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बीवी हूँ एक की लेकिन चूत चुदवाती हूँ सबसे - Biwi hun ek ki chut chudwati hun sabse
बीवी हूँ एक की लेकिन चूत चुदवाती हूँ सबसे - Biwi hun ek ki chut chudwati hun sabse , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मेरा नाम बरखा है दोस्तों. मैं ३० साल की एक मद मस्त, खूबसूरत और हॉट बीवी हूँ। मैं मुंबई में रहती हूँ और मेरा हसबैंड दिल्ली में रहता है। मैं मुंबई के काम करती हूँ और वह दिल्ली में। हर महीने हम लोग मिलते हैं। कभी वह मुंबई आ जाता है और कभी मैं दिल्ली चली जाती हूँ। मेरे ऑफिस में एक नाम सचिन का लड़का अक्सर आता जाता था। मैं उसे देखती थी। वह गोरा चिट्टा और हैंडसम था , उसका काम मेरी ही टेबल से होता था। मुझे उसकी बात चीत का लहज़ा बड़ा अच्छा लगता था। महीने में वह ३/४ बार आता था। वह भी मुझे देखता था और जब मैं साड़ी और डीप नेक का स्लीवलेस ब्लाउज़ पहन कर आती थी तो वह बड़ी देर तक देखा करता था। मुझ पर भी कुछ ऐसा असर हुआ की मैं और ज्यादा बन ठन कर आने लगी। जींस और टॉप में आने लगी। उसका भी ऑफिस में आने जाने की फ्रीक्वेंसी बढ़ गयी। वह भी जल्दी जल्दी किसी न किसी बहाने आने लगा। तब मेरी बात चीत ज्यादा होने लगी। धीरे धीरे वह मुझसे बाहर भी मिलने लगा। बाहर किसी रेस्टोरेंट में बैठ कर चाय पानी भी करने लगी। कभी कभी मैं कार नहीं लाती थी तो वह मुझे घर तक लिफ्ट दे देता था। इस तरह हम लोग नजदीक आने लगे। कभी कभी मैं उसकी कार अपने पर्सनल काम के लिए मंगवा लेती थी। वह मुझे अपनी कार देकर बड़ा खुश होता था। एक दिन मैं घर में अकेली थी और मन किसी भी काम ने नहीं लग रहा था। मैंने फोन उठाया और उससे खुल कर बात की।
छुट्टी का दिन था। वह फुर्सत में था। मैंने उसे बुला लिया। शाम का समय था। मैं थोड़ा मेक अप का टच उप किया और घाघरा पहन कर उसका इंतज़ार करने लगी। ऊपर मैंने एक छोटी सी ब्रा पहन ली। मेरी बड़ी बड़ी चूँचियाँ तो उसमे समा नहीं रही थीं पर हां निपल्स जरूर छुप गए थे। चुन्नी डालने का आजकल चलन रहा ही नहीं। वह आया तो मैंने उसे प्यार से बैठाया और थोड़ी बहुत बात की फिर अंदर गयी और ड्रिंक्स का सेट एक टेबल पर लगा हुआ लेकर आ गयी। मैंने उसे व्हिस्की बना कर दी मैंने भी एक गिलास लिया और हम दोनों शराब पीने लगे। वह एक टी शर्ट और जींस में था। बड़ा हैंडसम लग रहा था।
मैंने अपनी ब्रा खोली और नंगी चूँचियाँ उसे दिखा कर उसके ऊपर टूट पड़ी। लिपट गयी मैं उससे और वह भी मुझसे बुरी तरह लिपट गया . हम दोनों एक साथ बड़ी देर तक लिपटे रहे। वह मेरी चूँचियाँ दबाने लगा और मैं उसका लण्ड टटोलने लगी। उसने चुपके से मेरे घाघरा के नाड़ा खोल दिया तो वह नीचे गिर पड़ा और मैं मादर चोद एकदम नंगी हो गयी। मैंने भी उसके कपड़े उतार डाले और उसे नंगा कर दिया। लण्ड पकड़ कर मैंने कहा वाओ, ये तो भोसड़ी का बड़ा मोटा है यार ? बस मेरा मुंह खुल गया और मैंने उसका सुपाड़ा मुंह में भर चूसने लगी। सच बात यह है की लण्ड देखते ही मेरा मुंह आपने आप खुले जाता है। वह भी मेरी चूँचियाँ चूमने, चाटने और चूसने लगा। हम दोनों 69 ली पोजीशन में आ गए। मुझे कई दिनों के बाद एक मोटा तगड़ा लण्ड मिला तो मैं तो मस्त हो गया। उसका मेरी गांड पर हाथ फिराना और मेरे पूरे नंगे बदन पर हाथ फिराना मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था।
मैं मस्ती में आकर लण्ड से बातें करने लगी। पहले मैंने लण्ड पर एक थप्पड़ मारा तो और वह तन कर सिर हिलाने लगा। मैंने कहा तू बहन चोद मुझे इतने दिनों से परेशान कर रहा था। पहले क्यों नहीं मेरे पास आया। मैं तेरा भोसड़ी के जाने कब से इंतज़ार कर रही थी। मेरी चूत बुर चोदी तुझे पाने के लिए तड़प रही थी। इसी बीच मैंने लण्ड पर ३/४ तमाचे जड़ दिए। सचिन को भी बड़ा मज़ा आ रहा था। फिर मैं उसके पेल्हड़ चाटने लगी और बार बार लण्ड का माथा चूमने लगी। सचिन में मेरी चूत में ऊँगली घुसेड़ दी। वह बोला बाप रे बाप तेरी चूत तो भठ्ठी की तरह जल रही है भाभी। मैंने कहा अबे माँ के लौड़े, इसमें ऊँगली नहीं लौड़ा घुसेड़ दे ? पूरा लौड़ा पेल दे यार। अब मुझसे नहीं रुका जा रहा ? वह भी ताव में आ गया और मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे भकाभक चोदने लगा। मैं भी अपनी गांड गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। मेरी चूँचियाँ उसकी आँखों के सामने उछलने लगी। उन्हें देख कर सचिन का जोश बढ़ने लगा।
मैं वासना में पूरी तरह डूब चुकी थी। मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ रही थीं। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मेरे मुंह से कुछ भी निकलता जा रहा था - हाय रे तूने मेरी बुर फाड् दी भोसड़ी वाले, फट गयी मेरी चूत, उई माँ, मर गयी मैं इस मादर चोद से चुदवाकर ? मुझे नहीं मालूम था की इसका लौड़ा साला इतना मोटा होगा ? ये तो बहन चोद मेरी माँ का भोसड़ा भी फाड़ डालेगा। हाय रे सचिन तू तो बेटी चोद बहुत बड़ा चोदू निकला ? तूने मुझे पहले कईं नहीं चोदा ? इतने दिनों तक मुझे तड़पा के क्यों रखा ? अब तू मुझे हर रोज़ चोदा कर नहीं तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी। मैं बहुत ज़ालिम चीज हूँ, बहुत बड़ी हरामजादी और बदचलन औरत हूँ मैं। सबकी गांड मारती हूँ। हाय रे पूरा घुसेड़ दो लण्ड। जल्दी जल्दी चोदो मेरे राजा ?
मेरी चूत ढीली होने लगी थी लेकिन सचिन तो चोदे ही चला जा रहा था। उसने फिर मुझे डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू कर दिया। मैं भी एक कुतिया की तरह चुदवाने लगी। मेरी चूत से रस निकलने लगा और मुझे लगा की उसका लण्ड आखिरी मंजिल तक पहुँच चुका है। फिर वह एक मिनट में ही बोला भाभी अब मई निकलने वाला हूँ। मैं बोली भोसड़ी के मैं अभी तेरा सड़का मारूंगी तब तू झड़ेगा उसके पहले नहीं। मैं घूम गयी और लण्ड मुठ्ठी में लेकर सड़का दना दन मारने लगी और बस आधे घंटे में ही वह झड़ने लगा। मैंने लण्ड के सामने मुंह खोल दिया और लण्ड ने सारा वीर्य मेरे मुंह ही उगल दिया। मैं उसे बड़े प्यार से पी गयी और लण्ड का सुपाड़ा चपर चपर मजे से चाटने लगी।
एक दिन मेरी मुलाक़ात जोसफ़ सर से हो गयी। वह मेरे कॉलेज में प्रोफेसर हैं जहाँ से मैं पढ़ी हूँ। बातों ही बातों में मैं उसे अपने घर ले आयी। वह लगभग ४५ साल के हैं, वह गोरे चिट्टे हैं, हैंडसम और स्मार्ट है। मैं उसके साथ बैठ कर व्हिस्की पीने लगी क्योंकि मुझे मालूम था की वह क्रिश्चियन हैं और शराब के बेहद शौक़ीन हैं। मैं उसके साथ वही ड्रेस पहन कर पीने लगी जो मैंने सचिन के समय पहनी थी।
नतीजा तो बहुत बढ़िया है। यह कहते हुए उसने मेरीका कमाल है सर। चूँचियाँ पकड़ लीं। बस मेरा काम बन गया मैंने सोंच लिया की अब तो ये साला मुझे चोद कर ही जाएगा। मैं फ़टाफ़ट उसके कपड़े उतारने लगी। आखिर में जब वह पूरा नंगा हुआ तो उसका टन टनाता हुआ लण्ड मेरे हाथ में आ गया। मुझे लगा की ये तो साला सचिन के लण्ड से बड़ा ै। मैंने कहा हाय दईया किता बड़ा है तेरा लण्ड बहन चोद ? इतना लंबा चौड़ा तेरा लौड़ा किसी भी भी चूत को एक ही दिन में भोसड़ा बना सकता है। वह बोला अरे बरखा कुछ लड़कियां तो मुझे अपने घर बुलाकर अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाती हैं। कुछ लड़कियां अपनी माँ बहन को लेकर मेरे पास आ जाती हैं और कहती हैं सर इन्हे मेरे सामने ही चोदो। फिर मैं चोदता भी हूँ और सबके मुंह में लौड़ा पेलता भी हूँ। अभी कल ही समीना नाम की एक लड़की अपनी माँ चुदवाकर गयी। वहां से बोली सर मैं शनिवार को अपनी खाला का भोसड़ा चुदवाने आऊंगी। मैंने कहा ये सब तेरा नहीं तेरे लण्ड का कमाल है, सर। इतना मर्दाना लण्ड कौन भोसड़ी वाली छोड़ सकती है ?
मैं उसका लण्ड मुंह में लिए हुए चूस भी रही थी और बातें भी कर रही थी। वह भी मेरी चूत चाट भी रहा था और बातें भी कर रहा था। फिर मैंने कहा सर अब मुझे चोदो। पेलो लण्ड मेरी चूत में। चोद डालो मेरी चूत। चाहे आगे से चोदो चाहे पीछे से चोदो। चाहे मेरे ऊपर चढ़ के चोदो, चाहे मुझे अपने ऊपर चढ़ा के चोदो, पर चोदो ? अब और रुका नहीं जाता। उसने मुझे अपनी तरफ घसीटा, लण्ड मेरी चूत के मुंह पर रखा और एक जोर का धक्का मारा। लण्ड साला गचगचा कर अंदर घुस गया। मेरे मुंह से चीख निकली। उई माँ, फाड़ डाला इसने मेरी बुर ? इसकी बहन का भोसड़ा ? इसकी बिटिया की बुर ? ये तो साला बड़ा मस्त चोदू आदमी है. जोसफ़ का बच्चा। मैं बके भी जा रही थी और धक्के पे धक्के लगवाए भी जा रही थी।
मुझे कुछ पता नहीं की मैं इतनी बड़ी चुदक्कड़ क्यों हूँ ? मैं जितना चुदवाती हूँ मुझे उतना ही और चुदवाने का मन करता है। मेरी इस बुर चोदी बुर को पता नहीं क्या हो गया ? ये भोसड़ी की बिना लण्ड के एक मिनट भी शांत नहीं बैठ सकती।
जोसफ़ का ८ १/२" का लण्ड अपनी चूत में पेलवाकर मैं बड़ी खुश थी। मुझे अपनी चूत पर गर्व का अनुभव हो रहा था। मुझे लगा की अब अगर कोई गधा भी अपना लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दे तो मैं बर्दास्त कर लूंगी। जोसफ बोला यार बरखा तू जितनी मस्ती से चुदवा रही है उतनी मस्ती से तो कोई लड़की नहीं चुदवाती, किस की बीवी नहीं चुदवाती, किसी की माँ नहीं चुदवाती ? तेरे अंदर सेक्स कूट कूट कर भरा है गॉड ने ? मुझे भी इतना मज़ा आज तक किसी की बुर चोद कर नहीं आया। ऐसा बोल कर उसने मुझे चोदने की स्पीड बढ़ा दी। कहते हैं की जब चुदाई में ज़न्नत का मज़ा आने लगे तो चूत बहुत जल्दी ठण्ढी हो जाती है। यही हाल मेरा होने वाला था। उधर सर का लण्ड भी निकलने वाला था। मैं समझ गयी तो लण्ड का मुठ्ठ मारने लगी। जैसे मैंने १५/२० बार लण्ड पकड़ कर ऊपर नीचे किया वैसे ही लण्ड ने पिचकारी मेरे मुंह में छोड़ दी। मैं मस्ती से लण्ड का सारा मक्खन खा गयी और बाद में बड़े प्यार से लण्ड का टोपा चाटने लगी।
एक दिन मेरी भेंट मेरी कॉलेज की एक दोस्त बबली से हो गयी। मैंने उसकी मांग में सिन्दूर देखा तो समझ गयी की उसकी शादी हो गयी। वह बोली यार बरखा देखो मेरा घर पास में ही है। अब तुम मेरे घर चलो वहीँ बैठ कर बातें करेगीं। यहाँ करूंगी तो लोग सुन लेगें। मैं कुछ गन्दी गन्दी बातें करना चाहती हूँ तुमसे ? मैं ख़ुशी ख़ुशी उसके घर चली गयी। उसने सबसे पहले दारू मेरे सामने रख दी और कहा यार पहले दो दो घूंट मारो फिर मैं बाते शुरू करूंगी। हमने वैसा ही किया।
वह बोली :- बरखा पहले यह बताओ क्या तुमने अपने पति के अलावा किसी और का लण्ड कभी नहीं पकड़ा ? मैंने कहा :- मैं झूंठ नहीं बोलूंगी। मैंने शादी के बाद पकड़ा है गैर मर्दों के लण्ड। पकड़ा ही नहीं बल्कि पेला है लण्ड अपनी चूत में। चुदवाया है मैंने कई लोगों से ? मैं झांट किसी की परवाह नहीं करती। मैं तो बस अपनी ही चूत की सुनती हूँ बाकी किसी भोसड़ी वाले की कोई बात नहीं सुनती ? हां यह बात मेरा हसबैंड नहीं जानता और न मैं उसे कभी जानने दूँगी ?
वह मेरी गदेली में अपनी गदेली मारती हूँ बोली :- हां यार मैं भी यही करती हूँ। मैं लण्ड किसी की परवाह नहीं करती और जम कर ग़ैर मर्दों से चुदवाती हूँ। ख़ास तौर पर उस समय जब मेरा हसबैंड टूर पर होता है। एक बात बताऊँ - बीवी मैं जरूर एक की हूँ पर चुदवाती सबसे हूँ। अच्छा यह बताओ की तुमको किस तरह के लण्ड पसंद हैं।
मैंने कहा :- लंबा और मोटा लण्ड ? वही मेरी चूत का बाजा बजा सकता है।
वह बोली :- तो फिर आज मैं तेरे पास दो लण्ड भेजूंगी। मैं उनके लण्ड के बारे में नहीं बताऊंगी। तुम खुद ही देख लेना मेरी च्वाइस । आज मैं चुदवा नहीं सकती क्योंकि आज मुझे मेरा पति चोदेगा ? वह यहीं हैं।
फिर मैं अपने घर चली गयी।
शाम को ८ बजे दो लड़के मेरे पास आ गए और बोले मुझे बबली भाभी ने भेजा है। मैं तो उन्हें देख कर ही गरम हो गयी। इतने हैंडसम, इतना कसा बदन, इतनी मस्त तंदुरस्ती मैंने पहले कभी किसी की देखी नहीं। मैंने उन्हें बैठाया और दारू पिलाई। फिर जब मैं उनके सामने नंगी हुई और फिर उन्हें नंगा किया तो मैं उन दोनों का लण्ड देख कर पागल हो गयी. लण्ड भी इतने मोटे तगड़े लम्बे चौड़े और खूबसूरत होते हैं मैंने उसी दिन जाना। मैं बड़ी देर तक उनके लण्ड पकड़ कर घुमा घुमा के देखती रही और फिर ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,?
मेरा नाम बरखा है दोस्तों. मैं ३० साल की एक मद मस्त, खूबसूरत और हॉट बीवी हूँ। मैं मुंबई में रहती हूँ और मेरा हसबैंड दिल्ली में रहता है। मैं मुंबई के काम करती हूँ और वह दिल्ली में। हर महीने हम लोग मिलते हैं। कभी वह मुंबई आ जाता है और कभी मैं दिल्ली चली जाती हूँ। मेरे ऑफिस में एक नाम सचिन का लड़का अक्सर आता जाता था। मैं उसे देखती थी। वह गोरा चिट्टा और हैंडसम था , उसका काम मेरी ही टेबल से होता था। मुझे उसकी बात चीत का लहज़ा बड़ा अच्छा लगता था। महीने में वह ३/४ बार आता था। वह भी मुझे देखता था और जब मैं साड़ी और डीप नेक का स्लीवलेस ब्लाउज़ पहन कर आती थी तो वह बड़ी देर तक देखा करता था। मुझ पर भी कुछ ऐसा असर हुआ की मैं और ज्यादा बन ठन कर आने लगी। जींस और टॉप में आने लगी। उसका भी ऑफिस में आने जाने की फ्रीक्वेंसी बढ़ गयी। वह भी जल्दी जल्दी किसी न किसी बहाने आने लगा। तब मेरी बात चीत ज्यादा होने लगी। धीरे धीरे वह मुझसे बाहर भी मिलने लगा। बाहर किसी रेस्टोरेंट में बैठ कर चाय पानी भी करने लगी। कभी कभी मैं कार नहीं लाती थी तो वह मुझे घर तक लिफ्ट दे देता था। इस तरह हम लोग नजदीक आने लगे। कभी कभी मैं उसकी कार अपने पर्सनल काम के लिए मंगवा लेती थी। वह मुझे अपनी कार देकर बड़ा खुश होता था। एक दिन मैं घर में अकेली थी और मन किसी भी काम ने नहीं लग रहा था। मैंने फोन उठाया और उससे खुल कर बात की।
छुट्टी का दिन था। वह फुर्सत में था। मैंने उसे बुला लिया। शाम का समय था। मैं थोड़ा मेक अप का टच उप किया और घाघरा पहन कर उसका इंतज़ार करने लगी। ऊपर मैंने एक छोटी सी ब्रा पहन ली। मेरी बड़ी बड़ी चूँचियाँ तो उसमे समा नहीं रही थीं पर हां निपल्स जरूर छुप गए थे। चुन्नी डालने का आजकल चलन रहा ही नहीं। वह आया तो मैंने उसे प्यार से बैठाया और थोड़ी बहुत बात की फिर अंदर गयी और ड्रिंक्स का सेट एक टेबल पर लगा हुआ लेकर आ गयी। मैंने उसे व्हिस्की बना कर दी मैंने भी एक गिलास लिया और हम दोनों शराब पीने लगे। वह एक टी शर्ट और जींस में था। बड़ा हैंडसम लग रहा था।
- मैंने कहा - सचिन आजकल तुम बहुत स्मार्ट लगते हो। क्या कोई पटा रखी है तूने ।
- वह बोला - हां मेम पटाया तो नहीं है पर पटाने के मूड में हूँ ।
- देखो यह ऑफिस नहीं है मेरा घर है। मैं यहाँ तुम्हारी मेम नहीं हूँ। मुझे भाभी कहो या फिर बरखा कहो. मुझे और अच्छा लगेगा अगर तुम भोसड़ी की बरखा कहो, बुर चोदी बरखा कहो, माँ की लौड़ी, बहन का लण्ड बरखा, कहो। क्योंकि मैं तुझे या तो अपना दोस्त मानती हूँ या फिर अपना देवर ? मेरी बातों से उसके बदन पर करंट लगा गया। उसका लौड़ा साला अंदर ही अंदर कसमसाने लगा। हां अब यह बताओ की वह कौन है जिसे तुम पटाने के मूड में हो ?
- है तो बड़ी मस्त चीज भाभी पर पट जाए तो अच्छा है।
- तो फिर उसका नाम पता कुछ तो बताओ। उसकी फोटो दिखाओ तो मैं भी तेरी मदद कर सकती हूँ।
- हां जरूर बताऊंगा भाभी और फोटो भी दिखाऊंगा।
मैंने अपनी ब्रा खोली और नंगी चूँचियाँ उसे दिखा कर उसके ऊपर टूट पड़ी। लिपट गयी मैं उससे और वह भी मुझसे बुरी तरह लिपट गया . हम दोनों एक साथ बड़ी देर तक लिपटे रहे। वह मेरी चूँचियाँ दबाने लगा और मैं उसका लण्ड टटोलने लगी। उसने चुपके से मेरे घाघरा के नाड़ा खोल दिया तो वह नीचे गिर पड़ा और मैं मादर चोद एकदम नंगी हो गयी। मैंने भी उसके कपड़े उतार डाले और उसे नंगा कर दिया। लण्ड पकड़ कर मैंने कहा वाओ, ये तो भोसड़ी का बड़ा मोटा है यार ? बस मेरा मुंह खुल गया और मैंने उसका सुपाड़ा मुंह में भर चूसने लगी। सच बात यह है की लण्ड देखते ही मेरा मुंह आपने आप खुले जाता है। वह भी मेरी चूँचियाँ चूमने, चाटने और चूसने लगा। हम दोनों 69 ली पोजीशन में आ गए। मुझे कई दिनों के बाद एक मोटा तगड़ा लण्ड मिला तो मैं तो मस्त हो गया। उसका मेरी गांड पर हाथ फिराना और मेरे पूरे नंगे बदन पर हाथ फिराना मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था।
मैं मस्ती में आकर लण्ड से बातें करने लगी। पहले मैंने लण्ड पर एक थप्पड़ मारा तो और वह तन कर सिर हिलाने लगा। मैंने कहा तू बहन चोद मुझे इतने दिनों से परेशान कर रहा था। पहले क्यों नहीं मेरे पास आया। मैं तेरा भोसड़ी के जाने कब से इंतज़ार कर रही थी। मेरी चूत बुर चोदी तुझे पाने के लिए तड़प रही थी। इसी बीच मैंने लण्ड पर ३/४ तमाचे जड़ दिए। सचिन को भी बड़ा मज़ा आ रहा था। फिर मैं उसके पेल्हड़ चाटने लगी और बार बार लण्ड का माथा चूमने लगी। सचिन में मेरी चूत में ऊँगली घुसेड़ दी। वह बोला बाप रे बाप तेरी चूत तो भठ्ठी की तरह जल रही है भाभी। मैंने कहा अबे माँ के लौड़े, इसमें ऊँगली नहीं लौड़ा घुसेड़ दे ? पूरा लौड़ा पेल दे यार। अब मुझसे नहीं रुका जा रहा ? वह भी ताव में आ गया और मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे भकाभक चोदने लगा। मैं भी अपनी गांड गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। मेरी चूँचियाँ उसकी आँखों के सामने उछलने लगी। उन्हें देख कर सचिन का जोश बढ़ने लगा।
मैं वासना में पूरी तरह डूब चुकी थी। मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ रही थीं। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मेरे मुंह से कुछ भी निकलता जा रहा था - हाय रे तूने मेरी बुर फाड् दी भोसड़ी वाले, फट गयी मेरी चूत, उई माँ, मर गयी मैं इस मादर चोद से चुदवाकर ? मुझे नहीं मालूम था की इसका लौड़ा साला इतना मोटा होगा ? ये तो बहन चोद मेरी माँ का भोसड़ा भी फाड़ डालेगा। हाय रे सचिन तू तो बेटी चोद बहुत बड़ा चोदू निकला ? तूने मुझे पहले कईं नहीं चोदा ? इतने दिनों तक मुझे तड़पा के क्यों रखा ? अब तू मुझे हर रोज़ चोदा कर नहीं तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी। मैं बहुत ज़ालिम चीज हूँ, बहुत बड़ी हरामजादी और बदचलन औरत हूँ मैं। सबकी गांड मारती हूँ। हाय रे पूरा घुसेड़ दो लण्ड। जल्दी जल्दी चोदो मेरे राजा ?
मेरी चूत ढीली होने लगी थी लेकिन सचिन तो चोदे ही चला जा रहा था। उसने फिर मुझे डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू कर दिया। मैं भी एक कुतिया की तरह चुदवाने लगी। मेरी चूत से रस निकलने लगा और मुझे लगा की उसका लण्ड आखिरी मंजिल तक पहुँच चुका है। फिर वह एक मिनट में ही बोला भाभी अब मई निकलने वाला हूँ। मैं बोली भोसड़ी के मैं अभी तेरा सड़का मारूंगी तब तू झड़ेगा उसके पहले नहीं। मैं घूम गयी और लण्ड मुठ्ठी में लेकर सड़का दना दन मारने लगी और बस आधे घंटे में ही वह झड़ने लगा। मैंने लण्ड के सामने मुंह खोल दिया और लण्ड ने सारा वीर्य मेरे मुंह ही उगल दिया। मैं उसे बड़े प्यार से पी गयी और लण्ड का सुपाड़ा चपर चपर मजे से चाटने लगी।
एक दिन मेरी मुलाक़ात जोसफ़ सर से हो गयी। वह मेरे कॉलेज में प्रोफेसर हैं जहाँ से मैं पढ़ी हूँ। बातों ही बातों में मैं उसे अपने घर ले आयी। वह लगभग ४५ साल के हैं, वह गोरे चिट्टे हैं, हैंडसम और स्मार्ट है। मैं उसके साथ बैठ कर व्हिस्की पीने लगी क्योंकि मुझे मालूम था की वह क्रिश्चियन हैं और शराब के बेहद शौक़ीन हैं। मैं उसके साथ वही ड्रेस पहन कर पीने लगी जो मैंने सचिन के समय पहनी थी।
- मैंने कहा - सर, मैंने सुना है की आपने शादी नहीं की ?
- वह बोला - हां बरखा, तुमने सही सुना है। मैंने शादी नहीं की क्योंकि मुझे इसकी कभी जरुरत नहीं महसूस हुई।
- तो फिर क्या तुम सड़का मार कर काम चलाते हो, सर ?
- सड़का मैं नहीं मारता बल्कि मेरे कॉलेज की लड़कियां मारती हैं।
- ओ हो, तो तुम लड़कियों से सड़का मरवाते हो, सर ? उन्हें चोदते क्यों नहीं ?
- चोदने के बाद ही सड़का मरवाता हूँ। जब मैं झड़ने वाला होता हूँ तो लड़कियां मेरा सड़का मार कर मेरे लण्ड का वीर्य निकाल लेतीं हैं।
- तो फिर निकाल कर क्या करती हैं वो ?
- बड़े प्यार से पी जाती है। उनका कहना है की यह हमारे लिए टॉनिक है। इससे हमारी सेहत ठीक रहती है, हमारी खूबसूरती में इज़ाफ़ा होता है और हमारी चूँचियाँ बड़ी बड़ी हो जातीं हैं।
- O' I SEE ! THEN I WILL ALSO DO THE SAME THING, SIR.
नतीजा तो बहुत बढ़िया है। यह कहते हुए उसने मेरीका कमाल है सर। चूँचियाँ पकड़ लीं। बस मेरा काम बन गया मैंने सोंच लिया की अब तो ये साला मुझे चोद कर ही जाएगा। मैं फ़टाफ़ट उसके कपड़े उतारने लगी। आखिर में जब वह पूरा नंगा हुआ तो उसका टन टनाता हुआ लण्ड मेरे हाथ में आ गया। मुझे लगा की ये तो साला सचिन के लण्ड से बड़ा ै। मैंने कहा हाय दईया किता बड़ा है तेरा लण्ड बहन चोद ? इतना लंबा चौड़ा तेरा लौड़ा किसी भी भी चूत को एक ही दिन में भोसड़ा बना सकता है। वह बोला अरे बरखा कुछ लड़कियां तो मुझे अपने घर बुलाकर अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाती हैं। कुछ लड़कियां अपनी माँ बहन को लेकर मेरे पास आ जाती हैं और कहती हैं सर इन्हे मेरे सामने ही चोदो। फिर मैं चोदता भी हूँ और सबके मुंह में लौड़ा पेलता भी हूँ। अभी कल ही समीना नाम की एक लड़की अपनी माँ चुदवाकर गयी। वहां से बोली सर मैं शनिवार को अपनी खाला का भोसड़ा चुदवाने आऊंगी। मैंने कहा ये सब तेरा नहीं तेरे लण्ड का कमाल है, सर। इतना मर्दाना लण्ड कौन भोसड़ी वाली छोड़ सकती है ?
मैं उसका लण्ड मुंह में लिए हुए चूस भी रही थी और बातें भी कर रही थी। वह भी मेरी चूत चाट भी रहा था और बातें भी कर रहा था। फिर मैंने कहा सर अब मुझे चोदो। पेलो लण्ड मेरी चूत में। चोद डालो मेरी चूत। चाहे आगे से चोदो चाहे पीछे से चोदो। चाहे मेरे ऊपर चढ़ के चोदो, चाहे मुझे अपने ऊपर चढ़ा के चोदो, पर चोदो ? अब और रुका नहीं जाता। उसने मुझे अपनी तरफ घसीटा, लण्ड मेरी चूत के मुंह पर रखा और एक जोर का धक्का मारा। लण्ड साला गचगचा कर अंदर घुस गया। मेरे मुंह से चीख निकली। उई माँ, फाड़ डाला इसने मेरी बुर ? इसकी बहन का भोसड़ा ? इसकी बिटिया की बुर ? ये तो साला बड़ा मस्त चोदू आदमी है. जोसफ़ का बच्चा। मैं बके भी जा रही थी और धक्के पे धक्के लगवाए भी जा रही थी।
मुझे कुछ पता नहीं की मैं इतनी बड़ी चुदक्कड़ क्यों हूँ ? मैं जितना चुदवाती हूँ मुझे उतना ही और चुदवाने का मन करता है। मेरी इस बुर चोदी बुर को पता नहीं क्या हो गया ? ये भोसड़ी की बिना लण्ड के एक मिनट भी शांत नहीं बैठ सकती।
जोसफ़ का ८ १/२" का लण्ड अपनी चूत में पेलवाकर मैं बड़ी खुश थी। मुझे अपनी चूत पर गर्व का अनुभव हो रहा था। मुझे लगा की अब अगर कोई गधा भी अपना लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दे तो मैं बर्दास्त कर लूंगी। जोसफ बोला यार बरखा तू जितनी मस्ती से चुदवा रही है उतनी मस्ती से तो कोई लड़की नहीं चुदवाती, किस की बीवी नहीं चुदवाती, किसी की माँ नहीं चुदवाती ? तेरे अंदर सेक्स कूट कूट कर भरा है गॉड ने ? मुझे भी इतना मज़ा आज तक किसी की बुर चोद कर नहीं आया। ऐसा बोल कर उसने मुझे चोदने की स्पीड बढ़ा दी। कहते हैं की जब चुदाई में ज़न्नत का मज़ा आने लगे तो चूत बहुत जल्दी ठण्ढी हो जाती है। यही हाल मेरा होने वाला था। उधर सर का लण्ड भी निकलने वाला था। मैं समझ गयी तो लण्ड का मुठ्ठ मारने लगी। जैसे मैंने १५/२० बार लण्ड पकड़ कर ऊपर नीचे किया वैसे ही लण्ड ने पिचकारी मेरे मुंह में छोड़ दी। मैं मस्ती से लण्ड का सारा मक्खन खा गयी और बाद में बड़े प्यार से लण्ड का टोपा चाटने लगी।
एक दिन मेरी भेंट मेरी कॉलेज की एक दोस्त बबली से हो गयी। मैंने उसकी मांग में सिन्दूर देखा तो समझ गयी की उसकी शादी हो गयी। वह बोली यार बरखा देखो मेरा घर पास में ही है। अब तुम मेरे घर चलो वहीँ बैठ कर बातें करेगीं। यहाँ करूंगी तो लोग सुन लेगें। मैं कुछ गन्दी गन्दी बातें करना चाहती हूँ तुमसे ? मैं ख़ुशी ख़ुशी उसके घर चली गयी। उसने सबसे पहले दारू मेरे सामने रख दी और कहा यार पहले दो दो घूंट मारो फिर मैं बाते शुरू करूंगी। हमने वैसा ही किया।
वह बोली :- बरखा पहले यह बताओ क्या तुमने अपने पति के अलावा किसी और का लण्ड कभी नहीं पकड़ा ? मैंने कहा :- मैं झूंठ नहीं बोलूंगी। मैंने शादी के बाद पकड़ा है गैर मर्दों के लण्ड। पकड़ा ही नहीं बल्कि पेला है लण्ड अपनी चूत में। चुदवाया है मैंने कई लोगों से ? मैं झांट किसी की परवाह नहीं करती। मैं तो बस अपनी ही चूत की सुनती हूँ बाकी किसी भोसड़ी वाले की कोई बात नहीं सुनती ? हां यह बात मेरा हसबैंड नहीं जानता और न मैं उसे कभी जानने दूँगी ?
वह मेरी गदेली में अपनी गदेली मारती हूँ बोली :- हां यार मैं भी यही करती हूँ। मैं लण्ड किसी की परवाह नहीं करती और जम कर ग़ैर मर्दों से चुदवाती हूँ। ख़ास तौर पर उस समय जब मेरा हसबैंड टूर पर होता है। एक बात बताऊँ - बीवी मैं जरूर एक की हूँ पर चुदवाती सबसे हूँ। अच्छा यह बताओ की तुमको किस तरह के लण्ड पसंद हैं।
मैंने कहा :- लंबा और मोटा लण्ड ? वही मेरी चूत का बाजा बजा सकता है।
वह बोली :- तो फिर आज मैं तेरे पास दो लण्ड भेजूंगी। मैं उनके लण्ड के बारे में नहीं बताऊंगी। तुम खुद ही देख लेना मेरी च्वाइस । आज मैं चुदवा नहीं सकती क्योंकि आज मुझे मेरा पति चोदेगा ? वह यहीं हैं।
फिर मैं अपने घर चली गयी।
शाम को ८ बजे दो लड़के मेरे पास आ गए और बोले मुझे बबली भाभी ने भेजा है। मैं तो उन्हें देख कर ही गरम हो गयी। इतने हैंडसम, इतना कसा बदन, इतनी मस्त तंदुरस्ती मैंने पहले कभी किसी की देखी नहीं। मैंने उन्हें बैठाया और दारू पिलाई। फिर जब मैं उनके सामने नंगी हुई और फिर उन्हें नंगा किया तो मैं उन दोनों का लण्ड देख कर पागल हो गयी. लण्ड भी इतने मोटे तगड़े लम्बे चौड़े और खूबसूरत होते हैं मैंने उसी दिन जाना। मैं बड़ी देर तक उनके लण्ड पकड़ कर घुमा घुमा के देखती रही और फिर ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,?
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