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बेटी को अपनी माँ चुदाने में बड़ा मज़ा आता है - Beti apni Maa ki chudai karwati hai
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मेरी सास मुझसे बहुत अच्छी तरह से बातें करतीं हैं। मेरी बात सुनतीं हैं। मेरे ऊपर कोई हुकुम नहीं चलातीं हैं। मुझे बिलकुल अपनी बेटी की ही तरह रखतीं हैं। खूब खुल कर बातें करतीं हैं। उसे बातें करने का बड़ा शौक है। चुलबुली और मसालेदार बातें करने में उसे बड़ा मज़ा आता है। गालियां तो उसके होठों पर रखी ही रहतीं है। मगर वह गालियां हमेशा प्यार में देती हैं और प्यार से देतीं हैं। किसी को चुभने वाली न तो गाली देतीं है और न ही कोई बात कहतीं है पर उस दिन पता नहीं की मेरी सास किस मूड में थीं। मस्ती के मूड में थी की कोई नाराज़गी थी उसे। जैसे ही मेरी सास ने मुझसे कहा - मैं तेरी नन्द की माँ चोद दूँगी, बहू तो मैं सोंचने लगी की सासू तो अपनी ही चूत चोदने की बात कर रही हैं। वह आग भी बोलने लगी - मुझसे अब और बरदास्त नहीं होता ? मैंने बहुत दिन इंतज़ार कर लिया। अब और इंतज़ार नहीं करुँगी। अब तो बिना उसकी माँ चोदे मैं एक दिन भी नहीं रह सकती ? मैं समझ गयी की मेरी सास अपनी ही चूत में लन्ड पेलना चाहती है।
इतने में मेरी नन्द वहां आ गयी। उसने शायद यह बात सुन ली। उसने भी कहा - भाभी, मैं तेरी सास की बेटी चोद दूंगी, बहन चोद ? मैंने मन में कहा हाय दईया मेरी नन्द भी अपनी चूत चोदने की बात कह रही है लेकिन बिलकुल अपनी माँ की ही तरह ? मैं मुस्कराने लगी। वह आगे बोली - बहुत हो गया। अब मैं किसी की परवाह नहीं करुँगी। मैं भी जवान हूँ। मेरी पास भी चूत है। मेरे भी आगे पीछे लड़के घूमा करते हैं। मैं भी बिना उसकी बिटिया की बुर चोदे रह नहीं सकती ? जबसे मैं सुना है तबसे मेरी झांटें सुलग रहीं हैं।
फिर मुझसे भी रहा न गया। मैंने भी उसी तरह उसी लहज़े में बिंदास बोल पड़ी - नन्द रानी मैं तेरी माँ की बहू चोदूंगी। मादर चोद अपने को बड़ी नखरे वाली समझती है बुर चोदी। अभी दो दिन हुए है ससुराल आये हुए अभी से सबकी गांड में ऊँगली करने की कोशिश कर रही है माँ की लौड़ी। और तुम भी सुन लो सासू जी मैं तेरी बेटी की भाभी का फाड़ डालूँगी चूत और बना दूँगी एक ही दिन में चूत का भोसड़ा ? फिर मुझे दोष न देना की बहू ये तूने क्या किया ?
फिर हम तीनो खूब ताली बजा बजा कर हंसने लगीं। मजे की बात यह थी की हम तीनो ने अपनी ही चूत चोदने की बात कही है। लेकिन कहा इस तरह है की गाली किसी और को लगे। मेरी सास बोली हाय बहू तू तो बहुत जल्दी हम दोनों की बातें समझ गयी। अब तो तुम हम दोनों से मिलकर खूब एन्जॉय करोगी।
नन्द फिर मस्ती में बोली - मैं किसी दिन तेरे बाप का लन्ड चोदूंगी, भाभी।
मैंने भी उसी अंदाज़ में जबाब दिया - मैं भी किसी दिन तेरे बाप का लन्ड चोदूंगी, नन्द रानी।
नन्द ने पलट कर कहा - मैं तो कहती हूँ की तुम चोदो मेरे बाप का लन्ड और तेरी माँ भी चोदे मेरे बाप का लन्ड ?
मैंने कहा - और मैं भी कहती हूँ की तुम चोद लो मेरे बाप का लन्ड और तेरी माँ भी चोद ले मेरे बाप का लन्ड ? मुझे तो हर तरफ से मज़ा आएगा ?
सास बोली - हाय दईया बहू, जब मैं तेरे बाप का लन्ड चोदूंगी तो कितना मज़ा आएगा। मैं तो तेरे बाप का लन्ड चोदने के लिए अभी से तैयार हूँ।
मैंने एक दिन पूंछा की आप अपनी बेटी से कैसे इतना खुल गयीं सासू जी।
उसने कहा - सुनो मैं तुम्हे एक बात बताती हूँ, बहू ? ये चूत भी साली बड़ी हरामी चीज है। इसे तो बस लन्ड चाहिए लन्ड ? ये बुर चोदी बुर किसी की नहीं सुनती। सिर्फ लन्ड की सुनती है।
मेरी सास अपनी बातें खुल कर कहने लगीं :-
लन्ड न माने किसी की, बुर, बुर चोदी बात
दोनों ऐसे मिल गए, कट गयी सारी रात
उस दिन मेरा देवर आया था। मैं पहले तो उससे खूब हंसी मजाक करती रही और फिर अचानक मेरा हाथ उसकी जाँघों पर पहुँच गया। मैं उसे ललचाई आँखों से देखने लगी। वह भी मेरी तरफ खिंचा चला आया। उसका भी हाथ मेरे जिस्म की तरफ बढ़ने लगा। मैं थोड़ा और बढ़ी। मैंने अपना हाथ उसके लन्ड पर रख दिया। वह पैजामा पहने हुए था। जैसे ही मैंने उसका लन्ड ऊपर से दबाया वैसे ही उसका हाथ मेरी चूँचियों पर पहुँच गया। वह बोला भाभी तुम मुझे बहुत अच्छी लग रही हो। बस मैंने उसकी आँखों में आँखे डाली और उसके पैजामा का नाड़ा खोल डाला। मैंने हाथ घुसेड़ दिया अंदर और मेरा हाथ उसके लन्ड से टकरा गया। उसका लन्ड छूते ही मेरे बदन में आग लग गयी। उसका लन्ड भी ऐसे उछला जैसे उसे करंट लग गया हो। फिर मैं और बेशर्म हो गयी। मैंने पैजामा खोल कर नीचे फेंक दिया और उसका नंगा लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी। उसने भी मेरी चूंचियां बाहर निकाल लीं। मामला और आग बढ़ा तो मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो गयी। और फिर उसे भी नंगा कर दिया। मैंने लन्ड मुंह में लिया और मस्ती से चूसने लगी। मुझे लन्ड भी पसंद आ गया और लन्ड का स्वाद भी। मैं मस्ती से लन्ड चूस रही थी।
तभी मैंने देखा की मेरी बेटी समीना मुझे देख रही है। मैं न शरमाई, न झिझकी और न ही रुकी। बल्कि मैं तो और मस्ती से चूसने लगी लन्ड ? मैंने मन में कहा तू भोसड़ी की समीना देख ले की तेरी माँ कैसे चूसती है लन्ड ? तू भी तो बुर चोदी २० साल की हो गयी है। तू भी किसी न किसी का लन्ड चूसती होगी। लन्ड अपनी चूत में पेलती होगी। अगर ऐसा है तो आज ये लन्ड तू पेल दे अपनी माँ के भोसड़ा में। मैं देखना चाहती हूँ की तू अपनी माँ चुदवा लेती है की नहीं ? अगर तू चुदवा लेती है तो फिर डर किस बात का। आ और चुदवा ले अपनी माँ का भोसड़ा ? और अगर तू चुदाना नहीं जानती तो अब मैं तुझे सिखाऊंगी कैसे चुदवाई जाती है माँ ? वह मुझे एकटक देख रही थी और वह जान भी गयीं की मैं अम्मी को लन्ड चूसते हुए देख रहीं हूँ ।
थोड़ी देर तक हम दोनों एक दूसरे को देखती रहीं। न मैं कुछ बोली और न वो। मैं लन्ड चूसती रहीऔर वो मुझे लन्ड चूसते हुए देखती रही। वह वहां से हट भी नहीं रही है इसका मतलब है की उसे भी लन्ड चूसने की इच्छा है। वह भी लन्ड पीना चाहती है। उसे मेरे देवर का लन्ड पसंद आ गया है।और मेरे पास आ भी नहीं रही है इसका मतलब है की उसकी हिम्मत नहीं हो रही है।
तब मैंने कहा दूर से क्या देख रही ही भोसड़ी की समीना। मेरे पास आ जा और नजदीक से पकड़ के देख ले लन्ड ? लन्ड बेटी पकड़ कर ही देखा जाता है दूर से नहीं। आ जा। वह मेरे पास आयी तो मैंने उसे लन्ड पकड़ा दिया। उसने झिझकते हुए पकड़ा तो मैंने फिर कहाअब शर्माने की जरुरत नहीं है। अब तो तू मस्त जवान है। अगर तू लन्ड पकड़ने लगी है तो मुझे बता दे और इसे मस्ती से पकड़ कर मज़ा कर। और अगर तू पहली बार लन्ड पकड़ रही है तो भी मुझे बता मैं तुझे सिखा दूँगी लन्ड पकड़ना।
फिर वह खुल कर बोली नहीं अम्मी मुझे लन्ड पकड़ना आता है। मैं तो माँ चुदाना सीखना चाहती हूँ। मेरी सभी सहेलियां बहन चोद अपनी माँ चुदवाती हैं। मैंने तो २/३ सहेलियों को अपनी माँ की चूत में लन्ड पेलते हुए भी देखा है। उन लोगों ने मुझसे भी लन्ड अपनी माँ की चूत में पेलवाया। तभी से मेरा भी मन है की मैं भी क्यों न अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाऊँ और अपनी सहेलियों के हाथ से लन्ड अपनी माँ की चूत में घुसेड़वाऊं ?
मैंने उसके गाल थपथपाते हुए कहा बेटी तू बिलकुल सही सोंच रही हैं। अब मुझे पक्का यकीन हो गया है की मैं बहुत बड़ी भोसड़ी की हूँ तो तू बहुत बड़ी बुर चोदी है। समीना तेरी माँ की चूत ? तू बिलकुल सही जगह जा रही है। उसने भी कहा अम्मी तेरी बिटिया की बुर तू भी बिल्कुल सही सही मुझेअपनी माँ चुदाना सिखाने जा रही है। बस उसी दिन से हम दोनों आपस में इसी तरह की गालियां बकने लगीं। इसमें हम दोनों को मज़ा आता है और किसी को बुरा भी नहीं लगता क्योंकि हम अपनी ही बुर चोदने / चुदवाने के लिए कहतीं हैं।
सास की बातें सुनकर मुझे बड़ा अच्छा लगा। मैंने कहा सासू अब मैं भी ऐसी ही बाते आपसे किया करुँगी। उसने मुझे लगे लगा लिया। सासू जी ने मुझसे पूंछा बहू तुम भी तो अपनी माँ से खुली हुई हो। यह बात मुझे मालूम है। अब तुम अपनी बात बताओ मुझे।
मैंने कहा - सासू जी तुम अच्छा कहो या बुरा पर सच तो है की मैं अम्मी के सामने पीती हूँ लन्ड। एक दिन जब मैं पहली बार अपने बॉय फ्रेंड का लन्ड पी रही थी तो अम्मी ने मुझे देख लिया था पर मैं रुकी नहीं। मैं तो बस मस्ती से पीती रही लन्ड। मैंने ऐसा ब्यवहार किया की जैसे मैंने उसे देखा ही नहीं। मैं उस समय बिल्कुल नंगी थी और नंगा था मेरा दोस्त। मैं उसे बुर्का पहना अर अपने घर आयी थी ताकि कोई देख न ले। बस उसे कमरे में ले आयी और फिर हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार कर हो गए नंगे। मुझे जितनी जल्दी लन्ड पीने की थी उतनी ही जल्दी उसे लन्ड पिलाने की थी। इसलिए उसका लन्ड साला तुरंत खड़ा हो गयाऔर इधर मेरा मुंह अपने आप खुल गया। लन्ड बहन चोद पैंट से निकला और सीधे मेरे मुंह में घुस गया। मैंने लन्ड मुंह के बाहर निकाला ही नहीं। लन्ड से लार टपकने लगी. मेरी भी लार बाहर आने लगी. पर मैं रुकी नहीं। हाथ से पेल्हड़ और होठों से लन्ड दबा कर ही रखा। झांटें उसकी बिलकुल साफ़ थी इसलिए लन्ड बड़ा भी लग रहा था और हैंडसम भी। मैं तो बस लन्ड में खोयी हुई थी।
मैंने मन के कहा अम्मी भोसड़ी की देख रही है तो देखें ? क्योंकि मैं जानती हूँ की अम्मी मुझसे ज्यादा लन्ड पीती हैं। एक नहीं कई लोगों के लन्ड पीती हैं। इसलिए मैं निडर होकर लन्ड पीती रही और मन के कहती रही की अम्मी अगर तू लन्ड पीने में बेशर्म है तो मैं तुमसे ज्यादा बेशर्म हूँ। अगर अम्मी का भोसड़ा लन्ड पी सकता है तो अम्मी की बिटिया की बुर भी लन्ड पी सकती है। अम्मी कुछ बोली नहीं बल्कि मुस्कराकर चली गयीं।
लेकिन उस दिन मेरी ज़िन्दगी में एक बहुत बड़ा बदलाव आया जब अम्मी ने मुझसे कहा - बुर चोदी खुशबू तेरी माँ का भोसड़ा ? और मैंने पलट कर उसी अंदाज़ में कहा - भोसड़ी की अम्मी, तेरी बिटिया की बुर ? फिर वह भी हंसने लगीं और मैं भी वह बड़े ही रोमांटिक मूड में थीं। वह बोली खुशबू बुर चोदी तू और बुर चोदी तेरी भोसड़ी की तेरी माँ ? मैंने कहा - आसिया भोसड़ी की तू बुर चोदी तू और बुर चोदी तेरी बेटी ?
बस उसी दिन से अम्मी से मेरे सम्बन्ध दोस्ताना और याराना के हो गए।
तो दोस्तों, आपको मालूम होगया गया की मेरा नाम है खुशबू, मेरी नन्द है समीना, मेरी सास हैं नज़राना बेगम और मेरी अम्मी का नाम है आसिया बेगम। एक दिन मैं अकेली बैठी थी। मेरे पास मेरी नन्द समीनाआयी और बातें करने लगी। उस दिन मेरी सास बाहर गयीं थीं। इसलिए घर पर केवल हम दो ही थीं। वह मस्ती से खुल कर बातें करने लगी और बोली भाभी मेरी अम्मी बहुत बड़ी चुदक्कड़ हैं। उसे हर एक लन्ड से बहुत मोहब्बत है। वह किसी का भी लन्ड पकड़ लेती है। इसीलिए उसने हम दोनों को अपने साथ मिला लिया है ताकि उसे रोज़ कोई न कोई लन्ड मिलता रहे। कोई न कोई उसे चोदने वाला मिलता रहे। जो मुझे चोदे वो मेरी माँ चोदे। वो तुझे चोदे वो तेरी सास चोदे। उसने अपना हिसाब फिट कर लिया है भाभी। मैंने कहा तो इसमें कोई बुराई है क्या ? ये तो अच्छी बात है। लन्ड मुझे भी चाहिए और तुझे भी।
वह बोली - हां भाभी तुमने सही कहा और मेरा मन है की आज मैं तेरी चूत में कोई लन्ड पेलूँ।
मैंने कहा - चल हट, इस समय यहाँ कोई लन्ड मिलेगा तुझे ?
इतने में किसी ने डोर बेल बज दी। समीना ने दरवाजा खोला। उसने देखा की सामने एक लड़की बुर्का ओढ़े खड़ी है। समीना ने उसे अंदर बैठा लिया। मैं भी तब तक आकर बैठ गयी। समीना ने कहा यह मेरी दोस्त है। ऐसा बोल कर उसने अपना हाथ उसके बुरके में घुस दिया और अंदर ही अंदर कुछ हिलाने लगी। मैंने कहा अरी समीना ये क्या हिला रही है तू। तब वह मुस्कराकर बोली भाभी तो तुम खुद हिला कर देख लो। मैंने भी हाथ घुसेड़ दिया। मेरा हाथ एक लन्ड से टकरा गया। मैं तो चिल्ला पड़ी हाय दईया ये तो लन्ड है बहन चोद समीना। तो फिर ये लड़की नहीं लड़का है। समीना ने उसका बुरका उतार दिया। अंदर से वह बिलकुल नंगा निकला। उसका लन्ड देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया। मैं बोली हाय रब्बा लन्ड तो बड़ा मजेदार मेरी नन्द रानी।
वह बोली हां भाभी और मैं यही लन्ड तेरी चूत में पेलूंगी ? आज मैं चोदूंगी तेरी बुर ? मैंने झुक कर लन्ड की कई बार चुम्मी ली। मैं जबान निकाल कर उसका सुपाड़ा चाटने लगी। तब तक समीना ने मुझे मेरे कपड़े उतार कर नंगी कर दिया और खुद भी नंगी हो गयी। हम दोनों मिलकर उसका लन्ड चाटने चूसने लगीं। झांटें किसी की नहीं थी। न मेरी, न मेरी नन्द की और न लन्ड की ? तब उसने बताया की भाभी यह असीम है मेरी सहेली का शौहर। मैंने इसका लन्ड सिनेमा हाल में पकड़ा था। तभी से मेरे मन था की एक दिन मैं इसे अपनी चूत में पेलूंगी और अपनी भाभी की बुर में भी घुसाऊंगी। आज मौका मिला है आज मैं तुझे चोद कर मज़ा लूंगी भाभी। मैंने कहा ठीक है तू मुझे चोद ले मैं तुझे चोद लूंगी।
फिर समीना मेरी बुर चाटने लगी। मैं लन्ड के साथ साथ उसकी चूत भी सहलाने लगी। समीना ने धीरे से लन्ड मेरी चूत पर टिका दिया और उसके चूतड़ ऊपर से दबा दिया। लन्ड साला सरसराता हुआ बड़ी दूर तकअंदर घुसता चला गया उससे मुझे लन्ड की लंबाई मालूम हो गयी। मोटा तो साला पकड़ने से ही मालूम हो गया था। मैंने कहा समीना तू लन्ड तो बहुत बढ़िया ढूंढ कर लायी है यार। मैं तो किसी दिन इससे अपनी माँ का भोसड़ा भी चोदूंगी। तुम चोदोगी अपनी भोसड़ा समीना ? इससे पहले की समीना कुछ जबाब दे पाती, पीछे से एक आवाज़ आयी - भोसड़ा तो मैं चोदूंगी बहू तेरी नन्द की माँ का ? मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो वह मेरी सास नज़राना थीं। मैंने कहा अरे सासू जी आप तो शाम को आने वाली थीं। वह बोली हां बहू मैं शाम को ही आती पर काम ज़रा जल्दी ख़तम हो गया तो मैं चली आयी। फिर उसने ताली बजायी तो दो आदमी अंदर कमरे में आ गए। मैंने कहा अरे सासू जी मैं नंगी हूँ, चुदवा रही हूँ, मेरी चूत खुली है ऐसे में कोई ग़ैर मरद आये तो यह ठीक नहीं है। हमारे घर में किसी गैर मरद का आना मना है सासू जी। यह आपने ही कहा था।
सास बोली - अरी मेरी बुर चोदी बहू, ये लोग गैर मरद नहीं हैं। ये है तेरी खाला सास का मियां अनस। यानी तेरे खाला ससुर और ये है इसका दोस्त हसन। ये दोनों आज ही मुम्बई से आये हैं। तेरी खाला सास मुम्बई में रहतीं हैं और तू उसे अभी नहीं जानती ? तब तक समीना बोली अरे भाभी मैं जानती हूँ। ये मेरा खालू है और हसन इसका दोस्त है। पर मैं न इसका लन्ड पहचानती हूँ और न इसके दोस्त का लन्ड ? इतने में सासू बोली तू भोसड़ी की समीना जब तक लन्ड पकड़ कर देखेगी नहीं तब तक पहचानेगी कैसे ? बस सासू आगे बढ़ीं और अनस के कपड़े उतारने लगीं। उसे नंगा किया और लन्ड पकड़ कर हिलाया। लन्ड साला सबके सामने खड़ा हो गया। तब वह बोली ले समीना अब तू मस्ती से पकड़ कर देख ले लन्ड और आज से पहचान ले लन्ड। समीना अनस का लन्ड पकड़ लिया तब सासू ने हसन का भी लन्ड खोल कर बाहर निकाल लिया। उसे मस्ती से मुस्कराते हुए खूब हिलाया तो लन्ड खड़ा हो गया।
सासू ने वो लन्ड मुझे पकड़ा दिया और बोली लो बहू अब तुम इस लन्ड का मज़ा लो और अपने हाथ वाला लन्ड मुझे पकड़ा दो। मैंने असीम का लन्ड उसे पकड़ा दिया। इस तरह मेरी नन्द अनस का लन्ड चूसने लगी। सासू जी असीम का चूसने लगीं और मैं हसन का लन्ड मुंह में डाल कर चपर चपर चूसने लगीं। हम तीनो को लन्ड चूसते हुए देख कर सासू जी बोली - हाय अल्ला, आज मेरी तमन्ना पूरी हुई। मैं यही चाहती थी की मेरे साथ मेरी बेटी और बहू लन्ड चूसे। अब जब मेरे सामने ही और मेरे साथ साथ ये दोनों अपनी अपनी चूत चुदवायेंगी तब आएगा मुझे ज़न्नत का मज़ा ?
थोड़ी देर तक लन्ड चूसने के बाद मैंने कहा अंकल अब पेल दो अपना ये भोसड़ी का लन्ड मेरी चूत में और चोदो। उसने फ़ौरन मुझे चोदना शुरू कर दिया। उधर मेरी नन्द बोली हाय खालू देखो मेरी भाभी चुदवाने लगीं है। तुम भी चोदो ने मुझे। पेलो अपना लन्ड मेरी चूत में। मेरी माँ के सामने मुझे चोदो। तूने मेरी माँ की चूत खूब चोदी होगी आज तुम उसकी बिटिया की बुर चोद कर देखो। तेरा लौड़ा तो बड़ा मोटा है बहन चोद ? घुसा दो इसे मेरी चूत में। उसने घुसा भी दिया और समीना बुर चोदी बड़ी मस्ती से चुदवाने लगी। तब तक सासू जी ने असीम का लन्ड अपने भोसड़ा में घुसवा लिया। वह भी अपनी गांड उछाल उछाल कर चुदवाने लगीं। पूरा कमरा चुदाई की आवाज़ों से गूंजने लगा। सास बोली हाय दईया मैं इसी तरह की आवाज़ें सुनना चाहती थी। आज मैं बड़ी खुश हूँ। मैं बीच में थी, मेरे एक तरफ सास अपनी गांड मेरे मुंह की तरह किये हुसे चुदवा रहीं थी। और मेरी दूसरी ओर समीना अपनी गांड मेरे मुंह की तरफ करके चुदवा रही थी।
मैं गर्दन घुमा घुमा कर कभी सास का भोसड़ा चुदता हुआ देख रही थी और कभी अपनी नन्द की बुर चुदती हुई देख रही थी। वो दोनों मेरी बुर चुदती हुई देख रहीं थीं। तभी मेरी सास को गालियों की मस्ती सूझी।
वह बोली - समीना, तेरी माँ का भोसड़ा बहन चोद तू तो बड़ी बेशर्मी से अपनी माँ चुदवा रही है। और तू बुर चोदी बहू तुझे तो अपनी सास की बुर चुदवाने में लज्जा ही नहीं आती ?
मैंने कहा - सासू जी, तेरी बहू की बुर मादर चोद, तू तो सबसे बड़ी बेशर्म है जो अपनी बहू की बुर खुले आम चुदवा रही है। और तू समीना माँ की लौड़ी तू भी मस्ती से अपनी भाभी की चूत में लन्ड पेल रही है।
समीना बोली - भाभी, तेरी बहन चोद नन्द की चूत ? तू तो अपनी नन्द की बुर के साथ साथ अपनी सास का भोसड़ा भी चुदवा रही है। तेरी बहन का लन्ड ? तू तो बुर चुदाने में बड़ी एक्सपर्ट है। और तू अम्मी, तेरी बिटिया की बुर ? तेरी बेटी को अपनी माँ चुदाने में बड़ा मज़ा आता है ? देखो न भोसड़ी की कितना मज़ा लूट रही है ? इसी तरह की प्यार भरी गालियां सुना सुना कर और खूब गन्दी गन्दी बातें कर कर के हम सब चुदवाने में व्यस्त हो गयीं।
इस तरह हमारी ऐय्यासी दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही थी।
मेरी सास मुझसे बहुत अच्छी तरह से बातें करतीं हैं। मेरी बात सुनतीं हैं। मेरे ऊपर कोई हुकुम नहीं चलातीं हैं। मुझे बिलकुल अपनी बेटी की ही तरह रखतीं हैं। खूब खुल कर बातें करतीं हैं। उसे बातें करने का बड़ा शौक है। चुलबुली और मसालेदार बातें करने में उसे बड़ा मज़ा आता है। गालियां तो उसके होठों पर रखी ही रहतीं है। मगर वह गालियां हमेशा प्यार में देती हैं और प्यार से देतीं हैं। किसी को चुभने वाली न तो गाली देतीं है और न ही कोई बात कहतीं है पर उस दिन पता नहीं की मेरी सास किस मूड में थीं। मस्ती के मूड में थी की कोई नाराज़गी थी उसे। जैसे ही मेरी सास ने मुझसे कहा - मैं तेरी नन्द की माँ चोद दूँगी, बहू तो मैं सोंचने लगी की सासू तो अपनी ही चूत चोदने की बात कर रही हैं। वह आग भी बोलने लगी - मुझसे अब और बरदास्त नहीं होता ? मैंने बहुत दिन इंतज़ार कर लिया। अब और इंतज़ार नहीं करुँगी। अब तो बिना उसकी माँ चोदे मैं एक दिन भी नहीं रह सकती ? मैं समझ गयी की मेरी सास अपनी ही चूत में लन्ड पेलना चाहती है।
इतने में मेरी नन्द वहां आ गयी। उसने शायद यह बात सुन ली। उसने भी कहा - भाभी, मैं तेरी सास की बेटी चोद दूंगी, बहन चोद ? मैंने मन में कहा हाय दईया मेरी नन्द भी अपनी चूत चोदने की बात कह रही है लेकिन बिलकुल अपनी माँ की ही तरह ? मैं मुस्कराने लगी। वह आगे बोली - बहुत हो गया। अब मैं किसी की परवाह नहीं करुँगी। मैं भी जवान हूँ। मेरी पास भी चूत है। मेरे भी आगे पीछे लड़के घूमा करते हैं। मैं भी बिना उसकी बिटिया की बुर चोदे रह नहीं सकती ? जबसे मैं सुना है तबसे मेरी झांटें सुलग रहीं हैं।
फिर मुझसे भी रहा न गया। मैंने भी उसी तरह उसी लहज़े में बिंदास बोल पड़ी - नन्द रानी मैं तेरी माँ की बहू चोदूंगी। मादर चोद अपने को बड़ी नखरे वाली समझती है बुर चोदी। अभी दो दिन हुए है ससुराल आये हुए अभी से सबकी गांड में ऊँगली करने की कोशिश कर रही है माँ की लौड़ी। और तुम भी सुन लो सासू जी मैं तेरी बेटी की भाभी का फाड़ डालूँगी चूत और बना दूँगी एक ही दिन में चूत का भोसड़ा ? फिर मुझे दोष न देना की बहू ये तूने क्या किया ?
फिर हम तीनो खूब ताली बजा बजा कर हंसने लगीं। मजे की बात यह थी की हम तीनो ने अपनी ही चूत चोदने की बात कही है। लेकिन कहा इस तरह है की गाली किसी और को लगे। मेरी सास बोली हाय बहू तू तो बहुत जल्दी हम दोनों की बातें समझ गयी। अब तो तुम हम दोनों से मिलकर खूब एन्जॉय करोगी।
नन्द फिर मस्ती में बोली - मैं किसी दिन तेरे बाप का लन्ड चोदूंगी, भाभी।
मैंने भी उसी अंदाज़ में जबाब दिया - मैं भी किसी दिन तेरे बाप का लन्ड चोदूंगी, नन्द रानी।
नन्द ने पलट कर कहा - मैं तो कहती हूँ की तुम चोदो मेरे बाप का लन्ड और तेरी माँ भी चोदे मेरे बाप का लन्ड ?
मैंने कहा - और मैं भी कहती हूँ की तुम चोद लो मेरे बाप का लन्ड और तेरी माँ भी चोद ले मेरे बाप का लन्ड ? मुझे तो हर तरफ से मज़ा आएगा ?
सास बोली - हाय दईया बहू, जब मैं तेरे बाप का लन्ड चोदूंगी तो कितना मज़ा आएगा। मैं तो तेरे बाप का लन्ड चोदने के लिए अभी से तैयार हूँ।
मैंने एक दिन पूंछा की आप अपनी बेटी से कैसे इतना खुल गयीं सासू जी।
उसने कहा - सुनो मैं तुम्हे एक बात बताती हूँ, बहू ? ये चूत भी साली बड़ी हरामी चीज है। इसे तो बस लन्ड चाहिए लन्ड ? ये बुर चोदी बुर किसी की नहीं सुनती। सिर्फ लन्ड की सुनती है।
मेरी सास अपनी बातें खुल कर कहने लगीं :-
लन्ड न माने किसी की, बुर, बुर चोदी बात
दोनों ऐसे मिल गए, कट गयी सारी रात
उस दिन मेरा देवर आया था। मैं पहले तो उससे खूब हंसी मजाक करती रही और फिर अचानक मेरा हाथ उसकी जाँघों पर पहुँच गया। मैं उसे ललचाई आँखों से देखने लगी। वह भी मेरी तरफ खिंचा चला आया। उसका भी हाथ मेरे जिस्म की तरफ बढ़ने लगा। मैं थोड़ा और बढ़ी। मैंने अपना हाथ उसके लन्ड पर रख दिया। वह पैजामा पहने हुए था। जैसे ही मैंने उसका लन्ड ऊपर से दबाया वैसे ही उसका हाथ मेरी चूँचियों पर पहुँच गया। वह बोला भाभी तुम मुझे बहुत अच्छी लग रही हो। बस मैंने उसकी आँखों में आँखे डाली और उसके पैजामा का नाड़ा खोल डाला। मैंने हाथ घुसेड़ दिया अंदर और मेरा हाथ उसके लन्ड से टकरा गया। उसका लन्ड छूते ही मेरे बदन में आग लग गयी। उसका लन्ड भी ऐसे उछला जैसे उसे करंट लग गया हो। फिर मैं और बेशर्म हो गयी। मैंने पैजामा खोल कर नीचे फेंक दिया और उसका नंगा लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी। उसने भी मेरी चूंचियां बाहर निकाल लीं। मामला और आग बढ़ा तो मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो गयी। और फिर उसे भी नंगा कर दिया। मैंने लन्ड मुंह में लिया और मस्ती से चूसने लगी। मुझे लन्ड भी पसंद आ गया और लन्ड का स्वाद भी। मैं मस्ती से लन्ड चूस रही थी।
तभी मैंने देखा की मेरी बेटी समीना मुझे देख रही है। मैं न शरमाई, न झिझकी और न ही रुकी। बल्कि मैं तो और मस्ती से चूसने लगी लन्ड ? मैंने मन में कहा तू भोसड़ी की समीना देख ले की तेरी माँ कैसे चूसती है लन्ड ? तू भी तो बुर चोदी २० साल की हो गयी है। तू भी किसी न किसी का लन्ड चूसती होगी। लन्ड अपनी चूत में पेलती होगी। अगर ऐसा है तो आज ये लन्ड तू पेल दे अपनी माँ के भोसड़ा में। मैं देखना चाहती हूँ की तू अपनी माँ चुदवा लेती है की नहीं ? अगर तू चुदवा लेती है तो फिर डर किस बात का। आ और चुदवा ले अपनी माँ का भोसड़ा ? और अगर तू चुदाना नहीं जानती तो अब मैं तुझे सिखाऊंगी कैसे चुदवाई जाती है माँ ? वह मुझे एकटक देख रही थी और वह जान भी गयीं की मैं अम्मी को लन्ड चूसते हुए देख रहीं हूँ ।
थोड़ी देर तक हम दोनों एक दूसरे को देखती रहीं। न मैं कुछ बोली और न वो। मैं लन्ड चूसती रहीऔर वो मुझे लन्ड चूसते हुए देखती रही। वह वहां से हट भी नहीं रही है इसका मतलब है की उसे भी लन्ड चूसने की इच्छा है। वह भी लन्ड पीना चाहती है। उसे मेरे देवर का लन्ड पसंद आ गया है।और मेरे पास आ भी नहीं रही है इसका मतलब है की उसकी हिम्मत नहीं हो रही है।
तब मैंने कहा दूर से क्या देख रही ही भोसड़ी की समीना। मेरे पास आ जा और नजदीक से पकड़ के देख ले लन्ड ? लन्ड बेटी पकड़ कर ही देखा जाता है दूर से नहीं। आ जा। वह मेरे पास आयी तो मैंने उसे लन्ड पकड़ा दिया। उसने झिझकते हुए पकड़ा तो मैंने फिर कहाअब शर्माने की जरुरत नहीं है। अब तो तू मस्त जवान है। अगर तू लन्ड पकड़ने लगी है तो मुझे बता दे और इसे मस्ती से पकड़ कर मज़ा कर। और अगर तू पहली बार लन्ड पकड़ रही है तो भी मुझे बता मैं तुझे सिखा दूँगी लन्ड पकड़ना।
फिर वह खुल कर बोली नहीं अम्मी मुझे लन्ड पकड़ना आता है। मैं तो माँ चुदाना सीखना चाहती हूँ। मेरी सभी सहेलियां बहन चोद अपनी माँ चुदवाती हैं। मैंने तो २/३ सहेलियों को अपनी माँ की चूत में लन्ड पेलते हुए भी देखा है। उन लोगों ने मुझसे भी लन्ड अपनी माँ की चूत में पेलवाया। तभी से मेरा भी मन है की मैं भी क्यों न अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाऊँ और अपनी सहेलियों के हाथ से लन्ड अपनी माँ की चूत में घुसेड़वाऊं ?
मैंने उसके गाल थपथपाते हुए कहा बेटी तू बिलकुल सही सोंच रही हैं। अब मुझे पक्का यकीन हो गया है की मैं बहुत बड़ी भोसड़ी की हूँ तो तू बहुत बड़ी बुर चोदी है। समीना तेरी माँ की चूत ? तू बिलकुल सही जगह जा रही है। उसने भी कहा अम्मी तेरी बिटिया की बुर तू भी बिल्कुल सही सही मुझेअपनी माँ चुदाना सिखाने जा रही है। बस उसी दिन से हम दोनों आपस में इसी तरह की गालियां बकने लगीं। इसमें हम दोनों को मज़ा आता है और किसी को बुरा भी नहीं लगता क्योंकि हम अपनी ही बुर चोदने / चुदवाने के लिए कहतीं हैं।
सास की बातें सुनकर मुझे बड़ा अच्छा लगा। मैंने कहा सासू अब मैं भी ऐसी ही बाते आपसे किया करुँगी। उसने मुझे लगे लगा लिया। सासू जी ने मुझसे पूंछा बहू तुम भी तो अपनी माँ से खुली हुई हो। यह बात मुझे मालूम है। अब तुम अपनी बात बताओ मुझे।
मैंने कहा - सासू जी तुम अच्छा कहो या बुरा पर सच तो है की मैं अम्मी के सामने पीती हूँ लन्ड। एक दिन जब मैं पहली बार अपने बॉय फ्रेंड का लन्ड पी रही थी तो अम्मी ने मुझे देख लिया था पर मैं रुकी नहीं। मैं तो बस मस्ती से पीती रही लन्ड। मैंने ऐसा ब्यवहार किया की जैसे मैंने उसे देखा ही नहीं। मैं उस समय बिल्कुल नंगी थी और नंगा था मेरा दोस्त। मैं उसे बुर्का पहना अर अपने घर आयी थी ताकि कोई देख न ले। बस उसे कमरे में ले आयी और फिर हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार कर हो गए नंगे। मुझे जितनी जल्दी लन्ड पीने की थी उतनी ही जल्दी उसे लन्ड पिलाने की थी। इसलिए उसका लन्ड साला तुरंत खड़ा हो गयाऔर इधर मेरा मुंह अपने आप खुल गया। लन्ड बहन चोद पैंट से निकला और सीधे मेरे मुंह में घुस गया। मैंने लन्ड मुंह के बाहर निकाला ही नहीं। लन्ड से लार टपकने लगी. मेरी भी लार बाहर आने लगी. पर मैं रुकी नहीं। हाथ से पेल्हड़ और होठों से लन्ड दबा कर ही रखा। झांटें उसकी बिलकुल साफ़ थी इसलिए लन्ड बड़ा भी लग रहा था और हैंडसम भी। मैं तो बस लन्ड में खोयी हुई थी।
मैंने मन के कहा अम्मी भोसड़ी की देख रही है तो देखें ? क्योंकि मैं जानती हूँ की अम्मी मुझसे ज्यादा लन्ड पीती हैं। एक नहीं कई लोगों के लन्ड पीती हैं। इसलिए मैं निडर होकर लन्ड पीती रही और मन के कहती रही की अम्मी अगर तू लन्ड पीने में बेशर्म है तो मैं तुमसे ज्यादा बेशर्म हूँ। अगर अम्मी का भोसड़ा लन्ड पी सकता है तो अम्मी की बिटिया की बुर भी लन्ड पी सकती है। अम्मी कुछ बोली नहीं बल्कि मुस्कराकर चली गयीं।
लेकिन उस दिन मेरी ज़िन्दगी में एक बहुत बड़ा बदलाव आया जब अम्मी ने मुझसे कहा - बुर चोदी खुशबू तेरी माँ का भोसड़ा ? और मैंने पलट कर उसी अंदाज़ में कहा - भोसड़ी की अम्मी, तेरी बिटिया की बुर ? फिर वह भी हंसने लगीं और मैं भी वह बड़े ही रोमांटिक मूड में थीं। वह बोली खुशबू बुर चोदी तू और बुर चोदी तेरी भोसड़ी की तेरी माँ ? मैंने कहा - आसिया भोसड़ी की तू बुर चोदी तू और बुर चोदी तेरी बेटी ?
बस उसी दिन से अम्मी से मेरे सम्बन्ध दोस्ताना और याराना के हो गए।
तो दोस्तों, आपको मालूम होगया गया की मेरा नाम है खुशबू, मेरी नन्द है समीना, मेरी सास हैं नज़राना बेगम और मेरी अम्मी का नाम है आसिया बेगम। एक दिन मैं अकेली बैठी थी। मेरे पास मेरी नन्द समीनाआयी और बातें करने लगी। उस दिन मेरी सास बाहर गयीं थीं। इसलिए घर पर केवल हम दो ही थीं। वह मस्ती से खुल कर बातें करने लगी और बोली भाभी मेरी अम्मी बहुत बड़ी चुदक्कड़ हैं। उसे हर एक लन्ड से बहुत मोहब्बत है। वह किसी का भी लन्ड पकड़ लेती है। इसीलिए उसने हम दोनों को अपने साथ मिला लिया है ताकि उसे रोज़ कोई न कोई लन्ड मिलता रहे। कोई न कोई उसे चोदने वाला मिलता रहे। जो मुझे चोदे वो मेरी माँ चोदे। वो तुझे चोदे वो तेरी सास चोदे। उसने अपना हिसाब फिट कर लिया है भाभी। मैंने कहा तो इसमें कोई बुराई है क्या ? ये तो अच्छी बात है। लन्ड मुझे भी चाहिए और तुझे भी।
वह बोली - हां भाभी तुमने सही कहा और मेरा मन है की आज मैं तेरी चूत में कोई लन्ड पेलूँ।
मैंने कहा - चल हट, इस समय यहाँ कोई लन्ड मिलेगा तुझे ?
इतने में किसी ने डोर बेल बज दी। समीना ने दरवाजा खोला। उसने देखा की सामने एक लड़की बुर्का ओढ़े खड़ी है। समीना ने उसे अंदर बैठा लिया। मैं भी तब तक आकर बैठ गयी। समीना ने कहा यह मेरी दोस्त है। ऐसा बोल कर उसने अपना हाथ उसके बुरके में घुस दिया और अंदर ही अंदर कुछ हिलाने लगी। मैंने कहा अरी समीना ये क्या हिला रही है तू। तब वह मुस्कराकर बोली भाभी तो तुम खुद हिला कर देख लो। मैंने भी हाथ घुसेड़ दिया। मेरा हाथ एक लन्ड से टकरा गया। मैं तो चिल्ला पड़ी हाय दईया ये तो लन्ड है बहन चोद समीना। तो फिर ये लड़की नहीं लड़का है। समीना ने उसका बुरका उतार दिया। अंदर से वह बिलकुल नंगा निकला। उसका लन्ड देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया। मैं बोली हाय रब्बा लन्ड तो बड़ा मजेदार मेरी नन्द रानी।
वह बोली हां भाभी और मैं यही लन्ड तेरी चूत में पेलूंगी ? आज मैं चोदूंगी तेरी बुर ? मैंने झुक कर लन्ड की कई बार चुम्मी ली। मैं जबान निकाल कर उसका सुपाड़ा चाटने लगी। तब तक समीना ने मुझे मेरे कपड़े उतार कर नंगी कर दिया और खुद भी नंगी हो गयी। हम दोनों मिलकर उसका लन्ड चाटने चूसने लगीं। झांटें किसी की नहीं थी। न मेरी, न मेरी नन्द की और न लन्ड की ? तब उसने बताया की भाभी यह असीम है मेरी सहेली का शौहर। मैंने इसका लन्ड सिनेमा हाल में पकड़ा था। तभी से मेरे मन था की एक दिन मैं इसे अपनी चूत में पेलूंगी और अपनी भाभी की बुर में भी घुसाऊंगी। आज मौका मिला है आज मैं तुझे चोद कर मज़ा लूंगी भाभी। मैंने कहा ठीक है तू मुझे चोद ले मैं तुझे चोद लूंगी।
फिर समीना मेरी बुर चाटने लगी। मैं लन्ड के साथ साथ उसकी चूत भी सहलाने लगी। समीना ने धीरे से लन्ड मेरी चूत पर टिका दिया और उसके चूतड़ ऊपर से दबा दिया। लन्ड साला सरसराता हुआ बड़ी दूर तकअंदर घुसता चला गया उससे मुझे लन्ड की लंबाई मालूम हो गयी। मोटा तो साला पकड़ने से ही मालूम हो गया था। मैंने कहा समीना तू लन्ड तो बहुत बढ़िया ढूंढ कर लायी है यार। मैं तो किसी दिन इससे अपनी माँ का भोसड़ा भी चोदूंगी। तुम चोदोगी अपनी भोसड़ा समीना ? इससे पहले की समीना कुछ जबाब दे पाती, पीछे से एक आवाज़ आयी - भोसड़ा तो मैं चोदूंगी बहू तेरी नन्द की माँ का ? मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो वह मेरी सास नज़राना थीं। मैंने कहा अरे सासू जी आप तो शाम को आने वाली थीं। वह बोली हां बहू मैं शाम को ही आती पर काम ज़रा जल्दी ख़तम हो गया तो मैं चली आयी। फिर उसने ताली बजायी तो दो आदमी अंदर कमरे में आ गए। मैंने कहा अरे सासू जी मैं नंगी हूँ, चुदवा रही हूँ, मेरी चूत खुली है ऐसे में कोई ग़ैर मरद आये तो यह ठीक नहीं है। हमारे घर में किसी गैर मरद का आना मना है सासू जी। यह आपने ही कहा था।
सास बोली - अरी मेरी बुर चोदी बहू, ये लोग गैर मरद नहीं हैं। ये है तेरी खाला सास का मियां अनस। यानी तेरे खाला ससुर और ये है इसका दोस्त हसन। ये दोनों आज ही मुम्बई से आये हैं। तेरी खाला सास मुम्बई में रहतीं हैं और तू उसे अभी नहीं जानती ? तब तक समीना बोली अरे भाभी मैं जानती हूँ। ये मेरा खालू है और हसन इसका दोस्त है। पर मैं न इसका लन्ड पहचानती हूँ और न इसके दोस्त का लन्ड ? इतने में सासू बोली तू भोसड़ी की समीना जब तक लन्ड पकड़ कर देखेगी नहीं तब तक पहचानेगी कैसे ? बस सासू आगे बढ़ीं और अनस के कपड़े उतारने लगीं। उसे नंगा किया और लन्ड पकड़ कर हिलाया। लन्ड साला सबके सामने खड़ा हो गया। तब वह बोली ले समीना अब तू मस्ती से पकड़ कर देख ले लन्ड और आज से पहचान ले लन्ड। समीना अनस का लन्ड पकड़ लिया तब सासू ने हसन का भी लन्ड खोल कर बाहर निकाल लिया। उसे मस्ती से मुस्कराते हुए खूब हिलाया तो लन्ड खड़ा हो गया।
सासू ने वो लन्ड मुझे पकड़ा दिया और बोली लो बहू अब तुम इस लन्ड का मज़ा लो और अपने हाथ वाला लन्ड मुझे पकड़ा दो। मैंने असीम का लन्ड उसे पकड़ा दिया। इस तरह मेरी नन्द अनस का लन्ड चूसने लगी। सासू जी असीम का चूसने लगीं और मैं हसन का लन्ड मुंह में डाल कर चपर चपर चूसने लगीं। हम तीनो को लन्ड चूसते हुए देख कर सासू जी बोली - हाय अल्ला, आज मेरी तमन्ना पूरी हुई। मैं यही चाहती थी की मेरे साथ मेरी बेटी और बहू लन्ड चूसे। अब जब मेरे सामने ही और मेरे साथ साथ ये दोनों अपनी अपनी चूत चुदवायेंगी तब आएगा मुझे ज़न्नत का मज़ा ?
थोड़ी देर तक लन्ड चूसने के बाद मैंने कहा अंकल अब पेल दो अपना ये भोसड़ी का लन्ड मेरी चूत में और चोदो। उसने फ़ौरन मुझे चोदना शुरू कर दिया। उधर मेरी नन्द बोली हाय खालू देखो मेरी भाभी चुदवाने लगीं है। तुम भी चोदो ने मुझे। पेलो अपना लन्ड मेरी चूत में। मेरी माँ के सामने मुझे चोदो। तूने मेरी माँ की चूत खूब चोदी होगी आज तुम उसकी बिटिया की बुर चोद कर देखो। तेरा लौड़ा तो बड़ा मोटा है बहन चोद ? घुसा दो इसे मेरी चूत में। उसने घुसा भी दिया और समीना बुर चोदी बड़ी मस्ती से चुदवाने लगी। तब तक सासू जी ने असीम का लन्ड अपने भोसड़ा में घुसवा लिया। वह भी अपनी गांड उछाल उछाल कर चुदवाने लगीं। पूरा कमरा चुदाई की आवाज़ों से गूंजने लगा। सास बोली हाय दईया मैं इसी तरह की आवाज़ें सुनना चाहती थी। आज मैं बड़ी खुश हूँ। मैं बीच में थी, मेरे एक तरफ सास अपनी गांड मेरे मुंह की तरह किये हुसे चुदवा रहीं थी। और मेरी दूसरी ओर समीना अपनी गांड मेरे मुंह की तरफ करके चुदवा रही थी।
मैं गर्दन घुमा घुमा कर कभी सास का भोसड़ा चुदता हुआ देख रही थी और कभी अपनी नन्द की बुर चुदती हुई देख रही थी। वो दोनों मेरी बुर चुदती हुई देख रहीं थीं। तभी मेरी सास को गालियों की मस्ती सूझी।
वह बोली - समीना, तेरी माँ का भोसड़ा बहन चोद तू तो बड़ी बेशर्मी से अपनी माँ चुदवा रही है। और तू बुर चोदी बहू तुझे तो अपनी सास की बुर चुदवाने में लज्जा ही नहीं आती ?
मैंने कहा - सासू जी, तेरी बहू की बुर मादर चोद, तू तो सबसे बड़ी बेशर्म है जो अपनी बहू की बुर खुले आम चुदवा रही है। और तू समीना माँ की लौड़ी तू भी मस्ती से अपनी भाभी की चूत में लन्ड पेल रही है।
समीना बोली - भाभी, तेरी बहन चोद नन्द की चूत ? तू तो अपनी नन्द की बुर के साथ साथ अपनी सास का भोसड़ा भी चुदवा रही है। तेरी बहन का लन्ड ? तू तो बुर चुदाने में बड़ी एक्सपर्ट है। और तू अम्मी, तेरी बिटिया की बुर ? तेरी बेटी को अपनी माँ चुदाने में बड़ा मज़ा आता है ? देखो न भोसड़ी की कितना मज़ा लूट रही है ? इसी तरह की प्यार भरी गालियां सुना सुना कर और खूब गन्दी गन्दी बातें कर कर के हम सब चुदवाने में व्यस्त हो गयीं।
इस तरह हमारी ऐय्यासी दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही थी।
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