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रोज़ रात दो या तीन लंडो से करवानी पडती है चुदाई - Daily hoti hai 2 -3 landon se khub chudai
रोज़ रात दो या तीन लंडो से करवानी पडती है चुदाई - Daily hoti hai 2 -3 landon se khub chudai ; Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.
सच बताऊँ अम्मी जब से मैं ससुराल गयी हूँ तबसे रोज़ रात में २/३ लण्ड जरूर चोदती हूँ। एक लण्ड चोद कर खलास करती हूँ तो दूसरा लण्ड आ जाता है। उसे भी चोद कर ठंढा कर देती हूँ तो तीसरा लण्ड आ जाता है। कभी कभी दो दो लण्ड एक साथ आ जातें हैं तो फिर मैं दोनों लण्ड मजे से एक साथ चोदती हूँ. कभी कभी तीन लण्ड एक साथ हमला कर देते हैं जैसे की तीनो मेरा बलात्कार करना चाहते हों लेकिन मैं घबराती नहीं बल्कि तीनो को एक साथ चोद डालती हूँ। एक एक लण्ड भून कर निकालती हूँ अपनी चूत से।
मैं रात भर लण्ड चोदती रहती हूँ, तब कहीं जाकर सवेरे ४ बजे सोती हूँ। मैं फिर १० बजे के पहले नहीं उठती। कभी कभी तो ३ लण्ड से ज्यादा भी चोदना पड़ता है। पर मैं किसी को निराश नहीं करती। इसीलिए मेरी ससुराल
में सब लोग मुझसे बहुत खुश रहतें हैं।
मेरा नाम समीरा है दोस्तों, मैं २५ साल की एक बेहद खूबसूरत , सेक्सी और हॉट लड़की हूँ। खूबसूरत हूँ इसीलिए थोड़ा बदचलन भी हूँ अभी से नहीं बल्कि १५ साल की उम्र से। इसी उम्र में मैं लण्ड पकड़ने लगी थी। लड़कों के पैजामे में हाथ घुसेड़ने लगी थी और लण्ड का मुठ्ठ मारने लगी। मुठ्ठ मार कर लण्ड पीने लगी थी। मैं लण्ड पकड़ना का कोई मौक़ा छोड़ती नहीं थी। अच्छी बात यह थी की कोई मेरी शिकायत भी नहीं करता था क्योंकि खूबसूरत लड़की को हर कोई लण्ड पकड़ाना चाहता है। मैं इसी बात का फायदा उठाती थी। धीरे धीरे मैं लण्ड अपने बदन पर घुमाने लगी। लड़कों के आगे नंगी होने लगी। उनसे अपनी चूचियां मसलवाने लगी और मैं लड़कों की झांटें बनाने लगी। मुझे लण्ड की झांटें बनाने में बड़ा मज़ा आने लगा। लोग मुझे झांटें बनवाने भी लगे। धीरे धीरे मैं लड़कों से अपनी चूत चटवाने लगी। चूत चटवाने का अपना एक अलग ही मज़ा है। तब तक मैं १७/१८ साल की हो चुकी थी। इस बात की किसी को भी कानो कान खबर नहीं थी की मैं ये सब करती हूँ।
एक दिन जब अम्मी घर पर नहीं थी तब मैंने अपने मामू लण्ड अपनी चूत में पेला था। मामू भोसड़ी का मुझसे सिर्फ दो साल बड़ा था और उसकी भी शादी नहीं हुई थी। हम दोनों ही घर पर थे। मेरी नियत उस पर ख़राब हो गयी तो मैंने उसका पैजामा खोल डाला और लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। उसने भी मेरे कपड़े उतार कर फेंक दिया और मेरे बूब्स मसलने लगा। बस फिर क्या मैंने लौड़ा कुछ देर तक मुंह में लिया और फिर उसे चूत में घुसेड़ लिया। मैं मस्ती से चुदवाने लगी। बाद में झड़ता हुआ लण्ड चाटा। उसे भी मज़ा आया और मुझे भी। एक इसी तरह खालू का लण्ड पकड़ लिया और उससे भी चुदवाने लगी। मजे की बात यह की मामू नहीं मालूम की मैं खालू से चुदवाती हूँ और खालू को नहीं मालूम की मैं मामू से चुदवाती हूँ। अम्मी को तो कुछ नहीं पता की मैं क्या क्या करती हूँ।
मैं जब १९ साल की हुई तो अम्मी कुछ कुछ खुलने लगी मुझसे। मेरे सामने ही दूसरों से गालियों से बातें करने लगी। एक दिन अम्मी बोली अरी समीरा अब तो तू भी जवान हो गयी है मादर चोद। अब तू खुल कर बातें किया कर। एक दिन मैं जब थोड़ी देर से आयी तो वह बोली हाय समीरा तू कहाँ थी ? अपनी माँ चुदवा रही थी ? या फिर किसी का लण्ड हिला रही थी। मैंने कहा अम्मी मैं खाला के घर गयी थी। अम्मी बोली तेरी खाला की बहन का भोसड़ा ? मैं मन ही मन समझ गयी की यह तो मेरी अम्मी का ही भोसड़ा हुआ। अम्मी चाहती हैं की मैं भी उससे खुल जाऊं और गालियों से ही बातें करूं ?
एक दिन मेरी दोस्त का फोन गया , मैं स्पीकर ऑन करके बात करने लगी। हेलो बोल क्या हाल हैं तेरे ,,,,,,,,,,,,,? ठीक हूँ तू बता अपने,,,,,,,,,,,? क्या कर रही है तू ,,,,,,,? माँ चुदा रही हूँ अपनी बहन चोद ,,,,,,,? हाय दईया मेरी भी माँ चुदवा दे यार ,,,,,,,? मजाक न कर बता क्या बात है ,,,,,,,,,,,? यार कोई बढ़िया मोटा लण्ड बता ,,,,,,,,,? लण्ड क्या पेड़ पर मिलते हैं जो तुझे बता दूँ। लण्ड ढूंढना पड़ता है भोसड़ी की समझी ,,,,,,? तो फिर ढूंढ कर ही बता दे ,,,,,,,? मैं क्या यहाँ तेरे लिए लण्ड ढूंढने के लिए बैठी हूँ,,,,,,,,,? अरे तू माँ चुदा रही हैं न ,,,,? हां हां मुझे फुशर्त नहीं है। कहाँ न की मैं माँ चुदा रही हूँ ,,, ?
तब तक फोन कट गया. मैं पीछे मुड़ी तो देखा की अम्मी खड़ी हुई हैं। उसने मेरी बातें सुन लीं। वह मुस्करायी और बोली काश ! तू सच में अपनी माँ चुदा रही होती, समीरा तो कितना अच्छा होता ? मैं अम्मी के मन की बात जान गयी लेकिन बोली नहीं।
एक दिन मुझे एक ऐसे क्लब का पता चला जहाँ लड़कियां लण्ड पीने जाती हैं। मैं भी वहां चली गयी तो मालूम हुआ की बात तो सच है। मैंने देखा की यहाँ बहुत सी लड़कियां लण्ड पीने आई हैं और सबको लण्ड मिलेगें भी। मैं सोंचने लगी की इतने सारे लण्ड ये लोग लायेगें कहाँ से ? फिर मालूम हुआ की यह तो दुनिया है न लण्ड की कमी है और न चूत की। कमी है तो बस इन दोनों को मिलने मिलाने की। ख़ैर सब लड़कियों की तरह मैं भी कपड़े उतार कर नंगी नंगी लण्ड पीने लगी। लण्ड से खेलने लगी, लण्ड चूमने चाटने लगी और लण्ड चूसने लगी। साथ ही साथ सबके लण्ड देखने भी लगी। जब मैंने कई तरह के लण्ड देखे और एक से एक मोटे तगड़े लण्ड देखे तो मन ख़ुशी से झूम उठा। उसके बाद तो मैं यहाँ रोज़ लण्ड पीने आने लगी।
उस दिन जब मैं लण्ड चूस रही थी तो बहुत खुश थी क्योंकि मेरे हाथ में एक बहुत बढ़िया लण्ड था। मैं उसमे खोई हुई थी। मुझे यह नहीं मालूम था की मेरे अगल बगल कौन कौन लड़की लण्ड पी रही है। मेरे मुंह से निकला यार तेरा लण्ड तो मेरी माँ का भोसड़ा चोदने वाला है ? तो बगल से आवाज़ आयी यार तेरा लण्ड तो मेरी बेटी की बुर लेने वाला है। मैं आवाज़ पहचान गयी। उसने मुझे देखा और मैंने उसे देखा। वह बोली भोसड़ी की तू समीरा यहाँ लण्ड पीने आती है ? मैंने कहा वाओ, तू बुर चोदी आसमा यहाँ लण्ड पीने आती है। वह बोली तेरी माँ का भोसड़ा समीरा ? मैने कहा तेरी बिटिया की चूत आसमा ? फिर हम दोनों हंस पड़ी। मैंने कहा अरे अम्मी जब तेरे पास बेटी चोदने वाला लण्ड है तो फिर चोदो न अपनी बेटी की बुर ? अम्मी ने कहा अरे समीरा जब तेरे पास तेरी माँ चोदने वाला लण्ड है तो चोदो न अपनी माँ ? मैंने कहा अम्मी यहाँ तो सिर्फ लण्ड पीने की व्यवस्था है चोदने की नहीं ? अम्मी बोली कौन भोसड़ी वाली कहती है। चोदने की भी व्यवस्था है पर पीछे वाली बिल्डिंग में, माँ की लौड़ी ?
फिर हम दोनों अपना अपना लण्ड पकड़े हुए पीछे चली गयी। अम्मी ने अपने हाथ का लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और मैंने अपने हाथ का लण्ड अम्मी के भोसड़ा में घुसा दिया। अम्मी मस्ती से बोली देख बुर चोदी समीरा तेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है। अब आज से अपनी माँ चुदवाया कर ? मैंने कहा देख मेरी हरामजादी अम्मी तेरी बेटी की बुर भी चुद रही हैऔर अब आगे भी तू अपनी बेटी चुदवाया कर ? यह पहला मौक़ा था जब की मैं अम्मी के सामने चुदवा रही थी और अम्मी मेरे सामने। हम दोनों की बीच की शर्म तो बिलकुल ख़तम हो गयी और हम बन गयी एक दूसरे की पक्की दोस्त।
फिर कुछ दिन बाद मेरी शादी हो गयी और मैं ससुराल चली गयी। मुझे जासूसी करने में मज़ा आता है इसलिए मैं वहां भी यह जानना चाहती थी की कौन रात में क्या करती है ? कौन किसके लण्ड पकड़ती है ? कौन कौन किससे चुदवाती है और कौन किस किस का लण्ड पीती है ? इसलिए मैं रात में जल्दी सोने का बहाना करने लगी और फिर रात में उठ इधर उधर झांकने लगी। एक दिन रत में मेरी नन्द मेरे पास आयी और बोली अरे भाभी तुम्हे मालूम है की यहाँ रात में क्या क्या होता है ? मैंने कहा नहीं यार मुझे तो कुछ भी नहीं मालूम ? मैं तो अभी नई हूँ। तू बता न क्या क्या होता है ? वह बोली मैं बताऊंगी नहीं तुम्हे भाभी बल्कि दिखाऊंगी ? चलो मेरे साथ। मैं आपना घाघरा उठा के मस्ती से उसके साथ चल पड़ी।
वह मुझे सबसे पहले अपनी अम्मी के कमरे के पास ले गयी और कहा ले भाभी देख ले अपनी बुर चोदी सास की करतूत। मैं देखने लगी तो मेरे तन बदन में आग लग गयी। मैंने देखा की मेरी सास एकदम नंगी नंगी किसी आदमी का लण्ड चूस रही हैं। लण्ड साला बड़ा मोटा था। पर वह मेरे ससुर का नहीं था। मैंने उससे कान में पूंछा यार लण्ड किसका है ? वह बोली मेरे ससुर लण्ड है भाभी। मेरी अम्मी मेरे ससुर से चुदवाने जा रही हैं। अभी देखना मेरा ससुर अपना लण्ड मेरी माँ के भोसड़ा में पेल देगा। और हुआ भी यही। जैसे ही लण्ड उसकी चूत में घुसा वैसे सास बोली हाय दईया तू इसी तरह मेरी बिटिया की बुर चोदता है ? और आज तू उसकी माँ का भोसड़ा चोद रहा है। मेरी बेटी भी चोदता है और मुझे भी ? तेरी बेटी भी कोई चोदता होगा ? वह बोला मेरी बेटी को उसका ससुर चोदता है।
मेरी नन्द बोली भाभी तुम भी इसी तरह अपने ससुर से चुदवाना। मैंने भी हंसकर कहा हां भोसड़ी की नन्द मैं तेरे बाप से ऐसे ही चुदवाऊंगी। फिर वह मुझे अपनी भाभी यानी मेरी जेठानी के पास ले गयी। मैं उसके कमरे में झांक कर देखने लगी तो बोली हाय अल्ला, नन्द रानी ये तो तेरे मियां से चुदवा रही है। बुर चोदी जेठानी तो बड़ी चालक निकली। यार तेरे मियां का लण्ड तो बड़ा बढ़िया है। वह बोली भाभी चिंता न करो अभी ये तेरी भी बुर चोदेगा। मेरा मियां मेरी बुर छोड़ कर सबकी बुर चोदता है। इतने सुनते ही मेरी बुर फुदकने लगी। फिर वह मुझे अपनी खाला के कमरे में ले गयी। वहां मैंने देखा की मेरा ससुर मेरी खाला की बुर ले रहा है। मार धकाधक धकाधक लण्ड पेले चला जा रहा है। एक बार जब लण्ड पूरा चूत के बाहर निकला तो मैं बोली बाप रे बाप तेरे बाप का इतना बड़ा लण्ड, नन्द रानी ?
वह बोली भाभी यही लण्ड तेरी भी बुर चोदेगा। मेरा अब्बू भोसड़ी का बेटियों की, बहुओं की बीवियों की बुर अच्छी तरह चोदता है। इसे बुर चोदने की जबरदस्त आदत है। रोज़ रात को खुल्लम खुल्ला २/३ बुर जरूर चोदता है। मैंने मन में ठान लिया की जितनी बुर मेरा ससुर रोज़ चोदता है उससे ज्यादा लण्ड मैं हर रोज़ चोदा करूंगी। लेकिन एक बात है इसका लण्ड साला सबसे तगड़ा है। फिर नन्द मुझे अपने कमरे में ले गयी। वहां दो लड़के नंगे नंगे लेटे थे। वह बोली भाभी देखो ये है मेरा देवर और ये है इसका दोस्त। दोनों मिलकर आज मुझे चोदने आये हैं। लेकिन आज मैं इनसे चुदवाऊंगी नहीं बल्कि इनके लण्ड तेरी चूत में पेलूँगी। मैंने मन में कहा मेरी नन्द मेरा कितना ख्याल रखती है। मुझे भी इसकी चूत का ख्याल रखना पडेगा।
ख़ैर ऐसा बोल कर उसने एक लण्ड मेरे हाथ में रख दिया। मैं अध् नंगी थी ही। मेरी चूत चुचूहा उठी और मेरी गांड भी मचलने लगी। ये दोनों लड़के बिलकुल ताज़े ताज़े थे। इनके लण्ड भी कड़क थे मज़ा तो आने वाला ही था। मैं लण्ड पकड़ कर प्यार से हिलाने लगी। तभी नन्द ने बताया भाभी ये नफ़ी है मेरा देवर और इसके दोस्त का नाम कतार है। नफ़ी का लण्ड मेरे हाथ में था। मैं मन में कह रही थी। देखो बाप उधर नन्द की खाला की बुर चोद रहा है। उसका लड़का यानी मेरा नंदोई मेरी जेठानी की बुर ले रहा है और उसका दूसरा लड़का यानी नफ़ी मेरी बुर लेने के लिए तैयार है। साला पूरा खानदान ही परायी बीवियां चोदने पर लगा है। तब तक नन्द ने कतार का लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। मैंने भी मना नहीं किया और नफ़ी का लण्ड चाटते हुए कतार से एक रंडी की तरह चुदवाने लगी. मेरी नन्द बड़े प्यार से मेरी चूँचियाँ सहलाने लगी। मैं फिर चुदाई की मस्ती में डूब गयी। मुझे अपनी ससुराल पर गुमान होने लगा।
फिर मैंने कतार का लण्ड नन्द की बुर में घुसेड़ दिया और नफ़ी ने लण्ड मेरी बुर में। हम दोनों आमने सामने मस्ती से चुदवाने लगीं। यह मेरा पहला मौक़ा था जब की मैं ससुराल की किसी लड़की के साथ चोदा चोदी कर रही थी। यह सिलसिला चल पड़ा। हम दोनों अक्सर एक साथ चुदवाने लगीं। एक दिन मेरी सास बोली बुर चो दी बहू तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? मैं भी जाने किस मूड में थी मैंने भी जबाब दिया सासू जी, तेरी बेटी की भाभी की बुर ? इतने में उधर से मेरी नन्द आ गयी। उसने हमारी बातें सुन ली थीं वह बोली अम्मी तेरी बहू की नन्द की चूत ? फिर हम तीनो खूब खिलखिलाकर हंसने लगीं।
उसी रात से मेरी सास भी हमारी चुदाई में शामिल हो गयीं। मैं नन्द की बुर चोदने लगी और सास का भोसड़ा। सास अपनी बहू की बुर चोदने लगी और बेटी की चूत। बेटी अपनी भाभी की बुर चोदने लगी और अपनी माँ का भोसड़ा ? इस तरह हम तीनो मिलकर जवानी का मज़ा लूटने लगीं।
अब मेरे मन में ससुर का लण्ड पकड़ने की इच्छा जोर पकड़ने लगी।
एक दिन रात में जब मैं उठी तो देखा की ससुर के कमरे ली लाइट धीमी धीमी जल रही है। उस समय न मेरी नन्द थी और न मेरी सास। न मेरी जेठानी और न मेरी देवरानी। मैंने सोंचा की मौक़ा बड़ा अच्छा है। मुझे इसका फायदा उठाना चाहिए। बस मैं उसके कमरे की तरफ चल पड़ी। मैंने दूर से देखा की वह लूंगी के अंदर हाथ डाले हुए अपना लण्ड हिला रहा है। बस मेरे बदन में आग लग गयी। मैं अंदर घुस गयी।
सच बताऊँ अम्मी जब से मैं ससुराल गयी हूँ तबसे रोज़ रात में २/३ लण्ड जरूर चोदती हूँ। एक लण्ड चोद कर खलास करती हूँ तो दूसरा लण्ड आ जाता है। उसे भी चोद कर ठंढा कर देती हूँ तो तीसरा लण्ड आ जाता है। कभी कभी दो दो लण्ड एक साथ आ जातें हैं तो फिर मैं दोनों लण्ड मजे से एक साथ चोदती हूँ. कभी कभी तीन लण्ड एक साथ हमला कर देते हैं जैसे की तीनो मेरा बलात्कार करना चाहते हों लेकिन मैं घबराती नहीं बल्कि तीनो को एक साथ चोद डालती हूँ। एक एक लण्ड भून कर निकालती हूँ अपनी चूत से।
मैं रात भर लण्ड चोदती रहती हूँ, तब कहीं जाकर सवेरे ४ बजे सोती हूँ। मैं फिर १० बजे के पहले नहीं उठती। कभी कभी तो ३ लण्ड से ज्यादा भी चोदना पड़ता है। पर मैं किसी को निराश नहीं करती। इसीलिए मेरी ससुराल
में सब लोग मुझसे बहुत खुश रहतें हैं।
मेरा नाम समीरा है दोस्तों, मैं २५ साल की एक बेहद खूबसूरत , सेक्सी और हॉट लड़की हूँ। खूबसूरत हूँ इसीलिए थोड़ा बदचलन भी हूँ अभी से नहीं बल्कि १५ साल की उम्र से। इसी उम्र में मैं लण्ड पकड़ने लगी थी। लड़कों के पैजामे में हाथ घुसेड़ने लगी थी और लण्ड का मुठ्ठ मारने लगी। मुठ्ठ मार कर लण्ड पीने लगी थी। मैं लण्ड पकड़ना का कोई मौक़ा छोड़ती नहीं थी। अच्छी बात यह थी की कोई मेरी शिकायत भी नहीं करता था क्योंकि खूबसूरत लड़की को हर कोई लण्ड पकड़ाना चाहता है। मैं इसी बात का फायदा उठाती थी। धीरे धीरे मैं लण्ड अपने बदन पर घुमाने लगी। लड़कों के आगे नंगी होने लगी। उनसे अपनी चूचियां मसलवाने लगी और मैं लड़कों की झांटें बनाने लगी। मुझे लण्ड की झांटें बनाने में बड़ा मज़ा आने लगा। लोग मुझे झांटें बनवाने भी लगे। धीरे धीरे मैं लड़कों से अपनी चूत चटवाने लगी। चूत चटवाने का अपना एक अलग ही मज़ा है। तब तक मैं १७/१८ साल की हो चुकी थी। इस बात की किसी को भी कानो कान खबर नहीं थी की मैं ये सब करती हूँ।
एक दिन जब अम्मी घर पर नहीं थी तब मैंने अपने मामू लण्ड अपनी चूत में पेला था। मामू भोसड़ी का मुझसे सिर्फ दो साल बड़ा था और उसकी भी शादी नहीं हुई थी। हम दोनों ही घर पर थे। मेरी नियत उस पर ख़राब हो गयी तो मैंने उसका पैजामा खोल डाला और लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। उसने भी मेरे कपड़े उतार कर फेंक दिया और मेरे बूब्स मसलने लगा। बस फिर क्या मैंने लौड़ा कुछ देर तक मुंह में लिया और फिर उसे चूत में घुसेड़ लिया। मैं मस्ती से चुदवाने लगी। बाद में झड़ता हुआ लण्ड चाटा। उसे भी मज़ा आया और मुझे भी। एक इसी तरह खालू का लण्ड पकड़ लिया और उससे भी चुदवाने लगी। मजे की बात यह की मामू नहीं मालूम की मैं खालू से चुदवाती हूँ और खालू को नहीं मालूम की मैं मामू से चुदवाती हूँ। अम्मी को तो कुछ नहीं पता की मैं क्या क्या करती हूँ।
मैं जब १९ साल की हुई तो अम्मी कुछ कुछ खुलने लगी मुझसे। मेरे सामने ही दूसरों से गालियों से बातें करने लगी। एक दिन अम्मी बोली अरी समीरा अब तो तू भी जवान हो गयी है मादर चोद। अब तू खुल कर बातें किया कर। एक दिन मैं जब थोड़ी देर से आयी तो वह बोली हाय समीरा तू कहाँ थी ? अपनी माँ चुदवा रही थी ? या फिर किसी का लण्ड हिला रही थी। मैंने कहा अम्मी मैं खाला के घर गयी थी। अम्मी बोली तेरी खाला की बहन का भोसड़ा ? मैं मन ही मन समझ गयी की यह तो मेरी अम्मी का ही भोसड़ा हुआ। अम्मी चाहती हैं की मैं भी उससे खुल जाऊं और गालियों से ही बातें करूं ?
एक दिन मेरी दोस्त का फोन गया , मैं स्पीकर ऑन करके बात करने लगी। हेलो बोल क्या हाल हैं तेरे ,,,,,,,,,,,,,? ठीक हूँ तू बता अपने,,,,,,,,,,,? क्या कर रही है तू ,,,,,,,? माँ चुदा रही हूँ अपनी बहन चोद ,,,,,,,? हाय दईया मेरी भी माँ चुदवा दे यार ,,,,,,,? मजाक न कर बता क्या बात है ,,,,,,,,,,,? यार कोई बढ़िया मोटा लण्ड बता ,,,,,,,,,? लण्ड क्या पेड़ पर मिलते हैं जो तुझे बता दूँ। लण्ड ढूंढना पड़ता है भोसड़ी की समझी ,,,,,,? तो फिर ढूंढ कर ही बता दे ,,,,,,,? मैं क्या यहाँ तेरे लिए लण्ड ढूंढने के लिए बैठी हूँ,,,,,,,,,? अरे तू माँ चुदा रही हैं न ,,,,? हां हां मुझे फुशर्त नहीं है। कहाँ न की मैं माँ चुदा रही हूँ ,,, ?
तब तक फोन कट गया. मैं पीछे मुड़ी तो देखा की अम्मी खड़ी हुई हैं। उसने मेरी बातें सुन लीं। वह मुस्करायी और बोली काश ! तू सच में अपनी माँ चुदा रही होती, समीरा तो कितना अच्छा होता ? मैं अम्मी के मन की बात जान गयी लेकिन बोली नहीं।
एक दिन मुझे एक ऐसे क्लब का पता चला जहाँ लड़कियां लण्ड पीने जाती हैं। मैं भी वहां चली गयी तो मालूम हुआ की बात तो सच है। मैंने देखा की यहाँ बहुत सी लड़कियां लण्ड पीने आई हैं और सबको लण्ड मिलेगें भी। मैं सोंचने लगी की इतने सारे लण्ड ये लोग लायेगें कहाँ से ? फिर मालूम हुआ की यह तो दुनिया है न लण्ड की कमी है और न चूत की। कमी है तो बस इन दोनों को मिलने मिलाने की। ख़ैर सब लड़कियों की तरह मैं भी कपड़े उतार कर नंगी नंगी लण्ड पीने लगी। लण्ड से खेलने लगी, लण्ड चूमने चाटने लगी और लण्ड चूसने लगी। साथ ही साथ सबके लण्ड देखने भी लगी। जब मैंने कई तरह के लण्ड देखे और एक से एक मोटे तगड़े लण्ड देखे तो मन ख़ुशी से झूम उठा। उसके बाद तो मैं यहाँ रोज़ लण्ड पीने आने लगी।
उस दिन जब मैं लण्ड चूस रही थी तो बहुत खुश थी क्योंकि मेरे हाथ में एक बहुत बढ़िया लण्ड था। मैं उसमे खोई हुई थी। मुझे यह नहीं मालूम था की मेरे अगल बगल कौन कौन लड़की लण्ड पी रही है। मेरे मुंह से निकला यार तेरा लण्ड तो मेरी माँ का भोसड़ा चोदने वाला है ? तो बगल से आवाज़ आयी यार तेरा लण्ड तो मेरी बेटी की बुर लेने वाला है। मैं आवाज़ पहचान गयी। उसने मुझे देखा और मैंने उसे देखा। वह बोली भोसड़ी की तू समीरा यहाँ लण्ड पीने आती है ? मैंने कहा वाओ, तू बुर चोदी आसमा यहाँ लण्ड पीने आती है। वह बोली तेरी माँ का भोसड़ा समीरा ? मैने कहा तेरी बिटिया की चूत आसमा ? फिर हम दोनों हंस पड़ी। मैंने कहा अरे अम्मी जब तेरे पास बेटी चोदने वाला लण्ड है तो फिर चोदो न अपनी बेटी की बुर ? अम्मी ने कहा अरे समीरा जब तेरे पास तेरी माँ चोदने वाला लण्ड है तो चोदो न अपनी माँ ? मैंने कहा अम्मी यहाँ तो सिर्फ लण्ड पीने की व्यवस्था है चोदने की नहीं ? अम्मी बोली कौन भोसड़ी वाली कहती है। चोदने की भी व्यवस्था है पर पीछे वाली बिल्डिंग में, माँ की लौड़ी ?
फिर हम दोनों अपना अपना लण्ड पकड़े हुए पीछे चली गयी। अम्मी ने अपने हाथ का लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और मैंने अपने हाथ का लण्ड अम्मी के भोसड़ा में घुसा दिया। अम्मी मस्ती से बोली देख बुर चोदी समीरा तेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है। अब आज से अपनी माँ चुदवाया कर ? मैंने कहा देख मेरी हरामजादी अम्मी तेरी बेटी की बुर भी चुद रही हैऔर अब आगे भी तू अपनी बेटी चुदवाया कर ? यह पहला मौक़ा था जब की मैं अम्मी के सामने चुदवा रही थी और अम्मी मेरे सामने। हम दोनों की बीच की शर्म तो बिलकुल ख़तम हो गयी और हम बन गयी एक दूसरे की पक्की दोस्त।
फिर कुछ दिन बाद मेरी शादी हो गयी और मैं ससुराल चली गयी। मुझे जासूसी करने में मज़ा आता है इसलिए मैं वहां भी यह जानना चाहती थी की कौन रात में क्या करती है ? कौन किसके लण्ड पकड़ती है ? कौन कौन किससे चुदवाती है और कौन किस किस का लण्ड पीती है ? इसलिए मैं रात में जल्दी सोने का बहाना करने लगी और फिर रात में उठ इधर उधर झांकने लगी। एक दिन रत में मेरी नन्द मेरे पास आयी और बोली अरे भाभी तुम्हे मालूम है की यहाँ रात में क्या क्या होता है ? मैंने कहा नहीं यार मुझे तो कुछ भी नहीं मालूम ? मैं तो अभी नई हूँ। तू बता न क्या क्या होता है ? वह बोली मैं बताऊंगी नहीं तुम्हे भाभी बल्कि दिखाऊंगी ? चलो मेरे साथ। मैं आपना घाघरा उठा के मस्ती से उसके साथ चल पड़ी।
वह मुझे सबसे पहले अपनी अम्मी के कमरे के पास ले गयी और कहा ले भाभी देख ले अपनी बुर चोदी सास की करतूत। मैं देखने लगी तो मेरे तन बदन में आग लग गयी। मैंने देखा की मेरी सास एकदम नंगी नंगी किसी आदमी का लण्ड चूस रही हैं। लण्ड साला बड़ा मोटा था। पर वह मेरे ससुर का नहीं था। मैंने उससे कान में पूंछा यार लण्ड किसका है ? वह बोली मेरे ससुर लण्ड है भाभी। मेरी अम्मी मेरे ससुर से चुदवाने जा रही हैं। अभी देखना मेरा ससुर अपना लण्ड मेरी माँ के भोसड़ा में पेल देगा। और हुआ भी यही। जैसे ही लण्ड उसकी चूत में घुसा वैसे सास बोली हाय दईया तू इसी तरह मेरी बिटिया की बुर चोदता है ? और आज तू उसकी माँ का भोसड़ा चोद रहा है। मेरी बेटी भी चोदता है और मुझे भी ? तेरी बेटी भी कोई चोदता होगा ? वह बोला मेरी बेटी को उसका ससुर चोदता है।
मेरी नन्द बोली भाभी तुम भी इसी तरह अपने ससुर से चुदवाना। मैंने भी हंसकर कहा हां भोसड़ी की नन्द मैं तेरे बाप से ऐसे ही चुदवाऊंगी। फिर वह मुझे अपनी भाभी यानी मेरी जेठानी के पास ले गयी। मैं उसके कमरे में झांक कर देखने लगी तो बोली हाय अल्ला, नन्द रानी ये तो तेरे मियां से चुदवा रही है। बुर चोदी जेठानी तो बड़ी चालक निकली। यार तेरे मियां का लण्ड तो बड़ा बढ़िया है। वह बोली भाभी चिंता न करो अभी ये तेरी भी बुर चोदेगा। मेरा मियां मेरी बुर छोड़ कर सबकी बुर चोदता है। इतने सुनते ही मेरी बुर फुदकने लगी। फिर वह मुझे अपनी खाला के कमरे में ले गयी। वहां मैंने देखा की मेरा ससुर मेरी खाला की बुर ले रहा है। मार धकाधक धकाधक लण्ड पेले चला जा रहा है। एक बार जब लण्ड पूरा चूत के बाहर निकला तो मैं बोली बाप रे बाप तेरे बाप का इतना बड़ा लण्ड, नन्द रानी ?
वह बोली भाभी यही लण्ड तेरी भी बुर चोदेगा। मेरा अब्बू भोसड़ी का बेटियों की, बहुओं की बीवियों की बुर अच्छी तरह चोदता है। इसे बुर चोदने की जबरदस्त आदत है। रोज़ रात को खुल्लम खुल्ला २/३ बुर जरूर चोदता है। मैंने मन में ठान लिया की जितनी बुर मेरा ससुर रोज़ चोदता है उससे ज्यादा लण्ड मैं हर रोज़ चोदा करूंगी। लेकिन एक बात है इसका लण्ड साला सबसे तगड़ा है। फिर नन्द मुझे अपने कमरे में ले गयी। वहां दो लड़के नंगे नंगे लेटे थे। वह बोली भाभी देखो ये है मेरा देवर और ये है इसका दोस्त। दोनों मिलकर आज मुझे चोदने आये हैं। लेकिन आज मैं इनसे चुदवाऊंगी नहीं बल्कि इनके लण्ड तेरी चूत में पेलूँगी। मैंने मन में कहा मेरी नन्द मेरा कितना ख्याल रखती है। मुझे भी इसकी चूत का ख्याल रखना पडेगा।
ख़ैर ऐसा बोल कर उसने एक लण्ड मेरे हाथ में रख दिया। मैं अध् नंगी थी ही। मेरी चूत चुचूहा उठी और मेरी गांड भी मचलने लगी। ये दोनों लड़के बिलकुल ताज़े ताज़े थे। इनके लण्ड भी कड़क थे मज़ा तो आने वाला ही था। मैं लण्ड पकड़ कर प्यार से हिलाने लगी। तभी नन्द ने बताया भाभी ये नफ़ी है मेरा देवर और इसके दोस्त का नाम कतार है। नफ़ी का लण्ड मेरे हाथ में था। मैं मन में कह रही थी। देखो बाप उधर नन्द की खाला की बुर चोद रहा है। उसका लड़का यानी मेरा नंदोई मेरी जेठानी की बुर ले रहा है और उसका दूसरा लड़का यानी नफ़ी मेरी बुर लेने के लिए तैयार है। साला पूरा खानदान ही परायी बीवियां चोदने पर लगा है। तब तक नन्द ने कतार का लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। मैंने भी मना नहीं किया और नफ़ी का लण्ड चाटते हुए कतार से एक रंडी की तरह चुदवाने लगी. मेरी नन्द बड़े प्यार से मेरी चूँचियाँ सहलाने लगी। मैं फिर चुदाई की मस्ती में डूब गयी। मुझे अपनी ससुराल पर गुमान होने लगा।
फिर मैंने कतार का लण्ड नन्द की बुर में घुसेड़ दिया और नफ़ी ने लण्ड मेरी बुर में। हम दोनों आमने सामने मस्ती से चुदवाने लगीं। यह मेरा पहला मौक़ा था जब की मैं ससुराल की किसी लड़की के साथ चोदा चोदी कर रही थी। यह सिलसिला चल पड़ा। हम दोनों अक्सर एक साथ चुदवाने लगीं। एक दिन मेरी सास बोली बुर चो दी बहू तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? मैं भी जाने किस मूड में थी मैंने भी जबाब दिया सासू जी, तेरी बेटी की भाभी की बुर ? इतने में उधर से मेरी नन्द आ गयी। उसने हमारी बातें सुन ली थीं वह बोली अम्मी तेरी बहू की नन्द की चूत ? फिर हम तीनो खूब खिलखिलाकर हंसने लगीं।
उसी रात से मेरी सास भी हमारी चुदाई में शामिल हो गयीं। मैं नन्द की बुर चोदने लगी और सास का भोसड़ा। सास अपनी बहू की बुर चोदने लगी और बेटी की चूत। बेटी अपनी भाभी की बुर चोदने लगी और अपनी माँ का भोसड़ा ? इस तरह हम तीनो मिलकर जवानी का मज़ा लूटने लगीं।
अब मेरे मन में ससुर का लण्ड पकड़ने की इच्छा जोर पकड़ने लगी।
एक दिन रात में जब मैं उठी तो देखा की ससुर के कमरे ली लाइट धीमी धीमी जल रही है। उस समय न मेरी नन्द थी और न मेरी सास। न मेरी जेठानी और न मेरी देवरानी। मैंने सोंचा की मौक़ा बड़ा अच्छा है। मुझे इसका फायदा उठाना चाहिए। बस मैं उसके कमरे की तरफ चल पड़ी। मैंने दूर से देखा की वह लूंगी के अंदर हाथ डाले हुए अपना लण्ड हिला रहा है। बस मेरे बदन में आग लग गयी। मैं अंदर घुस गयी।
- मैंने बेशर्मी दिखाई और अपना हाथ उसकी लुंगी के अंदर घुसेड़ते हुए कहा - ससुर जी ये मरदों के हिलाने की चीज नहीं है। इसे तो औरतें ही हिलाती है।
- वह बोला अरे बहू तू ? तू इस समय मेरे कमरे में ,,,,,,,,,,?
- हां मैं ससुर जी, मैं हिलाऊँगी तेरा लण्ड ?
- उसने मुझे पकड़ कर अपनी तरफ घसीट लिया और बोला सच कह रही हो बहू।
- मैंने कहा बहू की माँ का भोसड़ा ससुर जी. मुझे समीरा कहो। मैं बुर चोदी लण्ड चूसने वाली समीरा हूँ। मेरी बातों से उसका लण्ड लोहे की तरह सख्त हो गया। मैंने अपनी चूँचियाँ उसे दिखाते हुए कहा लो इन्हे हिलाओ ससुर जी ये हैं मर्दों की हिलाने की चीज। इन्हे हिलाओ, सहलाओ, मसलो और मुंह में लो। वह मेरी चूँचियाँ चाटने लगा और मैं उसका लण्ड चाटने लगी।
- वह बोला तू तो बहुत मस्त चीज है समीरा ? मैंने कहा हाय दईया ?
- इसीलिए तो कहती हूँ की लण्ड पेलो लण्ड ससुर जी मेरी चूत में। भकाभक चोदो मेरी बुर ?
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