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मुझे चोदने के साथ साथ मेरी बेटी बहू की बुर भी लेना - Mere sath meri beti aur bahu bhi chodo
मुझे चोदने के साथ साथ मेरी बेटी बहू की बुर भी लेना - Mere sath meri beti aur bahu bhi chodo ; Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.
बहू, देखो यह बिलकुल सच है की मैं तेरे बगैर रह नहीं सकती। भले ही तू मेरे लिए बहुत बड़ी बुर चोदी है, बहुत बड़ी मादर चोद है और बहुत बड़ी भोसड़ी वाली है। लेकिन मैं तेरे बिना एक दिन भी नहीं रह सकती। जानती हो क्यों ? क्योंकि तू नहीं होगी तो मेरा भोसड़ा में कौन पेलेगी लण्ड ? मेरी झांटें कौन उखाड़ेगी ? मेरी गांड में कौन ठोंकेगी लण्ड ? मेरी बिटिया की बुर कौन चोदेगी और रोज़ रोज़ मेरी गांड में ऊँगली कौन करेगी ? तेरे बिना तो मैं चुदासी रह जाऊंगी जो मुझे मंजूर नहीं। देख भोसड़ी की बहू, मुझे और तुझे दोनों को इसी घर में एक साथ रहना है। चाहे तू मेरी गांड कर रह ले, चाहे मैं तेरी गांड मार कर रह लूं। या तो कभी तू मेरी गांड मारा कर और कभी मैं तेरी गांड मारा करूं।
बहू बोली :- अरे सासू जी अभी तो मैं तेरी गांड ही मार रही हूँ पर अब मैं तेरी बिटिया की बुर भी चोदा करूंगी। वह मेरी नन्द है न बुर चोदी ? मैं न उसे छोडूंगी और न उसकी बुर को ? उसकी माँ का भोसड़ा ?
मैंने कहा :- हाय दईया तो तू ऐसा करेगी ? फिर तो मैं भी तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँगी बहू। तेरी बहन की बुर में पेलूँगी लण्ड ? मैं अगर सीधी हूँ तो कभी कभी टेढ़ी भी हो जाती हूँ। ऐसा टेढ़ा लण्ड पेलूँगी तेरी चूत में की वह नावहीँ फंस कर रह जायेगा और तब तेरी चूत क्या तेरी गांड भी फट जाएगी।
बहू ने कहा :- अच्छा आज तू कोई टेढ़ा लण्ड पेल कर देख ले मेरी चूत में। कर ले तू अपने अरमान पूरे। ऐसा कह कर बहू दूसरे कमरे में चली गयी। तभी मैंने फज़ल को फोन कर दिया।
मेरे प्यारे मित्रों, मेरा नाम है शमीमा बेगम और मैं ४५ साल की हूँ। मस्त जवान हूँ, खूबसूरत हूँ और हॉट हूँ। लोग अभी भी मुझे देख कर अपना लण्ड सहलाने लगते हैं। मैं भी मादर चोद बड़ी हरामजादी हूँ और लण्ड की जबरदस्त शौक़ीन हूँ। लण्ड के लिए मैं कुछ भी कर सकती हूँ। यही आदत मेरी बुर चोदी बेटी नूर की भी हो गयी है। वह भी लण्ड बहुत जल्दी सूंघ लेती है और फिर बिना पकड़े उसे छोड़ती नहीं है। इसीलिए वह जैसे ही जवान हुई वैसे ही मैंने उसे अपनी दोस्त बना लिया। अब हम दोनों एक दूसरे से प्यार भरी गालियों से बातें करतीं हैं जैसे तो दो सहेलियां करतीं हैं। कभी मैं उसे बुर चोदी कहती हूँ कभी वह मुझे बुर चोदी कहती है। कभी मैं उसे भोसड़ी वाली कहती हूँ कभी वह मुझे भोसड़ी वाली कहती है। कभी मैं लण्ड उसकी चूत में पेलती हूँ कभी वो लण्ड मेरी चूत में पेलती है। कभी वह मेरी बेटी चोदती है कभी मैं उसकी माँ चोदती हूँ। बड़ा मज़ा आता है यार। अब मेरी बहू नगीना भी इसी तरह की आ गयी है। वह भी माँ की लौड़ी बड़ी मादर चोद है। अब तो मज़ा दूना / तिगुना हो गया है।
देखो न आज एक टेढ़ा लण्ड मेरी चूत में घुसाने के चक्कर में है मेरी बहू। थोड़ी देर में बहू फिर आ गयी। इस बार वह बोली अरी मेरी सासू माँ मैं तेरी गांड में ठोंकूंगी लण्ड ? मैंने कहा अरे मेरी बहन की लौड़ी नगीना एक बात तो बता पहले मुझे ? अभी तू टेढ़ा लण्ड मेरी चूत में पेलने जा रही है और अब कहती है की मैं तेरी गांड में लण्ड ठोकूंगी। तू पहले अच्छी तरह सोंच तो ले की तुझे करना क्या है ? अगर ये सब मेरे साथ करेगी तू तो फिर अपनी नन्द के साथ क्या करेगी तू ? वह बोली नन्द की तो पहले उखाडूँगी झांटें ? झांटें उखाड़ने के बाद सोच्नूंगी की उसकी चूत के साथ क्या किया जाये और उसकी गांड के साथ कैसा सलूक किया जाये ? पर यह सच है की आज नन्द की माँ की चूत जरूर चुदेगी और उसकी गांड भी फटेगी।
तो दोस्तों, देख लिया न आपने मेरी बहू भोसड़ी की मेरी बेटी से कम नहीं है। पर एक बात है की मैं जैसी बहू चाहती थी बिलकुल वैसी ही बहू मिली है मुझे । मुझे तो सच में मेरी गांड मारने वाली बहू चाहिए थी। मेरी बिटिया की बुर चोदने वाली बहू चाहिए थी। मेरे भोसड़ा में लण्ड पेलने वाली बहू चाहिए थी और नगीना में ये सभी गुण मौजूद हैं।
एक दिन बहू भी मेरे सामने बैठी थी और मेरी बेटी भी। मुझे कुछ शरारत सूझी। मुझे यह मालूम करना था की बहू बिंदास होकर गाली वगैरह देती है की नहीं। गालियां देने में शर्माती तो नहीं है ?
मैंने कहा :- बहू, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ?
बहू ने जबाब दिया :- सासू जी, तेरी बिटिया की भाभी की बुर ?
तब तक बेटी भी बोल पड़ी :- भाभी, तेरी सास की बिटिया की बुर ?
मैं यह सब सुनकर बड़ी खुश हुई। मुझे यकीन हो गया की मेरी बहू मेरे घर में राज़ करेगी और हमारे कुनबे का नाम रोशन करेगी। हमारे यहाँ वही कुनबा अच्छा माना जाता है जहाँ लोग ज्यादा से ज्यादा आते जातें है भले ही वो सब चोदने चुदाने ही क्यों न आते हों। मेरी बेटी बहू दोनों ऐसी हैं की उन्हें चोदने और चुदाने के लिए लोगों का आना जाना लगा ही रहेगा। दोनों बुर चोदी लण्ड की शौक़ीन है तो मेरे बाद भी मेरा कुनबा आवाद रहेगा।
तब तक मेरे मुंह से फिर निकला - बेटी, तेरी भाभी की सास का भोसड़ा ?
बेटी ने जबाब दिया :- अम्मी, तेरी बहू की नन्द की चूत ?
उधर से बहू बोली :- नन्द रानी, तेरी माँ की बहू की बुर ?
अब तो बिलकुल पक्का हो गया की ये दोनों मेरी चूत का बाजा बजायेगीं और तब मैं भी न दोनों की चूत का बाजा बजाऊंगी। और हां आज तो मेरी बहू मेरी चूत में टेढ़ा लण्ड पलेगी और मेरी गांड भी मारेगी। मैं इसके लिए बिलकुल तैयार हूँ। पीछे नहीं हटूंगी चाहे कुछ भी हो जाए ?
शाम को हम तीनों दारू पर बैठ गयी। मैं किसी टेढ़े लण्ड का इंतज़ार करने लगी। इतने में दरवाजे की घंटी बज गयी। मेरी बेटी ने दरवाजा खोला तो सामने दो जवान लड़कों को देखा। उनमे से एक बोला मैं नगीना से मिलना चाहता हूँ। बेटी समझ गयी की ये दोनों भाभी के चहेते होंगे तो उसने आवाज़ दी भाभी देखो तुमसे कोई मिलाने आया है। नगीना फ़ायरन दरवाजे पर पहुंची और बोली अरे तुम लोग आ गये। मैं तुम्हारा ही इंतज़ार कर रही थी। बहू ने उन दोनों को अंदर बैठाया और बोली सासू जी ये है रफीक और ये सफीक। ये दोनों मेरे साथ पढ़ते थे और हमारे मोहल्ले में रहते भी थे। वे दोनों कुर्ता पैजामा पहने थे और सर पर टोपी भी। बहू बोली देखो ये है मेरी हरामजादी सासू जी शमीमा बेगम और ये है मेरी बुर चोदी नन्द, नूर। मैं समझ गयी की आज ये दोनों हमें चोदेगें। मेरी बेटी ने भी यही अंदाजा लगाया। आज तो जरूर मेरा भोसड़ा बजेगा और बजेगी मेरी बिटिया की बुर ?
तब तक बहू ने कहा अरे सफीक और रफीक तुम लोग अपनी अपनी टोपी उतारो और पैजामा खोल कर अपने अपने लण्ड का टोपा दिखाओ। हमें तुम्हारी टोपी नहीं तुम्हारे लण्ड का टोपा चाहिए, भोसड़ी वालों । यह सुनकर मैं और नूर दोनों मुस्कारने लगीं। उधर बहू ने रफ़ीक का कुर्ता उतार दिया और उसके पैजामें का नाड़ा खोल दिया। उसने इशारा किया तो नूर ने सफीक के पैजामे का नाड़ा खोल डाला। इतने में फिर कोई आ गया। इस बार मैंने दरवाजा खोला। मैंने कहा हाय दईया फज़ल तू ? वह बोला हां इधर से गुज़र रहा था तो मन हुआ की आपसे मिल लूं। मैंने उसे अंदर बैठाया परिचय करवाया। हमने उसे भी दारू में शामिल कर लिया। थोड़ी देर में कहा फज़ल अब आ ही गये हो तो मुझे चोद कर जाना ? वह बोला अरे भाभी आप भी अपनी बहू बेटी के सामने।
मैंने कहा मेरी बहू बेटी की माँ की चूत ? इनको कम मत समझो। मेरी बहू अपनी सास का भोसड़ा चोदती है और बेटी अपनी माँ की चूत। आज तुम मुझे चोदने के साथ साथ मेरी बेटी बहू की बुर भी लेना। बड़ा मज़ा आएगा तुझे तेरा लण्ड तो साला मोटा है ही। जाने कितनी लड़कियों की बुर ले चुका है। मैं ऐसा बोल कर उसे बड़ी बेशर्मी से नंगा करने लगी। इतने में नूर उठ कर बाहर चली गयी। तब तक मैंने फज़ल को पूरा नंगा कर डाला और बहू ने उन दोनों को। फिर बहू ने भी कपड़े उतार कर रख दिया और मैंने भी। मैं भी बुर चोदी नंगी हो गयी और मेरी बहू भी। मेरी बहू को नंगी देख कर फज़ल का लौड़ा फनफना उठा। उधर मुझे नंगी देख कर सफीक और रफीक के लण्ड टन टना उठे। बहू ने फज़ल का लण्ड पकड़ लिया और मैंने उन दोनों के लण्ड। बहू बोली भोसड़ी के अंकल तेरा लण्ड तो साला बड़ा मोटा है। मेरी तो एक मुठ्ठी में नहीं आ रहा है। मैं तो पहले इसे अपनी नन्द की बुर में घुसेड़ूँगी।
तभी अचानक एक आवाज़ आयी की मैं भी इसे अपनी भाभी की बुर में घुसेड़ूँगी। नगीना ने पीछे मुड़ कर देखा तो वह उसकी नन्द नूर थी। नूर भोसड़ी की बिलकुल नंगी थी और उसके हाथ में एक जबरदस्त लण्ड था। नगीना पहली बार नूर को नंगी देख रही थी। वह कभी नूर को देखती और कभी उसके हाथ के लण्ड को। नगीना भी मस्त हो गयी। तभी नूर बोली अरे भाभी ये है मेरा दोस्त मिस्टर लाइम। यह एक क्रिश्चियन लड़का है। बड़ा मस्त है और मस्त चोदने वाला भी है। मेरी भी नज़र लड़के के लण्ड पर पड़ी तो मैं भी ललचा गयी। मैंने कहा नूर बहन चोद तूने कभी मुझे इसका लण्ड नहीं पकड़ाया ? नूर ने जबाब दिया अरे अम्मी ये तो विदेश चला गया था। अभी दो दिन पहले ही आया है। चुदवाया तो मैंने भी नहीं कभी इससे पर हां २/३ बार इसका लण्ड मुठ्ठ मार पिया है। मुझे इसके लण्ड का मुठ्ठ मारना अच्छा लगता है। मैंने कहा बेटी नूर नॉन मुस्लिम लण्ड का मुठ्ठ मारने में बड़ा मज़ा आता है।
बेटी ने बहू की चूत में ऊँगली घुसा कर देखा तो पाया की चूत तो बिलकुल गरम भी है और गीली भी। बस बेटी ने लाइम का लण्ड बहू की चूत में पेल दिया। तब तक फज़ल ने अपना लण्ड बेटी की बुर में घुसा दिया। बेटी फज़ल से चुदवाने लगी और बहू लाइम से ? इधर सफीक ने लण्ड मेरे भोसड़ा में पेला और रफीक ने लण्ड मेरे मुंह में ठेल दिया। मैं रफीक का लण्ड चाटते हुए सफीक से दनादन्न चुदवाने लगी। हम तीनो की बुर चुदने लगी। तभी बहू ने रफीक को इशारा किया तो उसने अपना लण्ड मेरी गांड में ठोंक दिया। लण्ड गांड में घुसा तो थोड़ा दर्द तो हुआ पर मैं गांड भी मरवाने लगी। मैं बोली हाय दईया बहू अब तू खुले आम अपनी सास की गांड मरवा रही है। तू तो हमसे ज्यादा बेशर्म हो गई है बहू। वह बोली अरे सासू जी गांड मरवाने में भी मज़ा आता है। अब तो मैं जब कब तेरी गांड मारा करूंगी। अभी तो मैं तेरी बिटिया की गांड में भी लण्ड पेलूँगी। अपनी नन्द की गांड मारना मेरा हक़ है सासू जी।
तब तक उधर से मेरी बेटी बोली हाय दईया भाभी जान अगर तुझे अपनी नन्द की बुर चोदना और उसकी गांड मारने का हक़ है तो मुझे भी अपनी भाभी की चूत में लण्ड पेलना और उसकी गांड में लण्ड ठोंकने का हक़ है। मैं भी अपने हक़ का इस्तेमाल करूंगी मेरी मादर चोद भाभी जान। एक तरफ इसी तरह की गन्दी गन्दी बातें हो रहीं थीं और दूसरी तरफ हम तीनो की बुर चोदी जा रही थी। बाहर पानी बरस रहा था और अंदर चूत फाड़ी जा रही थी। ऐसे में बड़ा मज़ा आ रहा था। बाहर से ठंढी ठण्ढी फुहार आ रही थी और अंदर गरम गरम लण्ड घुसा हुआ था। मैंने कहा फज़ल अंकल तू मुझे अपनी बीवी समझ के चोद रहा है ? तेरे लण्ड ने मेरी बुर को अपनी जागीर समझ लिया है क्या ? साला बिना इज़ाज़त के बार बार मेरी चूत में घुसता चला जा रहा है। उधर मैंने कहा लाइम भोसड़ी के तेरा लण्ड मेरी बेटी की माँ चोद रहा है, तेरी बहू की सास का भोसड़ा चोद रहा है। तुझे अपने लण्ड पर कोई कण्ट्रोल नहीं है ?
तब तक सफीक ने अपना लण्ड मेरी गांड में ठोंक दिया। मैं बोली हाय राजा अब तुम दोनों ही मेरी गांड मारोगे क्या ? ये मेरी बुर चोदी बहू आज मेरी गांड मरवाने में कोई कसर उठा नहीं रखेगी। पर जाने क्यों मुझे अपनी बेटी बहू के आगे गांड मरवाने में भी मज़ा आ रहा था। थोड़ी देर बाद बहू ने लाइम का लौड़ा मेरी गांड में पेला और सफीक का लौड़ा मेरी बेटी की बुर में घुसा दिया। बेटी ने फज़ल का लण्ड बहू की बुर में पेल दिया। लण्ड की अदला बदली हो गयी तो मज़ा भी नये तरीके का आने लगा। बाद में जब एक एक करके लण्ड खलास होने लगे तो हम सबने मिलकर झड़ते हुए लण्ड चाटे।
एक दिन मेरी नन्द समीना आ गयी। उसके साथ उसकी बेटी ज़ारा भी थी। उसकी बेटी मेरी बेटी से एक साल बड़ी है। उसकी शादी भी हो गयी है। हम सब बातें करने लगीं। तब तक मेरी बेटी नूर भी आ गयी. वह भी बातों में शामिल हो गयी।
बहू, देखो यह बिलकुल सच है की मैं तेरे बगैर रह नहीं सकती। भले ही तू मेरे लिए बहुत बड़ी बुर चोदी है, बहुत बड़ी मादर चोद है और बहुत बड़ी भोसड़ी वाली है। लेकिन मैं तेरे बिना एक दिन भी नहीं रह सकती। जानती हो क्यों ? क्योंकि तू नहीं होगी तो मेरा भोसड़ा में कौन पेलेगी लण्ड ? मेरी झांटें कौन उखाड़ेगी ? मेरी गांड में कौन ठोंकेगी लण्ड ? मेरी बिटिया की बुर कौन चोदेगी और रोज़ रोज़ मेरी गांड में ऊँगली कौन करेगी ? तेरे बिना तो मैं चुदासी रह जाऊंगी जो मुझे मंजूर नहीं। देख भोसड़ी की बहू, मुझे और तुझे दोनों को इसी घर में एक साथ रहना है। चाहे तू मेरी गांड कर रह ले, चाहे मैं तेरी गांड मार कर रह लूं। या तो कभी तू मेरी गांड मारा कर और कभी मैं तेरी गांड मारा करूं।
बहू बोली :- अरे सासू जी अभी तो मैं तेरी गांड ही मार रही हूँ पर अब मैं तेरी बिटिया की बुर भी चोदा करूंगी। वह मेरी नन्द है न बुर चोदी ? मैं न उसे छोडूंगी और न उसकी बुर को ? उसकी माँ का भोसड़ा ?
मैंने कहा :- हाय दईया तो तू ऐसा करेगी ? फिर तो मैं भी तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँगी बहू। तेरी बहन की बुर में पेलूँगी लण्ड ? मैं अगर सीधी हूँ तो कभी कभी टेढ़ी भी हो जाती हूँ। ऐसा टेढ़ा लण्ड पेलूँगी तेरी चूत में की वह नावहीँ फंस कर रह जायेगा और तब तेरी चूत क्या तेरी गांड भी फट जाएगी।
बहू ने कहा :- अच्छा आज तू कोई टेढ़ा लण्ड पेल कर देख ले मेरी चूत में। कर ले तू अपने अरमान पूरे। ऐसा कह कर बहू दूसरे कमरे में चली गयी। तभी मैंने फज़ल को फोन कर दिया।
मेरे प्यारे मित्रों, मेरा नाम है शमीमा बेगम और मैं ४५ साल की हूँ। मस्त जवान हूँ, खूबसूरत हूँ और हॉट हूँ। लोग अभी भी मुझे देख कर अपना लण्ड सहलाने लगते हैं। मैं भी मादर चोद बड़ी हरामजादी हूँ और लण्ड की जबरदस्त शौक़ीन हूँ। लण्ड के लिए मैं कुछ भी कर सकती हूँ। यही आदत मेरी बुर चोदी बेटी नूर की भी हो गयी है। वह भी लण्ड बहुत जल्दी सूंघ लेती है और फिर बिना पकड़े उसे छोड़ती नहीं है। इसीलिए वह जैसे ही जवान हुई वैसे ही मैंने उसे अपनी दोस्त बना लिया। अब हम दोनों एक दूसरे से प्यार भरी गालियों से बातें करतीं हैं जैसे तो दो सहेलियां करतीं हैं। कभी मैं उसे बुर चोदी कहती हूँ कभी वह मुझे बुर चोदी कहती है। कभी मैं उसे भोसड़ी वाली कहती हूँ कभी वह मुझे भोसड़ी वाली कहती है। कभी मैं लण्ड उसकी चूत में पेलती हूँ कभी वो लण्ड मेरी चूत में पेलती है। कभी वह मेरी बेटी चोदती है कभी मैं उसकी माँ चोदती हूँ। बड़ा मज़ा आता है यार। अब मेरी बहू नगीना भी इसी तरह की आ गयी है। वह भी माँ की लौड़ी बड़ी मादर चोद है। अब तो मज़ा दूना / तिगुना हो गया है।
देखो न आज एक टेढ़ा लण्ड मेरी चूत में घुसाने के चक्कर में है मेरी बहू। थोड़ी देर में बहू फिर आ गयी। इस बार वह बोली अरी मेरी सासू माँ मैं तेरी गांड में ठोंकूंगी लण्ड ? मैंने कहा अरे मेरी बहन की लौड़ी नगीना एक बात तो बता पहले मुझे ? अभी तू टेढ़ा लण्ड मेरी चूत में पेलने जा रही है और अब कहती है की मैं तेरी गांड में लण्ड ठोकूंगी। तू पहले अच्छी तरह सोंच तो ले की तुझे करना क्या है ? अगर ये सब मेरे साथ करेगी तू तो फिर अपनी नन्द के साथ क्या करेगी तू ? वह बोली नन्द की तो पहले उखाडूँगी झांटें ? झांटें उखाड़ने के बाद सोच्नूंगी की उसकी चूत के साथ क्या किया जाये और उसकी गांड के साथ कैसा सलूक किया जाये ? पर यह सच है की आज नन्द की माँ की चूत जरूर चुदेगी और उसकी गांड भी फटेगी।
तो दोस्तों, देख लिया न आपने मेरी बहू भोसड़ी की मेरी बेटी से कम नहीं है। पर एक बात है की मैं जैसी बहू चाहती थी बिलकुल वैसी ही बहू मिली है मुझे । मुझे तो सच में मेरी गांड मारने वाली बहू चाहिए थी। मेरी बिटिया की बुर चोदने वाली बहू चाहिए थी। मेरे भोसड़ा में लण्ड पेलने वाली बहू चाहिए थी और नगीना में ये सभी गुण मौजूद हैं।
एक दिन बहू भी मेरे सामने बैठी थी और मेरी बेटी भी। मुझे कुछ शरारत सूझी। मुझे यह मालूम करना था की बहू बिंदास होकर गाली वगैरह देती है की नहीं। गालियां देने में शर्माती तो नहीं है ?
मैंने कहा :- बहू, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ?
बहू ने जबाब दिया :- सासू जी, तेरी बिटिया की भाभी की बुर ?
तब तक बेटी भी बोल पड़ी :- भाभी, तेरी सास की बिटिया की बुर ?
मैं यह सब सुनकर बड़ी खुश हुई। मुझे यकीन हो गया की मेरी बहू मेरे घर में राज़ करेगी और हमारे कुनबे का नाम रोशन करेगी। हमारे यहाँ वही कुनबा अच्छा माना जाता है जहाँ लोग ज्यादा से ज्यादा आते जातें है भले ही वो सब चोदने चुदाने ही क्यों न आते हों। मेरी बेटी बहू दोनों ऐसी हैं की उन्हें चोदने और चुदाने के लिए लोगों का आना जाना लगा ही रहेगा। दोनों बुर चोदी लण्ड की शौक़ीन है तो मेरे बाद भी मेरा कुनबा आवाद रहेगा।
तब तक मेरे मुंह से फिर निकला - बेटी, तेरी भाभी की सास का भोसड़ा ?
बेटी ने जबाब दिया :- अम्मी, तेरी बहू की नन्द की चूत ?
उधर से बहू बोली :- नन्द रानी, तेरी माँ की बहू की बुर ?
अब तो बिलकुल पक्का हो गया की ये दोनों मेरी चूत का बाजा बजायेगीं और तब मैं भी न दोनों की चूत का बाजा बजाऊंगी। और हां आज तो मेरी बहू मेरी चूत में टेढ़ा लण्ड पलेगी और मेरी गांड भी मारेगी। मैं इसके लिए बिलकुल तैयार हूँ। पीछे नहीं हटूंगी चाहे कुछ भी हो जाए ?
शाम को हम तीनों दारू पर बैठ गयी। मैं किसी टेढ़े लण्ड का इंतज़ार करने लगी। इतने में दरवाजे की घंटी बज गयी। मेरी बेटी ने दरवाजा खोला तो सामने दो जवान लड़कों को देखा। उनमे से एक बोला मैं नगीना से मिलना चाहता हूँ। बेटी समझ गयी की ये दोनों भाभी के चहेते होंगे तो उसने आवाज़ दी भाभी देखो तुमसे कोई मिलाने आया है। नगीना फ़ायरन दरवाजे पर पहुंची और बोली अरे तुम लोग आ गये। मैं तुम्हारा ही इंतज़ार कर रही थी। बहू ने उन दोनों को अंदर बैठाया और बोली सासू जी ये है रफीक और ये सफीक। ये दोनों मेरे साथ पढ़ते थे और हमारे मोहल्ले में रहते भी थे। वे दोनों कुर्ता पैजामा पहने थे और सर पर टोपी भी। बहू बोली देखो ये है मेरी हरामजादी सासू जी शमीमा बेगम और ये है मेरी बुर चोदी नन्द, नूर। मैं समझ गयी की आज ये दोनों हमें चोदेगें। मेरी बेटी ने भी यही अंदाजा लगाया। आज तो जरूर मेरा भोसड़ा बजेगा और बजेगी मेरी बिटिया की बुर ?
तब तक बहू ने कहा अरे सफीक और रफीक तुम लोग अपनी अपनी टोपी उतारो और पैजामा खोल कर अपने अपने लण्ड का टोपा दिखाओ। हमें तुम्हारी टोपी नहीं तुम्हारे लण्ड का टोपा चाहिए, भोसड़ी वालों । यह सुनकर मैं और नूर दोनों मुस्कारने लगीं। उधर बहू ने रफ़ीक का कुर्ता उतार दिया और उसके पैजामें का नाड़ा खोल दिया। उसने इशारा किया तो नूर ने सफीक के पैजामे का नाड़ा खोल डाला। इतने में फिर कोई आ गया। इस बार मैंने दरवाजा खोला। मैंने कहा हाय दईया फज़ल तू ? वह बोला हां इधर से गुज़र रहा था तो मन हुआ की आपसे मिल लूं। मैंने उसे अंदर बैठाया परिचय करवाया। हमने उसे भी दारू में शामिल कर लिया। थोड़ी देर में कहा फज़ल अब आ ही गये हो तो मुझे चोद कर जाना ? वह बोला अरे भाभी आप भी अपनी बहू बेटी के सामने।
मैंने कहा मेरी बहू बेटी की माँ की चूत ? इनको कम मत समझो। मेरी बहू अपनी सास का भोसड़ा चोदती है और बेटी अपनी माँ की चूत। आज तुम मुझे चोदने के साथ साथ मेरी बेटी बहू की बुर भी लेना। बड़ा मज़ा आएगा तुझे तेरा लण्ड तो साला मोटा है ही। जाने कितनी लड़कियों की बुर ले चुका है। मैं ऐसा बोल कर उसे बड़ी बेशर्मी से नंगा करने लगी। इतने में नूर उठ कर बाहर चली गयी। तब तक मैंने फज़ल को पूरा नंगा कर डाला और बहू ने उन दोनों को। फिर बहू ने भी कपड़े उतार कर रख दिया और मैंने भी। मैं भी बुर चोदी नंगी हो गयी और मेरी बहू भी। मेरी बहू को नंगी देख कर फज़ल का लौड़ा फनफना उठा। उधर मुझे नंगी देख कर सफीक और रफीक के लण्ड टन टना उठे। बहू ने फज़ल का लण्ड पकड़ लिया और मैंने उन दोनों के लण्ड। बहू बोली भोसड़ी के अंकल तेरा लण्ड तो साला बड़ा मोटा है। मेरी तो एक मुठ्ठी में नहीं आ रहा है। मैं तो पहले इसे अपनी नन्द की बुर में घुसेड़ूँगी।
तभी अचानक एक आवाज़ आयी की मैं भी इसे अपनी भाभी की बुर में घुसेड़ूँगी। नगीना ने पीछे मुड़ कर देखा तो वह उसकी नन्द नूर थी। नूर भोसड़ी की बिलकुल नंगी थी और उसके हाथ में एक जबरदस्त लण्ड था। नगीना पहली बार नूर को नंगी देख रही थी। वह कभी नूर को देखती और कभी उसके हाथ के लण्ड को। नगीना भी मस्त हो गयी। तभी नूर बोली अरे भाभी ये है मेरा दोस्त मिस्टर लाइम। यह एक क्रिश्चियन लड़का है। बड़ा मस्त है और मस्त चोदने वाला भी है। मेरी भी नज़र लड़के के लण्ड पर पड़ी तो मैं भी ललचा गयी। मैंने कहा नूर बहन चोद तूने कभी मुझे इसका लण्ड नहीं पकड़ाया ? नूर ने जबाब दिया अरे अम्मी ये तो विदेश चला गया था। अभी दो दिन पहले ही आया है। चुदवाया तो मैंने भी नहीं कभी इससे पर हां २/३ बार इसका लण्ड मुठ्ठ मार पिया है। मुझे इसके लण्ड का मुठ्ठ मारना अच्छा लगता है। मैंने कहा बेटी नूर नॉन मुस्लिम लण्ड का मुठ्ठ मारने में बड़ा मज़ा आता है।
बेटी ने बहू की चूत में ऊँगली घुसा कर देखा तो पाया की चूत तो बिलकुल गरम भी है और गीली भी। बस बेटी ने लाइम का लण्ड बहू की चूत में पेल दिया। तब तक फज़ल ने अपना लण्ड बेटी की बुर में घुसा दिया। बेटी फज़ल से चुदवाने लगी और बहू लाइम से ? इधर सफीक ने लण्ड मेरे भोसड़ा में पेला और रफीक ने लण्ड मेरे मुंह में ठेल दिया। मैं रफीक का लण्ड चाटते हुए सफीक से दनादन्न चुदवाने लगी। हम तीनो की बुर चुदने लगी। तभी बहू ने रफीक को इशारा किया तो उसने अपना लण्ड मेरी गांड में ठोंक दिया। लण्ड गांड में घुसा तो थोड़ा दर्द तो हुआ पर मैं गांड भी मरवाने लगी। मैं बोली हाय दईया बहू अब तू खुले आम अपनी सास की गांड मरवा रही है। तू तो हमसे ज्यादा बेशर्म हो गई है बहू। वह बोली अरे सासू जी गांड मरवाने में भी मज़ा आता है। अब तो मैं जब कब तेरी गांड मारा करूंगी। अभी तो मैं तेरी बिटिया की गांड में भी लण्ड पेलूँगी। अपनी नन्द की गांड मारना मेरा हक़ है सासू जी।
तब तक उधर से मेरी बेटी बोली हाय दईया भाभी जान अगर तुझे अपनी नन्द की बुर चोदना और उसकी गांड मारने का हक़ है तो मुझे भी अपनी भाभी की चूत में लण्ड पेलना और उसकी गांड में लण्ड ठोंकने का हक़ है। मैं भी अपने हक़ का इस्तेमाल करूंगी मेरी मादर चोद भाभी जान। एक तरफ इसी तरह की गन्दी गन्दी बातें हो रहीं थीं और दूसरी तरफ हम तीनो की बुर चोदी जा रही थी। बाहर पानी बरस रहा था और अंदर चूत फाड़ी जा रही थी। ऐसे में बड़ा मज़ा आ रहा था। बाहर से ठंढी ठण्ढी फुहार आ रही थी और अंदर गरम गरम लण्ड घुसा हुआ था। मैंने कहा फज़ल अंकल तू मुझे अपनी बीवी समझ के चोद रहा है ? तेरे लण्ड ने मेरी बुर को अपनी जागीर समझ लिया है क्या ? साला बिना इज़ाज़त के बार बार मेरी चूत में घुसता चला जा रहा है। उधर मैंने कहा लाइम भोसड़ी के तेरा लण्ड मेरी बेटी की माँ चोद रहा है, तेरी बहू की सास का भोसड़ा चोद रहा है। तुझे अपने लण्ड पर कोई कण्ट्रोल नहीं है ?
तब तक सफीक ने अपना लण्ड मेरी गांड में ठोंक दिया। मैं बोली हाय राजा अब तुम दोनों ही मेरी गांड मारोगे क्या ? ये मेरी बुर चोदी बहू आज मेरी गांड मरवाने में कोई कसर उठा नहीं रखेगी। पर जाने क्यों मुझे अपनी बेटी बहू के आगे गांड मरवाने में भी मज़ा आ रहा था। थोड़ी देर बाद बहू ने लाइम का लौड़ा मेरी गांड में पेला और सफीक का लौड़ा मेरी बेटी की बुर में घुसा दिया। बेटी ने फज़ल का लण्ड बहू की बुर में पेल दिया। लण्ड की अदला बदली हो गयी तो मज़ा भी नये तरीके का आने लगा। बाद में जब एक एक करके लण्ड खलास होने लगे तो हम सबने मिलकर झड़ते हुए लण्ड चाटे।
एक दिन मेरी नन्द समीना आ गयी। उसके साथ उसकी बेटी ज़ारा भी थी। उसकी बेटी मेरी बेटी से एक साल बड़ी है। उसकी शादी भी हो गयी है। हम सब बातें करने लगीं। तब तक मेरी बेटी नूर भी आ गयी. वह भी बातों में शामिल हो गयी।
- ज़ारा बोली - हाय नूर सुना है आजकल तू बहुत बड़ी बुर चोदी हो रही है ?
- वह बोली - हो नहीं रही हूँ। हो गयी हूँ मैं बहुत बड़ी बुर चोदी। अब बुर है तो ससुरी चुदेगी ही और चुदेगी तो मैं बुर चोदी हो ही जाऊंगी।
- समीना - हाय अल्ला, तू तो बातें भी बहुत अच्छी अच्छी करती है नूर।
- मैंने कहा - हां मेरी बेटी बहू दोनों ही बातों में बड़ी तेज है बहन चोद।
- समीना - हां हां बिलकुल। तेज तो मेरी भी बेटी है भोसड़ी वाली। इतनी तेज है की अपनी माँ की चूत में घुसेड़ देती है लण्ड ? अभी कल ही इसने अपने ससुर का लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और बोली अम्मी बड़ा मोटा लण्ड है मेरे ससुर का ? तेरी चूत को बड़ा मज़ा आएगा ?
- मैंने कहा - है रब्बा इसका मतलब तेरी बेटी अपने ससुर से चुदवाती है ?
- समीना - ससुर क्या ? वह तो सबसे चुदवाकर आयी है अपनी ससुराल से ? बड़ी बेशरम है मेरी बेटी। न उसे अपनी माँ चुदाने में कोई शर्म, न नन्द की बुर चुदाने में और न अपनी सास का भोसड़ा चुदाने में ?
- ज़ारा - अरे मामी जान असली बात तो यह है की मेरी अम्मी खुद ही बहुत बेशर्म है। वह भी मेरी बुर में लौड़ा पेल देती है। अपनी बिटिया की बुर चुदाने में उसे भी कई शर्म नहीं है ?
- बहू ने कहा :- हाय मेरी नन्द रानी ज़ारा। बेटी की बुर हो चाहे बहू की बुर। सास की बुर हो चाहे नन्द की बुर। जेठानी की बुर हो चाहे देवरानी की बुर। माँ की बुर हो चाहे बेटी की बुर लण्ड तो सबको चाहिए न ? भला कोई कोई ऐसी बुर चोदी बुर है जिसे लण्ड नहीं चाहिए ?
- मैंने कहा - हाय नगीना बहू तेरी बात तो बिलकुल सच है। तो फिर पेलो न लण्ड ज़ारा की बुर में , उसकी माँ की बुर में अपनी नन्द की बुर में और सैस के भोसड़ा में ,,,,?
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