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सुहागरात के बाद हुई मेरी महा सुहागरात - Suhagraat ban gai mahaa suhagraat
सुहागरात के बाद हुई मेरी महा सुहागरात - Suhagraat ban gai mahaa suhagraat , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
उस समय मैं १९ साल हो चुकी थी। मैं पूरी जवान हो गयी थी। मेरी बड़ी बड़ी सुडौल चूँचियाँ, मेरे बड़े बड़े चूतड़, मेरी उभरी गांड , मोटी मोटी जांघें, पतली कमर और गुंदाज बाहें मेरी जवानी का सबूत थीं। मेरी मस्तानी चूत पर काली काली घनी घनी झांटें भी बता रहीं थीं की सानिया अब तू बुर चोदी बिलकुल जवान हो चुकी है। तू मेरे अंदर लण्ड पेलने वाली लड़की बन चुकी है। मैं भी लण्ड देखने और पकड़ने के लिए इधर उधर हाँथ पाँव मारने लगी। एक दिन मैंने अम्मी को खालू का लण्ड पीते हुए देख लिया। मैं फिर वहां से हिली नहीं और मस्ती से देखा की अम्मी कैसे और कितनी मस्ती से खालू से चुदवा रहीं हैं । खालू का मोटा तगड़ा लण्ड बहन चोद मेरी आँखों में समा गया। मैंने मन में कहा भोसड़ी के खालू मेरी माँ चोद रहे हो तो फिर लण्ड मेरी भी चूत में घुसा दो ? मैंने उसी समय ठान लिया की एक दिन मैं यही लण्ड अपनी चूत में पेलूँगी। मैंने अपनी चूत मे ऊँगली घुसेड़े हुए अम्मी की पूरी चुदाई देखी।
दो दिन बाद तो गज़ब ही हो गया। रात को जब मैं उठी तो देखा की बगल के कमरे में बहुत धीमी लाइट जल रही है. मैं झाँक कर देखने लगी और देख कर हैरान हो गयी। मैंने देखा की मेरी खाला जान एकदम नंगी नंगी मेरे अब्बू का लण्ड हिला रहीं हैं। लण्ड देख कर मुझे यह समझने में देर नहीं लगी की अब्बू का लण्ड खालू के लण्ड से बड़ा है। मैं तो सच में अब्बू के लण्ड पर मर मिटी। अब्बू ने जब पूरा लण्ड खाला के भोसड़ा में पेला तो खाला चीख पड़ीं। उसने इतना ही कहा अरे जीजा मेरी चूत कहीं भाग नहीं जा रही है ज़रा आहिस्ते आहिस्ते चोदो। कभी धीरे धीरे मज़ा लेते हुए भी चोदा करो क्योंकि अभी मेरी बेटी भी तुमसे चुदवायेगी। खाला की यह बात सुनकर मेरी झांटें सुलगने लगी। मैं समझ गयी की मेरा अब्बू आज नहीं तो कल मेरी खाला की बेटी चोदेगा। अगर ऐसा है तो मैं भी खालू से चुदवा लूंगी। मैं भी बुर चोदी बहुत बड़ी बेशर्म हूँ। मैंने अम्मी की करतूत देख ली खाला की करतूत देख ली तो अब शर्म किस बात की ? शर्म की माँ की चूत ?
इसी बीच मेरे भाई की शादी तय हो गयी। एक दिन अम्मी और खाला दोनों बातें कर रहीं थीं और तभी अम्मी के मुंहे से निकला की अब बहुत दिनों के बाद हमारे घर में भी एक महा सुहागरात होगी ?
मैंने पूंछा :- अम्मी, ये महा सुहागरात क्या होती है ?
तो अम्मी ने बताया - अरे बेटी सानिया तू क्या जाने इन बातों के बारे में ? ४/५ साल से अपने घर में तो कोई शादी हुई नहीं तो फिर तुझे क्या मालूम महा सुहागरात के बारे में ? तुमने तो शायद नाम भी नहीं सुना होगा। उस समय तुम १४ साल की थी नाबालिग। अब तू १९ साल की हो गयी है। अब तो तुझे सब मालूम हो गया होगा और अगर नहीं मालूम है तो मालूम कर ले भोसड़ी की तभी मज़ा आएगा। देख अभी दो महीने में तेरे भाई जान की शादी होने वाली है। उसमे सुहागरात भी होगी और महा सुहागरात भी होगी। तब तुझे सब कुछ मालूम हो जायेगा। पर हां अब तू सायानी हो गयी है, जवान हो गयी है, लण्ड पकड़ने वाली और और चोदने चुदाने वाली लड़की बन चुकी है। अब तुझसे क्या छुपाना ? मैं तो कहती हूँ की अब तू गालियां देना सीख ले और बिलकुल बोल्ड हो जा ? लड़की जब अपने मुंह से दनादन गालियां निकालने लगे और सुनने वालों की गांड फटने लगे तो समझो की लड़की बोल्ड हो गयी है। बेशरम हो गयी है। और इसी बेशर्मी में वह जवानी का मज़ा लूटना सीख जाती है। पहले लण्ड पकड़ना, लण्ड चाटना, चूसना और फिर मुठ्ठ मार कर लण्ड पीना सीख लेती है। उसके बाद तो चुदवाना अपने आप आ जाता है। जिस दिन से तू अपनी माँ चुदाने लगेगी बेटी उस दिन से तू जवानी का मज़ा लेने में अव्वल हो जाएगी।
अम्मी का इतना बड़ा बोल्ड लेक्चर मेरे मन में गुद गुदी कर गया। मैं सच में सोंचने लगी की मैं जब बालिग हो गयी हूँ, जवान हो गयी हूँ तो फिर लण्ड पकड़ने में कोई हर्ज़ नहीं है। और हां अगर अब मैं लण्ड नहीं पकड़ती तो शायद यह लोग समझें की मैं लड़की नहीं हूँ और मेरे अंदर कोई कमी है। इसलिए मैं लण्ड पकड़ने की फिराक में घूमने लगी। बॉय फ्रेंड को घर बुलाया और उसे कर उसके कपड़े उतारने लगी। वह बोला अरे सानिया यह क्या कर रही हो ? मैंने कहा आज मैं तेरा लण्ड पियूँगी। मुझे मालूम है मेरे क्लास की रुबिया तेरा लण्ड पीती है। अगर वह पी सकती है तेरा लण्ड तो मैं भी पी सकती हूँ। मैं अपने कपड़ेउतारने लगी। फिर मैं भी नंगी और वह भी नंगा। मैंने उसका लण्ड पकड़ा और प्यार से। लण्ड साला एकदम से खड़ा हो गया और मैं जबान निकाल कर उसे चाटने लगी। कहाँ से आ गयी। उसने मुझे लण्ड चाटते हुए देखा। कुछ देर तक तो नहीं बलि लेकिन फिर वह अपने आपको रोक नहीं सकी। उसने कहा अरे नहीं सानिया ऐसे नहीं पकड़ा जाता है लण्ड ? मैं बताती हूँ तुझे कैसे पकड़ा जाता है लण्ड ?
अम्मी ने मेरे हाथ से लण्ड ले लिया और खुद उसे पकड़ कर बताने लगीं।
आज मैं २२ साल की हो गयी हूँ। मेरे भाई जान की शादी होने वाली है। उसकी सुहागरात होगी जिसकी जिम्मेदारी मुझ पर डाली गयी है। मुझे ही उसकी सुहागरात का पूरा पूरा इंतज़ाम करना है। अम्मी ने कहा बेटी सानिया तू सुहागरात का इंतज़ाम करेगी और मैं महा सुहागरात का इंतज़ाम ? मैंने फिर पूंछा अम्मी ये महा सुहागरात क्या होती है ? वह बोली अब तो बहुत कम दिन रह गए हैं तुम खुद ही देख लेना ? धीरे धीरे घर मेहमानो से भर गया। चारों तरफ शोर ही शोर था, हंसी मजाक हो रही थी, ठहाके लगाए जा रहे थे, अश्लील और गन्दी गन्दी बातें भी सुनाई पद रहीं थी, गंदे गंदे चुटकुले भी हो रहे थे, धीरे धीरे कानो में प्यारी प्यारी गालियां भी सुनाई पड़ने लगीं।
अचानक मेरी फूफी आ गयी। उसे देख कर अम्मी बोली - हाय दईया तू भी आ गयी मेरी नन्द रानी अपनी बुर फड़वाने ? फूफी ने जबाब दिया - नहीं भाभी मैं तेरी बुर फाड़ने आयी हूँ और तेरी बिटिया की बुर चोदने। फूफी की बेटी मुझसे बोली - तू बुर चोदी बड़ी सायानी हो गयी है ? माँ चुदवाने लगी है तू अपनी ? खाला ने कहा अरे सानिया तेरी माँ की बहन की बुर चोदने आ गयी हूँ मैं। खाला की बेटी ने कहा सानिया तेरी माँ का भोसड़ा बड़े बड़े लण्ड खाता है ऐसा मैंने सुना है। मैंने कहा यार मैंने सुना है की मेरा अबआप तेरी माँ चोदता है ? वह बोली अरे यार वो सब छोडो तुम आज मेरे शौहर के लण्ड पर बैठना। बड़ा मज़ा आएगा तुझे ? खाला अपनी ही बेटी से बोली - मैं यहाँ तेरी सास की झांटें उखाडूँगी बेटी। मामी जान आते आते ही बोली सानिया मैंने सुना है तेरे अब्बू का लण्ड सबसे बड़ा है ? आज मैं तेरे बाप का लण्ड चोदूँगी बहन चोद, आदि आदि।
इस तरह बड़ा हंसी ख़ुशी का माहौल बन गया था । इसी बीच मैं सुहागरात की तैयारी में जुटी थी।
तभी मेरी खाला मेरे पास आयी बोली सानिया एक बात का ख्याल रखना की सुहागरात के दिन दुल्हन चुदासी न रहने पाए। उसकी संतुष्टि बहुत जरुरी है चाहे तुझे २/३ लण्ड का और इंतज़ाम करना पड़े ?
इस बात में मेरी आँखें खोल दी। मैंने ऐसा तो सोंचा ही नहीं था। अब अगर भाभी ने भाई जान के अलावा किसी और के लण्ड की मांग कर बैठी तो मैं क्या करूंगी ? लेकिन मैंने मन ही मन इसका भी इंतज़ाम कर लिया क्योंकि २/३ लण्ड मेरी नज़र में थे। जरुरत पड़ने पर मैं उन्ही को भेज दूँगी. दूसरे दिन सवेरे खाला मेरे पास आयीं बोली सानिया तेरी भाभी की सुहागरात ठीक ठाक हो गयी ? मैंने कहा हां खाला जान हो गयी पर मुझे भाभी के पास दो लण्ड और भेजने पड़े। हुआ यह की रात को मैंने भाई जान को जाते हुए देखा। थोड़ी देर बाद मैं उसके कमरे में घुस गयी। भाभी बाथ रूम से निकली। मैंने पूंछा सुहागरात मनाई की नहीं भाभी ? वह बोली एक बार तो चुदाई हुई मज़ा भी आया। मैं भी खलास हो गयी और वह भी। पर अब दुबारा मेरी चूत की आग फिर भड़क गयी। और तेरा भाई जान तो चला गया। अब मैं क्या करूं ? मैंने कहा भाभी अब तुम नहीं मैं करूंगी। मैंने अपने दोस्त को अंदर भेज दिया और उसे नंगा करके उसका लण्ड खड़ा कर दिया। मैंने लण्ड भाभी को पकड़ाते हुए कहा लो अब इससे चुदवाओ तब तक मैं एक और लण्ड लेकर आती हूँ। मैं दूसरा लण्ड लेकर पहुंची तो पहला वाला धकाधक भाभी की बुर ले रहा था। मैंने दूसरे वाले का लण्ड भाभी के मुंह में घुसा दिया। मैंने जब दोनों लण्ड एक के बाद एक भाभी की बुर में पेला तब कहीं जाकर उसकी चूत की आग ठंढी हुई। वैसे एक बात है खाला जान, भाभी बड़ा मस्त चुदवाती हैं। मैं तो खुश हूँ की भाभी बुर चोदी बहुत बड़ी चुदक्कड़ निकली ? अब मुझे इसकी बुर खुले आम चोदने में मज़ा आएगा।
उसके बाद अम्मी ने पूरे घर भर को एक जगह इकठ्ठा कर लिया और बोली देखो भोसड़ी वालों और भोसड़ी वालियों आज महा सुहागरात है। आज की महा सुहागरात के कुछ वसूल हैं वो मन लगा कर सुन लो और उन पर अमल करो :-
पहला - इस सुहागरात में १८ + साल के सभी मर्द और सभी औरतें भाग लेगीं चाहे उनकी शादी हुई हो या न हुई हो ? जिनको भाग न लेना हो वो यहाँ से चले जाएँ। मैंने १८ साल से कम के बच्चों को दूसरे मकान में भेज दिया है। उन्हें देखने के लिए २/३ लोगों को लगा दिया है।
दूसरा - आज सभी लड़कियों को औरतों को बेटी बहुओं को गालियों देने की पूरी छूट है। ये सब सबको खूब गन्दी गन्दी गालियां देंगीं और खूब मस्ती से मज़ा करेगीं उधर मरद भी सभी गालियां सुन सुन कर एन्जॉय करेगें। गालियों का सिलसिला अभी से चालू हो जायेगा। इसका मकसद माहौल को गरम करने का है। ताकि सबके लण्ड तने रहें और सभी चूँचियाँ तनी रहें।
तीसरा - शाम को ८ बजे किसी के भी बदन पर कोई कपड़ा नहीं होगा। मतलब यह की चाहे मरद या औरत सबकी सब बुर चोदी नंगी होगीं। सबके लण्ड नंगे होगें और सबकी चूत नंगी होगी। सब सबके लण्ड पकड़ेगीं और सब सबकी चूँचियाँ पकड़ेगें। शादी शुदा लोग अपनी बीवी को छोड़ कर बाकी सबकी बुर खुल्लम खुल्ला चोदेगें।
चौथा - आज की रात में सिर्फ लण्ड और चूत का रिस्ता होगा बाकी कुछ नहीं। चाहे जिसकी चोदो बुर चाहे जिसका चोदो लण्ड ? माँ बेटी, भाई बहन, नन्द भौजाई, सास बहू, देवरानी जेठानी, बाप बेटी, मामा भांजी ये सब रिश्ते गालियों में ही काम आयेगें लेकिन चोदा चोदी में नहीं ? चुदाई में सिर्फ लण्ड और चूत ?
लेकिन आज इस महा सुहागरात में मैं एक रिस्ता सबके लिए कायम करती हूँ। वह रिस्ता है भाभी और देवर का ? यहाँ हर एक आदमी छोटा या बड़ा, शादी शुदा या कुवांरा वह देवर है और यहाँ की हर औरत, छोटी या बड़ी, शादी शुदा या कुंवारी, वह है भाभी ? यहाँ अब भाभी देवर का रिस्ता रहेगा। यानी देवर चोदे भाभी की बुर और भाभी चोदे देवर का लण्ड। यहाँ सभी लड़कियां हैं भाभियाँ और भाभियों की चूत और यहाँ सभी लड़के हैं देवर और देवरों के लण्ड ? मज़ा तभी आएगा जब माँ चुदवायें अपनी बेटियां, बेटियां चुदवायें अपनी माँ, सास चुदवाये बहू की बुर और बहू चुदवाये सास का भोसड़ा ? देवरानी मारे जेठानी की गाड़ और जेठानी चोदे देवरानी की बुर, नन्द चोदे भाभी की बुर और भाभी चोदे नन्द की बुर, लेकिन चुदाई ऐसी होगी जैसे की देवर भाभी की बुर चोद रहा है और भाभी देवर का लण्ड चोद रही है। सबकी बुर भाभी की बुर समझ कर चोदो, सबके लण्ड देवर का लण्ड समझ कर चूसो चाटो और अपनी बुर में पेलो।
साथ में गालियां भी होती रहेंगीं जैसे की - तेरी अम्मी की बहन का भोसड़ा, तेरी खाला की नन्द की बुर, तेरी बुर चोदी बेटी की चूत, तेरे मियां का मादर चोद लण्ड, तेरा भोसड़ी का अब्बू और अब्बू का लांड ?
मैंने बड़े ध्यान से सारी बातें सुनी तो समझ में आया की महा सुहागरात क्या है ?
इतने में मेरी बड़ी भाभी मुझे दिखाई पड़ गई। अम्मी भी वहीँ थीं। मैंने सोंचा चलो मैं ही गालियों की शुरुआत करती हूँ मैं बोली - अम्मी, तेरी बहू की सास का भोसड़ा ? मैंने अम्मी के भोसड़ा पर निशाना लगाया। अम्मी ने भाभी से कहा - बहू, तेरी नन्द की माँ की चूत। अम्मी ने अपने भोसड़ा के बारे में ही कह दिया। भाभी बोली - सासू जी, तेरी बेटी की भाभी की बुर ? भाभी ने अपनी ही बुर का हवाला दिया। तब तक खाला बोली - सानिया तेरी माँ की बहन का भोसड़ा। खाला की बेटी ने मेरी अम्मी से कहा - खाला जान तेरी बहन की बिटिया की बुर। उसने भी अपनी ही बुर पर चोट की। तब तक फूफी दिख गयी मैंने कहा - अम्मी, तेरी बुर चोदी नन्द का भोसड़ा ? फूफी ने भी मुस्कराते हुए अम्मी से कहा - भाभी, तेरी बुर चोदी जेठानी की आज मैं भोसड़ा चोदूँगी। तब तक फूफी की बेटी ने कहा - सानिया, आज मैं तेरे बाप का लण्ड सबसे पहले चोदूँगी . तब तक उधर मेरी खाला की बेटी आयी और बोली सानिया आज मैं अपने मियां का लण्ड तेरी गांड में ठोंक दूँगी। और फिर चोदूँगी तेरी माँ की बहन का भोसड़ा। गालियां शुरू हुई तो मरद भी साले तालियां बजा बजा कर मस्ती करने लगे। गालियां सुन कर उनले लण्ड उछलने लगे।
दिन भर यही सब हंसी मजाक, गंदे चुटकुले गाली गलौज और लण्ड चूँची की पकड़ा पकड़ी होती रही। शाम को ८ बजे सब लोग सबसे बड़े कमरे में इकठ्ठा हो गए। कमरा पूरा भर गया। मेरी तो शादी हुई नहीं थी। सबसे पहले मैं उठी और अपने सारे कपड़े उतार कर फेंक दिया। मैं मादर चोद एकदम नंगी हो गयी और बोली मेरे प्यार देवरों लो देखो मेरी चूत, मेरी चूँचियाँ और मेरी गांड ? तुम्हारा जहाँ मन हो वहां पेल दो अपना लण्ड ? चोद डालो मेरी चूत। फाड़ डालो मेरी बुर चोदी बुर। मेरी बातों ने महफ़िल में आग लगा दी। अम्मी आगे बढ़ी और खालू का लण्ड पकड़ कर हिलाया उसे चूमा और फूफी की बेटी सारा को पकड़ा दिया। अम्मी बोली ले भोसड़ी की सारा संभाल अपने देवर का लण्ड। मैंने ये लण्ड तेरी चूत में देखना चाहती हूँ। मैंने भी सारा के मियां का लण्ड फूफी के हाथ में रख कर कहा बुर चोदी फूफी ये लण्ड तेरे देवर का लण्ड है इसे जल्दी से अपनी बुर में डाल कर मज़ा ले लो। मैं आगे बढ़ी और फूफा का लण्ड पकड़ लिया। उसका मोटा तगड़ा लण्ड मुझे बड़ा अच्छा लगा पर मैंने कहा बेटी चोद फूफा अपनी ज़ारा भाभी की बुर चोदो न ? ज़ारा मेरे चचा जान की बेटी है। ज़ारा बोली आओ न मेरे देवर राजा मैं पहले तेरा लण्ड अपने मुंह में लूंगी बुर मैं उसके बाद दूँगी। आज मैं सबके सामने तेरा लण्ड चोदूँगी।
तब मैंने देखा की मेरी मामू की बेटी अदा मेरे अब्बू के लण्ड पर बैठ गयी। मैंने कहा अरे भोसड़ी की अदा तू ये क्या कर रही है। वह हंस कर बोली मैं अपने देवर का लण्ड चोद रही हूँ। आज मैं इसका लण्ड चोद चोद कर खूब मज़ा लूंगी और फिर अपनी चूत में डाल कर भून डालूंगी। भले ही ये तेरा अब्बू है सानिया पर अभी तो मेरा ये देवर है और मैं इसकी भाभी। ये साला भाभी की बुर लेगा तो मैं देवर का लण्ड लूंगी। फिर मैंने खाला जान को देखा वह तो मेरे चचा जान का लौड़ा बड़े मजे से हिला रही थी। ही बोली सानिया देख आज तेरा चचा मेरा देवर बना हुआ है और इसका लण्ड साला बड़ा उछाल रहा है। अभी मैं इसे अपनी चूत में पेलूँगी तो अंदर ही अंदर इसकी गरमी निकल जाएगी। ऐसा बोल कर खाला उसका लण्ड चाटने लगी. खाला की बेटी सबा का दिल मेरे भाई जान के लण्ड पर आ गया। उसने लण्ड मुंह में लिया और चूसने लगी। उधर मेरी भाई जान उसकी चूँचियाँ मसलने लगा। मैंने कहा हाय सबा तेरी माँ भी बुर चोदी लण्ड चूस रही है और तू भी लण्ड चूस रही है। वह बोली सानिया उधर देख तेरी माँ भी बुर चोदी लण्ड चूस रही है। तब मैने देखा की मेरी अम्मी वाकई चचा जान की बेटी के मियां का लण्ड चूस रही है। वह बोली देख सानिया मैंने भी दामाद को देवर बना लिया है. मैं उसकी सास हूँ पर आज उसकी भाभी बन कर उससे चुदवाऊंगी।
मेरी भाभी जान ने सारा के मियां का लण्ड हिलाना शुरू कर दिया। लण्ड साला फनफनाकर खड़ा हो गाय। वह बोली सानिया मैं इसका लण्ड पहले मुंह में लूंगी और फिर चूत में। रिश्ते में यह भोसड़ी का मेरा नंदोई लगता है लेकिन आज यह मेरा देवर है और मैं इसकी बुर चोदी भाभी। आज पहले यही मेरी बुर चोदेगा। मुझे यह सब देख कर बड़ा आनंद आ रहा था। मैं मन ही मन कह रही थी की हां यह तो सच महा सुहागरात है जहाँ सभी मादर चोद पराये लण्ड से चुदवाने के लिए उतावली हो रहीं हैं। इतने में मैंने देखा की मेरी चची जान नंगी नंगी अपनी गांड हिलाती हुई आ रही हैं। मैंने नज़र दौड़ाई कौन सा लण्ड अभी बाकी है ? मेरी नज़र अदा के मियां के लण्ड पर गयी। मैंने वह लण्ड पकड़ा और चची जान के हाथ पर रख दिया। मैने कहा चची जान यह तेरे देवर का लण्ड अब तू इसे अपने भोसड़ा में पेल ले। चची ने फ़ौरन लण्ड अपने हाथ में लिया और चूमने चाटने लगी। मैंने कहा उधर देखो चची जान तेरी बिटिया की बुर चुद रही है अब तू भी अपना भोसड़ा चुदता हुआ दिखा दे उसे। सबसे आखिर में मेरे हाथ में भाभी के भाई जान का लौड़ा आया। मैंने लण्ड पकड़ कर कहा हाय मेरे देवर राजा रज़ा तू मेरा देवर है, मैं तेरी भाभी हूँ और यह है तेरी भाभी की चूत। मैंने उसे चूत दिखाते हुए कहा। अब देवर राजा इसमें अपना पेल दो लण्ड और चोद डालो अपनी भाभी की बुर ? उसके बाद चोदना भाभी की माँ का भोसड़ा।
मेरी चूत गीली थी ही और उसका लण्ड भी साला लार बहा रहा था। उसने लण्ड मेरी चूत में टिकाया और एक जोर का धक्का मारा। लण्ड भोसड़ी का अंदर गप्प से घुस गया और मैं मजे से रंडी की तरह चुदवाने लगी। चुदाई की आवाज़ें चारों तरफ से आ रही थीं। आवाज़ों के साथ साथ गरम बातें भी सुनाई पड़ रहीं थीं जिससे माहौल में चुदाई का जोश और बढ़ने लगा। आप भी सुनिए :-
हाय मेरे देवर राजा पूरा लौड़ा पेल दो मेरी बुर चोदी बुर में, फाड़ डालो मेरी चूत -- हाय दईया बड़ा मज़ा आ रहा है इस महा सुहागरात में ? खुदा करे की हर रात ऐसी ही रात हो जिसमे सबकी चूत एक साथ भकाभक चोदी जायें -- हायअल्ला, कितना मोटा लण्ड है तेरा यार। मेरी चूत के चीथड़े उड़ा रहा है -- अम्मी, तेरी नन्द की बुर ? तेरी बहू की सास का भोसड़ा बहन चोद -- तेरी चूत तो मादर चोद सबसे पहले ढीली हो गयी -- सानिया, तेरी खाला की बहन का भोसड़ा ? तेरी बेटी तो धकापेल चुदवा रही है -- मुझे अब पीछे से चोदो देवर जी -- लो मेरी गांड भी मार लो यार। मेरी बुर, मेरी चूँची, मेरी गांड सब कुछ तो तेरी ही है -- चोदो न पूरा लौड़ा पेल दे -- हां हां मेरे बाद मेरी बेटी की बुर ले लेना -- वाओ, कितना सख्त है तेरा लौड़ा भोसड़ी के, मेरी क्या इससे तो मेरी माँ का भोसड़ा भी फट जायेगा -- चोदे जाओ देवर राजा। बड़ा मज़ा आ रहा है -- तेरी नन्द की बिटिया की बुर -- तेरी माँ की चूत, मेरे बाद ये लौड़ा तेरी ही चूत में घुसेगा -- मेरी चूँचियाँ भी चोदो, देवर जी -- अब तो मैं तेरा लण्ड मुठ्ठ मार कर पियूँगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,?
कुछ लोगों ने लण्ड की अदला बदली कर ली, कुछ दूसरे की चूत से लण्ड निकाल निकाल कर चाटने लगी, कुछ लण्ड का सड़का मारने लगी, कुछ झड़ता हुआ लण्ड पीने लगीं, कुछ लण्ड के पेल्हड़ चाटने चूमने लगी, कुछ दूसरे की बुर में लण्ड पेलने लगी, कुछ ने लण्ड अपनी चूँचियों में घुसा लिया, कुछ लण्ड दूसरे की गांड में ठोंकने लगी। इसी तरह इस सामूहिक का मज़ा हर एक मरद और हर एक औरत लेती रही और यह महा सुहागरात दो दिन तक यूँ ही चलती रही।
फूफी ने कहा मेरा यह कहना है की शादी हो या न हो पर इस तरह की महा सुहागरात होती रहनी चाहिए। तब तक खाला की बेटी ने कहा - मैं तो कहती हूँ की इसे हर महीने मनाया जाए। हर महीने की आखिरी संडे को महा सुहागरात मनाई जाए। अगर आप लोग तैयार है तो अगले महीने मैं इसे अपने घर में मनाऊंगी और मैं आज ही सबको आमंत्रित करती हूँ की आप सब लोग मेरी इस महा सुहागरात मेंआईये और मस्ती से रात भर सबसे चुदवाइये। सबने एक स्वर में हां कह दी और आने का वादा भी कर दिया।
उस समय मैं १९ साल हो चुकी थी। मैं पूरी जवान हो गयी थी। मेरी बड़ी बड़ी सुडौल चूँचियाँ, मेरे बड़े बड़े चूतड़, मेरी उभरी गांड , मोटी मोटी जांघें, पतली कमर और गुंदाज बाहें मेरी जवानी का सबूत थीं। मेरी मस्तानी चूत पर काली काली घनी घनी झांटें भी बता रहीं थीं की सानिया अब तू बुर चोदी बिलकुल जवान हो चुकी है। तू मेरे अंदर लण्ड पेलने वाली लड़की बन चुकी है। मैं भी लण्ड देखने और पकड़ने के लिए इधर उधर हाँथ पाँव मारने लगी। एक दिन मैंने अम्मी को खालू का लण्ड पीते हुए देख लिया। मैं फिर वहां से हिली नहीं और मस्ती से देखा की अम्मी कैसे और कितनी मस्ती से खालू से चुदवा रहीं हैं । खालू का मोटा तगड़ा लण्ड बहन चोद मेरी आँखों में समा गया। मैंने मन में कहा भोसड़ी के खालू मेरी माँ चोद रहे हो तो फिर लण्ड मेरी भी चूत में घुसा दो ? मैंने उसी समय ठान लिया की एक दिन मैं यही लण्ड अपनी चूत में पेलूँगी। मैंने अपनी चूत मे ऊँगली घुसेड़े हुए अम्मी की पूरी चुदाई देखी।
दो दिन बाद तो गज़ब ही हो गया। रात को जब मैं उठी तो देखा की बगल के कमरे में बहुत धीमी लाइट जल रही है. मैं झाँक कर देखने लगी और देख कर हैरान हो गयी। मैंने देखा की मेरी खाला जान एकदम नंगी नंगी मेरे अब्बू का लण्ड हिला रहीं हैं। लण्ड देख कर मुझे यह समझने में देर नहीं लगी की अब्बू का लण्ड खालू के लण्ड से बड़ा है। मैं तो सच में अब्बू के लण्ड पर मर मिटी। अब्बू ने जब पूरा लण्ड खाला के भोसड़ा में पेला तो खाला चीख पड़ीं। उसने इतना ही कहा अरे जीजा मेरी चूत कहीं भाग नहीं जा रही है ज़रा आहिस्ते आहिस्ते चोदो। कभी धीरे धीरे मज़ा लेते हुए भी चोदा करो क्योंकि अभी मेरी बेटी भी तुमसे चुदवायेगी। खाला की यह बात सुनकर मेरी झांटें सुलगने लगी। मैं समझ गयी की मेरा अब्बू आज नहीं तो कल मेरी खाला की बेटी चोदेगा। अगर ऐसा है तो मैं भी खालू से चुदवा लूंगी। मैं भी बुर चोदी बहुत बड़ी बेशर्म हूँ। मैंने अम्मी की करतूत देख ली खाला की करतूत देख ली तो अब शर्म किस बात की ? शर्म की माँ की चूत ?
इसी बीच मेरे भाई की शादी तय हो गयी। एक दिन अम्मी और खाला दोनों बातें कर रहीं थीं और तभी अम्मी के मुंहे से निकला की अब बहुत दिनों के बाद हमारे घर में भी एक महा सुहागरात होगी ?
मैंने पूंछा :- अम्मी, ये महा सुहागरात क्या होती है ?
तो अम्मी ने बताया - अरे बेटी सानिया तू क्या जाने इन बातों के बारे में ? ४/५ साल से अपने घर में तो कोई शादी हुई नहीं तो फिर तुझे क्या मालूम महा सुहागरात के बारे में ? तुमने तो शायद नाम भी नहीं सुना होगा। उस समय तुम १४ साल की थी नाबालिग। अब तू १९ साल की हो गयी है। अब तो तुझे सब मालूम हो गया होगा और अगर नहीं मालूम है तो मालूम कर ले भोसड़ी की तभी मज़ा आएगा। देख अभी दो महीने में तेरे भाई जान की शादी होने वाली है। उसमे सुहागरात भी होगी और महा सुहागरात भी होगी। तब तुझे सब कुछ मालूम हो जायेगा। पर हां अब तू सायानी हो गयी है, जवान हो गयी है, लण्ड पकड़ने वाली और और चोदने चुदाने वाली लड़की बन चुकी है। अब तुझसे क्या छुपाना ? मैं तो कहती हूँ की अब तू गालियां देना सीख ले और बिलकुल बोल्ड हो जा ? लड़की जब अपने मुंह से दनादन गालियां निकालने लगे और सुनने वालों की गांड फटने लगे तो समझो की लड़की बोल्ड हो गयी है। बेशरम हो गयी है। और इसी बेशर्मी में वह जवानी का मज़ा लूटना सीख जाती है। पहले लण्ड पकड़ना, लण्ड चाटना, चूसना और फिर मुठ्ठ मार कर लण्ड पीना सीख लेती है। उसके बाद तो चुदवाना अपने आप आ जाता है। जिस दिन से तू अपनी माँ चुदाने लगेगी बेटी उस दिन से तू जवानी का मज़ा लेने में अव्वल हो जाएगी।
अम्मी का इतना बड़ा बोल्ड लेक्चर मेरे मन में गुद गुदी कर गया। मैं सच में सोंचने लगी की मैं जब बालिग हो गयी हूँ, जवान हो गयी हूँ तो फिर लण्ड पकड़ने में कोई हर्ज़ नहीं है। और हां अगर अब मैं लण्ड नहीं पकड़ती तो शायद यह लोग समझें की मैं लड़की नहीं हूँ और मेरे अंदर कोई कमी है। इसलिए मैं लण्ड पकड़ने की फिराक में घूमने लगी। बॉय फ्रेंड को घर बुलाया और उसे कर उसके कपड़े उतारने लगी। वह बोला अरे सानिया यह क्या कर रही हो ? मैंने कहा आज मैं तेरा लण्ड पियूँगी। मुझे मालूम है मेरे क्लास की रुबिया तेरा लण्ड पीती है। अगर वह पी सकती है तेरा लण्ड तो मैं भी पी सकती हूँ। मैं अपने कपड़ेउतारने लगी। फिर मैं भी नंगी और वह भी नंगा। मैंने उसका लण्ड पकड़ा और प्यार से। लण्ड साला एकदम से खड़ा हो गया और मैं जबान निकाल कर उसे चाटने लगी। कहाँ से आ गयी। उसने मुझे लण्ड चाटते हुए देखा। कुछ देर तक तो नहीं बलि लेकिन फिर वह अपने आपको रोक नहीं सकी। उसने कहा अरे नहीं सानिया ऐसे नहीं पकड़ा जाता है लण्ड ? मैं बताती हूँ तुझे कैसे पकड़ा जाता है लण्ड ?
अम्मी ने मेरे हाथ से लण्ड ले लिया और खुद उसे पकड़ कर बताने लगीं।
- फिर वह बोली अब तू क्या करेगी इस लण्ड का सानिया ?
- मैंने कहा अपनी माँ चुदाऊँगी इससे ?
- अम्मी हंस पड़ी और बोली इतनी जल्दी तझे माँ चुदाना आ गया ?
- मैंने कहा हां आ गया,अम्मी। मैं अभी शन्नो को माँ चुदा कर आयी हूँ।
- वह बोली हाय दईया यह कैसे हो सकता है ?
- मैंने कहा मैं शन्नो के घर पहुंची तो वह मुझे अंदर ले गयी। उसने कहा यार सानिया तू सही समय पर आयी है। उसने मुझसे पूंछा तूने कभी अपनी माँ चुदवाई है सानिया ? मैंने जबाब दिया नहीं यार अभी तक तो नहीं चुदवाई है ? उसने कहा तो फिरआज मेरे साथ सीख ले माँ चुदाना भोसड़ी की सानिया। आगे काम आएगा। मैंने देखा की उसकी अम्मी कपडे उतारे हुए बैठी थीं और उसके हाथ में एक मस्त जवान लड़के का लण्ड था। शन्नो बोली ये मेरे बॉय फ्रेंड का लण्ड है अब मैं इसी लण्ड से अपनी माँ चुदवाऊंगी। उसने लड़के को इशारा लण्ड आंटी की चूत में पेल दिया। शन्नो उसके पेल्हड़ सहलाने लगी और वह लड़का उसकी माँ चोदने लगा।
- हाय दईया तो क्या तू भी यही करेगी सानिया।
- और नहीं तो क्या ? माँ चुदाने के बाद ही मैं जवानी का मज़ा लेने में अव्वल हो जाऊंगी।
आज मैं २२ साल की हो गयी हूँ। मेरे भाई जान की शादी होने वाली है। उसकी सुहागरात होगी जिसकी जिम्मेदारी मुझ पर डाली गयी है। मुझे ही उसकी सुहागरात का पूरा पूरा इंतज़ाम करना है। अम्मी ने कहा बेटी सानिया तू सुहागरात का इंतज़ाम करेगी और मैं महा सुहागरात का इंतज़ाम ? मैंने फिर पूंछा अम्मी ये महा सुहागरात क्या होती है ? वह बोली अब तो बहुत कम दिन रह गए हैं तुम खुद ही देख लेना ? धीरे धीरे घर मेहमानो से भर गया। चारों तरफ शोर ही शोर था, हंसी मजाक हो रही थी, ठहाके लगाए जा रहे थे, अश्लील और गन्दी गन्दी बातें भी सुनाई पद रहीं थी, गंदे गंदे चुटकुले भी हो रहे थे, धीरे धीरे कानो में प्यारी प्यारी गालियां भी सुनाई पड़ने लगीं।
अचानक मेरी फूफी आ गयी। उसे देख कर अम्मी बोली - हाय दईया तू भी आ गयी मेरी नन्द रानी अपनी बुर फड़वाने ? फूफी ने जबाब दिया - नहीं भाभी मैं तेरी बुर फाड़ने आयी हूँ और तेरी बिटिया की बुर चोदने। फूफी की बेटी मुझसे बोली - तू बुर चोदी बड़ी सायानी हो गयी है ? माँ चुदवाने लगी है तू अपनी ? खाला ने कहा अरे सानिया तेरी माँ की बहन की बुर चोदने आ गयी हूँ मैं। खाला की बेटी ने कहा सानिया तेरी माँ का भोसड़ा बड़े बड़े लण्ड खाता है ऐसा मैंने सुना है। मैंने कहा यार मैंने सुना है की मेरा अबआप तेरी माँ चोदता है ? वह बोली अरे यार वो सब छोडो तुम आज मेरे शौहर के लण्ड पर बैठना। बड़ा मज़ा आएगा तुझे ? खाला अपनी ही बेटी से बोली - मैं यहाँ तेरी सास की झांटें उखाडूँगी बेटी। मामी जान आते आते ही बोली सानिया मैंने सुना है तेरे अब्बू का लण्ड सबसे बड़ा है ? आज मैं तेरे बाप का लण्ड चोदूँगी बहन चोद, आदि आदि।
इस तरह बड़ा हंसी ख़ुशी का माहौल बन गया था । इसी बीच मैं सुहागरात की तैयारी में जुटी थी।
तभी मेरी खाला मेरे पास आयी बोली सानिया एक बात का ख्याल रखना की सुहागरात के दिन दुल्हन चुदासी न रहने पाए। उसकी संतुष्टि बहुत जरुरी है चाहे तुझे २/३ लण्ड का और इंतज़ाम करना पड़े ?
इस बात में मेरी आँखें खोल दी। मैंने ऐसा तो सोंचा ही नहीं था। अब अगर भाभी ने भाई जान के अलावा किसी और के लण्ड की मांग कर बैठी तो मैं क्या करूंगी ? लेकिन मैंने मन ही मन इसका भी इंतज़ाम कर लिया क्योंकि २/३ लण्ड मेरी नज़र में थे। जरुरत पड़ने पर मैं उन्ही को भेज दूँगी. दूसरे दिन सवेरे खाला मेरे पास आयीं बोली सानिया तेरी भाभी की सुहागरात ठीक ठाक हो गयी ? मैंने कहा हां खाला जान हो गयी पर मुझे भाभी के पास दो लण्ड और भेजने पड़े। हुआ यह की रात को मैंने भाई जान को जाते हुए देखा। थोड़ी देर बाद मैं उसके कमरे में घुस गयी। भाभी बाथ रूम से निकली। मैंने पूंछा सुहागरात मनाई की नहीं भाभी ? वह बोली एक बार तो चुदाई हुई मज़ा भी आया। मैं भी खलास हो गयी और वह भी। पर अब दुबारा मेरी चूत की आग फिर भड़क गयी। और तेरा भाई जान तो चला गया। अब मैं क्या करूं ? मैंने कहा भाभी अब तुम नहीं मैं करूंगी। मैंने अपने दोस्त को अंदर भेज दिया और उसे नंगा करके उसका लण्ड खड़ा कर दिया। मैंने लण्ड भाभी को पकड़ाते हुए कहा लो अब इससे चुदवाओ तब तक मैं एक और लण्ड लेकर आती हूँ। मैं दूसरा लण्ड लेकर पहुंची तो पहला वाला धकाधक भाभी की बुर ले रहा था। मैंने दूसरे वाले का लण्ड भाभी के मुंह में घुसा दिया। मैंने जब दोनों लण्ड एक के बाद एक भाभी की बुर में पेला तब कहीं जाकर उसकी चूत की आग ठंढी हुई। वैसे एक बात है खाला जान, भाभी बड़ा मस्त चुदवाती हैं। मैं तो खुश हूँ की भाभी बुर चोदी बहुत बड़ी चुदक्कड़ निकली ? अब मुझे इसकी बुर खुले आम चोदने में मज़ा आएगा।
उसके बाद अम्मी ने पूरे घर भर को एक जगह इकठ्ठा कर लिया और बोली देखो भोसड़ी वालों और भोसड़ी वालियों आज महा सुहागरात है। आज की महा सुहागरात के कुछ वसूल हैं वो मन लगा कर सुन लो और उन पर अमल करो :-
पहला - इस सुहागरात में १८ + साल के सभी मर्द और सभी औरतें भाग लेगीं चाहे उनकी शादी हुई हो या न हुई हो ? जिनको भाग न लेना हो वो यहाँ से चले जाएँ। मैंने १८ साल से कम के बच्चों को दूसरे मकान में भेज दिया है। उन्हें देखने के लिए २/३ लोगों को लगा दिया है।
दूसरा - आज सभी लड़कियों को औरतों को बेटी बहुओं को गालियों देने की पूरी छूट है। ये सब सबको खूब गन्दी गन्दी गालियां देंगीं और खूब मस्ती से मज़ा करेगीं उधर मरद भी सभी गालियां सुन सुन कर एन्जॉय करेगें। गालियों का सिलसिला अभी से चालू हो जायेगा। इसका मकसद माहौल को गरम करने का है। ताकि सबके लण्ड तने रहें और सभी चूँचियाँ तनी रहें।
तीसरा - शाम को ८ बजे किसी के भी बदन पर कोई कपड़ा नहीं होगा। मतलब यह की चाहे मरद या औरत सबकी सब बुर चोदी नंगी होगीं। सबके लण्ड नंगे होगें और सबकी चूत नंगी होगी। सब सबके लण्ड पकड़ेगीं और सब सबकी चूँचियाँ पकड़ेगें। शादी शुदा लोग अपनी बीवी को छोड़ कर बाकी सबकी बुर खुल्लम खुल्ला चोदेगें।
चौथा - आज की रात में सिर्फ लण्ड और चूत का रिस्ता होगा बाकी कुछ नहीं। चाहे जिसकी चोदो बुर चाहे जिसका चोदो लण्ड ? माँ बेटी, भाई बहन, नन्द भौजाई, सास बहू, देवरानी जेठानी, बाप बेटी, मामा भांजी ये सब रिश्ते गालियों में ही काम आयेगें लेकिन चोदा चोदी में नहीं ? चुदाई में सिर्फ लण्ड और चूत ?
लेकिन आज इस महा सुहागरात में मैं एक रिस्ता सबके लिए कायम करती हूँ। वह रिस्ता है भाभी और देवर का ? यहाँ हर एक आदमी छोटा या बड़ा, शादी शुदा या कुवांरा वह देवर है और यहाँ की हर औरत, छोटी या बड़ी, शादी शुदा या कुंवारी, वह है भाभी ? यहाँ अब भाभी देवर का रिस्ता रहेगा। यानी देवर चोदे भाभी की बुर और भाभी चोदे देवर का लण्ड। यहाँ सभी लड़कियां हैं भाभियाँ और भाभियों की चूत और यहाँ सभी लड़के हैं देवर और देवरों के लण्ड ? मज़ा तभी आएगा जब माँ चुदवायें अपनी बेटियां, बेटियां चुदवायें अपनी माँ, सास चुदवाये बहू की बुर और बहू चुदवाये सास का भोसड़ा ? देवरानी मारे जेठानी की गाड़ और जेठानी चोदे देवरानी की बुर, नन्द चोदे भाभी की बुर और भाभी चोदे नन्द की बुर, लेकिन चुदाई ऐसी होगी जैसे की देवर भाभी की बुर चोद रहा है और भाभी देवर का लण्ड चोद रही है। सबकी बुर भाभी की बुर समझ कर चोदो, सबके लण्ड देवर का लण्ड समझ कर चूसो चाटो और अपनी बुर में पेलो।
साथ में गालियां भी होती रहेंगीं जैसे की - तेरी अम्मी की बहन का भोसड़ा, तेरी खाला की नन्द की बुर, तेरी बुर चोदी बेटी की चूत, तेरे मियां का मादर चोद लण्ड, तेरा भोसड़ी का अब्बू और अब्बू का लांड ?
मैंने बड़े ध्यान से सारी बातें सुनी तो समझ में आया की महा सुहागरात क्या है ?
इतने में मेरी बड़ी भाभी मुझे दिखाई पड़ गई। अम्मी भी वहीँ थीं। मैंने सोंचा चलो मैं ही गालियों की शुरुआत करती हूँ मैं बोली - अम्मी, तेरी बहू की सास का भोसड़ा ? मैंने अम्मी के भोसड़ा पर निशाना लगाया। अम्मी ने भाभी से कहा - बहू, तेरी नन्द की माँ की चूत। अम्मी ने अपने भोसड़ा के बारे में ही कह दिया। भाभी बोली - सासू जी, तेरी बेटी की भाभी की बुर ? भाभी ने अपनी ही बुर का हवाला दिया। तब तक खाला बोली - सानिया तेरी माँ की बहन का भोसड़ा। खाला की बेटी ने मेरी अम्मी से कहा - खाला जान तेरी बहन की बिटिया की बुर। उसने भी अपनी ही बुर पर चोट की। तब तक फूफी दिख गयी मैंने कहा - अम्मी, तेरी बुर चोदी नन्द का भोसड़ा ? फूफी ने भी मुस्कराते हुए अम्मी से कहा - भाभी, तेरी बुर चोदी जेठानी की आज मैं भोसड़ा चोदूँगी। तब तक फूफी की बेटी ने कहा - सानिया, आज मैं तेरे बाप का लण्ड सबसे पहले चोदूँगी . तब तक उधर मेरी खाला की बेटी आयी और बोली सानिया आज मैं अपने मियां का लण्ड तेरी गांड में ठोंक दूँगी। और फिर चोदूँगी तेरी माँ की बहन का भोसड़ा। गालियां शुरू हुई तो मरद भी साले तालियां बजा बजा कर मस्ती करने लगे। गालियां सुन कर उनले लण्ड उछलने लगे।
दिन भर यही सब हंसी मजाक, गंदे चुटकुले गाली गलौज और लण्ड चूँची की पकड़ा पकड़ी होती रही। शाम को ८ बजे सब लोग सबसे बड़े कमरे में इकठ्ठा हो गए। कमरा पूरा भर गया। मेरी तो शादी हुई नहीं थी। सबसे पहले मैं उठी और अपने सारे कपड़े उतार कर फेंक दिया। मैं मादर चोद एकदम नंगी हो गयी और बोली मेरे प्यार देवरों लो देखो मेरी चूत, मेरी चूँचियाँ और मेरी गांड ? तुम्हारा जहाँ मन हो वहां पेल दो अपना लण्ड ? चोद डालो मेरी चूत। फाड़ डालो मेरी बुर चोदी बुर। मेरी बातों ने महफ़िल में आग लगा दी। अम्मी आगे बढ़ी और खालू का लण्ड पकड़ कर हिलाया उसे चूमा और फूफी की बेटी सारा को पकड़ा दिया। अम्मी बोली ले भोसड़ी की सारा संभाल अपने देवर का लण्ड। मैंने ये लण्ड तेरी चूत में देखना चाहती हूँ। मैंने भी सारा के मियां का लण्ड फूफी के हाथ में रख कर कहा बुर चोदी फूफी ये लण्ड तेरे देवर का लण्ड है इसे जल्दी से अपनी बुर में डाल कर मज़ा ले लो। मैं आगे बढ़ी और फूफा का लण्ड पकड़ लिया। उसका मोटा तगड़ा लण्ड मुझे बड़ा अच्छा लगा पर मैंने कहा बेटी चोद फूफा अपनी ज़ारा भाभी की बुर चोदो न ? ज़ारा मेरे चचा जान की बेटी है। ज़ारा बोली आओ न मेरे देवर राजा मैं पहले तेरा लण्ड अपने मुंह में लूंगी बुर मैं उसके बाद दूँगी। आज मैं सबके सामने तेरा लण्ड चोदूँगी।
तब मैंने देखा की मेरी मामू की बेटी अदा मेरे अब्बू के लण्ड पर बैठ गयी। मैंने कहा अरे भोसड़ी की अदा तू ये क्या कर रही है। वह हंस कर बोली मैं अपने देवर का लण्ड चोद रही हूँ। आज मैं इसका लण्ड चोद चोद कर खूब मज़ा लूंगी और फिर अपनी चूत में डाल कर भून डालूंगी। भले ही ये तेरा अब्बू है सानिया पर अभी तो मेरा ये देवर है और मैं इसकी भाभी। ये साला भाभी की बुर लेगा तो मैं देवर का लण्ड लूंगी। फिर मैंने खाला जान को देखा वह तो मेरे चचा जान का लौड़ा बड़े मजे से हिला रही थी। ही बोली सानिया देख आज तेरा चचा मेरा देवर बना हुआ है और इसका लण्ड साला बड़ा उछाल रहा है। अभी मैं इसे अपनी चूत में पेलूँगी तो अंदर ही अंदर इसकी गरमी निकल जाएगी। ऐसा बोल कर खाला उसका लण्ड चाटने लगी. खाला की बेटी सबा का दिल मेरे भाई जान के लण्ड पर आ गया। उसने लण्ड मुंह में लिया और चूसने लगी। उधर मेरी भाई जान उसकी चूँचियाँ मसलने लगा। मैंने कहा हाय सबा तेरी माँ भी बुर चोदी लण्ड चूस रही है और तू भी लण्ड चूस रही है। वह बोली सानिया उधर देख तेरी माँ भी बुर चोदी लण्ड चूस रही है। तब मैने देखा की मेरी अम्मी वाकई चचा जान की बेटी के मियां का लण्ड चूस रही है। वह बोली देख सानिया मैंने भी दामाद को देवर बना लिया है. मैं उसकी सास हूँ पर आज उसकी भाभी बन कर उससे चुदवाऊंगी।
मेरी भाभी जान ने सारा के मियां का लण्ड हिलाना शुरू कर दिया। लण्ड साला फनफनाकर खड़ा हो गाय। वह बोली सानिया मैं इसका लण्ड पहले मुंह में लूंगी और फिर चूत में। रिश्ते में यह भोसड़ी का मेरा नंदोई लगता है लेकिन आज यह मेरा देवर है और मैं इसकी बुर चोदी भाभी। आज पहले यही मेरी बुर चोदेगा। मुझे यह सब देख कर बड़ा आनंद आ रहा था। मैं मन ही मन कह रही थी की हां यह तो सच महा सुहागरात है जहाँ सभी मादर चोद पराये लण्ड से चुदवाने के लिए उतावली हो रहीं हैं। इतने में मैंने देखा की मेरी चची जान नंगी नंगी अपनी गांड हिलाती हुई आ रही हैं। मैंने नज़र दौड़ाई कौन सा लण्ड अभी बाकी है ? मेरी नज़र अदा के मियां के लण्ड पर गयी। मैंने वह लण्ड पकड़ा और चची जान के हाथ पर रख दिया। मैने कहा चची जान यह तेरे देवर का लण्ड अब तू इसे अपने भोसड़ा में पेल ले। चची ने फ़ौरन लण्ड अपने हाथ में लिया और चूमने चाटने लगी। मैंने कहा उधर देखो चची जान तेरी बिटिया की बुर चुद रही है अब तू भी अपना भोसड़ा चुदता हुआ दिखा दे उसे। सबसे आखिर में मेरे हाथ में भाभी के भाई जान का लौड़ा आया। मैंने लण्ड पकड़ कर कहा हाय मेरे देवर राजा रज़ा तू मेरा देवर है, मैं तेरी भाभी हूँ और यह है तेरी भाभी की चूत। मैंने उसे चूत दिखाते हुए कहा। अब देवर राजा इसमें अपना पेल दो लण्ड और चोद डालो अपनी भाभी की बुर ? उसके बाद चोदना भाभी की माँ का भोसड़ा।
मेरी चूत गीली थी ही और उसका लण्ड भी साला लार बहा रहा था। उसने लण्ड मेरी चूत में टिकाया और एक जोर का धक्का मारा। लण्ड भोसड़ी का अंदर गप्प से घुस गया और मैं मजे से रंडी की तरह चुदवाने लगी। चुदाई की आवाज़ें चारों तरफ से आ रही थीं। आवाज़ों के साथ साथ गरम बातें भी सुनाई पड़ रहीं थीं जिससे माहौल में चुदाई का जोश और बढ़ने लगा। आप भी सुनिए :-
हाय मेरे देवर राजा पूरा लौड़ा पेल दो मेरी बुर चोदी बुर में, फाड़ डालो मेरी चूत -- हाय दईया बड़ा मज़ा आ रहा है इस महा सुहागरात में ? खुदा करे की हर रात ऐसी ही रात हो जिसमे सबकी चूत एक साथ भकाभक चोदी जायें -- हायअल्ला, कितना मोटा लण्ड है तेरा यार। मेरी चूत के चीथड़े उड़ा रहा है -- अम्मी, तेरी नन्द की बुर ? तेरी बहू की सास का भोसड़ा बहन चोद -- तेरी चूत तो मादर चोद सबसे पहले ढीली हो गयी -- सानिया, तेरी खाला की बहन का भोसड़ा ? तेरी बेटी तो धकापेल चुदवा रही है -- मुझे अब पीछे से चोदो देवर जी -- लो मेरी गांड भी मार लो यार। मेरी बुर, मेरी चूँची, मेरी गांड सब कुछ तो तेरी ही है -- चोदो न पूरा लौड़ा पेल दे -- हां हां मेरे बाद मेरी बेटी की बुर ले लेना -- वाओ, कितना सख्त है तेरा लौड़ा भोसड़ी के, मेरी क्या इससे तो मेरी माँ का भोसड़ा भी फट जायेगा -- चोदे जाओ देवर राजा। बड़ा मज़ा आ रहा है -- तेरी नन्द की बिटिया की बुर -- तेरी माँ की चूत, मेरे बाद ये लौड़ा तेरी ही चूत में घुसेगा -- मेरी चूँचियाँ भी चोदो, देवर जी -- अब तो मैं तेरा लण्ड मुठ्ठ मार कर पियूँगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,?
फूफी ने कहा मेरा यह कहना है की शादी हो या न हो पर इस तरह की महा सुहागरात होती रहनी चाहिए। तब तक खाला की बेटी ने कहा - मैं तो कहती हूँ की इसे हर महीने मनाया जाए। हर महीने की आखिरी संडे को महा सुहागरात मनाई जाए। अगर आप लोग तैयार है तो अगले महीने मैं इसे अपने घर में मनाऊंगी और मैं आज ही सबको आमंत्रित करती हूँ की आप सब लोग मेरी इस महा सुहागरात मेंआईये और मस्ती से रात भर सबसे चुदवाइये। सबने एक स्वर में हां कह दी और आने का वादा भी कर दिया।
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