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नये साल में नई बीवियां चोदो सबकी करो चुदाई - New year mein Nayi Patniyan chodo karo chudai
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एक दिन मैं रात में अपने हसबैंड के साथ बिस्तर पर लेटी थी। मैंने करीब करीब सारे कपड़े उतार रखा था। हां बस पेटीकोट बाकी था। गर्मी के दिन थे। मेरा हसबैंड भी केवल एक नेकर पहने लेटा था। सहसा मेरा हाथ उसके बदन पर पहुँच गया और उसका हाथ भी मेरे बदन पर । हम दोनों आमने सामने मुंह किये हए लेटे थे। उसने अपनी टांग मेरे ऊपर चढ़ा रखी थी। औरत के कूल्हे बड़े बड़े होतें है और चूतड़ भी मोटे मोटे होते है इसलिए मर्दों को इस पर अपनी टांग चढ़ाना बड़ा अच्छा लगता है। उसकी टांग ऊपर आते ही मेरा हाथ उसके बदन पर शैर करने लगा। शैर करते करते वह उसके लन्ड से टकरा गया। मुझे लगा की लन्ड तो खड़ा है। तब मैंने कहा अरेआपका लन्ड तो खड़ा है। तो फिर इसे बाहर निकालो न ? वह बोला यह काम मेरा थोड़ी न है। ये काम तो बीवियां करतीं हैं। लन्ड नेकर से निकालने का काम बीवियों का है मर्दों का नहीं। मेरा काम बीवियों की चूत खोलने का है। उसने ऐसा कह कर मेरा पेटीकोट खोल दिया और मुझे पूरा नंगा कर दिया। फिर मैं कहाँ पीछे रहने वाली थी। मैंने भी उसकी नेकर निकाल कर फेंक दी और उसका लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी। लन्ड साला बढ़ने लगा। लन्ड का टोपा पूरा खुल कर मेरे सामने आ गया।
मुझे उसका लन्ड वाकई बड़ा पसंद है। मैं लन्ड के साथ बड़ी देर तक खेलते रहती हूँ। लन्ड से बातें करती हूँ। प्यार से लन्ड को थप्पड़ भी मारती हूँ तो लन्ड और गुर्राने लगता है जिसे देख कर मुझे बड़ा अच्छा लगता है। मैं अपने पूरे नंगे बदन पर लन्ड को शैर करवाती हूँ।
उसे काफी देर तक अपनी चूँचियों पर घुमाती रहती हूँ। अपने निपल्स से लड़ाती रहती हूँ लन्ड का टोपा। मुझे लन्ड चाटने में खूब मज़ा आता है। लन्ड के टोपा से पेल्हड़ तक और पेल्हड़ से लन्ड के टोपा तक जबान घुमाती हूँ। फिर पूरा का पूरा सुपाड़ा मुंह में भर लेती हूँ और खूब प्यार से चूसती हूँ लन्ड। मैं उस दिन रात को यही सब कर रही थी। लन्ड का पूरा मज़ा ले रही थी और खूब मस्ती कर रही थी। तब मेरा हसबैंड भी मेरी चूंचियों से खेलता है और मेरी चूत मेरी गांड में बात भी करता है। सबसे बाद में शुरू होता है चोदा चोदी का खेल।
मुझे हर तरफ से चुदवाने का शौक है। अभी तो मैं अपनी टाँगे फैलाये हुए पलंग के किनारे लेटी हूँ। मेरी गांड के नीचे तो तकिया लगी हुईं हैं जिसे मेरी चूत थोड़ा ऊपर उठ आयी है। मेरा हसबैंड पलंग के नीचे खड़े होकर मेरी चूत में लन्ड पेल कर मुझे चोद रहा है। मेरी दोनों टांगें उसके कंधे पर चढ़ी हुईं हैं। मेरी गोरी गोरी बड़ी बड़ी मस्त चूंचियां उछल रही हैं। जिन्हें देख कर लन्ड साला और सख्त होता जा रहा है।
मेरा नाम मिसेज रितिका चौधरी है और मेरे हसबैंड का नाम है रोहन चौधरी। मेरी शादी ५ साल पहले हुई थी जब मैं २५ साल की थी। अब मैं ३० साल की हूँ मेरा पति ३२ साल का। मैं एक पढ़ी लिखी, खूबसूरत, सेक्सी और हॉट बीवी हूँ। मैंने अपने कॉलेज के दिनों में खूब मौज़ की है और कई लड़कों के लन्ड का मज़ा लिया है। मुंह में तो सारे लन्ड लिए हैं एक बार नहीं बल्कि कई बार। हां चुदवा मैं सबसे नहीं पाई। फिर भी मैंने अपनी चूत में कई लन्ड पेलें हैं। चूंचियां भी खूब चुदवाई है मैंने और २/३ बार गांड भी मरवा चुकी हूँ। मुझे वहीँ से नये नये पकड़ने की आदत पड़ गयी। लेकिन यह सब मैं आपको चुपचाप बता रही हूँ। इसकी भनक मेरे पति देव को बिलकुल नहीं है। आपसे से भी गुज़ारिश है की आप भी मेरे पति को कुछ न बतायें।
थोड़ी देर में रोहन मुझे पीछे से चोदने लगा। मैं कुतिया बन कर चुदवाने लगी। बगल में शीशा लगा था। मेरी हिलती हुई चूंचियां उसमे दिखायीं पड़ रही थीं। मेरा पति उन्हें देख देख कर चोदने की स्पीड बढ़ाता जा रहा था। लन्ड बड़ा होने के कारण उसे और मुझे भी चुदाई का मज़ा पूरा आ रहा था। फिर मैं घूम गयी और उसका लन्ड पकड़ लिया। मैंने लन्ड को पहले तौलिया से पोंछा और फिर उसे मुंह में डाल लिया। मैं बीच बीच में उससे बातें भी करने लगी।
मैंने कहा - नया साला आने वाला है। तो तुम्हारा नए साल में क्या प्रोग्राम है ?
वह बोला - मैंने तो कोई प्रोग्राम नहीं बनाया नए साल पर।
तो बना लो न अभी तो बहुत समय है।
तुम बताओ की कौन सा प्रोग्राम बना लूँ ?
अच्छा मैं बताऊँ लेकिन पहले यह वादा करो की जो मैं कहूँगी वो तुम करोगे ?
हां हां बिलकुल वादा करता हूँ। मैं वही करूँगा जो तुम कहोगी ?
तो नए साले में नयी बीवियां चोदो।
यह सुनकर वह हंसने लगा और बोला यार क्यों चूतिया बना रही हो ? क्यों ऐसा मजाक कर रही हो। जो हो नहीं सकता उसके बारे में क्यों बात कर रही हो ?
मैं मजाक नहीं कर रही हूँ। मैं सच कह रही हूँ। तुम नयी बीवियां चोदने का मन तो बनाओ ?
मैं अगर मन तो बना भी लूँ तो भी क्या होगा ? देखो हमारी शादी के ५ साल हो गए हैं।अब जिसकी नयी शादी हुई होगी वो मुझे अपनी बीवी क्यों देगा ? यह हो नहीं सकता यार ? कौन मुझे देगा नयी बीवियां ?
मैं दूँगी तुम्हे नयी बीवियां ?
हटो यार कोई और बात करो। तुम्हारे पास कहाँ से बीवियां आ जायेगीं। अरे तुम बीवियों की फितरत नहीं जानते हो। बीवियां भोसड़ी की अंदर से सब चुदक्कड़ होतीं हैं। जो बीवी ऊपर से बड़ी भोली भली लगते है वह अंदर से माह चुदकड़ होती है। खास तौर पर खूबसूरत बीवियां ? एक बात याद रखो की खूबसूरत बीवियां आसानी से गैर मर्दों से चुदवा लेतीं हैं।
अरे वाह यह तो मुझे मालूम ही नहीं था।
तो फिर बोली नए साल में रख लूँ एक चुदाई का प्रोग्राम ? मेरे आगे किसी और की बीवी चोदने में शरमाओगे तो नहीं ?
नहीं बिलकुल नहीं शरमाऊंगा।
अच्छा अगर कोई तुम्हारे सामने तुम्हारी बीवी चोदे तो तुम ख़ुशी ख़ुशी चोदवा लोगे अपनी बीवी।
जब मेरी बीवी को कोई आपत्ति नहीं है तो मुझे क्यों आपत्ति होगी ? यह तो मानी हुई बात है की जब मैं किसी की बीवी चोदूंगा तो फिर वह भी मेरी बीवी चोदेगा।
अच्छा ठीक है तो फिर मैं इंतज़ाम करती हूँ।
ऐसा कह कर मैंने लन्ड अपनी चूत में फिर घुसा लिया। इस बार रोहन ने लन्ड पूरी ताकत से अंदर पेल दिया। लन्ड ने वाकई अंदर घुस कर चोट कर दी और तब मुझे लगा की सही में लन्ड में बड़ी ताकत होती है। इस बार मुझे चुदवाने में पहले से ज्यादा मज़ा आने लगा। मैं भी अपनी गांड उठा उठा के मस्ती से चुदवाने लगी। मैं मन ही मन यह भी सोंच रही थी की कैसे मैं अपने पति से किसी एक की नयी बीवी चुदवा लूँ। एक बार वह मेरे सामने किसी की बीवी चोद ले तो मेरा रास्ता खुल जायेगा क्योंकि मैं ग़ैर मर्दों से चुदवाने के लिए तड़प रही हूँ। रोहन धक्के पे धक्का लगाए जा रहा था और मैं भी उसे ठीक तरह से जबाब दे रही थी। बस थोड़ी देर में ही वह बोला वाओ, मैं तो निकलने वाला हूँ, रितिका । तब तक मैं भी खलास हो चुकी थी। मैंने हाथ बढ़ाया और उसका लन्ड मुठ्ठी में ले लिया। मैं मुंह फैलाकर लन्ड का सड़का मारने लगी और तभी लन्ड ने उगल दिया वीर्य मेरे मुंह में ? मैं वीर्य तो पूरा पी गयी और लन्ड का टोपा चाटने लगी।
उसके बाद रोहन दो दिन के लिए टूर पर चला गया। मैं आपको बता दूं की मैं एक डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर हूँ। वहां की कई लड़कियां और कई लड़के मेरे संपर्क में रहतें हैं। दो लड़कियां ऐसी है जिनकी शादी अभी ३/४ महीने में ही हुई हैं। मैंने उन्हें शाम को अपने घर बुला लिया। उनके नाम है मिसेज गौरी और मिसेज अनीता। दोनों ही मेरी स्टूडेंट्स है और यह उनका फाइनल ईयर है। मैंने ड्रिंक्स का इंतज़ाम कर रखा था। हम तीनो बैठ कर बिंदास शराब और सिगरेट पीने लगीं।
मैंने कहा - यार गौरी तुम पहले बताओ की तेरे मरद का लौड़ा कैसा है और उसने सुहागरात में तुम्हे कितनी बार चोदा ?
वह बोली - लौड़ा तो मस्त है मोटा है और खूबसूरत भी। पेल्हड़ औसत साइज के हैं। चोदने में अच्छा है पर उसने मुझे सुहागरात के ज्यादा अच्छा सुहागरात के बाद चोदा।
मैंने कहा - अनीता अब तुम बताओ ?
उसने कहा - मेरे पति का लन्ड लगभग ८" का है। लन्ड का टोपा अंडाकार है। लन्ड खड़ा होते ही लन्ड का टोपा पूरा खुल जाता है। उसने सुहागरात में दो बार चोदा। लन्ड टेस्टी है और पेल्हड़ भी एवरेज साइज के हैं। मुझे लगा की वह मुझे चोदते समय किसी के बारे में सोंचता है। या फिर किसीऔर की बीवी का नाम लेता होगा ?
मैंने कहा :- अच्छा तुम मुझे सच सच बताओ की तुम चुदवाते समय किसी पराये पुरुष के लन्ड के बारे में सोंचती हो न ?
वह बोली :- तुमने सच कहा यार ? सोंचती तो मैं हूँ।
मैंने कहा :- तो बस पुरुष भी ऐसा ही परायी बीवी के बारे में सोंचता है। इसमें न पुरुष की गलती है और न स्त्री की। ये सब दोनों तरफ से कुदरती होता है। अब यह बताओ तुम दोनों क्या मेरे पति से चुदवा सकती हो ? मेरे पति से चुदवाने का मन है आप लोगों का ?
गौरी एकदम से बोल पड़ी हां यार मैं तो आज ही बल्किअभी तैयार हूँ। बुलाओ अपने पति को मैं अभी चुदवा लूंगी। अनीता बोली अरे यार नेकी और पूंछ पूंछ ? मैं तो लपक कर पकड़ लूंगी तेरे मियां का लन्ड ? भकाभक चुदवाऊँगी उससे वह भी तेरे सामने ?
फिर मैंने दोनों को अपना प्लान बता दिया। मेरे पति का यह सोंचना है की अब उसे नई बीवियां नहीं मिल सकती। तुम दोनों नई बीवियां हो तुम्हारी नई नई चूत है। तुम्हे पाकर वह बहुत खुश हो जायेगा। इसलिए उसे बड़ा मज़ा आएगा। तुम लोग उसे खूब उत्तेजित कर देना। उससे प्यार करना उसके लन्ड से प्यार करना। लन्ड उसका तुम्हे पसंद आ जायेगा यह मेरी गारंटी है। उसे खूब प्यार से गालियां सुनाना। मर्दों की लड़कियों के मुंह से प्यार भरी गालियां सुनने का बड़ा शौक होता है खास तौर से लन्ड की गालियां। गालियां तुम किसी और को देना लेकिन ऐसे की वह सुन सके। तब मज़ा आएगा। मैं भी उसमे तुम्हारा साथ दूँगी। देखो तुम्हारे पति तो यहाँ है नहीं। तो तुम अपने अपने बॉय फ्रेंड को ले लो। अगर दो दोस्त मिल जाएँ तो अच्छा रहेगा। अलग अलग होगें तो मज़ा नहीं आयगा क्योंकि मरद भोसड़ी के एक दूसरे के सामने शर्मातें हैं। बीवियां / लड़कियां नंगी होने में, चुदवाने में, एक दूसरे से शर्माती नहीं है बल्कि एन्जॉय करतीं हैं।
गौरी बोली :- रितिका यार, अगर तुम्हारी नज़र कोई दो दोस्त हों तो उन्हें बुला लो। हमारे लिए भी वो दोनों नये लन्ड होगें तो हमारी की उत्सुकता बनी रहेगी और ज्यादा मज़ा आएगा।
मैंने कहा :- हां ठीक है मैं दो लड़कों को बुला लूंगी। मैं दोनों को जानती हूँ लेकिन लन्ड किसी का नहीं पकड़ा अभी तक तो मुझे भी मज़ा आएगा। हां सुना है की उनके लन्ड मोटे है और बड़े हैं। बस प्लान बन गया और दो दिन बाद मेरा हसबैंड भी वापस आ गया।
मैंने 31 दिसंबर को एक सेक्स पार्टी अपने घर में रख ली। इसी बीच मैंने दो लड़कों से बात कर ली थी। वो हैं करण और शिवा। ये दोनों आपस में बड़े पक्के दोस्त हैं और दोनों एक दूसरे की बीवियां चोदते हैं। इसलिए इन दोनों के बीच कोई शर्म नाम की कोई चीज नहीं है। इनके बारे में मुझे मेरी एक दोस्त मौली ने बताया था। मैं एक दिन पहले दोनों को बुला कर गौरी और अनीता से मुलाकात करवा दी। मैंने कहा करण गौरी का हसबैंड बनेगा और शिवा अनीता का । तुम लोगो को ऐसा ब्यवहार करना है जिससे तुम दोनों पति पत्नी हो। देखो कोई भूल नहीं होनी चाहिए। यह चुदाई का खेल तीन कपल के बीच होगा। (१) मैं रितिक और मेरा पति रोहन (२) गौरी और उसका पति करण (३) अनीता और उसका पति शिवा। तीनो सबके सामने एक दूसरे की बीवी चोदेगें।
३१ दिसंबर की शाम को सारा इंतज़ाम हो गया और लोगों का आना शुरू हो गया। सबसे पहले गौरी और करण आये। फिर उसके पीछे अनीता और शिवा। मैंने सबको अपने पति से मिलवाया। वो लोग भी बड़े प्रेम से मिले। एक दूसरे से परिचय हुआ। तब तक मैंने ड्रिंक्स का इंतज़ाम कर दिया और गौरी सबको ड्रिंक्स बना बना कर देने लगी। अनीता ने स्नैक्स टेबल पर लगा दिया। फिर क्या ? हमने चियर्स कहा, हम सब पीने लगे शराब और होने लगी मस्ती। गौरी और अनिता दोनों ही जीन्स में थीं ऊपर टॉप पहना था पर नीचे ब्रा नहीं थी। गर्मी के दिन थे इसलिए कम कपड़े ही बदन पर रहतें हैं। मैंने जरूर साड़ी पहन रखी थी। उसके साथ स्लीवलेस डीप नेक का ब्लाउज़ था। मेरी बड़ी बड़ी मस्त चूंचियां आधे से अधिक खुलीं ही थीं और मेरा पल्लू भी बार बार गिरता जा रहा था। मैं अपने बाल और पल्लू बार बार संभाल रही थी। रोहन की नज़र उन दोनों की चूँचियों पर टिकी थी। वह शायद चूँचियों के साइज के बारे में अनुमान लगा रहा था। उनकी जांघें देख कर भी उसका मन ललचा रहा था। उधर उन दोनों रोहन की जाँघों के बीच नजरें गड़ा रखीं थीं। शायद वो भी मेरे पति के लन्ड के साइज के बारे में सोंच रहीं थीं।
शराब का एक राउंड ख़तम होते ही बातें मजेदार होने लगीं।
गौरी - यार रितिका शराब भी बुर चोदी क्या बला की चीज है। इसे पीते ही सच बाहर आने लगता है।
अनीता - हां यार थोड़ा नशा चढ़ता है तो मेरी आँखों के सामने साला 'लन्ड' नाचने लगता है।
मैंने कहा - वाओ, तू तो बहन चोद बहुत बड़ी हरामजादी है। एक पैग में ये हाल है तो दूसरे पैग में क्या होगा ?
गौरी - अरे यार दूसरे पैग में ये अपनी माँ चुदाने लगेगी ?
सब लोग इसी बात पर हंस पड़े।
तब तक अनीता ने बड़ी नज़ाकत से कहा - माँ नहीं यार मैं तो पहले अपनी बुर चुदाऊंगी।
गौरी - तू कुछ ज्यादा ही लन्ड की शौक़ीन हो गयी है अनीता ?
अनीता - यार तुम कुछ भी कहो यहाँ कौन भोसड़ी वाली है जो लन्ड की शौक़ीन नहीं है ? सब भोसड़ी वाली लन्ड चाहतीं हैं। यह बात और है की मैं कह देती हूँ और वो कहती नहीं हैं।
मैंने कहा - हां तू ठीक कह रही है। इसीलिए मैंने आज लन्ड का इंतज़ाम किया है। बोल तुझे किसका लन्ड चाहिए ?
तब अनीता उठी और मेरे हसबैंड के जाँघों पर हाथ रख कर बोली फिलहाल तो ये वाला लन्ड चाहिए मुझे ? तब गौरी उठी और शिवा की तरफ आ गयी। उसने शिवा की टांगों के बीच हाथ डाल कर कहा मैं ये वाला लन्ड खोल कर देखती हूँ। फिर मैं कहाँ चूकने वाली थी। मैंने अपना हाथ करन के लन्ड पर रख ही दिया और कहा तब ठीक है। अब तो ये लन्ड मेरे हिस्से में आ गया। लगे हाथ मर्दों ने भी मज़ा लेना शुरू कर दिया। करण मेरी चूंचियां दबाने लगा, शिवा करण की बीवी गौरी की चूंचियां मसलने लगा और मेरा पति रोहन शिवा की बीवी अनीता की चूंचियां पकड़ कर चूमने और चाटने लगा। उसे देख कर मुझे बड़ा अच्छा लग रहां था। उसके बाद सब लोग अपने अपने पार्टनर के कपड़े उतारने लगे। देखते ही देखते तीनो मरद भी नंगे हो गए और तीनो बीवियां भी नंगी हो गयीं। मरद भोसड़ी के सबकी नंगी बीवियां आँखें फाड़ फाड़ कर देखने लगे और बीवियां भी बुर चोदी मर्दों को और उनके लन्ड को आँखें फाड़ फाड़ कर देखने लगीं।
मेरे हाथ में जैसे ही करण का लन्ड आया वैसे ही मेरा मन खिल उठा। लन्ड मेरे मन का निकला इसलिए मैं उसे बड़ी देर तक इधर उधर घुमा कर देखती रहीं। मैंने जब अनीता को देखा तो खुश हो गयी क्योंकि वह बड़े प्यार से मेरे पति का लन्ड सहला रही थी। लन्ड के पेल्हड़ पकड़ कर लन्ड ऊपर नीचे कर रही थी। और इसी तरह गौरी भी पूरे दिलोजान से शिवा का लन्ड हिला हिला कर मज़ा ले रही थी। हम तीनो को अपने अपने मन का लन्ड मिल गया तो पूरे महफ़िल में जोश आ गया। मेरी चूत साली और धधकने लगी। उसकी आग बढ़ने लगी। आज पहला मौक़ा है जब मैं अपने पति के सामने किसी और का लन्ड अपनी चूत में पेलूंगी और चुदवाऊँगी। यही सोंच कर मैं मस्त हुई जा रही थी।
तब तक अनीता बोली :- हाय रितिका, तेरे पति का लन्ड तो बड़ा जबरदस्त है यार ? मुझे ऐसा ही लन्ड पसंद है। मैं आज इसका एक एक बूँद रस निचोड़ लूंगी।
तभी गौरी ने कहा :- अरी भोसड़ी की अनीता तेरे भी मियां का लन्ड बड़ा सॉलिड है यार ? मैं तो इसे आज अपनी चूत में घुसा कर भून डालूँगी।
मैंने कहा :- गौरी, अगर ऐसा है तो मेरी चूत कम है क्या ? वह भी तेरे मियां का लन्ड भून कर ही बाहर निकालेगी। देखो न साला कैसे तेरे मियां का लन्ड मेरे हाथ में कूद रहा है। मादर चोद बड़ा मोटा है इसका लन्ड। आज मैं इसे खूब जम कर चोदूंगी।
हमारी इन प्यारी प्यारी बातों से मेरे पति का लन्ड और उछलने लगा। मैं समझ गयी की उसे भी मज़ा आ रहा है। और यह मेरे लिए बहुत अच्छी बात थी। फिर क्या मैं गौरी के मियां करण का लन्ड चूसने लगी, गौरी अनीता के मियां शिवा का लन्ड चूसने लगी और अनीता मेरे मियां का लन्ड चूसने लगी। हम तीनो एक दूसरे को देखते हुए एक दूसरे के मियां का लन्ड चूसने लगीं। पूरे कमरे में चपर चपर, चप्प चप्प, चों, चूं , सपड़ सपड़, पच्च पच्च की आवाज़ें आने लगी जो सुनने में बड़ा अच्छा लग रहा था और यही आवाज़ें माहौल को और सेक्सी बना रहीं थी। मैं मन ही मन बहुत खुश हो रही थी की आज से मेरा पराये मरदों से चुदवाने का रास्ता खुल जायेगा। अचानक मैंने देखा की मेरा मियां से धीरे से अनीता की चूत पर अपना लन्ड रख दिया। मैं जान गयी की उससे अब और बरदास्त नहीं हो रहा है। वह जल्दी से शिवा की बीवी चोदना चाहता है। बस पालक झपकते ही उसका लन्ड सरसराता हुआ अनीता की चूत में घुस गया। उसके मुंह से चीख निकली उई माँ ? फाड़ डाला इस भोसड़ी वाले ने मेरी चूत। इसका लन्ड मादर चोद बड़ा मोटा है, यार ?
तब तक शिवा ने भी करण की बीवी पर चढ़ाई कर दी। उसने भी लन्ड गौरी की चूत में पेल दिया और गौरी भी एक मंजी हुई बीवी की तरह लन्ड अपनी चूत में घुसेड़वाते हुए कहा लो बहन चोद, चोद लो मेरी बुर ? पेल दो पूरा लन्ड मेरी बुर चोदी बुर में। वह भी मस्ती से चुदवाने लगी। इधर मैंने भी अपनी चूत फैला दी और करण का लन्ड उसके ऊपर रख लिया। उसने जोर लगाया तो लन्ड साला सांप की तरह अंदर बिल में घुस गया। मैं बोली हाय दईया तेरा तो लन्ड बड़ी दूर तक घुस गया यार। ये तो मेरी चूत फाड़ डालेगा। तब तक करण धक्के पे धक्के मारने लगा और मैं भी अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। मज़ा तब और बढ़ गया जब मेरा पति मुझे देखते हुए शिवा की बीवी चोदने में मस्त था और मैं उसे देखते हुए गौरी के पति से चुदवाने में मस्त थी। उसने आँखों से मुझे इशारा करते हुए कहा हां ठीक है तुम मेरे सामने ग़ैर मरदों से चुदवाया करो ? मैंने भी उसे इशारा करके कहा तुम भी मेरे सामने परायी बीवियां चोदा करो।
मैंने देखा की रोहन ने अनीता की बुर चोदने की स्पीड बढ़ा दी है। उधर अनीता भी मस्ती से कुछ न कुछ बके जा रही है। हाय दईया बड़ा अच्छा लग रहा है ,,,,और चोदो मुझे,,,, पूरा लौड़ा घुसेड़ दो मेरे राजा,,,, फाड़ डालो मेरी बुर चोदी चूत,,,, बहुत दिनों के बाद मिला है इतना मस्त लौड़ा,,,,,, मैं ही तेरी असली बीवी हूँ रोहन,,,, ये तेरी बीवी की बुर है इसे खूब चोदो,,,, वाओ, और गचर गचर चोदो,,,,, उसे भी बड़ा मज़ा आ रहा था। कुछ देर के बाद वह मेरे पति से पीछे से चुदवाने लगी। रोहन भी थोड़ा झुक कर उसकी दोनों चूंचियां पकड़ कर हचक हचक के चोदने लगा। अनीता बोली हाय मेरे चोदू राजा मैं तेरी कुतिया हूँ मुझे उसी तरह चोदो। मैंने देखा की रोहन वाकई ऐसे चोद रहा था जैसे कोई घोड़ा घोड़ी को चोदता है। इतनी अच्छी तरह तो इसने कभी मुझे नहीं चोदा। अब तो यह बात सच हो गयी की मरदों को परायी बीवियां चोदने में ज्यादा मज़ा आता है और बीवियों को भी पराये मरदों से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है।
यही हाल मेरा भी था करण से चुदवाने में और गौरी का भी शिवा से चुदवाने में। पहली चुदाई ख़तम हुई तो फिर नंगे नंगे ही खाना पीना हुआ और खूब ढेर सारी गन्दी गन्दी बातें और आपस में गाली गलौज भी प्यार से हुआ। दूसरी पारी में मेरे पति रोहन ने करण की बीवी गौरी की चूत में लन्ड पेला, करण ने अपना लन्ड शिवा की बीवी अनीता की बुर में घुसेड़ दिया और शिवा ने लन्ड मेरी चूत में घुसा दिया और मेरी चूंचियां मसलते हुए मुझे चोदने लगा। बाद में हम सबने झड़ते हुए लन्ड खूब मस्ती से चाटे।
दो दिन बाद मेरी मामा की बेटी नेहा आ गयी। उसकी भी शादी अभी ६ महीने पहले ही हुई है। उसे देख कर मेरे पति की लार टपकने लगी। उसने मुझसे चुपके से कहा रितिका साली की बुर चोदने में तो कोई हर्ज़ नहीं है। मुझे तो नेहा भोसड़ी की बड़ी हॉट लग रही है। मैंने भी मुस्कराते और आँखें मटकाते हुए कहा अपने बहनोई से चुदवाने में भी कोई हर्ज़ नहीं है। वह भी मेरी इच्छा समझ गया। फिर मैंने नेहा से बात की। वह बोली अरे दीदी मैं तो यही बात तुमसे कहने वाली थी। मेरा पति तुम्हे देख कर पागल सा हो गया है। वह कह रहा था नेहा मैं तेरी दीदी की बुर ले सकता हूँ ? मैंने कहा हां ले तो सकते हो पर तुम्हे अपनी बीवी की बुर देनी पड़ेगी। वह बोला अरे दे दूंगा अपनी बीवी की बुर पर तेरी दीदी की बुर जरूर लूँगा। मैं तो नये साल में नयी बुर लूँगा।
फिर क्या रात में मैंने नेहा के मरद रोहित से चुदवाया और नेहा ने मेरे पति रोहन से चुदवाया। मेरा पति नेहा की चूत में लन्ड पेलते हुआ कहा यार रितिका तुमने ठीक ही कहा था की नये साल में नई बीवियां चोदो। तुम्हारी बात तो बिलकुल सच निकली।
एक दिन मैं रात में अपने हसबैंड के साथ बिस्तर पर लेटी थी। मैंने करीब करीब सारे कपड़े उतार रखा था। हां बस पेटीकोट बाकी था। गर्मी के दिन थे। मेरा हसबैंड भी केवल एक नेकर पहने लेटा था। सहसा मेरा हाथ उसके बदन पर पहुँच गया और उसका हाथ भी मेरे बदन पर । हम दोनों आमने सामने मुंह किये हए लेटे थे। उसने अपनी टांग मेरे ऊपर चढ़ा रखी थी। औरत के कूल्हे बड़े बड़े होतें है और चूतड़ भी मोटे मोटे होते है इसलिए मर्दों को इस पर अपनी टांग चढ़ाना बड़ा अच्छा लगता है। उसकी टांग ऊपर आते ही मेरा हाथ उसके बदन पर शैर करने लगा। शैर करते करते वह उसके लन्ड से टकरा गया। मुझे लगा की लन्ड तो खड़ा है। तब मैंने कहा अरेआपका लन्ड तो खड़ा है। तो फिर इसे बाहर निकालो न ? वह बोला यह काम मेरा थोड़ी न है। ये काम तो बीवियां करतीं हैं। लन्ड नेकर से निकालने का काम बीवियों का है मर्दों का नहीं। मेरा काम बीवियों की चूत खोलने का है। उसने ऐसा कह कर मेरा पेटीकोट खोल दिया और मुझे पूरा नंगा कर दिया। फिर मैं कहाँ पीछे रहने वाली थी। मैंने भी उसकी नेकर निकाल कर फेंक दी और उसका लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी। लन्ड साला बढ़ने लगा। लन्ड का टोपा पूरा खुल कर मेरे सामने आ गया।
मुझे उसका लन्ड वाकई बड़ा पसंद है। मैं लन्ड के साथ बड़ी देर तक खेलते रहती हूँ। लन्ड से बातें करती हूँ। प्यार से लन्ड को थप्पड़ भी मारती हूँ तो लन्ड और गुर्राने लगता है जिसे देख कर मुझे बड़ा अच्छा लगता है। मैं अपने पूरे नंगे बदन पर लन्ड को शैर करवाती हूँ।
उसे काफी देर तक अपनी चूँचियों पर घुमाती रहती हूँ। अपने निपल्स से लड़ाती रहती हूँ लन्ड का टोपा। मुझे लन्ड चाटने में खूब मज़ा आता है। लन्ड के टोपा से पेल्हड़ तक और पेल्हड़ से लन्ड के टोपा तक जबान घुमाती हूँ। फिर पूरा का पूरा सुपाड़ा मुंह में भर लेती हूँ और खूब प्यार से चूसती हूँ लन्ड। मैं उस दिन रात को यही सब कर रही थी। लन्ड का पूरा मज़ा ले रही थी और खूब मस्ती कर रही थी। तब मेरा हसबैंड भी मेरी चूंचियों से खेलता है और मेरी चूत मेरी गांड में बात भी करता है। सबसे बाद में शुरू होता है चोदा चोदी का खेल।
मुझे हर तरफ से चुदवाने का शौक है। अभी तो मैं अपनी टाँगे फैलाये हुए पलंग के किनारे लेटी हूँ। मेरी गांड के नीचे तो तकिया लगी हुईं हैं जिसे मेरी चूत थोड़ा ऊपर उठ आयी है। मेरा हसबैंड पलंग के नीचे खड़े होकर मेरी चूत में लन्ड पेल कर मुझे चोद रहा है। मेरी दोनों टांगें उसके कंधे पर चढ़ी हुईं हैं। मेरी गोरी गोरी बड़ी बड़ी मस्त चूंचियां उछल रही हैं। जिन्हें देख कर लन्ड साला और सख्त होता जा रहा है।
मेरा नाम मिसेज रितिका चौधरी है और मेरे हसबैंड का नाम है रोहन चौधरी। मेरी शादी ५ साल पहले हुई थी जब मैं २५ साल की थी। अब मैं ३० साल की हूँ मेरा पति ३२ साल का। मैं एक पढ़ी लिखी, खूबसूरत, सेक्सी और हॉट बीवी हूँ। मैंने अपने कॉलेज के दिनों में खूब मौज़ की है और कई लड़कों के लन्ड का मज़ा लिया है। मुंह में तो सारे लन्ड लिए हैं एक बार नहीं बल्कि कई बार। हां चुदवा मैं सबसे नहीं पाई। फिर भी मैंने अपनी चूत में कई लन्ड पेलें हैं। चूंचियां भी खूब चुदवाई है मैंने और २/३ बार गांड भी मरवा चुकी हूँ। मुझे वहीँ से नये नये पकड़ने की आदत पड़ गयी। लेकिन यह सब मैं आपको चुपचाप बता रही हूँ। इसकी भनक मेरे पति देव को बिलकुल नहीं है। आपसे से भी गुज़ारिश है की आप भी मेरे पति को कुछ न बतायें।
थोड़ी देर में रोहन मुझे पीछे से चोदने लगा। मैं कुतिया बन कर चुदवाने लगी। बगल में शीशा लगा था। मेरी हिलती हुई चूंचियां उसमे दिखायीं पड़ रही थीं। मेरा पति उन्हें देख देख कर चोदने की स्पीड बढ़ाता जा रहा था। लन्ड बड़ा होने के कारण उसे और मुझे भी चुदाई का मज़ा पूरा आ रहा था। फिर मैं घूम गयी और उसका लन्ड पकड़ लिया। मैंने लन्ड को पहले तौलिया से पोंछा और फिर उसे मुंह में डाल लिया। मैं बीच बीच में उससे बातें भी करने लगी।
मैंने कहा - नया साला आने वाला है। तो तुम्हारा नए साल में क्या प्रोग्राम है ?
वह बोला - मैंने तो कोई प्रोग्राम नहीं बनाया नए साल पर।
तो बना लो न अभी तो बहुत समय है।
तुम बताओ की कौन सा प्रोग्राम बना लूँ ?
अच्छा मैं बताऊँ लेकिन पहले यह वादा करो की जो मैं कहूँगी वो तुम करोगे ?
हां हां बिलकुल वादा करता हूँ। मैं वही करूँगा जो तुम कहोगी ?
तो नए साले में नयी बीवियां चोदो।
यह सुनकर वह हंसने लगा और बोला यार क्यों चूतिया बना रही हो ? क्यों ऐसा मजाक कर रही हो। जो हो नहीं सकता उसके बारे में क्यों बात कर रही हो ?
मैं मजाक नहीं कर रही हूँ। मैं सच कह रही हूँ। तुम नयी बीवियां चोदने का मन तो बनाओ ?
मैं अगर मन तो बना भी लूँ तो भी क्या होगा ? देखो हमारी शादी के ५ साल हो गए हैं।अब जिसकी नयी शादी हुई होगी वो मुझे अपनी बीवी क्यों देगा ? यह हो नहीं सकता यार ? कौन मुझे देगा नयी बीवियां ?
मैं दूँगी तुम्हे नयी बीवियां ?
हटो यार कोई और बात करो। तुम्हारे पास कहाँ से बीवियां आ जायेगीं। अरे तुम बीवियों की फितरत नहीं जानते हो। बीवियां भोसड़ी की अंदर से सब चुदक्कड़ होतीं हैं। जो बीवी ऊपर से बड़ी भोली भली लगते है वह अंदर से माह चुदकड़ होती है। खास तौर पर खूबसूरत बीवियां ? एक बात याद रखो की खूबसूरत बीवियां आसानी से गैर मर्दों से चुदवा लेतीं हैं।
अरे वाह यह तो मुझे मालूम ही नहीं था।
तो फिर बोली नए साल में रख लूँ एक चुदाई का प्रोग्राम ? मेरे आगे किसी और की बीवी चोदने में शरमाओगे तो नहीं ?
नहीं बिलकुल नहीं शरमाऊंगा।
अच्छा अगर कोई तुम्हारे सामने तुम्हारी बीवी चोदे तो तुम ख़ुशी ख़ुशी चोदवा लोगे अपनी बीवी।
जब मेरी बीवी को कोई आपत्ति नहीं है तो मुझे क्यों आपत्ति होगी ? यह तो मानी हुई बात है की जब मैं किसी की बीवी चोदूंगा तो फिर वह भी मेरी बीवी चोदेगा।
अच्छा ठीक है तो फिर मैं इंतज़ाम करती हूँ।
ऐसा कह कर मैंने लन्ड अपनी चूत में फिर घुसा लिया। इस बार रोहन ने लन्ड पूरी ताकत से अंदर पेल दिया। लन्ड ने वाकई अंदर घुस कर चोट कर दी और तब मुझे लगा की सही में लन्ड में बड़ी ताकत होती है। इस बार मुझे चुदवाने में पहले से ज्यादा मज़ा आने लगा। मैं भी अपनी गांड उठा उठा के मस्ती से चुदवाने लगी। मैं मन ही मन यह भी सोंच रही थी की कैसे मैं अपने पति से किसी एक की नयी बीवी चुदवा लूँ। एक बार वह मेरे सामने किसी की बीवी चोद ले तो मेरा रास्ता खुल जायेगा क्योंकि मैं ग़ैर मर्दों से चुदवाने के लिए तड़प रही हूँ। रोहन धक्के पे धक्का लगाए जा रहा था और मैं भी उसे ठीक तरह से जबाब दे रही थी। बस थोड़ी देर में ही वह बोला वाओ, मैं तो निकलने वाला हूँ, रितिका । तब तक मैं भी खलास हो चुकी थी। मैंने हाथ बढ़ाया और उसका लन्ड मुठ्ठी में ले लिया। मैं मुंह फैलाकर लन्ड का सड़का मारने लगी और तभी लन्ड ने उगल दिया वीर्य मेरे मुंह में ? मैं वीर्य तो पूरा पी गयी और लन्ड का टोपा चाटने लगी।
उसके बाद रोहन दो दिन के लिए टूर पर चला गया। मैं आपको बता दूं की मैं एक डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर हूँ। वहां की कई लड़कियां और कई लड़के मेरे संपर्क में रहतें हैं। दो लड़कियां ऐसी है जिनकी शादी अभी ३/४ महीने में ही हुई हैं। मैंने उन्हें शाम को अपने घर बुला लिया। उनके नाम है मिसेज गौरी और मिसेज अनीता। दोनों ही मेरी स्टूडेंट्स है और यह उनका फाइनल ईयर है। मैंने ड्रिंक्स का इंतज़ाम कर रखा था। हम तीनो बैठ कर बिंदास शराब और सिगरेट पीने लगीं।
मैंने कहा - यार गौरी तुम पहले बताओ की तेरे मरद का लौड़ा कैसा है और उसने सुहागरात में तुम्हे कितनी बार चोदा ?
वह बोली - लौड़ा तो मस्त है मोटा है और खूबसूरत भी। पेल्हड़ औसत साइज के हैं। चोदने में अच्छा है पर उसने मुझे सुहागरात के ज्यादा अच्छा सुहागरात के बाद चोदा।
मैंने कहा - अनीता अब तुम बताओ ?
उसने कहा - मेरे पति का लन्ड लगभग ८" का है। लन्ड का टोपा अंडाकार है। लन्ड खड़ा होते ही लन्ड का टोपा पूरा खुल जाता है। उसने सुहागरात में दो बार चोदा। लन्ड टेस्टी है और पेल्हड़ भी एवरेज साइज के हैं। मुझे लगा की वह मुझे चोदते समय किसी के बारे में सोंचता है। या फिर किसीऔर की बीवी का नाम लेता होगा ?
मैंने कहा :- अच्छा तुम मुझे सच सच बताओ की तुम चुदवाते समय किसी पराये पुरुष के लन्ड के बारे में सोंचती हो न ?
वह बोली :- तुमने सच कहा यार ? सोंचती तो मैं हूँ।
मैंने कहा :- तो बस पुरुष भी ऐसा ही परायी बीवी के बारे में सोंचता है। इसमें न पुरुष की गलती है और न स्त्री की। ये सब दोनों तरफ से कुदरती होता है। अब यह बताओ तुम दोनों क्या मेरे पति से चुदवा सकती हो ? मेरे पति से चुदवाने का मन है आप लोगों का ?
गौरी एकदम से बोल पड़ी हां यार मैं तो आज ही बल्किअभी तैयार हूँ। बुलाओ अपने पति को मैं अभी चुदवा लूंगी। अनीता बोली अरे यार नेकी और पूंछ पूंछ ? मैं तो लपक कर पकड़ लूंगी तेरे मियां का लन्ड ? भकाभक चुदवाऊँगी उससे वह भी तेरे सामने ?
फिर मैंने दोनों को अपना प्लान बता दिया। मेरे पति का यह सोंचना है की अब उसे नई बीवियां नहीं मिल सकती। तुम दोनों नई बीवियां हो तुम्हारी नई नई चूत है। तुम्हे पाकर वह बहुत खुश हो जायेगा। इसलिए उसे बड़ा मज़ा आएगा। तुम लोग उसे खूब उत्तेजित कर देना। उससे प्यार करना उसके लन्ड से प्यार करना। लन्ड उसका तुम्हे पसंद आ जायेगा यह मेरी गारंटी है। उसे खूब प्यार से गालियां सुनाना। मर्दों की लड़कियों के मुंह से प्यार भरी गालियां सुनने का बड़ा शौक होता है खास तौर से लन्ड की गालियां। गालियां तुम किसी और को देना लेकिन ऐसे की वह सुन सके। तब मज़ा आएगा। मैं भी उसमे तुम्हारा साथ दूँगी। देखो तुम्हारे पति तो यहाँ है नहीं। तो तुम अपने अपने बॉय फ्रेंड को ले लो। अगर दो दोस्त मिल जाएँ तो अच्छा रहेगा। अलग अलग होगें तो मज़ा नहीं आयगा क्योंकि मरद भोसड़ी के एक दूसरे के सामने शर्मातें हैं। बीवियां / लड़कियां नंगी होने में, चुदवाने में, एक दूसरे से शर्माती नहीं है बल्कि एन्जॉय करतीं हैं।
गौरी बोली :- रितिका यार, अगर तुम्हारी नज़र कोई दो दोस्त हों तो उन्हें बुला लो। हमारे लिए भी वो दोनों नये लन्ड होगें तो हमारी की उत्सुकता बनी रहेगी और ज्यादा मज़ा आएगा।
मैंने कहा :- हां ठीक है मैं दो लड़कों को बुला लूंगी। मैं दोनों को जानती हूँ लेकिन लन्ड किसी का नहीं पकड़ा अभी तक तो मुझे भी मज़ा आएगा। हां सुना है की उनके लन्ड मोटे है और बड़े हैं। बस प्लान बन गया और दो दिन बाद मेरा हसबैंड भी वापस आ गया।
मैंने 31 दिसंबर को एक सेक्स पार्टी अपने घर में रख ली। इसी बीच मैंने दो लड़कों से बात कर ली थी। वो हैं करण और शिवा। ये दोनों आपस में बड़े पक्के दोस्त हैं और दोनों एक दूसरे की बीवियां चोदते हैं। इसलिए इन दोनों के बीच कोई शर्म नाम की कोई चीज नहीं है। इनके बारे में मुझे मेरी एक दोस्त मौली ने बताया था। मैं एक दिन पहले दोनों को बुला कर गौरी और अनीता से मुलाकात करवा दी। मैंने कहा करण गौरी का हसबैंड बनेगा और शिवा अनीता का । तुम लोगो को ऐसा ब्यवहार करना है जिससे तुम दोनों पति पत्नी हो। देखो कोई भूल नहीं होनी चाहिए। यह चुदाई का खेल तीन कपल के बीच होगा। (१) मैं रितिक और मेरा पति रोहन (२) गौरी और उसका पति करण (३) अनीता और उसका पति शिवा। तीनो सबके सामने एक दूसरे की बीवी चोदेगें।
३१ दिसंबर की शाम को सारा इंतज़ाम हो गया और लोगों का आना शुरू हो गया। सबसे पहले गौरी और करण आये। फिर उसके पीछे अनीता और शिवा। मैंने सबको अपने पति से मिलवाया। वो लोग भी बड़े प्रेम से मिले। एक दूसरे से परिचय हुआ। तब तक मैंने ड्रिंक्स का इंतज़ाम कर दिया और गौरी सबको ड्रिंक्स बना बना कर देने लगी। अनीता ने स्नैक्स टेबल पर लगा दिया। फिर क्या ? हमने चियर्स कहा, हम सब पीने लगे शराब और होने लगी मस्ती। गौरी और अनिता दोनों ही जीन्स में थीं ऊपर टॉप पहना था पर नीचे ब्रा नहीं थी। गर्मी के दिन थे इसलिए कम कपड़े ही बदन पर रहतें हैं। मैंने जरूर साड़ी पहन रखी थी। उसके साथ स्लीवलेस डीप नेक का ब्लाउज़ था। मेरी बड़ी बड़ी मस्त चूंचियां आधे से अधिक खुलीं ही थीं और मेरा पल्लू भी बार बार गिरता जा रहा था। मैं अपने बाल और पल्लू बार बार संभाल रही थी। रोहन की नज़र उन दोनों की चूँचियों पर टिकी थी। वह शायद चूँचियों के साइज के बारे में अनुमान लगा रहा था। उनकी जांघें देख कर भी उसका मन ललचा रहा था। उधर उन दोनों रोहन की जाँघों के बीच नजरें गड़ा रखीं थीं। शायद वो भी मेरे पति के लन्ड के साइज के बारे में सोंच रहीं थीं।
शराब का एक राउंड ख़तम होते ही बातें मजेदार होने लगीं।
गौरी - यार रितिका शराब भी बुर चोदी क्या बला की चीज है। इसे पीते ही सच बाहर आने लगता है।
अनीता - हां यार थोड़ा नशा चढ़ता है तो मेरी आँखों के सामने साला 'लन्ड' नाचने लगता है।
मैंने कहा - वाओ, तू तो बहन चोद बहुत बड़ी हरामजादी है। एक पैग में ये हाल है तो दूसरे पैग में क्या होगा ?
गौरी - अरे यार दूसरे पैग में ये अपनी माँ चुदाने लगेगी ?
सब लोग इसी बात पर हंस पड़े।
तब तक अनीता ने बड़ी नज़ाकत से कहा - माँ नहीं यार मैं तो पहले अपनी बुर चुदाऊंगी।
गौरी - तू कुछ ज्यादा ही लन्ड की शौक़ीन हो गयी है अनीता ?
अनीता - यार तुम कुछ भी कहो यहाँ कौन भोसड़ी वाली है जो लन्ड की शौक़ीन नहीं है ? सब भोसड़ी वाली लन्ड चाहतीं हैं। यह बात और है की मैं कह देती हूँ और वो कहती नहीं हैं।
मैंने कहा - हां तू ठीक कह रही है। इसीलिए मैंने आज लन्ड का इंतज़ाम किया है। बोल तुझे किसका लन्ड चाहिए ?
तब अनीता उठी और मेरे हसबैंड के जाँघों पर हाथ रख कर बोली फिलहाल तो ये वाला लन्ड चाहिए मुझे ? तब गौरी उठी और शिवा की तरफ आ गयी। उसने शिवा की टांगों के बीच हाथ डाल कर कहा मैं ये वाला लन्ड खोल कर देखती हूँ। फिर मैं कहाँ चूकने वाली थी। मैंने अपना हाथ करन के लन्ड पर रख ही दिया और कहा तब ठीक है। अब तो ये लन्ड मेरे हिस्से में आ गया। लगे हाथ मर्दों ने भी मज़ा लेना शुरू कर दिया। करण मेरी चूंचियां दबाने लगा, शिवा करण की बीवी गौरी की चूंचियां मसलने लगा और मेरा पति रोहन शिवा की बीवी अनीता की चूंचियां पकड़ कर चूमने और चाटने लगा। उसे देख कर मुझे बड़ा अच्छा लग रहां था। उसके बाद सब लोग अपने अपने पार्टनर के कपड़े उतारने लगे। देखते ही देखते तीनो मरद भी नंगे हो गए और तीनो बीवियां भी नंगी हो गयीं। मरद भोसड़ी के सबकी नंगी बीवियां आँखें फाड़ फाड़ कर देखने लगे और बीवियां भी बुर चोदी मर्दों को और उनके लन्ड को आँखें फाड़ फाड़ कर देखने लगीं।
मेरे हाथ में जैसे ही करण का लन्ड आया वैसे ही मेरा मन खिल उठा। लन्ड मेरे मन का निकला इसलिए मैं उसे बड़ी देर तक इधर उधर घुमा कर देखती रहीं। मैंने जब अनीता को देखा तो खुश हो गयी क्योंकि वह बड़े प्यार से मेरे पति का लन्ड सहला रही थी। लन्ड के पेल्हड़ पकड़ कर लन्ड ऊपर नीचे कर रही थी। और इसी तरह गौरी भी पूरे दिलोजान से शिवा का लन्ड हिला हिला कर मज़ा ले रही थी। हम तीनो को अपने अपने मन का लन्ड मिल गया तो पूरे महफ़िल में जोश आ गया। मेरी चूत साली और धधकने लगी। उसकी आग बढ़ने लगी। आज पहला मौक़ा है जब मैं अपने पति के सामने किसी और का लन्ड अपनी चूत में पेलूंगी और चुदवाऊँगी। यही सोंच कर मैं मस्त हुई जा रही थी।
तब तक अनीता बोली :- हाय रितिका, तेरे पति का लन्ड तो बड़ा जबरदस्त है यार ? मुझे ऐसा ही लन्ड पसंद है। मैं आज इसका एक एक बूँद रस निचोड़ लूंगी।
तभी गौरी ने कहा :- अरी भोसड़ी की अनीता तेरे भी मियां का लन्ड बड़ा सॉलिड है यार ? मैं तो इसे आज अपनी चूत में घुसा कर भून डालूँगी।
मैंने कहा :- गौरी, अगर ऐसा है तो मेरी चूत कम है क्या ? वह भी तेरे मियां का लन्ड भून कर ही बाहर निकालेगी। देखो न साला कैसे तेरे मियां का लन्ड मेरे हाथ में कूद रहा है। मादर चोद बड़ा मोटा है इसका लन्ड। आज मैं इसे खूब जम कर चोदूंगी।
हमारी इन प्यारी प्यारी बातों से मेरे पति का लन्ड और उछलने लगा। मैं समझ गयी की उसे भी मज़ा आ रहा है। और यह मेरे लिए बहुत अच्छी बात थी। फिर क्या मैं गौरी के मियां करण का लन्ड चूसने लगी, गौरी अनीता के मियां शिवा का लन्ड चूसने लगी और अनीता मेरे मियां का लन्ड चूसने लगी। हम तीनो एक दूसरे को देखते हुए एक दूसरे के मियां का लन्ड चूसने लगीं। पूरे कमरे में चपर चपर, चप्प चप्प, चों, चूं , सपड़ सपड़, पच्च पच्च की आवाज़ें आने लगी जो सुनने में बड़ा अच्छा लग रहा था और यही आवाज़ें माहौल को और सेक्सी बना रहीं थी। मैं मन ही मन बहुत खुश हो रही थी की आज से मेरा पराये मरदों से चुदवाने का रास्ता खुल जायेगा। अचानक मैंने देखा की मेरा मियां से धीरे से अनीता की चूत पर अपना लन्ड रख दिया। मैं जान गयी की उससे अब और बरदास्त नहीं हो रहा है। वह जल्दी से शिवा की बीवी चोदना चाहता है। बस पालक झपकते ही उसका लन्ड सरसराता हुआ अनीता की चूत में घुस गया। उसके मुंह से चीख निकली उई माँ ? फाड़ डाला इस भोसड़ी वाले ने मेरी चूत। इसका लन्ड मादर चोद बड़ा मोटा है, यार ?
तब तक शिवा ने भी करण की बीवी पर चढ़ाई कर दी। उसने भी लन्ड गौरी की चूत में पेल दिया और गौरी भी एक मंजी हुई बीवी की तरह लन्ड अपनी चूत में घुसेड़वाते हुए कहा लो बहन चोद, चोद लो मेरी बुर ? पेल दो पूरा लन्ड मेरी बुर चोदी बुर में। वह भी मस्ती से चुदवाने लगी। इधर मैंने भी अपनी चूत फैला दी और करण का लन्ड उसके ऊपर रख लिया। उसने जोर लगाया तो लन्ड साला सांप की तरह अंदर बिल में घुस गया। मैं बोली हाय दईया तेरा तो लन्ड बड़ी दूर तक घुस गया यार। ये तो मेरी चूत फाड़ डालेगा। तब तक करण धक्के पे धक्के मारने लगा और मैं भी अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। मज़ा तब और बढ़ गया जब मेरा पति मुझे देखते हुए शिवा की बीवी चोदने में मस्त था और मैं उसे देखते हुए गौरी के पति से चुदवाने में मस्त थी। उसने आँखों से मुझे इशारा करते हुए कहा हां ठीक है तुम मेरे सामने ग़ैर मरदों से चुदवाया करो ? मैंने भी उसे इशारा करके कहा तुम भी मेरे सामने परायी बीवियां चोदा करो।
मैंने देखा की रोहन ने अनीता की बुर चोदने की स्पीड बढ़ा दी है। उधर अनीता भी मस्ती से कुछ न कुछ बके जा रही है। हाय दईया बड़ा अच्छा लग रहा है ,,,,और चोदो मुझे,,,, पूरा लौड़ा घुसेड़ दो मेरे राजा,,,, फाड़ डालो मेरी बुर चोदी चूत,,,, बहुत दिनों के बाद मिला है इतना मस्त लौड़ा,,,,,, मैं ही तेरी असली बीवी हूँ रोहन,,,, ये तेरी बीवी की बुर है इसे खूब चोदो,,,, वाओ, और गचर गचर चोदो,,,,, उसे भी बड़ा मज़ा आ रहा था। कुछ देर के बाद वह मेरे पति से पीछे से चुदवाने लगी। रोहन भी थोड़ा झुक कर उसकी दोनों चूंचियां पकड़ कर हचक हचक के चोदने लगा। अनीता बोली हाय मेरे चोदू राजा मैं तेरी कुतिया हूँ मुझे उसी तरह चोदो। मैंने देखा की रोहन वाकई ऐसे चोद रहा था जैसे कोई घोड़ा घोड़ी को चोदता है। इतनी अच्छी तरह तो इसने कभी मुझे नहीं चोदा। अब तो यह बात सच हो गयी की मरदों को परायी बीवियां चोदने में ज्यादा मज़ा आता है और बीवियों को भी पराये मरदों से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है।
यही हाल मेरा भी था करण से चुदवाने में और गौरी का भी शिवा से चुदवाने में। पहली चुदाई ख़तम हुई तो फिर नंगे नंगे ही खाना पीना हुआ और खूब ढेर सारी गन्दी गन्दी बातें और आपस में गाली गलौज भी प्यार से हुआ। दूसरी पारी में मेरे पति रोहन ने करण की बीवी गौरी की चूत में लन्ड पेला, करण ने अपना लन्ड शिवा की बीवी अनीता की बुर में घुसेड़ दिया और शिवा ने लन्ड मेरी चूत में घुसा दिया और मेरी चूंचियां मसलते हुए मुझे चोदने लगा। बाद में हम सबने झड़ते हुए लन्ड खूब मस्ती से चाटे।
दो दिन बाद मेरी मामा की बेटी नेहा आ गयी। उसकी भी शादी अभी ६ महीने पहले ही हुई है। उसे देख कर मेरे पति की लार टपकने लगी। उसने मुझसे चुपके से कहा रितिका साली की बुर चोदने में तो कोई हर्ज़ नहीं है। मुझे तो नेहा भोसड़ी की बड़ी हॉट लग रही है। मैंने भी मुस्कराते और आँखें मटकाते हुए कहा अपने बहनोई से चुदवाने में भी कोई हर्ज़ नहीं है। वह भी मेरी इच्छा समझ गया। फिर मैंने नेहा से बात की। वह बोली अरे दीदी मैं तो यही बात तुमसे कहने वाली थी। मेरा पति तुम्हे देख कर पागल सा हो गया है। वह कह रहा था नेहा मैं तेरी दीदी की बुर ले सकता हूँ ? मैंने कहा हां ले तो सकते हो पर तुम्हे अपनी बीवी की बुर देनी पड़ेगी। वह बोला अरे दे दूंगा अपनी बीवी की बुर पर तेरी दीदी की बुर जरूर लूँगा। मैं तो नये साल में नयी बुर लूँगा।
फिर क्या रात में मैंने नेहा के मरद रोहित से चुदवाया और नेहा ने मेरे पति रोहन से चुदवाया। मेरा पति नेहा की चूत में लन्ड पेलते हुआ कहा यार रितिका तुमने ठीक ही कहा था की नये साल में नई बीवियां चोदो। तुम्हारी बात तो बिलकुल सच निकली।
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