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एक साथ दो लण्ड लेकर जीता बड़ा इनाम - Inaam jitne ke liye 2 lund ek sath chuse
एक साथ दो लण्ड लेकर जीता बड़ा इनाम - Inaam jitne ke liye 2 lund ek sath chuse.
मेरा नाम अनीता है दोस्तों, मैं २२ साल की हूँ और एक डिग्री कॉलेज से पी जी कर रही हूँ। मैं स्वभाव से चंचल, शोख़ और चुलबुली लड़की हूँ। खूबसूरत हूँ, हॉट और सेक्सी हूँ। मेरा कद ५' ५" है, गोरी हूँ और मस्त रहती हूँ। मेरे बूब्स सुडौल और बड़े बड़े है, मेरी कमर पतली और चूतड़ बड़े हैं। मैं जब चलती हूँ तो आगे से मेरी चूचियाँ हिलती हैं और पीछे से मेरी गांड मटकती है। मुझे देख कर लड़के सीटी मारने के साथ साथ कमेंट्स भी पास करते हैं. जो कुछ नहीं कर पाते वो अपना लण्ड सहलाते रहते हैं। मैं जितनी पढाई में तेज हूँ उतनी ही बोलने में तेज हूँ। गन्दी गन्दी बातें भी करती हूँ, अश्लील बातें भी करती हूँ और कभी कभी गालियां भी सुना देती हूँ। मैं किसी से डरती नहीं और खुल कर सबसे बात करती हूँ। जब से मैने डिग्री कॉलेज ज्वाइन किया है तबसे मैं और बोल्ड हो गयी हूँ। मैं झांट किसी की परवाह नहीं करती और बिंदास अपनी ज़िन्दगी जी रही हूँ।
मैं जब १८ + की हुई तो लड़कों की तरफ आकर्षित होने लगी। मुझे जवां लड़के बड़े अच्छे लगने लगे। मुझे अच्छी शकल वाले और चौड़ी छाती वाले लड़के ज्यादा पसंद आने लगे। मैं किसी न किसी बहने उनके पास जाने लगी और उनसे बातें करने लगी। मैंने यह महसूस किया कुछ स्मार्ट और हैंडसम लड़के भी मेरी तरफ आकर्षित हो रहें हैं। मैं भी उन्हें कभी कभी थोड़ा लिफ्ट मारने लगी। कभी थोड़ा नखरा और थोड़ा अपनी अदाएं भी दिखाने लगी। सबसे बड़ी बात यह थी की मुझे जो भी लड़का पसंद आता था मैं उसके लण्ड के बारे में सोंचने लगती। उसके लण्ड के साइज के बारे में अंदाजा लगाने लगती। इसी बीच मैंने नेट पर कई ब्लू फिल्म देखीं। कई सेक्स की कहानियां पढ़ीं तो मेरे अंदर लण्ड पकड़ने की इच्छा बढ़ गयी। एक दिन मुझे मेरी एक सहेली ने बताया यार अनीता तुम नेट पर "Sex" की कहानियां पढ़ो, तुम्हे मज़ा आ जायेगा। मैंने उसी दिन रात में वो ब्लॉग खोला और उसकी कहानियों के शीर्षक पढ़े तो मेरी चूत की आग धधकने लगी। मैंने मन में कहा बाप रे बाप इतने हॉट टाइटल्स ? तब तो ये कहानियां भी बड़ी हॉट होंगी। मैंने एक कहानी पढ़ी तो आधी कहानी में ही मेरे कपड़े उतर गए, मैंने अपनी चूत में उंगली घुसेड़ ली। अपनी चूचियाँ दबाने लगी। कहानी खत्म होते होते मेरी चूत का कबाड़ा हो गया। मैंने कहा साला कहानी लिखने वाला या लिखने वाली बहुत बड़ी मादर चोद है। इतनी हॉट कहानियां पढ़ कर तो ठंढी औारत भी गरम हो जाएगी। फिर मैंने मन में कहा यार इतनी गरम गरम कहानियां पढूंगी तो फिर लण्ड की जरुरत पड़ेगी। मुझे तो अब कहानी से ज्यादा लण्ड की याद आ रही है। हाय दईया मैं किसका लण्ड पकड़ूं और किसका लण्ड पेलूं अपनी चूत में ? सच तो यह है की जैसे ही मेरी जवानी चढ्ने लगी वैसे ही मुझे लण्ड देखने की और लण्ड पकड़ने की इच्छा बढ़ने लगी।
वैसे तो मेरे क्लास में कई लड़के हैं लेकिन मेरी नज़र अधिक तर दो लड़कों पर रहती है। एक तो है रोहित और दूसरा है रोहन ? मैं इनके इर्द गिर्द घूमने की चेस्टा करती, उनसे बात करने के बहाने ढूंढती और आपस में नोट्स भी एक्सचेंज किया करती। मैं अपने हाव भाव से उन पर दौरे डालने की कोशिश भी करती। एक दिन मैं उधर से गुज़र रही थी तो उन दोनों को बात करते हुए सुन लिया। राहुल बोला यार लड़कियां तो कई हैं क्लास में पर जो बात अनीता में है वह किसी में नहीं ? रोहन बोला हां यार तू सही कह रहा है। मुझे भी सबसे अच्छी अनीता ही लगती है। वह खूबसूरत है, सेक्सी है, हॉट है और उसका चलना फिरना सब मुझे बहुत अच्छा लगता है। मैं उसे अकसर देखा करता हूँ। राहुल बोला यार मैं तो उसके बड़े बड़े बूब्स देखता हूँ और उसकी मस्तानी गांड भी । वह जब मटकती हुई चलती है तो मेरे लण्ड के कुछ कुछ होने लगता है। रोहन बोला यार सच तो यह है की कभी कभी मुझे लगता ही की इसे पकड़ कर चोद दूँ किसी दिन। राहुल बोला मेरा तो बहन चोद खड़ा हो जाता है लण्ड उसे देख कर।
उनकी बातें सुन कर मैं बहुत बहुत खुश हुई। उस दिन के बाद मैं और सज धज कर कॉलेज आने लगी। अपनी और अदाएं दिखाने लगी और थोड़ा डबल मीनिंग वाली बातें करने लगी। कुछ अश्लील भी बोलने लगी। मैं अपने ग्रुप में खूब मस्ती करने लगी और जब वो दोनों कहीं दिख जाते तो मैं अपनी दोस्तों के बीच और हंस हंस कर गन्दी गन्दी बातें करने लगती। एक दिन रोहन जा रहा था तो मैंने अपनी दोस्त सीमा से कहा हाय मेरी जान किसकी गांड मारने जा रही है तू। तब तक शीला भी आ गयी मैं उससे बोली हाय शीला बहन चोद आज तू बड़ी सेक्सी लग रही है। कोई लौड़ा मिल गया क्या ? रोहन में मेरी बातें सुन लीं और मुस्कराता हुआ चला गया। इसी तरह एक दिन मैं अपनी दोस्तों के बीच कुछ बात चीत कर रही थी। बातें बड़ी मजेदार हो रही थी तभी वहां से राहुल गुज़रा तो मैं बोली हाय पूजा आजकल तेरे बूब्स बहुत बढ़ रहें हैं। कोई चोदने वाला मिल गया क्या तुम्हे ? वह बोली अरे यार कोई भोसड़ी वाला अपना लण्ड पकड़ाता ही नहीं मुझे ? यह सुन कर सब लड़कियां तालियां बजा कर हंसने लगीं। लेकिन मेरी बातें उसने सुन लीं।
मेरी मस्तियाँ धीरे धीरे बढ़ने लगीं। एक तरफ मैं घर में Sex की कहानियां पढ़ने लगी, नेट पर ब्लू फिल्म देखने लगी और नेट पर ही लड़कों और लड़कियों से चैटिंग करने लगी। पहले one to one चैटिंग बाद में group chatting . इससे मुझे लड़के और लड़कियों की गुप्त बातों की जानकारी मिलने लगी। गन्दी गन्दी नंगी तश्वीरों का आदान प्रदान होने लगा। चुदाई की फोटो, ग्रुप चुदाई की फोटो, लण्ड की फोटो, लण्ड की चुसाई की फोटो सब आने लगीं। कुल मिलाकर यह हुआ की मेरी लण्ड पकड़ने की इच्छा दिन पर दिन प्रबल होती गयी। मेरी आँखों के आगे लण्ड ही लण्ड नाचने लगे। मेरी चूत की इच्छाएं बढ़ने लगी। मेरी गांड दुपदुपाने लगी और चूचियाँ मचलने लगीं। मैं जब भी ये सब करती तो मेरी चूचियाँ तन कर खड़ी हो जातीं।
इधर मेरी नजदीकियां कुछ राहुल और रोहन के साथ बढ़ने लगीं। हम तीनो अक्सर बातें करने लगे। अपनी अपनी बातें और अनुभव सुनाने लगे। धीरे धीरे बातें गहरी भी होतीं गईं। कई बार मेरे मुंह से बहन चोद, मादर चोद, भोसड़ी का, गांडू भी निकल आया। मैंने देखा की मेरे मुंह से गालियां सुन कर वो दोनों नाराज़ नहीं हुए बल्कि खूब एन्जॉय किया। इस तरह हम तीनो कॉलेज के बाहर भी इधर उधर घूमने लगे। एक बार सिनेमा देखने भी गए। मेरा मन था की मैं इनके लण्ड पकड़ कर देखूं लेकिन माहौल नहीं मिला। हां असर यह जरूर हुआ की हम तीनो की दोस्ती अच्छी खासी बन गयी। मुझे यह तो मालूम ही था की राहुल और रोहन दोनों आपस मेंअच्छे दोस्त हैं।
मेरी एक बहुत अच्छी दोस्त है मिस सारा खान। वह मुझे एक साल छोटी है
एक दिन हम दोनों फुर्सत से बैठी हुई बातें कर रही थीं। बातों बातों में मैंने कहां यार सारा मैंने तो आज तक कभी कोई लण्ड नहीं पकड़ा ?
वह मुझ फटी फटी सी आँखों से देखने लगी और बोली हाय दईया क्या तू वाकई सच कह रही है ? मैंने कहां मैं बिलकुल सच कह रही हूँ। मैे लण्ड की फोटो देखि है। ब्लू फिल्म में लण्ड देखा है लेकिन असली में अभी तक मैंने कोई लण्ड नहीं देखा ?
तो क्या तू अभी तक गांड मरा रही थी अपनी ? माँ चुदा रही थी तू अपनी ? तू मुझसे एक साल बड़ी है। २२ साल की है तू एकदम मस्त जवान। और तूने अभी तक कोई लण्ड नहीं पकड़ा।
तू तो ऐसी बातें कर रही है माँ की लौड़ी सारा जैसे तू कई लण्ड पकड़े बैठी है ?
हां हां मैंने कई लण्ड पकड़े हैं। मैं पिछले ३ साल से लण्ड पकड़ रही हूँ यार। पकड़ ही नहीं रही हूँ, बल्कि चुदवा भी रही हूँ यार ? मैंने मामू का लण्ड पकड़ा। खालू का लण्ड पकड़ा, जीजू का लण्ड पकड़ा। मोहल्ले के दो लड़कों के लण्ड पकड़ा और कभी कभी ये सब अपने दोस्तों के भी लण्ड पकड़ा देते हैं मुझे। मैं तो जवानी का पूरा मज़ा ले रही हूँ।
यार मैं तो बहुत हैरान हूँ यह सुनकर सारा। एक तू है जो २१ साल में ही इतने लण्ड पकड़ती है और एक मैं हूँ जो अभी तक बिना लण्ड के घूम रही हूँ।
अरी अनीता अब तू देर न कर जल्दी से लण्ड पकड़ना शुरू कर दे। इस भद्दर जवानी ने बुर नहीं चुदवायेगी तो कब चुदवायेगी। जवानी खत्म होने में देर नहीं लगती ? बाद में हाथ मलती रह जाओगी। मेरी अम्मी ने मुझे १९ साल की उम्र में ही लण्ड पकड़ा दिया था।
सारा की यह बात मेरे मन में घर कर गयी। मैं भी सोंचने लगी की सारा कहती तो ठीक ही है। मेरी जवानी ३/४ पहले से शुरू हो गई है और मैं भोसड़ी की अभी तक एक भी लौड़ा नहीं पकड़ पायी। तो यह मेरी कमजोरी है किसी और की नहीं ? बस मैं राहुल और रोहन से दोस्ती और बढ़ाने लगी। एक दिन बुक्स के बहाने मैं उसके घर चली गयी। एक दिन नोट्स के बहाने रोहन मेरे घर आ गया। इस तरह आना जाना शुरू हो गया। इधर मैं इनके अलावा भी तांक झाँक करने लगी की कहीं किसी और का लौड़ा मिल जाए तो अच्छा हो। किसी तरह शुरुआत तो हो बहन चोद। बाकी स्पीड तो आगे बढ़ ही जाएगी।
एक दिन और मैं रोहन के घर नोट्स एक्सचेंज करने के लिए चली गयी। छुट्टी का दिन था। घर में उसके और कोई नहीं था। वह अकेला था। वह मुझे देख कर खुश हो गया। उसका चेहरा खिल गया। उसने मुझे बड़े आदर के साथ बैठाया और पानी दिया पीने के लिए। मैं भी उस दिन बड़े मूड में थी। मैं सोफे पर बैठी हुई थी। मैंने जींस और टॉप पहना था। ब्रा भी नहीं थी उसके अंदर। रोहन भी एक तौलिया लपेटे हुआ था बस और ऊपर एक बनियाइन। उसकी चौड़ी छाती दिख रही थी। छाती के बाल ऊपर से कुछ निकले हुए थे। उसका मर्दाना पन झलक रहा था। वह बोला अनीता मैं अभी आता हूँ। मैं वहीँ बैठ कर एक किताब पढ़ने लगी। थोड़ी देर में मैंने उसे आता हुआ देखा। उसके दोनों हाथ में गरम गरम चाय की प्याली थी। वह धीरे धीरे आ रहा था। जैसे ही वह कमरे में घुसा वैसे ही उसकी तौलिया खुल गयी। खुल कर नीचे गिर गयी। वह नंगा हो गया और मैंने उसका लण्ड देख लिया। मैं फ़ौरन उठी और उसके हाथ से दोनों चाय की प्याली ले ली। वह तुरंत नीचे बैठ गया और अपना लण्ड छिपा लिया।
लेकिन मैंने तो उसका लण्ड पूरा का पूरा देख ही लिया था । उसने तौलिया लपेटी और सॉरी कह कर अंदर चला गया। फिर पैजामा पहन कर आया बोला यार अनीता आई एम सॉरी। मैंने कहा कोई बात नहीं यार ऐसा कभी कभी हो जाता है। तुम चिंता न करो मैंने कुछ देखा नहीं। मगर सच यह है की उसका लण्ड देखते ही मेरी चूत की आग भड़क गयी। उसकी छोटी छोटी झाँटें तो और सेक्सी लग रही थीं। बस थोड़ी देर में अचानक राहुल भी आ गया। आज वह मुझे बड़ा हैंडसम लग रहा था। उसने भी बात की और फिर बोला यार अनीता आज मैं एक बात कह रहा हूँ प्लीज मना मत करना। वह बोला देखो हम तीनो दोस्त हैं और दोस्तों में कोई लुका छिपी का खेल नहीं होता। जो कुछ है वह खुल्लम खुल्ला है। मैं आज व्हिस्की लाया हूँ मैं चाहता हूँ तुम भी हमारा साथ दो। मैंने हां कह दी। बस फिर क्या हम तीनो लोग शराब पीने लगे। वैसे मैं पहली बार नहीं पी रही थी। मैं अपनी सहेलियों के साथ कई बार पी चुकी हूँ और एन्जॉय कर चुकी हूँ। हां बॉयज के साथ आज पहली बार है। आज कुछ अलग तरह का मज़ा आएगा।
बस फिर सबने चियर्स कहा और शराब पीने लगी। कॉलेज की बातें होने लगी। पहले पढ़ाई की फिर लड़के और लड़कियों की और फिर उसके बाद हंसी मजाक। तब तक एक एक पैग शराब खत्म हो गयी दारु और दूसरा पैग चालू हो गया। शुरुर चढ़ने लगा। मस्ती बढ़ने लगी। इधर मेरी आँखों में रोहन का लौड़ा घूम रहा था। अचानक राहुल बोला यार अनीता एक बात बोलूं ? मैंने कहा हां बोलो। उसने कहां यार मैं तुम्हे बहुत चाहता हूँ। तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो। मैंने पलक झपकाते हुए और मुस्कराते हुए जबाब दिया तुम भी मुझे बहुत अच्छे लगते हो यार। और मुझे रोहन भी बहुत अच्छा लगता है। रोहन बोला यार अनीता मैं तुम्हे दिल से चाहता हूँ। आज मैं अपने मन की बात बता रहा हं मुझे कॉलेज में तेरे आगे कोई और लड़की पसंद ही नहीं आती ? राहुल बोला यार यही हाल मेरा भी हैं। मैं तो तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकता हूँ। मेरे मन में आया की मैं कह दूँ भोसड़ी के पहले अपना लौड़ा दिखाओ मुझे ? मैं तो लौड़े के लिए तरस रही हूँ। लेकिन मैं चुप रही और सिर्फ यही कहा की हां मैं यह बात जानती हूँ। आखिरकार तुम दोनों मेरे दोस्त हो न ?
मैं थोड़ा आगे झुक कर अपने बूब्स निकाले हुए बात कर रही थी। मेरा हाव भाव बड़ा सेक्सी था। मैं समझ रही थी की इन दोनों के लण्ड में तहलका मचा हुआ है। दोनों मुझे प्यार भरी निगाहों से देख रहें है और मेरी चूचियाँ बड़े प्रेम से ताक रहें हैं।
राहुल ने अचानक अपना हाथ मेरे हाथ पर रख कर कहा - देखो अनीता मैं तुम्हारा दोस्त हूँ, तुम्हारा चाहने वाला हूँ। आज मना मत करना प्लीज। आज तो कुछ हो जाने दो। मैं भी उसका हाथ हटाया नहीं।
तब तक रोहन ने भी अपना हाथ मेरे हाथ पर रखा और बोला - आज तुम भी दोस्ती निभा कर दिखा दो। देखो हम सब दोस्त भी हैं और जवान भी हैं। कहते हैं की दोस्ती में और जवानी में सब चलता है।
मैंने कहा - तो मैं कहाँ पीछे हट रही हूँ।
मेरा इतना कहना हुआ की राहुल ने मेरी चुम्मी ले ली। मेरे दूसरे गाल की चुम्मी रोहन ने ले ली। मैं भी आगे बढ़ी और दोनों के गले में अपनी बाहें डाल दीं। उन्हें संकेत मिल गया की मैं पूरी तरह तैयार हूँ। बस राहुल का हाथ मेरे बूब्स पर आ गया। और फिर रोहन का हाथ भी। मैंने कहा अरे ये क्या कर रहे हो तुम लोग। हाय रे छोड़ो न मुझे मैं तुम दोनों के साथ ,,,,,,,,,,,,,? रोहन बोला तो क्या हुआ हम दोनों दोस्त हैं यार ? मैंने उसका हाथ हटते हुए कहा नहीं नहीं यह सब ठीक नहीं है। पर असल में यह सब नाटक था। मैं तो चाहती ही थी की आज वो दोनों मिलकर चोदे मुझे। इतने में मेरे टॉप के दोनों बटन खुल गए और मेरी चूचियाँ बाहर निकल आईं। उन दोनों ने एक एक चूंची चूमना शुरू कर दिया। मैं भी निढाल हो गयी। मेरे दोनों हाथ धीरे धीरे उनके लण्ड की तरफ बढ़ने लगे। थोड़ी देर में मेरा टॉप खुल कर नीचे गिर पड़ा। मेरी चूचियाँ बिलकुल नंगी हो गईं और मैं मस्ती में आने लगी। मेरी धड़कने बढ़ने लगीं।
तब मैंने भी उन दोनों के लण्ड पैंट के ऊपर से ही दबा दिया। उसके बाद राहुल ने मुझे गोद में उठा लिया और पीछे के कमरे में जहाँ ज़मीन पर गद्दा बिछा था वहीँ लिटा दिया। वह बुरी तरह मेरे कपड़े खोलें लगा मैं इधर रोहन की पेंट खोलने लगी। मेरी जींस जब खुल गयी तो मेरी मस्तानी चूत उन दोनों के सामने एकदम नंगी हो गयी। तब तक मैंने भी रोहन का लौड़ा बाहर निकाल लिया। यह वही लौड़ा है जिसकी झलक मैंने अभी कुछ देर पहले ली थी। तब लण्ड छोटा था अब देखो कितना बड़ा हो गया है। मैं लण्ड देख कर बहुत खुश हो गयी। फिर मैं राहुल की पैंट खोलने लगी। उसे नंगा किया तो उसका लौड़ा भी टन टना कर मेरे सामने खड़ा हो गया। मैं अपने दोनों हाथों से दोनों लण्ड हिलाने लगी। मेरा अंदाज़ा सही निकला। दोनों लण्ड साले बड़े मद मस्त और मोटे मोटे निकले। दोनों लण्ड के सुपाड़े बिलकुल खुल चुके थे। राहुल के लण्ड का सुपाड़ा गोल था और रोहन के लण्ड का सुपाड़ा अंडाकार। वो दोनों मेरी चूत और चूचियाँ मसलने लगे । मैं दोनों लण्ड पकड़ कर बारी बारी से चाटने लगी। जबान दोनों लण्ड के टोपा पर घुमाने लगी।
मैंने कहा यार राहुल मुझे थोड़ी और शराब पिला दो, उसने तीन पैग बनाए और एक एक हमको पकड़ा दिया। मैं एक ही सांस से पी गयी पूरी शराब और फिर पीने लगी बारी बारी से दोनों लण्ड। कभी राहुल का लण्ड पूरा अपने मुंह में घुसेड़ लेती कभी रोहन का लण्ड ? आधे से अधिक लण्ड मुंह में घुसेड़ घुसेड़ कर मैं दोनों लण्ड चूसने लगी। मुझे सारा की बात याद आ गयी। वह बुर चोदी सही कह रही थी की जवानी में लण्ड नहीं लोगी तो कब लोगी ? यह सोंच कर मेरी मस्ती और बढ़ गयी। मैंने कहा रोहन तुम मेरी बुर चाटो तब तक मैं राहुल का लण्ड चूस लेती हूँ। रोहन मेरी बुर बड़े प्यार से चाटने लगा। मैं भी अपनी दोनों टांगें फैलाकर बुर चटवाने लगी। वाह मुझे तो ज़न्नत का मज़ा आ रहा है। आज मुझे मालूम हो रहा है की मैं जवां हूँ। थोड़ी देर तक ऐसे करने के बाद मैं बोली राहुल अब तुम मेरी बुर चाटो मैं तब तक रोहन का लण्ड चूस लेती हूँ। मुझे दोनों लण्ड बेहद पसंद आये। मुझे तो दोनों लण्ड से मोहब्बत हो गयी।
राहुल भी मजे से बुर चाटने लगा। उसने अपनी जबान पूरी मेरी में घुसेड़ दी। बार बार अंदर बाहर करने लगा अपनी जबान। मुझे भी मज़ा आने लगा। फिर उससे रहा न गया। , उसने मेरी गांड के नीचे एक तकिया लगायी और अपना लण्ड मेरी बुर में पेल दिया। लण्ड पूरा घुस गया। मैं चिल्ला पड़ी अरे भोसड़ी के राहुल,, माँ का लौड़े तूने एक बार में ही घुसेड़ दिया पूरा लण्ड। ये मेरी चूत है यार किसी का भोसड़ा नहीं ? उसके बाद मैं भी मजे से चुदवाने लगी। आज पहली बार कोई लौड़ा मेरी चूत में घुसा है। कोई पहली बार मुझे चोद रहा है। मैं मन में सोंचने लगी की जब चुदवाने में इतना मज़ा है तो मैने बिना मतलब अपने जवानी के तीन साल बर्बाद कर दिया। मुझे पहले से ही चुदवाना शुरू करना चाहिए था। अब मैं एक दिन भी बर्बाद नहीं करुँगी। हर रोज़ पेलूंगी किसी न किसी का लण्ड बहन चोद ? थोड़ी देर में राहुल ने इशारा किया तो रोहन ने उधर से आकर अपना लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया। वह भी राहुल की तरह भकर भकर चोदने लगा और मैं राहुल का लण्ड चपर चपर पीने लगी। दो दो लण्ड से एक ही साथ चुदवाना मुझे बड़ा मज़ा दे रहा था।
इस तरह वो दोनों मुझे बारी बारी से चोदते रहे. इतने में राहुल बोला अब मैं तुम्हे पीछे से चोदूंगा अनीता, मैंने कहां तो चोदो। किस भोसड़ी वाली ने मना किया है। उसने मुझे कुतिया बना दिया और मेरे पीछे जाकर लौड़ा पेल दिया मेरी चूत में। वह मुझे कुत्ते की तरह चोदने लगा। इधर रोहन ने अपनी दोनों टांगें अंदर करके अपना खड़ा लण्ड मेरे मुंह में सामने कर दिया। मैंने सर झुका कर उसका लण्ड मुंह में ले लिया । एक लण्ड मुंह में और एक लण्ड बुर में। बस इसी तरह मैं मस्ती से चुदवाने में जुटी हुई थी। मुझे लगा की अक्सर लड़कियां एक ही लण्ड से चुदवाती है। मैं तो दो लण्ड से चुदवा रही हूँ। अब एक लण्ड से तो पूरा मज़ा आता नहीं होगा ? जब तक आँखों के सामने एक खड़ा लण्ड न हो तब तक चुदवाने का क्या मतलब ? अचानक राहुल बोला यार अनीता अब मैं निकलने वाला हूँ। तब मैं फौरन घूम गयी और उसका लण्ड मुठ्ठी में लेकर मुठियाने लगी। यानी मैं मुठ्ठ मारने लगी। यह मैंने पोर्न फिल्म से सीखा था। मैं जल्दी जल्दी मुठ्ठ मारने लगी तो उसके लण्ड ने उगल दिया वीर्य मेरे मुंह में। उसके झड़ने के बाद रोहन भी बोला यार मेरा भी सड़का मार दो अनीता। मैंने उसके लण्ड का भी मक्खन निकाल लिया और उसे चाट गयी।
उस दिन तो मैं चुदवा कर चली आई पर रात में फिर लण्ड की याद आने लगी। चूत मचल उठी। मैंने राहुल को फोन मिलाया वह बोला जाने मन मेरा भी लौड़ा खड़ा है। साला बैठ ही नहीं रहा है । मैंने अभी रोहन से बात किया वह भी तेरी चूत की याद में खोया हुआ है। मैंने कहा तो फिर आओ और चोदो न मुझे। वह बोला यार मैं अभी उसे लेकर आता हूँ। बाद एक घंटे में वो दोनों आ गए। मैंने फिर रात भर दोनों से चुदवाया।
अब मेरी नज़रें नए नए लड़कों को ढूँढ़ने लगीं। एक दिन मुझे एक लड़का दिखाई पड़ा। देखते ही मेरी नियत उस पर ख़राब हो गयी। मैं उसके आगे पीछे घूमने लगी। मुझे मॉल हुआ की यह इसी कॉलेज का लड़का है पर मेरे क्लास का नहीं। मुझे एक साल जूनियर है। मैं उससे मिली। उसने अपना नाम बताया राणा। उसने यह भी बताया की मेरा एक दोस्त है राका। उसने मुझे राका से भी मिलवाया तो उसे देख कर मेरी चूत गनगना उठी। मैंने मन में ठान लिया की एक दिन इन दोनों के लण्ड अपनी चूत में पेलूंगी मैं । राणा एक दिन मेरे घर आ गया । मैंने उसे बैठाया और फिर ड्रिंक्स भी ऑफर की। पहले तो वह मना करता रहा पर फिर मान गया। बात करते करते बोला मेम मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूँ। मैंने कहा मुझे घर में मेम मत कहो। मेम की माँ की चूत। मैं यहाँ मेम नहीं हूँ. मैं यहाँ हरामजादी अनीता हूँ, भोसड़ी की अनीता हूँ, बुर चोदी अनीता हूँ। मुझे अनीता ही बुलाया करो वह भी गाली देकर। मुझे बड़ा मज़ा आएगा। मैं उसकी झिझक मिटाना चाहती थी। उसे बेशर्म बनाना चाहती थी ताकि वह मुझे लण्ड पकड़ाने में शर्माए नहीं। शर्माएगा तो लण्ड ठीक से खड़ा नहीं होगा। वह बात करता रहा। तब तक नशा चढ़ने लगा था , मैंने तीसरा पैग बनाया और उसे पिलाया। फिर मैं उठी और उसके बगल में बैठ कर उसके लण्ड पर हाथ रख दिया।
मैंने कहा यार राणा मेरे राजा तम्हारा लण्ड कितना बड़ा है ? मैं यह देखना चाहती हूँ। प्लीज मुझे दिखाओ अपना लण्ड। मैं उसकी बेल्ट खोलने लगी। वह बोला अरे यह आप क्या कर रही हैं। मैंने कहा मैं वही कर रही हूँ जो एक जवान लड़की को एक जवान लड़के के साथ करना चाहिए। तब तक उसकी पेंट खुल चुकी थी। उसका लण्ड बाहर निकाला और उसे प्यार से हिलाने लगी। उसे चूमने लगी और पुचकारने लगी। लण्ड बढ़ने लगा और फिर तन कर खड़ा हो गया मेरे आगे। मैंने कहा अरे वाह तेरा लण्ड तो बहुत जबरदस्त है यार ? मेरी तो चूत फाड़ डालेगा ये ? मैं मस्ती से लण्ड चाटने लगी। वह बिचारा मना नहीं कर पाया। फिर उसे मज़ा आने लगा क्योंकि मैंने उसे अपनी चूचियाँ और चूत दोनों दिखा दीं. मैंने बड़ी देर तक लण्ड मुंह से निकाला ही नहीं। चूसती गयी चूसती गयी। वह भी मुंह को चूत की तरह चोदने लगा। फिर बोला यार अब मैं झड़ जाऊंगा। मैंने फिर लण्ड मुठ्ठी में लिया और प्रेम से मारा उसका सड़का ?
बस थोड़ी ही देर में उसकी पिचकारी छूट गयी और मैं पीने लगी लण्ड। जाते समय मैंने कहा राणा अब इतवार को अपने दोस्त राका को लेकर आना।
इतवार को जब वो दोनों आये तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था। राका तो राणा से ज्यादा समार्ट और हैंडसम था। मैंने फिर इन दोनों से उसकी तरह चुदवाया जैसे मैंने राहुल और रोहन से चुदवाया था।
फिर तो मुझे दो दो लण्ड से एक साथ चुदवाने का चस्का लग गया। अब तो जब मैं दो लण्ड अपनी आँखों से देख लेती हूँ तभी अपने कपड़े खोलती हूँ नहीं तो नहीं खोलती।
मेरा नाम अनीता है दोस्तों, मैं २२ साल की हूँ और एक डिग्री कॉलेज से पी जी कर रही हूँ। मैं स्वभाव से चंचल, शोख़ और चुलबुली लड़की हूँ। खूबसूरत हूँ, हॉट और सेक्सी हूँ। मेरा कद ५' ५" है, गोरी हूँ और मस्त रहती हूँ। मेरे बूब्स सुडौल और बड़े बड़े है, मेरी कमर पतली और चूतड़ बड़े हैं। मैं जब चलती हूँ तो आगे से मेरी चूचियाँ हिलती हैं और पीछे से मेरी गांड मटकती है। मुझे देख कर लड़के सीटी मारने के साथ साथ कमेंट्स भी पास करते हैं. जो कुछ नहीं कर पाते वो अपना लण्ड सहलाते रहते हैं। मैं जितनी पढाई में तेज हूँ उतनी ही बोलने में तेज हूँ। गन्दी गन्दी बातें भी करती हूँ, अश्लील बातें भी करती हूँ और कभी कभी गालियां भी सुना देती हूँ। मैं किसी से डरती नहीं और खुल कर सबसे बात करती हूँ। जब से मैने डिग्री कॉलेज ज्वाइन किया है तबसे मैं और बोल्ड हो गयी हूँ। मैं झांट किसी की परवाह नहीं करती और बिंदास अपनी ज़िन्दगी जी रही हूँ।
मैं जब १८ + की हुई तो लड़कों की तरफ आकर्षित होने लगी। मुझे जवां लड़के बड़े अच्छे लगने लगे। मुझे अच्छी शकल वाले और चौड़ी छाती वाले लड़के ज्यादा पसंद आने लगे। मैं किसी न किसी बहने उनके पास जाने लगी और उनसे बातें करने लगी। मैंने यह महसूस किया कुछ स्मार्ट और हैंडसम लड़के भी मेरी तरफ आकर्षित हो रहें हैं। मैं भी उन्हें कभी कभी थोड़ा लिफ्ट मारने लगी। कभी थोड़ा नखरा और थोड़ा अपनी अदाएं भी दिखाने लगी। सबसे बड़ी बात यह थी की मुझे जो भी लड़का पसंद आता था मैं उसके लण्ड के बारे में सोंचने लगती। उसके लण्ड के साइज के बारे में अंदाजा लगाने लगती। इसी बीच मैंने नेट पर कई ब्लू फिल्म देखीं। कई सेक्स की कहानियां पढ़ीं तो मेरे अंदर लण्ड पकड़ने की इच्छा बढ़ गयी। एक दिन मुझे मेरी एक सहेली ने बताया यार अनीता तुम नेट पर "Sex" की कहानियां पढ़ो, तुम्हे मज़ा आ जायेगा। मैंने उसी दिन रात में वो ब्लॉग खोला और उसकी कहानियों के शीर्षक पढ़े तो मेरी चूत की आग धधकने लगी। मैंने मन में कहा बाप रे बाप इतने हॉट टाइटल्स ? तब तो ये कहानियां भी बड़ी हॉट होंगी। मैंने एक कहानी पढ़ी तो आधी कहानी में ही मेरे कपड़े उतर गए, मैंने अपनी चूत में उंगली घुसेड़ ली। अपनी चूचियाँ दबाने लगी। कहानी खत्म होते होते मेरी चूत का कबाड़ा हो गया। मैंने कहा साला कहानी लिखने वाला या लिखने वाली बहुत बड़ी मादर चोद है। इतनी हॉट कहानियां पढ़ कर तो ठंढी औारत भी गरम हो जाएगी। फिर मैंने मन में कहा यार इतनी गरम गरम कहानियां पढूंगी तो फिर लण्ड की जरुरत पड़ेगी। मुझे तो अब कहानी से ज्यादा लण्ड की याद आ रही है। हाय दईया मैं किसका लण्ड पकड़ूं और किसका लण्ड पेलूं अपनी चूत में ? सच तो यह है की जैसे ही मेरी जवानी चढ्ने लगी वैसे ही मुझे लण्ड देखने की और लण्ड पकड़ने की इच्छा बढ़ने लगी।
वैसे तो मेरे क्लास में कई लड़के हैं लेकिन मेरी नज़र अधिक तर दो लड़कों पर रहती है। एक तो है रोहित और दूसरा है रोहन ? मैं इनके इर्द गिर्द घूमने की चेस्टा करती, उनसे बात करने के बहाने ढूंढती और आपस में नोट्स भी एक्सचेंज किया करती। मैं अपने हाव भाव से उन पर दौरे डालने की कोशिश भी करती। एक दिन मैं उधर से गुज़र रही थी तो उन दोनों को बात करते हुए सुन लिया। राहुल बोला यार लड़कियां तो कई हैं क्लास में पर जो बात अनीता में है वह किसी में नहीं ? रोहन बोला हां यार तू सही कह रहा है। मुझे भी सबसे अच्छी अनीता ही लगती है। वह खूबसूरत है, सेक्सी है, हॉट है और उसका चलना फिरना सब मुझे बहुत अच्छा लगता है। मैं उसे अकसर देखा करता हूँ। राहुल बोला यार मैं तो उसके बड़े बड़े बूब्स देखता हूँ और उसकी मस्तानी गांड भी । वह जब मटकती हुई चलती है तो मेरे लण्ड के कुछ कुछ होने लगता है। रोहन बोला यार सच तो यह है की कभी कभी मुझे लगता ही की इसे पकड़ कर चोद दूँ किसी दिन। राहुल बोला मेरा तो बहन चोद खड़ा हो जाता है लण्ड उसे देख कर।
उनकी बातें सुन कर मैं बहुत बहुत खुश हुई। उस दिन के बाद मैं और सज धज कर कॉलेज आने लगी। अपनी और अदाएं दिखाने लगी और थोड़ा डबल मीनिंग वाली बातें करने लगी। कुछ अश्लील भी बोलने लगी। मैं अपने ग्रुप में खूब मस्ती करने लगी और जब वो दोनों कहीं दिख जाते तो मैं अपनी दोस्तों के बीच और हंस हंस कर गन्दी गन्दी बातें करने लगती। एक दिन रोहन जा रहा था तो मैंने अपनी दोस्त सीमा से कहा हाय मेरी जान किसकी गांड मारने जा रही है तू। तब तक शीला भी आ गयी मैं उससे बोली हाय शीला बहन चोद आज तू बड़ी सेक्सी लग रही है। कोई लौड़ा मिल गया क्या ? रोहन में मेरी बातें सुन लीं और मुस्कराता हुआ चला गया। इसी तरह एक दिन मैं अपनी दोस्तों के बीच कुछ बात चीत कर रही थी। बातें बड़ी मजेदार हो रही थी तभी वहां से राहुल गुज़रा तो मैं बोली हाय पूजा आजकल तेरे बूब्स बहुत बढ़ रहें हैं। कोई चोदने वाला मिल गया क्या तुम्हे ? वह बोली अरे यार कोई भोसड़ी वाला अपना लण्ड पकड़ाता ही नहीं मुझे ? यह सुन कर सब लड़कियां तालियां बजा कर हंसने लगीं। लेकिन मेरी बातें उसने सुन लीं।
मेरी मस्तियाँ धीरे धीरे बढ़ने लगीं। एक तरफ मैं घर में Sex की कहानियां पढ़ने लगी, नेट पर ब्लू फिल्म देखने लगी और नेट पर ही लड़कों और लड़कियों से चैटिंग करने लगी। पहले one to one चैटिंग बाद में group chatting . इससे मुझे लड़के और लड़कियों की गुप्त बातों की जानकारी मिलने लगी। गन्दी गन्दी नंगी तश्वीरों का आदान प्रदान होने लगा। चुदाई की फोटो, ग्रुप चुदाई की फोटो, लण्ड की फोटो, लण्ड की चुसाई की फोटो सब आने लगीं। कुल मिलाकर यह हुआ की मेरी लण्ड पकड़ने की इच्छा दिन पर दिन प्रबल होती गयी। मेरी आँखों के आगे लण्ड ही लण्ड नाचने लगे। मेरी चूत की इच्छाएं बढ़ने लगी। मेरी गांड दुपदुपाने लगी और चूचियाँ मचलने लगीं। मैं जब भी ये सब करती तो मेरी चूचियाँ तन कर खड़ी हो जातीं।
इधर मेरी नजदीकियां कुछ राहुल और रोहन के साथ बढ़ने लगीं। हम तीनो अक्सर बातें करने लगे। अपनी अपनी बातें और अनुभव सुनाने लगे। धीरे धीरे बातें गहरी भी होतीं गईं। कई बार मेरे मुंह से बहन चोद, मादर चोद, भोसड़ी का, गांडू भी निकल आया। मैंने देखा की मेरे मुंह से गालियां सुन कर वो दोनों नाराज़ नहीं हुए बल्कि खूब एन्जॉय किया। इस तरह हम तीनो कॉलेज के बाहर भी इधर उधर घूमने लगे। एक बार सिनेमा देखने भी गए। मेरा मन था की मैं इनके लण्ड पकड़ कर देखूं लेकिन माहौल नहीं मिला। हां असर यह जरूर हुआ की हम तीनो की दोस्ती अच्छी खासी बन गयी। मुझे यह तो मालूम ही था की राहुल और रोहन दोनों आपस मेंअच्छे दोस्त हैं।
मेरी एक बहुत अच्छी दोस्त है मिस सारा खान। वह मुझे एक साल छोटी है
एक दिन हम दोनों फुर्सत से बैठी हुई बातें कर रही थीं। बातों बातों में मैंने कहां यार सारा मैंने तो आज तक कभी कोई लण्ड नहीं पकड़ा ?
वह मुझ फटी फटी सी आँखों से देखने लगी और बोली हाय दईया क्या तू वाकई सच कह रही है ? मैंने कहां मैं बिलकुल सच कह रही हूँ। मैे लण्ड की फोटो देखि है। ब्लू फिल्म में लण्ड देखा है लेकिन असली में अभी तक मैंने कोई लण्ड नहीं देखा ?
तो क्या तू अभी तक गांड मरा रही थी अपनी ? माँ चुदा रही थी तू अपनी ? तू मुझसे एक साल बड़ी है। २२ साल की है तू एकदम मस्त जवान। और तूने अभी तक कोई लण्ड नहीं पकड़ा।
तू तो ऐसी बातें कर रही है माँ की लौड़ी सारा जैसे तू कई लण्ड पकड़े बैठी है ?
हां हां मैंने कई लण्ड पकड़े हैं। मैं पिछले ३ साल से लण्ड पकड़ रही हूँ यार। पकड़ ही नहीं रही हूँ, बल्कि चुदवा भी रही हूँ यार ? मैंने मामू का लण्ड पकड़ा। खालू का लण्ड पकड़ा, जीजू का लण्ड पकड़ा। मोहल्ले के दो लड़कों के लण्ड पकड़ा और कभी कभी ये सब अपने दोस्तों के भी लण्ड पकड़ा देते हैं मुझे। मैं तो जवानी का पूरा मज़ा ले रही हूँ।
यार मैं तो बहुत हैरान हूँ यह सुनकर सारा। एक तू है जो २१ साल में ही इतने लण्ड पकड़ती है और एक मैं हूँ जो अभी तक बिना लण्ड के घूम रही हूँ।
अरी अनीता अब तू देर न कर जल्दी से लण्ड पकड़ना शुरू कर दे। इस भद्दर जवानी ने बुर नहीं चुदवायेगी तो कब चुदवायेगी। जवानी खत्म होने में देर नहीं लगती ? बाद में हाथ मलती रह जाओगी। मेरी अम्मी ने मुझे १९ साल की उम्र में ही लण्ड पकड़ा दिया था।
सारा की यह बात मेरे मन में घर कर गयी। मैं भी सोंचने लगी की सारा कहती तो ठीक ही है। मेरी जवानी ३/४ पहले से शुरू हो गई है और मैं भोसड़ी की अभी तक एक भी लौड़ा नहीं पकड़ पायी। तो यह मेरी कमजोरी है किसी और की नहीं ? बस मैं राहुल और रोहन से दोस्ती और बढ़ाने लगी। एक दिन बुक्स के बहाने मैं उसके घर चली गयी। एक दिन नोट्स के बहाने रोहन मेरे घर आ गया। इस तरह आना जाना शुरू हो गया। इधर मैं इनके अलावा भी तांक झाँक करने लगी की कहीं किसी और का लौड़ा मिल जाए तो अच्छा हो। किसी तरह शुरुआत तो हो बहन चोद। बाकी स्पीड तो आगे बढ़ ही जाएगी।
एक दिन और मैं रोहन के घर नोट्स एक्सचेंज करने के लिए चली गयी। छुट्टी का दिन था। घर में उसके और कोई नहीं था। वह अकेला था। वह मुझे देख कर खुश हो गया। उसका चेहरा खिल गया। उसने मुझे बड़े आदर के साथ बैठाया और पानी दिया पीने के लिए। मैं भी उस दिन बड़े मूड में थी। मैं सोफे पर बैठी हुई थी। मैंने जींस और टॉप पहना था। ब्रा भी नहीं थी उसके अंदर। रोहन भी एक तौलिया लपेटे हुआ था बस और ऊपर एक बनियाइन। उसकी चौड़ी छाती दिख रही थी। छाती के बाल ऊपर से कुछ निकले हुए थे। उसका मर्दाना पन झलक रहा था। वह बोला अनीता मैं अभी आता हूँ। मैं वहीँ बैठ कर एक किताब पढ़ने लगी। थोड़ी देर में मैंने उसे आता हुआ देखा। उसके दोनों हाथ में गरम गरम चाय की प्याली थी। वह धीरे धीरे आ रहा था। जैसे ही वह कमरे में घुसा वैसे ही उसकी तौलिया खुल गयी। खुल कर नीचे गिर गयी। वह नंगा हो गया और मैंने उसका लण्ड देख लिया। मैं फ़ौरन उठी और उसके हाथ से दोनों चाय की प्याली ले ली। वह तुरंत नीचे बैठ गया और अपना लण्ड छिपा लिया।
लेकिन मैंने तो उसका लण्ड पूरा का पूरा देख ही लिया था । उसने तौलिया लपेटी और सॉरी कह कर अंदर चला गया। फिर पैजामा पहन कर आया बोला यार अनीता आई एम सॉरी। मैंने कहा कोई बात नहीं यार ऐसा कभी कभी हो जाता है। तुम चिंता न करो मैंने कुछ देखा नहीं। मगर सच यह है की उसका लण्ड देखते ही मेरी चूत की आग भड़क गयी। उसकी छोटी छोटी झाँटें तो और सेक्सी लग रही थीं। बस थोड़ी देर में अचानक राहुल भी आ गया। आज वह मुझे बड़ा हैंडसम लग रहा था। उसने भी बात की और फिर बोला यार अनीता आज मैं एक बात कह रहा हूँ प्लीज मना मत करना। वह बोला देखो हम तीनो दोस्त हैं और दोस्तों में कोई लुका छिपी का खेल नहीं होता। जो कुछ है वह खुल्लम खुल्ला है। मैं आज व्हिस्की लाया हूँ मैं चाहता हूँ तुम भी हमारा साथ दो। मैंने हां कह दी। बस फिर क्या हम तीनो लोग शराब पीने लगे। वैसे मैं पहली बार नहीं पी रही थी। मैं अपनी सहेलियों के साथ कई बार पी चुकी हूँ और एन्जॉय कर चुकी हूँ। हां बॉयज के साथ आज पहली बार है। आज कुछ अलग तरह का मज़ा आएगा।
बस फिर सबने चियर्स कहा और शराब पीने लगी। कॉलेज की बातें होने लगी। पहले पढ़ाई की फिर लड़के और लड़कियों की और फिर उसके बाद हंसी मजाक। तब तक एक एक पैग शराब खत्म हो गयी दारु और दूसरा पैग चालू हो गया। शुरुर चढ़ने लगा। मस्ती बढ़ने लगी। इधर मेरी आँखों में रोहन का लौड़ा घूम रहा था। अचानक राहुल बोला यार अनीता एक बात बोलूं ? मैंने कहा हां बोलो। उसने कहां यार मैं तुम्हे बहुत चाहता हूँ। तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो। मैंने पलक झपकाते हुए और मुस्कराते हुए जबाब दिया तुम भी मुझे बहुत अच्छे लगते हो यार। और मुझे रोहन भी बहुत अच्छा लगता है। रोहन बोला यार अनीता मैं तुम्हे दिल से चाहता हूँ। आज मैं अपने मन की बात बता रहा हं मुझे कॉलेज में तेरे आगे कोई और लड़की पसंद ही नहीं आती ? राहुल बोला यार यही हाल मेरा भी हैं। मैं तो तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकता हूँ। मेरे मन में आया की मैं कह दूँ भोसड़ी के पहले अपना लौड़ा दिखाओ मुझे ? मैं तो लौड़े के लिए तरस रही हूँ। लेकिन मैं चुप रही और सिर्फ यही कहा की हां मैं यह बात जानती हूँ। आखिरकार तुम दोनों मेरे दोस्त हो न ?
मैं थोड़ा आगे झुक कर अपने बूब्स निकाले हुए बात कर रही थी। मेरा हाव भाव बड़ा सेक्सी था। मैं समझ रही थी की इन दोनों के लण्ड में तहलका मचा हुआ है। दोनों मुझे प्यार भरी निगाहों से देख रहें है और मेरी चूचियाँ बड़े प्रेम से ताक रहें हैं।
राहुल ने अचानक अपना हाथ मेरे हाथ पर रख कर कहा - देखो अनीता मैं तुम्हारा दोस्त हूँ, तुम्हारा चाहने वाला हूँ। आज मना मत करना प्लीज। आज तो कुछ हो जाने दो। मैं भी उसका हाथ हटाया नहीं।
तब तक रोहन ने भी अपना हाथ मेरे हाथ पर रखा और बोला - आज तुम भी दोस्ती निभा कर दिखा दो। देखो हम सब दोस्त भी हैं और जवान भी हैं। कहते हैं की दोस्ती में और जवानी में सब चलता है।
मैंने कहा - तो मैं कहाँ पीछे हट रही हूँ।
मेरा इतना कहना हुआ की राहुल ने मेरी चुम्मी ले ली। मेरे दूसरे गाल की चुम्मी रोहन ने ले ली। मैं भी आगे बढ़ी और दोनों के गले में अपनी बाहें डाल दीं। उन्हें संकेत मिल गया की मैं पूरी तरह तैयार हूँ। बस राहुल का हाथ मेरे बूब्स पर आ गया। और फिर रोहन का हाथ भी। मैंने कहा अरे ये क्या कर रहे हो तुम लोग। हाय रे छोड़ो न मुझे मैं तुम दोनों के साथ ,,,,,,,,,,,,,? रोहन बोला तो क्या हुआ हम दोनों दोस्त हैं यार ? मैंने उसका हाथ हटते हुए कहा नहीं नहीं यह सब ठीक नहीं है। पर असल में यह सब नाटक था। मैं तो चाहती ही थी की आज वो दोनों मिलकर चोदे मुझे। इतने में मेरे टॉप के दोनों बटन खुल गए और मेरी चूचियाँ बाहर निकल आईं। उन दोनों ने एक एक चूंची चूमना शुरू कर दिया। मैं भी निढाल हो गयी। मेरे दोनों हाथ धीरे धीरे उनके लण्ड की तरफ बढ़ने लगे। थोड़ी देर में मेरा टॉप खुल कर नीचे गिर पड़ा। मेरी चूचियाँ बिलकुल नंगी हो गईं और मैं मस्ती में आने लगी। मेरी धड़कने बढ़ने लगीं।
तब मैंने भी उन दोनों के लण्ड पैंट के ऊपर से ही दबा दिया। उसके बाद राहुल ने मुझे गोद में उठा लिया और पीछे के कमरे में जहाँ ज़मीन पर गद्दा बिछा था वहीँ लिटा दिया। वह बुरी तरह मेरे कपड़े खोलें लगा मैं इधर रोहन की पेंट खोलने लगी। मेरी जींस जब खुल गयी तो मेरी मस्तानी चूत उन दोनों के सामने एकदम नंगी हो गयी। तब तक मैंने भी रोहन का लौड़ा बाहर निकाल लिया। यह वही लौड़ा है जिसकी झलक मैंने अभी कुछ देर पहले ली थी। तब लण्ड छोटा था अब देखो कितना बड़ा हो गया है। मैं लण्ड देख कर बहुत खुश हो गयी। फिर मैं राहुल की पैंट खोलने लगी। उसे नंगा किया तो उसका लौड़ा भी टन टना कर मेरे सामने खड़ा हो गया। मैं अपने दोनों हाथों से दोनों लण्ड हिलाने लगी। मेरा अंदाज़ा सही निकला। दोनों लण्ड साले बड़े मद मस्त और मोटे मोटे निकले। दोनों लण्ड के सुपाड़े बिलकुल खुल चुके थे। राहुल के लण्ड का सुपाड़ा गोल था और रोहन के लण्ड का सुपाड़ा अंडाकार। वो दोनों मेरी चूत और चूचियाँ मसलने लगे । मैं दोनों लण्ड पकड़ कर बारी बारी से चाटने लगी। जबान दोनों लण्ड के टोपा पर घुमाने लगी।
मैंने कहा यार राहुल मुझे थोड़ी और शराब पिला दो, उसने तीन पैग बनाए और एक एक हमको पकड़ा दिया। मैं एक ही सांस से पी गयी पूरी शराब और फिर पीने लगी बारी बारी से दोनों लण्ड। कभी राहुल का लण्ड पूरा अपने मुंह में घुसेड़ लेती कभी रोहन का लण्ड ? आधे से अधिक लण्ड मुंह में घुसेड़ घुसेड़ कर मैं दोनों लण्ड चूसने लगी। मुझे सारा की बात याद आ गयी। वह बुर चोदी सही कह रही थी की जवानी में लण्ड नहीं लोगी तो कब लोगी ? यह सोंच कर मेरी मस्ती और बढ़ गयी। मैंने कहा रोहन तुम मेरी बुर चाटो तब तक मैं राहुल का लण्ड चूस लेती हूँ। रोहन मेरी बुर बड़े प्यार से चाटने लगा। मैं भी अपनी दोनों टांगें फैलाकर बुर चटवाने लगी। वाह मुझे तो ज़न्नत का मज़ा आ रहा है। आज मुझे मालूम हो रहा है की मैं जवां हूँ। थोड़ी देर तक ऐसे करने के बाद मैं बोली राहुल अब तुम मेरी बुर चाटो मैं तब तक रोहन का लण्ड चूस लेती हूँ। मुझे दोनों लण्ड बेहद पसंद आये। मुझे तो दोनों लण्ड से मोहब्बत हो गयी।
राहुल भी मजे से बुर चाटने लगा। उसने अपनी जबान पूरी मेरी में घुसेड़ दी। बार बार अंदर बाहर करने लगा अपनी जबान। मुझे भी मज़ा आने लगा। फिर उससे रहा न गया। , उसने मेरी गांड के नीचे एक तकिया लगायी और अपना लण्ड मेरी बुर में पेल दिया। लण्ड पूरा घुस गया। मैं चिल्ला पड़ी अरे भोसड़ी के राहुल,, माँ का लौड़े तूने एक बार में ही घुसेड़ दिया पूरा लण्ड। ये मेरी चूत है यार किसी का भोसड़ा नहीं ? उसके बाद मैं भी मजे से चुदवाने लगी। आज पहली बार कोई लौड़ा मेरी चूत में घुसा है। कोई पहली बार मुझे चोद रहा है। मैं मन में सोंचने लगी की जब चुदवाने में इतना मज़ा है तो मैने बिना मतलब अपने जवानी के तीन साल बर्बाद कर दिया। मुझे पहले से ही चुदवाना शुरू करना चाहिए था। अब मैं एक दिन भी बर्बाद नहीं करुँगी। हर रोज़ पेलूंगी किसी न किसी का लण्ड बहन चोद ? थोड़ी देर में राहुल ने इशारा किया तो रोहन ने उधर से आकर अपना लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया। वह भी राहुल की तरह भकर भकर चोदने लगा और मैं राहुल का लण्ड चपर चपर पीने लगी। दो दो लण्ड से एक ही साथ चुदवाना मुझे बड़ा मज़ा दे रहा था।
इस तरह वो दोनों मुझे बारी बारी से चोदते रहे. इतने में राहुल बोला अब मैं तुम्हे पीछे से चोदूंगा अनीता, मैंने कहां तो चोदो। किस भोसड़ी वाली ने मना किया है। उसने मुझे कुतिया बना दिया और मेरे पीछे जाकर लौड़ा पेल दिया मेरी चूत में। वह मुझे कुत्ते की तरह चोदने लगा। इधर रोहन ने अपनी दोनों टांगें अंदर करके अपना खड़ा लण्ड मेरे मुंह में सामने कर दिया। मैंने सर झुका कर उसका लण्ड मुंह में ले लिया । एक लण्ड मुंह में और एक लण्ड बुर में। बस इसी तरह मैं मस्ती से चुदवाने में जुटी हुई थी। मुझे लगा की अक्सर लड़कियां एक ही लण्ड से चुदवाती है। मैं तो दो लण्ड से चुदवा रही हूँ। अब एक लण्ड से तो पूरा मज़ा आता नहीं होगा ? जब तक आँखों के सामने एक खड़ा लण्ड न हो तब तक चुदवाने का क्या मतलब ? अचानक राहुल बोला यार अनीता अब मैं निकलने वाला हूँ। तब मैं फौरन घूम गयी और उसका लण्ड मुठ्ठी में लेकर मुठियाने लगी। यानी मैं मुठ्ठ मारने लगी। यह मैंने पोर्न फिल्म से सीखा था। मैं जल्दी जल्दी मुठ्ठ मारने लगी तो उसके लण्ड ने उगल दिया वीर्य मेरे मुंह में। उसके झड़ने के बाद रोहन भी बोला यार मेरा भी सड़का मार दो अनीता। मैंने उसके लण्ड का भी मक्खन निकाल लिया और उसे चाट गयी।
उस दिन तो मैं चुदवा कर चली आई पर रात में फिर लण्ड की याद आने लगी। चूत मचल उठी। मैंने राहुल को फोन मिलाया वह बोला जाने मन मेरा भी लौड़ा खड़ा है। साला बैठ ही नहीं रहा है । मैंने अभी रोहन से बात किया वह भी तेरी चूत की याद में खोया हुआ है। मैंने कहा तो फिर आओ और चोदो न मुझे। वह बोला यार मैं अभी उसे लेकर आता हूँ। बाद एक घंटे में वो दोनों आ गए। मैंने फिर रात भर दोनों से चुदवाया।
अब मेरी नज़रें नए नए लड़कों को ढूँढ़ने लगीं। एक दिन मुझे एक लड़का दिखाई पड़ा। देखते ही मेरी नियत उस पर ख़राब हो गयी। मैं उसके आगे पीछे घूमने लगी। मुझे मॉल हुआ की यह इसी कॉलेज का लड़का है पर मेरे क्लास का नहीं। मुझे एक साल जूनियर है। मैं उससे मिली। उसने अपना नाम बताया राणा। उसने यह भी बताया की मेरा एक दोस्त है राका। उसने मुझे राका से भी मिलवाया तो उसे देख कर मेरी चूत गनगना उठी। मैंने मन में ठान लिया की एक दिन इन दोनों के लण्ड अपनी चूत में पेलूंगी मैं । राणा एक दिन मेरे घर आ गया । मैंने उसे बैठाया और फिर ड्रिंक्स भी ऑफर की। पहले तो वह मना करता रहा पर फिर मान गया। बात करते करते बोला मेम मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूँ। मैंने कहा मुझे घर में मेम मत कहो। मेम की माँ की चूत। मैं यहाँ मेम नहीं हूँ. मैं यहाँ हरामजादी अनीता हूँ, भोसड़ी की अनीता हूँ, बुर चोदी अनीता हूँ। मुझे अनीता ही बुलाया करो वह भी गाली देकर। मुझे बड़ा मज़ा आएगा। मैं उसकी झिझक मिटाना चाहती थी। उसे बेशर्म बनाना चाहती थी ताकि वह मुझे लण्ड पकड़ाने में शर्माए नहीं। शर्माएगा तो लण्ड ठीक से खड़ा नहीं होगा। वह बात करता रहा। तब तक नशा चढ़ने लगा था , मैंने तीसरा पैग बनाया और उसे पिलाया। फिर मैं उठी और उसके बगल में बैठ कर उसके लण्ड पर हाथ रख दिया।
मैंने कहा यार राणा मेरे राजा तम्हारा लण्ड कितना बड़ा है ? मैं यह देखना चाहती हूँ। प्लीज मुझे दिखाओ अपना लण्ड। मैं उसकी बेल्ट खोलने लगी। वह बोला अरे यह आप क्या कर रही हैं। मैंने कहा मैं वही कर रही हूँ जो एक जवान लड़की को एक जवान लड़के के साथ करना चाहिए। तब तक उसकी पेंट खुल चुकी थी। उसका लण्ड बाहर निकाला और उसे प्यार से हिलाने लगी। उसे चूमने लगी और पुचकारने लगी। लण्ड बढ़ने लगा और फिर तन कर खड़ा हो गया मेरे आगे। मैंने कहा अरे वाह तेरा लण्ड तो बहुत जबरदस्त है यार ? मेरी तो चूत फाड़ डालेगा ये ? मैं मस्ती से लण्ड चाटने लगी। वह बिचारा मना नहीं कर पाया। फिर उसे मज़ा आने लगा क्योंकि मैंने उसे अपनी चूचियाँ और चूत दोनों दिखा दीं. मैंने बड़ी देर तक लण्ड मुंह से निकाला ही नहीं। चूसती गयी चूसती गयी। वह भी मुंह को चूत की तरह चोदने लगा। फिर बोला यार अब मैं झड़ जाऊंगा। मैंने फिर लण्ड मुठ्ठी में लिया और प्रेम से मारा उसका सड़का ?
बस थोड़ी ही देर में उसकी पिचकारी छूट गयी और मैं पीने लगी लण्ड। जाते समय मैंने कहा राणा अब इतवार को अपने दोस्त राका को लेकर आना।
इतवार को जब वो दोनों आये तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था। राका तो राणा से ज्यादा समार्ट और हैंडसम था। मैंने फिर इन दोनों से उसकी तरह चुदवाया जैसे मैंने राहुल और रोहन से चुदवाया था।
फिर तो मुझे दो दो लण्ड से एक साथ चुदवाने का चस्का लग गया। अब तो जब मैं दो लण्ड अपनी आँखों से देख लेती हूँ तभी अपने कपड़े खोलती हूँ नहीं तो नहीं खोलती।
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