़ लेती है मेरा लण्ड। उसे मेरा लण्ड पीने में बड़ा मज़ा आता है। बिलकुल अपनी अम्मी की तरह ही पीती है मेरा लण्ड ? मैंने कहा हाय अल्ला, इसका मतलब तुम उसे भी चोदते हो और उसकी माँ भी चोदते हो ? अंकल ने बताया ऐसा नहीं है। पहले मैं उसे चोदता था। एक दिन उसी ने मुझसे कहा अंकल आज मेरी माँ चोदो ? मेरी माँ का भोसड़ा चोदो। मैंने अम्मी को तेरे लण्ड के बारे में बताया तो वह बोली शीबा तू अकेले अकेले अंकल से चुदवा लेती है। कभी अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदवाओ। बस उसी दिन जब मैं गया तो उसने कहा अंकल मेरी माँ चोदो और इतना कह कर उसने मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी माँ की चूत में पेल दिया। अंकल की बातों ने मेरी चूत की आग और भड़का दी।
तब तक मैं पूरी तरह नंगी हो चुकी थी। अंकल मुझे नंगी देख करऔर मस्ती में आ गये। मुझे खींच कर चिपका लिया। उसका लण्ड मेरी जाँघों से टकराने लगा। मैं अपना हाथ नीचे करके उसे पकड़ने लगी। वह बोला हाय रिया तुम बहुत खूबसूरत हो। आज मैं तुम्हे खूब मजे से चोदूंगा। मैंने कहा हा अंकल मुझे खूब कस कस के चोदो। मेरी चूत की गर्मी निकाल दो प्लीज। ये बुर चोदी मेरी चूत मुझे बहुत तंग करती है। दिन भर लण्ड लण्ड की रट लगाए रहती है। पूरा लौड़ा पेल के चोदो अंकल। तब तक अंकल ने मुझे पलंग पर लिटा ही दिया। मेरी गांड के नीचे दो तकिया लगा दी। मेरी चूत थोड़ा ऊपर उठ गयी। बस उसने लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया और एक धक्का दिया। लण्ड साला अंदर घुस गया। मैं चीख पड़ी ऊई माँ मर गयी मैं ? फट गयी मेरी बुर ? इतना मोटा लण्ड पेल दिया इसने ? हाय दईया मैं मुंह दिखाने के काबिल नहीं रही।ये अंकल भोसड़ी का बड़ा हरामी है माँ। इसका लौड़ा तो बहुत बेरहम हैं बहन चोद ?
मैं बड़े मजे से चुदवा रही थी। तब तक मुझे रज्जाक की याद आ गयी मैं बोली अंकल तुम तो बिलकुल रज्जाक की तरह चोद रहे हो। अंकल ने कहा वही रज्जाक जिसकी शादी अभी पिछले साल हुई है और वह पेट्रोल पंप के पीछे रहता है। मैंने कहा हां हां अंकल वही रज्जाक ? क्या तुम जानते हो ? अंकल बोला उसे कम जानता हूँ पर उसकी बीवी को ज्यादा जानता हूँ। मैंने कहा तू माँ का लौड़ा बड़ा चालू चीज है। अच्छा कैसे जानते हो उसकी बीवी ? उसने बताया की मैं उसकी बीवी चोदता हूँ रिया बिटिया ? जैसे तुम्हे मेरा लण्ड पसंद है वैसे वह भी मेरा लण्ड पसंद करती है। खूब धकाधक चुदवाती है। तुम्हे शायद एक बात नहीं मालूम की उसकी माँ भी मुझसे चुदवाती है और मैंने ही रज्जाक की शादी करवाई थी। मैंने कहां वाह वाह तूने उसकी बुर चोदने के लिए उसकी शादी रज्जाक से करवा दी। वह बोला रिया बेटी मैं तो इसी तरह बुर चोदने का जुगाड़ किया करता हूँ। अंकल ने चोदने रफ़्तार बढ़ा दी।
मैंने फिर अपनी दोनों टांगें उसके कंधे पर रख दीं . उसने भी मेरी जाँघों को अपनी ओर खींच लिया और किटकिटाता हुआ चोदने लगा। मुझे भी बड़ा मज़ा आने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने उसे लिटा दिया और उसके लण्ड पर बैठ कर चुदवाने लगी। मुझे लगा की मैं घोड़े की सवारी कर रही हूँ। मैं आगे पीछे होते होते चुदवाने लगी। तब तक मुझे लगा की मैं खलास हो रही हूँ। अंकल के चेहरे से लगा की वह भी खलास होने वाला है। हम दोनों करीब करीब एक ही टाइम पर खलास हो गए। मैं उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी। मैंने कहा अरे अंकल तेरे लण्ड का स्वाद तो रहमान के लण्ड की तरह है। वह बोला अरी रिया तू कितने लोगों से चुदवाती है ? इतनी छोटी उम्र के कितने लण्ड ले चुकी है तू ? मैंने कहा अंकल मैंने लण्ड गिना नहीं पर हां हर दिन लण्ड लेती हूँ। हर दिन चुदवाती हूँ।
एक दिन मैं जब घर में आई तो देखा की मेरी अम्मी शबाना पड़ोसन आंटी अमीरा के साथ बैठ कर बातें कर रहीं हैं। मैं पहले तो चुपचाप ऊपर चली गयी अम्मी को पता भी नहीं हुआ की मैं आ गयी हूँ। मैं फिर कपड़े बदल कर नीचे उतरने लगी तो मेरे कानो में कुछ सेक्सी बातें सुनाई पड़ी। बस मैं वही ऊपर खिड़की पर बैठ कर उनकी बातें सुनने लगी।
अम्मी - यार आजकल तू बड़े मजे कर रही है। जबसे तेरी बेटी सायानी हो गयी है तबसे तेरी मस्ती कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी है।
आंटी - देख शबाना, मेरी बेटी जबसे १८ + की हुई तभी से मैंने उसे अपनी दोस्त बना लिया। उसे बिलकुल आज़ाद कर दिया और उससे खुल कर बातें करने लगी। अब दो साल हो गए हैं वह २० + की हो गयी है। अब तो वह मुझसे अपने बॉय फ्रेंड्स के लण्ड के बारे में बातें करती है और मैं अपने दोस्तों के लण्ड के बारे में ?
अम्मी - खाली बातें ही करती है तू की कुछ और भी करती है।
आंटी - अरे लण्ड की बातें ही नहीं, बुर, चूत, भोसड़ा, लण्ड, पेलहड़ चोदा चोदी की बातें, चुदाने की बातें और गांड मराने की भी बातें करती हूँ।
अम्मी - अरी अमीरा मैं वही तो पूंछ रही हूँ की तू बातें ही करती है की चोदा चोदी भी करती है अपने बेटी के साथ ?
आंटी - अरे सुनो तो यार। एक बार उसने मुझे किसी से चुदवाते हुए देख लिया तो मैंने उसे अपने पास बुला कर लौड़ा उसे ही पकड़ा दिया। मैंने कहा बेटी लो पकड़ के देखो अंकल का लण्ड ? पसंद आये तो इसे अपनी बुर में घुसा लो। जवानी में चूत बिना लण्ड के रह नहीं पाती बेटी ? वह बोली अम्मी पहले तुम घुसाओ इसे अपनी बुर में। मैं देखूँगी कैसे घुसाया जाता है लण्ड उसके बाद मैं भी घुसा लूंगी। फिर हम दोनों ने मिलकर चुदवाया।
अम्मी - तू भोसड़ी की बड़ी चालू चीज है। अपने बेटी के सामने ही चुदवाने लगी ?
आंटी - अरे यार, मेरी बेटी अब बेटी नहीं रही। अब वह मद मस्त औरत हो गयी है। अब कैसा शर्माना ? अरे मैं चुदवाने ही नहीं लगी, वह तो खुद चोदने लगी है मेरी बुर। आजकल की लड़कियां एक बार खुल जाती हैं तो फिर कुछ भी कर सकती हैं।
अम्मी - तो फिर तूने क्या किया ?
आंटी - मैंने भी चोदा उसकी बुर ? एक दिन वह मुझे लण्ड चूसते हुई दिख गयी। मैं फ़ौरन कमरे में घुस गयी और उसके हाथ से लण्ड पकड़ कर बोली बेटी निदा देखो ऐसे नहीं इस तरह चूसा जाता है लण्ड ? मैंने उसे अच्छी तरह लण्ड चूसना बताया। फिर उसने लण्ड मेरी चूत में पेला और मैंने उसकी चूत में पेला। मैं तो कहती हूँ की तुम भी रिया से घुलमिल जाओ, एक साथ चुदवाओ और मिलकर लण्ड हिलाओ। फिर देखो कितना मज़ा आता है।
अम्मी - अच्छा ये बता की इमरान का लौड़ा कैसा है ?
आंटी - हाय दईया बड़ा मोटा है उसका लौड़ा ? चिपक के चोदता है मेरी बुर और मेरी बिटिया की भी बुर.
अम्मी - रज्जाक के लण्ड की तरह है क्या ?
आंटी - हां बिलकुल उसी तरह है। हां रज्जाक के लण्ड से थोड़ा ज्यादा मोटा है उसका लण्ड । पर तू पूंछ क्यों रही है ?
अम्मी - आज वह मेरी बुर चोदने आएगा।
अब मुझे यह मालूम हो गया की अम्मी रज्जाक से चुदवाती हैं। रज्जाक ने मुझे सब बताया की मैं अपने दोस्त की बीवी चोदता है उसकी बेटी की बुर चोदता हूँ, लेकिन यह नहीं बताया की रिया मैं तेरी माँ का भोसड़ा भी चोदता हूँ। अब मैं किसी दिन रज्जाक की गांड मारूंगी। इधर मुझे यह मालूम हो गया है की इमरान का लौड़ा ज्यादा मोटा है तो मेरी भी चूत कुलबुलाने लगी हैं। मैं भी उससे चुदवाऊँगी। आज तो शानदार मौका है। पहले मैंअम्मी की बुर चुदते हुए देखूँगी फिर कमरे में घुस जाऊंगी ? उसके बाद जो होगा देखा जायेगा ? अच्छा हां मुझे यह नहीं मालूम था आंटी की बेटी निदा अपनी माँ चुदाने लगी है। वह भोसड़ी की जाने कितनी बार मुझसे मिल चुकी है पर कभी बताया नहीं। आंटी यही बस बात करके चली गईं। लेकिन मैं जान गयी की आंटी भी बड़ी घुटी हुई औरत हैं। पराये मर्दों के लण्ड का मज़ा खूब लूटती है और देखने से बड़ी भोली भाली लगतीं हैं। ऐसा लगता है की इससे अच्छी औरत कोई दुनिया में है ही नहीं .
मैं फिर नीचे नहीं उतरी ऊपर ही बनी रही। इतने में अम्मी ने किसी से बात की और आधे घंटे में कोई आ गया। मैंने उसे देखा तो पर पहचान नहीं पाई। लेकिन आदमी बड़ा समार्ट था, हैंडसम था, एकदम गोरा चिट्टा बस मैं उसके लण्ड के बारे में सोंचने लगी। इतना तो पता ही लग गया था की इसका लण्ड रज्जाक के लण्ड से मोटा है। तब तक अम्मी बोली यार इमरान मैं तेरा ही इंतज़ार कर रही थी। वह अम्मी के बगल में बैठ गया और बोल भाभी आज तो आप बहुत सेक्सी लग रहीं हैं। ऐसा कह कर वह अम्मी की चूचियाँ दबाने लगा। अम्मी भी उसके पैजामे के ऊपर से ही लौड़ा सहलाने लगी। लौड़ा थोड़ा ऊपर उठने लगा। थोड़ी देर में अम्मी ने कहा अरे हां तेरा दोस्त अभी तक नहीं आया। वह बोला अरे भाभी वह बस आता ही होगा। मैंने मन में कहा अच्छा इसका मतलब अम्मी दो दो मर्दों से एक साथ चुदवाने वाली हैं। अम्मी तो आंटी से दो कदम आगे ही हैं। अम्मी का यह रूप आज मैं पहली बार देख रही थी।
फिर अम्मी ने पैजामे का नाड़ा खोल और लौड़ा उसके बाहर निकाल लिया। उसे पकड़ कर हिलाया तो लौड़ा और लपलपाने लगा। वह बोली अरे हां यार अमीरा सही कह रही थी की तेरा लण्ड रज्जाक के लण्ड से मोटा है। अम्मी ने लौड़ा चूम लिया और मस्ती से चारों तरफ से देखने लगी। तब तक उसने अम्मी को ऊपर से नंगी कर दिया था। फिर उसने अम्मी के पेटीकोट में हाथ डाल दिया। उसने भी पेटीकोट खोल कर फेंक दिए और अम्मी को पूरा नंगी कर दिया। मैंने भी अम्मी चूत पहली बार देखी। एक बात तो है की मेरी अम्मी अभी भी मस्त जवान हैं। यह सब देख कर मेरी चूत की आग और धधकने लगी। मैं बस कमरे में घुसने ही वाली की किसी ने दरवाजा खटखटा दिया। अम्मी ने चादर लपेटी और दरवाजा खोल दिया। वह आदमी बोला इमरान से मिलने आया हूँ। अम्मी उसे अंदर ले आई जहाँ इमरान नंगा बैठा था। इमरान बोला हां भाभी यही मेरा दोस्त नियाज़ है। अम्मी ने अपनी चादर फेंक दी और उसे अपना नंगा बदन दिखा दिया। अम्मी नियाज़ के भी कपड़े उतारने लगी। वह जब नंगा हुआ और लौड़ा बाहर आया तो अम्मी बोली अरे वाह ? इमरान तेरे लौड़े के टक्कर का ही है इसका लौड़ा ? मुझे तो एक ही नज़र में भा गया।
अम्मी ने कहा देखो इमरान मैंने तुम्हे फोन करके तेरे दोस्त को बुलवाया जानते हो क्यों ? वह बोला नहीं भाभी मुझे क्या मालूम ? तब अम्मी बोली यार अभी मेरी पड़ोसन आई थी। उसने बताया की उसकी बेटी अपनी माँ चुदवाती है। और वह भी अपनी बेटी चुदवाती है तो फिर मैं क्यों नहीं चुदवा सकती ? मैं क्या उससे कम हूँ। मैंने इसीलिए तेरे दोस्त को बुलाया की आज मैं अपनी बेटी चुदवाऊँगी ? और बेटी से कहूँगी की तू अपनी माँ चुदवा ? मेरी बेटी उसकी बेटी से ज्यादा खूबसूरत है, ज्यादा सेक्सी है और ज्यादा हॉट है। लेकिन वह पता नहीं कहाँ बुर चोदी घूम रही है अभी तक घर आई नहीं है। वह आये तो मैं उसे अभी लौड़ा पकड़ा दूँ और कहूं की बेटी तू अब जवान हो गयी है अब आज से अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा ?
अम्मी की बात सुनकर मैं तो पागल सी हो गयी। अरे यार अम्मी मेरा कितना ख्याल रखतीं हैं ? मैं बेकार ही अम्मी के बारे में बुरा सोंच रही थी। मैं बहुत बड़ी मादर चोद हूँ, कामिनी हूँ जो बुरा बुरा सोंचा करती हूँ। मैंने अम्मी को तुरंत फोन लगाया और कहा अम्मी मुझे थोड़ी देर हो गयी है मैं अभी आती हूँ। बस मैं चुपचाप इंटर लॉक लगा के बाहर चली गई। और दो मिनट में डोर बेल बजा दी। अम्मी ने दरवाजा खोला और कहा रिया तू अपने कपड़े बदल के मेरे कमरे में आ जा। मैंने जल्दी से कपड़े बदले और थोड़ा टच उप किया और सीधे अम्मी के कमरे में घुस गयी। मैंने देखा की अम्मी एकदम नंगी बैठी हुई उन दोनों के लण्ड पकड़ कर हिला रही हैं। वो दोनों नंगे नंगे सोफा पर अम्मी के अगल बगल बैठे हैं। अम्मी मुझे देख कर बोली अरी बुर चोदी रिया ले एक लण्ड तू पकड़ ले। मैं आगे बढ़ी तो वह बोली ऐसे नहीं। पहले कपड़े उतार डाल और हो जा बिलकुल नंगी। तब लौड़ा पकड़ कर देख बहन चोद । मैं जान गयी की अम्मी मुझे गाली देने के लिए उत्तेजित कर रही हैं। मैं तो जोश में थी ही। मैं भी लौड़ा पकड़ कर बोली बड़ा सॉलिड है मादर चोद लण्ड अम्मी ?
हम सब सेक्स में डूबे हुए थे। वासना अंदर घुस चुकी थी। अम्मी बोली बेटी रिया इसी लौड़े से अपनी माँ का भोसड़ा चोदो। अम्मी दूसरा लौड़ा मुझे दिखाती हुई बोली और मैं इस लौड़े से चोदूँगी तेरी अम्मी की बिटिया की बुर ? मैं भोसड़ी वाली अमीरा से कम नहीं हूँ। मैंने लण्ड चाटते हुए पूंछा अम्मी आंटी क्या कह रही थी ? वह भी लण्ड चूसते हुए सारा किस्सा मुझे सुनाया। पर मैं तो सब सुन ही चुकी थी। तब तक मैंने इमरान का लौड़ा अम्मी की चूत पे टिका दिया। उसने एक धक्का दिया तो मेरी माँ का भोसड़ा चुदने लगा। तब अम्मी ने नियाज का लौड़ा मेरी चूत पर रख दिया और उसने एक धक्का मारा तो मेरी चूत चुदने लगी।
हम दोनों ने इसी तरह रात भर उन लोगों से खूब चुदवाया।
एक दिन मैं फिर अकेली बैठी थी। तब तक मेरे मामू जान का फोन आ गया। वह मेरी ही उम्र का है। वह बोला हाय रिया मैं आ रहा हूँ। मैंने कहा अरे भोसड़ी के जल्दी आ जा मैं अकेली हूँ। आके मुझे चोदो और फिर रात भर चोदो और फिर...
मैं सच कह रही हूँ, अंकल । इस समय मेरे घर में कोई नहीं है। मैं अकेली हूँ। मैं नंगी हूँ। मुझे चोदो अंकल प्लीज, मुझे चोदो । मैं बहुत चुदासी हूँ। अंकल ने कहा अरे बेटी रिया तू मुझसे बहुत छोटी है। मेरी और तेरी उम्र में बाप बेटी का फरक है। तुम मुझसे कैसे चोदने के लिए कह रही हो ? मैंने कहा अंकल इससे कुछ नहीं होता। मेरी अम्मी कहती हैं की चुदाई का उम्र से कोई ताल्लुक नहीं है। उम्र अपनी जगह है और चुदाई अपनी जगह। उम्र चाहे जितनी बड़ी हो बस लण्ड मोटा और सख्त होना चाहिए। अम्मी यह भी कहती हैं की चुदवाने के लिए सिर्फ लण्ड पर ध्यान दो, लण्ड वाले की उम्र पर नहीं और उसके चेहरे पर भी नहीं। चूत को तो सिर्फ लण्ड चाहिए बेटी लण्ड ? लण्ड ही चोदता है बुर न उसकी उम्र चोदती है बुर और न उसका चेहरा ? मुझे पता चला है की तेरा लण्ड बहुत बड़ा भी है मोटा भी । इसलिए मैं तुमसे चुदवाने के लिए बेताब हो रही हूँ अंकल ? जिस मर्द का लौड़ा अच्छा हो उससे तो जरूर चुदवाना चाहिए ऐसा मेरी अम्मी कहतीं हैं। प्लीज जल्दी से मुझे अपना लौड़ा दिखाओ न अंकल और फिर चोदो मेरी बुर ? अम्मी कहतीं हैं की बड़े लोगों से चुदवाने के कई फायदे होतें है।
पहला - कोई शक नहीं करता की इतना बड़ा आदमी इतनी छोटी लड़की की बुर चोदेगा ? या फिर इतनी छोटी लड़की इतने बड़े आदमी से चुदवायेगी।
दूसरा - बड़े लोगों को चोदने का अनुभव होता है। वो अच्छी तरह से बुर चोदते हैं। अच्छी तरह से धक्के पे धक्का लगते हैं। शॉट मारते हैं और
तीसरा- उनके लण्ड जल्दी झड़ते नहीं हैं। वो भोसड़ी के बड़ी देर तक चोदते रहते हैं।
अंकल अब टाइम मत बर्बाद करो खोलो अपना लण्ड और पेलो अपना लण्ड ? मैं उठी और साहिर अंकल के बगल में बैठ कर उसके कपड़े खोलने लगी। वास्तव में आज सवेरे सवेरे अंकल मेरे घर आ गए। वैसे तो अंकल से हमारी बहुत पुरानी जान पहचान है। मेरी अम्मी को तो वह अच्छी तरह जानता है। आज अम्मी घर पर नहीं हैं। वह दूसरे शहर गईं है और कल आएंगीं। आज मैं घर में अकेली बैठी हुई सोंच रही थी की क्या करूँ ? तभी अचानक अंकल आ गए। बस मेरे मन में आया की आज क्यों न अंकल का लण्ड पकड़ कर देखूं। क्यों न आज अंकल से चुदवाऊँ ? मैंने कल ही अपनी झाँटें साफ कर लीं है। मेरी चूत एकदम चिकनी है। उसे भी मज़ा आएगा। कई लड़कियों ने अंकल के लण्ड की बड़ी तारीफ़ की है आज मैं पकड़ कर देखूं की बात सही है की नहीं। बस उसके आते ही मैंने कहा अंकल आज मैंआपके साथ थोड़ी व्हिस्की पियूंगी। वह मान गया बोला ठीक है चलो हम दोनों आज एन्जॉय करते हैं । वह ख़ुशी ख़ुशी मेरे साथ बैठ दारू पीने लगा। तभी मैंने उससे खुल कर कह दिया जो आपने ऊपर पढ़ा।
मैं तो पूरे मूड में थी ही, उसके ऊपर थोड़ा नशा चढ़ गया तो मूड और रंगीन हो गया। मैं बिलकुल बेशरम हो गयी और अंकल की कमीज उतार दी। बनियाइन उतार दी। उसकी चौड़ी छाती देख कर मज़ा आ गया। छाती पर घने घने बाल मुझे बड़े सेक्सी लग रहे था। मैं उसकी पैंट खोलने लगी। पेंट खुलते ही वह नीचे नेकर में आ गया। मैं समझ गयी की वह भी पूरे मस्ती में आ गया है। उसके लण्ड का उभार नेकर के ऊपर झलक रहा था। मैंने ऊपर से ही लण्ड सहलाया और पुचकार कर बोली हां अब तू चिंता न कर मैं आ रही हूँ तुम्हे प्यार करने। मैं तुम्हे अभी आज़ाद करती हूँ। अब तुम बाहर की हवा खाओ। ऐसा कह कर मैंने नेकर भी फ़टाफ़ट खोल डाली। लौड़ा साला टन्न से मेरे सामने खड़ा हो गया। मैंने उसे मुठ्ठी में लिया और बोली अरे यार तुम तो बहुत खुश नज़र आ रहे हो। बड़े मस्त लग रहे हो तुम ? मैंने लण्ड की कई बार चुम्मी ली और उसे फिर पुचकारा। उसका लाल टमाटर जैसा सुपाड़ा तो बिलकुल अलग ही था और चमक भी रहा था। मैंने उसे अपने होठों से दबाया और चूमा। उसके प्यारे प्यारे पेलहड़ चूमे। लण्ड और सख्त होने लगा। मैंने कहा अंकल इस बिचारे को बंद करके क्यों रखते हो ? इसे तो हमेशा आज़ाद ही रहने दिया करो।
जब तक मैं अंकल को नंगा कर रही थी तब तक अंकल ने भी मेरे बूब्स खोल डाले। उन्हें एकदम नंगी कर दिया। वह भी मस्ती से मेरे बूब्स दबाने लगे। उसने कहा रिया तेरे बूब्स तो बड़े सख्त हैं। देखो न कितनी बड़ी बड़ीऔर सुडौल हैं तेरी चूचियाँ। मेरे एक दोस्त की बेटी है शीबा। तेरी चूचियाँ हूबहू उसकी चूचियों से मिलती जुलती हैं। मैंने कहा वाओ, तो क्या तुम उसकी चूचियाँ पकड़ते हो ? उसे अपना लौड़ा पकड़ाते हो ? वह बोला नहीं मैं नहीं पकड़ाता वह तो खुद ही पकड़ लेती है मेरा लण्ड। उसे मेरा लण्ड पीने में बड़ा मज़ा आता है। बिलकुल अपनी अम्मी की तरह ही पीती है मेरा लण्ड ? मैंने कहा हाय अल्ला, इसका मतलब तुम उसे भी चोदते हो और उसकी माँ भी चोदते हो ? अंकल ने बताया ऐसा नहीं है। पहले मैं उसे चोदता था। एक दिन उसी ने मुझसे कहा अंकल आज मेरी माँ चोदो ? मेरी माँ का भोसड़ा चोदो। मैंने अम्मी को तेरे लण्ड के बारे में बताया तो वह बोली शीबा तू अकेले अकेले अंकल से चुदवा लेती है। कभी अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदवाओ। बस उसी दिन जब मैं गया तो उसने कहा अंकल मेरी माँ चोदो और इतना कह कर उसने मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी माँ की चूत में पेल दिया। अंकल की बातों ने मेरी चूत की आग और भड़का दी।
तब तक मैं पूरी तरह नंगी हो चुकी थी। अंकल मुझे नंगी देख करऔर मस्ती में आ गये। मुझे खींच कर चिपका लिया। उसका लण्ड मेरी जाँघों से टकराने लगा। मैं अपना हाथ नीचे करके उसे पकड़ने लगी। वह बोला हाय रिया तुम बहुत खूबसूरत हो। आज मैं तुम्हे खूब मजे से चोदूंगा। मैंने कहा हा अंकल मुझे खूब कस कस के चोदो। मेरी चूत की गर्मी निकाल दो प्लीज। ये बुर चोदी मेरी चूत मुझे बहुत तंग करती है। दिन भर लण्ड लण्ड की रट लगाए रहती है। पूरा लौड़ा पेल के चोदो अंकल। तब तक अंकल ने मुझे पलंग पर लिटा ही दिया। मेरी गांड के नीचे दो तकिया लगा दी। मेरी चूत थोड़ा ऊपर उठ गयी। बस उसने लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया और एक धक्का दिया। लण्ड साला अंदर घुस गया। मैं चीख पड़ी ऊई माँ मर गयी मैं ? फट गयी मेरी बुर ? इतना मोटा लण्ड पेल दिया इसने ? हाय दईया मैं मुंह दिखाने के काबिल नहीं रही।ये अंकल भोसड़ी का बड़ा हरामी है माँ। इसका लौड़ा तो बहुत बेरहम हैं बहन चोद ?
मैं बड़े मजे से चुदवा रही थी। तब तक मुझे रज्जाक की याद आ गयी मैं बोली अंकल तुम तो बिलकुल रज्जाक की तरह चोद रहे हो। अंकल ने कहा वही रज्जाक जिसकी शादी अभी पिछले साल हुई है और वह पेट्रोल पंप के पीछे रहता है। मैंने कहा हां हां अंकल वही रज्जाक ? क्या तुम जानते हो ? अंकल बोला उसे कम जानता हूँ पर उसकी बीवी को ज्यादा जानता हूँ। मैंने कहा तू माँ का लौड़ा बड़ा चालू चीज है। अच्छा कैसे जानते हो उसकी बीवी ? उसने बताया की मैं उसकी बीवी चोदता हूँ रिया बिटिया ? जैसे तुम्हे मेरा लण्ड पसंद है वैसे वह भी मेरा लण्ड पसंद करती है। खूब धकाधक चुदवाती है। तुम्हे शायद एक बात नहीं मालूम की उसकी माँ भी मुझसे चुदवाती है और मैंने ही रज्जाक की शादी करवाई थी। मैंने कहां वाह वाह तूने उसकी बुर चोदने के लिए उसकी शादी रज्जाक से करवा दी। वह बोला रिया बेटी मैं तो इसी तरह बुर चोदने का जुगाड़ किया करता हूँ। अंकल ने चोदने रफ़्तार बढ़ा दी।
मैंने फिर अपनी दोनों टांगें उसके कंधे पर रख दीं . उसने भी मेरी जाँघों को अपनी ओर खींच लिया और किटकिटाता हुआ चोदने लगा। मुझे भी बड़ा मज़ा आने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने उसे लिटा दिया और उसके लण्ड पर बैठ कर चुदवाने लगी। मुझे लगा की मैं घोड़े की सवारी कर रही हूँ। मैं आगे पीछे होते होते चुदवाने लगी। तब तक मुझे लगा की मैं खलास हो रही हूँ। अंकल के चेहरे से लगा की वह भी खलास होने वाला है। हम दोनों करीब करीब एक ही टाइम पर खलास हो गए। मैं उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी। मैंने कहा अरे अंकल तेरे लण्ड का स्वाद तो रहमान के लण्ड की तरह है। वह बोला अरी रिया तू कितने लोगों से चुदवाती है ? इतनी छोटी उम्र के कितने लण्ड ले चुकी है तू ? मैंने कहा अंकल मैंने लण्ड गिना नहीं पर हां हर दिन लण्ड लेती हूँ। हर दिन चुदवाती हूँ।
एक दिन मैं जब घर में आई तो देखा की मेरी अम्मी शबाना पड़ोसन आंटी अमीरा के साथ बैठ कर बातें कर रहीं हैं। मैं पहले तो चुपचाप ऊपर चली गयी अम्मी को पता भी नहीं हुआ की मैं आ गयी हूँ। मैं फिर कपड़े बदल कर नीचे उतरने लगी तो मेरे कानो में कुछ सेक्सी बातें सुनाई पड़ी। बस मैं वही ऊपर खिड़की पर बैठ कर उनकी बातें सुनने लगी।
अम्मी - यार आजकल तू बड़े मजे कर रही है। जबसे तेरी बेटी सायानी हो गयी है तबसे तेरी मस्ती कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी है।
आंटी - देख शबाना, मेरी बेटी जबसे १८ + की हुई तभी से मैंने उसे अपनी दोस्त बना लिया। उसे बिलकुल आज़ाद कर दिया और उससे खुल कर बातें करने लगी। अब दो साल हो गए हैं वह २० + की हो गयी है। अब तो वह मुझसे अपने बॉय फ्रेंड्स के लण्ड के बारे में बातें करती है और मैं अपने दोस्तों के लण्ड के बारे में ?
अम्मी - खाली बातें ही करती है तू की कुछ और भी करती है।
आंटी - अरे लण्ड की बातें ही नहीं, बुर, चूत, भोसड़ा, लण्ड, पेलहड़ चोदा चोदी की बातें, चुदाने की बातें और गांड मराने की भी बातें करती हूँ।
अम्मी - अरी अमीरा मैं वही तो पूंछ रही हूँ की तू बातें ही करती है की चोदा चोदी भी करती है अपने बेटी के साथ ?
आंटी - अरे सुनो तो यार। एक बार उसने मुझे किसी से चुदवाते हुए देख लिया तो मैंने उसे अपने पास बुला कर लौड़ा उसे ही पकड़ा दिया। मैंने कहा बेटी लो पकड़ के देखो अंकल का लण्ड ? पसंद आये तो इसे अपनी बुर में घुसा लो। जवानी में चूत बिना लण्ड के रह नहीं पाती बेटी ? वह बोली अम्मी पहले तुम घुसाओ इसे अपनी बुर में। मैं देखूँगी कैसे घुसाया जाता है लण्ड उसके बाद मैं भी घुसा लूंगी। फिर हम दोनों ने मिलकर चुदवाया।
अम्मी - तू भोसड़ी की बड़ी चालू चीज है। अपने बेटी के सामने ही चुदवाने लगी ?
आंटी - अरे यार, मेरी बेटी अब बेटी नहीं रही। अब वह मद मस्त औरत हो गयी है। अब कैसा शर्माना ? अरे मैं चुदवाने ही नहीं लगी, वह तो खुद चोदने लगी है मेरी बुर। आजकल की लड़कियां एक बार खुल जाती हैं तो फिर कुछ भी कर सकती हैं।
अम्मी - तो फिर तूने क्या किया ?
आंटी - मैंने भी चोदा उसकी बुर ? एक दिन वह मुझे लण्ड चूसते हुई दिख गयी। मैं फ़ौरन कमरे में घुस गयी और उसके हाथ से लण्ड पकड़ कर बोली बेटी निदा देखो ऐसे नहीं इस तरह चूसा जाता है लण्ड ? मैंने उसे अच्छी तरह लण्ड चूसना बताया। फिर उसने लण्ड मेरी चूत में पेला और मैंने उसकी चूत में पेला। मैं तो कहती हूँ की तुम भी रिया से घुलमिल जाओ, एक साथ चुदवाओ और मिलकर लण्ड हिलाओ। फिर देखो कितना मज़ा आता है।
अम्मी - अच्छा ये बता की इमरान का लौड़ा कैसा है ?
आंटी - हाय दईया बड़ा मोटा है उसका लौड़ा ? चिपक के चोदता है मेरी बुर और मेरी बिटिया की भी बुर.
अम्मी - रज्जाक के लण्ड की तरह है क्या ?
आंटी - हां बिलकुल उसी तरह है। हां रज्जाक के लण्ड से थोड़ा ज्यादा मोटा है उसका लण्ड । पर तू पूंछ क्यों रही है ?
अम्मी - आज वह मेरी बुर चोदने आएगा।
अब मुझे यह मालूम हो गया की अम्मी रज्जाक से चुदवाती हैं। रज्जाक ने मुझे सब बताया की मैं अपने दोस्त की बीवी चोदता है उसकी बेटी की बुर चोदता हूँ, लेकिन यह नहीं बताया की रिया मैं तेरी माँ का भोसड़ा भी चोदता हूँ। अब मैं किसी दिन रज्जाक की गांड मारूंगी। इधर मुझे यह मालूम हो गया है की इमरान का लौड़ा ज्यादा मोटा है तो मेरी भी चूत कुलबुलाने लगी हैं। मैं भी उससे चुदवाऊँगी। आज तो शानदार मौका है। पहले मैंअम्मी की बुर चुदते हुए देखूँगी फिर कमरे में घुस जाऊंगी ? उसके बाद जो होगा देखा जायेगा ? अच्छा हां मुझे यह नहीं मालूम था आंटी की बेटी निदा अपनी माँ चुदाने लगी है। वह भोसड़ी की जाने कितनी बार मुझसे मिल चुकी है पर कभी बताया नहीं। आंटी यही बस बात करके चली गईं। लेकिन मैं जान गयी की आंटी भी बड़ी घुटी हुई औरत हैं। पराये मर्दों के लण्ड का मज़ा खूब लूटती है और देखने से बड़ी भोली भाली लगतीं हैं। ऐसा लगता है की इससे अच्छी औरत कोई दुनिया में है ही नहीं .
मैं फिर नीचे नहीं उतरी ऊपर ही बनी रही। इतने में अम्मी ने किसी से बात की और आधे घंटे में कोई आ गया। मैंने उसे देखा तो पर पहचान नहीं पाई। लेकिन आदमी बड़ा समार्ट था, हैंडसम था, एकदम गोरा चिट्टा बस मैं उसके लण्ड के बारे में सोंचने लगी। इतना तो पता ही लग गया था की इसका लण्ड रज्जाक के लण्ड से मोटा है। तब तक अम्मी बोली यार इमरान मैं तेरा ही इंतज़ार कर रही थी। वह अम्मी के बगल में बैठ गया और बोल भाभी आज तो आप बहुत सेक्सी लग रहीं हैं। ऐसा कह कर वह अम्मी की चूचियाँ दबाने लगा। अम्मी भी उसके पैजामे के ऊपर से ही लौड़ा सहलाने लगी। लौड़ा थोड़ा ऊपर उठने लगा। थोड़ी देर में अम्मी ने कहा अरे हां तेरा दोस्त अभी तक नहीं आया। वह बोला अरे भाभी वह बस आता ही होगा। मैंने मन में कहा अच्छा इसका मतलब अम्मी दो दो मर्दों से एक साथ चुदवाने वाली हैं। अम्मी तो आंटी से दो कदम आगे ही हैं। अम्मी का यह रूप आज मैं पहली बार देख रही थी।
फिर अम्मी ने पैजामे का नाड़ा खोल और लौड़ा उसके बाहर निकाल लिया। उसे पकड़ कर हिलाया तो लौड़ा और लपलपाने लगा। वह बोली अरे हां यार अमीरा सही कह रही थी की तेरा लण्ड रज्जाक के लण्ड से मोटा है। अम्मी ने लौड़ा चूम लिया और मस्ती से चारों तरफ से देखने लगी। तब तक उसने अम्मी को ऊपर से नंगी कर दिया था। फिर उसने अम्मी के पेटीकोट में हाथ डाल दिया। उसने भी पेटीकोट खोल कर फेंक दिए और अम्मी को पूरा नंगी कर दिया। मैंने भी अम्मी चूत पहली बार देखी। एक बात तो है की मेरी अम्मी अभी भी मस्त जवान हैं। यह सब देख कर मेरी चूत की आग और धधकने लगी। मैं बस कमरे में घुसने ही वाली की किसी ने दरवाजा खटखटा दिया। अम्मी ने चादर लपेटी और दरवाजा खोल दिया। वह आदमी बोला इमरान से मिलने आया हूँ। अम्मी उसे अंदर ले आई जहाँ इमरान नंगा बैठा था। इमरान बोला हां भाभी यही मेरा दोस्त नियाज़ है। अम्मी ने अपनी चादर फेंक दी और उसे अपना नंगा बदन दिखा दिया। अम्मी नियाज़ के भी कपड़े उतारने लगी। वह जब नंगा हुआ और लौड़ा बाहर आया तो अम्मी बोली अरे वाह ? इमरान तेरे लौड़े के टक्कर का ही है इसका लौड़ा ? मुझे तो एक ही नज़र में भा गया।
अम्मी ने कहा देखो इमरान मैंने तुम्हे फोन करके तेरे दोस्त को बुलवाया जानते हो क्यों ? वह बोला नहीं भाभी मुझे क्या मालूम ? तब अम्मी बोली यार अभी मेरी पड़ोसन आई थी। उसने बताया की उसकी बेटी अपनी माँ चुदवाती है। और वह भी अपनी बेटी चुदवाती है तो फिर मैं क्यों नहीं चुदवा सकती ? मैं क्या उससे कम हूँ। मैंने इसीलिए तेरे दोस्त को बुलाया की आज मैं अपनी बेटी चुदवाऊँगी ? और बेटी से कहूँगी की तू अपनी माँ चुदवा ? मेरी बेटी उसकी बेटी से ज्यादा खूबसूरत है, ज्यादा सेक्सी है और ज्यादा हॉट है। लेकिन वह पता नहीं कहाँ बुर चोदी घूम रही है अभी तक घर आई नहीं है। वह आये तो मैं उसे अभी लौड़ा पकड़ा दूँ और कहूं की बेटी तू अब जवान हो गयी है अब आज से अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा ?
अम्मी की बात सुनकर मैं तो पागल सी हो गयी। अरे यार अम्मी मेरा कितना ख्याल रखतीं हैं ? मैं बेकार ही अम्मी के बारे में बुरा सोंच रही थी। मैं बहुत बड़ी मादर चोद हूँ, कामिनी हूँ जो बुरा बुरा सोंचा करती हूँ। मैंने अम्मी को तुरंत फोन लगाया और कहा अम्मी मुझे थोड़ी देर हो गयी है मैं अभी आती हूँ। बस मैं चुपचाप इंटर लॉक लगा के बाहर चली गई। और दो मिनट में डोर बेल बजा दी। अम्मी ने दरवाजा खोला और कहा रिया तू अपने कपड़े बदल के मेरे कमरे में आ जा। मैंने जल्दी से कपड़े बदले और थोड़ा टच उप किया और सीधे अम्मी के कमरे में घुस गयी। मैंने देखा की अम्मी एकदम नंगी बैठी हुई उन दोनों के लण्ड पकड़ कर हिला रही हैं। वो दोनों नंगे नंगे सोफा पर अम्मी के अगल बगल बैठे हैं। अम्मी मुझे देख कर बोली अरी बुर चोदी रिया ले एक लण्ड तू पकड़ ले। मैं आगे बढ़ी तो वह बोली ऐसे नहीं। पहले कपड़े उतार डाल और हो जा बिलकुल नंगी। तब लौड़ा पकड़ कर देख बहन चोद । मैं जान गयी की अम्मी मुझे गाली देने के लिए उत्तेजित कर रही हैं। मैं तो जोश में थी ही। मैं भी लौड़ा पकड़ कर बोली बड़ा सॉलिड है मादर चोद लण्ड अम्मी ?
हम सब सेक्स में डूबे हुए थे। वासना अंदर घुस चुकी थी। अम्मी बोली बेटी रिया इसी लौड़े से अपनी माँ का भोसड़ा चोदो। अम्मी दूसरा लौड़ा मुझे दिखाती हुई बोली और मैं इस लौड़े से चोदूँगी तेरी अम्मी की बिटिया की बुर ? मैं भोसड़ी वाली अमीरा से कम नहीं हूँ। मैंने लण्ड चाटते हुए पूंछा अम्मी आंटी क्या कह रही थी ? वह भी लण्ड चूसते हुए सारा किस्सा मुझे सुनाया। पर मैं तो सब सुन ही चुकी थी। तब तक मैंने इमरान का लौड़ा अम्मी की चूत पे टिका दिया। उसने एक धक्का दिया तो मेरी माँ का भोसड़ा चुदने लगा। तब अम्मी ने नियाज का लौड़ा मेरी चूत पर रख दिया और उसने एक धक्का मारा तो मेरी चूत चुदने लगी।
हम दोनों ने इसी तरह रात भर उन लोगों से खूब चुदवाया।
एक दिन मैं फिर अकेली बैठी थी। तब तक मेरे मामू जान का फोन आ गया। वह मेरी ही उम्र का है। वह बोला हाय रिया मैं आ रहा हूँ। मैंने कहा अरे भोसड़ी के जल्दी आ जा मैं अकेली हूँ। आके मुझे चोदो और फिर रात भर चोदो और फिर...
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