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बड़ा अच्छा धंधा है अगर ठीक से किया जाए तो - Badaa achchha dhandha hai thik kren to
मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी , बड़ा अच्छा धंधा है अगर ठीक से किया जाए तो - Badaa achchha dhandha hai thik kren to.
पहले कभी हम लोग बहुत गरीब थे। ज़िन्दगी बहुत मुश्किल से कट रही थी। लेकिन एक दिन अम्मी ने एक आदमी की झांटें बना दीं। तब तक मैं जवान हो चुकी थी। मैंने उस दिन अम्मी को झांटें बनाते हुए देख लिया था। उस आदमी का लण्ड भी देख लिया था। उस आदमी ने चलते समय अम्मी को बहुत पैसे दिए और कहा अगली बार मैं तेरी बेटी से झांटें बनवाऊंगा। अम्मी मुस्करा पड़ी और हां कर दी। वह आदमी अगले हफ्ते ही आ गया और कहा समीना बेगम आज मैं तेरी बेटी से झांटे बनवाऊंगा। लेकिन एक गुज़ारिश है की वह नंगी नंगी मेरी झांटें बनाये ? हमें पैसों की जरुरत थी तो अम्मी मान गईं।
उस दिन मैं उस आदमी के सामने नंगी हुई और उसे नंगा करके उसका लण्ड पकड़ लिया। पहली बार मैंने अम्मी के सामने किसी का लण्ड पकड़ा था। अम्मी ने कहा बेटी आलिया शर्माने की जरुरत नहीं है यह अपना धंधा है। तुम खूब मस्ती से झांटें बनाओ और अंकल को खुश कर दो। जब झांटें बन गयी तो वह बोला अब तुम मेरा लण्ड मुठ्ठी में लेकर सड़का मार दो। उस आदमी ने मुझे सड़का मारना भी सिखा दिया। मैंने भी मस्ती से लण्ड का सड़का मारा। वह मेरे नंगे बदन पर ही झड़ गया। मैं जान गयी की उसने एन्जॉय किया है। चलते समय उसने मुझे २,०००/- रुपया दिया। यह रकम मेरे बहुत थी। हम दोनों बहुत खुश हुई। उस दिन से झांटें बनाने का धंधा चल पड़ा।
एक हफ्ता गुज़र गया। वही आदमी फिर आया और मुझसे झांटें बनवाई। उसके बाद उसने कहा समीना बेगम आज मैं तेरी बेटी की बुर लूंगा। तेरे सामने ही तेरी बेटी चोदूंगा। इसे चोदना और चुदाना अच्छी तरह सिखा दूंगा। तुम चिंता न करो। मैं इसका ख्याल रखूंगा और इसे तनिक भी चोट नहीं पहुंचाऊंगा। यह हमेशा खुश रहेगी। लेकिन मैं पहले इसे लण्ड चाटना, लण्ड चूसना और लण्ड पीना सिखाऊंगा। ऐसा बोल कर उसने लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया और कहा बेटी आलिया अब धीरे धीरे तुम अंदर ही अंदर अपनी जबान मेरे लण्ड के चारों ओर घुमाओ। ऐसा करने से मुझे भी मज़ा आया और उसे भी। मैं फिर अपने आप ही लण्ड चूसना सीख गयी। फिर उसने बड़े प्यार से मुझे चोदा। अम्मी के सामने मुझे चोदा। चलते समय उसने मुझे १०,०००/- रुपया दिया। इतनी बड़ी रकम पाकर मैं बहुत खुश हुई और अम्मी भी। फिर क्या मैं झांटें बनाने के बाद चुदवाने भी लगी और हमारा धंधा दिन दूना रात चौगुना बढ़ने लगा। मुझे पैसे भी मिलते और लण्ड भी। अम्मी तो पहले से ही चुदवाती थीं। आगे चल कर मुझे हर रोज़ २/३ हज़ार बक्सीस भी मिलने लगी।
एक दिन अम्मी मजाक में बोली - आलिया तेरी माँ की चूत ? आजकल तू बहुत ज्यादा अपनी माँ चुदाने लगी है। मैंने भी मस्ती से जबाब दिया - तेरी बिटिया की बुर अम्मी। आजकल तू भी अपनी बेटी की चूत में लण्ड पे लण्ड पेलवाने लगी है। तेरी बहन का भोसड़ा ?
इतने में मेरी खाला आ गयीं उसने मेरी गाली सुन ली।
वह बोली आलिया तेरी माँ की बहन की बुर ? तू अपनी माँ चुदवाकर बहुत बड़ी धंधे वाली बन गयी है। ?
मैंने कहा - खाला मुझे सब मालूम है। तू भी अपनी बिटिया चुदवाती है। तेरी बहन का लण्ड ? तू भी तो बुर चोदी झांटें बनाने के काम करती है। तेरी बेटी बहू का भोसड़ा।
तो दोस्तों, हमारे यहाँ लड़कों की झांटें बनायीं जातीं हैं लड़कियों की नहीं।लड़कियों की झांट बनाने वाला पार्लर अलग है। वह मेरी खाला जान और उसकी बेटी चलाती है। वहां कुछ लड़के हैं जो नंगे होकर लड़कियों की झांटें बनाते हैं। उसका भी धंधा खूब चल रहा है। खाला अपना भोसड़ा चुदवाती हैं, उसकी बेटी और बहू अपनी बुर चुदवाती हैं। लड़कियां झांटें बनवाने के साथ साथ लण्ड पीती भी हैं और लण्ड अपनी चूत में पेलती भी हैं। बदले में अच्छी खासी रकम देकर जाती हैं। हमारे धंधे से ५ साल हो चुके हैं। इन पांच सालो में मैंने अपना मकान बनवा लिया। अब हम दोनों बड़ी मौज़ मस्ती से रहने लगी और जम कर ऐय्यासी करने लगी। इसके लिए हमने कई जवान लड़कियां भी काम पर रख लीं। हम सब लड़कों को खुश करने के लिए आपस में गाली गलौज भी करने लगीं। मैं अम्मी से भी खूब गाली गलौज करती थी और लड़के सुन सुन कर मज़ा लेने लगे।
एक दिन खाला आ गयी। उसने भी लड़कियों की झांटें बनवा बनवा कर , अपना भोसड़ा चुदवा चुदवा कर और अपनी बेटी की बुर भी चुदवा चुदवा कर अपना महल खड़ा कर लिया।
आते ही बोली - आलिया, तू भोसड़ी की अपनी माँ चुदवा चुदवा कर बड़ी ऐय्यासी कर रही है। लड़कों की झांटें बना बना कर तू बहुत दौलत वाली हो गयी है।
मैंने कहा : खाला जान मेरे पास पैसा है , मैं जवान हूँ, मेरा पास हुश्न है, एक मस्तानी चूत है और दो मस्त मस्त चूँचियाँ है, मैं बेहद खूबसूरत हूँ तो क्यों न ऐय्यासी करूं ? मैं तो करूँगी। तेरी गांड जलती है तो जले ? और फिर तू भी तो लड़कियों की झांटें बनवा बनवा कर बड़ी दौलत वाली हो गयी है।
मेरी खाला का नाम है ममूना बेगम और उसकी बेटी का नाम है रफ़ा।
खाला बोली :- देख माँ की लौड़ी आलिया धंधा केवल धंधा होता है। वह कैसा भी हो उसे किया जाता है। मैं झांट बनाऊँ चाहे गांड मराऊं पर हो तो गयी हूँ दलौत वाली। रफा भी अपनी माँ चुदाये चाहे बहन पर माल तो कमा रही है।
मैंने कहा :- अरे खाला जान मैंने सुना है की तू अपनी बेटी की बुर में लौड़ा घुसेड़ती है।
वह बोली :- तो क्या हुआ ? चोदा चोदी में कोई माँ बेटी नहीं देखी जाती। वहां तो सिर्फ लौड़ा और बुर देखी जाती है। मेरे पार्लर में माँ बेटी दोनों एक साथ झांट बनवाने आती हैं। दोनों भोसड़ी की झांट बनवाकर चुदवाती जरूर हैं। एक दूसरे के सामने चुदवाती हैं। न कोई डर न कोई शर्म। एक दूसरे को गालियां भी खूब देती है। माँ कहती है - बेटी तेरी माँ की चूत ? बेटी कहती है - अम्मी तेरी बेटी की बुर ? हम लोगों को सुन सुन कर बड़ा मज़ा आता है। तब तक उसकी बेटी रफा आ गयी।
आते ही वह बोली :- आलिया तेरी खाला की बहन का भोसड़ा ? तेरी माँ की बहन की बुर ? मैं तो माँ बेटी की बुर चुदवा चुदवा कर बड़ी बेशर्म हो गयी हूँ।
एक दिन शाम को किसी ने दरवाजा खटखटाया तो अम्मी ने खोला। बाहर एक आदमी खड़ा था। अम्मी ने उसे अंदर किया और बड़े प्यार से सोफा पर बैठा दिया। मैं उस आदमी को देख कर उसे दिल दे बैठी। वह था तो लगभग मेरी अम्मी की उम्र का पर था बड़ा हैंडसम। मेरी नियत उस पर ख़राब हो गयी। वह बोला मेरा नाम हिल्टॉन है मैं यहाँ ,,,,,,,,,,,,,? अम्मी बोली ठीक है आप थोड़ा आराम तो कर लें। फिर वह बोली आप क्या लेगें व्हिस्की या रम ? वह बोला रम ले लूंगा। अम्मी ने उसे शराब उसके हाथ में पकड़ा दी, एक गिलास मुझे दिया और एक गिलास खुद लेकर बैठ गयीं। हम तीनो शराब पीने लगे। अम्मी ने कहा हां अब बोलो जो आप कहने जा रहे थे। उसने कहा मैं अपनी झांटें बनवाने आया हूँ। अम्मी ने कहा ठीक है आप थोड़ा शराब का मज़ा ले लो फिर मैं आपका काम कर दूँगी। वह बोला नहीं मेम मैं आपसे नहीं, आपकी बेटी से झांटें बनवाऊंगा। बस मैं उठी और कहा हां अंकल मैं आपकी झांटें बना दूँगी।
मैंने एक ही बार में शराब ख़तम की और अपने कपड़े वहीँ उतारने लगी। मैंने जब अपनी चूँचियाँ खोलीं तो उसकी निगाहें वहीँ पर जम गयी। मैंने अपनी चूत नहीं दिखाई बल्कि उसके कपड़े उतारना शुरू किया। जब वह चड्ढी में आ गया तो मैं उसे पीछे कमरे में ले गयी और उसकी टांगें फैलाकर उसे चित लिटा दिया। फिर मैंने अपनी पैंटी खोल कर अपनी चूत के दर्शन करा दिया। मैंने मुस्कराते हुए उसकी चड्ढी खोल डाली तो उसका लण्ड फनफनाकर मेरे सामने खड़ा हो गया। लण्ड देखते ही मुझे एक करंट लगा। इतना खूबसूरत लण्ड मैंने पहले कभी नहीं देखा ? मैंने जब उसे पकड़ा तो दूसरा झटका लगा। इतना मोटा और इतना सख्त लण्ड भी कभी नहीं देखा। उसके पेल्हड़ सहलाये तो मज़ा आ गया। झांटें कोई बहुत बड़ी नहीं थीं। गोरे गोरे लण्ड पर काली काली छोटी छोटी झांटें सेक्सी लग रहीं थीं। मैंने झांटें बनाना शुरू कर दिया। वह मेरी चूँचियाँ सहलाने लगा। मेरे चूतड़ों पर मेरी गांड पर हाथ फिराने लगा। मेरी चूत तक हाथ ले गया पर मैं झांटें बनाने में लगी रही। बीच बीच में मैंने कई बार लण्ड की चुम्मी ली। सुपाड़ा चाटा। लण्ड मुंह में लिया और चूसा। उसने भी मेरी चूँचियाँ चूसीं। मेरी चूत की चुम्मी ली। मेरे गाल चूमे और मेरे चूतड़ थपथपाये। मैं मन में सोंच रही थी कि आज यह मेरी बुर जरूर लेगा। आज एक अच्छे लण्ड से मेरी बुर चुदेगी।
मैं बहुत चुदासी हो गयी थी। मैं लण्ड अपनी बुर में पेलना चाहती थी। जब झांटें बन गयीं तो मैं उसे बाथ रूम ले गयी और उसे नहलाया उसके लण्ड पर साबुन लगाकर नहलाया और तौलिया से पोंछ कर बाहर आ गयी। उसने पैसे निकाले और मुझे देने लगा।
- अरी आलिया तू भोसड़ी की इतनी देर से क्या अपनी माँ चुदा रही है ? दो घंटा हो गया तुझे गये हुए अभी तेरा काम ही नहीं ख़तम हुआ ? क्या कर रही है तू वहाँ ?
- मैंने जबाब दिया - मैं यहाँ लण्ड की झांटें बना रही हूँ अम्मी ?
- अरे तो झांटें बनाने में कितना समय लगता है, बेटी ? इतनी देर में तो मैं जाने कितने लड़कों के लण्ड की झांटें बना देती ?
- अरे अम्मी अब वह ज़माना गया जब झांटें बनाने का मतलब सिर्फ लण्ड की झांटें साफ करना होता था। अब तो झांटें बनाने का मतलब बहुत बड़ा हो गया है अम्मी ?
- कितना बड़ा हो गया है बहन चोद ? झांटें बनाने का मतलन माँ चुदाना तो नहीं है न आलिया ?
- माँ चुदाना तो नहीं है पर झांटें बनाने का मलतब पहले अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो जाना, फिर झांटें छील कर पहले लण्ड हिलाना, फिर लण्ड चूमना, चाटना, चूसना, लण्ड अपनी चूँचियों के बीच घुसेड़ना, पूरे नंगे बदन पर लण्ड घुमाना और बाद में लण्ड मुठ्ठी में लेकर सड़का मारना और फिर सड़का मार कर लण्ड पीना। लण्ड पीने के बाद लण्ड पर साबुन लगाकर उसे नहलाना और फिर तौलिया से पोंछना ?
- हाय अल्ला, इतना काम करना पड़ता है ?
- हां अम्मी तभी तो लोग पैसा देते हैं। नहीं तो बाल बनवाने कोई भोसड़ी का नहीं आता ? यहाँ तो लड़के झांटें बनवाने के बहाने अपने लण्ड का सड़का मरवाने आते हैं और लण्ड पिलाने आते हैं। जो लड़की जितनी खूबसूरत होती है उसे उतने ही लड़कों की झांट बनाने का काम मिलता है। लड़की गोरी हो, उसकी चूँचियाँ बड़ी बड़ी हो और उसकी गांड मोटी हो और सेक्सी हो तो लड़के झांटें बनवाने के बहाने खींचे चले आतें हैं।
- तो तू अभी तक कितने लड़कों की झांटे बना चुकी है।
- अभी तो दो लड़कों के ही झांटें बना पाई हूँ अम्मी। अभी तीन लण्ड बाकी हैं।
- यहाँ भी दो लड़के तुमसे झांटें बनवाने के लिए गए हैं, बेटी आलिया।
- तो तुम बना दो न उनकी झांटें ? वहां तुम उनकी झांटें बनाकर उनसे चुदवा भी सकती हो, अम्मी ?
- तो क्या तुम वहां नहीं चुदवा सकती ?
- नहीं अम्मी यहाँ सब कुछ करना अलावुड है लेकिन चुदवाना मना है।
- तेरी माँ की चूत आलिया तू अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाकर कर ही मानेगी ?
- घर पर तो सब कुछ कर सकती हूँ । घर में चुदवा भी सकती हूँ और गांड भी मरवा सकती हूँ, अम्मी।
- अच्छा ठीक है तू जैसा कह रही है मैं वही करने जा रही हूँ।
पहले कभी हम लोग बहुत गरीब थे। ज़िन्दगी बहुत मुश्किल से कट रही थी। लेकिन एक दिन अम्मी ने एक आदमी की झांटें बना दीं। तब तक मैं जवान हो चुकी थी। मैंने उस दिन अम्मी को झांटें बनाते हुए देख लिया था। उस आदमी का लण्ड भी देख लिया था। उस आदमी ने चलते समय अम्मी को बहुत पैसे दिए और कहा अगली बार मैं तेरी बेटी से झांटें बनवाऊंगा। अम्मी मुस्करा पड़ी और हां कर दी। वह आदमी अगले हफ्ते ही आ गया और कहा समीना बेगम आज मैं तेरी बेटी से झांटे बनवाऊंगा। लेकिन एक गुज़ारिश है की वह नंगी नंगी मेरी झांटें बनाये ? हमें पैसों की जरुरत थी तो अम्मी मान गईं।
उस दिन मैं उस आदमी के सामने नंगी हुई और उसे नंगा करके उसका लण्ड पकड़ लिया। पहली बार मैंने अम्मी के सामने किसी का लण्ड पकड़ा था। अम्मी ने कहा बेटी आलिया शर्माने की जरुरत नहीं है यह अपना धंधा है। तुम खूब मस्ती से झांटें बनाओ और अंकल को खुश कर दो। जब झांटें बन गयी तो वह बोला अब तुम मेरा लण्ड मुठ्ठी में लेकर सड़का मार दो। उस आदमी ने मुझे सड़का मारना भी सिखा दिया। मैंने भी मस्ती से लण्ड का सड़का मारा। वह मेरे नंगे बदन पर ही झड़ गया। मैं जान गयी की उसने एन्जॉय किया है। चलते समय उसने मुझे २,०००/- रुपया दिया। यह रकम मेरे बहुत थी। हम दोनों बहुत खुश हुई। उस दिन से झांटें बनाने का धंधा चल पड़ा।
एक हफ्ता गुज़र गया। वही आदमी फिर आया और मुझसे झांटें बनवाई। उसके बाद उसने कहा समीना बेगम आज मैं तेरी बेटी की बुर लूंगा। तेरे सामने ही तेरी बेटी चोदूंगा। इसे चोदना और चुदाना अच्छी तरह सिखा दूंगा। तुम चिंता न करो। मैं इसका ख्याल रखूंगा और इसे तनिक भी चोट नहीं पहुंचाऊंगा। यह हमेशा खुश रहेगी। लेकिन मैं पहले इसे लण्ड चाटना, लण्ड चूसना और लण्ड पीना सिखाऊंगा। ऐसा बोल कर उसने लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया और कहा बेटी आलिया अब धीरे धीरे तुम अंदर ही अंदर अपनी जबान मेरे लण्ड के चारों ओर घुमाओ। ऐसा करने से मुझे भी मज़ा आया और उसे भी। मैं फिर अपने आप ही लण्ड चूसना सीख गयी। फिर उसने बड़े प्यार से मुझे चोदा। अम्मी के सामने मुझे चोदा। चलते समय उसने मुझे १०,०००/- रुपया दिया। इतनी बड़ी रकम पाकर मैं बहुत खुश हुई और अम्मी भी। फिर क्या मैं झांटें बनाने के बाद चुदवाने भी लगी और हमारा धंधा दिन दूना रात चौगुना बढ़ने लगा। मुझे पैसे भी मिलते और लण्ड भी। अम्मी तो पहले से ही चुदवाती थीं। आगे चल कर मुझे हर रोज़ २/३ हज़ार बक्सीस भी मिलने लगी।
एक दिन अम्मी मजाक में बोली - आलिया तेरी माँ की चूत ? आजकल तू बहुत ज्यादा अपनी माँ चुदाने लगी है। मैंने भी मस्ती से जबाब दिया - तेरी बिटिया की बुर अम्मी। आजकल तू भी अपनी बेटी की चूत में लण्ड पे लण्ड पेलवाने लगी है। तेरी बहन का भोसड़ा ?
इतने में मेरी खाला आ गयीं उसने मेरी गाली सुन ली।
वह बोली आलिया तेरी माँ की बहन की बुर ? तू अपनी माँ चुदवाकर बहुत बड़ी धंधे वाली बन गयी है। ?
मैंने कहा - खाला मुझे सब मालूम है। तू भी अपनी बिटिया चुदवाती है। तेरी बहन का लण्ड ? तू भी तो बुर चोदी झांटें बनाने के काम करती है। तेरी बेटी बहू का भोसड़ा।
तो दोस्तों, हमारे यहाँ लड़कों की झांटें बनायीं जातीं हैं लड़कियों की नहीं।लड़कियों की झांट बनाने वाला पार्लर अलग है। वह मेरी खाला जान और उसकी बेटी चलाती है। वहां कुछ लड़के हैं जो नंगे होकर लड़कियों की झांटें बनाते हैं। उसका भी धंधा खूब चल रहा है। खाला अपना भोसड़ा चुदवाती हैं, उसकी बेटी और बहू अपनी बुर चुदवाती हैं। लड़कियां झांटें बनवाने के साथ साथ लण्ड पीती भी हैं और लण्ड अपनी चूत में पेलती भी हैं। बदले में अच्छी खासी रकम देकर जाती हैं। हमारे धंधे से ५ साल हो चुके हैं। इन पांच सालो में मैंने अपना मकान बनवा लिया। अब हम दोनों बड़ी मौज़ मस्ती से रहने लगी और जम कर ऐय्यासी करने लगी। इसके लिए हमने कई जवान लड़कियां भी काम पर रख लीं। हम सब लड़कों को खुश करने के लिए आपस में गाली गलौज भी करने लगीं। मैं अम्मी से भी खूब गाली गलौज करती थी और लड़के सुन सुन कर मज़ा लेने लगे।
एक दिन खाला आ गयी। उसने भी लड़कियों की झांटें बनवा बनवा कर , अपना भोसड़ा चुदवा चुदवा कर और अपनी बेटी की बुर भी चुदवा चुदवा कर अपना महल खड़ा कर लिया।
आते ही बोली - आलिया, तू भोसड़ी की अपनी माँ चुदवा चुदवा कर बड़ी ऐय्यासी कर रही है। लड़कों की झांटें बना बना कर तू बहुत दौलत वाली हो गयी है।
मैंने कहा : खाला जान मेरे पास पैसा है , मैं जवान हूँ, मेरा पास हुश्न है, एक मस्तानी चूत है और दो मस्त मस्त चूँचियाँ है, मैं बेहद खूबसूरत हूँ तो क्यों न ऐय्यासी करूं ? मैं तो करूँगी। तेरी गांड जलती है तो जले ? और फिर तू भी तो लड़कियों की झांटें बनवा बनवा कर बड़ी दौलत वाली हो गयी है।
मेरी खाला का नाम है ममूना बेगम और उसकी बेटी का नाम है रफ़ा।
खाला बोली :- देख माँ की लौड़ी आलिया धंधा केवल धंधा होता है। वह कैसा भी हो उसे किया जाता है। मैं झांट बनाऊँ चाहे गांड मराऊं पर हो तो गयी हूँ दलौत वाली। रफा भी अपनी माँ चुदाये चाहे बहन पर माल तो कमा रही है।
मैंने कहा :- अरे खाला जान मैंने सुना है की तू अपनी बेटी की बुर में लौड़ा घुसेड़ती है।
वह बोली :- तो क्या हुआ ? चोदा चोदी में कोई माँ बेटी नहीं देखी जाती। वहां तो सिर्फ लौड़ा और बुर देखी जाती है। मेरे पार्लर में माँ बेटी दोनों एक साथ झांट बनवाने आती हैं। दोनों भोसड़ी की झांट बनवाकर चुदवाती जरूर हैं। एक दूसरे के सामने चुदवाती हैं। न कोई डर न कोई शर्म। एक दूसरे को गालियां भी खूब देती है। माँ कहती है - बेटी तेरी माँ की चूत ? बेटी कहती है - अम्मी तेरी बेटी की बुर ? हम लोगों को सुन सुन कर बड़ा मज़ा आता है। तब तक उसकी बेटी रफा आ गयी।
आते ही वह बोली :- आलिया तेरी खाला की बहन का भोसड़ा ? तेरी माँ की बहन की बुर ? मैं तो माँ बेटी की बुर चुदवा चुदवा कर बड़ी बेशर्म हो गयी हूँ।
एक दिन शाम को किसी ने दरवाजा खटखटाया तो अम्मी ने खोला। बाहर एक आदमी खड़ा था। अम्मी ने उसे अंदर किया और बड़े प्यार से सोफा पर बैठा दिया। मैं उस आदमी को देख कर उसे दिल दे बैठी। वह था तो लगभग मेरी अम्मी की उम्र का पर था बड़ा हैंडसम। मेरी नियत उस पर ख़राब हो गयी। वह बोला मेरा नाम हिल्टॉन है मैं यहाँ ,,,,,,,,,,,,,? अम्मी बोली ठीक है आप थोड़ा आराम तो कर लें। फिर वह बोली आप क्या लेगें व्हिस्की या रम ? वह बोला रम ले लूंगा। अम्मी ने उसे शराब उसके हाथ में पकड़ा दी, एक गिलास मुझे दिया और एक गिलास खुद लेकर बैठ गयीं। हम तीनो शराब पीने लगे। अम्मी ने कहा हां अब बोलो जो आप कहने जा रहे थे। उसने कहा मैं अपनी झांटें बनवाने आया हूँ। अम्मी ने कहा ठीक है आप थोड़ा शराब का मज़ा ले लो फिर मैं आपका काम कर दूँगी। वह बोला नहीं मेम मैं आपसे नहीं, आपकी बेटी से झांटें बनवाऊंगा। बस मैं उठी और कहा हां अंकल मैं आपकी झांटें बना दूँगी।
मैंने एक ही बार में शराब ख़तम की और अपने कपड़े वहीँ उतारने लगी। मैंने जब अपनी चूँचियाँ खोलीं तो उसकी निगाहें वहीँ पर जम गयी। मैंने अपनी चूत नहीं दिखाई बल्कि उसके कपड़े उतारना शुरू किया। जब वह चड्ढी में आ गया तो मैं उसे पीछे कमरे में ले गयी और उसकी टांगें फैलाकर उसे चित लिटा दिया। फिर मैंने अपनी पैंटी खोल कर अपनी चूत के दर्शन करा दिया। मैंने मुस्कराते हुए उसकी चड्ढी खोल डाली तो उसका लण्ड फनफनाकर मेरे सामने खड़ा हो गया। लण्ड देखते ही मुझे एक करंट लगा। इतना खूबसूरत लण्ड मैंने पहले कभी नहीं देखा ? मैंने जब उसे पकड़ा तो दूसरा झटका लगा। इतना मोटा और इतना सख्त लण्ड भी कभी नहीं देखा। उसके पेल्हड़ सहलाये तो मज़ा आ गया। झांटें कोई बहुत बड़ी नहीं थीं। गोरे गोरे लण्ड पर काली काली छोटी छोटी झांटें सेक्सी लग रहीं थीं। मैंने झांटें बनाना शुरू कर दिया। वह मेरी चूँचियाँ सहलाने लगा। मेरे चूतड़ों पर मेरी गांड पर हाथ फिराने लगा। मेरी चूत तक हाथ ले गया पर मैं झांटें बनाने में लगी रही। बीच बीच में मैंने कई बार लण्ड की चुम्मी ली। सुपाड़ा चाटा। लण्ड मुंह में लिया और चूसा। उसने भी मेरी चूँचियाँ चूसीं। मेरी चूत की चुम्मी ली। मेरे गाल चूमे और मेरे चूतड़ थपथपाये। मैं मन में सोंच रही थी कि आज यह मेरी बुर जरूर लेगा। आज एक अच्छे लण्ड से मेरी बुर चुदेगी।
मैं बहुत चुदासी हो गयी थी। मैं लण्ड अपनी बुर में पेलना चाहती थी। जब झांटें बन गयीं तो मैं उसे बाथ रूम ले गयी और उसे नहलाया उसके लण्ड पर साबुन लगाकर नहलाया और तौलिया से पोंछ कर बाहर आ गयी। उसने पैसे निकाले और मुझे देने लगा।
- मैंने कहा अंकल क्या मुझे चोदोगे नहीं। मेरी बुर नहीं लोगे ? आपने तो सड़का भी नहीं लगवाया।
- वह बोला नहीं आलिया मुझे ज़रा जल्दी जाना है।
- ऐसी भी क्या जल्दी है अंकल ? किसी की जलती हुई चूत छोड़ कर जाना क्या अच्छी बात है ?
- अच्छी बात तो नहीं है पर मैं वादा कर चुका हूँ। वह मेरा इंतज़ार कर रही होगी।
- कौन है वह ? थोड़ी देर और रुक नहीं सकते ? मुझे चोद कर जाओ न प्लीज ?
- नहीं आलिया मेरा जाना बहुत जरुरी है। अच्छा चलो मेरी माँ ही चोद लो ?
- नहीं आलिया बात यह है की मैं अपने दोस्त कैरो की बीवी चोदने जा रहा हूँ। वह बिचारी मेरे इंतज़ार में नंगी बैठी है। दो बार उसका काल आ चुका है। तुम चाहो तो मुझसे चुदाई का पैसा ले लो ?
- चुदाई का तो पैसा तुम मुझसे ले लो अंकल पर प्लीज मुझे चोदो। आज तुम नहीं चोदोगे तो मैं मर जाऊंगी। फोन लाओ मैं तेरे दोस्त की बीवी से बात कर लेती हूँ। वह मेरी बात समझ जाएगी। प्लीज मुझे चोदो न ? लो तुम दस की जगह बीस हज़ार ले लो पर मुझे चोदो। मेरा दिल तेरे लण्ड पर आ गया है मुझे चोदो।
मेरा इतना कहना हुआ की वह मेरे ऊपर गचगचा के चढ़ बैठा। नंगा तो था ही वह। नंगी मैं भी थी. लण्ड मेरी चूत से टकरा गया। उसने मुझे कस के चिपका लिया। मेरी चूँचियाँ रौंदने लगा। मुझे उसने बिस्तर पर पटक दिया और लण्ड पूरा का पूरा पेल दिया। मेरे मुंह से चीख निकली उई माँ फाड़ डाला भोसड़ी वाले ने मेरी चूत। उई माँ मर गई मैं । इतना मोटा लण्ड एक ही बार में घुसेड़ दिया मादर चोद ने। वह तो तूफ़ान मेल की तरह चोदने लगा। वह बड़ी बेशर्मी और बेरहमी से चोदने लगा। बिलकुल वैसे ही चोदने लगा जैसे घोड़ा घोड़ी की बुर चोदता हैं। उसका हक्कानी लण्ड मेरी चूत के चीथड़े उड़ाने लगा। मैं भी बोलने लगी वाओ, भोसड़ी के गांड से जोर लगा के चोदो। मुझे रंडी की तरह चोदो मैं बड़ी हरामजादी बदचलन लड़की हूँ। बहुत बड़ी बुर चोदी हूँ मैं। ऐसी लड़की को बिलकुल कुतिया की तरह चोदो। मैं भोसड़ी की बहुत बड़ी चुड़क्कड़ लड़की हूँ। और बेशर्म इतनी हूँ की मैं अपनी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेल देती हूँ। पटक पटक के चोदो मुझे। मेरी चूत की गांड फाड़ डालो अंकल।
इतने में मेरी अम्मी किसी का लण्ड पकड़े पकड़े मेरे कमरे में आ गयीं बोली आलिया तेरी माँ की चूत तू साली
यहाँ चुदवा रही है। और ये साला वहाँ तेरी माँ चोद रहा है। अम्मी को नंगी देख कर अंकल ने लण्ड मेरी चूत से निकाल कर मेरी माँ के भोसड़ा में घुसेड़ दिया। वह मेरे सामने ही मेरी माँ चोदने लगा। और वह लड़का जो मेरी माँ चोद रहा था वह अब मुझे चोदने लगा। दोनों साले माँ बेटी की बुर लेने में जुट गए। घर साला बिलकुल रंडी खाना बन गया। थोड़ी देर तक मेरी माँ चोदने के बाद अंकल फिर मेरे ऊपर चढ़ बैठा। वह बोला बुर चोदी आलिया तेरी चूत का बाजा आज बजा दूंगा मैं। मैंने कहा अंकल मेरी चूत का बाजा बज गया। मैं खलास हो गयी। वह बोला तो फिर ले मेरे लण्ड का सड़का मार दे. उसने लण्ड मेरे मुंह के सामने कर दिया। मैं लण्ड का सड़का मारने लगी। बस दो मिनट में ही लण्ड ने उगल दिया ढेर सारा वीर्य मेरे मुंह में और मेरी चूँचियों पर भी। उधर मेरी बुर चोदी अम्मी भी उसका सड़का मारने लगीं और वह भी अम्मी के मुंह में झड़ गया। अम्मी उसका सुपाड़ा चाटने लगीं।
तो देखा आपने दोस्तों, झांट बनाने के फायदे ? बड़ा अच्छा धंधा है अगर ठीक से किया जाए तो...
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