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बहू अपनी सास का भोसड़ा चुदवाती है - Nanad ki chut gand me land ghused deti hai
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गर्मी के दिन थे। सुहब के ११ बजे थे। अचानक किसी ने दरवाजा खटखटाया। मैंने एक साल अपने बदन डाल ली और दरवाजा खोल दिया। बाहर एक मेरी उम्र की औरत खड़ी थी। मैं उसे पहचान गयी और बोली वाओ, तुम नफ़ीसा और इतनी धूप में आओ अंदर आ जाओ। वह अंदर आयी, मैंने दरवाजा अंदर से बंद किया और अपनी साल उतार कर फेंक दिया। मैं अंदर से एकदम नंगी थी। मेरे बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था। मैं उसके सामने नंगी नंगी बैठ गयी। वह बोली हाय रहीमा तुम क्या ऐसी ही रहती हो ? कुछ पहन तो लो ? मैंने कहा यार देख रही हो बाहर कितनी गर्मी हो रही है। बाहर की गर्मी के साथ साथ अंदर चूत की गर्मी बहन चोद और परेशान कर देती है। मैं तो अपने बदन पर एक भी कपड़ा बर्दास्त नहीं कर सकती ? तब तक मेरी बेटी साइमा आ गयी। वह भी बिलकुल नंगी थी। वह बोली अरे नफ़ीसा आंटी आदाब। उसने आदाब कहा और उसे देख कर बोली रहीमा तेरी बेटी भी घर में ऐसी ही नंगी रहती है।
मैंने कहा अरे यार इसकी चूत तो मेरी चूत से कहीं ज्यादा गरम है। ये तो एक रुमाल तक अपने बदन पर बरदास्त नहीं कर सकती। न इसे अपनी माँ की चूत से कोई शर्म है और न माँ को अपनी बेटी की चूत से ? इसकी उम्र २२ साल की है। पूरी तरह जवान है तो अब शर्म किस बात की ? जैसी मैं वैसी वो ? तब तक मेरी बहू रेशमा भी कमरे में आ गयी और वह भी एकदम नंगी थी। उसे देख कर नफीसा फिर बोली हाय अल्ला, ये भी नंगी। ये कौन है रहीमा ? मैंने बताया ये मेरी बहू है। इसे न तो अपनी सास के भोसड़ा से कोई परहेज करती है और न अपनी नन्द की चूत से। ये भी हमारी तरह घर में नंगी ही रहती है। इसे भी घर में कपड़े बिलकुल पसंद नहीं हैं। इसकी उम्र २३ साल की है। बड़ी हंस मुख और बड़ी मजाकिया स्वाभाव की है मेरी बहू। खुद भी खुश रहती है और सबको खुश रखती है। नफीस बोली तो इसका मतलब की तुम सब लोग गर्मी का पूरा मज़ा लेती हो। मैंने कहा यार देखो ये है आंध्रा प्रदेश। यहाँ गर्मी बहुत होती है। अभी मैं तुम्हे अंदर ए / सी कमरे में ले चलती हूँ वह तुम्हे राहत मिलेगी। वह बोली अच्छा यह की तेरी बहू बेटी को कभी वाकई कोई शर्म नहीं आती ?
तब मेरी बेटी साइमा मजाक करती हुई बोली अरे आंटी मेरी अम्मी की चूत इतनी गरम है की मैं इसमें केतली रख कर चाय बना लेती हूँ। सब हंस पड़ी। इतना में मेरी बहू बोल पड़ी अरे आंटी इतना ही नहीं मेरी नन्द की चूत इतनी गरम है की मैं इसकी गांड में एक भुट्टा घुसेड़ती हूँ और इसकी चूत से पॉपकोर्न निकाल लेती हूँ। यह सुनकर सबने फिर ठहाका लगाया।
मैंने कहा यार सच बात यह है की मेरी बेटी और बहू दोनों बाहर स्टेज शोज में न्यूड डांस करती हैं। सैकड़ों / हज़ारों लोगों के सामने एकदम नंगी नाचती हैं। अपनी चूंचियां हिलाती हैं, अपनी गांड हिलाती हैं लोगों का मनोरंजन करती हैं। अब जब इन्हें वहां शर्म नहीं आती तो घर में क्यों आये ? ये तो धंधा है हमारा। इसी से हमारी ज़िन्दगी चलती है। मैं भी अक्सर इनके साथ नंगी नाचती हूँ। हमारी एक कंपनी है और इसी से हम पैसा पैदा करतीं हैं। मेरा शौहर और बेटा दोनों विदेश में खूब कमाते हैं और हमें पैसा भी खूब भेजतें हैं। इसलिए हम तीनो सास बहू और बेटी खूब ऐय्यासी करतीं हैं। सास अपने सामने अपनी बहू चुदवाती है, बेटी अपनी माँ चुदवाती है और अपनी भाभी की चूत में लन्ड पेलती है। बहू अपनी सास का भोसड़ा चुदवाती है और अपनी नन्द की चूत में लन्ड घुसेड़ती है। इस तरह हम लोग ज़िन्दगी का और जवानी का मज़ा लूट रहीं हैं।
नफ़ीसा बोली यार जब तुम सब लोग नंगी हो तो फिर मेरा भी मन हो रहा है नंगी होने का। तब तक मेरी बेटी आगे बढ़ी और उसके सारे कपड़े उतार कर उसे भी नंगी कर दिया। फिर मैं उसे अंदर कमरे में चली लगी। उसने घुसते ही देखा की वहां तीन लड़के एकदम नंगे नंगे लेटे हैं। वह बोली वॉवो, यहाँ का माहौल तो और गरम है। ये गरम गरम लन्ड देख कर मेरी भी चूत गरमा गयी है रहीमा। लन्ड साले तीनो खड़े टन टना रहे थे।
तब तक मेरी बेटी ने एक लन्ड पकड़ लिया और बोली - रेशमा भाभी देख आज मैं इसी लन्ड से तेरी सास की बिटिया की बुर चोदूंगी।
उधर रेशमा ने लपक कर लन्ड पकड़ा, उसे चूमा और चाटा तो लन्ड तन कर खड़ा हो गया।
वह बोली - देख साइमा, आज मैं इसी लन्ड से तेरी माँ की बहू की बुर चोदूंगी।
फिर मैं भी आगे बढ़ी और तीसरा लन्ड पकड़ लिया। उसे थोड़ा हिलाया तो वह और टन टना गया।
मैंने कहा - देख साइमा बहू - आज मैं इसी लन्ड से तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा चोदूँगी।
नफीसा ने ताली बजायी और बोली वाह वाह यार रहीमा तुम लोग वाकई खूब एन्जॉय करती हो। तुम सबने अपनी अपनी चूत चोदने की बात कितनी खूबसूरत तरीके से कही वह वाकई मुझे बहुत अच्छी लगी। गालियां इसी तरह अगर प्यार से दी जायें तो फिर मज़ा ही मज़ा है। न कोई बुरा माने और न कोई बिना मजे लिए रह पाए। ऐसी प्यार की गालियों से चुदाई का माहौल भी बनता है और चुदाई में जोश भी आ जाता है। अब देखो न तुम सबने अपनीअपनी चूत चुदवाने की बात कह दी। अब बताओ मैं क्या करूं ? मैं क्या झांटें उखाड़ूँ अपनी ? मुझे कौन चोदेगा ? मुझे किसका बाप चोदेगा ? मुझे किसका लन्ड चोदेगा ? तब तक साइमा बोली - मैं चोदूंगी अपनी माँ की सहेली की बुर ? उसकी चूत में घुसेडूंगी लन्ड। उसकी गांड में ठोंक दूँगी लन्ड। उसकी बिटिया की चूत ? यह सुनते ही नफ़ीसा बोली हाय दईया आज अगर मेरी बेटी यहाँ होती तो वह अपनी माँ चुदवाकर कितना खुश होती ? मैंने कहा तो फिर बुला लो न उसे। उसने कहा नहीं यार आजकल वह अपनी ससुराल गयी है। वहां किसी से चुदवा रही होगी ? वापस आएगी तब अपनी माँ चुदवायेगी।
तब तक मेरी बेटी ने एक लन्ड नफीसा के मुंह में घुसेड़ दिया और बोली आंटी तुम मुझे अपनी ही बेटी समझ लो। मैं चुदवाऊँगी सबसे पहले तेरा भोसड़ा। नफीसा मस्ती से लन्ड चाटने लगी। उसकी चूंचियां मेरी चूँचियों ही जैसी थीं। वह भी गोरी चिट्टी और बड़ी मस्त औरत है। ऊपर से बहुत भोली भाली लगती है लेकिन अंदर से बहुत बड़ी बुर चोदी है नफीसा। एकदम रंडी है बहन चोद। मैं जानती हूँ की इसके कुनबे में जितने मरद है वो सब इसकी बुर चोदते हैं। सबका लन्ड ये अपनी चूत में घुसड़ लेती है। अपने मुंह में डाल कर खूब चूसती है सबके लन्ड। ये तो मुझसे भी ज्यादा बेशर्म है। अपनी बेटी की चूत में लन्ड पेलने में कोई कसर नहीं उठा रखती। इसी तरह इसकी बेटी भी भोसड़ी की बहुत बड़ी बेशरम लड़की है। अपनी माँ के भोसड़ा में खुलेआम लन्ड पेलती है। सबसे यही कहती है आओ न मेरी बुर चोदो और मेरी माँ का भोसड़ा चोदो।
नफीसा मुझे कुछ भी नहीं छुपाती। सब कुछ खुल कर बता देती है मुझे। उसने बताया की अभी मेरी बेटी अपने ससुर के साथ यहाँ आयी थी। बस रात में उसने अपने ससुर का लन्ड घुसा दिया मेरी चूत में और अपने ससुर से बोली हाय ससुर जी अब चोदो मेरेआगे मेरी माँ की बुर चोदी बुर। सच बताऊँ रहीमा उसका लन्ड वाकई बड़ा मोटा था यार। मुझे चुदवाने में खूब मज़ा आया। उसके बाद मैंने भी अपने नंदोई का लन्ड उसकी चूत में घुसेड़ा और कहा नंदोई जी आज खूब कस कस के चोदो मेरी बिटिया की बुर जैसे तुम मेरी बुर चोदते हो ? हम दोनों ने उस दिन खूब मज़ा किया रहीमा। अब किसी दिन मेरी भी बहू आने वाली है। सुना है वह भी बड़ी चुदक्कड़ है। अगर ऐसा है तब तो समझो की मेरी चूत को और मेरी बेटी की चूत को खूब नये नये लन्ड मिलेगें और मेरी बहू की बुर भी नये नये लन्ड चोदेगें। तब आएगा मज़ा ही मज़ा ? मेरी इच्छा है की मैं बहू की बुर चोदूं और बहू मेरा भोसड़ा चोदे।
ऐसा कह कर नफीसा भकाभक चुदवाने लगी। उसके बगल में मेरी बेटी साइमा चुदवाने लगी और दूसरी तरफ मेरी बहू रेशमा भी लन्ड पेल कर चुदवाने लगी। मैं बारी बारी से सबकी चूत में लन्ड घुसाने लगी। मुझे अपनी चूत चुदवाने में उतना मज़ा नहीं आता जितना मज़ा मुझे दूसरों की चूत चुदवाने में आता है। मेरे मन में आया की मैं किसी दिन नफीस की बुर चोदूं। उसकी बेटी की चूत में लौड़ा पेलूँ और उसकी बहू की बुर में लौड़ा घुसाऊं ? कितना मज़ा आएगा जब यह सब सच हो जाये ? तब तक मैंने बहू की बुर से लौड़ा निकाल कर बेटी की चूत में घुसेड़ दिया और बेटी की चूत का लन्ड नफीसा की बुर घुसेड़ दिया। नफीसा को चोदने वाला लन्ड अपनी बहू की चूत में पेल दिया। मुझे यह सब करने में खूब मज़ा आता है। अब मैं सबके पेल्हड़ सहला सहला कर इन तीनो की चूत चुदवाने में जुट गयी। लन्ड जब भी फिसल कर बाहर आ जाता तो मैं उसे अंदर घुसेड़ देती और बीच बीच में मैं भी लन्ड चाट लेती।
लन्ड जब एक एक करके झड़ने लगे तब नफीसा ने तीनो लन्ड चाटे। इससे मुझे मालूम हुआ की उसके अंदर कितनी आग है ?
एक दिन मैं चुपचाप नफीसा के घर पहुँच गयी। उसने दरवाजा खोला मुझे अंदर बैठाया और अपनी साल उतार कर फेंक दी। वह एकदम मेरे सामने नंगी हो गयी। मैंने कहा अरे नफीसा क्या हुआ ? तुम एकदम नंगी क्यों हो ? वह बोली यार मैं भी अब घर में नंगी रहने लगी हूँ। इस गर्मी में मुझसे भी पकड़े पहने नहीं जाते ? मैंने इस गर्मी में नंगी रहना तुमसे सीखा है रहीमा ? तब तक वह उठी और मेरे कपड़े उतारने लगी। मैंने कहा यार ये क्या कर रही हो ? वह बोली मैं तुम्हे नंगी कर रही हूँ। मैंने कहा यार मैं अपने घर में नंगी रहती हूँ किसी और के घर में नहीं। वह बोली अरे यार यह तेरा ही घर है बहन चोद ? मैं तो तुझे यहाँ नंगी ही रखूंगी। फिर हम दोनों नंगी नंगी बैठ कर बातें करने लगीं।
अचानक अंदर से दो लोगों की ऊँची ऊँची आवाज़ें आने लगीं। बातें बड़ी मसालेदार हो रहीं थी इसलिए हम दोनों कान लगा कर सुनने लगीं। वो दोनों बोल रही थीं :-
तू भोसड़ी वाली अपनी बड़ी बड़ी चूंचियां हिलाती हुई इधर उधर घूम रही है। तेरे पास कुछ और काम है की बस यही है चूंचियां हिलाना ?
तू बहन चोद पहले अपने को देख ? जब से तू आयी है तब से नंगी नंगी ही घूम रही है। रास्ते में कपड़े पहने थी की वहां भी सबको अपनी चूंची और चूत दिखाती हुई आयी है। लगता है की इस बार तू अपनी माँ चुदवा के आयी है इसीलिए इतना कूद रही है। न
अच्छा तो तू क्या अपनी माँ नहीं चुदवाती ? अब मुझसे कुछ छुपाने की कोशिश न कर। मैं सब जानती हूँ। तेरी ये जो जवानी बाहर निकलती जा रही है मैं किसी दिन सब तेरी गांड में घुसा दूँगी।
तेरी माँ का भोसड़ा ? अब मुझे ज्यादा ताव न दिला तू। मैं किसी से कम नहीं हूँ। सबकी माँ बहन मैं भी चोद देती हूँ। मैं किसी भोसड़ी वाली की परवाह नहीं करती। न
परवाह तो तू किसी लन्ड वाले की भी नहीं करती पर बिना लन्ड के एक दिन भी नहीं रह पाती है तू।
हां मैं लन्ड के बिना नहीं रह पाती। मुझे लन्ड चाहिए लन्ड ? तेरी गांड में दम हो तो तू भी लन्ड ले ले। लन्ड लेने के लिए चूत में आग होनी चाहिए आग। तेरी चूत तो बुझी पड़ी हुई है ? तू क्या करेगी लन्ड का ? न
अरी जा जा लन्ड क्या होता तू क्या जाने ? तू तो बन्दर की नूनी से काम चलाती है। बन्दर की नूनी कोई लन्ड होता है क्या ? अरे लन्ड तो वह है १०" से कम का न हो ? जिस दिन लन्ड लेगी तू उस दिन तेरी गांड क्या तेरी माँ का भोसड़ा भी फट जायेगा ?
लन्ड नहीं लौड़ा लेती हूँ मैं ? बड़े बड़े लांड लेती हूँ मैं। इतने बड़े बड़े लांड तूने कभी देखा भी नहीं होगा। और सुन बुर चोदी एक नहीं मैं दो दो / तीन तीन लांड एक साथ ले लेती हूँ। न
अच्छा यह बता आज कोई आया है तेरी माँ का भोसड़ा चोदने ?
कोई न कोई तो आया है चोदने वाला। आज तो मैं तेरी सास की बिटिया की बुर चोदूंगी। न
तो फिर मैं भी तेरी माँ की बहू की चूत में लन्ड पेलूंगी।
भाभी, तेरी नन्द की माँ की चूत ?
तेरी माँ की बहू की बुर, नन्द रानी ?
अब मुझे यह समझने में देर नहीं लगी की ये दोनों नन्द भौजाई हैं। यानी दोनों नफीसा की बेटी और बहू हैं जो आपस में लड़ रहीं हैं। नफीसा मेरी तरफ देख कर मुस्कराई और बोली ये दोनों बुर चोदी इसी तरह हर दिन लड़ लड़ कर एक दूसरे का मनोरंजन किया करती है और उसके बीच में होता है किसी की माँ का भोसड़ा और किसी सास का भोसड़ा।
फिर हम दोनों खिलखिला कर हंसने लगीं। फिर नफीसा ने आवाज़ लगा कर दोनों को बुलाया। वो दोनों जब हमारे सामने आयी तो मैं उन्हें देख कर दांग रह गयी। दोनों की दोनों बुर चोदी एकदम नंगी। मैंने कहा वाह वाह नफीसा तेरी बेटी बहू भी बिल्कुल तुम्हारी ही तरह नंगी रहतीं हैँ क्या ? वह बोली मेरी तरह नहीं यार तुम्हारी तरह नंगी रहतीं हैं। मैंने जब आपकी बात इन्हें बताई तो ये दोनों अपने अपने कपड़े खोल कर बिलकुल नंगी खड़ी हो गयीं और बोली अब तो हम भी घर में नंगी ही रहा करेगीं। बड़ा मज़ा आ रहा है नंगी नंगी रहने में ? फिर नफीसा बोली ये है मेरी बेटी सबा और ये है मेरी बहू हिना। मुझे तो दोनों लगभग बराबर ही लगीं। मैंने कहा मैंने तुम लोगों की तकरार सुन ली हैं। सबा बोली अरे आंटी हम दोनों इसी तरह हंसी मजाक किया करती है।
नफीसा ने कहा इसकी माँ की चूत बहन चोद कभी कभी ये अपनी भाभी को बहुत तंग करती है। सबा बोली आंटी अम्मी की बातों पर मत जाना। अम्मी की बेटी की बुर, मादर चोद ये तो ऐसे ही मेरी शिकायत सबसे करती रहती हैं। तब तक बहू बोली हांआंटी मेरी नन्द की चूत चुलबुली है। नन्द की माँ का भोसड़ा ? मैंने कहा वाह वाह नफीसा तेरे घर में गालियां देने का बहुत रिवाज़ है। वह बोली यह सब प्यार की गालियां हैं, रहीमा। हम लोगों को इसी में खूब मज़ा आता है। यही ज़िन्दगी है यार। इसे खूब एन्जॉय करना चाहिए ?
इतने में घंटी बजी। हम सब अंदर चली गयीं। नफीसा ने चादर ओढ़ कर दरवाजा खोला तो बाहर दो आदमी खड़े थे। उसने दोनों को अंदर बैठाया। एक तो उसकी बेटी का ससुर था अजमल। उसने बताया की यह मेरा दोस्त नसीब है। इसका कुछ काम यहाँ था। वह सब कुछ करने में टाइम लग गया। तब मैंने कहा चलो मैं तुम्हे अपने बेटे की ससुराल ले चलता हूँ। रात भर वहीँ रुकेगें और सवेरे हम लोग वापस अपने शहर चले जायेगें। नफीसा ने कहा आपने ठीक किया समधी जी। यहाँ आपको कोई तकलीफ नहीं होगी। नफीसा तो अजमल से चुदवा चुकी थी। उससे तो कोई शर्म थी नहीं। पर नसीब से शर्म थी। तो वह चादर ओढ़े ही बैठी रही और बातें करती रही। अंदर से सबा हिना और मैं झाँक कर उनकी बातें सुन रहीं थीं।
तभी उधर अंदर बेटी ने कहा अरे भाभी मैंने इस आदमी को कहीं देखा है। मेरे ससुर का दोस्त को मैंने शायद,,,,,,,, मैंने अपने घर में ही देखा है,,,,,,, हां याद आ गया ये तो साला मेरी सास के पास आता है। मैंने एक दिन अपनी सास को इसका लन्ड पकड़ते हुए देखा है भाभी। इसका लन्ड मोटा है, लन्ड का सुपाड़ा गोल है छतरी की तरह और लन्ड खड़ा होने पर तलवार की तरह हो जाता है। हिना बोली तब तो इसका मतलब यह है की ये साला तेरी सास की बुर लेता है ? चलो ध्यान से सुनो देखो वो क्या कह रहा है ? यह बात मेरी बेटी ने मुझे बाद में बताई। मैं तो अजमल से बातें कर रही थी।
बातों बातों में मैं पूंछ बैठी :- ये तेरा दोस्त नसीब मियां तो मुझे बड़े आदमी लगते हैं। आपकी इससे दोस्ती कबसे है समधी जी ?
उसने जबाब दिया :- अरे भाभी ये तो मेरा ज़िगरी दोस्त है। हमारी इसकी दोस्ती कॉलेज के दिनों से है, भाभी। मैंने कहा :- तो फिर यह तुम्हारे घर खूब आता जाता होगा ?
वह बोला :- हां भाभी खूब आता जाता है। इसकी कोई रोक टोक नहीं है और मैं भी इसके घर खूब आता जाता हूँ। इसकी बीवी से मेरे बड़े अच्छे सम्बन्ध हैं।
मैंने मजाक में पूंछा :- तो फिर तुमने इसकी बीवी को कभी नंगी देखा ?
वह बोला :- हां हां भाभी खूब देखा है उसे नंगी । मैं जब जब इसके घर जाता तब तब उसे नंगी देखता हूँ।
मैंने कहा :- तो फिर भोसड़ी के खुल कर बताओ न मुझे गोल गोल क्यों घुमा रहे हो ?
उसने कहा :- भाभी असली बात यह है की मैं इसकी बीवी चोदता हूँ और ये मेरी बीवी चोदता है।
मैंने फिर अपनी चादर उतार कर फेंक दी और एकदम नंगी नंगी उसके सामने खड़ी हो गयी और कहा तो फिर ये साला आज तेरी बहू की माँ भी चोदेगा। तब तक मेरी बेटी सबा भी आ गयी और बहू हिना भी। वो दोनों भी कोई कपड़ा नहीं पहने थी। मैं भी उनके साथ नंगी था। हम सब को एक साथ नंगी देख कर उनके लन्ड हरकत में आ गए। उसकी बेटी बोली हाय मेरे चोदू ससुर जी तू भोसड़ी का अपनी बीवी अपने दोस्त से चुदवाता है तो अपनी बहू की बुर भी चुदवा ले न ? ऐसा कह कर सबा ने नसीब के लन्ड पर हाथ रख दिया और उधर हिना ने अजमल का लन्ड ऊपर से ही पकड़ लिया। तब तक नफीसा ने दोनों के पैजामे के नाड़े खोल डाला। वो दोनों हाथ अंदर घुसेड़ कर लन्ड सहलाने लगीं। फिर एक मिनट में ही दोनों लन्ड नंगे नंगे बाहर निकल आये।
नसीब का लन्ड भी बड़ा मस्त था। सबा ने कहा हाय अम्मी इसका लौड़ा भी जबरदस्त है। उसने लन्ड पर थप्पड़ मारा और लन्ड से बोली भोसड़ी के तुम मेरी सास की चूत में घुसते हो आज तुम उसकी बहू की चूत में घुस के दिखाओ। तब तक मेरी बहू हिना बोली हाय दईया कितना मोटा लन्ड है तेरे ससुर का नन्द रानी ? आज मैं इसे अपनी चूत में घुसेड़ कर भून डालूँगी। फिर वो दोनों लन्ड चूसने लगी और हम दोनों ( नफीस और मैं ) लन्ड के पेल्हड़ सहलाने लगीं। उसके बाद उन दोनों ने चुदवाया और फिर दोनों ने मिलकर मेरी चूत में लन्ड पेला। मैंने भी बड़ी बेशर्मी से खूब मजे से चुदवाया। वापस अपने घर आकर मैंने यह सच्चा किस्सा अपनी बेटी साइमा और बहू रेशमा को सुनाया तो वो भी बहुत खुश हुई।
गर्मी के दिन थे। सुहब के ११ बजे थे। अचानक किसी ने दरवाजा खटखटाया। मैंने एक साल अपने बदन डाल ली और दरवाजा खोल दिया। बाहर एक मेरी उम्र की औरत खड़ी थी। मैं उसे पहचान गयी और बोली वाओ, तुम नफ़ीसा और इतनी धूप में आओ अंदर आ जाओ। वह अंदर आयी, मैंने दरवाजा अंदर से बंद किया और अपनी साल उतार कर फेंक दिया। मैं अंदर से एकदम नंगी थी। मेरे बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था। मैं उसके सामने नंगी नंगी बैठ गयी। वह बोली हाय रहीमा तुम क्या ऐसी ही रहती हो ? कुछ पहन तो लो ? मैंने कहा यार देख रही हो बाहर कितनी गर्मी हो रही है। बाहर की गर्मी के साथ साथ अंदर चूत की गर्मी बहन चोद और परेशान कर देती है। मैं तो अपने बदन पर एक भी कपड़ा बर्दास्त नहीं कर सकती ? तब तक मेरी बेटी साइमा आ गयी। वह भी बिलकुल नंगी थी। वह बोली अरे नफ़ीसा आंटी आदाब। उसने आदाब कहा और उसे देख कर बोली रहीमा तेरी बेटी भी घर में ऐसी ही नंगी रहती है।
मैंने कहा अरे यार इसकी चूत तो मेरी चूत से कहीं ज्यादा गरम है। ये तो एक रुमाल तक अपने बदन पर बरदास्त नहीं कर सकती। न इसे अपनी माँ की चूत से कोई शर्म है और न माँ को अपनी बेटी की चूत से ? इसकी उम्र २२ साल की है। पूरी तरह जवान है तो अब शर्म किस बात की ? जैसी मैं वैसी वो ? तब तक मेरी बहू रेशमा भी कमरे में आ गयी और वह भी एकदम नंगी थी। उसे देख कर नफीसा फिर बोली हाय अल्ला, ये भी नंगी। ये कौन है रहीमा ? मैंने बताया ये मेरी बहू है। इसे न तो अपनी सास के भोसड़ा से कोई परहेज करती है और न अपनी नन्द की चूत से। ये भी हमारी तरह घर में नंगी ही रहती है। इसे भी घर में कपड़े बिलकुल पसंद नहीं हैं। इसकी उम्र २३ साल की है। बड़ी हंस मुख और बड़ी मजाकिया स्वाभाव की है मेरी बहू। खुद भी खुश रहती है और सबको खुश रखती है। नफीस बोली तो इसका मतलब की तुम सब लोग गर्मी का पूरा मज़ा लेती हो। मैंने कहा यार देखो ये है आंध्रा प्रदेश। यहाँ गर्मी बहुत होती है। अभी मैं तुम्हे अंदर ए / सी कमरे में ले चलती हूँ वह तुम्हे राहत मिलेगी। वह बोली अच्छा यह की तेरी बहू बेटी को कभी वाकई कोई शर्म नहीं आती ?
तब मेरी बेटी साइमा मजाक करती हुई बोली अरे आंटी मेरी अम्मी की चूत इतनी गरम है की मैं इसमें केतली रख कर चाय बना लेती हूँ। सब हंस पड़ी। इतना में मेरी बहू बोल पड़ी अरे आंटी इतना ही नहीं मेरी नन्द की चूत इतनी गरम है की मैं इसकी गांड में एक भुट्टा घुसेड़ती हूँ और इसकी चूत से पॉपकोर्न निकाल लेती हूँ। यह सुनकर सबने फिर ठहाका लगाया।
मैंने कहा यार सच बात यह है की मेरी बेटी और बहू दोनों बाहर स्टेज शोज में न्यूड डांस करती हैं। सैकड़ों / हज़ारों लोगों के सामने एकदम नंगी नाचती हैं। अपनी चूंचियां हिलाती हैं, अपनी गांड हिलाती हैं लोगों का मनोरंजन करती हैं। अब जब इन्हें वहां शर्म नहीं आती तो घर में क्यों आये ? ये तो धंधा है हमारा। इसी से हमारी ज़िन्दगी चलती है। मैं भी अक्सर इनके साथ नंगी नाचती हूँ। हमारी एक कंपनी है और इसी से हम पैसा पैदा करतीं हैं। मेरा शौहर और बेटा दोनों विदेश में खूब कमाते हैं और हमें पैसा भी खूब भेजतें हैं। इसलिए हम तीनो सास बहू और बेटी खूब ऐय्यासी करतीं हैं। सास अपने सामने अपनी बहू चुदवाती है, बेटी अपनी माँ चुदवाती है और अपनी भाभी की चूत में लन्ड पेलती है। बहू अपनी सास का भोसड़ा चुदवाती है और अपनी नन्द की चूत में लन्ड घुसेड़ती है। इस तरह हम लोग ज़िन्दगी का और जवानी का मज़ा लूट रहीं हैं।
नफ़ीसा बोली यार जब तुम सब लोग नंगी हो तो फिर मेरा भी मन हो रहा है नंगी होने का। तब तक मेरी बेटी आगे बढ़ी और उसके सारे कपड़े उतार कर उसे भी नंगी कर दिया। फिर मैं उसे अंदर कमरे में चली लगी। उसने घुसते ही देखा की वहां तीन लड़के एकदम नंगे नंगे लेटे हैं। वह बोली वॉवो, यहाँ का माहौल तो और गरम है। ये गरम गरम लन्ड देख कर मेरी भी चूत गरमा गयी है रहीमा। लन्ड साले तीनो खड़े टन टना रहे थे।
तब तक मेरी बेटी ने एक लन्ड पकड़ लिया और बोली - रेशमा भाभी देख आज मैं इसी लन्ड से तेरी सास की बिटिया की बुर चोदूंगी।
उधर रेशमा ने लपक कर लन्ड पकड़ा, उसे चूमा और चाटा तो लन्ड तन कर खड़ा हो गया।
वह बोली - देख साइमा, आज मैं इसी लन्ड से तेरी माँ की बहू की बुर चोदूंगी।
फिर मैं भी आगे बढ़ी और तीसरा लन्ड पकड़ लिया। उसे थोड़ा हिलाया तो वह और टन टना गया।
मैंने कहा - देख साइमा बहू - आज मैं इसी लन्ड से तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा चोदूँगी।
नफीसा ने ताली बजायी और बोली वाह वाह यार रहीमा तुम लोग वाकई खूब एन्जॉय करती हो। तुम सबने अपनी अपनी चूत चोदने की बात कितनी खूबसूरत तरीके से कही वह वाकई मुझे बहुत अच्छी लगी। गालियां इसी तरह अगर प्यार से दी जायें तो फिर मज़ा ही मज़ा है। न कोई बुरा माने और न कोई बिना मजे लिए रह पाए। ऐसी प्यार की गालियों से चुदाई का माहौल भी बनता है और चुदाई में जोश भी आ जाता है। अब देखो न तुम सबने अपनीअपनी चूत चुदवाने की बात कह दी। अब बताओ मैं क्या करूं ? मैं क्या झांटें उखाड़ूँ अपनी ? मुझे कौन चोदेगा ? मुझे किसका बाप चोदेगा ? मुझे किसका लन्ड चोदेगा ? तब तक साइमा बोली - मैं चोदूंगी अपनी माँ की सहेली की बुर ? उसकी चूत में घुसेडूंगी लन्ड। उसकी गांड में ठोंक दूँगी लन्ड। उसकी बिटिया की चूत ? यह सुनते ही नफ़ीसा बोली हाय दईया आज अगर मेरी बेटी यहाँ होती तो वह अपनी माँ चुदवाकर कितना खुश होती ? मैंने कहा तो फिर बुला लो न उसे। उसने कहा नहीं यार आजकल वह अपनी ससुराल गयी है। वहां किसी से चुदवा रही होगी ? वापस आएगी तब अपनी माँ चुदवायेगी।
तब तक मेरी बेटी ने एक लन्ड नफीसा के मुंह में घुसेड़ दिया और बोली आंटी तुम मुझे अपनी ही बेटी समझ लो। मैं चुदवाऊँगी सबसे पहले तेरा भोसड़ा। नफीसा मस्ती से लन्ड चाटने लगी। उसकी चूंचियां मेरी चूँचियों ही जैसी थीं। वह भी गोरी चिट्टी और बड़ी मस्त औरत है। ऊपर से बहुत भोली भाली लगती है लेकिन अंदर से बहुत बड़ी बुर चोदी है नफीसा। एकदम रंडी है बहन चोद। मैं जानती हूँ की इसके कुनबे में जितने मरद है वो सब इसकी बुर चोदते हैं। सबका लन्ड ये अपनी चूत में घुसड़ लेती है। अपने मुंह में डाल कर खूब चूसती है सबके लन्ड। ये तो मुझसे भी ज्यादा बेशर्म है। अपनी बेटी की चूत में लन्ड पेलने में कोई कसर नहीं उठा रखती। इसी तरह इसकी बेटी भी भोसड़ी की बहुत बड़ी बेशरम लड़की है। अपनी माँ के भोसड़ा में खुलेआम लन्ड पेलती है। सबसे यही कहती है आओ न मेरी बुर चोदो और मेरी माँ का भोसड़ा चोदो।
नफीसा मुझे कुछ भी नहीं छुपाती। सब कुछ खुल कर बता देती है मुझे। उसने बताया की अभी मेरी बेटी अपने ससुर के साथ यहाँ आयी थी। बस रात में उसने अपने ससुर का लन्ड घुसा दिया मेरी चूत में और अपने ससुर से बोली हाय ससुर जी अब चोदो मेरेआगे मेरी माँ की बुर चोदी बुर। सच बताऊँ रहीमा उसका लन्ड वाकई बड़ा मोटा था यार। मुझे चुदवाने में खूब मज़ा आया। उसके बाद मैंने भी अपने नंदोई का लन्ड उसकी चूत में घुसेड़ा और कहा नंदोई जी आज खूब कस कस के चोदो मेरी बिटिया की बुर जैसे तुम मेरी बुर चोदते हो ? हम दोनों ने उस दिन खूब मज़ा किया रहीमा। अब किसी दिन मेरी भी बहू आने वाली है। सुना है वह भी बड़ी चुदक्कड़ है। अगर ऐसा है तब तो समझो की मेरी चूत को और मेरी बेटी की चूत को खूब नये नये लन्ड मिलेगें और मेरी बहू की बुर भी नये नये लन्ड चोदेगें। तब आएगा मज़ा ही मज़ा ? मेरी इच्छा है की मैं बहू की बुर चोदूं और बहू मेरा भोसड़ा चोदे।
ऐसा कह कर नफीसा भकाभक चुदवाने लगी। उसके बगल में मेरी बेटी साइमा चुदवाने लगी और दूसरी तरफ मेरी बहू रेशमा भी लन्ड पेल कर चुदवाने लगी। मैं बारी बारी से सबकी चूत में लन्ड घुसाने लगी। मुझे अपनी चूत चुदवाने में उतना मज़ा नहीं आता जितना मज़ा मुझे दूसरों की चूत चुदवाने में आता है। मेरे मन में आया की मैं किसी दिन नफीस की बुर चोदूं। उसकी बेटी की चूत में लौड़ा पेलूँ और उसकी बहू की बुर में लौड़ा घुसाऊं ? कितना मज़ा आएगा जब यह सब सच हो जाये ? तब तक मैंने बहू की बुर से लौड़ा निकाल कर बेटी की चूत में घुसेड़ दिया और बेटी की चूत का लन्ड नफीसा की बुर घुसेड़ दिया। नफीसा को चोदने वाला लन्ड अपनी बहू की चूत में पेल दिया। मुझे यह सब करने में खूब मज़ा आता है। अब मैं सबके पेल्हड़ सहला सहला कर इन तीनो की चूत चुदवाने में जुट गयी। लन्ड जब भी फिसल कर बाहर आ जाता तो मैं उसे अंदर घुसेड़ देती और बीच बीच में मैं भी लन्ड चाट लेती।
लन्ड जब एक एक करके झड़ने लगे तब नफीसा ने तीनो लन्ड चाटे। इससे मुझे मालूम हुआ की उसके अंदर कितनी आग है ?
एक दिन मैं चुपचाप नफीसा के घर पहुँच गयी। उसने दरवाजा खोला मुझे अंदर बैठाया और अपनी साल उतार कर फेंक दी। वह एकदम मेरे सामने नंगी हो गयी। मैंने कहा अरे नफीसा क्या हुआ ? तुम एकदम नंगी क्यों हो ? वह बोली यार मैं भी अब घर में नंगी रहने लगी हूँ। इस गर्मी में मुझसे भी पकड़े पहने नहीं जाते ? मैंने इस गर्मी में नंगी रहना तुमसे सीखा है रहीमा ? तब तक वह उठी और मेरे कपड़े उतारने लगी। मैंने कहा यार ये क्या कर रही हो ? वह बोली मैं तुम्हे नंगी कर रही हूँ। मैंने कहा यार मैं अपने घर में नंगी रहती हूँ किसी और के घर में नहीं। वह बोली अरे यार यह तेरा ही घर है बहन चोद ? मैं तो तुझे यहाँ नंगी ही रखूंगी। फिर हम दोनों नंगी नंगी बैठ कर बातें करने लगीं।
अचानक अंदर से दो लोगों की ऊँची ऊँची आवाज़ें आने लगीं। बातें बड़ी मसालेदार हो रहीं थी इसलिए हम दोनों कान लगा कर सुनने लगीं। वो दोनों बोल रही थीं :-
तू भोसड़ी वाली अपनी बड़ी बड़ी चूंचियां हिलाती हुई इधर उधर घूम रही है। तेरे पास कुछ और काम है की बस यही है चूंचियां हिलाना ?
तू बहन चोद पहले अपने को देख ? जब से तू आयी है तब से नंगी नंगी ही घूम रही है। रास्ते में कपड़े पहने थी की वहां भी सबको अपनी चूंची और चूत दिखाती हुई आयी है। लगता है की इस बार तू अपनी माँ चुदवा के आयी है इसीलिए इतना कूद रही है। न
अच्छा तो तू क्या अपनी माँ नहीं चुदवाती ? अब मुझसे कुछ छुपाने की कोशिश न कर। मैं सब जानती हूँ। तेरी ये जो जवानी बाहर निकलती जा रही है मैं किसी दिन सब तेरी गांड में घुसा दूँगी।
तेरी माँ का भोसड़ा ? अब मुझे ज्यादा ताव न दिला तू। मैं किसी से कम नहीं हूँ। सबकी माँ बहन मैं भी चोद देती हूँ। मैं किसी भोसड़ी वाली की परवाह नहीं करती। न
परवाह तो तू किसी लन्ड वाले की भी नहीं करती पर बिना लन्ड के एक दिन भी नहीं रह पाती है तू।
हां मैं लन्ड के बिना नहीं रह पाती। मुझे लन्ड चाहिए लन्ड ? तेरी गांड में दम हो तो तू भी लन्ड ले ले। लन्ड लेने के लिए चूत में आग होनी चाहिए आग। तेरी चूत तो बुझी पड़ी हुई है ? तू क्या करेगी लन्ड का ? न
अरी जा जा लन्ड क्या होता तू क्या जाने ? तू तो बन्दर की नूनी से काम चलाती है। बन्दर की नूनी कोई लन्ड होता है क्या ? अरे लन्ड तो वह है १०" से कम का न हो ? जिस दिन लन्ड लेगी तू उस दिन तेरी गांड क्या तेरी माँ का भोसड़ा भी फट जायेगा ?
लन्ड नहीं लौड़ा लेती हूँ मैं ? बड़े बड़े लांड लेती हूँ मैं। इतने बड़े बड़े लांड तूने कभी देखा भी नहीं होगा। और सुन बुर चोदी एक नहीं मैं दो दो / तीन तीन लांड एक साथ ले लेती हूँ। न
अच्छा यह बता आज कोई आया है तेरी माँ का भोसड़ा चोदने ?
कोई न कोई तो आया है चोदने वाला। आज तो मैं तेरी सास की बिटिया की बुर चोदूंगी। न
तो फिर मैं भी तेरी माँ की बहू की चूत में लन्ड पेलूंगी।
भाभी, तेरी नन्द की माँ की चूत ?
तेरी माँ की बहू की बुर, नन्द रानी ?
अब मुझे यह समझने में देर नहीं लगी की ये दोनों नन्द भौजाई हैं। यानी दोनों नफीसा की बेटी और बहू हैं जो आपस में लड़ रहीं हैं। नफीसा मेरी तरफ देख कर मुस्कराई और बोली ये दोनों बुर चोदी इसी तरह हर दिन लड़ लड़ कर एक दूसरे का मनोरंजन किया करती है और उसके बीच में होता है किसी की माँ का भोसड़ा और किसी सास का भोसड़ा।
फिर हम दोनों खिलखिला कर हंसने लगीं। फिर नफीसा ने आवाज़ लगा कर दोनों को बुलाया। वो दोनों जब हमारे सामने आयी तो मैं उन्हें देख कर दांग रह गयी। दोनों की दोनों बुर चोदी एकदम नंगी। मैंने कहा वाह वाह नफीसा तेरी बेटी बहू भी बिल्कुल तुम्हारी ही तरह नंगी रहतीं हैँ क्या ? वह बोली मेरी तरह नहीं यार तुम्हारी तरह नंगी रहतीं हैं। मैंने जब आपकी बात इन्हें बताई तो ये दोनों अपने अपने कपड़े खोल कर बिलकुल नंगी खड़ी हो गयीं और बोली अब तो हम भी घर में नंगी ही रहा करेगीं। बड़ा मज़ा आ रहा है नंगी नंगी रहने में ? फिर नफीसा बोली ये है मेरी बेटी सबा और ये है मेरी बहू हिना। मुझे तो दोनों लगभग बराबर ही लगीं। मैंने कहा मैंने तुम लोगों की तकरार सुन ली हैं। सबा बोली अरे आंटी हम दोनों इसी तरह हंसी मजाक किया करती है।
नफीसा ने कहा इसकी माँ की चूत बहन चोद कभी कभी ये अपनी भाभी को बहुत तंग करती है। सबा बोली आंटी अम्मी की बातों पर मत जाना। अम्मी की बेटी की बुर, मादर चोद ये तो ऐसे ही मेरी शिकायत सबसे करती रहती हैं। तब तक बहू बोली हांआंटी मेरी नन्द की चूत चुलबुली है। नन्द की माँ का भोसड़ा ? मैंने कहा वाह वाह नफीसा तेरे घर में गालियां देने का बहुत रिवाज़ है। वह बोली यह सब प्यार की गालियां हैं, रहीमा। हम लोगों को इसी में खूब मज़ा आता है। यही ज़िन्दगी है यार। इसे खूब एन्जॉय करना चाहिए ?
इतने में घंटी बजी। हम सब अंदर चली गयीं। नफीसा ने चादर ओढ़ कर दरवाजा खोला तो बाहर दो आदमी खड़े थे। उसने दोनों को अंदर बैठाया। एक तो उसकी बेटी का ससुर था अजमल। उसने बताया की यह मेरा दोस्त नसीब है। इसका कुछ काम यहाँ था। वह सब कुछ करने में टाइम लग गया। तब मैंने कहा चलो मैं तुम्हे अपने बेटे की ससुराल ले चलता हूँ। रात भर वहीँ रुकेगें और सवेरे हम लोग वापस अपने शहर चले जायेगें। नफीसा ने कहा आपने ठीक किया समधी जी। यहाँ आपको कोई तकलीफ नहीं होगी। नफीसा तो अजमल से चुदवा चुकी थी। उससे तो कोई शर्म थी नहीं। पर नसीब से शर्म थी। तो वह चादर ओढ़े ही बैठी रही और बातें करती रही। अंदर से सबा हिना और मैं झाँक कर उनकी बातें सुन रहीं थीं।
तभी उधर अंदर बेटी ने कहा अरे भाभी मैंने इस आदमी को कहीं देखा है। मेरे ससुर का दोस्त को मैंने शायद,,,,,,,, मैंने अपने घर में ही देखा है,,,,,,, हां याद आ गया ये तो साला मेरी सास के पास आता है। मैंने एक दिन अपनी सास को इसका लन्ड पकड़ते हुए देखा है भाभी। इसका लन्ड मोटा है, लन्ड का सुपाड़ा गोल है छतरी की तरह और लन्ड खड़ा होने पर तलवार की तरह हो जाता है। हिना बोली तब तो इसका मतलब यह है की ये साला तेरी सास की बुर लेता है ? चलो ध्यान से सुनो देखो वो क्या कह रहा है ? यह बात मेरी बेटी ने मुझे बाद में बताई। मैं तो अजमल से बातें कर रही थी।
बातों बातों में मैं पूंछ बैठी :- ये तेरा दोस्त नसीब मियां तो मुझे बड़े आदमी लगते हैं। आपकी इससे दोस्ती कबसे है समधी जी ?
उसने जबाब दिया :- अरे भाभी ये तो मेरा ज़िगरी दोस्त है। हमारी इसकी दोस्ती कॉलेज के दिनों से है, भाभी। मैंने कहा :- तो फिर यह तुम्हारे घर खूब आता जाता होगा ?
वह बोला :- हां भाभी खूब आता जाता है। इसकी कोई रोक टोक नहीं है और मैं भी इसके घर खूब आता जाता हूँ। इसकी बीवी से मेरे बड़े अच्छे सम्बन्ध हैं।
मैंने मजाक में पूंछा :- तो फिर तुमने इसकी बीवी को कभी नंगी देखा ?
वह बोला :- हां हां भाभी खूब देखा है उसे नंगी । मैं जब जब इसके घर जाता तब तब उसे नंगी देखता हूँ।
मैंने कहा :- तो फिर भोसड़ी के खुल कर बताओ न मुझे गोल गोल क्यों घुमा रहे हो ?
उसने कहा :- भाभी असली बात यह है की मैं इसकी बीवी चोदता हूँ और ये मेरी बीवी चोदता है।
मैंने फिर अपनी चादर उतार कर फेंक दी और एकदम नंगी नंगी उसके सामने खड़ी हो गयी और कहा तो फिर ये साला आज तेरी बहू की माँ भी चोदेगा। तब तक मेरी बेटी सबा भी आ गयी और बहू हिना भी। वो दोनों भी कोई कपड़ा नहीं पहने थी। मैं भी उनके साथ नंगी था। हम सब को एक साथ नंगी देख कर उनके लन्ड हरकत में आ गए। उसकी बेटी बोली हाय मेरे चोदू ससुर जी तू भोसड़ी का अपनी बीवी अपने दोस्त से चुदवाता है तो अपनी बहू की बुर भी चुदवा ले न ? ऐसा कह कर सबा ने नसीब के लन्ड पर हाथ रख दिया और उधर हिना ने अजमल का लन्ड ऊपर से ही पकड़ लिया। तब तक नफीसा ने दोनों के पैजामे के नाड़े खोल डाला। वो दोनों हाथ अंदर घुसेड़ कर लन्ड सहलाने लगीं। फिर एक मिनट में ही दोनों लन्ड नंगे नंगे बाहर निकल आये।
नसीब का लन्ड भी बड़ा मस्त था। सबा ने कहा हाय अम्मी इसका लौड़ा भी जबरदस्त है। उसने लन्ड पर थप्पड़ मारा और लन्ड से बोली भोसड़ी के तुम मेरी सास की चूत में घुसते हो आज तुम उसकी बहू की चूत में घुस के दिखाओ। तब तक मेरी बहू हिना बोली हाय दईया कितना मोटा लन्ड है तेरे ससुर का नन्द रानी ? आज मैं इसे अपनी चूत में घुसेड़ कर भून डालूँगी। फिर वो दोनों लन्ड चूसने लगी और हम दोनों ( नफीस और मैं ) लन्ड के पेल्हड़ सहलाने लगीं। उसके बाद उन दोनों ने चुदवाया और फिर दोनों ने मिलकर मेरी चूत में लन्ड पेला। मैंने भी बड़ी बेशर्मी से खूब मजे से चुदवाया। वापस अपने घर आकर मैंने यह सच्चा किस्सा अपनी बेटी साइमा और बहू रेशमा को सुनाया तो वो भी बहुत खुश हुई।
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