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चुदाई में एक नयापन लाना चाहती हूँ - Chudai karne ka nayaa tarika banana chahti hun
चुदाई में एक नयापन लाना चाहती हूँ - Chudai karne ka nayaa tarika banana chahti hun , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
देखो बेटी, औरत जब तक जवान रहती है तब तक वह बुर चोदी चुदासी ही बनी रहती हैं। उसे जितना चोदो उतना ही और चुदासी होती जाती है। उसकी चुदवाने की इच्छा, बहन चोद, कभी पूरी होती ही नहीं ? अब देखो, हम लोगों ने कितनी बार कुनबे के लोगों से चुदवाया, नाते रिश्ते दारों से चुदवाया, जाने कितने मौलानाओ से चुदवाया लेकिन अभी भी चुदवाने की तमन्ना पूरी नहीं हुई है।अब मैं सबकी चुदाई में एक नयापन लाना चाहती हूँ। एक अलग तरह की ताज़गी लाना चाहती हूँ। इसलिए मेरा यह सुझाव है बेटी की तुम एक सामूहिक चुदाई का प्रोग्राम रखो जिसमे चूत घर की बहू, बेटियों और बीवियों की हो और लण्ड कॉलेज के लड़कों के ?
देखो बेटी, औरत जब तक जवान रहती है तब तक वह बुर चोदी चुदासी ही बनी रहती हैं। उसे जितना चोदो उतना ही और चुदासी होती जाती है। उसकी चुदवाने की इच्छा, बहन चोद, कभी पूरी होती ही नहीं ? अब देखो, हम लोगों ने कितनी बार कुनबे के लोगों से चुदवाया, नाते रिश्ते दारों से चुदवाया, जाने कितने मौलानाओ से चुदवाया लेकिन अभी भी चुदवाने की तमन्ना पूरी नहीं हुई है।अब मैं सबकी चुदाई में एक नयापन लाना चाहती हूँ। एक अलग तरह की ताज़गी लाना चाहती हूँ। इसलिए मेरा यह सुझाव है बेटी की तुम एक सामूहिक चुदाई का प्रोग्राम रखो जिसमे चूत घर की बहू, बेटियों और बीवियों की हो और लण्ड कॉलेज के लड़कों के ?
ज़रा सोंचो बेटी, नये ताज़े लण्ड जब हम लोगों की बुर चोदेंगें तो कितना मज़ा आएगा ?
अम्मी ने अपनी बात से मुझे कन्विंस कर दिया और मैं प्लान बनाने में जुट गयी।
मेरा नाम रुफिया है दोस्तों, मैं २४ साल की एक बिंदास लड़की हूँ जो १५ साल की उम्र से पकडती आ रही है। यह बात अम्मी को नहीं मालूम थी। हां उसे तब मालूम हुआ जब हैं १९ साल की हुई और चुदवाने लगी थी। मैं अपने कॉलेज के लड़के से चुदवा रही थी। लेकिन अम्मी ने मुझे चुदवाते हुए नहीं देखा बल्कि लण्ड चूसते हुए देखा। अम्मी कुछ देर तक मुझे लण्ड चूसते हुए देखती रहीं। फिर अचानक बोली अरे बेटी राफिया ऐसे नहीं पकड़ा जाता लण्ड ? पहले लण्ड ठीक से पकड़ना सीखो फिर उसे चूसो। लाओ मैं बताती हूँ कैसे पकड़ा जाता है लण्ड ? डरो नहीं, शर्माओ नहीं। अब तुम लण्ड चूसने वाली हो गयी हो। बल्कि मैं तो खुश हूँ की तुम जवानी का मज़ा लेना सीख रही हो। अब देखो मैं तुम्हे लण्ड चूस कर बताती हूँ। अम्मी लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी। मैं उसे गौर से देखने लगी। अम्मी की बातों ने मेरी हिम्मत बढ़ा दी और मैं फिर अम्मी ने जैसे बताया वैसे ही प्यार से लण्ड चूसने लगी।
उस दिन मैंचुदाई समारोह का प्लान बना रही थी। अचानक मेरे पड़ोस की आंटी आ गयीं।
मैं समझ गयी की अम्मी को बहुत अनुभव है। मैंने अपनी दो सहेलियों को बुला लिया रजिया और सेरेना एक मुस्लिम और एक क्रिश्चिएन। दोनों आधे घंटे में ही आ गयीं। मैंने उनको अम्मी की बात बताई और कहा यार अब तुम मुझे उन लड़कों के नाम बताओ जिनके लण्ड लम्बे और मोटे हों ? मैं भी अपने दोस्तों के लण्ड बताती हूँ। मुझे करीब करीब ८/१० लण्ड चाहिए। रजिया बोली लिखो दो नाम आकाश और जीतू । ये दोनों मेरे ही कॉलेज के हैं और इनके लण्ड लम्बे भी है और मोटे भी। मैं और मेरा अम्मी दोनों से खूब चुदवाती हैं। फिर सेरेना बोली मेरे भी दो नाम लिखो पीटर और मार्टर। दोनों ही मेरे हसबैंड के दोस्त हैं और इनके लण्ड जबरदस्त हैं हम लोग इनके साथ अक्सर "wife swapping" का गेम खेलते हैं। दोनों मिलकर चोदते है और मेरा हसबैंड इन दोनों की बीवियां चोदता है। मैंने भी सोंचने के बाद दो नाम शामिल कर दिया अमर सिंह और समर सिंह . अमर सिंह और समर सिंह दोनो पंजाबी है और आपस में दोस्त हैं ? मैंने इन दोनों के लण्ड के बारे में सुना है की इनके लण्ड जर्मनी के बड़े बड़े लण्ड के बराबर हैं। पोर्न स्टार के लण्ड के बराबर हैं। पर न मैंने कभी देखा और न कभी पकड़ा .
मेरी दोनों सहेलियों ने कहा की कल शनिवार है तुम कल ही प्रोग्राम बना लो मैं अपने दोनों दोस्त तेरे पास भेज दूँगी। जाने के बाद अम्मी आ गयीं। मैंने पूंछा अम्मी अब इसमें किस किस की चूत शामिल करोगी ? वह बोलीं एक मेरी चूत, एक तेरी चूत. एक तेरी खाला की चूत, एक उसकी बिटिया की बुर । एक तेरी फूफी की चूत और एक उसकी बिटिया की बुर। यह पहला मौका है इसमें ६ चूत ही शामिल करो बाकि बाद में होता रहेगा। अच्छा यह बताओ की बेटी की लौंड़ों का इंतज़ाम हुआ ? मैंने कहा हां अम्मी लौंड़ों का इंतज़ाम हो गया है। वह मस्ती में बोली तू भोसड़ी की है बड़ी काम की चीज ? अब तू अपनी बुर चोदी फूफी और खाला को बता दे की वे सब कल शाम को टाइम से आ जाएँ और अपनी झांटें वगैरह न बनाये क्योंकि पता नहीं लड़कों को किस तरह की झांटें पसंद है ? या फिर बिलकुल नहीं पसंद हैं ? जिस तरह की पसंद होंगी उस तरह की झांटें बना लीं जायेगीं और नहीं पसंद होंगीं तो उनकी झांटें साफ़ कर दी जायेंगीं।
अगले दिन मेरी फ़िरोज़ा खाला अपनी बेटी निदा के साथ आ गयीं। खाला ४६ साल की हैं और उसकी बेटी २३ साल की। उसकी शादी हो चुकी है। दोनों माँ बेटी मिलकर भकाभक चुदवाती हैं। अपने साथ और लड़कियों को शामिल कर लेतीं है और फिर सबकी बुर में लण्ड घुसती हैं। आते ही बोली राफिया माँ की लौड़ी तू तो बहुत आगे निकल गयी। आज के जैसा प्रोग्राम तो अभी तक किसी ने किया ही नहीं है। आज तो मैं भी तेरी माँ का भोसड़ा चोद के देखूँगी। तब तक मेरी फूफी शबाना आ गयी। उसके साथ उसकी बेटी रियाना थी। वह २२ साल की है और उसकी माँ ४५ साल की। रियाना आज ही अपनी ससुराल से आयी है। उसने कहा यार राफिया मैं तो अभी पार्लर में अपनी झांटें बनवाने जा रही थी। तभी अम्मी का फोन आया और उसने तेरे प्लान के बारे में बता दिया। फिर मैं रुक गयी और यहाँ आ गयी।
मैंने कहा :- अब यहाँ तेरी झांटें कॉलेज के लड़के बनायेगें ? और तुम बनाओगी उनके लण्ड की झांटें ?
इसी बात पर हम सब हंस पड़ी।
मैंने फिर कहा :- मैं सब बीवियों को बताना चाहती हूँ की आज हमारे पास कोई मुस्लिम लण्ड नहीं है। सारे ६ लण्ड नॉन - मुस्लिम हैं और हम लोग इनका पूरा पूरा इस्तेमाल करेंगीं और एन्जॉय करेंगीं। मैं आज सबकी बुर में अनकटे लण्ड पेलूँगी तब आएगा एक अलग तरह का मज़ा ? आज चुदेगा माँ का भोसड़ी का भोसड़ा और चुदेगी बेटियों की बुर चोदी बुर ?
थोड़ी देर में लोग आना शुरू हो गये। सबसे पहले पीटर और मार्टर आये। फिर आकाश और जीतू आ गये। उसके ५ मिनट बाद अमर सिंह और समर सिंह आ गए। फिर सबका सबसे परिचय हुआ। मैंने उसके बाद ड्रिंक्स शुरू कर दी और सबके हाथ में दारू का गिलास पकड़ा दिया। मैं यह भी बता दूँ की सब बीवियों ने बड़े बड़े छोटे कपड़े पहमे थे। खाला ने जब अपना बुर्का उतारा तो उसकी बड़ी बड़ी मस्त चूँचियाँ एकदम नंगी गयीं। उन्हें देख कर लड़कों के लण्ड अंदर ही अंदर फड़फड़ाने लगे। उधर जब फूफी ने बुरका उतारा तो ऊपर से वह भी नंगी हो गयी। उसके बूब्स भी खाला के बूब्स की तरह बड़े बड़े थे। इन दोनों की बेटियां भी अपने कपड़े उतारने लगीं। उनकी चूँचियाँ झाँकने लगीं और जांघें खुल कर सामने आने लगीं। ख़ैर सबने दारू पीना शुरू किया तो नशा भी चढ़ने लगा और मस्ती।
सबसे पहले फूफी की बेटी रियाना उठी और अपना सलवार खोल दिया। उसकी झांटें छोटी छोटी थीं। मैंने कहा यार रियाना तेरी तो झांटें छोटी छोटी है। क्या तू इन्ही को बनवाने जा रही थी? वह बोली हां राफिया मैं वास्तव में अपनी झांटों की डिजाइन बनवाने जा रही थी। आजकल झांटों की डिजाइन का ज़माना है और लड़के उसे बहुत पसंद करते हैं। मेरे दोनों देवर मेरी झांटों का भी मज़ा लेते हैं। मैं भी उनकी छोटी छोटी झांटों का मज़ा लेती हूँ। हालांकि मैं उनके पेल्हड़ की झांटें हमेशा साफ़ रखती हूँ। रियाना की नंगी चूत देख कर लड़के बड़े मस्त हो गए। रियाना अमर के कपडे खोल कर उसका लण्ड हिलाने लगी। उसे देख कर खाला की बेटी निदा भी नंगी हो गयी और मार्टर का लण्ड निकाल कर सहलाने लगी। लण्ड साला पल भर में ही खड़ा हो गया। फूफी ने भी अपना पेटीकोट खोला और सबको अपना भोसड़ा दिखा दिया। उसने पीटर को नंगा करके अपनी गोद में बच्चे की तरह लिटा लिया। उसके मुंह में अपनी चूँची घुसेड़ दी और एक हाथ से उसका लण्ड पकड़ कर ऊपर नीचे करने लगी।
खाला नंगी नंगी जीतू के लण्ड पर टूट पड़ी। उसका बिना झांट का लण्ड खाला को पसंद आ गया। खाला ने पहले तो उसकी कई बार चुम्मी ली और लण्ड का सुपाड़ा मुंह में भर कर चूसने लगीं। वह भी खाला की चूँचियाँ दबाने लगा। अम्मी का हाथ आकाश के लण्ड तक पहुँच चुका था। आकाश जब नंगा हुआ तो अम्मी ने उसे अपनी छाती से चिपका लिया और उसका लण्ड बड़े प्यार से हिलाने लगी। लण्ड साला टन टना कर खड़ा हो गया। आखिर में मैंने भी समर का लौड़ा अपने कब्जे में लिया और उससे खेलने लगी। उसके पेल्हड़ चूमने लगी और लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। वह भी मेरी चूत और गांड पर हाथ फेरने लगा।
फूफी ने कहा - राफिया यार ये लण्ड तो बड़ा मजेदार है मैं जब मुठ्ठी कर करती हूँ तो लण्ड का सुपाड़ा छुप जाता है और जब नीचे करती हूँ तो सुपाड़ा फूल कर खुल जाता है। लण्ड के सुपाड़े के यह लुका छिपी का खेल बहुत मस्त लगा रहा है। ऐसा मादर चोद मुसलमानो के लण्ड में नहीं होता ? खाला ने कहा :- हां यार तूने सही कहा ? मैं भी इसी तरह ला लण्ड का और लण्ड के सुपाड़े का मज़ा ले रही हूँ।
अम्मी ने कहा :- मैं कह रही थीं न की नॉन मुस्लिम के लण्ड का भी मज़ा लेकर देखो न ? आज मुझे तो बहुत अच्छा लग राह है। मैं सबके लण्ड देख देख कर एन्जॉय कर रही हूँ।
तब तक फूफी की बेटी रियाना बोली :- मैंने कभी सोंचा ही नहीं था की लण्ड ऐसा भी होता है। आज नए तरह का लण्ड देख कर मेरी चूत कुछ ज्यादा ही गरम हो गयी है।
उधर से निदा बोली :- गरम हो गयी तू तो फिर क्या ? चाहे चोदो अपनी बुर और चाहे चोदो माँ का भोसड़ा ?
वह बोली :- मैं तो पहले तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँगी, निदा ।
मैंने भी मजाक करते हुआ कहा >- निदा तो बुर चोदी आज अपनी माँ की बहन की बुर भी चोदेगी।
रियाना मुझसे बोली :- राफिया, तेरी माँ की नन्द का भोसड़ा ?
रियाना की माँ फूफी ने मुझसे कहा :- राफिया तेरी फूफी की बिटिया की बुर बहन चोद ? आज उसे पता चलेगा की समूचा लण्ड क्या होता है। अभी तक तो उसने कटे लण्ड से ही चुदवाया है।
इसी तरह की मस्त मस्त और गन्दी गन्दी बातें करती हुई हम सब लण्ड एन्जॉय करने लगीं। एक दूसरे को दिखा दिखा कर लण्ड चाटने और चूसने लगीं। एक साथ सब मिलकर जब लण्ड चूसती हैं तो उसका मज़ा ही कुछ और होता है। आज पहला मौक़ा है जब हम सब एक दूसरे को लण्ड चूसते देख रहीं हैं। अकेले अकेले लण्ड चूसा तो उसमे क्या मज़ा है। यह तो वही बात हुई की जंगल में मोर नाचा किसने देखा ? मजे की बात यह थी की हम सब चूस तो एक लण्ड रहीं थीं लेकिन नज़र सबके लण्ड पर थी। सबकी सब बुर चोदी यह अनुमान लगा रही थीं की किसका लण्ड सबसे अच्छा है ? अम्मी की नज़र जीतू के लण्ड पर थोड़ी देर तक टिकी रही। फिर उसे बर्दास्त नहीं हुआ। उसने हाथ बढाकर जीतू का लण्ड खाला से छीन ही लिया। खाला कहाँ मानने वाली थीं। उसने हाथ बढाकर फूफी से पीटर का लण्ड छीन लिया। फिर तो यह सिलसिला चल पड़ा।
फूफी ने निदा से मार्टर का लण्ड लिया और निदा ने रियाना से अमर का लण्ड छीन लिया। रियाना ने मेरी तरफ देखा और मेरे हाथ से समर का लण्ड पकड़ लिया। मैं भी कहाँ चूमने वाली थी। मैंने इधर उधर देखा और झट्ट से आकाश का लण्ड पकड़ कर चाटने लगी। एक दूसरे से लण्ड छीन छीन कर चाटना और चूसना बड़ा अच्छा लग रहा था। सबकी यही तमन्ना की जल्दी से जल्दी सबके लण्ड पकड़ पकड़ कर और चाट चूस का देखा जाए। उधर लड़के भी मस्ती में आ गए। वो सब हम लोगों की बुर चाटने लगे। यानी मैं लण्ड किसी और का चाट रही थी और बुर मेरी कोई और चाटने लगा। जैसे मैं आकाश लण्ड चाट रही थी और मेरी बुर जीतू चाटने लगा। फूफी मार्टर का लण्ड चाट रही थी पर उसकी बुर अमर चाटने लगा। इससे सबको दुगुना मज़ा आने लगा। यही तो आनंद है सामूहिक चुदाई का ? हां एक बात सबने नोट की लण्ड चाहे मुस्लिम हो या नॉन मुस्लिम, खड़ा होने पर दोनों एक ही तरह के लगते हैं। फिर यह बताना मुश्किल हो जाता है की कौन सा मुस्लिम लण्ड है और कौन सा नॉन मुस्लिम ?
इसके बाद जब चुदाई शुरू हुई तो रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी। लड़के सब के सब उछल उछल कर चोदने लगे और हम सब अपनी अपनी गांड उचका उचका कर चुदवाने लगीं। सारा माहौल चुदाईमय हो गयी। पूरा कमरा चुदाई की आवाज़ों से गूंजने लगा। एक गज़ब की म्यूजिक जैसी धुन निकलने लगी। कुछ तो मस्ती से अल्लम गल्लम बकने लगीं - इस भोसड़ी की राफिया ने आज मेरी माँ चोद दी ,,,निदा ,तेरी माँ की बिटिया की बुर ,,, खाला, तेरी बहन का भोसड़ा देखो कितनी मस्ती से चुद रहा है ,,,इस बुर चोदी राफिया की माँ हचक हचक के चोदो बेटा ,,, हाय मेरे राजा मुझे भी चोदो मेरी माँ भी चोदो ,,, पूरा लौड़ा पेल के चोदो मेरी नन्द की बुर बेटा। ये भोसड़ी की चुदवाने में बड़ी अव्वल है,,, तेरा लण्ड बड़ा मस्त है यार किसी दिन मैं अपनी सास का भोसड़ा चुदवाऊंगी ,,, मैं अपनी नन्द की बुर में पेलूँगी तेरा लण्ड ,,,
इस तरह हम सबने खूब धूमधाम से रात भर चुदवाया और दूसरे दिन भी।
एक दिन मेरा ससुर आ गया। उसके साथ उसका एक दोस्त भी था। मेरा ससुर हनीफ और उसका दोस्त शरीफ। अम्मी भी दोनों से मिलीं और खुश हुईं। रात में हम सबने मदिरा का सेवन किया। मेरा ससुर दारू पीने का बड़ा शौक़ीन है। पीते पीते बातें होने लगीं और बातें धीरे धीरे गहरी और मसालेदार होने लगी।
मेरा नाम रुफिया है दोस्तों, मैं २४ साल की एक बिंदास लड़की हूँ जो १५ साल की उम्र से पकडती आ रही है। यह बात अम्मी को नहीं मालूम थी। हां उसे तब मालूम हुआ जब हैं १९ साल की हुई और चुदवाने लगी थी। मैं अपने कॉलेज के लड़के से चुदवा रही थी। लेकिन अम्मी ने मुझे चुदवाते हुए नहीं देखा बल्कि लण्ड चूसते हुए देखा। अम्मी कुछ देर तक मुझे लण्ड चूसते हुए देखती रहीं। फिर अचानक बोली अरे बेटी राफिया ऐसे नहीं पकड़ा जाता लण्ड ? पहले लण्ड ठीक से पकड़ना सीखो फिर उसे चूसो। लाओ मैं बताती हूँ कैसे पकड़ा जाता है लण्ड ? डरो नहीं, शर्माओ नहीं। अब तुम लण्ड चूसने वाली हो गयी हो। बल्कि मैं तो खुश हूँ की तुम जवानी का मज़ा लेना सीख रही हो। अब देखो मैं तुम्हे लण्ड चूस कर बताती हूँ। अम्मी लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी। मैं उसे गौर से देखने लगी। अम्मी की बातों ने मेरी हिम्मत बढ़ा दी और मैं फिर अम्मी ने जैसे बताया वैसे ही प्यार से लण्ड चूसने लगी।
उस दिन मैंचुदाई समारोह का प्लान बना रही थी। अचानक मेरे पड़ोस की आंटी आ गयीं।
- आते ही वह बोली - अरी राफिया तू क्या इतनी देर से अपनी माँ चुदा रही है, भोसड़ी की ? मैंने दो बार तुझे आदाब बोला तूने कोई जबाब नहीं दिया ?
- नहीं आंटी जी माँ नहीं चुदा रही हूँ। बल्कि एक प्लान बना रही हूँ। मैंने तो तेरे आदाब का जबाब दिया। तूने नहीं लिया तो मैं क्या करूं ? तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा, आंटी ?
- वाह वाह क्या घुमा फेर के मुझे गाली दी है तूने ? अरे सीधे सीधे कह देती की आंटी तेरा भोसड़ा ?
- आंटी जी अब ज़माना बदल चुका है। अब कहने का नज़रिया और कहने का तरीका बदल गया है। "आंटी तेरा भोसड़ा" कहने में कोई मज़ा नहीं है आंटी जी। मज़ा तो "तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा" कहने में है।
- तुझे मालूम है ? मेरी बेटी का माँ भोसड़ा मेरी बेटी ही चुदवाती है।
- हाय अल्ला, यह सच कह रही हो तुम आंटी जी ? की मुझे चूतिया बना रही हो ? कैसे चुदवाती है वो तेरा भोसड़ा आंटी जी ?
- लण्ड पेल पेल कर चुदवाती है यार ? तू इतना भी नहीं समझती ?
- तो फिर तू क्या करती है मेरी हरामजादी आंटी जी ? मैं भी उसकी चूत में लण्ड पेल देती हूँ। जब वह नहीं शर्मनाती तो मैं क्यों शरमाऊं ?
मैं समझ गयी की अम्मी को बहुत अनुभव है। मैंने अपनी दो सहेलियों को बुला लिया रजिया और सेरेना एक मुस्लिम और एक क्रिश्चिएन। दोनों आधे घंटे में ही आ गयीं। मैंने उनको अम्मी की बात बताई और कहा यार अब तुम मुझे उन लड़कों के नाम बताओ जिनके लण्ड लम्बे और मोटे हों ? मैं भी अपने दोस्तों के लण्ड बताती हूँ। मुझे करीब करीब ८/१० लण्ड चाहिए। रजिया बोली लिखो दो नाम आकाश और जीतू । ये दोनों मेरे ही कॉलेज के हैं और इनके लण्ड लम्बे भी है और मोटे भी। मैं और मेरा अम्मी दोनों से खूब चुदवाती हैं। फिर सेरेना बोली मेरे भी दो नाम लिखो पीटर और मार्टर। दोनों ही मेरे हसबैंड के दोस्त हैं और इनके लण्ड जबरदस्त हैं हम लोग इनके साथ अक्सर "wife swapping" का गेम खेलते हैं। दोनों मिलकर चोदते है और मेरा हसबैंड इन दोनों की बीवियां चोदता है। मैंने भी सोंचने के बाद दो नाम शामिल कर दिया अमर सिंह और समर सिंह . अमर सिंह और समर सिंह दोनो पंजाबी है और आपस में दोस्त हैं ? मैंने इन दोनों के लण्ड के बारे में सुना है की इनके लण्ड जर्मनी के बड़े बड़े लण्ड के बराबर हैं। पोर्न स्टार के लण्ड के बराबर हैं। पर न मैंने कभी देखा और न कभी पकड़ा .
मेरी दोनों सहेलियों ने कहा की कल शनिवार है तुम कल ही प्रोग्राम बना लो मैं अपने दोनों दोस्त तेरे पास भेज दूँगी। जाने के बाद अम्मी आ गयीं। मैंने पूंछा अम्मी अब इसमें किस किस की चूत शामिल करोगी ? वह बोलीं एक मेरी चूत, एक तेरी चूत. एक तेरी खाला की चूत, एक उसकी बिटिया की बुर । एक तेरी फूफी की चूत और एक उसकी बिटिया की बुर। यह पहला मौका है इसमें ६ चूत ही शामिल करो बाकि बाद में होता रहेगा। अच्छा यह बताओ की बेटी की लौंड़ों का इंतज़ाम हुआ ? मैंने कहा हां अम्मी लौंड़ों का इंतज़ाम हो गया है। वह मस्ती में बोली तू भोसड़ी की है बड़ी काम की चीज ? अब तू अपनी बुर चोदी फूफी और खाला को बता दे की वे सब कल शाम को टाइम से आ जाएँ और अपनी झांटें वगैरह न बनाये क्योंकि पता नहीं लड़कों को किस तरह की झांटें पसंद है ? या फिर बिलकुल नहीं पसंद हैं ? जिस तरह की पसंद होंगी उस तरह की झांटें बना लीं जायेगीं और नहीं पसंद होंगीं तो उनकी झांटें साफ़ कर दी जायेंगीं।
अगले दिन मेरी फ़िरोज़ा खाला अपनी बेटी निदा के साथ आ गयीं। खाला ४६ साल की हैं और उसकी बेटी २३ साल की। उसकी शादी हो चुकी है। दोनों माँ बेटी मिलकर भकाभक चुदवाती हैं। अपने साथ और लड़कियों को शामिल कर लेतीं है और फिर सबकी बुर में लण्ड घुसती हैं। आते ही बोली राफिया माँ की लौड़ी तू तो बहुत आगे निकल गयी। आज के जैसा प्रोग्राम तो अभी तक किसी ने किया ही नहीं है। आज तो मैं भी तेरी माँ का भोसड़ा चोद के देखूँगी। तब तक मेरी फूफी शबाना आ गयी। उसके साथ उसकी बेटी रियाना थी। वह २२ साल की है और उसकी माँ ४५ साल की। रियाना आज ही अपनी ससुराल से आयी है। उसने कहा यार राफिया मैं तो अभी पार्लर में अपनी झांटें बनवाने जा रही थी। तभी अम्मी का फोन आया और उसने तेरे प्लान के बारे में बता दिया। फिर मैं रुक गयी और यहाँ आ गयी।
मैंने कहा :- अब यहाँ तेरी झांटें कॉलेज के लड़के बनायेगें ? और तुम बनाओगी उनके लण्ड की झांटें ?
इसी बात पर हम सब हंस पड़ी।
मैंने फिर कहा :- मैं सब बीवियों को बताना चाहती हूँ की आज हमारे पास कोई मुस्लिम लण्ड नहीं है। सारे ६ लण्ड नॉन - मुस्लिम हैं और हम लोग इनका पूरा पूरा इस्तेमाल करेंगीं और एन्जॉय करेंगीं। मैं आज सबकी बुर में अनकटे लण्ड पेलूँगी तब आएगा एक अलग तरह का मज़ा ? आज चुदेगा माँ का भोसड़ी का भोसड़ा और चुदेगी बेटियों की बुर चोदी बुर ?
थोड़ी देर में लोग आना शुरू हो गये। सबसे पहले पीटर और मार्टर आये। फिर आकाश और जीतू आ गये। उसके ५ मिनट बाद अमर सिंह और समर सिंह आ गए। फिर सबका सबसे परिचय हुआ। मैंने उसके बाद ड्रिंक्स शुरू कर दी और सबके हाथ में दारू का गिलास पकड़ा दिया। मैं यह भी बता दूँ की सब बीवियों ने बड़े बड़े छोटे कपड़े पहमे थे। खाला ने जब अपना बुर्का उतारा तो उसकी बड़ी बड़ी मस्त चूँचियाँ एकदम नंगी गयीं। उन्हें देख कर लड़कों के लण्ड अंदर ही अंदर फड़फड़ाने लगे। उधर जब फूफी ने बुरका उतारा तो ऊपर से वह भी नंगी हो गयी। उसके बूब्स भी खाला के बूब्स की तरह बड़े बड़े थे। इन दोनों की बेटियां भी अपने कपड़े उतारने लगीं। उनकी चूँचियाँ झाँकने लगीं और जांघें खुल कर सामने आने लगीं। ख़ैर सबने दारू पीना शुरू किया तो नशा भी चढ़ने लगा और मस्ती।
सबसे पहले फूफी की बेटी रियाना उठी और अपना सलवार खोल दिया। उसकी झांटें छोटी छोटी थीं। मैंने कहा यार रियाना तेरी तो झांटें छोटी छोटी है। क्या तू इन्ही को बनवाने जा रही थी? वह बोली हां राफिया मैं वास्तव में अपनी झांटों की डिजाइन बनवाने जा रही थी। आजकल झांटों की डिजाइन का ज़माना है और लड़के उसे बहुत पसंद करते हैं। मेरे दोनों देवर मेरी झांटों का भी मज़ा लेते हैं। मैं भी उनकी छोटी छोटी झांटों का मज़ा लेती हूँ। हालांकि मैं उनके पेल्हड़ की झांटें हमेशा साफ़ रखती हूँ। रियाना की नंगी चूत देख कर लड़के बड़े मस्त हो गए। रियाना अमर के कपडे खोल कर उसका लण्ड हिलाने लगी। उसे देख कर खाला की बेटी निदा भी नंगी हो गयी और मार्टर का लण्ड निकाल कर सहलाने लगी। लण्ड साला पल भर में ही खड़ा हो गया। फूफी ने भी अपना पेटीकोट खोला और सबको अपना भोसड़ा दिखा दिया। उसने पीटर को नंगा करके अपनी गोद में बच्चे की तरह लिटा लिया। उसके मुंह में अपनी चूँची घुसेड़ दी और एक हाथ से उसका लण्ड पकड़ कर ऊपर नीचे करने लगी।
खाला नंगी नंगी जीतू के लण्ड पर टूट पड़ी। उसका बिना झांट का लण्ड खाला को पसंद आ गया। खाला ने पहले तो उसकी कई बार चुम्मी ली और लण्ड का सुपाड़ा मुंह में भर कर चूसने लगीं। वह भी खाला की चूँचियाँ दबाने लगा। अम्मी का हाथ आकाश के लण्ड तक पहुँच चुका था। आकाश जब नंगा हुआ तो अम्मी ने उसे अपनी छाती से चिपका लिया और उसका लण्ड बड़े प्यार से हिलाने लगी। लण्ड साला टन टना कर खड़ा हो गया। आखिर में मैंने भी समर का लौड़ा अपने कब्जे में लिया और उससे खेलने लगी। उसके पेल्हड़ चूमने लगी और लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। वह भी मेरी चूत और गांड पर हाथ फेरने लगा।
फूफी ने कहा - राफिया यार ये लण्ड तो बड़ा मजेदार है मैं जब मुठ्ठी कर करती हूँ तो लण्ड का सुपाड़ा छुप जाता है और जब नीचे करती हूँ तो सुपाड़ा फूल कर खुल जाता है। लण्ड के सुपाड़े के यह लुका छिपी का खेल बहुत मस्त लगा रहा है। ऐसा मादर चोद मुसलमानो के लण्ड में नहीं होता ? खाला ने कहा :- हां यार तूने सही कहा ? मैं भी इसी तरह ला लण्ड का और लण्ड के सुपाड़े का मज़ा ले रही हूँ।
अम्मी ने कहा :- मैं कह रही थीं न की नॉन मुस्लिम के लण्ड का भी मज़ा लेकर देखो न ? आज मुझे तो बहुत अच्छा लग राह है। मैं सबके लण्ड देख देख कर एन्जॉय कर रही हूँ।
तब तक फूफी की बेटी रियाना बोली :- मैंने कभी सोंचा ही नहीं था की लण्ड ऐसा भी होता है। आज नए तरह का लण्ड देख कर मेरी चूत कुछ ज्यादा ही गरम हो गयी है।
उधर से निदा बोली :- गरम हो गयी तू तो फिर क्या ? चाहे चोदो अपनी बुर और चाहे चोदो माँ का भोसड़ा ?
वह बोली :- मैं तो पहले तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँगी, निदा ।
मैंने भी मजाक करते हुआ कहा >- निदा तो बुर चोदी आज अपनी माँ की बहन की बुर भी चोदेगी।
रियाना मुझसे बोली :- राफिया, तेरी माँ की नन्द का भोसड़ा ?
रियाना की माँ फूफी ने मुझसे कहा :- राफिया तेरी फूफी की बिटिया की बुर बहन चोद ? आज उसे पता चलेगा की समूचा लण्ड क्या होता है। अभी तक तो उसने कटे लण्ड से ही चुदवाया है।
इसी तरह की मस्त मस्त और गन्दी गन्दी बातें करती हुई हम सब लण्ड एन्जॉय करने लगीं। एक दूसरे को दिखा दिखा कर लण्ड चाटने और चूसने लगीं। एक साथ सब मिलकर जब लण्ड चूसती हैं तो उसका मज़ा ही कुछ और होता है। आज पहला मौक़ा है जब हम सब एक दूसरे को लण्ड चूसते देख रहीं हैं। अकेले अकेले लण्ड चूसा तो उसमे क्या मज़ा है। यह तो वही बात हुई की जंगल में मोर नाचा किसने देखा ? मजे की बात यह थी की हम सब चूस तो एक लण्ड रहीं थीं लेकिन नज़र सबके लण्ड पर थी। सबकी सब बुर चोदी यह अनुमान लगा रही थीं की किसका लण्ड सबसे अच्छा है ? अम्मी की नज़र जीतू के लण्ड पर थोड़ी देर तक टिकी रही। फिर उसे बर्दास्त नहीं हुआ। उसने हाथ बढाकर जीतू का लण्ड खाला से छीन ही लिया। खाला कहाँ मानने वाली थीं। उसने हाथ बढाकर फूफी से पीटर का लण्ड छीन लिया। फिर तो यह सिलसिला चल पड़ा।
फूफी ने निदा से मार्टर का लण्ड लिया और निदा ने रियाना से अमर का लण्ड छीन लिया। रियाना ने मेरी तरफ देखा और मेरे हाथ से समर का लण्ड पकड़ लिया। मैं भी कहाँ चूमने वाली थी। मैंने इधर उधर देखा और झट्ट से आकाश का लण्ड पकड़ कर चाटने लगी। एक दूसरे से लण्ड छीन छीन कर चाटना और चूसना बड़ा अच्छा लग रहा था। सबकी यही तमन्ना की जल्दी से जल्दी सबके लण्ड पकड़ पकड़ कर और चाट चूस का देखा जाए। उधर लड़के भी मस्ती में आ गए। वो सब हम लोगों की बुर चाटने लगे। यानी मैं लण्ड किसी और का चाट रही थी और बुर मेरी कोई और चाटने लगा। जैसे मैं आकाश लण्ड चाट रही थी और मेरी बुर जीतू चाटने लगा। फूफी मार्टर का लण्ड चाट रही थी पर उसकी बुर अमर चाटने लगा। इससे सबको दुगुना मज़ा आने लगा। यही तो आनंद है सामूहिक चुदाई का ? हां एक बात सबने नोट की लण्ड चाहे मुस्लिम हो या नॉन मुस्लिम, खड़ा होने पर दोनों एक ही तरह के लगते हैं। फिर यह बताना मुश्किल हो जाता है की कौन सा मुस्लिम लण्ड है और कौन सा नॉन मुस्लिम ?
इसके बाद जब चुदाई शुरू हुई तो रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी। लड़के सब के सब उछल उछल कर चोदने लगे और हम सब अपनी अपनी गांड उचका उचका कर चुदवाने लगीं। सारा माहौल चुदाईमय हो गयी। पूरा कमरा चुदाई की आवाज़ों से गूंजने लगा। एक गज़ब की म्यूजिक जैसी धुन निकलने लगी। कुछ तो मस्ती से अल्लम गल्लम बकने लगीं - इस भोसड़ी की राफिया ने आज मेरी माँ चोद दी ,,,निदा ,तेरी माँ की बिटिया की बुर ,,, खाला, तेरी बहन का भोसड़ा देखो कितनी मस्ती से चुद रहा है ,,,इस बुर चोदी राफिया की माँ हचक हचक के चोदो बेटा ,,, हाय मेरे राजा मुझे भी चोदो मेरी माँ भी चोदो ,,, पूरा लौड़ा पेल के चोदो मेरी नन्द की बुर बेटा। ये भोसड़ी की चुदवाने में बड़ी अव्वल है,,, तेरा लण्ड बड़ा मस्त है यार किसी दिन मैं अपनी सास का भोसड़ा चुदवाऊंगी ,,, मैं अपनी नन्द की बुर में पेलूँगी तेरा लण्ड ,,,
इस तरह हम सबने खूब धूमधाम से रात भर चुदवाया और दूसरे दिन भी।
एक दिन मेरा ससुर आ गया। उसके साथ उसका एक दोस्त भी था। मेरा ससुर हनीफ और उसका दोस्त शरीफ। अम्मी भी दोनों से मिलीं और खुश हुईं। रात में हम सबने मदिरा का सेवन किया। मेरा ससुर दारू पीने का बड़ा शौक़ीन है। पीते पीते बातें होने लगीं और बातें धीरे धीरे गहरी और मसालेदार होने लगी।
- ससुर बोला - अरे यासमीन (अम्मी का नाम ) भाभी मुझे तो रात में कोई नाता रिस्ता याद नहीं रहता ? मैं सब भूल जाता हूँ।
- अम्मी - तुमने ठीक कहा समधी जी। मुझे भी रात में ये सब कुछ मालूम नहीं पड़ता।
- शरीफ - वैसे मैं समझता हूँ की रात में यह सब सबके साथ होता है। मैं भी रात में जब दारू पी लेता हूँ तो किसी के भी साथ नंगा ही सो जाता हूँ।
- ससुर - मुझे भी रात में नंगा नंगा सोना बड़ा अच्छा लगता है।
- अम्मी - तो फिर तुम्हारे साथ रात में कोई नंगी नंगी सोती भी होगी।
- ससुर - हां सोती है और कोई भी सो जाती है। एक बार तो मेरी साली साहिबा सो गयी थी।
- अम्मी - अरे यार साफ साफ बताओ न की उस दिन तुमने अपनी साली की बुर ली थी। शर्माते क्यों हो ?
- ससुर - हां भाभी तुमने ठीक कहा, बुर लेने के बाद ही मैं सोया था।
- अम्मी - और किस किस के साथ नंगे सोते हो तुम ?
- ससुर - अब मैं किस किस का नाम गिनाऊँ ? रोज़ ही कोई न कोई मेरे साथ नंगी सो जाती है और जब कोई नहीं सोती है तो मैं उसके पास जाकर नंगा नंगा सो जाता हूँ। तब तो तुम बहुत ही हरामजादे हो भोसड़ी के ?
- तब तक उसका दोस्त शरीफ बोला - अरे भाभी ये तो मेरी बीवी के साथ भी नंगा नंगा सो जाता है।
- ससुर ने पलट कर जबाब दिया - तुम भी तो मेरी बीवी के साथ नंगे नंगे सोते हो ?
- अम्मी - हाय दईया, तो शरीफ भाई तुम मेरी समधिन की बुर लेते हो ? मेरी बेटी की सास का भोसड़ा चोदते हो ? चोदो खूब चोदो ,,,,
- अम्मी - ऐसे में मेरी बेटी की नन्द क्या करती है ?
- ससुर - तेरी बेटी की नन्द तो अपनी नन्द के बाप का लण्ड चोदती है।
- मैंने कहा - तब तो आज मैं अपनी नन्द के बाप का लण्ड चोदूँगी, अम्मी ?
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