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दो सहेलियों ने चूत गांड चुदाने के लिए बदले पति - Pati badalkar chut gand chudai
मुझे मेरा पति नहीं, कोई और चोदे ?
तुझे तेरा पति नहीं, कोई और चोदे ?
मिसेज बाला और मिसेज माला दोनों आपस में पक्की दोस्त हैं। दोनों साथ साथ एक ही कॉलेज की पढ़ी लिखी हैं। दोनों की आपस में अंडरस्टैडिंग बड़ी जबरदस्त है। इन दोनों ने खूब मस्ती भी की है, एन्जॉय भी किया है और कॉलेज में लड़कों की खूब चिढ़ाया भी है। गालियां भी लड़कों को मस्ती में देती थीं और लड़के उनकी गालियां खूब एन्जॉय भी करते थे। इन \ दोनों ने कई लड़कों के लण्ड भी साथ साथ पकड़ें हैं। मुठ्ठ मार कर लण्ड पियें भी हैं. इन्हें लण्ड पकड़ने की और लण्ड का साइज देखने की आदत पड़ गयी। इन्हे धीरे धीरे सबके लण्ड का साइज याद भी होने लगा। हां यह बात बिलकुल सच है की इन दोनों ने कभी चुदवाया नहीं है। लड़कों को नंगा देखने की ये दोनों बड़ी इच्छुक रहती थीं।
बाला की जब शादी हुई तो माला उसमे थीं और जब माला की शादी हुई तो बाला उसमे मौजूद थी।
एक दिन दोनों बैठी हुई बातें कर रहीं थीं। दोनों उच्च घराने की बीवियां हैं, खूबसूरत हैं, सेक्सी और हॉट हैं। अपने कॉलेज अपनी खूबसूरती के लिए ये दोनों मशहूर थीं और यहाँ भी ये लोग अपनी खूबसूरती के लिए जानी जातीं हैं। दोनों के हाथ में एक एक व्हिस्की का गिलास था। थोड़ा शराब का शुरुर था।
तभी मिसेज बाला ने कहा :- यार मैं कुछ सोंच रही हूँ। कहो तो बता दूँ ?
मिसेज माला ने कहा :- हां बता दो ? देर किस बात की ? तुझे कोई डर तो नहीं है।
बाला ने कहा :- मेरा मन है की मुझे मेरा पति नहीं कोई और चोदे - तुझे तेरा पति नहीं कोई और चोदे तो कितना अच्छा हो ? मैं यही रात भर सोंचती रही। क्यों न हम इसी पहल से शुरुआत करें की तेरा पति मुझे चोदे, मेरा पति तुझे चोदे ? मैं तो तेरे पति से चुदवाने के लिए बिलकुल तैयार हूँ ? क्या तू भी मेरे पति से चुदवाने के लिए तैयार है ? माला ने जबाब दिया :- यार बाला तुमने तो मेरे मुंह की बात छीन ली। मैं यही बात तुमसे कहने वाली थी। मैं बिलकुल तैयार हूँ तेरे पति से चुदवाने के लिए। कॉलेज के दिनों में तो मैंने कभी किसी से चुदवाया नहीं। शादी के बाद अपने पति से चुदवाया तो मालूम हुआ की चुदवाने में कितना मज़ा आता है ? अब तो मैं हमेशा चुदवाने के लिए तैयार रहती हूँ। पर हां, सोंच लो क्या तेरा पति मुझे चोदने के लिए तैयार हो जायेगा ?
बाला ने कहा :- हां हां बिलकुल तैयार हो जायेगा। मेरा पति मुझे चोदते समय तुम्हारी बात जरूर करता है। उसका मन है की वह अपना लण्ड तुम्हे पकड़ाये और तुम्हारी बुर में घुसेड़े ?
माला बोली :- हाय दईया, तब तो मज़ा ही जायेगा ? अब जल्दी ही कोई प्रोग्राम रख लो। मेरी चूत, बहन चोद ,चुलबुलाने लगी है।
दोस्तों, मेरा नाम मिसेज बाला है मैं २८ साल की हूँ। मेरी शादी अभी २ साल पहले ही हुई है। मैं गोरी चिट्टी खूबसूरत, सेक्सी और हॉट बीवी हूँ। आपको मालूम है की मैं सेक्स में कितना इंटरेस्ट लेती हूँ , मुझे सेक्स बहुत पसंद है और सेक्स में ज्यादा लण्ड पसंद है। मेरी यह बात मेरी दोस्त माला ही जानती है क्योंकि वह भी मेरी तरह सेक्स पसंद करती है और सेक्स में लण्ड ? शादी के बाद माला जब मुझसे मिली तो मैंने उससे खुल कर बात की। वह भी मेरी बात से सहमत हो गयी की तुम मेरे पति से चुदवा लो मैं तेरे पति से चुदवा लूं। मैंने कहा यार माला कल मैं अपने घर में तुम दोनों का डिनर रख लेती हूँ। फिर रात में हम दोनों के बीच ड्रिंक्स, डिनर और फकिंग पार्टी होगी। वह मान गयी ख़ुशी ख़ुशी हां कह दी।
वह मुस्कराकर बोली - अरे यार साफ़ साफ़ कहो न की "husband swapping" होगी।
दूसरे दिन माला अपने पति मनीष के साथ आ गयी। मैं मनीष को आज दूसरी बार ही देख रही थी । इसके पहले मैंने उसे उसकी शादी में ही देखा था। लेकिन आज वह मुझे कुछ ज्यादा ही हैंडसम लग रहा था। माला भी घाघरा चोली पहन कर आयी थी। चोली के नाम पर बस एक हलकी और छोटी सी ब्रा थी। ऊपर कुछ भी नहीं। no chunni, no dupatta ? उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ उस छोटी सी ब्रा में समा नहीं रहीं थीं। बाहर निकलने के लिए बेताब हो रहीं थीं। उसकी चूँचियाँ मेरा पति बलराज बस देखे जा रहा था। इधर मैंने भी एक पेटीकोट पहन रखा था ऊपर कुछ भी नहीं। मेरी चूँचियाँ एकदम नंगी थीं। मेरे लम्बे लम्बे बाल हैं। मैंने अपने बालों को दोनों तरफ से सामने कर लिया जिससे मेरी चूँचियाँ छिप गयीं थीं। मैं जानती हूँ की माला के पति मनीष की निगाहें मेरी चूँचियाँ ढूंढ रही होगी तो उसे कभी मेरे बालों के बीच से कभी मेरे अगल बगल से मेरी चूँचियाँ उसे दिख जायेंगीं। यही कोशिश वह मेरे आते ही करने लगा।
आपको एक बात और बता दूँ की मेरे बदन पर सिर को छोड़ कर और कहीं भी बाल नहीं हैं। न आर्मपिट में, न ही भौहों में और न ही मेरी चूत में। मैं अपनी झांटें हमेशा साफ़ रखती हूँ। मैंने मौक़ा पाते ही दारू चालू कर दी। एक गिलास माला को पकड़ा दिया और एक गिलास मनीष को। एक गिलास बलराज को दिया और एक मैंने लिया। हमने चियर्स कहा और सिप करने लगे। बातें होने लगीं। मनीष बोला :- बाला भाभी बुरा न मनो तो एक बात कहूं ? आज आप बहुत ही खुबसुरा लग रहीं हैं।
मैंने कहा :- मैं बुरा क्यों मानूंगी ? मैं तो यह बात सुनकर खुश हो गयी। मेरे पति को तो मैं खूबसूरत लगती ही नहीं हूँ। जाने क्या क्या कहते रहतें हैं मुझे ?
वह बोला :- नहीं भाभी वह तुम्हारी तारीफ मुझसे करता है। आप वास्तव में बहुत सुन्दर हैं।
मैंने कहा :- सुन्दर और हैंडसम तो आप है मनीष बाबू ? पहले से आपमें ज्यादा निखार आ गया है।
वह बोला :- पर मेरी बीवी माला तो मुझे पसंद ही नहीं करती ?
मैंने कहा :- माला झूंठ बोलती है। वह बस तुम्हे चिढ़ाने के लिए ऐसा कहती है।
तब तक मेरा पति बलराज बोला :- देखा मनीष मेरी बीवी तेरी तारीफ कर रही है पर इसने मेरी तारीफ कभी नहीं की ?
मनीष ने कहा :- भाभी तुम्हे तंग करती हैं। वह तेरी तारीफ मेरी बीवी से करती हैं।
इसी बीच मैं उठी और टी वी पर एक ब्लू फिल्म लगा दी। वह फिल्म "wife swapping" की थी। उसमे दो मियां अपनी अपनी बीवियों के साथ आतें हैं, आपस में हाथ मिलाते हैं और एक टेबल पर बैठ जातें हैं। फिर चारों लोग दारू पीने लगते हैं। थोड़ी देर बाद दोनों बीविया उठती हैं और अपने अपने कपड़े उतारने लगतीं हैं. कपड़े उतार कर अपने अपने हसबैंड के पास नंगी नंगी खड़ी हो जातीं हैं। फिर एक इशारे पर इसकी बीवी उसके पास चली जाती है और उसकी बीवी इसके पास चली आती है। दोनों बीवियां एक दूसरे के हसबैंड के कपड़े खोलने लगतीं है और दोनों को नंगा कर देती हैं। इसकी बीवी उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगती है और उसकी बीवी इसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगती हैं। इस तरह दोनों बीवियां फिर एक दूसरे के हसबैंड का लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगतीं हैं। यहाँ तब सब बिना पलक झपकाए ब्लू फिल्म देखते रहे। तब तक दारू का नशा अपना काम करने लगा था।
फिर माला अपने को रोक नहीं सकी। वह उठ खड़ी हुई और अपने कपड़े खोलने लगी। उसे देख कर मैं भी खड़ी होकर कपड़े उतारने लगी। मैं जब पूरी नंगी हुई तो मनीष मुझे एकटक देखने लगा। जब माला नंगी हुई तो मेरा पति उसे एकटक देखने लगा। फिर मैं उसके पति के पकड़े खोलने लगी और जह मेरे पति के ? देखते ही देखते दोनों पति नंगे हो गए। मैं तो मनीष का लण्ड धकाधक चूमने लगी और माला मेरे पति के लण्ड की ताबड़तोड़ चुम्मियाँ लेने लगी। इत्तिफाक से दोनों लण्ड की झांटें बिलकुल साफ़ थीं इसलिए दोनों लण्ड खूबसूरत भी लग रहे थे और बड़े बड़े भी। मनीष मेरी चूँचियाँ दबाने लगा और मेरा पति माला की चूँचियाँ। ब्लू फिल्म तो आगे बढ़ चुकी थी लेकिन हम लोग बिलकुल उसी तरह आगे बढ़ रहे थे।
यह बताना कुश्किल था की किसका लण्ड बड़ा है और किसका लण्ड छोटा है।
मगर मैंने कहा :- माला तेरे पति का लण्ड तो हक्कानी है, यार ? लगता है आज मेरी चूत की खैरियत नहीं है।
वह बोली :- हक्कानी क्या बड़ा जबरदस्त है तेरे मियां का लण्ड बाला ? पहले मुझे मालूम होता तो मैं जाने कितनी बार अब तक चुदवा चुकी होती ?
ये अब मस्त मस्त बातें हो ही रहीं थी की मनीष ने पेल दिया लण्ड मेरी चूत में। वह मुझे बुरी तरह चोदने में जुट गया। उसे देख कर मेरे पति बलराज ने माला की बुर में घुसेड़ दिया अपना लण्ड। वह भी धकाधक् लगाने लगा धक्के ? माला पहले तो चिचिहा उठी लेकिन फिर उसे मज़ा आने लगा। दोनों बीवियां एक दूसरे के मियां से चुदने लगीं। मैं मन ही मन सोंचने लगी की मैंने बेकार में दो साल बर्बाद कर दिया। यही काम अगर दो साल पहले शुरू किया होता तो आज जाने कितने पराये लण्ड अपनी चूत में पेलवा चुकी होती। मैं कुतिया बानी हुई डॉगी चुदवा रही थी और माला मेरे सामने ही चित लेटी हुई मेरे पति बलराज से चुदवा रही थी। जैसा की आप नीचे फोटो में देख रहे हैं। आमने सामने अगर अपने पति के आगे किसी और के पति से चुदवाया जाए तो उसका मज़ा दुगुना / तिगुना होता है। मियां भी जानते हैं की अगर अपनी बीवी के सामने किसी और की बीवी चोदो तो कितना मज़ा आता है ?
वह बोला :- अरे भाभी तेरे मियां को भी अपनी बीवी चुदवाने में मज़ा आ रहा है। एक बात है भाभी अगर मुझे अपनी बीवी चुदवाकर कई बीवियां चोदने का मज़ा मिलता है तो फिर मैं क्यों न चोदूँ ?
तब तक माला बोली :- यार बाला, अगर मुझे अपने मियां का लण्ड देकर कई लोगों के लण्ड से चुदवाने का मौक़ा मिलता है तो फिर मैं क्यों न चुदवाऊँ ?
उसके बाद माला भी डॉगी स्टाइल में चुदवाने लगी और मैं चित लेट कर। माला बोली हाय बलराज फाड़ डालो मेरी चूत, लण्ड अंदर तक घुसेड़ कर चोदो। बड़ा मज़ा आ रहा है। आज सच में ऐसा लग रहा है की चुदाने में ज़न्नत का मज़ा आता है ? और चोदो, खूब चोदो, ऐसे चोदो जैसे तुम अपनी बीवी चोदते हो ? उधर मैं भी बोल रही थी यार मनीष तेरा लण्ड बड़ा सॉलिड है यार ? मुझे ऐसा की लण्ड पसंद है। चोदो मुझे, भकाभक चोदो, अपनी गांड से जोर से लगा के चोदो, चीथड़े उड़ा दो मेरी बुर चोदी चूत के ? तेरा लण्ड बड़ा ताकतवर है। आगे भी मुझे इसी तरह चोदते रहना। अपने दोस्तों से भी मेरी बुर चुदवाते रहना। मैं तो तेरे लण्ड से मोहब्बत करती हूँ। हाय रे कितना बढ़िया चोदता है बुर, तेरा लौड़ा ?
हम लोगों की मस्त मस्त बातें सुनकर उन लोगों के लण्ड सख्त होते जा रहे थे और हमें चुदाने में खूब मज़ा आता जा रहा था। मैंने मन में ठान लिया की अब मैं इसी तरह और भी लोगों से चुदवाउंगी और अपने हसबैंड को दूसरों की बीवियां चोदने दूँगी। मैं इतनी मस्त हो गयी की पहले मैं खलास हो गयी और बाद में मनीष। मैं उसका झड़ता लण्ड चाटने लगी और तब मैंने देखा की माला भी मेरे पति का झड़ता हुआ लण्ड चाट रही है।
एक दिन अचानक मेरी बुआ की बेटी नितिका अपने पति के साथ आ गयी। वह बोली दीदी मैं मुंबई घूमने आयी हूँ। मैंने उसका बड़े प्यार से वेलकम किया और उसके पति नरेश का भी। नितिका मुझसे एक साल छोटी है और उसकी शादी अभी पिछले साल ही हुई है। शादी के बाद आज वह पहली बार मेरे घर आई। नितिका मेरे पति बलराज से भी बड़े प्यार से मिली और बोली हाय जीजा जी आप तो बहुत हैंडसम हो गए हो। लगता है की मेरी दीदी आपका बहुत ख्याल रखतीं हैं ? तब तक नरेश बोला अरे नितिका तेरी दीदी भी बहुत खूबसूरत हो गयीं हैं मैं इनसे अपनी शादी में ही मिला था और आज तो यह बहुत ही खूबसूरत लग रहीं हैं। लगता है की बलराज भाई साहेब भाभी का बहुत ख्याल रखते हैं ? फिर हम चारों खूब खिलखिलाकर हंसे और खूब मस्ती की। उस दिन बलराज ऑफिस नहीं गया और छुट्टी ले ली।
हम लोग में घूमने चले गए और शाम को आकर बैठ कर थोड़ा आराम करने लगे। फिर सब लोग फ्रेश होकर एक कमरे में बैठ गए। मैंने ड्रिंक्स सर्व कर दिया और हम चारों लोग दारू का मज़ा लेने लगे। मेरी नियत नरेश पर पहले ही ख़राब हो चुकी थी। मेरा पति बलराज मुझे इशारा कर चुका था की वह नितिका की बुर लेना चाहता है।मैंने इसीलिए नीचे एक घाघरा पहना और उपोयर कुछ नहीं। अपने बालों से चूँचियाँ ढककर कर बैठ गयी थी।नितिका बार बार मेरे पति की तरफ देख भी रही थी और उससे हंसी मजाक भी कर रही थी। उससे गुपचुप बातें भी कर रही थी।
- मैंने कहा :- नितिका तुम क्या बाते कर रही हो ?
- वह बोली :- अरे दीदी ये जीजा और साली के बीच की बातें हैं। बड़ी गन्दी गन्दी बातें हैं जो बताने वाली नहीं है।
- अच्छा तू मुझे समझा रही है बहन चोद ? तब तक मैं भी अपने बहनोई से घुच्चुप बातें करूंगी और जो चाहूंगी वो करूंगी। तुम मुझे रोक नहीं पाओगी नितिका ?
- मुझे रोकने की जरुरत भी नहीं है ? मैं अपने जीजा जी से काम चला लूंगी।
- अच्छा ऐसी बात है तो फिर चला लो मैंने अपने बहनोई से चला लूंगी। अब तेरे जीजा के जगह तेरा पति मेरे काम आएगा ?
- ऐसा कह कर मैंने नरेश की जाँघों पर हाथ रखकर आगे उसके लण्ड तक बढ़ा दिया।
- उधर नितिका बलराज के लण्ड पर हाथ रख कर बोली - जीजा जी अब और न तड़पाओ मुझे ? प्लीज दिखाओ न मुझे अपना लण्ड ?
मैंने कहा :- जो तुम करोगे वह गलती नहीं है, जरुरत है मेरे बहनोई राजा ? और अगर यह गलती है तो मैं कहती हूँ की तुम यह गलती बार बार करो और दिल खोल करो। इतने में उसने मेरा घाघरा खोल दिया और मेरी चूत सहलाने लगा। उधर मेरे पति का हाथ नितिका की चूत पर पहुँच चुका था और दूसरा हाथ उसकी चूँचियों पर ? नितिका ने कहा :- हाय दीदी, जीजा जी का ८" का लण्ड तो बहुत मोटा है। ये तो तेरी बहन की बुर एक ही बार में फाड़ देगा।
मैंने कहा :- और तेरे मियां का लण्ड तो भोसड़ी का एकदम घोड़े का लण्ड लगता है। ये तो मादर चोद तेरी दीदी की चूत का भोसड़ा बना देगा, नितिका ?
फिर हम दोनों बड़ी बेशर्म से एक दूसरे के पति का लण्ड मुंह में घुसा कर चूसने लगीं। नितिका बड़ी मस्ती में आ गयी। वह बोली :- दीदी, तेरी माँ की नन्द की चूत ? मेरी माँ की नन्द तो नितिका की माँ ही है.
मैंने भी मजे से जबाब दिया:- नितिका, तेरी माँ की भाभी का भोसड़ा ? उसकी माँ की भाभी मेरी माँ हैं।
फिर हम दोनों ने एक दूसरे के पति से रात भर चुदवाया।
सवेरे उठ कर एक बार फिर आमने सामने चुदवाया।
मैंने कहा :- और तेरे मियां का लण्ड तो भोसड़ी का एकदम घोड़े का लण्ड लगता है। ये तो मादर चोद तेरी दीदी की चूत का भोसड़ा बना देगा, नितिका ?
फिर हम दोनों बड़ी बेशर्म से एक दूसरे के पति का लण्ड मुंह में घुसा कर चूसने लगीं। नितिका बड़ी मस्ती में आ गयी। वह बोली :- दीदी, तेरी माँ की नन्द की चूत ? मेरी माँ की नन्द तो नितिका की माँ ही है.
मैंने भी मजे से जबाब दिया:- नितिका, तेरी माँ की भाभी का भोसड़ा ? उसकी माँ की भाभी मेरी माँ हैं।
फिर हम दोनों ने एक दूसरे के पति से रात भर चुदवाया।
सवेरे उठ कर एक बार फिर आमने सामने चुदवाया।
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