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बिना लन्ड के उसका एक दिन भी नही गुजरता - Land jab tak nahi dikhta chain nahi aata
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हमीदा और फरीदा दोनों आपस में बहुत पक्की दोस्त हैं। दोनों की खूब पटती है। एक दूसरे के साथ घूमती हैं, शॉपिंग करती है, खाना खाती हैं, सिनेमा देखती है पिकनिक मनातीं हैं। बिना एक दूसरे के साथ ये रह नहीं सकतीं। दोनों ही उच्च घराने की हैं। खूब पैसा है इसलिए दोनों ही गज़ब की अय्यास हैं। दोनों शराब पीती है और सिगरेट भी। एक दिन दोनों बैठी हूँ गप्पे हांक रहीं थीं। सामने दो शराब के गिलास रखे हुए थे। हाथों में एक एक सिगरेट थी। दोनों खूब मस्ती से बातें कर रहीं थीं। बातें गहरी और अश्लील होती जा रहीं थीं। दोनों हंस हंस कर गालियों की बौछार करती हुई खुल्लम खुल्ला बोल रहीं थीं।
इतने हमीदा बोली :- फरीदा, तेरी बेटी की बुर, बहू की गांड, बहन चोद ?
फरीदा ने पलट कर जबाब दिया :- हमीदा, तेरी बिटिया की बुर, तेरी बहन का भोसड़ा, तेरी बेटी की माँ की चूत ?
फिर दोनों खिलखिलाकर हंसने लगीं।
इस समय ये दोनों फरीदा के घर बैठी हुई हैं। फरीदा ४५ साल की एक मद मस्त बिंदास औरत हैं। हमीदा ४६ साल की उन्मुक्त विचार वाली है। दोनों ही गज़ब की खूबसूरत, सेक्सी और हॉट औरत हैं, आधुनिक विचार वाली और खुले खायलात वाली महिलायें हैं। ये दोनों लगभग आधी दुनियां घूम चुकी है। इन्हें न किसी का डर है और न शर्म। दोनों की एक एक बेटी हैं और एक एक बहू।
मेरा नाम फरीदा है. मैं मादर चोद बहुत ही हरामजादी हूँ, बेशर्म हूँ और बेहाया हूँ। मैं लन्ड की बहुत बड़ी शौक़ीन हूँ। मैं लन्ड के आगे किसी भोसड़ी वाले की नहीं सुनती। मुझे हर दिन २/३ लन्ड चाहिए। अगर मुझे आस पास से या फिर अपने कुनबे से, नाते रिस्तेदारों के लन्ड नहीं मिलते तो मैं किसी होटल से लन्ड मंगवा लेती हूँ। मगर चुदवाकर कर ही बिस्तर पर जाती हूँ। बिना चुदवाये मुझे नींद नहीं आती। मेरी बेटी का नाम है तूबा। वह अब २० साल की हो गयी है। वह भी मेरी तरह लन्ड की बहुत बड़ी फैन है। बिना लन्ड के उसका भी एक दिन गुज़ारा नहीं होता ? भोसड़ी की अभी से अपनी माँ चुदाने लगी हैं। उसे जब मालूम हुआ की मेरी माँ लन्ड की बहुत बड़ी दीवानी है तो वह दोस्तों के लन्ड मुझे पकड़ाने लगी। मेरी बेटी बड़ा मज़ा लेती है अपनी माँ चुदवाने में ? मुझे भी खूब मज़ा आता है।
हमीदा बोली :- यार यही हाल मेरे घर का भी है। मेरी बेटी सूबा भोसड़ी के बिना लन्ड के खाना नहीं खाती ? लन्ड देखते ही उस पर बिल्ली की तरह टूट पड़ती है। आजकल उसे अपनी बुर चुदवाने से ज्यादा अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाने में मज़ा आता है। अच्छा ये बता फरीदा तेरी बेटी कब से और कैसे अपनी माँ चुदाने लगी ?
मैंने कहा : - हां मैं बताती हूँ। बड़ा मज़ेदार किस्सा है,यार । मेरी बेटी तूबा जब १८+ की हुई तभी मेरे मन में आया की मैं किसी दिन इसे इसकी माँ का भोसड़ा दिखा दूँगी। इसकी शर्म और इसकी हिचक सब एक ही बार में निकाल दूँगी। इसके सामने चोदूंगी इसकी माँ का भोसड़ा ? और फिर घुसेड़ दूँगी इसकी चूत में लन्ड ? बहन चोद जवान हो गई है तो लन्ड जरूर पकड़ती होगी ? शराब तो वह मेरे साथ पीती ही थी और हलकी फुलकी गालियां भी देती थी पर उस स्तर की गालियां अभी नहीं देती थी जिस स्तर की गालियां मैं पसंद करती हूँ। इसलिए मैंने सोंचा की मैं पहले गालियों से उसकी माँ बहन चोदूंगी।
एक दिन मेरी पड़ोसन मिसेज मारिया आ गयी। मैंने उसे आँख मारी। तूबा मेरे पास ही बैठी थी। वह बोली अरी तूबा भोसड़ी की ये बता की तूने अभी तक कितने लन्ड पकड़े और कितने लन्ड अपनी चूत में पेला ? वह कुछ नहीं बोली तब मारिया ने कहा अरे तूबा एक ही सवाल में तेरी माँ चुद गयी क्या ? तेरी गांड फट गयी क्या ? इतने में मैं बाथ रूम चली गयी। उसी समय तूबा बोली मारिया तेरी बहन का भोसड़ा साली तू अम्मी के सामने मुझसे कैसे सवाल पूंछ रही है, बहन चोद ? अकेले में पूंछती तो मैं तेरी गांड में दम कर देती ? अब बोल मैं तेरे हर सवाल का जबाब दूँगी। तेरी बेटी की चोद दूँगी बुर ? तेरे भोसड़ा में घुसेड़ दूँगी लन्ड ? तेरी बहन की गांड में ठोंक दूँगी हाथ भर का लौड़ा ? तू मुझे अभी बच्ची समझ रही है बुर चोदी मारिया ? मैं बड़े बड़े लन्ड घुसेड़ लेती हूँ अपनी चूत में। मैं जवान हो चुकी हूँ। मालूम है तुझे ? तब तक मैं आ गयी। मैंने उसकी गालियां सुन लीं थीं. तो मेरे होश उड़ गये। मैं जान गयी की मेरी बेटी मुझसे आगे निकल गयी है। अब मुझे फ़ौरन उसे अपनी तरह बना लेना चाहिए।
दूसरे दिन दोपहर में मैं अपने कमरे में एकदम नंगी बैठी थी। तभी तूबा आ गयी। मैंने उसे अपने पास बुलाया तो वह कमरे आ गयी। उसने मुझे नंगी देखा तो सर जरूर झुका लिया पर कुछ बोली नहीं। मैंने कहा तूबा तूने कल मारिया आंटी को जबाब दिया उससे मैं बहुत खुश हूँ। वह क्या समझती थी की मेरी बेटी को चूतिया बना लेगी ? तब तक एक आदमी बाथ रूम से नंगा नंगा निकला। तूबा ने उसे देखा और उसका लन्ड देखा। वह बोल पड़ी अम्मी ये कौन है ? मैंने कहा ये मेरा दोस्त है। मैंने उसका लन्ड पकड़ा और बड़े प्यार से हिलाया फिर उसे तूबा को पकड़ाते हुए कहा बेटी तूबा लो ये लन्ड पकड़ कर बताओ की यह तेरी माँ के भोसड़ा के काबिल है की नहीं ? तूने तो बड़े बड़े लन्ड पकड़े हैं। अब देखो बेटी तेरे सामने ये लन्ड भी है और तेरी माँ का भोसड़ा भी है। अगर तुझे ठीक लगता है तो पेल दे इसे अपनी माँ के भोसड़ा में और आज से अपनी माँ चुदाना शुरू कर दे।
वह भी बुर चोदी शराब पी के आयी थी। नशे में थी। उसने लन्ड अपने हाथ में लिया उसे चारों तरफ से घुमा कर देखा और फिर चूम कर बोली हाय अम्मी मैं तो अभी अभी बिलकुल इसी तरह का लन्ड पी कर आ रही हूँ। बड़ा मस्त लौड़ा था उसका और अंकल का भी लौड़ा मस्त है। ये जरूर मेरी माँ का भोसड़ा चोदेगा। मैंने फिर तूबा के कपड़े उतार दिया , वह बिलकुल नंगी हो गयी।
तब मैंने कहा बेटी जब लन्ड हाथ में हो तो फिर बदन पर किसी कपड़े का कोई काम नहीं ?
तूबा बड़ी बेफिक्री और बेशर्मी से लन्ड चूसने लगी। मैं भी उसके साथ चूसने लगी लन्ड। थोड़ी देर में उसने लन्ड पेल दिया मेरी चूत में। मैंने मस्ती से चुदवाया। उसके बाद मैंने लन्ड अपनी चूत से निकाल कर तूबा की चूत में घुसा दिया।
बस, उसी दिन से वो मेरी बेटी की माँ चोदने लगी मैं उसकी माँ की बेटी चोदने लगी।
हमीदा ने कहा :- यार फरीदा, तेरी कहानी तो बड़ी मज़ेदार और इंटरेस्टिंग है। मुझे तो सुनकर मज़ा आ गया। अब मैं तुम्हे अपनी कहानी सुनाती हूँ की मेरी बेटी कैसे और कब चुदवाने लगी अपनी माँ का भोसड़ा ? मेरी बेटी सूबा शराब तो पहले से पी रही है और कभी कभी गाली भी मुंह से निकाल देती थी। वह उस समय २० साल की हो गयी थी। मैं भी जल्दी में थी की वह मेरे साथ दोस्ती का बर्ताव करे. एक दिन मैंने उसे फोन पर करते हुए सुन लिया। वह बोल रही थी - हां बोली न ,,,,,,,,, ठीक है ,,,,,उसकी माँ की चूत बहन चोद ,,,,, लन्ड ठोंक दूँगी उसकी गांड में ,,,,,,,,, सर का लौड़ा जबरदस्त है यार ,,,,,,,,, नहीं ऐसा नहीं है ,,,,,,,, मादर चोद मेरी गांड मारेगा क्या ,,,,,,,,,,? मेरे तो दो ही शौक हैं ,,,,,,,,,,,,एक लन्ड पीना और दूसरा माँ चुदाना,,,,,, लन्ड तो पीती हूँ ,,,,,, हां माँ चुदाना बाकी है ,,,,,,,,,,वह भी कभी पूरा हो जायेगा ,,,,,,,,,,वाओ, तू भी माँ चुदाती है अपनी ,,,,,,,,, हां हां मैं खूब मारती हूँ लन्ड का सड़का,,,,,,,,, हां तेरे अब्बू के लन्ड का सड़का मार दूँगी ,,,,,,,,,हां उसकी बहन का लन्ड ,,,,,, वो सुनकर तो मेरी तो झांटें सुलगने लगीं थीं।
फोन बंद हुआ तो मैं सामने खड़ी थी। वह बोली,,, अरे अम्मी,, सॉरी बस ऐसे ही,,,, बात कर रही थी,,,,, दोस्त से ? मैंने कहा कोई बात नहीं बेटी ये तो सब होता ही है। इसमें कोई बुरी बात नहीं है। लन्ड पीना चाहिए। लन्ड का सड़का भी मारना चाहिए लेकिन लन्ड चूत में भी पेलना चाहिए बेटी। अपनी भी चूत में किसी और की भी चूत में ? फिर वह चली गयी और मैं भी हट गयी। एक दिन मैंने उसके माबाईल में आया सन्देश पढ़ लिया। मैंने कहा सूबा भोसड़ी की देख तेरे पास क्या मैसेज आया है उसमे लिखा है :-
"सूबा. मैं अपनी माँ चुदा रही हूँ तू भी माँ चुदा ले अपनी"
मैंने पूंछ कौन है ये बुर चोदी जो अपनी माँ चुदा रही है। वह बोली मेरी एक सहेली है नगमा। वो बड़ी गन्दी है अम्मी। मैंने कहा नहीं बेटी वह गन्दी नहीं है। माँ चुदाना कोई बुरा काम नहीं है। आपस में सब चलता है। जवान की बेटी की माँ, माँ नहीं सहेली होती है।
मैंने उसके गाल थपथपाकर कर कहा। मैं भी तेरी सहेली हूँ। तुम्हे अगर अपनी माँ चुदाना हो तो चुदा लो। तेरी माँ बुर चोदी चुदवाने के लिए तैयार है। तब वह भी खुल कर बोली अम्मी तेरी बेटी भी भोसड़ी की चुदवाने के लिए तैयार है। फिर हम दोनों हंसने लगीं। उसी दिन मेरी बेटी अपनी माँ चुदाने लगी। कुछ भी हो यार पर मज़ा खूब आ रहा है ज़िन्दगी का ?
मैंने कहा :- यार हमीदा मेरी बहू आने वाली है। मैं चाहती हूँ की वह मेरी बेटी की तरह अपनी सास का भोसड़ा चुदवाये तो बड़ा अच्छा होगा। नहीं तो हम दोनों माँ बेटी उससे छुप छुप कर कब चुदवाती रहेगीं ?
हमीदा बोली :- बात तो बिलकुल सही है। बहू मेरी भी आने वाली है। मैंने तो सोंचा है की मैं ही पहल करते हुए किसी दिन उसकी चूत में लन्ड पेल दूँगी। जवान बहू को तो लन्ड चाहिए लन्ड ? लन्ड मिल जाने से उसका मन लगा रहेगा और वह फिर मेरी गुलाम हो जाएगी।
इस तरह की बातें करने के बाद हम दोनों के खाना खाया और फिर हमीदा अपने घर चली गयी।
दो दिन बाद मेरी बहू शीना अपने जीजू के साथ मेरे घर आ गयी। हमने उसका वेलकम किया। मेरी बेटी तूबा भी बहुत खुश हुई। उसकी हम उम्र है मेरी बहू और दोनों की खूब जमती भी है। आपस में नन्द भौजाई की खूब पटती भी है। रात को करीब १० बजे दोनों बैठी हुई बातें कर रहीं थीं। मैं बाहर से उनकी बातें सुन रही थी। उन्हें यह नहीं मालूम था की मैं उनकी एक एक बात बड़े गौर से सुन रही हूँ।
मेरी बेटी तूबा बोली - भाभी एक बात बताओ ? ये तेरा जीजू तेरे साथ आया है ये तो बड़ा हैंडसम मुझे। तुमने कभी इसे नंगा देखा है, भाभी ?
वह बोली - वैसे तो नंगा नहीं देखा लेकिन एक दिन नंगा करके देखा है मैंने ?
तो फिर बताओ न भाभी की इसके लन्ड का साइज क्या है ? कितना बड़ा है तेरे जीजू का लन्ड ?
अच्छा तू पहले यह बता मुझे मैं उसके लन्ड का साइज बताऊँ तो तुझे मज़ा आएगा की तू खुद उसका लन्ड पकड़ कर देख ले तो मज़ा आएगा ?
हाय रब्बा, पकड़ कर देखने में तो मज़ा ही मज़ा आएगा भाभी ?
तो फिर मैं तुझे पकड़ा दूँ उसका लन्ड ? बोलो , लेकिन एक बात सोंच लो मैं फिर लन्ड तेरी चूत में पेलूंगी
हां हां भाभी पेल लेना मेरी चूत कोई कमजोर है क्या ?
और अगर मैं के तेरी माँ की चूत में घुसेड़ दूँ अपने जीजू का लन्ड तो ?
हाय दईया तू तो आते ही मेरी माँ चोदने लगेगी ?
नहीं नहीं यार ऐसी कोई बात नहीं है। बात यह है की मेरी माँ मेरे जीजू का लन्ड अपनी चूत में पेलवाती हैं। मेरी माँ को मेरे जीजू का लन्ड पसंद है। अब अगर तेरी माँ को भी इसका लन्ड पसंद आ जाये तो मैं तेरे सामने ही उसकी चूत में घुसेड़ दूं इसका लन्ड ? वो तो मेरी सास है और सास की चूत किसी मोटे लन्ड से चुदवाना तो अच्छी ही बात है मेरी नन्द रानी ?
इसका मतलब तेरे जीजू का लन्ड एक मोटा लन्ड है। अगर ऐसा है भाभी तो फिर अपनी सास की बुर चुदवाने के पहले उसकी बेटी की बुर चुदवा लो न, भाभी ?
आये हाय लग गयी न आग तेरी चूत में ? मैं जानती थी की हर लड़की को मोटा लन्ड पसंद है ? अब जब मैं तेरी माँ के भोसड़ा में पेलूंगी इसका लन्ड तो उसे भी मज़ा आएगा।
इन दोनों की बातें सुनकर मेरी चूत में आग लग गयी। बातें वो कर रहीं थीं और चूत की आग मेरी धधकने लगी। मुझे लगा की मेरी बहू तो हम दोनों से आगे निकल गयी है। वो तो शायद आज ही अपनी नन्द की चूत में लन्ड घुसेड़ देगी। अब मुझे भी कुछ करना चाहिए। मेरे भोसड़ा पर भी उसकी नज़र है। फिर मैंने ठान लिया की आज ही रात को इससे पहले की वह मेरा भोसड़ा चोदे मैं उसकी बुर चोद डालूँगी। बस मैंने चुपचाप अपना इंतज़ाम कर लिया। रात को ११ बजे मैं चुपके से अपनी बहू के कमरे में गयी तो देखा की मेरी बेटी मेरी बहू के जीजू का लन्ड चाट रही है। बहू भी बुर चोदी नंगी और बेटी भी नंगी। मुझे बेटी की बुर और बहू की गांड दिखाई पड़ी। लन्ड भी पूरा नज़र आ रहा था। लन्ड देख कर मैं बुरी तरह ललचा गयी। मेरी चूत चुचुहाने लगी और सोंचा की मैं आज ही रात को इसे अपनी चूत में पेलूंगी।
तब तक बहू तूबा की चूत सहलाकर बोली हाय अल्ला, ये मेरी सास की बेटी की बुर है। मैं अभी इसी में लन्ड पेलूंगी। आज मैं अपनी नन्द की बुर चोदूंगी। तब तक मेरी बेटी शीना की बुर सहलाकर बोली हाय दईया ये मेरी माँ की बहू की चूत है।आज मैं इसे जी भर के चोदूंगी। बहू चोदने में आएगा मज़ा ? मैंने मन में कहा भोसड़ी वालियो मैं आ रही हूँ बिटिया की बुर और बहू की चूत चोदने। आज तो मैं इनकी गांड में ठोंकूंगी लन्ड। मैं बहुत मस्ती में आ गयी थी। मैं भी मादर चोद नंगी बैठी थी। मैं मन में ही बुदबुदाने लगी तूबा तेरी माँ का भोसड़ा और शीना तेरी सास की चूत और तेरे जीजू के बहन की बुर। मैं अभी आती हूँ तुम सबकी माँ बहन चोदने ? अमान नाम है बहू के जीजू का। मुझे उसका लन्डबड़ा अच्छा लगा।
थोड़ी देर में अमान ने लन्ड मेरी बेटी की चूत में घुसा दिया। वह भी मस्ती से चुदवाने लगी। उसके मुंह के ऊपर बहू बैठ गयी। मेरी बेटी बहू की बुर चाटने लगी। तीनो चुदाई की मस्ती में मुझे भूल गए। मैं फिर उठी और हमीदा के मियां कबीर को बुला लिया। उसके साथ उसका दोस्त फज़ल भी आ गया। मैंने उसे पहले ही फोन कर दिया था। कबीर और फज़ल दोनो को मैंने नंगा कर दिया और उनके लन्ड हिला हिला कर खड़ा कर दिया। फिर मैं बहन चोद नंगी नंगी दोनों लन्ड पकड़े हुए कमरे में घुस गयी। मुझे देख कर तूबा बोली हाय अम्मी ये तो कबीर अंकल हैं सूबा केअब्बा ? इसका लन्ड इतना बड़ा है ? साला देखो कितना मोटा है अम्मी। और ये दूसरा लन्ड किसका है अम्मी ? मैंने बताया की ये लन्ड कबीर के दोस्त का है। इसका नाम है फज़ल। वह बोली बाप रे बाप दोनों लन्ड बड़े हलब्बी हैं। अम्मी तू इतने बड़े बड़े लन्ड से चुदवाती है और मुझे कभी बताया नहीं ? मैंने कहा अच्छा तू बोल रही है तूबा। तेरी तो माँ की चूत बहन चोद। तू यहाँ लन्ड पेले मज़ा ले रही है , तूने अम्मी को पूंछा ? तेरी भाभी तेरी बुर चाट रही है उसने कभी मेरी बुर चाटी ?
अब मैं चोदूँगी तेरी माँ की बिटिया की बुर ? और चोदूँगी तेरी माँ की बहू की चूत ? तब तक बहू बोल पड़ी और मैं चोदूंगी अपनी नन्द की माँ का भोसड़ा। मेरी बेटी ने भी देर नहीं लगाई। वह बोली और मैं चोदूंगी अपनी भाभी की सास की बुर ? मैं भी उन दोनों की मस्ती में मस्त हो गयी। मैंने बेटी को पकड़ा दिया फज़ल का लन्ड। बहू को पकड़ा दिया कबीर का लन्ड और उसने मुझे पकड़ा दिया अमान का लन्ड। हम तीनो अपना अपना लन्ड चाटने और चूसने में जुट गयीं। अब माहौल बहुत गरम हो गया। सबके मुंह में एक एक नया लन्ड। मज़ा हो गया दूना। लन्ड तीन के तीनो एकदम तन कर खड़े थे। लन्ड भी साले सभी गरमा उठे और तब किसी से रुका न गया। अमान ने पेल दिया लन्ड मेरे भोसड़ा में, कबीर मेरी बहू की बुर चोदने लगा और फज़ल तो अपना लन्ड मेरी बेटी की चूत में पूरा का पूरा घुस कर चोदने लगा। हम तीनो बुर चोदी सास बहू और नन्द भकाभक चुदवाने लगी। मैं मन ही मन ख़ुदा का शुक्रिया अदा कर रही थी की उसने मुझे मेरी मन की बेटी दी है और मेरे मन की बहू दी है। जब मेरी नज़र बहू की गांड पर पड़ी तो मन हुआ की मैं इसकी गांड भी चुदवा हूँ । सच बताऊँ उसकी गांड मुझे बड़ी सेक्सी और हॉट दिख रही थी ?
अमान से थोड़ी देर तक चुदवाने के बाद मैंने उसका लन्ड बहू की गांड में घुसेड़ दिया। वह बोली हाय सासू ये क्या कर रही हैंआप ? मैंने कहा मैं अपनी बहू की गांड मरवा रही हूँ। कबीर ने लन्ड मेरी बेटी की बुर में घुसेड़ दिया। उसे मेरी बेटी चोदने में मज़ा आने लगा। फज़ल ने लन्ड मेरे भोसड़ा में ठोंक दिया। उसे भी मेरी बेटी की माँ चोदने में मज़ा आने लगा। तूबा बोली हाय अम्मी लन्ड बड़ा मोटा है मेऋ चूत फटी जा रही है पर मज़ा भी बहुत आ रहा है। हाय अंकल और चोदो। मुझे रंडी की डालो मेरो मेरी बुर। तेरा लन्ड साला बड़ा मज़ा दे रहा है। तूने मेरी माँ का भोसड़ा खूब चोदा है। अब उसकी बेटी की बुर चोद लो। और कस कस के चोदो ? हाय अल्ला, आज मैं पहली बार सबके सामने चुदवा रही हूँ। मैंने कहा कबीर तेरे दोस्त का लन्ड तो बड़ा सॉलिड है यार। इसने कभी तेरी बीवी की बुर ली है। उसने जबाब दिया अरे भाभी जान फज़ल मेरी बीवी चोदता है और मैं फज़ल की बीवी चोदता हूँ। यही नहीं मैं फज़ल के बेटी चोदता हूँ फज़ल मेरी बेटी चोदता है। ये दोनों बेटियां एक दूसरे के अब्बू का लन्ड बहुत पसंद करती हैं.
तब तूबा बोली इसका मतलब सूबा भोसड़ी की फज़ल अंकल से चुदवाती है। उसने यह बात मुझे कभी नहीं बताई। उसकी माँ की चूत। कल मैं उसकी गांड मारूंगी। कबीर का लन्ड मेरी बेटी की चूत का कबाड़ा किये दे रहा था और उसका दोस्त बहन चोद मेरे भोसड़ा का दम निकाल रहा था। आज पहला मौक़ा था जब मैं अपनी बेटी और बहू दोनों के साथ चुदवा रही हूँ। मैं वैसे बहुत बड़ी चुदक्कड़ हूँ. इसलिये मैंने अपनी बेटी और बहू को अपनी जैसी ही बना दिया है। अब हम तीनो लन्ड का मज़ा एक साथ लूटतीं हैं। दुनिया को जो कहना है कहे। मैं किसी की परवाह नहीं करती ? लोग मुझे रंडी कहें, छिनार कहें, भोसड़ी की मादर चोद कहें तो कहें मुझे चाहिए लन्ड, लन्ड और लन्ड। मेरे लिए लन्ड, मेरी बेटी के लिए लन्ड और मेरी बहू के लिए लन्ड।
दूसरे दिन बहू का जीजू चला गया।
शाम को मेरी दोस्त हमीदा आ गयी।
वह बोली हाय फरीदा तेरी बहू कैसी निकली ? पसंद आयी तुझे की नहीं ?
मैंने कहा - अरे यार मज़ा आ गया। बहू हो तो ऐसी ? आते ही वह अपनी सास का भोसड़ा चुदवाने लगी और अपनी नन्द की बुर ? मैं भी उसी दिन से बहू की गांड मारने लगी।
हाय दईया तू तो बड़ी मजेदार है।
पर तेरी बहू कैसी है हमीदा ?
अरे यार बड़ी अच्छी है और बहुत बड़ी बुर चोदी है मेरी बहू । पहली ही रात को बोली सासू जी मैं तेरी नन्द
की माँ चोदूंगी। वह अपने खालू के साथ आयी थी। फिर उसने कहा मैं बाथ रूम जाकर आती हूँ। ५ मिनट में ही वह आयी और एकदम नंगी नंगी। उसके हाथ में एक जबरदस्त लन्ड था। लन्ड उसने मुझे पकड़ा दिया और बोली सासू जी ये तेरे भोसड़ा के लिए लायी हूँ। फिर उसने ताली बजायी तो एक और नंगा नंगा मस्त जवान लड़का पीछे से आया। उसका टन टनाता हुआ लन्ड देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया और मेरी बेटी तो एकदम से चुदासी हो गयी। वह बोली सासू जी ये लन्ड है तेरी बिटिया की बुर के लिए ? अब आज की रात मैं अपनी सास का भोसड़ा और नन्द की बुर चोदूंगी। तब तक मेरी बेटी जाने कहाँ से एक लन्ड पकड़े हुए और अपने सारे कपड़े उतार कर बिलकुल नंगी नंगी मेरी बहू के आमने खड़ी हो गयी। वह बोली अम्मी ये लन्ड है तेरी बहू की बुर के लिए। आज मैं रात भर तेरी बहू की बुर चोदूँगी। हम सब एकदम से खिलखिला कर हंसने लगीं। फिर क्या रात में जो गज़ब की चोदा चोदी हुई उसे मैं कभी नहीं भूल सकती।
तो दोस्तों, ये थी एक सच्ची कहानी जो मुझे आज भी याद है।
हमीदा और फरीदा दोनों आपस में बहुत पक्की दोस्त हैं। दोनों की खूब पटती है। एक दूसरे के साथ घूमती हैं, शॉपिंग करती है, खाना खाती हैं, सिनेमा देखती है पिकनिक मनातीं हैं। बिना एक दूसरे के साथ ये रह नहीं सकतीं। दोनों ही उच्च घराने की हैं। खूब पैसा है इसलिए दोनों ही गज़ब की अय्यास हैं। दोनों शराब पीती है और सिगरेट भी। एक दिन दोनों बैठी हूँ गप्पे हांक रहीं थीं। सामने दो शराब के गिलास रखे हुए थे। हाथों में एक एक सिगरेट थी। दोनों खूब मस्ती से बातें कर रहीं थीं। बातें गहरी और अश्लील होती जा रहीं थीं। दोनों हंस हंस कर गालियों की बौछार करती हुई खुल्लम खुल्ला बोल रहीं थीं।
इतने हमीदा बोली :- फरीदा, तेरी बेटी की बुर, बहू की गांड, बहन चोद ?
फरीदा ने पलट कर जबाब दिया :- हमीदा, तेरी बिटिया की बुर, तेरी बहन का भोसड़ा, तेरी बेटी की माँ की चूत ?
फिर दोनों खिलखिलाकर हंसने लगीं।
इस समय ये दोनों फरीदा के घर बैठी हुई हैं। फरीदा ४५ साल की एक मद मस्त बिंदास औरत हैं। हमीदा ४६ साल की उन्मुक्त विचार वाली है। दोनों ही गज़ब की खूबसूरत, सेक्सी और हॉट औरत हैं, आधुनिक विचार वाली और खुले खायलात वाली महिलायें हैं। ये दोनों लगभग आधी दुनियां घूम चुकी है। इन्हें न किसी का डर है और न शर्म। दोनों की एक एक बेटी हैं और एक एक बहू।
मेरा नाम फरीदा है. मैं मादर चोद बहुत ही हरामजादी हूँ, बेशर्म हूँ और बेहाया हूँ। मैं लन्ड की बहुत बड़ी शौक़ीन हूँ। मैं लन्ड के आगे किसी भोसड़ी वाले की नहीं सुनती। मुझे हर दिन २/३ लन्ड चाहिए। अगर मुझे आस पास से या फिर अपने कुनबे से, नाते रिस्तेदारों के लन्ड नहीं मिलते तो मैं किसी होटल से लन्ड मंगवा लेती हूँ। मगर चुदवाकर कर ही बिस्तर पर जाती हूँ। बिना चुदवाये मुझे नींद नहीं आती। मेरी बेटी का नाम है तूबा। वह अब २० साल की हो गयी है। वह भी मेरी तरह लन्ड की बहुत बड़ी फैन है। बिना लन्ड के उसका भी एक दिन गुज़ारा नहीं होता ? भोसड़ी की अभी से अपनी माँ चुदाने लगी हैं। उसे जब मालूम हुआ की मेरी माँ लन्ड की बहुत बड़ी दीवानी है तो वह दोस्तों के लन्ड मुझे पकड़ाने लगी। मेरी बेटी बड़ा मज़ा लेती है अपनी माँ चुदवाने में ? मुझे भी खूब मज़ा आता है।
हमीदा बोली :- यार यही हाल मेरे घर का भी है। मेरी बेटी सूबा भोसड़ी के बिना लन्ड के खाना नहीं खाती ? लन्ड देखते ही उस पर बिल्ली की तरह टूट पड़ती है। आजकल उसे अपनी बुर चुदवाने से ज्यादा अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाने में मज़ा आता है। अच्छा ये बता फरीदा तेरी बेटी कब से और कैसे अपनी माँ चुदाने लगी ?
मैंने कहा : - हां मैं बताती हूँ। बड़ा मज़ेदार किस्सा है,यार । मेरी बेटी तूबा जब १८+ की हुई तभी मेरे मन में आया की मैं किसी दिन इसे इसकी माँ का भोसड़ा दिखा दूँगी। इसकी शर्म और इसकी हिचक सब एक ही बार में निकाल दूँगी। इसके सामने चोदूंगी इसकी माँ का भोसड़ा ? और फिर घुसेड़ दूँगी इसकी चूत में लन्ड ? बहन चोद जवान हो गई है तो लन्ड जरूर पकड़ती होगी ? शराब तो वह मेरे साथ पीती ही थी और हलकी फुलकी गालियां भी देती थी पर उस स्तर की गालियां अभी नहीं देती थी जिस स्तर की गालियां मैं पसंद करती हूँ। इसलिए मैंने सोंचा की मैं पहले गालियों से उसकी माँ बहन चोदूंगी।
एक दिन मेरी पड़ोसन मिसेज मारिया आ गयी। मैंने उसे आँख मारी। तूबा मेरे पास ही बैठी थी। वह बोली अरी तूबा भोसड़ी की ये बता की तूने अभी तक कितने लन्ड पकड़े और कितने लन्ड अपनी चूत में पेला ? वह कुछ नहीं बोली तब मारिया ने कहा अरे तूबा एक ही सवाल में तेरी माँ चुद गयी क्या ? तेरी गांड फट गयी क्या ? इतने में मैं बाथ रूम चली गयी। उसी समय तूबा बोली मारिया तेरी बहन का भोसड़ा साली तू अम्मी के सामने मुझसे कैसे सवाल पूंछ रही है, बहन चोद ? अकेले में पूंछती तो मैं तेरी गांड में दम कर देती ? अब बोल मैं तेरे हर सवाल का जबाब दूँगी। तेरी बेटी की चोद दूँगी बुर ? तेरे भोसड़ा में घुसेड़ दूँगी लन्ड ? तेरी बहन की गांड में ठोंक दूँगी हाथ भर का लौड़ा ? तू मुझे अभी बच्ची समझ रही है बुर चोदी मारिया ? मैं बड़े बड़े लन्ड घुसेड़ लेती हूँ अपनी चूत में। मैं जवान हो चुकी हूँ। मालूम है तुझे ? तब तक मैं आ गयी। मैंने उसकी गालियां सुन लीं थीं. तो मेरे होश उड़ गये। मैं जान गयी की मेरी बेटी मुझसे आगे निकल गयी है। अब मुझे फ़ौरन उसे अपनी तरह बना लेना चाहिए।
दूसरे दिन दोपहर में मैं अपने कमरे में एकदम नंगी बैठी थी। तभी तूबा आ गयी। मैंने उसे अपने पास बुलाया तो वह कमरे आ गयी। उसने मुझे नंगी देखा तो सर जरूर झुका लिया पर कुछ बोली नहीं। मैंने कहा तूबा तूने कल मारिया आंटी को जबाब दिया उससे मैं बहुत खुश हूँ। वह क्या समझती थी की मेरी बेटी को चूतिया बना लेगी ? तब तक एक आदमी बाथ रूम से नंगा नंगा निकला। तूबा ने उसे देखा और उसका लन्ड देखा। वह बोल पड़ी अम्मी ये कौन है ? मैंने कहा ये मेरा दोस्त है। मैंने उसका लन्ड पकड़ा और बड़े प्यार से हिलाया फिर उसे तूबा को पकड़ाते हुए कहा बेटी तूबा लो ये लन्ड पकड़ कर बताओ की यह तेरी माँ के भोसड़ा के काबिल है की नहीं ? तूने तो बड़े बड़े लन्ड पकड़े हैं। अब देखो बेटी तेरे सामने ये लन्ड भी है और तेरी माँ का भोसड़ा भी है। अगर तुझे ठीक लगता है तो पेल दे इसे अपनी माँ के भोसड़ा में और आज से अपनी माँ चुदाना शुरू कर दे।
वह भी बुर चोदी शराब पी के आयी थी। नशे में थी। उसने लन्ड अपने हाथ में लिया उसे चारों तरफ से घुमा कर देखा और फिर चूम कर बोली हाय अम्मी मैं तो अभी अभी बिलकुल इसी तरह का लन्ड पी कर आ रही हूँ। बड़ा मस्त लौड़ा था उसका और अंकल का भी लौड़ा मस्त है। ये जरूर मेरी माँ का भोसड़ा चोदेगा। मैंने फिर तूबा के कपड़े उतार दिया , वह बिलकुल नंगी हो गयी।
तब मैंने कहा बेटी जब लन्ड हाथ में हो तो फिर बदन पर किसी कपड़े का कोई काम नहीं ?
तूबा बड़ी बेफिक्री और बेशर्मी से लन्ड चूसने लगी। मैं भी उसके साथ चूसने लगी लन्ड। थोड़ी देर में उसने लन्ड पेल दिया मेरी चूत में। मैंने मस्ती से चुदवाया। उसके बाद मैंने लन्ड अपनी चूत से निकाल कर तूबा की चूत में घुसा दिया।
बस, उसी दिन से वो मेरी बेटी की माँ चोदने लगी मैं उसकी माँ की बेटी चोदने लगी।
हमीदा ने कहा :- यार फरीदा, तेरी कहानी तो बड़ी मज़ेदार और इंटरेस्टिंग है। मुझे तो सुनकर मज़ा आ गया। अब मैं तुम्हे अपनी कहानी सुनाती हूँ की मेरी बेटी कैसे और कब चुदवाने लगी अपनी माँ का भोसड़ा ? मेरी बेटी सूबा शराब तो पहले से पी रही है और कभी कभी गाली भी मुंह से निकाल देती थी। वह उस समय २० साल की हो गयी थी। मैं भी जल्दी में थी की वह मेरे साथ दोस्ती का बर्ताव करे. एक दिन मैंने उसे फोन पर करते हुए सुन लिया। वह बोल रही थी - हां बोली न ,,,,,,,,, ठीक है ,,,,,उसकी माँ की चूत बहन चोद ,,,,, लन्ड ठोंक दूँगी उसकी गांड में ,,,,,,,,, सर का लौड़ा जबरदस्त है यार ,,,,,,,,, नहीं ऐसा नहीं है ,,,,,,,, मादर चोद मेरी गांड मारेगा क्या ,,,,,,,,,,? मेरे तो दो ही शौक हैं ,,,,,,,,,,,,एक लन्ड पीना और दूसरा माँ चुदाना,,,,,, लन्ड तो पीती हूँ ,,,,,, हां माँ चुदाना बाकी है ,,,,,,,,,,वह भी कभी पूरा हो जायेगा ,,,,,,,,,,वाओ, तू भी माँ चुदाती है अपनी ,,,,,,,,, हां हां मैं खूब मारती हूँ लन्ड का सड़का,,,,,,,,, हां तेरे अब्बू के लन्ड का सड़का मार दूँगी ,,,,,,,,,हां उसकी बहन का लन्ड ,,,,,, वो सुनकर तो मेरी तो झांटें सुलगने लगीं थीं।
फोन बंद हुआ तो मैं सामने खड़ी थी। वह बोली,,, अरे अम्मी,, सॉरी बस ऐसे ही,,,, बात कर रही थी,,,,, दोस्त से ? मैंने कहा कोई बात नहीं बेटी ये तो सब होता ही है। इसमें कोई बुरी बात नहीं है। लन्ड पीना चाहिए। लन्ड का सड़का भी मारना चाहिए लेकिन लन्ड चूत में भी पेलना चाहिए बेटी। अपनी भी चूत में किसी और की भी चूत में ? फिर वह चली गयी और मैं भी हट गयी। एक दिन मैंने उसके माबाईल में आया सन्देश पढ़ लिया। मैंने कहा सूबा भोसड़ी की देख तेरे पास क्या मैसेज आया है उसमे लिखा है :-
"सूबा. मैं अपनी माँ चुदा रही हूँ तू भी माँ चुदा ले अपनी"
मैंने पूंछ कौन है ये बुर चोदी जो अपनी माँ चुदा रही है। वह बोली मेरी एक सहेली है नगमा। वो बड़ी गन्दी है अम्मी। मैंने कहा नहीं बेटी वह गन्दी नहीं है। माँ चुदाना कोई बुरा काम नहीं है। आपस में सब चलता है। जवान की बेटी की माँ, माँ नहीं सहेली होती है।
मैंने उसके गाल थपथपाकर कर कहा। मैं भी तेरी सहेली हूँ। तुम्हे अगर अपनी माँ चुदाना हो तो चुदा लो। तेरी माँ बुर चोदी चुदवाने के लिए तैयार है। तब वह भी खुल कर बोली अम्मी तेरी बेटी भी भोसड़ी की चुदवाने के लिए तैयार है। फिर हम दोनों हंसने लगीं। उसी दिन मेरी बेटी अपनी माँ चुदाने लगी। कुछ भी हो यार पर मज़ा खूब आ रहा है ज़िन्दगी का ?
मैंने कहा :- यार हमीदा मेरी बहू आने वाली है। मैं चाहती हूँ की वह मेरी बेटी की तरह अपनी सास का भोसड़ा चुदवाये तो बड़ा अच्छा होगा। नहीं तो हम दोनों माँ बेटी उससे छुप छुप कर कब चुदवाती रहेगीं ?
हमीदा बोली :- बात तो बिलकुल सही है। बहू मेरी भी आने वाली है। मैंने तो सोंचा है की मैं ही पहल करते हुए किसी दिन उसकी चूत में लन्ड पेल दूँगी। जवान बहू को तो लन्ड चाहिए लन्ड ? लन्ड मिल जाने से उसका मन लगा रहेगा और वह फिर मेरी गुलाम हो जाएगी।
इस तरह की बातें करने के बाद हम दोनों के खाना खाया और फिर हमीदा अपने घर चली गयी।
दो दिन बाद मेरी बहू शीना अपने जीजू के साथ मेरे घर आ गयी। हमने उसका वेलकम किया। मेरी बेटी तूबा भी बहुत खुश हुई। उसकी हम उम्र है मेरी बहू और दोनों की खूब जमती भी है। आपस में नन्द भौजाई की खूब पटती भी है। रात को करीब १० बजे दोनों बैठी हुई बातें कर रहीं थीं। मैं बाहर से उनकी बातें सुन रही थी। उन्हें यह नहीं मालूम था की मैं उनकी एक एक बात बड़े गौर से सुन रही हूँ।
मेरी बेटी तूबा बोली - भाभी एक बात बताओ ? ये तेरा जीजू तेरे साथ आया है ये तो बड़ा हैंडसम मुझे। तुमने कभी इसे नंगा देखा है, भाभी ?
वह बोली - वैसे तो नंगा नहीं देखा लेकिन एक दिन नंगा करके देखा है मैंने ?
तो फिर बताओ न भाभी की इसके लन्ड का साइज क्या है ? कितना बड़ा है तेरे जीजू का लन्ड ?
अच्छा तू पहले यह बता मुझे मैं उसके लन्ड का साइज बताऊँ तो तुझे मज़ा आएगा की तू खुद उसका लन्ड पकड़ कर देख ले तो मज़ा आएगा ?
हाय रब्बा, पकड़ कर देखने में तो मज़ा ही मज़ा आएगा भाभी ?
तो फिर मैं तुझे पकड़ा दूँ उसका लन्ड ? बोलो , लेकिन एक बात सोंच लो मैं फिर लन्ड तेरी चूत में पेलूंगी
हां हां भाभी पेल लेना मेरी चूत कोई कमजोर है क्या ?
और अगर मैं के तेरी माँ की चूत में घुसेड़ दूँ अपने जीजू का लन्ड तो ?
हाय दईया तू तो आते ही मेरी माँ चोदने लगेगी ?
नहीं नहीं यार ऐसी कोई बात नहीं है। बात यह है की मेरी माँ मेरे जीजू का लन्ड अपनी चूत में पेलवाती हैं। मेरी माँ को मेरे जीजू का लन्ड पसंद है। अब अगर तेरी माँ को भी इसका लन्ड पसंद आ जाये तो मैं तेरे सामने ही उसकी चूत में घुसेड़ दूं इसका लन्ड ? वो तो मेरी सास है और सास की चूत किसी मोटे लन्ड से चुदवाना तो अच्छी ही बात है मेरी नन्द रानी ?
इसका मतलब तेरे जीजू का लन्ड एक मोटा लन्ड है। अगर ऐसा है भाभी तो फिर अपनी सास की बुर चुदवाने के पहले उसकी बेटी की बुर चुदवा लो न, भाभी ?
आये हाय लग गयी न आग तेरी चूत में ? मैं जानती थी की हर लड़की को मोटा लन्ड पसंद है ? अब जब मैं तेरी माँ के भोसड़ा में पेलूंगी इसका लन्ड तो उसे भी मज़ा आएगा।
इन दोनों की बातें सुनकर मेरी चूत में आग लग गयी। बातें वो कर रहीं थीं और चूत की आग मेरी धधकने लगी। मुझे लगा की मेरी बहू तो हम दोनों से आगे निकल गयी है। वो तो शायद आज ही अपनी नन्द की चूत में लन्ड घुसेड़ देगी। अब मुझे भी कुछ करना चाहिए। मेरे भोसड़ा पर भी उसकी नज़र है। फिर मैंने ठान लिया की आज ही रात को इससे पहले की वह मेरा भोसड़ा चोदे मैं उसकी बुर चोद डालूँगी। बस मैंने चुपचाप अपना इंतज़ाम कर लिया। रात को ११ बजे मैं चुपके से अपनी बहू के कमरे में गयी तो देखा की मेरी बेटी मेरी बहू के जीजू का लन्ड चाट रही है। बहू भी बुर चोदी नंगी और बेटी भी नंगी। मुझे बेटी की बुर और बहू की गांड दिखाई पड़ी। लन्ड भी पूरा नज़र आ रहा था। लन्ड देख कर मैं बुरी तरह ललचा गयी। मेरी चूत चुचुहाने लगी और सोंचा की मैं आज ही रात को इसे अपनी चूत में पेलूंगी।
तब तक बहू तूबा की चूत सहलाकर बोली हाय अल्ला, ये मेरी सास की बेटी की बुर है। मैं अभी इसी में लन्ड पेलूंगी। आज मैं अपनी नन्द की बुर चोदूंगी। तब तक मेरी बेटी शीना की बुर सहलाकर बोली हाय दईया ये मेरी माँ की बहू की चूत है।आज मैं इसे जी भर के चोदूंगी। बहू चोदने में आएगा मज़ा ? मैंने मन में कहा भोसड़ी वालियो मैं आ रही हूँ बिटिया की बुर और बहू की चूत चोदने। आज तो मैं इनकी गांड में ठोंकूंगी लन्ड। मैं बहुत मस्ती में आ गयी थी। मैं भी मादर चोद नंगी बैठी थी। मैं मन में ही बुदबुदाने लगी तूबा तेरी माँ का भोसड़ा और शीना तेरी सास की चूत और तेरे जीजू के बहन की बुर। मैं अभी आती हूँ तुम सबकी माँ बहन चोदने ? अमान नाम है बहू के जीजू का। मुझे उसका लन्डबड़ा अच्छा लगा।
थोड़ी देर में अमान ने लन्ड मेरी बेटी की चूत में घुसा दिया। वह भी मस्ती से चुदवाने लगी। उसके मुंह के ऊपर बहू बैठ गयी। मेरी बेटी बहू की बुर चाटने लगी। तीनो चुदाई की मस्ती में मुझे भूल गए। मैं फिर उठी और हमीदा के मियां कबीर को बुला लिया। उसके साथ उसका दोस्त फज़ल भी आ गया। मैंने उसे पहले ही फोन कर दिया था। कबीर और फज़ल दोनो को मैंने नंगा कर दिया और उनके लन्ड हिला हिला कर खड़ा कर दिया। फिर मैं बहन चोद नंगी नंगी दोनों लन्ड पकड़े हुए कमरे में घुस गयी। मुझे देख कर तूबा बोली हाय अम्मी ये तो कबीर अंकल हैं सूबा केअब्बा ? इसका लन्ड इतना बड़ा है ? साला देखो कितना मोटा है अम्मी। और ये दूसरा लन्ड किसका है अम्मी ? मैंने बताया की ये लन्ड कबीर के दोस्त का है। इसका नाम है फज़ल। वह बोली बाप रे बाप दोनों लन्ड बड़े हलब्बी हैं। अम्मी तू इतने बड़े बड़े लन्ड से चुदवाती है और मुझे कभी बताया नहीं ? मैंने कहा अच्छा तू बोल रही है तूबा। तेरी तो माँ की चूत बहन चोद। तू यहाँ लन्ड पेले मज़ा ले रही है , तूने अम्मी को पूंछा ? तेरी भाभी तेरी बुर चाट रही है उसने कभी मेरी बुर चाटी ?
अब मैं चोदूँगी तेरी माँ की बिटिया की बुर ? और चोदूँगी तेरी माँ की बहू की चूत ? तब तक बहू बोल पड़ी और मैं चोदूंगी अपनी नन्द की माँ का भोसड़ा। मेरी बेटी ने भी देर नहीं लगाई। वह बोली और मैं चोदूंगी अपनी भाभी की सास की बुर ? मैं भी उन दोनों की मस्ती में मस्त हो गयी। मैंने बेटी को पकड़ा दिया फज़ल का लन्ड। बहू को पकड़ा दिया कबीर का लन्ड और उसने मुझे पकड़ा दिया अमान का लन्ड। हम तीनो अपना अपना लन्ड चाटने और चूसने में जुट गयीं। अब माहौल बहुत गरम हो गया। सबके मुंह में एक एक नया लन्ड। मज़ा हो गया दूना। लन्ड तीन के तीनो एकदम तन कर खड़े थे। लन्ड भी साले सभी गरमा उठे और तब किसी से रुका न गया। अमान ने पेल दिया लन्ड मेरे भोसड़ा में, कबीर मेरी बहू की बुर चोदने लगा और फज़ल तो अपना लन्ड मेरी बेटी की चूत में पूरा का पूरा घुस कर चोदने लगा। हम तीनो बुर चोदी सास बहू और नन्द भकाभक चुदवाने लगी। मैं मन ही मन ख़ुदा का शुक्रिया अदा कर रही थी की उसने मुझे मेरी मन की बेटी दी है और मेरे मन की बहू दी है। जब मेरी नज़र बहू की गांड पर पड़ी तो मन हुआ की मैं इसकी गांड भी चुदवा हूँ । सच बताऊँ उसकी गांड मुझे बड़ी सेक्सी और हॉट दिख रही थी ?
अमान से थोड़ी देर तक चुदवाने के बाद मैंने उसका लन्ड बहू की गांड में घुसेड़ दिया। वह बोली हाय सासू ये क्या कर रही हैंआप ? मैंने कहा मैं अपनी बहू की गांड मरवा रही हूँ। कबीर ने लन्ड मेरी बेटी की बुर में घुसेड़ दिया। उसे मेरी बेटी चोदने में मज़ा आने लगा। फज़ल ने लन्ड मेरे भोसड़ा में ठोंक दिया। उसे भी मेरी बेटी की माँ चोदने में मज़ा आने लगा। तूबा बोली हाय अम्मी लन्ड बड़ा मोटा है मेऋ चूत फटी जा रही है पर मज़ा भी बहुत आ रहा है। हाय अंकल और चोदो। मुझे रंडी की डालो मेरो मेरी बुर। तेरा लन्ड साला बड़ा मज़ा दे रहा है। तूने मेरी माँ का भोसड़ा खूब चोदा है। अब उसकी बेटी की बुर चोद लो। और कस कस के चोदो ? हाय अल्ला, आज मैं पहली बार सबके सामने चुदवा रही हूँ। मैंने कहा कबीर तेरे दोस्त का लन्ड तो बड़ा सॉलिड है यार। इसने कभी तेरी बीवी की बुर ली है। उसने जबाब दिया अरे भाभी जान फज़ल मेरी बीवी चोदता है और मैं फज़ल की बीवी चोदता हूँ। यही नहीं मैं फज़ल के बेटी चोदता हूँ फज़ल मेरी बेटी चोदता है। ये दोनों बेटियां एक दूसरे के अब्बू का लन्ड बहुत पसंद करती हैं.
तब तूबा बोली इसका मतलब सूबा भोसड़ी की फज़ल अंकल से चुदवाती है। उसने यह बात मुझे कभी नहीं बताई। उसकी माँ की चूत। कल मैं उसकी गांड मारूंगी। कबीर का लन्ड मेरी बेटी की चूत का कबाड़ा किये दे रहा था और उसका दोस्त बहन चोद मेरे भोसड़ा का दम निकाल रहा था। आज पहला मौक़ा था जब मैं अपनी बेटी और बहू दोनों के साथ चुदवा रही हूँ। मैं वैसे बहुत बड़ी चुदक्कड़ हूँ. इसलिये मैंने अपनी बेटी और बहू को अपनी जैसी ही बना दिया है। अब हम तीनो लन्ड का मज़ा एक साथ लूटतीं हैं। दुनिया को जो कहना है कहे। मैं किसी की परवाह नहीं करती ? लोग मुझे रंडी कहें, छिनार कहें, भोसड़ी की मादर चोद कहें तो कहें मुझे चाहिए लन्ड, लन्ड और लन्ड। मेरे लिए लन्ड, मेरी बेटी के लिए लन्ड और मेरी बहू के लिए लन्ड।
दूसरे दिन बहू का जीजू चला गया।
शाम को मेरी दोस्त हमीदा आ गयी।
वह बोली हाय फरीदा तेरी बहू कैसी निकली ? पसंद आयी तुझे की नहीं ?
मैंने कहा - अरे यार मज़ा आ गया। बहू हो तो ऐसी ? आते ही वह अपनी सास का भोसड़ा चुदवाने लगी और अपनी नन्द की बुर ? मैं भी उसी दिन से बहू की गांड मारने लगी।
हाय दईया तू तो बड़ी मजेदार है।
पर तेरी बहू कैसी है हमीदा ?
अरे यार बड़ी अच्छी है और बहुत बड़ी बुर चोदी है मेरी बहू । पहली ही रात को बोली सासू जी मैं तेरी नन्द
की माँ चोदूंगी। वह अपने खालू के साथ आयी थी। फिर उसने कहा मैं बाथ रूम जाकर आती हूँ। ५ मिनट में ही वह आयी और एकदम नंगी नंगी। उसके हाथ में एक जबरदस्त लन्ड था। लन्ड उसने मुझे पकड़ा दिया और बोली सासू जी ये तेरे भोसड़ा के लिए लायी हूँ। फिर उसने ताली बजायी तो एक और नंगा नंगा मस्त जवान लड़का पीछे से आया। उसका टन टनाता हुआ लन्ड देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया और मेरी बेटी तो एकदम से चुदासी हो गयी। वह बोली सासू जी ये लन्ड है तेरी बिटिया की बुर के लिए ? अब आज की रात मैं अपनी सास का भोसड़ा और नन्द की बुर चोदूंगी। तब तक मेरी बेटी जाने कहाँ से एक लन्ड पकड़े हुए और अपने सारे कपड़े उतार कर बिलकुल नंगी नंगी मेरी बहू के आमने खड़ी हो गयी। वह बोली अम्मी ये लन्ड है तेरी बहू की बुर के लिए। आज मैं रात भर तेरी बहू की बुर चोदूँगी। हम सब एकदम से खिलखिला कर हंसने लगीं। फिर क्या रात में जो गज़ब की चोदा चोदी हुई उसे मैं कभी नहीं भूल सकती।
तो दोस्तों, ये थी एक सच्ची कहानी जो मुझे आज भी याद है।
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