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छोटी सी उम्र में लग गया लंड मैं मर जाउंगी - Chhoti umr me chudai - Baal umr me choda
छोटी सी उम्र में लग गया लंड मैं मर जाउंगी - Chhoti umr me chudai - Baal umr me choda ; Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.
एक दिन मैं अपनी खाला के घर गयी हुई थी। खाला ने मुझे अच्छी तरह बैठाया हाल चाल पूंछे और हंस हंस कर बातें करने लगीं। मुझे भी उससे बातें करने में बहुत अच्छा लगता है। मेरी खाला जान बड़ी हंसमुख, बिंदास और मजाकियां औरत हैं। वह किसी भी बात का बुरा नहीं मानती। कोई उन्हें भद्दी भद्दी गालियां भी दे तो भी खाला मुस्कराती रहतीं हैं। पर हां एक चीज पर ही कमजोर हैं। और वह है लण्ड ? उसे लण्ड दिख जाए तो फिर वह किसी की नहीं सुनती ? फिर तो दुनिया जाये भाड़ में ? मन लगाओ लांड में ? अगर उसके हाथ में लण्ड आ गया तो वह उसे किसी और को सकती। हां दूसरे के हाथ से लण्ड छीन जरूर सकती हैं। इसी छीना झपटी में वह अक्सर अपनी बहू से,अपनी जेठानी से, अपनी देवरानी से यहाँ तक की अपनी बेटी से भी लड़ बैठती हैं.
हम दोनों कुछ बातें कर ही रहीं थीं की इतने में उसकी बेटी अकीरा आ गयी। खाला पहले से किसी बात पर भरी बैठी हुई थीं। वह अपनी बेटी को देखते ही बोल पड़ी।
खाला बोली ;- बेटी, तेरी बुर चोदी माँ की चूत, अकीरा ? खाला ने उसे सुनाते हुए अपनी ही चूत को गाली दी।
अकीरा भी बोल पड़ी :- तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर, शबाना अम्मी ? अकीरा ने अपनी ही बुर को गाली दी।
मैं समझ की दोनों में किस तरह का रिस्ता क़ायम हो गया है।
अकीरा मुझे प्यार से आँख मारती हुई बोली :- दीदी, तेरी माँ की बहन का भोसड़ा।
इस बार अकीरा ने अपनी माँ के भोसड़ा को गाली दी।
खाला जान ने भी कहा :- हिना (मेरा नाम) तेरी खाला की बेटी की बुर ।
खाला ने भी अकीरा की चूत को गाली दी। अब तो पक्का हो गया की ये दोनों मिलकर चुदाई का मज़ा लूटती हैं। मैं भी इन गालियों से थोड़ा मूड में आ गयी।
मैंने कहा :- खाला, अकीरा तेरे भोसड़ा में कुछ पेलती है की नहीं ?
वह बोली :- लण्ड पेलती है भोसड़ी की अकीरा अपनी माँ के भोसड़ा में ?
फिर अचानक खाला के घर में कोई महमान आ गया तो मैं फिर अपने घर चली आयी।
मेरा नाम हिना खान है मेरी शादी हो चुकी हैं। मैं अभी अपने माईके में हूँ अम्मी के साथ हूँ। अकीरा की तरह मैं भी अपनी अम्मी से खुली हूँ। मेरी अम्मी आजकल की औरतों की तरह हैं। वह बिलकुल मॉडर्न हैं। खूब खुल कर बातें करती हैं और मुझसे तो एक दोस्त की तरह बात करती हैं। मैं जब १९ साल की हुई तो उसने एक दिन कहा बेटी देखो हम दोनों को यहाँ एक साथ रहना है तो फिर एक दूसरे से छिप छिप कर क्यों रहें ? तुम अब जवान हो गयी हो। मैं तो जवान हूँ ही। मुझे भी लण्ड की जरुरत है और तुम्हे भी लण्ड की जरुरत है बेटी ? मैं भी बुर चोदी हूँ और तू भी बुर चोदी है बेटी। बिना बुर चुदवाये न मैं रह सकती हूँ और न तू। बिना लण्ड के न मुझे नींद आती है और न तुम्हे। लण्ड मैं भी पीती हूँ बेटी और लण्ड तुम भी पीती हो ? तो फिर एक साथ पियो लण्ड । एक साथ चाटो लण्ड। एक साथ चोदो लण्ड। ऐसा कह कर वह मुझे नीचे कमरे में ले गयीं और वहां मुझे एक मोटा सा टन टनाता हुआ नंगा लण्ड पकड़ा दिया। मैंने भी जोश में आकर पकड़ लण्ड।
अम्मी मुस्कराकर बोली :- बेटी ये है तेरी माँ का भोसड़ा चोदने वाला लण्ड ? और अब ये लण्ड मेरी बिटिया की बुर भी चोदेगा। उस दिन मेरी लाइफ में एक बहुत बड़ा चेंज आया। मैं अपनी माँ चुदवाने लगी। ऐसा कह कर उसने लण्ड मेरे मुंह में घुसेड़ दिया और बोली आजकल की लड़कियां लण्ड पकड़ते ही उसे अपने मुंह ले लेती हैं न बेटी ? मैं समझ गयी की अम्मी को आजकल की लड़कियों की हरकतें मालूम हैं। मैंने कहा हां अम्मी तुम सही कह रही हो ? पर ये लण्ड इतना मोटा तगड़ा है किसका अम्मी ? वह बोली ये हलीम है मेरी सहेली का शौहर। मेरी सहेली ने इसे मेरे पास भेजा है मेरी बुर लेने के लिए। अब इसका मुकद्दर देखो आज यह मेरी भी बुर लेगा और मेरी बेटी की भी बुर ?
अम्मी बड़ी मस्ती के मूड में थीं। मैं भी फिर उसी मूड में आ गयी और बोली हां हां अम्मी कोई कोई लण्ड बड़ा नसीबवाला होता है। अब देखो आज ये लण्ड मेरी माँ का भोसड़ा चोदेगा और मेरी भी चूत चोदेगा ? अम्मी बोली देखो बेटी आज से जो लण्ड मेरी बुर चोदेगा वो तेरी भी बुर लेगा और जो लण्ड तेरी बुर लेगा वो मेरा भोसड़ा भी चोदेगा । ऐसा ही हम दोनों को करना है। बोलो वादा करती हो हिना ? मैंने कहा हां अम्मी बिलकुल वादा करती हूँ। तब तक मैंने धीरे से अंकल का लण्ड उसके भोसड़ा में घुसा दिया। यह मेरा माँ चुदाने का पहला मौक़ा था। थोड़ी देर बाद उसने लण्ड मेरी चूत में टिकाया और उसके चूतड़ पर धक्का देकर अंदर पेल दिया। यह मेरी अम्मी का अपनी बिटिया चुदाने का पहला मौक़ा था।
हम दोनों का यही सिलसिला चलता रहा और हम दोनों मिलकर एन्जॉय करती रहीं। मेरी जब शादी हुई तो मैं ससुराल चली गयी। मेरे मन में बस एक ही सवाल था की मेरे शौहर का लण्ड कैसा होगा ? अगर लण्ड मोटा तगड़ा और बड़ा हुआ तो उसके दो फायदे होगें। एक तो मेरी चूत को मज़ा आएगा और दूसरा जो भी लड़की या बीवी मेरे मियां का लण्ड पकड़ेगी वह चुदवायेगी जरूर ? ऐसे में मुझे उसके शौहर से चुदवाने का मौक़ा मिलेगा। रात को सुहागरात के पहले मेरी नन्द सबा मेरे पास आयी यह बलि भाभी मैं यहाँ के रीति रिवाज़ आपको बताना चाहती हूँ। याहं दूल्हा दुल्हन अपनी सुहागरात कमरे में मनाते है पर बाहर सारा घर उसके साथ सुहागरात मनाता है पर इस रात को बाहर सब लोग एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। यह चोदा चोदी रात भर चलती है।
मैं एक बात बताना चाहती हूँ भाभी की यहाँ दुल्हन को एक बहुत बड़ा हक़ होता है। अगर वह चाहे तो अपनी सुहागरात में अपंने शौहर के अलावा किन्ही दो मरदों से चुदवा सकती है। और उन दो मरदों का इंतज़ाम उसकी नन्द करती है।
उसने पूंछा :- तो आप क्या चुदवा ना चाहेगीं भाभी जान ?
मैंने जबाब दिया :- मेरा शौहर अगर चाहेगा तो मैं जरूर चुदवा लूंगी नहीं तो नहीं ?
उसने कहा :- अब मैं यह पूंछना चाहती हूँ भाभी की तुम्हे किसी तरह के लण्ड पसंद हैं। मैं चाहती हूँ की मैं तुम्हारी पसंद के ही दो लण्ड तुम्हारे सामने पेश करूं ?
मैंने बताया :- अरे मेरी नन्द रानी तुम जो लण्ड पसंद करोगी मैं वही लण्ड मंजूर कर लूंगी।
सच में मैं यह सब जानकार मन ही मन बहुत खुश हुई।
मैं बनी ठनी हुई पलंग पर बैठी थी तभी मेरा शौहर आया। उसका नाम था राहत अली। देखने में वह हट्टा कट्टा गोरा चिट्टा था। सबसे बड़ी बात की वह क्लीन सेव था। मुझे दाढ़ी मूंछ बिलकुल पसंद नहीं ? मैं दुआ करने लगी की हाय अल्ला अगर इसका लौड़ा भी इसकी तरह हट्टा कट्टा हो तो बहुत अच्छा ? उसने मुझे प्यार किया प्यार से बातें की और फिर मेरे कपड़े उतारने लगा। मैं भी उसके कपड़े खोलन लगी। आखिर में वह मेरी नंगी चूँचियों तक पहुँच गया। मेरी नंगी चूत भी उसके सामने आ गयी। मैंने फिर उसका लण्ड पकड़ कर बाहर निकाल लिया और उसे पूरा नंगा कर दिया। लण्ड देख कर मैं खिल उठी। लण्ड मेरे मन का निकला। मोटा तगड़ा लण्ड पाकर मैं मस्त हो गयी और फिर झुक कर लण्ड चाटने लगी। मेरी चूत चुदासी हो गयी। मुझे यह सोंच सोंच कर और भी मज़ा आने लगा की अभी मुझे दो लण्ड और अपनी चूत में घुसेड़ने को मिलेगें।
मैं बड़ी बेशर्मी से लण्ड से मस्ती करने लगी, लण्ड चाटने चूसने लगी, उसका पेल्हड़ प्यार से चूमने चाटने लगी। लण्ड की झांटें बिलकुल साफ़ थी इसलिए वह बड़ा खूबसूरत लग रहा था। वह भी मेरे नंगे बदन का मज़ा लेने लगा और आखिर में जब उसने अपना मोटा लण्ड मेरी चूत में घुसाया तो मज़ा आ गया। उसने चोदना शुरू किया तो मैं समझ गयी की वह पहली बार बुर नहीं चोद रहा है। वह तो कई लड़कियों की बुर चोद चुका है उसे अच्छा खासा चोदने का अनुभव है। इधर मैं भी अपनी गांड उठा उठा के चुदवा रही थी। उसे भी यह अहसास हुआ की मैं कोई पहली बार नहीं चुदवा रही हूँ। मैं भी खाई खेली हुई हूँ और कई लोगों से चुदवा चुकी हूँ। ऐसा तो हमारे समाज होता ही है। किसी पर चोदा चोदी का कोई प्रतिबन्ध नहीं होता। उसने मुझे हर तरफ से चोदा। सबसे ज्यादा मज़ा मुझे तब आया जब उसने मुझे पीछे से चोदा और लण्ड पर बैठा के चोदा।
थोड़ी देर में मैं भी खलास हो चुकी थी और वह झड़ने लगा। मैंने उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा। मैं सोंचने लगी की यह लण्ड जाने कितनी लड़कियों ने अपने मुंह में लेकर चाटा होगा ? कितनी लड़कियों ने इसका वीर्य पिया होगा ? कितनी लड़कियों ने मेरे मियां के लण्ड का मज़ा लिया होगा ? वह भी सोंच रहा था की मेरी बीवी ने इसी तरह जाने कितने लड़कों का लण्ड चाटा होगा ? जाने कितने लोगो के लण्ड का रस पिया होगा ? जाने कितने लण्ड इसके मुंह की शैर कर चुके होंगें इसकी बुर चोद चुके होंगें।
उसके बाद मेरा मियां चला गया। मैंने भी थोड़ा आराम किया और करीब करीब ३ बजे रात को मेरी नन्द अपनी बड़ी बड़ी और सुडौल चूँचियाँ खोले हुए मेरे पास आ गयी। उसकी चूँचियाँ इतनी हॉट लग रहीं थी की अगर मैं लड़का होती तो लण्ड इनके बीच घुसेड़ देती। उसके पीछे दो नौजवान लड़के भी थे। वह बोली भाभी जान ये है मेरा नंदोई और यह है इसका दोस्त। ये दोनों तुम्हे चोदने के लिए बड़े बेताब हैं। मैंने कहा अरे नन्द रानी पर मेरे मियां ने तो मुझे कुछ बताया ही नहीं ? तब उसने कहा भाभी आप ज़रा मेरे साथ कमरे के बाहर आईये। वह मुझे बगल के कमरे में ले गयी। वह बोली देखो भाभी तेरा मियां यहाँ अपनी भाभी की बुर चोद रहा है। फिर वह मुझे आगे ले गयी और बोली यहाँ देखो मेरी दीदी अपने खालू का लण्ड चूस रही है। और वहां देखो खाला मेरे अब्बू का लौड़ा अपनी भोसड़ा में घुसेड़ कर चुदवा रही है। वह आगे बढ़ी और कहा देखो ये है तेरी देवरानी जो मेरे मियां चुदवा रही है और मैं भी अपने जीजू का लण्ड पीने जा रही हूँ।
यह सब देख कर मैं बड़ी उत्तेजित हो गयी और कहा हां नन्द रानी अब मैं उन दोनों से एक साथ चुदवाऊंगी। हम अपने कमरे में आ गयीं। वो दोनों लड़के नंगे बदन थे केवल एक एक पैजामा पहने हुए थे। नन्द ने एक लड़के के पैजामें का नाड़ा खींच लिया तो वह बिलकुल नंगा हो गया। उसका खड़ा लण्ड मेरे सामने हिलने लगा। तब तक दूसरे लड़के को भी नंगा कर दिया। उसका भी लण्ड साला हिनहिनाने लगा। नन्द ने मुझे दोनों लण्ड पकड़ा दिया और बोली लो सम्भालो अपने ये दोनों भोसड़ी के लण्ड भाभी मैं चली अपने जीजू से चुदवाने। मेरे पकड़ते ही वो दोनों लण्ड और कड़क हो गए। मैं दोनों लण्ड बारी बारी से चाटने लगी और वो दोनों मेरी चूँचियों और चूत से खेलने लगे। सुहागरात में ही दो ग़ैर मरदों के लण्ड मुझे उत्तेजित करने के लिए काफी थे। मैं घनघोर चुदासी हो गयी और तब मैंने नंदोई का लण्ड चूत मे घुसेड़ लिया। मैं गचर गचर अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। साथ ही साथ उसके दोस्त का लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगी।
मैं अपनी ससुराल में पहली बार मैं दो दो लण्ड का मज़ा एक साथ ले रही थी।
दूसरे दिन कई लोग जा चुके थे और कई लोग जाने के लिए तैयार थे।
मैं बैठी हुई थी तो मेरी सास आईं और बोली :- बहू, तेरी बुर चोदी नन्द ने तेरी सुहागरात में तेरा ख्याल रखा की नहीं ? मैंने कहा :- हां सासू जी मेरी नन्द ने मेरा बहुत ख्याल रखा। मेरी नन्द बहुतअच्छी है सासू जी। सास बोली :- हां मैंने उससे कहा था की अपनी भाभी का ख्याल रखना नहीं तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी। अच्छा यह बता तुम्हे मज़ा आया अपनी सुहागरात में, बहू ? तब तक मेरी नन्द आ गयी।
वह बोली :- मज़ा क्यों नहीं आएगा ? मज़ा बिलकुल आया और मज़ा इसलिए खूब आया की कल रात भाभी ने सबकी पोल पट्टी देख ली। कल भाभी ने सबको पराये मरदों चुदवाते हुए देखा लिया। पहले ही दिन सबकी कलई खुल गयी है।
सास बोली :- हाय सबा तू तो बहुत ही हरामजादी है, बहन चोद ? तूने ही रात में सब कुछ दिखाया होगा अपनी भाभी को ?
नन्द बोली :- हां मैंने ही दिखाया था। तो क्या हुआ ? ये सब तो उसे देखना ही था। अरे अम्मी जान, जब ग़ैरों से चुदवाती हो तो छुपाती क्यों हो ? तेरी बहू को जब कुछ जानने का हक़ है।
सास बोली :- अच्छा सबा तू तो बहुत बड़ी बड़ी बातें कर रही है।. मैं तो खुद चाहती हूँ की बहू को सब मालूम हो। तू नहीं बताएगी तो मैं बताऊंगी।
नन्द बोली :- तो फिर बताओ न ? मैंने क्या मना किया है।
सास बोली :- बहू, तेरी बुर तेरी नन्द की बुर।
नन्द बोली :- अम्मी, तेरी बुर तेरी बहू की बुर।
फिर मुझे भी जोश आ गया ।
सास यह सुनकर मुस्कराने लगीं।
मैं भी बोली :- सासू जी, तेरी बुर तेरी बिटिया की बुर ?
हम तीनो इसी बात पर हंसने लगीं।
तब तक सास ने फिर कहा :- बहू, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ?
मैंने कहा :- नन्द रानी, तेरी माँ की बहू की बुर ?
नन्द ने कहा :- भाभी, तेरी सास की बिटिया की बुर ?
यहाँ हम तीनो ने अपनी अपनी चूत की तरफ इशारा करते हुए गालियां दीं जिन्हे मेरी सास ने खूब पसंद किया।
दरअसल मेरी सास यह जानना चाहती थी की मेरी बहू बिलकुल खुल गयी है की नहीं ? उसे गालियां देना आता है की नहीं ? उसे अच्छी तरह चुदवाना आता है की नहीं ? खुदा का शुक्रिया है की मैं सबमे पास हो गयी। अब हम तीनो बिलकुल एक ही तरह हो गयी।
सास ने फिर पूंछा - सबा बेटी यह बता मुझे की मेरी बहू ने अपनी सुहागरात में मरद के अलावा कितने लोगों से चुदवाया ?
सबा ने जबाब दिया :- अरे अम्मी भाभी ने मेरे नंदोई और उसके दोस्त से चुदवाया। मजे की बात यह ही भाभी को दोनों लण्ड पसंद आ गये।
सास बोली :- तो फिर आज अपने मरद का लण्ड पेल दे उसकी चूत में ?
सबा ने कहा - हां आज मैं वही करने जा रही हूँ।
गर्मी हम तीनो ये सी कमरे में बैठी हुई थीं। सबा ने बताया की काफी लोग जा चुके हैं। अब तो मेरा मरद, मेरा खालू और दीदी का ससुर ही बाकी रह गये हैं। तब सास तो फिर बुलाओ न इन तीनो भोसड़ी वालों को यहाँ। दोपहर का समय है। बाहर कोई जा सकता नहीं क्योंकि धूप बहुत है। यहाँ ठंढे ठंढे कमरे में गरम गरम लण्ड का मज़ा लिया जाए न ? मैं सास की बात सुन कर मन ही मन बहुत खुशी हुई और बोली की खुदा करे सबकी सास ऐसी ही हो ? इतनी मस्त, इतनी खूबसूरत, इतनी चुदक्कड़ और इतनी बुर चोदी सास शायद ही किसी की हो जो अपने आगे अपनी बिटिया की बुर और अपनी बहू की चूत चुदवाती हो ? उनके सामने अपने भोसड़ा में लण्ड पेलती हो ?
फिर अचानक तीनो मरद , नन्द का मियां रज़ा, बड़ी नन्द यानी सबा की दीदी का ससुर शब्बीर और सबा का खालू करीम सास के सामने आ गये। तीनो नंगे बदन थे और एक एक पैजामा पहने थे। सास ने शब्बीर को अपने पास बुलाया और कहा यार तुम तो रिश्ते में मेरे देवर लगते हो इसलिए तुमको तो मेरे सामने नंगे नंगे आना चाहिए। ऐसा बोल कर सास ने उसका नाड़ा खींच लिया। पैजामा नीचे गिर पड़ा और उसका खड़ा लण्ड सास के सामने आ गया। सास लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी बोली अरे वाह तेरा लौड़ा तो बड़ा सॉलिड है यार बताओ कल तूने किसी की बुर ली थी ? वह बोला भाभी कल मैंने तेरी बहन की बुर की थी। सास बोली हाय दईया तुम तो बहुत बड़े हरामजादे हो ? मेरी बेटी की भी बुर लेते हो और मेरी बहन की भी बुर लेते हो। ठीक है तो फिर आज मेरी बुर ले लो।
उधर मेरी नन्द ने मुझे अपने मियां का नंगा लण्ड पकड़ा दिया और कहा भाभी लो सम्भालो अपने नंदोई का लण्ड। फिर वह खुद आगे बढ़कर अपने खालू का पैजामा खोला और सबके सामने उसका लौड़ा हिलाने लगी। तब तक हम तीनो के कपड़े भी उतर चुके थे। हम मादर तीनो नंगी हो गयीं तो मरदों के लण्ड में और जोश आ गया। हम अपना अपना लण्ड चूमने चाटने लगीं। आज भी एक अच्छा मस्त माहौल बन गया। मेरी सास तो लण्ड बड़े प्यार से चाटने लगीं और मेरी नन्द बुर चोदी लण्ड का सुपाड़ा आम की गुठली की तरह चाटने लगी । मैं मन में कहने लगी बहन चोद मेरी ससुराल में भी एक से एक बढ़िया लण्ड हैं। मौक़ा पाकर मैं इन सभी लौंड़ों को अपनी माँ के भोसड़ा में भी पेलूँगी।
इतने में शब्बीर लण्ड सास के भोसड़ा में घुसेड़ दिया और मजे से चोदने लगा। सास वाकई देखने वाली थी। उसे किसी तरह की कोई शर्म नहीं की वह अपनी बेटी और बहू के चुदवा रही है। उसकी चुदाने हरकतें तो एक २१ साल की लड़की तरह थीं।
सास बोली - अरे बहू देख ले भोसड़ी की कैसे चोदा जाता है तेरी सास का भोसड़ा ?
तब तक मैं भी नंदोई का लण्ड अपनी चूत में घुसा चुकी थी।
मैंने भी कहा :- तू भी देख ले मेरी हरामजादी सासू, की कैसे चोदी जाती है बहू की बुर ? आगे भी ऐसे ही अपनी बहू की बुर चुदवाती रहना ?
तब तक नन्द भी बोल पड़ी :- हाय मेरी बुर चोदी हिना भाभी, देख तेरी नन्द की बुर कितने मजे से चुद रही है। कल न मैंने तुम्हे चुदवाते हुए देखा और न तुमने मुझे चुदवाते हुए देखा। आज मैं देख रही हूँ की तुम कितनी मस्ती से चुदवा रही हो। अब आगे भी अपनी नन्द की बुर चुदवाना न भूलना ?
एक तरफ चुदाई हो रही थी तो दूसरी तरफ मरदों की निगाह दूसरों की चूत पर थी। फिर अचानक मेरे नंदोई ने लण्ड मेरी चूत से निकाल कर अपनी सास के भोसड़ा में घुसा दिया। वह अपनी बीवी की माँ चोदने लगा। शब्बीर अंकल ने लण्ड मेरी नन्द की चूत में घुसेड़ दिया। वह भी साला अपनी बीवी की बुर समझ कर मेरी नन्द की बुर चोदने लगा। तब तक नन्द का खालू मेरे सामने आया और अपना लण्ड मेरी बुर में पेल दिया। वह मुझे रंडी की तरह चोदने लगा। हम तीनो के लण्ड बदल गये तो मज़ा भी दूना हो गया। फिर तो रात भर इसी तरह लण्ड की अदला बदला होती रही इसमें दो लण्ड और शामिल हो गए। एक तो मेरे जीजा का लण्ड और एक मेरे मामू का लण्ड।
दिन भर लण्ड हिलाती हूँ अम्मी...
अकीरा मुझे प्यार से आँख मारती हुई बोली :- दीदी, तेरी माँ की बहन का भोसड़ा।
इस बार अकीरा ने अपनी माँ के भोसड़ा को गाली दी।
खाला जान ने भी कहा :- हिना (मेरा नाम) तेरी खाला की बेटी की बुर ।
खाला ने भी अकीरा की चूत को गाली दी। अब तो पक्का हो गया की ये दोनों मिलकर चुदाई का मज़ा लूटती हैं। मैं भी इन गालियों से थोड़ा मूड में आ गयी।
मैंने कहा :- खाला, अकीरा तेरे भोसड़ा में कुछ पेलती है की नहीं ?
वह बोली :- लण्ड पेलती है भोसड़ी की अकीरा अपनी माँ के भोसड़ा में ?
फिर अचानक खाला के घर में कोई महमान आ गया तो मैं फिर अपने घर चली आयी।
मेरा नाम हिना खान है मेरी शादी हो चुकी हैं। मैं अभी अपने माईके में हूँ अम्मी के साथ हूँ। अकीरा की तरह मैं भी अपनी अम्मी से खुली हूँ। मेरी अम्मी आजकल की औरतों की तरह हैं। वह बिलकुल मॉडर्न हैं। खूब खुल कर बातें करती हैं और मुझसे तो एक दोस्त की तरह बात करती हैं। मैं जब १९ साल की हुई तो उसने एक दिन कहा बेटी देखो हम दोनों को यहाँ एक साथ रहना है तो फिर एक दूसरे से छिप छिप कर क्यों रहें ? तुम अब जवान हो गयी हो। मैं तो जवान हूँ ही। मुझे भी लण्ड की जरुरत है और तुम्हे भी लण्ड की जरुरत है बेटी ? मैं भी बुर चोदी हूँ और तू भी बुर चोदी है बेटी। बिना बुर चुदवाये न मैं रह सकती हूँ और न तू। बिना लण्ड के न मुझे नींद आती है और न तुम्हे। लण्ड मैं भी पीती हूँ बेटी और लण्ड तुम भी पीती हो ? तो फिर एक साथ पियो लण्ड । एक साथ चाटो लण्ड। एक साथ चोदो लण्ड। ऐसा कह कर वह मुझे नीचे कमरे में ले गयीं और वहां मुझे एक मोटा सा टन टनाता हुआ नंगा लण्ड पकड़ा दिया। मैंने भी जोश में आकर पकड़ लण्ड।
अम्मी मुस्कराकर बोली :- बेटी ये है तेरी माँ का भोसड़ा चोदने वाला लण्ड ? और अब ये लण्ड मेरी बिटिया की बुर भी चोदेगा। उस दिन मेरी लाइफ में एक बहुत बड़ा चेंज आया। मैं अपनी माँ चुदवाने लगी। ऐसा कह कर उसने लण्ड मेरे मुंह में घुसेड़ दिया और बोली आजकल की लड़कियां लण्ड पकड़ते ही उसे अपने मुंह ले लेती हैं न बेटी ? मैं समझ गयी की अम्मी को आजकल की लड़कियों की हरकतें मालूम हैं। मैंने कहा हां अम्मी तुम सही कह रही हो ? पर ये लण्ड इतना मोटा तगड़ा है किसका अम्मी ? वह बोली ये हलीम है मेरी सहेली का शौहर। मेरी सहेली ने इसे मेरे पास भेजा है मेरी बुर लेने के लिए। अब इसका मुकद्दर देखो आज यह मेरी भी बुर लेगा और मेरी बेटी की भी बुर ?
अम्मी बड़ी मस्ती के मूड में थीं। मैं भी फिर उसी मूड में आ गयी और बोली हां हां अम्मी कोई कोई लण्ड बड़ा नसीबवाला होता है। अब देखो आज ये लण्ड मेरी माँ का भोसड़ा चोदेगा और मेरी भी चूत चोदेगा ? अम्मी बोली देखो बेटी आज से जो लण्ड मेरी बुर चोदेगा वो तेरी भी बुर लेगा और जो लण्ड तेरी बुर लेगा वो मेरा भोसड़ा भी चोदेगा । ऐसा ही हम दोनों को करना है। बोलो वादा करती हो हिना ? मैंने कहा हां अम्मी बिलकुल वादा करती हूँ। तब तक मैंने धीरे से अंकल का लण्ड उसके भोसड़ा में घुसा दिया। यह मेरा माँ चुदाने का पहला मौक़ा था। थोड़ी देर बाद उसने लण्ड मेरी चूत में टिकाया और उसके चूतड़ पर धक्का देकर अंदर पेल दिया। यह मेरी अम्मी का अपनी बिटिया चुदाने का पहला मौक़ा था।
हम दोनों का यही सिलसिला चलता रहा और हम दोनों मिलकर एन्जॉय करती रहीं। मेरी जब शादी हुई तो मैं ससुराल चली गयी। मेरे मन में बस एक ही सवाल था की मेरे शौहर का लण्ड कैसा होगा ? अगर लण्ड मोटा तगड़ा और बड़ा हुआ तो उसके दो फायदे होगें। एक तो मेरी चूत को मज़ा आएगा और दूसरा जो भी लड़की या बीवी मेरे मियां का लण्ड पकड़ेगी वह चुदवायेगी जरूर ? ऐसे में मुझे उसके शौहर से चुदवाने का मौक़ा मिलेगा। रात को सुहागरात के पहले मेरी नन्द सबा मेरे पास आयी यह बलि भाभी मैं यहाँ के रीति रिवाज़ आपको बताना चाहती हूँ। याहं दूल्हा दुल्हन अपनी सुहागरात कमरे में मनाते है पर बाहर सारा घर उसके साथ सुहागरात मनाता है पर इस रात को बाहर सब लोग एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। यह चोदा चोदी रात भर चलती है।
मैं एक बात बताना चाहती हूँ भाभी की यहाँ दुल्हन को एक बहुत बड़ा हक़ होता है। अगर वह चाहे तो अपनी सुहागरात में अपंने शौहर के अलावा किन्ही दो मरदों से चुदवा सकती है। और उन दो मरदों का इंतज़ाम उसकी नन्द करती है।
उसने पूंछा :- तो आप क्या चुदवा ना चाहेगीं भाभी जान ?
मैंने जबाब दिया :- मेरा शौहर अगर चाहेगा तो मैं जरूर चुदवा लूंगी नहीं तो नहीं ?
उसने कहा :- अब मैं यह पूंछना चाहती हूँ भाभी की तुम्हे किसी तरह के लण्ड पसंद हैं। मैं चाहती हूँ की मैं तुम्हारी पसंद के ही दो लण्ड तुम्हारे सामने पेश करूं ?
मैंने बताया :- अरे मेरी नन्द रानी तुम जो लण्ड पसंद करोगी मैं वही लण्ड मंजूर कर लूंगी।
सच में मैं यह सब जानकार मन ही मन बहुत खुश हुई।
मैं बनी ठनी हुई पलंग पर बैठी थी तभी मेरा शौहर आया। उसका नाम था राहत अली। देखने में वह हट्टा कट्टा गोरा चिट्टा था। सबसे बड़ी बात की वह क्लीन सेव था। मुझे दाढ़ी मूंछ बिलकुल पसंद नहीं ? मैं दुआ करने लगी की हाय अल्ला अगर इसका लौड़ा भी इसकी तरह हट्टा कट्टा हो तो बहुत अच्छा ? उसने मुझे प्यार किया प्यार से बातें की और फिर मेरे कपड़े उतारने लगा। मैं भी उसके कपड़े खोलन लगी। आखिर में वह मेरी नंगी चूँचियों तक पहुँच गया। मेरी नंगी चूत भी उसके सामने आ गयी। मैंने फिर उसका लण्ड पकड़ कर बाहर निकाल लिया और उसे पूरा नंगा कर दिया। लण्ड देख कर मैं खिल उठी। लण्ड मेरे मन का निकला। मोटा तगड़ा लण्ड पाकर मैं मस्त हो गयी और फिर झुक कर लण्ड चाटने लगी। मेरी चूत चुदासी हो गयी। मुझे यह सोंच सोंच कर और भी मज़ा आने लगा की अभी मुझे दो लण्ड और अपनी चूत में घुसेड़ने को मिलेगें।
मैं बड़ी बेशर्मी से लण्ड से मस्ती करने लगी, लण्ड चाटने चूसने लगी, उसका पेल्हड़ प्यार से चूमने चाटने लगी। लण्ड की झांटें बिलकुल साफ़ थी इसलिए वह बड़ा खूबसूरत लग रहा था। वह भी मेरे नंगे बदन का मज़ा लेने लगा और आखिर में जब उसने अपना मोटा लण्ड मेरी चूत में घुसाया तो मज़ा आ गया। उसने चोदना शुरू किया तो मैं समझ गयी की वह पहली बार बुर नहीं चोद रहा है। वह तो कई लड़कियों की बुर चोद चुका है उसे अच्छा खासा चोदने का अनुभव है। इधर मैं भी अपनी गांड उठा उठा के चुदवा रही थी। उसे भी यह अहसास हुआ की मैं कोई पहली बार नहीं चुदवा रही हूँ। मैं भी खाई खेली हुई हूँ और कई लोगों से चुदवा चुकी हूँ। ऐसा तो हमारे समाज होता ही है। किसी पर चोदा चोदी का कोई प्रतिबन्ध नहीं होता। उसने मुझे हर तरफ से चोदा। सबसे ज्यादा मज़ा मुझे तब आया जब उसने मुझे पीछे से चोदा और लण्ड पर बैठा के चोदा।
थोड़ी देर में मैं भी खलास हो चुकी थी और वह झड़ने लगा। मैंने उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा। मैं सोंचने लगी की यह लण्ड जाने कितनी लड़कियों ने अपने मुंह में लेकर चाटा होगा ? कितनी लड़कियों ने इसका वीर्य पिया होगा ? कितनी लड़कियों ने मेरे मियां के लण्ड का मज़ा लिया होगा ? वह भी सोंच रहा था की मेरी बीवी ने इसी तरह जाने कितने लड़कों का लण्ड चाटा होगा ? जाने कितने लोगो के लण्ड का रस पिया होगा ? जाने कितने लण्ड इसके मुंह की शैर कर चुके होंगें इसकी बुर चोद चुके होंगें।
उसके बाद मेरा मियां चला गया। मैंने भी थोड़ा आराम किया और करीब करीब ३ बजे रात को मेरी नन्द अपनी बड़ी बड़ी और सुडौल चूँचियाँ खोले हुए मेरे पास आ गयी। उसकी चूँचियाँ इतनी हॉट लग रहीं थी की अगर मैं लड़का होती तो लण्ड इनके बीच घुसेड़ देती। उसके पीछे दो नौजवान लड़के भी थे। वह बोली भाभी जान ये है मेरा नंदोई और यह है इसका दोस्त। ये दोनों तुम्हे चोदने के लिए बड़े बेताब हैं। मैंने कहा अरे नन्द रानी पर मेरे मियां ने तो मुझे कुछ बताया ही नहीं ? तब उसने कहा भाभी आप ज़रा मेरे साथ कमरे के बाहर आईये। वह मुझे बगल के कमरे में ले गयी। वह बोली देखो भाभी तेरा मियां यहाँ अपनी भाभी की बुर चोद रहा है। फिर वह मुझे आगे ले गयी और बोली यहाँ देखो मेरी दीदी अपने खालू का लण्ड चूस रही है। और वहां देखो खाला मेरे अब्बू का लौड़ा अपनी भोसड़ा में घुसेड़ कर चुदवा रही है। वह आगे बढ़ी और कहा देखो ये है तेरी देवरानी जो मेरे मियां चुदवा रही है और मैं भी अपने जीजू का लण्ड पीने जा रही हूँ।
यह सब देख कर मैं बड़ी उत्तेजित हो गयी और कहा हां नन्द रानी अब मैं उन दोनों से एक साथ चुदवाऊंगी। हम अपने कमरे में आ गयीं। वो दोनों लड़के नंगे बदन थे केवल एक एक पैजामा पहने हुए थे। नन्द ने एक लड़के के पैजामें का नाड़ा खींच लिया तो वह बिलकुल नंगा हो गया। उसका खड़ा लण्ड मेरे सामने हिलने लगा। तब तक दूसरे लड़के को भी नंगा कर दिया। उसका भी लण्ड साला हिनहिनाने लगा। नन्द ने मुझे दोनों लण्ड पकड़ा दिया और बोली लो सम्भालो अपने ये दोनों भोसड़ी के लण्ड भाभी मैं चली अपने जीजू से चुदवाने। मेरे पकड़ते ही वो दोनों लण्ड और कड़क हो गए। मैं दोनों लण्ड बारी बारी से चाटने लगी और वो दोनों मेरी चूँचियों और चूत से खेलने लगे। सुहागरात में ही दो ग़ैर मरदों के लण्ड मुझे उत्तेजित करने के लिए काफी थे। मैं घनघोर चुदासी हो गयी और तब मैंने नंदोई का लण्ड चूत मे घुसेड़ लिया। मैं गचर गचर अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। साथ ही साथ उसके दोस्त का लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगी।
मैं अपनी ससुराल में पहली बार मैं दो दो लण्ड का मज़ा एक साथ ले रही थी।
दूसरे दिन कई लोग जा चुके थे और कई लोग जाने के लिए तैयार थे।
मैं बैठी हुई थी तो मेरी सास आईं और बोली :- बहू, तेरी बुर चोदी नन्द ने तेरी सुहागरात में तेरा ख्याल रखा की नहीं ? मैंने कहा :- हां सासू जी मेरी नन्द ने मेरा बहुत ख्याल रखा। मेरी नन्द बहुतअच्छी है सासू जी। सास बोली :- हां मैंने उससे कहा था की अपनी भाभी का ख्याल रखना नहीं तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी। अच्छा यह बता तुम्हे मज़ा आया अपनी सुहागरात में, बहू ? तब तक मेरी नन्द आ गयी।
वह बोली :- मज़ा क्यों नहीं आएगा ? मज़ा बिलकुल आया और मज़ा इसलिए खूब आया की कल रात भाभी ने सबकी पोल पट्टी देख ली। कल भाभी ने सबको पराये मरदों चुदवाते हुए देखा लिया। पहले ही दिन सबकी कलई खुल गयी है।
सास बोली :- हाय सबा तू तो बहुत ही हरामजादी है, बहन चोद ? तूने ही रात में सब कुछ दिखाया होगा अपनी भाभी को ?
नन्द बोली :- हां मैंने ही दिखाया था। तो क्या हुआ ? ये सब तो उसे देखना ही था। अरे अम्मी जान, जब ग़ैरों से चुदवाती हो तो छुपाती क्यों हो ? तेरी बहू को जब कुछ जानने का हक़ है।
सास बोली :- अच्छा सबा तू तो बहुत बड़ी बड़ी बातें कर रही है।. मैं तो खुद चाहती हूँ की बहू को सब मालूम हो। तू नहीं बताएगी तो मैं बताऊंगी।
नन्द बोली :- तो फिर बताओ न ? मैंने क्या मना किया है।
सास बोली :- बहू, तेरी बुर तेरी नन्द की बुर।
नन्द बोली :- अम्मी, तेरी बुर तेरी बहू की बुर।
फिर मुझे भी जोश आ गया ।
सास यह सुनकर मुस्कराने लगीं।
मैं भी बोली :- सासू जी, तेरी बुर तेरी बिटिया की बुर ?
हम तीनो इसी बात पर हंसने लगीं।
तब तक सास ने फिर कहा :- बहू, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ?
मैंने कहा :- नन्द रानी, तेरी माँ की बहू की बुर ?
नन्द ने कहा :- भाभी, तेरी सास की बिटिया की बुर ?
यहाँ हम तीनो ने अपनी अपनी चूत की तरफ इशारा करते हुए गालियां दीं जिन्हे मेरी सास ने खूब पसंद किया।
दरअसल मेरी सास यह जानना चाहती थी की मेरी बहू बिलकुल खुल गयी है की नहीं ? उसे गालियां देना आता है की नहीं ? उसे अच्छी तरह चुदवाना आता है की नहीं ? खुदा का शुक्रिया है की मैं सबमे पास हो गयी। अब हम तीनो बिलकुल एक ही तरह हो गयी।
सास ने फिर पूंछा - सबा बेटी यह बता मुझे की मेरी बहू ने अपनी सुहागरात में मरद के अलावा कितने लोगों से चुदवाया ?
सबा ने जबाब दिया :- अरे अम्मी भाभी ने मेरे नंदोई और उसके दोस्त से चुदवाया। मजे की बात यह ही भाभी को दोनों लण्ड पसंद आ गये।
सास बोली :- तो फिर आज अपने मरद का लण्ड पेल दे उसकी चूत में ?
सबा ने कहा - हां आज मैं वही करने जा रही हूँ।
गर्मी हम तीनो ये सी कमरे में बैठी हुई थीं। सबा ने बताया की काफी लोग जा चुके हैं। अब तो मेरा मरद, मेरा खालू और दीदी का ससुर ही बाकी रह गये हैं। तब सास तो फिर बुलाओ न इन तीनो भोसड़ी वालों को यहाँ। दोपहर का समय है। बाहर कोई जा सकता नहीं क्योंकि धूप बहुत है। यहाँ ठंढे ठंढे कमरे में गरम गरम लण्ड का मज़ा लिया जाए न ? मैं सास की बात सुन कर मन ही मन बहुत खुशी हुई और बोली की खुदा करे सबकी सास ऐसी ही हो ? इतनी मस्त, इतनी खूबसूरत, इतनी चुदक्कड़ और इतनी बुर चोदी सास शायद ही किसी की हो जो अपने आगे अपनी बिटिया की बुर और अपनी बहू की चूत चुदवाती हो ? उनके सामने अपने भोसड़ा में लण्ड पेलती हो ?
फिर अचानक तीनो मरद , नन्द का मियां रज़ा, बड़ी नन्द यानी सबा की दीदी का ससुर शब्बीर और सबा का खालू करीम सास के सामने आ गये। तीनो नंगे बदन थे और एक एक पैजामा पहने थे। सास ने शब्बीर को अपने पास बुलाया और कहा यार तुम तो रिश्ते में मेरे देवर लगते हो इसलिए तुमको तो मेरे सामने नंगे नंगे आना चाहिए। ऐसा बोल कर सास ने उसका नाड़ा खींच लिया। पैजामा नीचे गिर पड़ा और उसका खड़ा लण्ड सास के सामने आ गया। सास लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी बोली अरे वाह तेरा लौड़ा तो बड़ा सॉलिड है यार बताओ कल तूने किसी की बुर ली थी ? वह बोला भाभी कल मैंने तेरी बहन की बुर की थी। सास बोली हाय दईया तुम तो बहुत बड़े हरामजादे हो ? मेरी बेटी की भी बुर लेते हो और मेरी बहन की भी बुर लेते हो। ठीक है तो फिर आज मेरी बुर ले लो।
उधर मेरी नन्द ने मुझे अपने मियां का नंगा लण्ड पकड़ा दिया और कहा भाभी लो सम्भालो अपने नंदोई का लण्ड। फिर वह खुद आगे बढ़कर अपने खालू का पैजामा खोला और सबके सामने उसका लौड़ा हिलाने लगी। तब तक हम तीनो के कपड़े भी उतर चुके थे। हम मादर तीनो नंगी हो गयीं तो मरदों के लण्ड में और जोश आ गया। हम अपना अपना लण्ड चूमने चाटने लगीं। आज भी एक अच्छा मस्त माहौल बन गया। मेरी सास तो लण्ड बड़े प्यार से चाटने लगीं और मेरी नन्द बुर चोदी लण्ड का सुपाड़ा आम की गुठली की तरह चाटने लगी । मैं मन में कहने लगी बहन चोद मेरी ससुराल में भी एक से एक बढ़िया लण्ड हैं। मौक़ा पाकर मैं इन सभी लौंड़ों को अपनी माँ के भोसड़ा में भी पेलूँगी।
इतने में शब्बीर लण्ड सास के भोसड़ा में घुसेड़ दिया और मजे से चोदने लगा। सास वाकई देखने वाली थी। उसे किसी तरह की कोई शर्म नहीं की वह अपनी बेटी और बहू के चुदवा रही है। उसकी चुदाने हरकतें तो एक २१ साल की लड़की तरह थीं।
सास बोली - अरे बहू देख ले भोसड़ी की कैसे चोदा जाता है तेरी सास का भोसड़ा ?
तब तक मैं भी नंदोई का लण्ड अपनी चूत में घुसा चुकी थी।
मैंने भी कहा :- तू भी देख ले मेरी हरामजादी सासू, की कैसे चोदी जाती है बहू की बुर ? आगे भी ऐसे ही अपनी बहू की बुर चुदवाती रहना ?
तब तक नन्द भी बोल पड़ी :- हाय मेरी बुर चोदी हिना भाभी, देख तेरी नन्द की बुर कितने मजे से चुद रही है। कल न मैंने तुम्हे चुदवाते हुए देखा और न तुमने मुझे चुदवाते हुए देखा। आज मैं देख रही हूँ की तुम कितनी मस्ती से चुदवा रही हो। अब आगे भी अपनी नन्द की बुर चुदवाना न भूलना ?
एक तरफ चुदाई हो रही थी तो दूसरी तरफ मरदों की निगाह दूसरों की चूत पर थी। फिर अचानक मेरे नंदोई ने लण्ड मेरी चूत से निकाल कर अपनी सास के भोसड़ा में घुसा दिया। वह अपनी बीवी की माँ चोदने लगा। शब्बीर अंकल ने लण्ड मेरी नन्द की चूत में घुसेड़ दिया। वह भी साला अपनी बीवी की बुर समझ कर मेरी नन्द की बुर चोदने लगा। तब तक नन्द का खालू मेरे सामने आया और अपना लण्ड मेरी बुर में पेल दिया। वह मुझे रंडी की तरह चोदने लगा। हम तीनो के लण्ड बदल गये तो मज़ा भी दूना हो गया। फिर तो रात भर इसी तरह लण्ड की अदला बदला होती रही इसमें दो लण्ड और शामिल हो गए। एक तो मेरे जीजा का लण्ड और एक मेरे मामू का लण्ड।
दिन भर लण्ड हिलाती हूँ अम्मी...
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