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मेरी चूत बहन चोद मेरे काबू के बाहर हो रही है - Meri chut mere kabu se bahar ho rahi hai
मेरी चूत बहन चोद मेरे काबू के बाहर हो रही है - Meri chut mere kabu se bahar ho rahi hai , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
रात के लगभग १२ बज चुके थे। मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैंने अपना लैपटॉप निकाला और उसे खोल कर बैठ गयी। अब एक जवान लड़की रात में लैपटॉप पर क्या देखेगी यह आप भली भाँती जानतें हैं। मैंने पहले तो पोर्न फिल्म देखी। देखते ही मेरे कपड़े तो खुल गए फिर मैं सेक्स की कहानियां पढ़ने लगी। मेरे हाथ "sex " की कहानियां लग गयीं। उनके शीर्षक पढ़ते ही मेरी बदन में आग लग गयी। कहानी थोड़ी पढ़ी तो चूत का बाजा बजने लगा। थोड़ा और पढ़ा तो कपड़े सारे उतर गए और मेरा हाथ चूत पर चला गया। मैं अपने बूब्स भी सहलाने लगी। कहानी इतनी गरम थी की मैं उसी में खो गयी। मुझे कुछ भी होश नहीं था की मैं क्या कर रही हूँ ? मैं मन ही मन रेहाना को गाली दे रही थी की मादर चोद, भोसड़ी वाली इतनी गरम कहानियां क्यों लिखती है ? मैं लड़का होती तो अब तक दो बार मुठ्ठ मार चुकी होती ? लण्ड मेरा काबू के बाहर हो जाता जैसे की मेरी चूत बहन चोद मेरे काबू के बाहर हो रही है। मैंने ऊँगली चूत में घुसेड़ ही ली। कहानी ख़तम हुई तो मैं बाथ रूम गयी और वहां से आ रही थी। तब मुझे कुछ आवाज़ सुनाई पड़ी। शायद अम्मी भाभी से कह रहीं थी की बहू तेरी नन्द कहाँ है ? क्या कर रही है बुर चोदी ? मैं भी मस्ती में थी। पूरे मूड में थी। मैं फ़ौरन उसके कमरे में घुस गयी और बोली अम्मी तेरी बहू की बुर चोदी नन्द यहाँ है ? माँ चुदा रही है भोसड़ी वाली अपनी ?
अम्मी भी मूड में थीं वह बोली - उससे कह दो की उसकी माँ का भोसड़ा यहाँ है .जिसका चाहे उसका लण्ड पेल दे अपनी माँ की चूत में ? फिर वह मुझे देख कर हसने लगी। भाभी भी मज़ा लेने लगी। वह बोली नन्द रानी अपनी माँ का भोसड़ा चोदना तो उसकी बहू की बुर में भी लौड़ा पेल देना प्लीज ?
दोस्तों, आपको कुछ अजीब सा लग रहा होगा की माँ बेटी के बीच इस तरह ही याराना और दोस्ती जैसी बातें कैसे होने लगी हैं ? ये दोनों एक दूसरे से गालियों से बात करतीं हैं। क्या इन्हे शर्म नहीं आती ? क्या इन्हे यही सिखाया गया है ? कोई बेटी क्या अपनी माँ से ऐसे बात करती है और कोई माँ क्या अपनी बेटी से इस तरह खुल कर बात करती है ? सच बात यह है की हम लोग एक गरीब परिवार से आतें हैं। मेरी अम्मी ने गरीबी को बड़ी नजदीकी से देखा है। उसने अकेले ही हम दोनों को पाला पोशा है। यानि मुझे और मेरे भाई जान को ? मैं जब जवान हुई तो मेरी माँ ने सोंचा की मेरी बेटी को वो दिन न देखना पड़े जो दिन हमने देखें हैं। इसलिए उसने मुझे ज़माने से लड़ना सिखा दिया। उसने मुझे पढ़ाया लिखाया और मुझे बोल्ड बना दिया ताकि मैं ज़माने से मुकाबला कर सकूं।
मैं एक पढ़ी लिखी लड़की हूँ. इंग्लिश फर्राटेदार बोलती हूँ और लोगों की बोलती बंद कर देती हूँ।
मैं जब १९ साल की हुई तो अम्मी ने एक दिन कहा बेटी हुमा अब तू बहन चोद मेरी बेटी नहीं, मेरी दोस्त है। सबसे पहले गालियां देना सीख ले तू । गन्दी से गन्दी गालियां सीख ले ? गंदे गंदे नॉन वेज चुट्कुले सुनाना सीख ले, अश्लील बातें करना सीख ले और सबसे अधिक लोगों की माँ बहन चोदना सीख ले ? अगर तुम लोगों की माँ बहन नहीं चोदोगी तो लोग तेरी माँ बहन चोद देगें। लोगों की गांड मारना सीखो बेटी नहीं तो लोग तेरी गांड मारना शुरू कर देगें। सबसे पहले अपनी माँ चुदाना सीख लो बेटी। कहीं ऐसा न हो की लोग तेरी माँ चोदने लगें। जब तुम सबकी माँ चोदोगी तब तुम ज़माने से लड़ सकोगी। अब मैं तुझे दूसरी बात बता रही हूँ। देख बेटी हुमा यह जवानी बार बार नहीं आती। सिर्फ एक बार आती है और जल्दी ही चली जाती है। आज से ही तू भोसड़ी की शर्म की माँ चोद दे। न डरने की जरुरत है और न झिझकने की। सबका लण्ड पकड़ने की आदत डाल ले, बड़ा मज़ा आएगा। जवानी का पूरा मज़ा लेना भी सीख ले। एन्जॉय करना सीख ले। माँ के भोसड़ा में लण्ड पेलना शुरू कर दे। अपनी भाभी की बुर चोदना शुरू कर दे। किसी के भी लण्ड से खेलना शुरू कर दे। अम्मी बोली :- समझ गयी न तू माँ की लौड़ी हुमा। अगर अभी भी तू नहीं समझी तो तेरी माँ का भोसड़ा ?
मैंने कहा :- हां मैं सब अच्छी तरह समझ गयी हूँ। अब मैं बच्ची नहीं हूँ। जवान हो गई हूँ समझी अम्मी, तेरी बिटिया की बुर, फरज़ाना ?
बस उसी दिन से हम दोनों में दोस्ती हो गयी और हम गालियों से बातें करने लगीं। बातें ही नहीं हम साथ साथ लण्ड भी पकड़ने लगीं। इसका बहुत फायदा हुआ मुझे। मैं और बोल्ड बन गयी. अपने बड़े बड़े काम करवाने लगी। मैं जिस ऑफिस में जाती वहां सबसे सीना तान कर और आँखें ऊंची करके बात करती तो लोग अपने आप मेरा काम करने लगते। एक बार मुझे एक लाइसेंस बनवाना था। मैंने २/३ चलकर लगाए लेकिन काम नहीं हो रहा था। तो मैं एक दिन बड़े साहेब के केबिन में घुस गयी और बोली अब मुझे यह बताओ साहेब की मेरा काम होगा की नहीं ? ये जो लोग बाहर बैठे हैं न वो सब भोसड़ी वाले २ दिन से मेरी माँ चोद रहे हैं। मेरी गांड मार रहे हैं। लाइसेंस बनांना झांट भर का काम है बहन चोद ? पर ये लोग दिन भर बैठे बैठे मेरी माँ चोदा करते हैं और शाम को कहते हैं की कल फिर आना माँ चुदाने। अब आज अगर मेरा काम नहीं हुआ तो फिर मैं चोदूँगी इन सबकी माँ और अच्छी तरह चोदूंगी। वह बोला नहीं आप बस १० मिनट बैठिये मैं अभी आपका काम करता हूँ। १० मिनट क्या ५ मिनट में ही मेरा लाइसेंस मेरे हाथ में आ गया।
तब मुझे अम्मी की बात याद आ गयी की बेटी लोगों की माँ बहन चोदना सीखो। मेरे मोहल्ले में एक कमाल अंकल रहते थे। मैं उसके घर अक्सर जाती थी। लेकिन उस दिन जब मैं गयी और उसे नंगे बदन देखा तो जाने क्यों मेरा मन उसका लण्ड पकड़ने का हो गया। वो तो एक लुंगी पहने बैठा था। अकेला ही रहता था। उसकी उम्र भी लगभग ४०/४२ साल की होगी। कसरती गोरा बदन था तो मेरा दिल उस पर आ गया। मैंने उससे हंस कर बातें करने लगी और फिर खुल कर बोलने लगी। मैंने कहा अंकल सच बताओ अभी तक तुमने कितनी लड़कियां चोदीं हैं ? वह बोला मैंने लड़कियां तो ज्यादा नहीं चोदीं पर हां हलाला करवाने वाली बीवियां कई चोदीं हैं। वो अपने आप मेरे पास आती हैं और मुझसे मस्ती से चुदवाती है और फिर तलाक लेकर चली जाती हैं। मैं भी खुश और वो भी खुश। महीने में २/३ बीवियां तो आ ही जातीं है चुदवाने ?
उसकी मस्तानी बातें सुन कर मेरी उसका लण्ड पकड़ने की तमन्ना और बढ़ गयी। तब तक मैंने अपनी चूँचियाँ लगभग पूरी खोल रखीं थीं और उसकी निगाहें वहीं पर टिकी थीं। फिर मैंने उसकी जाँघों पर हाथ फेरा और कहा अंकल hands up . हाथ ऊपर उठा दिया। मैंने कहा जब तक मैं न कहूं तब तक हाथ नीचे मत करना। मैंने उसे सोफा से खड़ा कर दिया और उसकी लुंगी खींच ली। वह एकदम नंगा हो गाय। उसका लण्ड आधा खड़ा था। मैंने उसे पकड़ा और हिलाना शुरू किया। मेरे हिलाते ही लण्ड बढ़ने लगा और फिर पूरा तन कर मेरे सामने खड़ा हो गया। मैं थोड़ा झुकी, लण्ड की चुम्मी ली और बोली हां अंकल अब अपने हाथ नीचे करके सीधे मेरी चूँचियाँ पकड़ लो। उसके हाथ में मेरी चूँचियाँ आ गयीं और मेरे हाथ में उसका लण्ड आ गया। लण्ड बहन चोद लोहे की तरह साख हो गया।
वहीं एक स्केल पड़ा था। मैंने उसे उठा कर लण्ड की नाप ली और कहा बाप रे बाप ८ १/२" का लण्ड ? बड़ा लंबा है तेरा लौड़ा यार और जब मैंने उसकी गोलाई नापी तो वह ५ १/२" की निकला। मैं बोली इतना मोटा लण्ड तो किसी भी चूत को एक ही दिन में भोसड़ा बना देगा। तेरा लण्ड तो हलाला करवाने वाली बीवियों को बड़ा अच्छा लगता होगा ? वह बोला हां यह बात सही है इसीलिए हलाला करवाने वाली बीवियों की संख्या दिन पर दिन बढती जा रही है। कभी कभी तो मुझे उन्हें तारिख देनी पड़ती है। हर जवान बीवी मुझसे ही हलाला करवाना चाहती है। लेकिन मैं ज्यादा उम्र की बीवियां नहीं चोदता बल्कि उन्हें मौलाना के पास भेज देता हूँ। यहां के कुछ मौलना तो भोसड़ी के दिन भर हलाला के चक्कर दूसरों की बीवियां ही चोदा करते हैं।
मैंने पूंछा :- आपके पास हलाल करवाने वाली बीवियां भी आती हैं की कोई और भी बीवियां आतीं है ?
वह बोला :- हलाला छोड़ो, मेरे पास तो कई बीवियां यूं ही चुदवाने आतीं हैं। कई तो चुपके चुपके चुदवाकर चली जाती है और कई बीवियां अपनी बेटियां भी चुदवाने आतीं हैं। बड़ी अजीब है ये दुनिया हुमा ? कभी माँ अपनी बेटी चुदवाने आती है और कभी बेटी अपनी माँ चुदवाने। लेकिन मैं किसी को निराश नहीं करता। सबकी बुर लेता हूँ। हां बड़ी उम्र की बुर दूसरों के पास भेज देता हूँ।
बात करते करते उसने झट्ट से लौड़ा मेरी चूत में घुसा दिया और लौड़ा भी साला सांप के बिल की तरह अंदर घुस गया। मेरे मुंह से चीख निकली उई माँ मार डाला भोसड़ी वाले ने। एक ही बार में पेल दिया पूरा लौड़ा। हाय दईया फट गयी मेरी चूत। क्या तू आज ही मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा ? लेकिन फिर उसने जब मजे से चोदना शुरू किया तो मैं भी मस्त होने लगी और एन्जॉय करने लगी। सच यार मोटे लण्ड से चुदवाने का मज़ा ही और होता है। मैं सच में अंकल के लण्ड की दीवानी हो गयी.
एक दिन मैंने उसे अपने बुलाया और अम्मी से मिलवाया। मैंने अम्मी से उसके लण्ड की तारीफ कर रखीं थीं तो वह अंकल से मिलने के लिए बेताब थीं। जब वह अंकल के मिली तो मस्त हो गयीं। अंकल भी अम्मी को बड़ी देर तक देखता रहा और कहा वाह हुमा तेरी अम्मी तो वाकई बड़ी खूबसूरत है। तुमने अगर मुझे इनसे पहले मिलवाया होता तो और अच्छा होता ? मैं समझ गयी की अंकल अब मेरी माँ चोदने के मूड में आ गया है। पहले तो मैंने अंकल को शराब पिलाई और फिर उसके लण्ड पर हाथ रख दिया। मैंने कहा अंकल आज तुम मेरी माँ चोदो। मेरी माँ की चूत में लण्ड पेलो। मेरे सामने चोदो मेरी माँ का भोसड़ा ? मैंने आंका का हाथ पकड़ कर अम्मी की चूँचियों पर रख दिया। उस दिन वास्तव में मुझे माँ चुदाने में बड़ा मज़ा आया। तो यह थी मेरी साथ अम्मी के रिश्ते की कहानी। मेरी माँ चुदाने की कहानी।
कुछ दिन बाद मेरी शादी हो गयी। मेरी सुहागरात विदेश में हुई। वहां का भी किस्सा मजेदार है। कभी मौक़ा मिला तो सुनाऊँगी। मैं वहां एक हफ्ते तक खूब जम कर घूमती रही और चुदवाती रही। जब मैं वापस अपनी ससुराल आयी तो मेरी नन्द ने मुझे बड़े खुले दिल से लिया और मेरे साथ बैठ कर मेरी सुहागरात की बातें सुनती रही। एक दिन रात को मैं उसके कमरे में गयी तो देखा की वह "Sex" की कहानियां पढ़ रही हैं। उसकी चूँचियाँ खुलीं हुई हैं, उसकी चूत दिख रही है और उसकी उंगलियां उसी की चूत मे घुसी हुई हैं. मैंने कहा सलमा क्या कर रही हो ? वह मुझे देख कर मुस्काराती हुई बोली भाभी तेरी नन्द की बुर चोद रही हूँ। मैंने कहा हाय दईया बिना लण्ड के तू मेरी नन्द की बुर कैसे चोद रही है ? वह बोली अरे भाभी जान जब लण्ड नहीं होता तो फिर उंगलियों से काम चलाना पड़ता है। मैंने कहा यार इतने बड़े कुनबे में तुझे लण्ड की कमी महसूस हो रही है ? कहाँ गए यहाँ के सब मादर चोद लण्ड ?
फिर मेरी निगाह उसके पलटोप पर पड़ी। उसमे "Sex" की कहानी खुली हुई थी।
रात के लगभग १२ बज चुके थे। मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैंने अपना लैपटॉप निकाला और उसे खोल कर बैठ गयी। अब एक जवान लड़की रात में लैपटॉप पर क्या देखेगी यह आप भली भाँती जानतें हैं। मैंने पहले तो पोर्न फिल्म देखी। देखते ही मेरे कपड़े तो खुल गए फिर मैं सेक्स की कहानियां पढ़ने लगी। मेरे हाथ "sex " की कहानियां लग गयीं। उनके शीर्षक पढ़ते ही मेरी बदन में आग लग गयी। कहानी थोड़ी पढ़ी तो चूत का बाजा बजने लगा। थोड़ा और पढ़ा तो कपड़े सारे उतर गए और मेरा हाथ चूत पर चला गया। मैं अपने बूब्स भी सहलाने लगी। कहानी इतनी गरम थी की मैं उसी में खो गयी। मुझे कुछ भी होश नहीं था की मैं क्या कर रही हूँ ? मैं मन ही मन रेहाना को गाली दे रही थी की मादर चोद, भोसड़ी वाली इतनी गरम कहानियां क्यों लिखती है ? मैं लड़का होती तो अब तक दो बार मुठ्ठ मार चुकी होती ? लण्ड मेरा काबू के बाहर हो जाता जैसे की मेरी चूत बहन चोद मेरे काबू के बाहर हो रही है। मैंने ऊँगली चूत में घुसेड़ ही ली। कहानी ख़तम हुई तो मैं बाथ रूम गयी और वहां से आ रही थी। तब मुझे कुछ आवाज़ सुनाई पड़ी। शायद अम्मी भाभी से कह रहीं थी की बहू तेरी नन्द कहाँ है ? क्या कर रही है बुर चोदी ? मैं भी मस्ती में थी। पूरे मूड में थी। मैं फ़ौरन उसके कमरे में घुस गयी और बोली अम्मी तेरी बहू की बुर चोदी नन्द यहाँ है ? माँ चुदा रही है भोसड़ी वाली अपनी ?
अम्मी भी मूड में थीं वह बोली - उससे कह दो की उसकी माँ का भोसड़ा यहाँ है .जिसका चाहे उसका लण्ड पेल दे अपनी माँ की चूत में ? फिर वह मुझे देख कर हसने लगी। भाभी भी मज़ा लेने लगी। वह बोली नन्द रानी अपनी माँ का भोसड़ा चोदना तो उसकी बहू की बुर में भी लौड़ा पेल देना प्लीज ?
दोस्तों, आपको कुछ अजीब सा लग रहा होगा की माँ बेटी के बीच इस तरह ही याराना और दोस्ती जैसी बातें कैसे होने लगी हैं ? ये दोनों एक दूसरे से गालियों से बात करतीं हैं। क्या इन्हे शर्म नहीं आती ? क्या इन्हे यही सिखाया गया है ? कोई बेटी क्या अपनी माँ से ऐसे बात करती है और कोई माँ क्या अपनी बेटी से इस तरह खुल कर बात करती है ? सच बात यह है की हम लोग एक गरीब परिवार से आतें हैं। मेरी अम्मी ने गरीबी को बड़ी नजदीकी से देखा है। उसने अकेले ही हम दोनों को पाला पोशा है। यानि मुझे और मेरे भाई जान को ? मैं जब जवान हुई तो मेरी माँ ने सोंचा की मेरी बेटी को वो दिन न देखना पड़े जो दिन हमने देखें हैं। इसलिए उसने मुझे ज़माने से लड़ना सिखा दिया। उसने मुझे पढ़ाया लिखाया और मुझे बोल्ड बना दिया ताकि मैं ज़माने से मुकाबला कर सकूं।
मैं एक पढ़ी लिखी लड़की हूँ. इंग्लिश फर्राटेदार बोलती हूँ और लोगों की बोलती बंद कर देती हूँ।
मैं जब १९ साल की हुई तो अम्मी ने एक दिन कहा बेटी हुमा अब तू बहन चोद मेरी बेटी नहीं, मेरी दोस्त है। सबसे पहले गालियां देना सीख ले तू । गन्दी से गन्दी गालियां सीख ले ? गंदे गंदे नॉन वेज चुट्कुले सुनाना सीख ले, अश्लील बातें करना सीख ले और सबसे अधिक लोगों की माँ बहन चोदना सीख ले ? अगर तुम लोगों की माँ बहन नहीं चोदोगी तो लोग तेरी माँ बहन चोद देगें। लोगों की गांड मारना सीखो बेटी नहीं तो लोग तेरी गांड मारना शुरू कर देगें। सबसे पहले अपनी माँ चुदाना सीख लो बेटी। कहीं ऐसा न हो की लोग तेरी माँ चोदने लगें। जब तुम सबकी माँ चोदोगी तब तुम ज़माने से लड़ सकोगी। अब मैं तुझे दूसरी बात बता रही हूँ। देख बेटी हुमा यह जवानी बार बार नहीं आती। सिर्फ एक बार आती है और जल्दी ही चली जाती है। आज से ही तू भोसड़ी की शर्म की माँ चोद दे। न डरने की जरुरत है और न झिझकने की। सबका लण्ड पकड़ने की आदत डाल ले, बड़ा मज़ा आएगा। जवानी का पूरा मज़ा लेना भी सीख ले। एन्जॉय करना सीख ले। माँ के भोसड़ा में लण्ड पेलना शुरू कर दे। अपनी भाभी की बुर चोदना शुरू कर दे। किसी के भी लण्ड से खेलना शुरू कर दे। अम्मी बोली :- समझ गयी न तू माँ की लौड़ी हुमा। अगर अभी भी तू नहीं समझी तो तेरी माँ का भोसड़ा ?
मैंने कहा :- हां मैं सब अच्छी तरह समझ गयी हूँ। अब मैं बच्ची नहीं हूँ। जवान हो गई हूँ समझी अम्मी, तेरी बिटिया की बुर, फरज़ाना ?
बस उसी दिन से हम दोनों में दोस्ती हो गयी और हम गालियों से बातें करने लगीं। बातें ही नहीं हम साथ साथ लण्ड भी पकड़ने लगीं। इसका बहुत फायदा हुआ मुझे। मैं और बोल्ड बन गयी. अपने बड़े बड़े काम करवाने लगी। मैं जिस ऑफिस में जाती वहां सबसे सीना तान कर और आँखें ऊंची करके बात करती तो लोग अपने आप मेरा काम करने लगते। एक बार मुझे एक लाइसेंस बनवाना था। मैंने २/३ चलकर लगाए लेकिन काम नहीं हो रहा था। तो मैं एक दिन बड़े साहेब के केबिन में घुस गयी और बोली अब मुझे यह बताओ साहेब की मेरा काम होगा की नहीं ? ये जो लोग बाहर बैठे हैं न वो सब भोसड़ी वाले २ दिन से मेरी माँ चोद रहे हैं। मेरी गांड मार रहे हैं। लाइसेंस बनांना झांट भर का काम है बहन चोद ? पर ये लोग दिन भर बैठे बैठे मेरी माँ चोदा करते हैं और शाम को कहते हैं की कल फिर आना माँ चुदाने। अब आज अगर मेरा काम नहीं हुआ तो फिर मैं चोदूँगी इन सबकी माँ और अच्छी तरह चोदूंगी। वह बोला नहीं आप बस १० मिनट बैठिये मैं अभी आपका काम करता हूँ। १० मिनट क्या ५ मिनट में ही मेरा लाइसेंस मेरे हाथ में आ गया।
तब मुझे अम्मी की बात याद आ गयी की बेटी लोगों की माँ बहन चोदना सीखो। मेरे मोहल्ले में एक कमाल अंकल रहते थे। मैं उसके घर अक्सर जाती थी। लेकिन उस दिन जब मैं गयी और उसे नंगे बदन देखा तो जाने क्यों मेरा मन उसका लण्ड पकड़ने का हो गया। वो तो एक लुंगी पहने बैठा था। अकेला ही रहता था। उसकी उम्र भी लगभग ४०/४२ साल की होगी। कसरती गोरा बदन था तो मेरा दिल उस पर आ गया। मैंने उससे हंस कर बातें करने लगी और फिर खुल कर बोलने लगी। मैंने कहा अंकल सच बताओ अभी तक तुमने कितनी लड़कियां चोदीं हैं ? वह बोला मैंने लड़कियां तो ज्यादा नहीं चोदीं पर हां हलाला करवाने वाली बीवियां कई चोदीं हैं। वो अपने आप मेरे पास आती हैं और मुझसे मस्ती से चुदवाती है और फिर तलाक लेकर चली जाती हैं। मैं भी खुश और वो भी खुश। महीने में २/३ बीवियां तो आ ही जातीं है चुदवाने ?
उसकी मस्तानी बातें सुन कर मेरी उसका लण्ड पकड़ने की तमन्ना और बढ़ गयी। तब तक मैंने अपनी चूँचियाँ लगभग पूरी खोल रखीं थीं और उसकी निगाहें वहीं पर टिकी थीं। फिर मैंने उसकी जाँघों पर हाथ फेरा और कहा अंकल hands up . हाथ ऊपर उठा दिया। मैंने कहा जब तक मैं न कहूं तब तक हाथ नीचे मत करना। मैंने उसे सोफा से खड़ा कर दिया और उसकी लुंगी खींच ली। वह एकदम नंगा हो गाय। उसका लण्ड आधा खड़ा था। मैंने उसे पकड़ा और हिलाना शुरू किया। मेरे हिलाते ही लण्ड बढ़ने लगा और फिर पूरा तन कर मेरे सामने खड़ा हो गया। मैं थोड़ा झुकी, लण्ड की चुम्मी ली और बोली हां अंकल अब अपने हाथ नीचे करके सीधे मेरी चूँचियाँ पकड़ लो। उसके हाथ में मेरी चूँचियाँ आ गयीं और मेरे हाथ में उसका लण्ड आ गया। लण्ड बहन चोद लोहे की तरह साख हो गया।
वहीं एक स्केल पड़ा था। मैंने उसे उठा कर लण्ड की नाप ली और कहा बाप रे बाप ८ १/२" का लण्ड ? बड़ा लंबा है तेरा लौड़ा यार और जब मैंने उसकी गोलाई नापी तो वह ५ १/२" की निकला। मैं बोली इतना मोटा लण्ड तो किसी भी चूत को एक ही दिन में भोसड़ा बना देगा। तेरा लण्ड तो हलाला करवाने वाली बीवियों को बड़ा अच्छा लगता होगा ? वह बोला हां यह बात सही है इसीलिए हलाला करवाने वाली बीवियों की संख्या दिन पर दिन बढती जा रही है। कभी कभी तो मुझे उन्हें तारिख देनी पड़ती है। हर जवान बीवी मुझसे ही हलाला करवाना चाहती है। लेकिन मैं ज्यादा उम्र की बीवियां नहीं चोदता बल्कि उन्हें मौलाना के पास भेज देता हूँ। यहां के कुछ मौलना तो भोसड़ी के दिन भर हलाला के चक्कर दूसरों की बीवियां ही चोदा करते हैं।
मैंने पूंछा :- आपके पास हलाल करवाने वाली बीवियां भी आती हैं की कोई और भी बीवियां आतीं है ?
वह बोला :- हलाला छोड़ो, मेरे पास तो कई बीवियां यूं ही चुदवाने आतीं हैं। कई तो चुपके चुपके चुदवाकर चली जाती है और कई बीवियां अपनी बेटियां भी चुदवाने आतीं हैं। बड़ी अजीब है ये दुनिया हुमा ? कभी माँ अपनी बेटी चुदवाने आती है और कभी बेटी अपनी माँ चुदवाने। लेकिन मैं किसी को निराश नहीं करता। सबकी बुर लेता हूँ। हां बड़ी उम्र की बुर दूसरों के पास भेज देता हूँ।
बात करते करते उसने झट्ट से लौड़ा मेरी चूत में घुसा दिया और लौड़ा भी साला सांप के बिल की तरह अंदर घुस गया। मेरे मुंह से चीख निकली उई माँ मार डाला भोसड़ी वाले ने। एक ही बार में पेल दिया पूरा लौड़ा। हाय दईया फट गयी मेरी चूत। क्या तू आज ही मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा ? लेकिन फिर उसने जब मजे से चोदना शुरू किया तो मैं भी मस्त होने लगी और एन्जॉय करने लगी। सच यार मोटे लण्ड से चुदवाने का मज़ा ही और होता है। मैं सच में अंकल के लण्ड की दीवानी हो गयी.
एक दिन मैंने उसे अपने बुलाया और अम्मी से मिलवाया। मैंने अम्मी से उसके लण्ड की तारीफ कर रखीं थीं तो वह अंकल से मिलने के लिए बेताब थीं। जब वह अंकल के मिली तो मस्त हो गयीं। अंकल भी अम्मी को बड़ी देर तक देखता रहा और कहा वाह हुमा तेरी अम्मी तो वाकई बड़ी खूबसूरत है। तुमने अगर मुझे इनसे पहले मिलवाया होता तो और अच्छा होता ? मैं समझ गयी की अंकल अब मेरी माँ चोदने के मूड में आ गया है। पहले तो मैंने अंकल को शराब पिलाई और फिर उसके लण्ड पर हाथ रख दिया। मैंने कहा अंकल आज तुम मेरी माँ चोदो। मेरी माँ की चूत में लण्ड पेलो। मेरे सामने चोदो मेरी माँ का भोसड़ा ? मैंने आंका का हाथ पकड़ कर अम्मी की चूँचियों पर रख दिया। उस दिन वास्तव में मुझे माँ चुदाने में बड़ा मज़ा आया। तो यह थी मेरी साथ अम्मी के रिश्ते की कहानी। मेरी माँ चुदाने की कहानी।
कुछ दिन बाद मेरी शादी हो गयी। मेरी सुहागरात विदेश में हुई। वहां का भी किस्सा मजेदार है। कभी मौक़ा मिला तो सुनाऊँगी। मैं वहां एक हफ्ते तक खूब जम कर घूमती रही और चुदवाती रही। जब मैं वापस अपनी ससुराल आयी तो मेरी नन्द ने मुझे बड़े खुले दिल से लिया और मेरे साथ बैठ कर मेरी सुहागरात की बातें सुनती रही। एक दिन रात को मैं उसके कमरे में गयी तो देखा की वह "Sex" की कहानियां पढ़ रही हैं। उसकी चूँचियाँ खुलीं हुई हैं, उसकी चूत दिख रही है और उसकी उंगलियां उसी की चूत मे घुसी हुई हैं. मैंने कहा सलमा क्या कर रही हो ? वह मुझे देख कर मुस्काराती हुई बोली भाभी तेरी नन्द की बुर चोद रही हूँ। मैंने कहा हाय दईया बिना लण्ड के तू मेरी नन्द की बुर कैसे चोद रही है ? वह बोली अरे भाभी जान जब लण्ड नहीं होता तो फिर उंगलियों से काम चलाना पड़ता है। मैंने कहा यार इतने बड़े कुनबे में तुझे लण्ड की कमी महसूस हो रही है ? कहाँ गए यहाँ के सब मादर चोद लण्ड ?
फिर मेरी निगाह उसके पलटोप पर पड़ी। उसमे "Sex" की कहानी खुली हुई थी।
- मैं समझ गयी और कहा अच्छा तो तू इसकी कहानियां पढ़ कर अपनी बुर चोद रही है। ये कहानियां बहन चोद बहुत गरम हैं। इन्हे पढ़कर तो बेटियां अपनी माँ चुदाने लगती है और माँ अपनी बेटियां ?
- वह बोली अरे हां भाभी जान हमारे साथ यही तो हुआ। मैं भी ये कहानियां पढ़ती हूँ मेरी अम्मी भी भोसड़ी की ये कहानियां पढ़ती हैं। हम दोनों तभी से एक दूसरे की बुर चोदने लगीं हैं।
- मैंने कहा वाओ, आजकल यही सब हो रहा है पर ये तो बता लण्ड कहाँ गये सब ?
- वह बोली अरे भाभी आज पड़ोस में एक लड़की की शादी है सारा कुनबा वहाँ चला गया है और अब रात भर वहीँ रहेगा।
- मैंने कहा तो क्या तू रात भर अपनी उंगलियां ही घुसेड़ती रहेगी अपनी चूत में।
- वह बोली नहीं भाभी जान ? अभी मेरा देवर आ रहा है मुझे चोदने।
- तो फिर अपने देवर के दोस्त को भी बुला लो अपनी भाभी की बुर चुदवाने के लिए ?
मेरी नन्द ने दोनों के पैजामे खोल डाले और उन्हें नंगा कर दिया। असद का लण्ड मुझे पकड़ा दिया और हसन का लण्ड खुद पकड़ कर चाटने लगी। लण्ड दोनों साले तन कर खड़े हो गए। दोनों लण्ड मोटे तगड़े बड़े हैंडसम लग रहे थे। तब तक मेरी नन्द भी नंगी हो चुकी थी और मैं भी। तब तक अचानक मेरी सास कमरे में आ गयीं वह भी किसी आदमी के साथ। मैं यह देख कर दंग रह गयी की मेरी सास भी बुर चोदी नंगी थी और वह आदमी भी
साला नंगा था। आते ही बोली देख बहू मैं मौक़ा पाकर तेरे लिए एक बेहतरीन लण्ड लेकर आयी हूँ। वह तो पूरी मस्ती में थी।
हम दोनों को लण्ड चूसते हुए देखा तो बोली :- बहू तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? तेरी नन्द बुर चोदी बड़ी हरामी चीज है बहू। अपनी माँ चुदवाती है तेरी नन्द मादर चोद ?
तब तक उधर मेरी नन्द बोली :- भाभी, तेरी सास की बिटिया की बुर , बहुत बड़ी छिनार है तेरी हरामजादी सास भाभी। अपनी बिटिया की बुर चुदवाती है बेटी चोद तेरी सास ? मैं तो इन दोनों की गालियां सुनकर मस्त हो गयी और तब मेरी चूत की आग और भड़क गयी।
मैंने पूंछा :- अरी सलमा क्या तू अपनी माँ चोदेगी ?
वह बोली :- मैं माँ भी चोदूँगी अपनी और अपनी भाभी का भोसड़ा भी।
सास बोली :- बहू रानी तू बुर चोदी क्या चोदेगी ?
मैंने जबाब दिया - मैं तो तेरी गांड चोदूँगी सासू जी और तेरी बेटी की चूत में पेलूँगी लण्ड।
ऐसा कह कर मैंने सासो के हाथ से उस आदमी का लण्ड छीन लिया। मैं उसका भी लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। तब सास ने बताया बहू ये तेरी नन्द के ससुर का लण्ड है ? मैं चुपचाप इसे यहाँ ले आयी हूँ। तेरी बुर और तेरी नन्द की बुर में ठोंकने। इसका लौड़ा मुझे बहुत पसंद है।
उसके बाद हम तीनो ने मिलकर लण्ड की अदला बदली करती हुई रात बार खूब मस्ती से झमाझम चुदवाया।
हम दोनों को लण्ड चूसते हुए देखा तो बोली :- बहू तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? तेरी नन्द बुर चोदी बड़ी हरामी चीज है बहू। अपनी माँ चुदवाती है तेरी नन्द मादर चोद ?
तब तक उधर मेरी नन्द बोली :- भाभी, तेरी सास की बिटिया की बुर , बहुत बड़ी छिनार है तेरी हरामजादी सास भाभी। अपनी बिटिया की बुर चुदवाती है बेटी चोद तेरी सास ? मैं तो इन दोनों की गालियां सुनकर मस्त हो गयी और तब मेरी चूत की आग और भड़क गयी।
मैंने पूंछा :- अरी सलमा क्या तू अपनी माँ चोदेगी ?
वह बोली :- मैं माँ भी चोदूँगी अपनी और अपनी भाभी का भोसड़ा भी।
सास बोली :- बहू रानी तू बुर चोदी क्या चोदेगी ?
मैंने जबाब दिया - मैं तो तेरी गांड चोदूँगी सासू जी और तेरी बेटी की चूत में पेलूँगी लण्ड।
ऐसा कह कर मैंने सासो के हाथ से उस आदमी का लण्ड छीन लिया। मैं उसका भी लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। तब सास ने बताया बहू ये तेरी नन्द के ससुर का लण्ड है ? मैं चुपचाप इसे यहाँ ले आयी हूँ। तेरी बुर और तेरी नन्द की बुर में ठोंकने। इसका लौड़ा मुझे बहुत पसंद है।
उसके बाद हम तीनो ने मिलकर लण्ड की अदला बदली करती हुई रात बार खूब मस्ती से झमाझम चुदवाया।
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