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मैंने अपने मामू का लन्ड अपनी नन्द को पकड़ा दिया - Mere mamu ne meri nanad ko choda
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एक दिन शाम को मैं बैठी हुई सब्जी काट रही थी। अचानक मेरी सास आ गईं। वह शायद थोड़ा गुस्से में थीं। उसकी भौहें थोड़ा तनी हुई थी। आते ही बोली बहू, कहाँ है तेरी बुर चोदी नन्द ? मैंने कहा मेरी नन्द तो कहीं किसी काम से जरूर गईं है पर मुझे बता के नहीं गई ? हो सकता है की वह अभी थोड़ी देर में आ जायें। पर ऐसा क्या हो गया सासू जी की अचानक मेरी नन्द की जरूरत पड़ गयी। कोई काम हो तो बताओ ? मैं हूँ न ? मैं वो काम कर दूँगी। वह बोली नहीं बहू काम तो कुछ नहीं है पर है वो माँ की लौड़ी बड़ी चुगुल खोर हो गयी है । मैं अभी पड़ोस में गयी थी। वहां मुझे मालूम हुआ की तेरी नन्द उन लोगों से मेरी चुगली कर रही थी। तेरी बहन चोद नन्द ने कहा की मेरी अम्मी अपनी बहू का ज्यादा फेवर करतीं हैं और मेरा कम ? अपनी बहू का ज्यादा ख्याल रखतीं हैं मेरा कम। बहू, जानती हो तेरी नन्द क्या कह कर आयी है ? उसने कहा है की मेरी अम्मी अपनी बहू की चूत में दो दो लन्ड पेलती हैं और मेरी चूत में केवल एक लन्ड । और अगर मुझे दो लन्ड देती है तो अपनी बहू को तीन लन्ड ? उसे अपनी बहू की बुर ज्यादा प्रिय है बेटी की नहीं ? तेरी नन्द की माँ की चूत ? आने दो उसे आज मैं उसकी माँ चोदूंगी ?अब मैं उसकी असलियत जान गयी हूँ.
सास अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करके चली गयी। थोड़ी देर में मेरी नन्द आ गयी। उसका भी मुंह कुछ बना हुआ था। आते ही बोली भाभी तेरी भोसड़ी की सास कहाँ गई है ? मैंने कहा अभी तो यही थीं ? अब पता नहीं कहाँ चली गयीं ? अब कोई बता कर तो जाती नहीं मुझसे ? हो सकता है की बाहर कही गयीं हो या फिर पड़ोस में कहीं ,,,,,,,? पर बात क्या है नन्द रानी ? मेरे लायक कोई काम हो तो मुझसे कहो न मैं उसे कर दूँगी। नन्द बोली काम नहीं है भाभी कोई ? पर तेरी सास है न ? वो तो बहुत बड़ी हरामजादी है भाभी। इधर उधर सब जगह मेरी चुगली करती रहती है। पता नहीं उसे क्या मज़ा मिलता है ऐसा करने में ? अभी पड़ोस में कह कर आयी है की मेरी बेटी ससुरी हमेशा अपनी भाभी की बुर चुदवाया करती है कभी उसने अपनी माँ का भोसड़ा नहीं चुदवाया। जब देखो तब लन्ड अपनी भाभी की चूत में घुसा देती है और मेरी चूत का उसे ख्याल ही नहीं है। लन्ड कभी अपनी भाभी की चूत में पेलती है कभी उसके मुंह में ? लन्ड कभी उसकी गांड में घुसेड़ती है कभी उसके चूँचियों के बीच ? उसे अपनी माँ की चूत दिखाई ही नहीं देती । उसे बस अपनी भाभी की चूत की परवाह है अपनी माँ की चूत की नहीं। आने दो उसे आज मैं उसकी बिटिया की बुर चोद दूँगी।
तो देखा आपने दोस्तों, ये दोनों मेरी सास नन्द एक दूसरे के बारे में क्या कह रहीं हैं ? अब मैं बड़ी असमंजस में हूँ की मैं नन्द का पक्ष लूँ की सास का पक्ष ? मैं अगर नन्द का पक्ष लेती हूँ तो सास का मुंह टेढा हो जायेगा और अगर सास का पक्ष लेती हूँ तो नन्द मुंह बनाने लगेगी। मैं तो बहन चोद बड़ी उलझन में फंस गयी। लेकिन सच्चाई क्या मैं जानती हूँ। हकीकत यह है की दोनों भोसड़ी की झूंठ बोल रही हैं। लकिन मैं खुलासा क्यों करू ? मैं दोनो की बातें सुनकर मज़ा ले रही हूँ। सच क्या है मैं जानती हूँ। एक बात तो तय है की ये दोनों मिलकर चोदा चोदी का मज़ा एक साथ जरूर लूटतीं होंगीं ।
इतने में मेरी फुफिया सास भी आ गयीं। आते ही बोली अरी बहू रानी तेरी नन्द भोसड़ी की कहाँ गई ? मैंने कहा मुझे कुछ नहीं मालूम सासू जी ? वह बोली मैं जानती हूँ की तेरी नन्द के आजकल कितने पर निकल आएं हैं। वह जबसे जवान हुई है तबसे उड़ने लगी है। गयी होगी किसी का लन्ड हिलाने ? किसी से अपनी माँ चुदाने ? किसी से अपनी गांड मराने ? हो सकता है की किसी का मुठ्ठ मार कर लन्ड पीने गयी हो। आजकल की लड़कियां जब पहली बार किसी का लन्ड पकड़तीं है तो उसका मुठ्ठ मार कर लन्ड पीती हैं । चुदवाती बाद में हैं। यही काम मेरी बेटी भी करती है मादर चोद ? रोज़ किसी न किसी का लन्ड पीकर आती है। अब आने दो तेरी नन्द को आज मैं उसकी माँ चोदूंगी। अच्छा यह बता की तेरी सास कहाँ गई है बहू ? मैंने कहा की मुझे उसके बारे में भी नहीं मालूम ? फुफिया सास फिर अपनी आँखें मटकाकर बोली हाय दईया तेरी सास क्या कम है बुर चोदी ? वह भी अपने भोसड़ा में लन्ड ठोंकवाने गयी होगी कहीं ? मैं जानती हूँ तेरी सास को बहू। उसे ग़ैर मर्दों से चुदाने का बहुत शौक है। बिना ग़ैर मरद के लन्ड से वो रात में सोती नहीं है। बहुत बड़ी चुदक्कड़ और छिनार है बहू तेरी सास ? आने दो उसे आज मैं उसकी गांड में ठोंकूंगी लन्ड ?
मैं मन में कहने लगी की अभी तो मैं अपनी सास और नन्द के बारे में ही सोंच रही थी अब ये एक और आ गयी भोसड़ी की मेरी फूफी सास ? ये भी उसी लाइन पर चल रही है। इसका मतलब यहाँ सब यही होता है। इतने मे मेरी सास और नन्द दोनों आ गयी। वो दोनों आपस में बतलाने लगीं और मैं छुप कर सुनने लगी।
सास बोली - बेटी कुछ बात बनी ? तेरी भाभी ने कुछ गली वाली दी की नहीं। कुछ खुली तुमसे की नहीं। कुछ लन्ड बुर चूत की बात की नहीं ?
नन्द बोली - कुछ नहीं किया अम्मी ? मैंने उसे खूब झकझोरा लेकिन उसके मुंह से एक भी गाली नहीं निकली। एक भी गन्दा शब्द नहीं निकला ? पता नहीं ये इतनी साफ़ सुथरी कैसे हमारे घर में आ गई ? ये तो हमें कभी ठीक से लन्ड ही नहीं पकड़ने देगी। इस भोसड़ी वाली को किसी मौलाना या बाबा के आश्रम में जाना चाहिए। यहां चुदवायेगी नहीं तो क्या झांटें बनाएगी अपनी ?
सास बोली - ये ससुरी औरत भी है। इसकी चूत में आग है की नहीं ? इसे लन्ड से मोहब्बत है की नहीं ? कभी माँ चुदवाया है अपनी इसने ? ये कैसी बहू मिल गयी हमें जो चोदा चोदी की बातें ही नहीं करती ? मुझे इसकी माँ का भोसड़ा चोदना पड़ेगा बेटी ? मेरी नन्द भी आयी थी। वह भी इसे गालियां सुना कर गयी है पर इसने एक भी गाली नहीं दी। बेटी ज़रा तुम देखो की इसकी चूत है की नहीं ?
मैं इन लोगों की बातें सुनकर समझ गयी की ये सब भोसड़ी वाली मुझसे क्या चाहती हैं ? ये चाहती हैं की मैं भी गालियां बकूं, गन्दी गन्दी बातें करूं, सबके सामने नंगी घूमूं , खुलेआम सबके लन्ड पकड़ूँ, इन सबकी चूत में लन्ड पेलूं और सबकी बुर चुदवाऊँ। वैसे मैं भी तो यही सब अपने माईके में करती हूँ। सबके लन्ड पकड़ती हूँ, लन्ड पीती हूँ, नंगी घूमती हूँ, सबसे चुदवाती हूँ और माँ के भोसड़ा में लन्ड पेलती हूँ। मैं यहाँ भी यही अब करना चाहती हूँ। मुझे तो बिन मांगे मुराद मिल गयी। मेरी तो लाटरी खुल गयी यार। अब मैं जब सबकी बुर चोदना शुरू करूंगी तब इन सबकी फटेगी गांड । तब इन्हें पता चलेगा की बहू कैसी होती है ?
मैंने आपको इतनी बातें तो सुना दीं लेकिन अभी तक किसी का परिचय नहीं दिया। तो लो मैं आपको सबसे मिलवाती हूँ अपनी सास से। ये हैं अबीरा बेगम ४४ साल की अभी मस्त जवान हैं। लन्ड की दीवानी हैं। लन्ड के आगे किसकी नहीं सुनती और न कोई नाता रिस्ता मानती हैं। सबसे हंस कर बातें करना, हंस कर मेलजोल से रहना और गहरी मजाक करना इसका स्वाभाव है जो हर कोई पसंद करता है। इनकी बेटी यानी मेरी नन्द है अदा ? २२ साल की मद मस्त चूँचियों वाली खूबसूरत और सेक्सी लड़की है। अपनी माँ के नक्शों कदम पर चलती है। इसे भी लन्ड का जबरदस्त शौक है। लन्ड के लिए ये कुछ भी कर सकती है। गालियां माँ बेटी दोनों की जबान पर हमेशा रहतीं हैं। यहाँ तक की ये दोनों गालियों से एक दूसरे की बुर चोदा करतीं हैं। दोनों के बीच माँ का भोसड़ा, बिटिया की बुर होता ही रहता है।
तीसरी मैं हूँ रफ़ा २४ साल की बिंदास बीवी जो अपनी मन की रानी है ? मैं इस घर की बहू हूँ। अभी कुछ दिन पहले ही मेरा निकाह हुआ है। मैं इस फॅमिलीको थी लेकिन यह नहीं जानती थी की ये सब मेरी ही तरह चुदाई का मज़ा लेतीं हैं और सबके लन्ड अपनी चोदा चोदी में हैं। यह बात आज मुझे अपनी ससुराल में ही आकर पता चली हैं इसीलिए मैं खुश हूँ। मेरी चूंचियां मेरी नन्द की चूँचियों से थोड़ा बड़ी हैं। मेरे चूतड़ भी थोड़े बड़े हैं और मेरी गांड भी ज्यादा मोटी है।
अब आईये आगे चले। एक दिन मैंने देखा की मेरी नन्द सोफा पर अकेली बैठी है। मुझे शरारत सूझी मैं उसके पास गयी और अपना पेटीकोट उठा कर उसे अपनी चूत दिखाती हुई बोली - लो नन्द रानी ज़रा गिन कर बताओ की मेरी चूत पर कितनी झांटें हैं ? मेरे इस सवाल से उसे भी मस्ती आ गयी। उसने अपना सलवार खोला और मुझे अपनी चूत दिखाती हुई बोली लो भाभी पहले तुम बताओ की मेरी झांटें कितनी हैं ? मैंने जबाब दिया की चल मैं तेरी झांटें पहले उखाड़ लेती हूँ फिर उन्हें गिन कर बता दूँगी ? और हां तेरी ही नहीं मैं तो तेरी माँ के भोसड़ा की भी झांटें उखाड़ूँगी। मैं अपना काम तुम दोनों सास नन्द की झांटें उखाड़ कर ही शुरू करूंगी। उसके बाद तुम लोगों की गांड में ठोकूँगी लन्ड ? जब तक मैं २/३ लन्ड तेरी गांड में ठोंक नहीं लूंगी तब तक मुझे चैन नहीं मिलेगा ? बाद में नंबर आएगा तेरी बुर चोदना और फिर तेरी माँ का भोसड़ा चोदना ?
अदा मेरा मुंह देखने लगी। वह कुछ समझ नहीं पायी की मेरी भाभी इतनी जल्दी इतनी ज्यादा कैसे बदल गयीं ? तब तक वहां मेरी सास आ गयीं। मैं उसे देख कर मैंने मुस्कराते हुए आँखे मटकाकर कहा लो अदा देख लो आ गया तेरी माँ का भोसड़ा ? अब बताओगी मुझे की तेरी माँ के भोसड़ा में कितनी झांटें हैं ? मेरी सास भी मेरी बात सुनकर हैरान हो गयीं। वह भी समझ नहीं पायी की मैं इतनी खुली हुई और गंदी गन्दी बातें कैसे करने लगी। तब मैंने कहा अरे नन्द रानी तेरी गांड क्यों फट रही है ? बताओ न मुझे ? वह बोली हाय दईया भाभी तुमने तो मज़ा लगा दिया। मुझे लग रहा है की तुम हम लोगों से बहुत आगे हो ? मैंने फिर एक छक्का लगाया और कहाँ मैं आगे नहीं हूँ। आगे है तेरी अम्मी की बहू की बुर ?
मेरी इस गाली से उन दोनों के चेहरे खिल उठे। सास बोली बहू, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? मैं तुम्हे बहुत कम आंक रही थी तुम तो हम सबकी गांड मार दोगी। नन्द बोली भाभी तेरी सास की बुर बहन चोद अब उसे मालूम हो गया है की आजकल की बहुएं किसी की भी माँ बहन चोदने में शर्माती नहीं है। तब तक अम्मी ने भी एक गाली जड़ दी वह बोली बहू तेरी नन्द की चूत में पेल दूँगी लन्ड ? तब उसकी फटेगी गांड ? मैंने कहा अरे सासू जी ये बहुत अच्छी बात है। लन्ड पेलो चूत में और फट जाए गांड ? मेरी इसी बात पर हम सब खिलखिलाकर हंसने लगीं। सासू जी ने मुझे गले लगा लिया।
मेरा माईका लोकल ही था। मैं आधे घंटे में अपने माईके पहुँच जाती थी। मैंने सोंचा कीअब तो मैं इन दोनों से अच्छी तरह खुल गयी हूँ तो फिर क्यों न चोदी जाए इन दोनों की चूत ? मैंने अपने मामू जान को बुला लिया और साथ में उसका एक दोस्त भी। मेरा मामू भोसड़ी का मेरी ही उम्र का है। तभी तो मैं १७ साली की उमर में ही उसका लन्ड पकड़ने लगी थी। मैं सच बताऊँ उसका लौड़ा साला मेरे मियां के लौड़े से बड़ा है और मोटा भी। मैं तो उससे खूब मस्ती करती हूँ। जब भी मौक़ा मिलता है, पेल लेती हूँ उसका लन्ड ? अब तो उसकी शादी भी हो गयी है। उसका साला भी मेरी उम्र का निकला। एक दिन मैंने उसके लन्ड का दीदार किया। वह कमरे में अकेला था और बाथ रूम में नंगा नहा रहा था। मैं कमरे का दरवाजा बंद किया और सीधे घुस गयी उसके बाथ रूम में ? मैंने कहा मैं तेरा लन्ड पीने आयी हूँ।
बस मैं उसके आगे पकड़े उतारने लगी। मुझे नंगी देख कर और मेरी बात सुनकर उसका लौड़ा साला और टन टना उठा ? मैंने पहले साबुन लगा कर लन्ड को खूब नहलाया और फिर उसे मुंह में घुसेड़ लिया। मैंने चूसने लगी लन्ड। मेरा मन चुदवाने का नहीं था बल्कि मुठ्ठ मार कर लन्ड पीने का था। मैं पचर पचर लन्ड चूसने लगी। उसका सुपाड़ा फूलने लगा। मैं हाथ से भी मुठ्ठी मारती और मुंह से भी। मैंने कहा भोसड़ी के तेरी बहन की बुर। तेरे लन्ड का निकाल लूंगी तेल। तेरी लन्ड की मारूँगी गांड। मैं गन्दी गन्दी गालियां निकालती हुई लन्ड का सड़का फ़टाफ़ट मारने लगी और फिर लन्ड ने उगल दिया वीर्य मेरे मुंह में। मैं उसे पी गयी। ये तो मेरा टॉनिक है। लन्ड पीने से ही आज मेरी चूंचियां सबसे बड़ी हैं। मेरी चूत इतने लन्ड खाने के बाद भी सबसे ज्यादा टाइट है। मैं लन्ड का पूरा मज़ा लेती हूँ।
हां तो मैं कह रही थी की मैंने अपने मामू जान को बुला लिया। मैंने सोंचा की इसका लन्ड मैं नन्द की बुर मेंऔर सास के भोसड़ा में पेलूंगी। मैं उसके बगल में बैठ गयी और उसे नंगा कर के उसका लन्ड हिलाने लगी। रात का समय था। मैं चूंचियां खोले हुए बैठी थी। मामू नंगा नंगा बाथ रूम चला गया। तभी मेरी नन्द नंगी नंगी मेरे कमरे में आ गयी और बोली आज मैं चोदूंगी माँ का भोसड़ा और भाभी की बुर ? मैंने हंस कर कहा अरे वाह ! क्या तू अपनी चूँचियों से चोदेगीअपनी माँ का भोसड़ा और भाभी की बुर ? उसने ताली बजायी तो उसके बगल से दो लालदे सालने आ गये और दोनों मादर चोद एकदम नंगे। उनके लन्ड खड़े हुए ? मैं तो लन्ड देख कर एकदम मस्त हो गयी। तब तक मेरा मामू भी बाथ रूम से निकल आया। वह भी नंगा। मैंने कहा यार मैं अभी तेरी बुर चोदने आ रही थी।
ये मेरा मामू है इसका नाम है महबूब आलम ? नन्द बोली ये मेरे दोनों दोस्त है रहीम और करीम। मेरी जगह ये दोनों चोदेगें मेरी माँ की चूत और भाभी की बुर ? मैंने कहा यार अब मेरी सास ही बची हैं। तो चलो क्यों हम सब उसके पास चल कर उसे चोदें और उसके सामने चुदवाये। बस फिर हम पाँचों लोग सास के कमरे में घुस गए। सभी लोग नंग धंडंग थे। मजे की बात यह थी की मेरी सास भी नंगी बैठी हुई किसी आदमी का लन्ड हिला रहीं थी। हम सब बाहर से ही झाँक कर देखने लगीं थीं। सास उससे कहने लगी यार अब्बास आज तो तुझे बड़ा मज़ा आएगा। आज तो जब मेरी बहू की बुर लेगा और बेटी की चूत तो मज़ा ही मज़ा आएगा न तुझे ? इतने में नन्द घुस गयी और बोली बहू की बुर और बेटी की चूत लेने के पहले ये लोग लेगें मेरी माँ का भोसड़ा ? सास हम सब को नंगी नंगी देख कर हैरान हो गयीं।
मैंने कहा अरे सासू जी आज इतिफाक से हम तीनो चुपके चुपके एक दूसरे की बुर चोदने का प्लान बना कर बैठी थी। लेकिन मेरी नन्द ने सबके पास जाकर सबकेप्लान की पोल खोल दी। अब पोल खुल गयी तो अब आएगा मज़ा ही मज़ा। नन्द ने रहीम का लन्ड अपनी माँ को पकड़ा दिया और करीम का लन्ड मुझे। मैंने अपने मामू का लन्ड अपनी नन्द को पकड़ा दिया। इतने में सासू ने अब्बास का लन्ड मेरे मुंह में घुसा दिया। फिर क्या हम तीनो ने मिलकर इन चारों भोसड़ी वालों से खूब रात भर चुदवाया...
एक दिन शाम को मैं बैठी हुई सब्जी काट रही थी। अचानक मेरी सास आ गईं। वह शायद थोड़ा गुस्से में थीं। उसकी भौहें थोड़ा तनी हुई थी। आते ही बोली बहू, कहाँ है तेरी बुर चोदी नन्द ? मैंने कहा मेरी नन्द तो कहीं किसी काम से जरूर गईं है पर मुझे बता के नहीं गई ? हो सकता है की वह अभी थोड़ी देर में आ जायें। पर ऐसा क्या हो गया सासू जी की अचानक मेरी नन्द की जरूरत पड़ गयी। कोई काम हो तो बताओ ? मैं हूँ न ? मैं वो काम कर दूँगी। वह बोली नहीं बहू काम तो कुछ नहीं है पर है वो माँ की लौड़ी बड़ी चुगुल खोर हो गयी है । मैं अभी पड़ोस में गयी थी। वहां मुझे मालूम हुआ की तेरी नन्द उन लोगों से मेरी चुगली कर रही थी। तेरी बहन चोद नन्द ने कहा की मेरी अम्मी अपनी बहू का ज्यादा फेवर करतीं हैं और मेरा कम ? अपनी बहू का ज्यादा ख्याल रखतीं हैं मेरा कम। बहू, जानती हो तेरी नन्द क्या कह कर आयी है ? उसने कहा है की मेरी अम्मी अपनी बहू की चूत में दो दो लन्ड पेलती हैं और मेरी चूत में केवल एक लन्ड । और अगर मुझे दो लन्ड देती है तो अपनी बहू को तीन लन्ड ? उसे अपनी बहू की बुर ज्यादा प्रिय है बेटी की नहीं ? तेरी नन्द की माँ की चूत ? आने दो उसे आज मैं उसकी माँ चोदूंगी ?अब मैं उसकी असलियत जान गयी हूँ.
सास अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करके चली गयी। थोड़ी देर में मेरी नन्द आ गयी। उसका भी मुंह कुछ बना हुआ था। आते ही बोली भाभी तेरी भोसड़ी की सास कहाँ गई है ? मैंने कहा अभी तो यही थीं ? अब पता नहीं कहाँ चली गयीं ? अब कोई बता कर तो जाती नहीं मुझसे ? हो सकता है की बाहर कही गयीं हो या फिर पड़ोस में कहीं ,,,,,,,? पर बात क्या है नन्द रानी ? मेरे लायक कोई काम हो तो मुझसे कहो न मैं उसे कर दूँगी। नन्द बोली काम नहीं है भाभी कोई ? पर तेरी सास है न ? वो तो बहुत बड़ी हरामजादी है भाभी। इधर उधर सब जगह मेरी चुगली करती रहती है। पता नहीं उसे क्या मज़ा मिलता है ऐसा करने में ? अभी पड़ोस में कह कर आयी है की मेरी बेटी ससुरी हमेशा अपनी भाभी की बुर चुदवाया करती है कभी उसने अपनी माँ का भोसड़ा नहीं चुदवाया। जब देखो तब लन्ड अपनी भाभी की चूत में घुसा देती है और मेरी चूत का उसे ख्याल ही नहीं है। लन्ड कभी अपनी भाभी की चूत में पेलती है कभी उसके मुंह में ? लन्ड कभी उसकी गांड में घुसेड़ती है कभी उसके चूँचियों के बीच ? उसे अपनी माँ की चूत दिखाई ही नहीं देती । उसे बस अपनी भाभी की चूत की परवाह है अपनी माँ की चूत की नहीं। आने दो उसे आज मैं उसकी बिटिया की बुर चोद दूँगी।
तो देखा आपने दोस्तों, ये दोनों मेरी सास नन्द एक दूसरे के बारे में क्या कह रहीं हैं ? अब मैं बड़ी असमंजस में हूँ की मैं नन्द का पक्ष लूँ की सास का पक्ष ? मैं अगर नन्द का पक्ष लेती हूँ तो सास का मुंह टेढा हो जायेगा और अगर सास का पक्ष लेती हूँ तो नन्द मुंह बनाने लगेगी। मैं तो बहन चोद बड़ी उलझन में फंस गयी। लेकिन सच्चाई क्या मैं जानती हूँ। हकीकत यह है की दोनों भोसड़ी की झूंठ बोल रही हैं। लकिन मैं खुलासा क्यों करू ? मैं दोनो की बातें सुनकर मज़ा ले रही हूँ। सच क्या है मैं जानती हूँ। एक बात तो तय है की ये दोनों मिलकर चोदा चोदी का मज़ा एक साथ जरूर लूटतीं होंगीं ।
इतने में मेरी फुफिया सास भी आ गयीं। आते ही बोली अरी बहू रानी तेरी नन्द भोसड़ी की कहाँ गई ? मैंने कहा मुझे कुछ नहीं मालूम सासू जी ? वह बोली मैं जानती हूँ की तेरी नन्द के आजकल कितने पर निकल आएं हैं। वह जबसे जवान हुई है तबसे उड़ने लगी है। गयी होगी किसी का लन्ड हिलाने ? किसी से अपनी माँ चुदाने ? किसी से अपनी गांड मराने ? हो सकता है की किसी का मुठ्ठ मार कर लन्ड पीने गयी हो। आजकल की लड़कियां जब पहली बार किसी का लन्ड पकड़तीं है तो उसका मुठ्ठ मार कर लन्ड पीती हैं । चुदवाती बाद में हैं। यही काम मेरी बेटी भी करती है मादर चोद ? रोज़ किसी न किसी का लन्ड पीकर आती है। अब आने दो तेरी नन्द को आज मैं उसकी माँ चोदूंगी। अच्छा यह बता की तेरी सास कहाँ गई है बहू ? मैंने कहा की मुझे उसके बारे में भी नहीं मालूम ? फुफिया सास फिर अपनी आँखें मटकाकर बोली हाय दईया तेरी सास क्या कम है बुर चोदी ? वह भी अपने भोसड़ा में लन्ड ठोंकवाने गयी होगी कहीं ? मैं जानती हूँ तेरी सास को बहू। उसे ग़ैर मर्दों से चुदाने का बहुत शौक है। बिना ग़ैर मरद के लन्ड से वो रात में सोती नहीं है। बहुत बड़ी चुदक्कड़ और छिनार है बहू तेरी सास ? आने दो उसे आज मैं उसकी गांड में ठोंकूंगी लन्ड ?
मैं मन में कहने लगी की अभी तो मैं अपनी सास और नन्द के बारे में ही सोंच रही थी अब ये एक और आ गयी भोसड़ी की मेरी फूफी सास ? ये भी उसी लाइन पर चल रही है। इसका मतलब यहाँ सब यही होता है। इतने मे मेरी सास और नन्द दोनों आ गयी। वो दोनों आपस में बतलाने लगीं और मैं छुप कर सुनने लगी।
सास बोली - बेटी कुछ बात बनी ? तेरी भाभी ने कुछ गली वाली दी की नहीं। कुछ खुली तुमसे की नहीं। कुछ लन्ड बुर चूत की बात की नहीं ?
नन्द बोली - कुछ नहीं किया अम्मी ? मैंने उसे खूब झकझोरा लेकिन उसके मुंह से एक भी गाली नहीं निकली। एक भी गन्दा शब्द नहीं निकला ? पता नहीं ये इतनी साफ़ सुथरी कैसे हमारे घर में आ गई ? ये तो हमें कभी ठीक से लन्ड ही नहीं पकड़ने देगी। इस भोसड़ी वाली को किसी मौलाना या बाबा के आश्रम में जाना चाहिए। यहां चुदवायेगी नहीं तो क्या झांटें बनाएगी अपनी ?
सास बोली - ये ससुरी औरत भी है। इसकी चूत में आग है की नहीं ? इसे लन्ड से मोहब्बत है की नहीं ? कभी माँ चुदवाया है अपनी इसने ? ये कैसी बहू मिल गयी हमें जो चोदा चोदी की बातें ही नहीं करती ? मुझे इसकी माँ का भोसड़ा चोदना पड़ेगा बेटी ? मेरी नन्द भी आयी थी। वह भी इसे गालियां सुना कर गयी है पर इसने एक भी गाली नहीं दी। बेटी ज़रा तुम देखो की इसकी चूत है की नहीं ?
मैं इन लोगों की बातें सुनकर समझ गयी की ये सब भोसड़ी वाली मुझसे क्या चाहती हैं ? ये चाहती हैं की मैं भी गालियां बकूं, गन्दी गन्दी बातें करूं, सबके सामने नंगी घूमूं , खुलेआम सबके लन्ड पकड़ूँ, इन सबकी चूत में लन्ड पेलूं और सबकी बुर चुदवाऊँ। वैसे मैं भी तो यही सब अपने माईके में करती हूँ। सबके लन्ड पकड़ती हूँ, लन्ड पीती हूँ, नंगी घूमती हूँ, सबसे चुदवाती हूँ और माँ के भोसड़ा में लन्ड पेलती हूँ। मैं यहाँ भी यही अब करना चाहती हूँ। मुझे तो बिन मांगे मुराद मिल गयी। मेरी तो लाटरी खुल गयी यार। अब मैं जब सबकी बुर चोदना शुरू करूंगी तब इन सबकी फटेगी गांड । तब इन्हें पता चलेगा की बहू कैसी होती है ?
मैंने आपको इतनी बातें तो सुना दीं लेकिन अभी तक किसी का परिचय नहीं दिया। तो लो मैं आपको सबसे मिलवाती हूँ अपनी सास से। ये हैं अबीरा बेगम ४४ साल की अभी मस्त जवान हैं। लन्ड की दीवानी हैं। लन्ड के आगे किसकी नहीं सुनती और न कोई नाता रिस्ता मानती हैं। सबसे हंस कर बातें करना, हंस कर मेलजोल से रहना और गहरी मजाक करना इसका स्वाभाव है जो हर कोई पसंद करता है। इनकी बेटी यानी मेरी नन्द है अदा ? २२ साल की मद मस्त चूँचियों वाली खूबसूरत और सेक्सी लड़की है। अपनी माँ के नक्शों कदम पर चलती है। इसे भी लन्ड का जबरदस्त शौक है। लन्ड के लिए ये कुछ भी कर सकती है। गालियां माँ बेटी दोनों की जबान पर हमेशा रहतीं हैं। यहाँ तक की ये दोनों गालियों से एक दूसरे की बुर चोदा करतीं हैं। दोनों के बीच माँ का भोसड़ा, बिटिया की बुर होता ही रहता है।
तीसरी मैं हूँ रफ़ा २४ साल की बिंदास बीवी जो अपनी मन की रानी है ? मैं इस घर की बहू हूँ। अभी कुछ दिन पहले ही मेरा निकाह हुआ है। मैं इस फॅमिलीको थी लेकिन यह नहीं जानती थी की ये सब मेरी ही तरह चुदाई का मज़ा लेतीं हैं और सबके लन्ड अपनी चोदा चोदी में हैं। यह बात आज मुझे अपनी ससुराल में ही आकर पता चली हैं इसीलिए मैं खुश हूँ। मेरी चूंचियां मेरी नन्द की चूँचियों से थोड़ा बड़ी हैं। मेरे चूतड़ भी थोड़े बड़े हैं और मेरी गांड भी ज्यादा मोटी है।
अब आईये आगे चले। एक दिन मैंने देखा की मेरी नन्द सोफा पर अकेली बैठी है। मुझे शरारत सूझी मैं उसके पास गयी और अपना पेटीकोट उठा कर उसे अपनी चूत दिखाती हुई बोली - लो नन्द रानी ज़रा गिन कर बताओ की मेरी चूत पर कितनी झांटें हैं ? मेरे इस सवाल से उसे भी मस्ती आ गयी। उसने अपना सलवार खोला और मुझे अपनी चूत दिखाती हुई बोली लो भाभी पहले तुम बताओ की मेरी झांटें कितनी हैं ? मैंने जबाब दिया की चल मैं तेरी झांटें पहले उखाड़ लेती हूँ फिर उन्हें गिन कर बता दूँगी ? और हां तेरी ही नहीं मैं तो तेरी माँ के भोसड़ा की भी झांटें उखाड़ूँगी। मैं अपना काम तुम दोनों सास नन्द की झांटें उखाड़ कर ही शुरू करूंगी। उसके बाद तुम लोगों की गांड में ठोकूँगी लन्ड ? जब तक मैं २/३ लन्ड तेरी गांड में ठोंक नहीं लूंगी तब तक मुझे चैन नहीं मिलेगा ? बाद में नंबर आएगा तेरी बुर चोदना और फिर तेरी माँ का भोसड़ा चोदना ?
अदा मेरा मुंह देखने लगी। वह कुछ समझ नहीं पायी की मेरी भाभी इतनी जल्दी इतनी ज्यादा कैसे बदल गयीं ? तब तक वहां मेरी सास आ गयीं। मैं उसे देख कर मैंने मुस्कराते हुए आँखे मटकाकर कहा लो अदा देख लो आ गया तेरी माँ का भोसड़ा ? अब बताओगी मुझे की तेरी माँ के भोसड़ा में कितनी झांटें हैं ? मेरी सास भी मेरी बात सुनकर हैरान हो गयीं। वह भी समझ नहीं पायी की मैं इतनी खुली हुई और गंदी गन्दी बातें कैसे करने लगी। तब मैंने कहा अरे नन्द रानी तेरी गांड क्यों फट रही है ? बताओ न मुझे ? वह बोली हाय दईया भाभी तुमने तो मज़ा लगा दिया। मुझे लग रहा है की तुम हम लोगों से बहुत आगे हो ? मैंने फिर एक छक्का लगाया और कहाँ मैं आगे नहीं हूँ। आगे है तेरी अम्मी की बहू की बुर ?
मेरी इस गाली से उन दोनों के चेहरे खिल उठे। सास बोली बहू, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? मैं तुम्हे बहुत कम आंक रही थी तुम तो हम सबकी गांड मार दोगी। नन्द बोली भाभी तेरी सास की बुर बहन चोद अब उसे मालूम हो गया है की आजकल की बहुएं किसी की भी माँ बहन चोदने में शर्माती नहीं है। तब तक अम्मी ने भी एक गाली जड़ दी वह बोली बहू तेरी नन्द की चूत में पेल दूँगी लन्ड ? तब उसकी फटेगी गांड ? मैंने कहा अरे सासू जी ये बहुत अच्छी बात है। लन्ड पेलो चूत में और फट जाए गांड ? मेरी इसी बात पर हम सब खिलखिलाकर हंसने लगीं। सासू जी ने मुझे गले लगा लिया।
मेरा माईका लोकल ही था। मैं आधे घंटे में अपने माईके पहुँच जाती थी। मैंने सोंचा कीअब तो मैं इन दोनों से अच्छी तरह खुल गयी हूँ तो फिर क्यों न चोदी जाए इन दोनों की चूत ? मैंने अपने मामू जान को बुला लिया और साथ में उसका एक दोस्त भी। मेरा मामू भोसड़ी का मेरी ही उम्र का है। तभी तो मैं १७ साली की उमर में ही उसका लन्ड पकड़ने लगी थी। मैं सच बताऊँ उसका लौड़ा साला मेरे मियां के लौड़े से बड़ा है और मोटा भी। मैं तो उससे खूब मस्ती करती हूँ। जब भी मौक़ा मिलता है, पेल लेती हूँ उसका लन्ड ? अब तो उसकी शादी भी हो गयी है। उसका साला भी मेरी उम्र का निकला। एक दिन मैंने उसके लन्ड का दीदार किया। वह कमरे में अकेला था और बाथ रूम में नंगा नहा रहा था। मैं कमरे का दरवाजा बंद किया और सीधे घुस गयी उसके बाथ रूम में ? मैंने कहा मैं तेरा लन्ड पीने आयी हूँ।
बस मैं उसके आगे पकड़े उतारने लगी। मुझे नंगी देख कर और मेरी बात सुनकर उसका लौड़ा साला और टन टना उठा ? मैंने पहले साबुन लगा कर लन्ड को खूब नहलाया और फिर उसे मुंह में घुसेड़ लिया। मैंने चूसने लगी लन्ड। मेरा मन चुदवाने का नहीं था बल्कि मुठ्ठ मार कर लन्ड पीने का था। मैं पचर पचर लन्ड चूसने लगी। उसका सुपाड़ा फूलने लगा। मैं हाथ से भी मुठ्ठी मारती और मुंह से भी। मैंने कहा भोसड़ी के तेरी बहन की बुर। तेरे लन्ड का निकाल लूंगी तेल। तेरी लन्ड की मारूँगी गांड। मैं गन्दी गन्दी गालियां निकालती हुई लन्ड का सड़का फ़टाफ़ट मारने लगी और फिर लन्ड ने उगल दिया वीर्य मेरे मुंह में। मैं उसे पी गयी। ये तो मेरा टॉनिक है। लन्ड पीने से ही आज मेरी चूंचियां सबसे बड़ी हैं। मेरी चूत इतने लन्ड खाने के बाद भी सबसे ज्यादा टाइट है। मैं लन्ड का पूरा मज़ा लेती हूँ।
हां तो मैं कह रही थी की मैंने अपने मामू जान को बुला लिया। मैंने सोंचा की इसका लन्ड मैं नन्द की बुर मेंऔर सास के भोसड़ा में पेलूंगी। मैं उसके बगल में बैठ गयी और उसे नंगा कर के उसका लन्ड हिलाने लगी। रात का समय था। मैं चूंचियां खोले हुए बैठी थी। मामू नंगा नंगा बाथ रूम चला गया। तभी मेरी नन्द नंगी नंगी मेरे कमरे में आ गयी और बोली आज मैं चोदूंगी माँ का भोसड़ा और भाभी की बुर ? मैंने हंस कर कहा अरे वाह ! क्या तू अपनी चूँचियों से चोदेगीअपनी माँ का भोसड़ा और भाभी की बुर ? उसने ताली बजायी तो उसके बगल से दो लालदे सालने आ गये और दोनों मादर चोद एकदम नंगे। उनके लन्ड खड़े हुए ? मैं तो लन्ड देख कर एकदम मस्त हो गयी। तब तक मेरा मामू भी बाथ रूम से निकल आया। वह भी नंगा। मैंने कहा यार मैं अभी तेरी बुर चोदने आ रही थी।
ये मेरा मामू है इसका नाम है महबूब आलम ? नन्द बोली ये मेरे दोनों दोस्त है रहीम और करीम। मेरी जगह ये दोनों चोदेगें मेरी माँ की चूत और भाभी की बुर ? मैंने कहा यार अब मेरी सास ही बची हैं। तो चलो क्यों हम सब उसके पास चल कर उसे चोदें और उसके सामने चुदवाये। बस फिर हम पाँचों लोग सास के कमरे में घुस गए। सभी लोग नंग धंडंग थे। मजे की बात यह थी की मेरी सास भी नंगी बैठी हुई किसी आदमी का लन्ड हिला रहीं थी। हम सब बाहर से ही झाँक कर देखने लगीं थीं। सास उससे कहने लगी यार अब्बास आज तो तुझे बड़ा मज़ा आएगा। आज तो जब मेरी बहू की बुर लेगा और बेटी की चूत तो मज़ा ही मज़ा आएगा न तुझे ? इतने में नन्द घुस गयी और बोली बहू की बुर और बेटी की चूत लेने के पहले ये लोग लेगें मेरी माँ का भोसड़ा ? सास हम सब को नंगी नंगी देख कर हैरान हो गयीं।
मैंने कहा अरे सासू जी आज इतिफाक से हम तीनो चुपके चुपके एक दूसरे की बुर चोदने का प्लान बना कर बैठी थी। लेकिन मेरी नन्द ने सबके पास जाकर सबकेप्लान की पोल खोल दी। अब पोल खुल गयी तो अब आएगा मज़ा ही मज़ा। नन्द ने रहीम का लन्ड अपनी माँ को पकड़ा दिया और करीम का लन्ड मुझे। मैंने अपने मामू का लन्ड अपनी नन्द को पकड़ा दिया। इतने में सासू ने अब्बास का लन्ड मेरे मुंह में घुसा दिया। फिर क्या हम तीनो ने मिलकर इन चारों भोसड़ी वालों से खूब रात भर चुदवाया...
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